उत्तराखंड में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है।उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, विधायक उमेश शर्मा काऊ और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह एक ही फ्लाइट से दिल्ली रवाना हुए हैं। जिसके बाद उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।तीनों की इस दौरान मुलाकात भी हुई। ऐसे में हाल के घटनाकर्मो को देखते हुए सियासी गलियारों में तमाम तरह की बातें तैर रहीं हैं।
हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के मुलाकात करने गए हैं। लेकिन पिछले दिनों पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य की कांग्रेस में वापसी के बाद अब शनिवार को हरक सिंह, उमेश शर्मा काऊ और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को एक साथ देख सियासी गलियारों में तमाम तरह की बातें तैर रहीं हैं।भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को पार्टी संगठन में अहम जिम्मेदारी सौंप सकता है। इसी क्रम में उन्हें दिल्ली बुलाया गया है। मंत्री हरक सिंह रावत और भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पहुंचे हैं।
उत्तराखंड की राजनीति में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपना कुनबा बढ़ाने में जुटे हुए हैं। सबसे पहले निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार ने चुनाव से ठीक पहले भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद पुरोला से कांग्रेस के विधायक रहे राजकुमार ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा के साथ चल दिए। इससे कांग्रेस को झटका लगा था।
काऊ ने कहा था कि आर्य के कांग्रेस जॉइन करने के वक्त वह दिल्ली में इसलिए थे कि आर्य को मना सकें और कांग्रेस में जाने से रोक सकें। बकौल काऊ उनके दिल्ली में होने की इस वजह से भाजपा के वरिष्ठ नेता वाकिफ थे। एनआईई की खबर के मुताबिक इस बात की पुष्टि करते हुए मदन कौशिक ने कहा था, ‘हमें पता है कि काऊ अपना काम कर रहे थे। उन्हें जो ज़िम्मेदारी दी गई थी, वो उसे ही निभा रहे थे।