उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को सरकार ने ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान-2021’ के लिए पांच हस्तियों के नामों की घोषणा कर दी गई है।सरकार ने पांच अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए पांच विभूतियों को पुरस्कार के लिए चुना है।पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी को मरणोपरांत उत्तराखंड गौरव सम्मान से नवाज़ा जाएगा, तो लोक गायक नरेंद्र नेगी, प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉन्ड का भी नाम सम्मानित होने वालों में शामिल है। इनके साथ ही, पर्यावरणविद अनिल जोशी और एवरेस्ट बछेंद्री पाल को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा।
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उत्तराखंड के स्थापना दिवस को लेकर भी सरकार ने रूपरेखा तैयार कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल में राज्य स्थापना दिवस को ‘उत्तराखंड महोत्सव’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। महोत्सव के तहत गांव से लेकर राजधानी में 7 दिनों तक विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक आयोजन किए जाएंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर पांच विभूतियों को ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान’ प्रदान के मद्देनजर चयन समिति गठित की गई थी। समिति की संस्तुतियों के आधार पर इस सम्मान के लिए सोमवार को नामों की घोषणा कर दी गई। उत्तराखंड गौरव सम्मान की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस पहल के तहत विभिन्न क्षेत्रों के पांच प्रतिष्ठित लोगों को यह पुरस्कार दिया जाएगा।
उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी को मरणोपरांत यह सम्मान प्रदान किया जाएगा। प्रदेश के विकास में पंडित तिवारी के योगदान को देखते हुए उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है।प्रसिद्ध लेखक रस्किन बांड को साहित्य, पद्मभूषण डा अनिल प्रकाश जोशी को पर्यावरण, पर्वतारोही बछेंद्री पाल को साहसिक खेल और लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इस सम्मान के लिए चयनित किया गया है। गौरतलब है कि पर्यावरणविद् डा जोशी को सोमवार को ही दिल्ली में पद्मभूषण से नवाजा गया था।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड महोत्सव के अंतर्गत प्रतिवर्ष पांच व्यक्तियों को दिया जाने वाला उत्तराखंड गौरव सम्मान, विभिन्न क्षेत्रों में राज्य को पहचान दिलाने वालों का सम्मान है। यह सम्मान प्रेरणा का कार्य भी करेगा।
सीएम धामी ने कहा कि राज्य जब अपना 25वां स्थापना दिवस मनाएगा, तो उसका उल्लेख आदर्श उत्तराखंड के रूप में होगा। गौरतलब है कि इससे पहले अपने दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अगला दशक उत्तराखंड के नाम होने की बात कही थी। माना जा रहा है कि ये बयान बीजेपी की अगले कुछ सालों के लिए चुनावी रणनीति के ही हिस्से हैं।