उत्तराखंड शहीद सम्मान यात्रा 21 अक्तूबर को चमोली जिले के सवाड़ से और 24 अक्तूबर को पिथौरागढ़ जिले से शुरू होगी, चमोली में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पिथौरागढ़ में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे शुभारंभ

देहरादून:- उत्तराखंड में 21 अक्टूबर से बीजेपी सरकार शहीद सम्मान यात्रा की शुरुआत कर रही है। यह गढ़वाल और कुमाऊं से अलग-अलग शुरू होगी। इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 24 अक्टूबर को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले जाएंगे।उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि शहीद सम्मान यात्रा 21 अक्तूबर को चमोली जिले के सवाड़ से और 24 अक्तूबर को पिथौरागढ़ जिले से शुरू होगी।

उत्तराखंड के सैन्य कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पीएम मोदी जब देहरादून आए थे तब उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड देवभूमि है, वीरों की भूमि है। पीएम ने कहा था कि उत्तराखंड में चार धाम हैं, पांचवां धाम सैन्य धाम उत्तराखंड में होना चाहिए। हम उसे पूरा कर रहे हैं। देश की सेना में 17.5 फीसदी सैनिकों की पूर्ति उत्तराखंड करता है। देश की सरहद पर तैनात हर पांचवां सैनिक उत्तराखंड से है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार देहरादून में सैन्यधाम का निर्माण किया जा रहा है, जिस तरह लोग उत्तराखंड में चारधाम के दर्शनों को आते हैं उसी तर्ज पर अब लोग देहरादून में सैन्यधाम को देखने आएंगे। सैन्यधाम का निर्माण प्रदेश के शहीदों के आंगन की मिट्टी से किया जा रहा है।

भारत की सेना के दो शहीद बाबा जसवंत सिंह और बाबा हरभजन सिंह जिनकी पूजा होती है, उन दोनों के मंदिर भी सैन्यधाम में बनेंगे। वहां संग्रहालय भी बनाया जाएगा। शहीद सम्मान यात्रा का शुभारंभ चमोली जिले के ग्राम सवाड़ और पिथौरागढ़ के ब्लॅाक मूनाकोट से होगा।

उन्होंने कहा कि शहीद सम्मान यात्रा 21 अक्टूबर को गढ़वाल के सवाड़ गांव से और 24 अक्टूबर को कुमाऊं में पिथौरागढ़ के मूनाकोट से शुरू होगी। 21 अक्टूबर को चमोली में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसकी शुरुआत करेंगे और 24 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पिथौरागढ़ से इसका शुभारंभ करेंगे।

सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री से मिलकर उन्हें यात्रा का शुभारंभ करने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय रक्षा मंत्री को उत्तराखंड में बनने वाले सैन्यधाम की प्रगति से भी अवगत कराया। रक्षा मंत्री ने राज्य के शहीदों के आंगन की पवित्र मिट्टी को सैन्यधाम में लाने के विचार का खुले दिल से स्वागत किया। उन्होंने राज्य में हो रहे विकास कार्यों पर भी खुशी जताई। कहा कि राज्य सरकार सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के हित में संवेनशीलता से काम कर रही है।सैनिक कल्याण मंत्री ने बताया कि रक्षा मंत्री ने देहरादून स्थित गोरखा मिलिट्री इंटरमिडिएट कॉलेज एवं कैब्रियन हॉल स्कूल की लीज बढ़ाने पर भी सहमति प्रदान की है।

27 नवंबर को यात्रा देहरादून में पूरी होगी। जोशी ने कहा कि हमने राज्य भर के 1734 शहीद परिवारों से संपर्क किया है। देहरादून में स्थापित किए जा रहे सैन्य धाम के लिए प्रदेशभर के शहीद सैनिकों के घर-आंगन की मिट्टी को देहरादून में पहुंचाया जा रहा है। सरकार ने 21 अक्तूूबर से शहीद सम्मान यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया है। सैन्यधाम में लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से शहीदों की वीर गाथाओं को भी सुनाया और दिखाया जाएगा। इस यात्रा के जरिये लोगों में देशभक्ति जागृत होगी।

चुनाव से पहले यह यात्रा राजनीतिक लिहाज से भी अहम है। राज्य में सैनिक-पूर्व सैनिक और उनके परिवार के ही करीब 4.5 लाख वोटर्स हैं। राजनीतिक लिहाज से यह संख्या काफी अहम है। पूर्व सैनिकों को बीजेपी का वोट बैंक माना जाता रहा है और चुनाव में राष्ट्रवाद का मसला भी गरमाता है। अगले साल की शुरुआत में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हैं।

शहीद ले. कमांडेंट अनंत कुमार कुकरेती के घर पहुंचे मुख्यमंत्री स्मृति में बनेगा शहीद द्वार, सीएम धामी की घोषणा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को जोगीवाला स्थित गंगोत्री विहार में नौसेना के शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती के परिजनों से मुलाकात की।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अनंत कुकरेती की स्मृति में शहीद द्वार बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री धामी ने शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देते हुए दिवंगत आत्मा के शांति की कामना की। इस दौरान कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद और मेयर सुनील उनियाल गामा मौजूद रहे। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि स्वर्गीय अनंत कुकरेती की स्मृति में शहीद द्वार बनाया जाएगा। त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आकर नौसेना के लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती की मौत हो गई थी। अनंत के पिता जगदीश प्रसाद कुकरेती वन विभाग में रेंज अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हैं। उनका परिवार मूलरूप से गांव जौरासी पट्टी दुगड्डा ब्लाक पौड़ी के रहने वाला है।

नौसेना के शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती को सोमवार को उनके आवास पर अंतिम विदाई दी गई।  सोमवार को उनका पार्थिव शरीर नौसेना के बेस कैंप दिल्ली से दून लाया गया था। यहां उनके सगे-संबंधियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही सेना और नौसेना अधिकारियों ने भी शहीद को सलामी दी। हरिद्वार में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,उत्तराखंड को बनाएंगे देश का नंबर वन पर्यटन हब, ‘स्विटज़रलैंड को मात कर सकता है उत्तराखंड’, चारधाम के 73 टूरिस्ट स्पॉट चिह्नित

देहरादून :- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक आयोजन में यह ऐलान किया कि अगले दस सालों के भीतर उत्तराखंड को पर्यटन के मामले में नंबर वन राज्य बनाया जाएगा और देश के टूरिज़्म हब के रूप में विकसित किया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने राज्य में पर्यटन सुविधा एवं निवेश प्रकोष्ठ व पर्यटन मंत्रालय के तहत ईको टूरिज्म विंग का गठन करने और पंडित नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान को पर्यटन विभाग को सौंपने की घोषणा की। अभी नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान को खेल विभाग संचालित करता है। साथ ही कहा कि इस वर्ष नवंबर में रामनगर में साहसिक पर्यटन पर आधारित निवेश सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सोमवार को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और फिक्की फ्लो के सहयोग से मालसी स्थित एक फार्म में आयोजित उत्तराखंड एडवेंचर फेस्ट को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस फेस्ट के दूसरे दिन का उद्घाटन दीप जलाकर किया। यहां मुख्यमंत्री ने पर्यटन पर आधारित प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया।

सीएम धामी ने पर्यटन विभाग और फिक्की फ्लो के एक संयुक्त आयोजन में सोमवार को कहा कि राज्य के पर्यटन को विकसित करने के लिए कई तरह से सोचा जा रहा है। उत्तराखंड को इस लिहाज़ से स्विटरज़रलैंड से भी बेहतर विकसित किया जा सकता है।कुछ अहम घोषणाएं करते हुए धामी ने नैनसिंह सर्वेयर पर्वतारोहण ट्रेनिंग संस्थान को खेल विभाग से पर्यटन विभाग को सौंपने को कहा। वहीं, रामनगर में एडवेंचर टूरिज़्म के लिए नवंबर में निवेश सम्मेलन की घोषणा भी की। ईको टूरिज़्म की मदद से पर्यटन को स्थायी व्यवसाय के तौर पर बढ़ावा देने की बात भी उन्होंने कही।

पर्यटन व्यवसाय से संबंधित सभी प्रस्तावों पर पर्यटन विभाग कार्रवाई करेगा। इसमें उद्योग विभाग का हस्तक्षेप नहीं रहेगा। शहरी विकास विभाग और आवास विभाग उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए परियोजना शुरू करेगा। ईको टूरिज्म विंग की मदद से पर्यटन व्यवसाय को स्थायी व्यवसाय के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उत्तराखंड से विशेष लगाव है। उनके नेतृत्व में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं से उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा। चार धाम यात्रा में यात्रियों को किसी तरह की तकलीफ न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरसंभव कोशिश की जा रही है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, हमारा मूल मंत्र है कि हम श्रेष्ठ सर्विस प्रोवाइडर बनें। पर्यटकों को जितनी अधिक सुविधाएं मिलेंगी, पर्यटन व्यवसाय को उतना ही लाभ मिलेगा। हम प्रदूषण रहित पर्यटन पर भी ध्यान दे रहे हैं। इसके लिए जल्द ही पर्यटन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग शुरू किया जाएगा। राज्य में विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से अनेक महत्वपूर्ण स्थल हैं। इस मौके पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, फिक्की की राज्य संयोजक डा. नेहा शर्मा, किरन टोडरिया आदि मौजूद रहे।

 

चारधाम यात्रा तय समय के लिए होती है इसलिए इसके बाद इन इलाकों में पर्यटन की रफ्तार कम न हो इसके लिए सरकार एडवेंचर स्पोर्ट्स और टूरिज्म एक्टिविटी पर ध्यान दे रही है। सरकार ने 13 नए ट्रैकिंग प्लेस में 73 स्पॉट्स को चिह्नित कर लिया है। पंचकोटी से नई टिहरी, औली से गौरसू, मुनस्यारी से खलिया टॉप में तो रोप वे के लिए एमओयू भी हो चुका है। वहीं, कद्दूखाल से सुरकंडा और ठुलीगाड़ से पूर्णागिरी देवी मंदिर जैसे स्पॉट्स भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं। यहां एंगलिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रेल रन, माउंटेन बाइकिंग, रिवर क्रॉसिंग, वॉटर रोलिंग, ऑफ-रोडिंग, हाइकिंग, सफारी शुरू करने की प्लानिंग है।

होम स्टे योजना के तहत सब्सिडी
इन जगहों पर पर्यटकों के लिए रहने की सुविधा के लिए ट्रैक्शन ट्रैकिंग होम स्टे योजना शुरू की गई है, जिसमें 40 एंट्रीज़ आ चुकी हैं। इस योजना में एक रूम के लिए 60 हज़ार की सब्सिडी दी जा रही है। हालांकि कई लोगों का मानना है कि उत्तराखंड सरकार को सब्सिडी के साथ यहां रोज़गार के साधन बढ़ाए जाने पर भी सोचना चाहिए।

उत्‍तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्रों के लिए आनलाइन शिक्षण के उद्देश्य से ज्ञानवाणी-1 और ज्ञानवाणी-2 चैनल का शुभारंभ

देहरादून:- उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में ज्ञानवाणी चैनल का वर्चुअल शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा की राज्य में छात्र-छात्राओं को ऑनलाईन शिक्षण अधिगम से लगातार जोड़े रखने हेतु उत्तराखण्ड राज्य शिक्षा विभाग और जियो ने मिलकर नए ऑनलाईन एजुकेशन चैनल ज्ञानवाणी-1 और ज्ञानवाणी-2 का शुभारंभ एक अच्छा प्रयास है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों को आनलाइन शिक्षण के उद्देश्य से शुरू किए गए एजुकेशन चैनल ज्ञानवाणी का लाभ प्रदेश के सभी बच्चों को मिले। ज्ञानवाणी चैनल की सार्थकता तभी होगी जब समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों तक इसका लाभ पहुंचे। उन्होंने कहा की बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में स्कूलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती होती है। कोरोना काल में आनलाइन शिक्षण के लिए अनेक सराहनीय प्रयास किए गए। स्कूलों में कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए सभी शैक्षणिक गतिविधियां चल रही है।

शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि कोविड के दौरान ऑनलाइन शिक्षण का प्रचलन शुरू हुआ. आज ऑनलाइन माध्यम से अनेक शैक्षणिक गतिविधियां की जा रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि ज्ञानवाणी चैनल के माध्यम से पीएम ई विद्या के कंटेंट को भी शामिल किया जाय. जो पूर्णतः एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर आधारित है।

शिक्षा सचिव श्रीमती राधिका झा ने कहा कि ऑफलाइन शिक्षण के साथ ही बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से ही शैक्षणिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।ज्ञानवाणी- 1 प्राथमिक कक्षाओं एवं ज्ञानवाणी- 2 माध्यमिक कक्षाओं के लिए चलाया जा रहा है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी जियो श्री विशाल अग्रवाल ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान से जुड़े सभी एनजीओ भी शिक्षा विभाग के माध्यम से ज्ञानवाणी में कंटेंट का प्रसारण कर सकते हैं।उन्होंने बताया की जल्द ही धारचूला में जियो की 4जी कनेक्टिविटी शुरू की जाएगी। इस अवसर पर शिक्षा महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून डॉ. मुकुल सती, जियो के स्टेट कॉर्डिनेटर दीपक सिंह एवं वर्चुअल माध्यम से सभी मुख्य शिक्षाधिकारी एवं प्रधानाचार्य मौजूद थे।

उत्तराखंड में सात हेली सेवाओं को दी मंजूरी, सात शहरों की हेलीकॉप्टर से करें हवाई यात्रा, जानें कब उड़ान भरेंगी फ्लाइट्स

देहरादून :- उत्तराखंड में सात अक्तूबर से सात शहरों में हेलीकॉप्टर से हवाई सेवा शुरू हो जाएगी। हवाई सेवा का शुभारंभ सात अक्तूबर को होगा। इस सेवा को केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी फ्लैग ऑफ करेंगे। सात अक्तूबर को जौलीग्रांट में बने नए टर्मिनल का भी लोकार्पण किया जाएगा। इस दौरान दून-पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर-दून हवाई सेवा का फ्लैग ऑफ भी किया जाएगा।

मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उत्तराखंड में हवाई सेवा को बढ़ाने के संबंध में वर्चुअल बैठक की। बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के लिए जो हेलीपोर्ट चिह्नित किए गए हैं, उनमें से 11 की डीपीआर तैयार हो चुकी है। मसूरी हेलीपोर्ट की डीपीआर भी जल्द तैयार हो जाएगी। जौलीग्रांट एयरपोर्ट से शहरों की कनेक्निविटी बढ़ाई जाएगी। जौलीग्रांट टर्मिनल की यात्री क्षमता नए टर्मिनल के एक हिस्से के बनने के बाद 26 हजार यात्री हो जाएगी। पूरा टर्मिनल बनने के बाद यह क्षमता 43 हजार यात्री हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पंतनगर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की कार्यवाही में और तेजी लाई जाएगी। उन्होंने सुझाव दिया कि उत्तराखंड के वैट चार्ज एटीएफ पर अधिक है। इस चार्ज को कम करने से राज्य में हवाई संपर्क तेजी से बढ़ेगा और हवाई सेवा में भी वृद्धि होगी।

उत्तराखंड में सात हेली सेवाओं का रूट
देहरादून-श्रीनगर-देहरादून, देहरादून-गौचर-देहरादून, हल्द्वानी-हरिद्वार-हल्द्वानी, पंतनगर-पिथौरागढ़-पंतनगर, चिन्यालीसौड़ – सहस्त्रधारा-चिन्यालीयौड़, गौचर-सहस्त्रधारा-गौचर, हल्द्वानी-धारचूला-हल्द्वानी।

उत्तराखंड में 13 हेलीपोर्ट के लिए जमीन चिह्नित की गई है। इनमें से 11 की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो चुकी है। आठ की टेंडर प्रक्रिया 20 अक्तूबर तक पूरी हो जाएगी। मसूरी हेलीपोर्ट की डीपीआर भी जल्द तैयार हो जाएगी। जौलीग्रांट एयरपोर्ट से शहरों की कनेक्टिविटी और बढ़ाई जाएगी। पंतनगर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की कार्यवाही में और तेजी लाई जाएगी।

उत्तराखंड: 21 सितंबर से खुलेंगे प्राथमिक विद्यालय, कोरोनाकाल में पहली बार पहली से पांचवी तक की क्लासेज शुरू करने की गाइडलाइन्स

देहरादून :- उत्तराखंड में 21 सितंबर से प्राथमिक विद्यालय खुलेंगे। कोरोना काल मे प्रदेश में पहली बार कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यालय खुलने जा रहे है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता के बाद ये फैसला लिया है।

कोरेाना महामारी की वजह से पिछले साल मार्च 2020 से प्राइमरी स्कूल बंद हैं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि स्कूल बंद होने की वजह से शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। हालिया कुछ समय में कोविड 19 संक्रमण में गिरावट आई है। 02 अगस्त से नवीं से 12 वीं तक के स्कूलों को खोल दिया गया था, जबकि 16 अगस्त से छठी से आठवीं तक के स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है। हालांकि, यह साफ किया गया है कि कोई भी स्कूल अभिभावकों पर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए दबाव नहीं डालेगा। स्कूल प्रबंधन आफलाइन और आनलाइन, दोनों तरह की कक्षाएं संचालित करने की व्यवस्था करेगा। स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। शिक्षा विभाग जल्द ही स्कूल खोलने के लिए गाइडलाइन भी जारी करेगा।

प्रदेश में मार्च 2020 के बाद से ही स्कूल बंद चल रहे हैं। सरकार ने पहले इस वर्ष अप्रैल से स्कूल खोलने का इरादा जाहिर किया था, लेकिन फिर दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्कूल नहीं खोले गए। अब कोरोना संक्रमण की दर राज्य में काफी कम है। सरकार छठी से 12 वीं तक के स्कूल व कालेज पहले ही खोल चुकी है।

सरकार ने पहली से पांचवी तक के सभी सरकारी व निजी स्कूल भी खोलने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चर्चा करने के बाद 21 सितंबर से स्कूल खोले जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण बच्चे बहुत समय से स्कूल जाने से वंचित हैं। अब देश व प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है। बच्चों की शिक्षा-दीक्षा को देखते हुए मुख्यमंत्री से परामर्श लेने के बाद उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कक्षा एक से पांचवीं तक स्कूल खोलने के निर्देश जारी किए हैं।

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अधिकारियों को यह भी कहा गया है कि कि कोरोना संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसे देखते हुए स्कूलों में कोविड की गाइडलाइन का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर किसी अभिभावक को लगता है कि अभी परिस्थितियां स्कूल भेजने लायक नहीं हैं, तो उन पर कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा। कक्षा एक से पांचवीं तक कक्षाएं आफलाइन चलेंगी, लेकिन साथ ही आनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था भी होगी।

चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू होगी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क‍िया ऐलान

देहरादून :- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चारधाम यात्रा को लेकर बड़ा ऐलान क‍िया। सीएम ने बताया क‍ि चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू होगी। इस दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पालन सख्‍ती से क‍िया जाएगा।

उत्तराखंड में व‍िश्‍व प्रस‍िद्ध चारधाम यात्रा एक बार फ‍िर 18 स‍ितंबर से शुरू होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को यात्रा शुरू करने का ऐलान क‍िया। इससे एक द‍िन पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटा दिया था। गुरुवार को हुई सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 भक्त या यात्रियों, बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों को जाने की अनुमति दी है।

चारधाम यात्रा को शुरू करने को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अनुमति दे दी। कोर्ट ने हर भक्त या यात्री को कोविड निगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीन की दो डोज का सर्टिफिकेट साथ ले जाने के बाद ही वहां एंट्री देने का आदेश द‍िया है। चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान जरूरत के मुताबिक पुलिस फोर्स लगाने को भी कहा गया है। कोरोना को देखते हुए भक्तों को किसी भी कुंड में स्नान करने की इजाजत नहीं होगी।

26 जून को हाईकोर्ट ने लगाई थी चार धाम यात्रा पर रोक
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते 26 जून को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने चार धाम की यात्रा की व्यवस्थाओं पर रिपोर्ट तलब करते हुए चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने तर्क दिया था कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी व्यवस्थाएं मुकम्मल नहीं हैं। हाई कोर्ट ने ऐंटी स्पिटिंग और ऐंटी लिटरिंग ऐंक्ट 2016 के अनुसार सभी धामों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के भी आदेश सरकार को दिए थे।

केदारनाथ के लिए हेलीसेवा शुरू होने में समय लग सकता है। नागरिक उड्डयन विभाग को हेली सेवा संचालन के लिए नए सिरे से डीजीसीए से अनुमति लेनी पड़ेगी। इस बार नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (उकाडा) ने मार्च में ही केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा का टेंडर पूरा करते हुए, मई में टिकट की एडवांस बुकिंग भी शुरू कर दी थी।शुरुआती एक सप्ताह में 11 हजार से अधिक लोगों ने धाम के लिए एडवांस में टिकट ले भी लिए थे। लेकिन कोविड के कारण यात्रा प्रारंभ न होने पर उकाडा को रकम वापस लौटानी पड़ी। अब जब कोर्ट ने यात्रा पर से रोक हटा दी है तो उकाडा फिर से हेली सेवा शुरू करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए उकाडा जल्द ही सभी नौ ऑपरेटर की मीटिंग करने जा रहा है। इसके साथ ही डीजीसीए को भी नए सिरे से हेलीपैड का निरीक्षण करने के लिए बुलाया जाएगा।

इसके बाद ही यात्रा प्रारंभ हो सकेगी। उकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलेश मेहता के मुताबिक सामान्य तौर पर बरसात के दौरान हेली सेवा बंद रहती है, मानसून के बाद अक्तूबर में ही हेली सेवा फिर प्रारंभ होती है। इस बार भी अक्तूबर प्रथम सप्ताह तक हेलीसेवा प्रारंभ हो सकती है।

देवस्थानम बोर्ड :- उच्च स्तरीय समिति में शामिल होंगे चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहित,मुख्यमंत्री से मिलकर तीर्थ पुरोहितों का फैसला, आंदोलन किया स्थगित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जाएगा। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार इस पर निर्णय लेगी। वहीं, मुख्यमंत्री के आश्वासन पर तीर्थ पुरोहितों ने अपना धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन 30 अक्टूबर 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया है।

आज शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के चारधाम देश-दुनियां के लिए आस्था के प्रमुख केंद्र हैं। सरकार का काम मंदिरों में अवस्थापना विकास को सुदृढ़ बनाना है। चारधाम यात्रा जल्द शुरू हो इसके लिए राज्य सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के चारधाम देश-दुनियां के लिए आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं। सरकार का काम मंदिरों में अवस्थापना विकास को सुदृढ़ बनाना है। चारधाम यात्रा जल्द शुरू हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति द्वारा चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जायेगा। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार को निर्णय लेना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यहित में जो होगा, वह कार्य किया जायेगा।

चारधाम महापंचायत सदस्य उमेश सती ने कहा कि मुख्यमंत्री से आज सकारात्मक बातचीत हुई है। हमें पूरी उम्मीद है कि इस बातचीत से जल्द से जल्द उचित निष्कर्ष तक पहुंचेगे। मामले का उचित हल निकलने की पूरी आशा है। हम चारों धामों के लोगों ने निर्णय लिया है कि 30 अक्टूबर 2021 तक हम अपना आंदोलन स्थगित रखेंगे। उसके बाद जैसा आउटकम सरकार की तरफ से आयेगा, आगे के बारे में उसके बाद तय करेंगे।

बैठक के बाद गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं चारधाम महापंचायत समिति के संयोजक सुरेश सेमवाल ने कहा कि आज बड़ा सौभाग्य है कि ऊर्जावान मुख्यमंत्री जी ने हमें आज आमंत्रित किया था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट यह बात कही कि जो हाई पावर कमेटी बनाई गई है, उसमें आपकी ओर से आठ लोगों को मेंबर बनाया जायेगा। जो रिपोर्ट होगी, उसके आधार पर आगे उचित समाधान निकाला जायेगा। चारधाम महापंचायत समिति द्वारा मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया गया है कि हमारा जो भी धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन है, हम इसे स्थगित करते हैं। 30 अक्टूबर 2021 तक हमें इसे स्थगित रखेंगे।सभी विषयों को गंभीरता से लेने वाले मुख्यमंत्री हमें मिले हैं, उसके लिए उनका धन्यवाद भी व्यक्त किया।

इस अवसर पर केबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय, गणेश जोशी, सचिव शैलेश बगोली, सीईओ देवस्थानम बोर्ड रविनाथ रमन, सचिव एचसी सेमवाल, एसीईओ देवस्थानम बोर्ड बीडी सिंह एवं चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधि उपस्थित थे।