कैबिनेट फैसला:- उत्तराखंड कैबिनेट ने 25 फैसलों पर लगाई मुहर, विधवा और वृद्धावस्था की बढ़ी पेंशन 

उत्तराखंड सरकार के मंत्रिमंडल की 2021 की अंतिम बैठक में 25 फैसलों पर मुहर लगी है। समाज कल्याण विभाग की तरफ से मिलने वाली वृद्धावस्था पेंशन को 1200 से बढ़ाकर 1400 करने के साथ ही पति पत्नी दोंनो को पेंशन देने पर भी मुहर लगी है। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों में जांच में को बनने वाले पर्चे में अब हर साल बढ़ोतरी नहीं होगी।

प्रदेश कैबिनेट ने ठीक चुनाव से पहले समाज कल्याण विभाग से मिलने वाली विधवा और वृद्धावस्था पेंशन बढ़ा दी है। साथ ही सरकारी अस्पतालों में एक जनवरी से लागू होने वाली शुल्क बढ़ोत्तरी भी रोक दी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट के बाद शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने प्रमुख फैसलों की जानकारी दी। उन्होने बताया कि पहले वृद्धावस्था और विधवा पेंशन के तहत प्रति माह 1200 रुपए मिलते थे, जिसे बढ़ाकर अब 1400 रुपए प्रति माह कर दिया गया है। इसके साथ ही यदि पति – पत्नी दोनों की उम्र साठ साल से अधिक है तो दोनों पेंशन के पात्र होंगे। पूर्व में पति या पत्नी में से एक को ही यह लाभ मिलता था। प्रदेश में विधवा पेंशनर की संख्या करीब डेढ़ लाख है, जबकि वृद्धावस्था पेंशन साढ़े चार लाख से अधिक हैं।

पुलिस के 4600 ग्रेड पे के मामले में कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को अधिकृत

पुलिसकर्मियों को ग्रेड पे के लिए नए साल का इंतजार करना होगा। पुलिस के 4600 ग्रेड पे के मामले में कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया। इस तरह से पुलिसकर्मियों के परिजनों का इंतजार लंबा हो गया है। पुलिसकर्मियों के 4600 ग्रेड पे की मांग को लेकर पुलिसकर्मियों के परिजनों की ओर से लगातार विरोध जारी है। 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिस लाइन में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 2001 बैच के 1500 पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड पे देने की घोषणा की थी। लेकिन दो माह बाद भी शासनादेश जारी न होने से परिजन नाराज हैं। चुनाव की आचार संहिता नजदीक देख परिजनों ने आंदोलन तेज किया हुआ है। परिजनों को डीजीपी अशोक कुमार की और से 31 दिसंबर तक का आश्वासन दिया हुआ था। लेकिन 31 दिसंबर को भी कैबिनेट में फैसला न होने से पुलिसकर्मियों के परिजनों को निराशा हाथ लगी है। जिससे आंदोलन तेज होने के आसार हैं।

शुल्क बढ़ोत्तरी पर रोक 

कैबिनेट ने एक जनवरी से सभी सरकारी अस्पतालों में दस प्रतिशत शुल्क बढ़ोत्तरी को भी रोक दिया है। तय व्यवस्था के मुताबिक प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में हर साल एक जनवरी से सभी सेवाओं पर दस प्रतिशत शुल्क बढ़ जाता है। लेकिन अब कैबिनेट ने इस बढ़ोत्तरी को रोक दिया है।

टैक्स से राहत 

कैबिनेट ने नगर निकायों में शामिल गांवों के व्यावसायिक भवनों पर भी दस साल के लिए टैक्स छूट प्रदान कर दी है। यह छूट 2018 के बाद हुए विस्तार में शामिल गांवों पर लागू होगी। इन क्षेत्रों में आवासीय भवनों पर पहले ही यह छूट लागू है।

कैबिनेट के फैसले-

  • पीआरडी के मामले में सीएम अधिकृत किया।
  • अस्पतालों में ओपीडी शुल्क नहीं बढ़ेगा, सरकारी अस्पतालों में ओपीडी की पर्ची पर सालाना 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी नहीं होगी।
  • राज्य के सभी महाविद्यालयों में हर विकासखंड के एक इंटर कॉलेज में 214 योग प्रशिक्षितों को आउट सोर्स पर लगाने का फैसला किया।
  • वृद्धा एवं विधवा पेंशन को 1200 से बढ़ाकर 1400 रुपए किया।
  • नियमित नियुक्ति से प्रभावित अतिथि शिक्षकों को उनके गृह जनपद में नियुक्ति दी जाएगी।
  • महिला अतिथि शिक्षकों को मातृत्व अवकाश की मांग देय होगी।
  • नगर निकायों की सीमा विस्तार के बाद विस्तारित क्षेत्र में कमर्शियल टैक्स के संबंध में सीएम को अधिकृत किया।
  • नरेंद्रनगर में विधि संस्थान खोलने के लिए कैबिनेट की मंजूरी।
  • वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना में अब पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाएगा।
  • हर जिले में डिस्ट्रिक टूरिज्म कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया।
  • नए महाविद्यालय में शिक्षकों के खाली पदों पर प्रधानचार्य 35 हजार रुपए प्रति माह पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती कर सकेंगे।
  • हड़ताल पर रहे मनरेगा कर्मचारियों को हड़ताल अवधि का वेतन मिलेगा। छुट्टियां एडजस्ट होंगी।