उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने जारी की उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव लड़ेंगे 

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। 70 सीटों वाले उत्तराखंड में एक चरण में मतदान होगा, यहां 14 फरवरी को वोटिंग की जाएगी। बीजेपी की पहली लिस्ट में सीएम पुष्कर धामी की सीट भी फाइनल कर दी गई है। उम्मीदवार सूची के मुताबिक धामी को खटीमा सीट से पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारा है।इस सूची में 59 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए गए हैं। शेष सीटों पर दोबारा मंथन के बाद अगले प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी हो सकती है।

पहली लिस्ट में अभी 70 सीटों में से 59 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगा दी गई है।प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता में 59 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से चुनाव लड़ेंगे। बची 11 सीटों पर बाद में नामों का एलान किया जाएगा। इस बार पांच महिलाओं को इस बार टिकट दिया गया है। वहीं 13 ब्राह्मण नेताओं को टिकट दिया गया है। 10 विधायकों के टिकट कटे हैं। इस बार कुंवर प्रणव चैंपियन का टिकट काट दिया गया है। उनकी पत्नी को टिकट दिया गया है।

इनको मिला टिकट:

  1. पुष्कर सिंह धामी – खटीमा
  2. मदन कौशिक – हरिद्वार शहर
  3. केदार सिंह रावत -यमुनोत्री
  4. भरत सिंह चौधरी -रुद्रप्रयाग
  5. शक्ति लाल साहब -घनसाली
  6. विनोद कंडारी -देवप्रयाग
  7. सुबोध उनियाल- नरेंद्र नगर
  8. प्रीतम पंवार- धनोल्टी
  9. सतपाल महाराज -चौबट्टाखाल
  10. राम चरण नौटियाल -चकराता
  11. मुन्ना सिंह चौहान -विकासनगर
  12. शैलेंद्र मोहन सिंघल-जसपुर
  13. उमेश शर्मा -रायपुर
  14. खजान दास -राजपुर रोड
  15. सविता कपूर -देहरादून कैंट
  16. गणेश जोशी- मसूरी
  17. सुरेश राठोर -ज्वालापुर
  18. प्रदीप बत्रा -रुड़की
  19. देवयानी कुंवर प्रणव चैंपियन- खानपुर
  20. संजय गुप्ता -लक्सर
  21. स्वामी यतिश्वरानंद- हरिद्वार ग्रामीण
  22. डॉक्टर धन सिंह रावत- श्रीनगर
  23. राजकुमार पोरी -पौड़ी
  24. धन सिंह धामी- धारचूला
  25. बिशन सिंह चुफाल- डीडीहाट
  26. आदेश चौहान -बीएचईएल हरिद्वार
  27. चंद्रा पंत -पिथौरागढ़
  28. चंदन राम दास -बागेश्वर
  29. दिलीप सिंह रावत- लैंसडौन
  30. महेश जीना- सल्ट
  31. पूरण सिंह फर्त्याल- लोहाघाट
  32. बंशीधर भगत -कालाढूंगी
  33. दीवान सिंह बिष्ट -रामनगर
  34. त्रिलोक सिंह चीमा- काशीपुर
  35. अरविंद पांडे- गदरपुर
  36. सौरभ बहुगुणा -सितारगंज
  37. फकीरा राम- गंगोलीहाट
  38. सुरेश गाड़िया- कपकोट
  39. महेश शर्मा- अल्मोड़ा
  40. सत्यपाल -भगवानपुर
  41. कैलाश गहतोड़ी -चंपावत
  42. अनिल नौटियाल -कर्णप्रयाग
  43. रेणू बिष्ट -यमकेश्वर
  44. प्रेमसिंह राणा – नानकमत्ता
  45. राजेश कुमार – बाजपुर
  46. दुर्गेश्वर लाल – पुरोला
  47. सुरेश चौहान – गंगोत्री
  48. महेंद्र भट्ट -बदरीनाथ
  49. भोपाल राम टम्टा – थराली
  50. विजय सिंह पंवार उर्फ गुड्डू – प्रतापनगर
  51. सहदेव सिंह पुंडीर- सहसपुर
  52. विनोद चमोली – धर्मपुर
  53. प्रेमचंद अग्रवाल -ऋषिकेश
  54. दिनेश पंवार – मंगलौर
  55. अनिल शाही – द्वाराहाट
  56. रेखा आर्य – सोमेश्वर
  57. राम सिंह कैड़ा – भीमताल
  58. सरिता आर्य – नैनीताल
  59. किच्छा- राजेश शुक्ला

उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमित ऐसे कर पाएंगे मतदान, ये सुविधा मिलेगी

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कोरोना संक्रमितों को घर, अस्पताल अथवा आइसोलेशन सेंटर से ही मतदान की मिलेगी सुविधा। इसके लिए इन्हें डाक मतपत्र दिए जाएंगे। इसके लिए इन्हें आवेदन प्रारूप 12 घ निर्वाचन अधिकारी के समक्ष जमा करना होगा। ये फार्म इन्हें संबंधित बूथ लेवल आफिसर द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसे देखते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने कोरोना संक्रमितों के लिए भी डाक मतपत्र के जरिये मतदान की व्यवस्था की है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई मतदाता कोरोना संक्रमण के कारण राज्य के किसी अस्पताल में भर्ती है, होम क्वारंटाइन अथवा संस्थागत क्वारंटाइन है तो उसे डाक मतपत्र के जरिये से मत डालने की अनुमति होगी। हालांकि, आयोग सबसे पहले ऐसे आवेदक की प्रामाणिकता के संबंध में सभी दस्तावेज देखे पढ़ें

इसके लिए आवेदक को सक्षम चिकित्साधिकारी द्वारा जारी प्रमाणपत्र एवं निर्देश की प्रति भी आवेदन में लगानी होगी। दस्तावेजों से संतुष्ट होने पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय मतदाता के लिए डाक मतपत्र जारी करेगा, जिसके जरिये कोरोना संक्रमित मतदान कर सकेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि संक्रमित द्वारा कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए ही सभी दस्तावेजों को भरना होगा। आवेदन फार्म भरते हुए वह मुंह में मास्क लगाने के साथ ही हाथों में गलब्स पहने रहेगा। हालांकि, आवेदन की प्रक्रिया को आनलाइन किए जाने पर भी विचार किया जा रहा है।

राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने कहा कि संक्रमितों के मतदान के लिए आयोग ने दिशा-निर्देश जारी किए हुए हैं। इनका कोविड के मानकों को ध्यान में रखते हुए अनुपालन कराया जाएगा। भविष्य में यदि इसे लेकर कोई बदलाव होता है तो उसका भी अनुपालन किया जाएगा।

उत्तराखंड में BJP को बड़ा झटका, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने दिया इस्तीफा, जानिए क्या है असली वजह

उत्तराखंड में चुनाव से पहले बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि दो घंटे तक कैबिनेट की बैठक चली, लेकिन इसी बीच हरक सिंह रावत को गुस्सा आया और उन्होंने टेबल पर हाथ पटकर इस बैठक को आधे में ही छोड़ दिया। साथ ही अपने इस्तीफे का भी ऐलान कर दिया। उनके साथ विधायक उमेश शर्मा काऊ के भी पार्टी छोड़ने की खबर है।

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफे की खबर ने उत्तराखंड की सियासत में खलबली मचा दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरक सिंह ने अपनी सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए इस्तीफा दे दिया है। कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के मंत्रिमंडल से इस्तीफा के ऐलान से एक बार फिर उत्तराखंड की सियासत में भूचाल आ गया है। बताते हैं कि हरक सिंह इस्तीफे की घोषणा कर कैबिनेट की बैठक से चले गए। सरकारी प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हरक ने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के लिए बजट जारी नहीं होने पर नाराजगी जताई थी। शुक्रवार देर शाम सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक चल रही थी। अचानक कैबिनेट मंत्री हरक रावत ने कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का मसला उठा दिया।

हरक सिंह रावत लगातार अपनी ही सरकार पर कई चीजों को लेकर दबाव बनाते आए हैं और कई बार उन्हें खुलकर बोलते हुए भी देखा गया है। बताया जा रहा है कि पिछले लंबे समय से वो बीजेपी में खुश नजर नहीं आ रहे थे, फिर चाहे वो त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहने के दौरान हो या फिर पुष्कर सिंह धामी के आने के बाद हर बार रावत ने अपनी चिंताएं जाहिर कीं।

जब कैबिनेट बैठक में उनके किसी भी फैसले को शामिल नहीं किया गया तो हरक सिंह रावत ने इस पर नाराजगी जताई और भावुक भी हुए। रोते हुए हरक सिंह रावत उत्तराखंड सचिवालय से बाहर निकले।सूत्र ने हमें ये भी बताया कि हरक सिंह रावत इस्तीफे के बाद अब जल्द कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।  हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें काफी लंबे समय से चल रही हैं। जिस तरह से 2016 में वो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे, उसी तरह अब चुनाव से ठीक पहले उनके पाला बदलने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल होते हैं तो ये पार्टी के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि हरक सिंह रावत का अपना एक वोट बैंक है, जिसका फायदा वो कांग्रेस को दे सकते हैं। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि हरीश रावत इस बात से बिल्कुल खुश नहीं हैं कि हरक सिंह रावत की वापसी की बात हो रही है। ऐसे में देखना होगा कि उनका अगला कदम क्या होता है।

बीजेपी को 24 दिसंबर को एक झटका नहीं, बल्कि एक साथ डबल झटका लगा है।बताया जा रहा है कि, देहरादून के रायपुर से बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी हरक सिंह रावत के साथ ही इस्तीफा दे दिया है। उमेश शर्मा काऊ के पार्टी छोड़ने की अटकलें काफी पहले से लगाई जा रही थीं। वो भी लगातार अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते आए हैं।

कैबिनेट बैठक में हरक सिंह के बागी होने की वजह कोटद्वार मेडिकल कॉलेज में देरी बनी। प्रस्ताव न आने से नाराज हरक सिंह की स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के साथ बहस इस हद तक बढ़ गई कि वो इस्तीफा की घोषणा करते हुए चलते बने। इसके बाद हरक की गैरमौजूदगी में कैबिनेट ने कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए पांच करोड़ रुपए मंजूर किए।

शुक्रवार शाम सात बजे से विश्वकर्मा भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक के लिए सबसे पहले शासकीय प्रवक्ता छह बजे सीएम कार्यालय में पहुंचे। इसके बाद क्रमश: कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय, सीएम पुष्कर सिंह धामी, बंशीधर भगत और फिर हरक सिंह रावत वहां पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सात से सभी कैबिनेट मंत्री विश्वकर्मा भवन पहुंचे, जहां कैबिनेट आहूत की गई थी। इसके बाद कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, यतीश्वरानंद, विशन सिंह चुफाल भी यही पहुंचे।

जबकि सतपाल महाराज ऑनलाइन माध्यम से इसमें जुड़े। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट के सामने साठ से अधिक प्रस्ताव रखे गए थे, इस कारण बैठक रात 9.50 तक खिंच गई। लेकिन कैबिनेट बैठक समाप्त होने तक भी कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव न आने पर हरक सिंह ने जब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह से नाराजगी जताई तो बात देखते ही देखते तीखी बहस में तब्दील हो गई।

इसके बाद आनन- फानन में कैबिनेट में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए पांच करोड़ रुपए आबंटन का प्रस्ताव लाया गया, जिसे मंजूरी देकर हरक को शांत करने का प्रयास किया गया। इतनी देर में हरक की बगावती तेवर जंगल में आग की तरह फैल चुकी थी।

  • घटनाक्रम
  • 6:00 बजे: कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल पहुंचे
  • 6:28 बजे: सीएम पुष्कर धामी पहुंचे
  • 6:45 बजे: कैबिनेट मंत्री हरक रावत पहुंचे
  • 7:10 बजे: विश्वकर्मा बिल्डिंग में कैबिनेट बैठक शुरू
  • 9:50 बजे:कैबिनेट बैठक के प्रस्ताव पूरे हुए
  • 9:52 बजे:हरक ने मेडिकल कालेज का मुद्दा उठाया व धन सिंह से बहस
  • 9:58 बजे:कैबिनेट मंत्री इस्तीफे का ऐलान करते हुए बाहर निकले

अमित शाह आज उत्तराखंड में करेंगे चुनावी शंखनाद, पदाधिकारियों की लेंगे बैठक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज उत्तराखंड के एक दिनी दौरे पर रहेंगे।उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के सिलसिले में भाजपा के चुनावी अभियान में नया जोश फूंकने के लिए आ रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सुबह 10:45 बजे राजधानी स्थित जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर उतरेंगे। यहां से वह सीधे सहकारिता विभाग के कार्यक्रम में रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल में मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना की लांचिंग करने के साथ ही राज्य की 670 बहुद्देश्यीय सहकारी समितियों के कंप्यूटराइजेशन का उद्घाटन समेत सहकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करेंगे। इसी मंच से वह जनसभा को संबोधित भी करेंगे।इस कार्यक्रम के बाद शाह भाजपा संगठन की ताबड़तोड़ बैठकें करेंगे और पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को चुनावी मंत्र देंगे. इस बीच बड़ा आयोजन शाह की जनसभा का होगा, जिसके लिए बीजेपी पहले ही दावा कर चुकी है कि कम से कम 25000 लोगों की भीड़ जुटाई जा रही है।

शनिवार को होने वाली शाह की जनसभा यूं तो देहरादून जिले की धर्मपुर सीट के अंतर्गत आयोजित की जा रही है, मगर लक्ष्य इसके माध्यम से पूरे गढ़वाल मंडल पर असर डालने का है। गढ़वाल मंडल के सात जिलों में कुल 41 विधानसभा सीटें हैं। विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले हो रही इस जनसभा से संकेत काफी कुछ साफ हो जाएंगे कि भाजपा की भविष्य की रणनीति क्या रहेगी। गढ़वाल मंडल में पिछली बार भाजपा ने 34 सीटें हासिल की थीं। कुमाऊं मंडल के छह जिलों में कुल 29 सीटें हैं, जिनमें से 23 पर भाजपा ने परचम फहराया था।

सुबह करीब 11:20 बजे शाह रेसकोर्स रोड स्थित बन्नू स्कूल पहुंचेंगे और यहां सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना’ की लॉंचिंग करेंगे।करीब एक घंटे के इस कार्यक्रम के बाद शाह प्रदेश पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और फिर भाजपा के कोर ग्रुप की बैठकों में शिरकत करेंगे। शाह का दौरा शाम 7:30 बजे खत्म होगा, लेकिन इससे पहले वह ​हरिद्वार जाएंगे और वहां संत समुदाय के साथ भी मुलाकात करेंगे। इस पूरे दौरे को आप यहां ​मिन​ट टू मिनट देख सकते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कार्यक्रम

जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर आगमन : 10:45 बजे
जीटीसी हेलिपैड पर आगमन : 11:05 बजे
बन्नू स्कूल पहुंचेंगे : 11:20 बजे
कार्यक्रम के बाद आईआरडीटी सभागार पहुंचेंगे : 12:35 बजे
जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद भाजपा कार्यालय पहुंचेंगे : दोपहर 01:35 बजे
भोजन के बाद कोर ग्रुप की बैठक लेंगे : दोपहर 02:00 बजे
जीटीसी हेलिपैड पहुंचेंगे : दोपहर 03:10 बजे
हरिद्वार के शांति कुंज स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय पहुंचेंगे : 04:00 बजे
यहां कार्यक्रम के बाद कनखल स्थित हरिहर आश्रम जाएंगे : 05:45 बजे
आश्रम से प्रस्थान करेंगे : 06:45 बजे
और वापस फ्लाइट लेने के लिए जौली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे : 07:25 से 07:35 के बीच

अमित शाह दोपहर में पहले आइआरडीटी सभागार में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक लेंगे और फिर प्रदेश भाजपा कार्यालय में पार्टी की कोर ग्रुप की बैठक लेंगे। इसके बाद देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज, हरिद्वार के लिए रवाना होंगे।शांतिकुंज में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के पश्चात शाह हरिद्वार के कनखल स्थित हरिहर आश्रम में साधु संतों से मुलाकात करेंगे। शाम साढ़े छह बजे वह दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी केंद्रीय गृह मंत्री के सभी कार्यक्रमों में शामिल रहेंगे।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल का बड़ा बयान, बोले जल्द ही भाजपा के छह विधायक कांग्रेस में होंगे शामिल

उत्तराखंड  में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का पार्टी बदलने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही जोड़-तोड़ के खेल शुरू हो चुका है। नेता लगातार पार्टियां बदल रहे है। हाल ही में भाजपा को दो झटके देने वाली कांग्रेस ने एक बार फिर हलचल मचा दी है। कांग्रेस से जागेश्वर विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के एक बयान से भाजपा में हडक़ंप मच गया है।वहीं, प्रदेश के कुछ नेता अपनी पार्टी छोड़कर दूसरी में जा रहे हैं तो कुछ वापसी कर रहे हैं। इस दौरान जागेश्वर विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि अगले 15 दिनों में 6 भाजपा के विधायक कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे। पूरे प्रदेश में कांग्रेस की लहर है और बहुमत से सरकार बनेगी। कुंजवाल के बयान के बाद से उत्‍तराखंड की राजनीति में खलबली मच गई है।

आगामी चुनाव नजदीक आते ही सियासी हलचलें भी तेज हो गई हैं। इन दिनों विधायकों का अपना सियासी घर छोड़ने का दौर लगातार तेजी से जारी है। इस खेल में कांग्रेस भी भाजपा से कम नही दिखाई दे रही है। अब एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधानसभा स्पीकर ने बयान देकर सियासी भूचाल मचा दिया है।हालांकि उन्होंने किसी भी विधायक के नाम नहीं खोले हैं। लेकिन इतना जरूर कहा है कि तीन गढ़वाल मंडल जबकि तीन कुमाऊं से हैं।

जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने रविवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि कुमांऊ और गढ़वाल क्षेत्र के 6 विधायक उनके संपर्क में है। लगातार बात चल रही है। वह भाजपा की नीतियों से त्रस्त हैं। जल्द ही वह कांग्रेस पार्टी का दामन थामेंगे। नाम पूछने पर उन्होंने कहा कि सारी चीजें बताई नही जा सकती है। कुछ दिनों में आपको खुद ही पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भाजपा के कई कार्यकर्ता लगातार पार्टी से जुड़ रहे हैं।

जागेश्वर से विधायक कुंजवाल ने सरकार की नीतियों पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी विकास नही हो पाया है।आज प्रदेश की जनता मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है। जो विकास के कार्य कांग्रेस सरकार में हुए थे। उनको भी आगे नही बढ़ा पाई। आज कांग्रेस की ओर प्रदेश की जनता उम्मीदों से देख रही है। भाजपा को वह सबक सीखाने को तैयार है। विधायक कुंजवाल ने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई से परेशान जनता ने बीजेपी को आगामी चुनाव में सबक सिखाने का मन बना लिया है। इसके साथ ही कोरोना काल से ही गरीब वर्ग के लोग रोजी-रोटी के लिए परेशान हैं। जनता की नाराजगी से डरे सत्ताधारी दल के विधायक चुनाव में जीत को लेकर चिंता में हैं। वहीं बीजेपी सरकार के कामों से नाराज 6 विधायक जल्द ही कांग्रेस में शामिल होंगे।

उत्तराखंड में चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, उनके पुत्र संजीव आर्य कांग्रेस में हुए शामिल 

उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जानता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल-बदल का खेल जोरों पर है। इसी क्रम में आज बीजेपी सरकार के कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, उनके पुत्र संजीव आर्य समेत कई नेता भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। प्रदेश की राजनीति में दलितों का बड़ा चेहरा माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के साथ-साथ उनके बेटे विधायक संजीव आर्य ने भी में शामिल हो गए हैं।यशपाल आर्य बाजपुर और उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल सीट से विधायक हैं। यशपाल आर्य इस समय उत्तराखंड सरकार में परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन और आबकारी विभाग के मंत्री हैं।यशपाल आर्य और उनके बेटे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं हरीश रावत, के सी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ नयी दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हुए।

यशपाल और उनके बेटे संजीव साल 2017 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। बीजेपी की सरकार बनने के बाद यशपाल को तोहफा देते हुए उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। ठीक पांच साल बाद यशपाल आर्य की घर वापसी हुई है। यशपाल आर्य कांग्रेस के उन 9 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने 2016 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। बदले में बीजेपी ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया तो उनके बेट संजीव आर्य को भी टिकट दिया गया। चुनाव से ठीक पहले यशपाल की घर वापसी बीजेपी के लिए बड़ा झटका है।

सितंबर में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की नाराजगी की खबरें आई थीं। इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके आवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे।। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे बातचीत हुई। सीएम और यशपाल आर्य ने साथ में नाश्ता भी किया था।काफी समय से सुनने में आ रहा है कि वह बीजेपी में खुश नहीं हैं और कांग्रेस में वापसी की तैयारी में हैं। उनकी दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से अंतिम चरण की बातचीत के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए।

इससे पहले उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से उनके आवास में मुलाकात की थी।दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की मौजूदगी में यशपाल और संजीव आर्य ने कांग्रेस में वापसी की है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व सीएम हरीश रावत भी मौजूद रहे।

सितंबर में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की नाराजगी की खबरें आई थीं। इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके आवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे।। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे बातचीत हुई। सीएम और यशपाल आर्य ने साथ में नाश्ता भी किया था।काफी समय से सुनने में आ रहा है कि वह बीजेपी में खुश नहीं हैं और कांग्रेस में वापसी की तैयारी में हैं। उनकी दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से अंतिम चरण की बातचीत के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए।