उत्तराखंड दौरे के तीसरे दिन आज उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हरिद्वार दौरा, परिसंपत्तियों के मसले को लेकर  आज गुरुवार को मिलेगा विस्तार 

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उत्तराखंड दौरे का तीसरा और आखिरी दिन है। मुख्यमंत्री योगी 11:15 पर गुरुकुल विश्वविद्यालय हेलीपैड पहुंचेंगे। उस दौरान उत्तराखंड के सीएम धामी भी मौजूद रहेंगे। वह 2 बजे तक भागीरथी गृह के लोकार्पण कार्यक्रम में  मौजूद रहेंगे। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए भागीरथी गेस्ट हाउस का  लोकार्पण करेंगे.2:30 बजे ऋषिकुल में स्पर्श गंगा स्वच्छता अभियान में शामिल होंगे। 3 बजे गुरुकुल हेलीपैड से जौलीग्रांट एयरपोर्ट के लिए होंगे रवाना। इसके अलावा उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी का हरिद्वार दौरा है। सीएम धामी 11:15 बजे भागीरथी अतिथि गृह के लोकार्पण समारोह में प्रतिभाग करेंगे।

उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश राज्य के मध्य परिसंपत्तियों पर सहमति के बाद निर्णय तो हुए, लेकिन अभी कुछ प्रस्तावों पर आदेश जारी नहीं हो पाए हैं। इन मामलों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज बृहस्पतिवार को हरिद्वार में होने वाले कार्यक्रम के दौरान उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष उठा सकते हैं।

योगी के पैतृक गांव में हुए एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी परिसंपत्तियों पर हुए निर्णय के लिए मुख्यमंत्री योगी का धन्यवाद व्यक्त कर चुके हैं लेकिन सिंचाई विभाग के भवनों के हस्तांतरण व अन्य मसलों को वह सीएम योगी के समक्ष उठा सकते हैं।

बीते साल 18 नवंबर को सीएम योगी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीच सिंचाई विभाग की परिसंपत्तियों के मसले को लेकर लखनऊ में बातचीत को आज गुरुवार को विस्तार दिया जा सकता है।

नवंबर में जिन आठ बिंदुओं पर बातचीत हुई थी, आज की मीटिंग में उनकी प्रोगेस रिपोर्ट पेश की जाएगी। मीटिंग में हरिद्वार और यूएसनगर ज़िले में सिंचाई विभाग की करीब एक हजार हेक्टेयर ज़मीन और हरिद्वार में मौजूद और यूएस नगर में मौजूद भवनों को उत्तराखंड को ट्रांसफर करने पर मुहर लग सकती है। इसे लेकर यूपी और उत्तराखंड के सिंचाई विभाग के अधिकारी पहले ही जॉइंट सर्वे कर चुके हैं।

दोनों राज्यों के मध्य उत्तराखंड के क्षेत्र में उपयोग के लिए आवश्यक भूमि व भवों का आंकलन करने के लिए संयुक्त सर्वे टीम बनाने का निर्णय लिया गया था। संयुक्त सर्वे में जिला हरिद्वार में 669.920 हेक्टेयर, व ऊधम सिंह नगर जिले में 332.873 हेक्टेयर भूमि का हस्तांतरण किए जाने पर सहमति बनी।

इसके अलावा हरिद्वार में 484 आवासीय व अनावासीय भवन व ऊधमसिंह नगर में 47 आवासीय व अनावासीय भवनों को भी उत्तराखंड सिंचाई विभाग को दिए जाने का निर्णय हो चुका है लेकिन आदेश अब तक जारी नहीं हुए। जिला चंपावत के बबसा में सिंचाई विभाग  को परिसंपत्तियों का हस्तांतरण नहीं हो पाया। इसके अलावा ऊधमसिंह नगर के धौराल, बैगुल एवं नानक सागर जलाशय में पर्यटन व जल क्रीड़ा एवं पुरानी गंग नहर में वाटर स्पोर्टस की अनुमति का मसले पर भी चर्चा संभव है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अपने गांव पहुंचे, गांव पहुंचकर कैसे छलक पड़े सीएम योगी के आंसू

उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के उत्‍तराखंड दौरे का आज दूसरा दिन है। बताया जा रहा है कि आज बुधवार को भी वह अपने गांव में ही प्रवास करेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तीन दिन के दौरे पर उत्तराखंड में हैं। ऐसे में मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी मां सावित्री से मिलने के लिए अपने पैतृक गांव पंचूर पहुंचे। सीएम योगी का गांव पौड़ी गढ़वाल जिले में आता है, जहां घर पहुंचने पर उन्होंने अपनी मां से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को उत्तराखंड में अपने पैतृक गांव पहुंचे। पांच साल बाद सीएम योगी आदित्यनाथ जब अपने गांव पहुंचे तो भावुक हो गए। जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने यमकेश्वर के पंचूर गांव में कदम रखा तो उनके मन में वो तमाम यादें ताजा हो गईं, जो उनके बचपन से जुड़ी हुई थीं। संन्यास के 28 साल बाद पहली बार योगी आदित्यनाथ अपने घर में रात बिताएंगे। योगी से मिलने के लिए उनकी तीन बहनें पहले ही घर पहुंच चुकी हैं। वहीं, उनके तीनों भाई भी घर पर हैं। देखें किसका जिक्र करते वक्त योगी भावुक हो गए।

मंगलवार को सबसे पहले उन्होंने पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर में अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद वे शाम को मुलाकात करने अपने गांव निकल गए। गांव जाने के लिए योगी ने पैदल पहाड़ी पर यात्रा की। इस प्रकार पांच साल बाद वे अपने गांव पंचूर पहुंचे।

सीएम योगी ने अपनी मां से मुलाकात से पहले भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद मुख्यमंत्री अपनी मां से मिलने पहुंचे। सीएम योगी पैदल ही अपने गांव पहुंचे थे। सीएम योगी ने अपनी मां से मिलने की एक फोटो भी ट्विटर पर शेयर की, जिसके कैप्शन में सिर्फ उन्होंने ‘मां’ लिखा।

वहीं मां का आशीर्वाद लेने से पहले सीएम योगी ने अपने स्कूल में पढ़ाने वाले गुरुओं से भी मुलाकात की। सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि ‘आज मुझे यमकेश्वर, पौड़ी-गढ़वाल, उत्तराखंड में अपने स्कूल के गुरुजन के दर्शन एवं उनका सम्मान करने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ।’ आपको बता दें कि सीएम योगी ने मंगलवार को यमकेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण किया।

गौरतलब है कि उत्तराखंड के बेटे सीएम योगी आदित्यनाथ करीब पांच साल बाद अपने गांव पहुंचे थे। जैसे ही योगी अपने गांव पहुंचे, पूरा माहौल उत्सव में बदल गया। मां के अलावा सीएम योगी ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों और आसपास के लोगों से भी मुलाकात की। रिपोर्ट के मुताबिक संन्यास के 28 साल बाद योगी आदित्यनाथ यहां रात को रूकेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरा, तीन मई को पैतृक गांव पंचूर पहुंचेंगे, गांव में जश्न की तैयारियां

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ तीन मई से तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड जाएंगे। यहां पहुंचने के बाद वो पांच साल बाद अपनी मां से मिलने पांचूर गांव भी जाएंगे। लेकिन उससे पहले यमकेश्वर जाएंगे। जहां उनके आगमन को लेकर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। पौड़ी जिले में मौजूद योगी आदित्यनाथ के पैतृक गांव पंचूर गांव में जश्न की तैयारियां की जा रही हैं, गांव में भजन कीर्तन के साथ ही पूजा पाठ किया जाएगा।

पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर विकासखंड के अंतर्गत महायोगी गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय बिथ्यानी में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का तीन मई को प्रस्तावित कार्यक्रम है।

जिसकी तैयारी के लिए उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत बिथ्यानी पहुंचे। योगी आदित्यनाथ की माता से मुलाकात कर उन्होंने उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने तैयारियों के संबंध में बैठक ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को समुचित व्यवस्था जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए।

कहते हैं मां और बच्चे का प्यार इस दुनिया में सबसे अलग है। भले ही वह बड़ा इंसान, बूढ़ा हो या कोई भी परिस्थिति हो। मां शब्द में प्रेम और ममता है। इसी प्रेम और ममता में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार अपनी मां से मिलने उत्तराखंड जा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ का ये दौरा 3 दिन का होगा। मूल रूप से उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले योगी का गांव पौड़ी जिले की यमकेश्वर तहसील का पंचूर है। इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गांव जाकर मां से मुलाकात करेंगे।

योगी आदित्यनाथ वर्ष 2017 में यूपी के सीएम बनने से पहले एक बार गांव आए थे। इसके बाद वह ऋषिकेश और उत्तराखंड तो कई बार आए, लेकिन गांव नहीं जा पाए थे। 20 अप्रैल, 2010 में उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट का निधन हो गया था, तब कोरोनाकाल की व्यस्तताओं के कारण वह नहीं पहुंच सके थे। दोबारा सीएम बनने के बाद उन्होंने गांव आकर मां से आशीर्वाद लेने की बात कही थी। इसी कार्यक्रम के तहत वह तीन मई को गांव पहुंच रहे हैं। यमकेश्वर के बिथ्याणी स्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय में उनके आगमन को लेकर मंच निर्माण से लेकर अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

आज होगा योगी का ‘राजतिलक’, उत्‍तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी होंगे समारोह में शामिल

उत्‍तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी समारोह में शामिल होने के लिए लखनऊ रवाना होंगे।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ शुक्रवार की शाम चार बजे अटल बिहारी वाजपेयी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम इकाना में शपथ लेंगे। इसी के साथ योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आगाज हो जाएगा।  तो यूपी के 37 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब एक ही पार्टी दोबारा सत्ता में आएगी। शाम 4.00 बजे योगी आदित्यनाथ दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ के साथ वह सूबे के पहले ऐसे सीएम बन जाएंगे जो पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा सत्ता में आया। गुरुवार को ही बीजेपी के विधानमंडल दल ने योगी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुना। इसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के सामने योगी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। सूत्रों के मुताबिक, आज सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ लखनऊ में 47 मंत्री भी शपथ लेंगे। 5 महिलाओं को भी मंत्री बनाया जाएगा।

18वीं विधानसभा के लिए शपथ ग्रहण आज

शुक्रवार को यूपी में 18वीं विधानसभा के लिए शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इंटरनेशनल क्रिकेट मैदान में होगा। यूपी चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज करते हुए पूर्ण बहुमत पाया है।37 वर्षों बाद ऐसा हो रहा है जब कोई नेता लगातार दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेगा।

शाम चार बजे योगी दोबारा सीएम पद की शपथ लेकर देश के सबसे बड़े राज्‍य के मुखिया बन जाएंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी शामिल हो सकता है। वहीं 12 प्रदेशों के सीएम भी इसमें शामिल होंगे। मुलायम सिंह यादव, मायावती को भी आमंत्रित किया गया है

आदित्‍यनाथ मूल रूप से उत्तराखंड के हैं। उनका जन्‍म पांच जून 1972 को पंचूर गांव, पौड़ी गढ़वाल में हुआ। उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी और एमएससी की पढ़ाई की। 1994 में वो संन्यासी बन गए।

1998 में योगी ने गोरखपुर लोकसभा सीट पर पहली बार भाजपा से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 12वीं लोकसभा चुनाव में वो सबसे कम उम्र के सांसद थे, तब उनकी उम्र केवल 26 वर्ष थी। 1998 से लेकर मार्च 2017 तक योगी आदित्यनाथ पांच बार गोरखपुर से सांसद रहे। 2017 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

मुख्यमंत्री योगी और धामी ने सुलझाया यूपी-उत्तराखंड का 21 साल पुराना विवाद

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच पिछले 21 साल से विवादित परिसंपत्तियों को लेकर दोनों ही राज्यों को बड़ी सफलता मिली है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर सीएम योगी आदित्यनथ से मुलाकात की। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  ने गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और दोनों नेताओं के बीच करीब 30 मिनट तक बैठक चली। इसके बाद दोनों मुख्यमंत्री प्रदेश के अफसरों के साथ बैठे और सालों से चले आ रहे विवादों का निपटारा किया। दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच हुई इस बातचीत से पिछले 21 सालों से चला आ रहा यूपी-उत्तराखंड परिसंपत्ति विवाद समाप्त हो गया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि बैठक में दोनों राज्यों के बीच चल आ रहा परिसंपत्ति विवाद खत्म हो गया है। ये दोनों ही राज्यों के लिए ऐतिहासिक दिन है। इतना ही नहीं, सीएम धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगले 15 दिनों में 5700 हेक्टेयर भूमि पर दोनों राज्यों का संयुक्त रूप से सर्वे होगा। सर्वे के आधार पर जितनी भूमि की उत्तर प्रदेश को जरुरत है वो उन्हें मिल जाएगी। जितने मकान की जरुरत है वो उत्तर प्रदेश को मिल जाएगा। बाकी सब उत्तराखंड को मिल जाएगा।

उत्तर प्रदेश सरकार बनवास-किच्छा बैराज का पुननिर्माण कराएगी।हरिद्वार स्थित अलकनंदा होटल को एक माह के भीतर उत्तराखंड को सौंपा जाएगा और सीएम योगी इस मौके पर वहां रहेंगे। किच्छा में बस स्टॉप की जमीन उत्तराखंड को मिल जाएगी। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम करीब 205 करोड़ रुपए की धनराशि उत्तराखंड को भुगतान करेगा। इसी तरह, आवास विकास का मुद्दा हल किया गया है। यूपी और उत्तराखंड के बीच आवास विकास की 50-50 प्रतिशत बटवारा होगा।उत्तर प्रदेश सरकार उत्तराखंड वन विभाग को 90 करोड़ रुपये देगी।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया और उन्हें धन्यवाद दिया। कहा कि दोनों राज्यों के बीच छोटे-बड़े भाई के संबंध हैं। मेरा यूपी से पुराना रिश्ता है। मेरे सभी शैक्षणिक दस्तावेज यूपी के हैं। योगी जी ने दिल खोलकर हमारी बातों को माना। हमारा मकसद सभी का सम्मान और सभी का विकास है।

उत्तराखंड: आज परिसंपत्तियों के मसले को सुलझाने के लिए लखनऊ में योगी-धामी करेंगे बैठक, उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के बीच क्या है परिसंपत्ति विवाद?

उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही परिसंपत्तियों के बटवारे का मसला अभी तक नहीं सुलझ पाया है। इसे लेकर समय-समय पर मुख्यमंत्री से लेकर सचिव स्तर तक की बैठकें हो चुकी हैं।उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य बना है, तभी से दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे का विवाद बरकरार है। अब इस विवाद को सुलझाने के लिए बड़े स्तर पर कोशिश की जा रही है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिन के लखनऊ दौरे पर है और आज उनकी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्ति विवाद को लेकर बैठक होगी। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यूपी ने अभी तक उसे पूरी परिसंपत्तियां ट्रांसफर नहीं की है। जिसके बाद आज सीएम पुष्कर सिंह धामी यूपी दौरे पर हैं। आज की बैठक में सीएम धामी सिंचाई, ऊर्जा, परिवहन, कृषि, आवास-विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, वन एवं कृषि विभाग के लंबित मुद्दे चर्चा करेंगे। वहीं सीएम धामी के साथ कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, मुख्य सचिव एसएस संधू और सचिव पुनर्गठन रंजीत सिन्हा भी लखनऊ पहुंचे हैं।

इस बारे में बीजेपी ने दावा किया है कि चुनाव से पहले इस मसले को सुलझा लिया जाएगा। उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा चूंकि इस समय दोनों राज्यों और केंद्र में बीजेपी की ही सरकारें हैं इसलिए इस विवाद के सुलझने का यह सही समय है। योगी और धामी की बैठक से पहले यह भी कहा जा रहा है चूंकि योगी उत्तराखंड के हैं और धामी उप्र से गहरा ताल्लुक रखते हैं इसलिए दोनों सीएम आपसी सामंजस्य से दोनों राज्यों के बीच चल रहे इस झगड़े को ठीक से सुलझा सकते हैं।

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भी अभी तक परिसंपत्तियों के बंटवारे का मामला अभी तक सुलझा नहीं है और इस संबंध में पिछली बैठक अगस्त 2019 में हुई थी। हालांकि इस बैठक के दौरान कई मुद्दों पर सहमति बनी, लेकिन ज्यादातर मामलों में कोई फैसला नहीं हो सका और उत्तराखंड को परिसंपत्तियां ट्रांसफर नहीं हुई। दोनों राज्यों के बीच सिंचाई विभाग के तहत हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और चंपावत में करीब 1315 हेक्टेयर जमीन पर फैसला होना है। इसके साथ ही उत्तराखंड को 351 भवनों के हस्तांतरण पर सहमति बनने के बाद भी ये भवन नहीं मिले हैं। जिसको लेकर आज दोनों राज्यों के बीच बातचीत होगी।

उत्तर प्रदेश ने अभी तक उत्तराखंड को हरिद्वार में सिंचाई के लिए गंगानहार से 665 क्यूसेक पानी देने के लिए मंजूरी नहीं दी है। वहीं उत्तराखंड के नाम पर किच्छा में सिंचाई विभाग की 0.346 हेक्टेयर भूमि ट्रांसफर करने को लेकर भी फैसला होना है। वहीं ऊर्जा निगम में मनेरी-भाली जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम से 420 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया था और इसका इस्तेमाल दूसरे काम के लिए किया जाता था। यह राशि भी उत्तराखंड को देनी है और इस पर भी फैसला होना बाकी है। इसके साथ ही आज की बैठक में। रामगंगा बांध, शारदा नहर, खटीमा पावर हाउस, मोहम्मदपुर पावर हाउस में बिजली उत्पादन में आ रही समस्याओं पर भी बातचीत होगी।

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने अभी तक उत्तराखंड परिवहन निगम को यात्री कर के 36 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। वहीं उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास बोर्ड की परिसंपत्तियों के वितरण फार्मूले पर भी दोनों राज्यों के भी फैसला लिया जाना है। जबकि उत्तर प्रदेश वन निगम ने सहमति के बावजूद उत्तराखंड वन निगम को 77.31 करोड़ का भुगतान नहीं किया है। जिसे आज सीएम धामी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने उठाएंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम और उत्तराखंड बीज एवं तराई बीज निगम के बीच खातों के सामंजस्य का मामला अभी कृषि विभाग में लंबित है।

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच पिछले 21 सालों से परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर विवाद हल नहीं हो सका है।  उत्तराखंड के सिंचाई विभाग की 5500 से करीब 13,000 हेक्टेयर ज़मीन और 4000 इमारतों को लेकर विवाद है, जिन पर अब तक यूपी का ही कब्ज़ा है। उत्तराखंड परिवहन विभाग की 5000 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर यूपी के साथ विवाद है, तो हरिद्वार में कुंभ और कांवड़ मेले की ज़मीन पर कब्ज़े को लेकर भी विवाद है।

टिहरी डैम पर भी अब तक उप्र मालिकाना हक लिये हुए है. कुल मिलाकर 11 विभागों की ज़मीन, भवन और संपत्तियों पर उत्तराखंड दावा करता है, जो अब तक यूपी के अधिकार में हैं और इनसे यूपी ही राजस्व वसूल रहा है।इस परिसंपत्ति विवाद को लेकर कई मामले विभिन्न अदालतों में भी पेंडिंग हैं। राजस्व, सिंचाई, जल विद्युत परियोजनाएं, परिवहन, पर्यटन व कार्मिकों के आवंटन से जुड़े विभागों के मामले उलझे हुए हैं।इन्हीं को हल करने के लिए दोनों मुख्यमंत्री बैठक करने वाले हैं।