ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम सोमवार को पूरा हो गया। सर्वे टीम 17 मई को अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी। तीसरे दिन सर्वे का काम पूरा होने के बाद हिंदू पक्षकारों एवं सूत्रों ने बड़ा दावा किया है। सूत्रों का कहना है कि सर्वे के तीसरे दिन मस्जिद परिसर में शिवलिंग, 15वीं शताब्दी की मूर्तियां एवं एक कांस्य प्रतिमा भी मिली है। जबकि सर्वे टीम का हिस्सा सोहनलाल आर्य का दावा है कि ‘नंदी को उनके बाबा मिल गए और जितना सोचा गया था उससे कहीं ज्यादा साक्ष्य मिला है।’ शिवलिंग मिलने के दावे की पुष्टि कोर्ट की तरफ से हो गई है। वाराणसी सिविल कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को आदेश दिया है कि जिस जगह पर शिवलिंग मिला है, उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया जाए। इस स्थान पर किसी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं होगी। शिवलिंग की सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवान तैनात होंगे।
बता दें कि एक अर्जी दाखिल की गई थी, जिसमें अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सर्वे के दौरान शिवलिंग मिला है। जिसके बाद वाराणसी सिविल कोर्ट ने जगह को सील करने का आदेश दिया है। वाराणसी सिविल कोर्ट ने जिला प्रशासन को कहा है कि जिस जगह पर शिवलिंग मिला है उसे सील किया जाए। शिवलिंग को संरक्षित और सुरक्षित करते हुए किसी को भी जाने की इजाजत न दी जाये। हालांकि मुस्लिम पक्ष सभी दावों को खारिज कर रहा है। उनका कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है और रिपोर्ट अभी कोर्ट के समक्ष पेश होनी है।
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वाराणसी कोर्ट ने जिलाधिकारी (DM) और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) को उस जगह को तुरंत सील करने का आदेश जारी किया है। वाराणसी कोर्ट ने जिले के डीएम को आदेश देते हुए कहा, कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है, उस जगह को तत्काल प्रभाव से सील कर दें। वहां किसी भी व्यक्ति को जानें की अनुमति न दें। बता दें कि, इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सीआरपीएफ को दी गई है। इतना ही नहीं, अदालत ने अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी तय कर की है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि, ‘डीएम, पुलिस कमिश्नर और सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाता है कि जिस जगह को सील किया गया है, उस स्थान को संरक्षित और सुरक्षित रखने की पूर्णत: व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की मानी जाएगी।
तीन दिन तक हुई फोटोग्राफी – वीडियोग्राफी
शनिवार सुबह से शुरू हुए इस सर्वे को सोमवार सुबह 10.30 बजे खत्म कर दिया गया । कोर्ट के आदेश पर गठित टीम ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे पूरा किया । सर्वे टीम ने कहा कि अब सारे दस्तावेजों की एक रिपोर्ट बनाकर कोर्ट में पेश की जाएगी । इस रिपोर्ट पर दोनों पक्षों की ओर से जिरह होगी , जिसके बाद ही कोई फैसला आएगा ।
मुस्लिम पक्ष बोला – दावे बेबुनियाद
जहां हिंदू पक्ष के वकील और अन्य लोगों के चेहरे पर एक सकारात्मक रुख नजर आया , वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील ने हिंदू पक्ष के दावों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है । हालांकि इस दौरान वह रुककर बात करने तक को तैयार नहीं हुए । उन्होंने हिंदू पक्ष के शिवलिंग मिलने के दावों को बेबुनियाद करार दिया ।
कोर्ट ने दिया ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन के बेटे हैं विष्णु जैन। उनके इस प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया, जिसमें यह दावा किया गया है कि परिसर से शिवलिंग मिला है। इस अर्जी को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और जिला मजिस्ट्रेट बनारस को आदेश दिया है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है उसे स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें और सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी और पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नरेट बनारस तथा सीआरपीएफ कमांडेंट बनारस को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान को सील किया गया है उस स्थान को संरक्षित एवं सुरक्षित रखने की पूर्णता व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से मानी जाएगी। उपरोक्त सील किए गए स्थान के बाबत स्थानीय प्रशासन द्वारा क्या-क्या किया गया है इस के सुपरविजन की जिम्मेदारी पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय उत्तर प्रदेश लखनऊ तथा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ की होगी। वाद लिपिक को आदेशित किया जाता है इस आदेश की प्रति संबंधित अधिकारी को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें पे कमिशन रिपोर्ट पर सुनवाई हेतु पेश हो।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे को लेकर वाराणसी प्रशासन द्वारा आसपास के क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने मस्जिद परिसर से 500 मीटर के दायरे में स्थित सभी दुकानों को सर्वे के दौरान बंद करने का आदेश दिया। साथ ही 2 किलोमीटर के दायरे में हर 100 तथा 200 मीटर की दूरी पर बैरिकेडिंग की गई है ताकि सर्वे के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी या माहौल बिगाड़ने की कोशिश ना की जाए। हालांकि की मस्जिद परिसर के पास काशी विश्वनाथ मंदिर में जाने के लिए भक्तों को छूट दी गई है मगर इन क्षेत्रों में मीडिया कर्मियों को जाने की इजाजत नहीं है।