मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उपनल कर्मचारियों को वेतन बढोत्तरी के प्रस्ताव को दी मंजूरी,जानिए कैबिनेट के अन्‍य फैसले

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। बैठक में मंत्रियों ने विचार के बाद कई अहम फैसले लिए। इस बैठक में 29 प्रस्ताव आए। उपनल कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया। साथ ही आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में 1000 की वृद्धि की गई। धामी कैबिनेट साथ ही ग्राम प्रधानों का मानदेय 3500 भी किया है। यह जानकारी कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने दी।

कैबिनेट मंत्रियों ने उपनल कर्मचारियों के मानदेय बढ़ाने पर फैसला लेते हुए वृद्धि पर हामी भर दी है। उपनल कर्मचारियों के मानदेय बढ़ोतरी के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत, 10 साल से अधिक सेवा देने वाले उपनल कर्मचारियों का मानदेय 3000 और 10 साल से नीचे सेवा करने वाले उपनल कर्मचारियों का 2000 मानदेय बढ़ाया जाएगा।

प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब माध्यमिक के 10वीं व 12वीं के छात्रों व डिग्री के सभी छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने का फैसला लिया।

कैबिनेट बैठक के फैसले

1- चमोली में 757 नाली का मूल्य आइटीबीपी के पक्ष अमल दरामद म्‍यूटीशियन करने का निर्णय

2- 500 पंचायत भवनों को बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।

3- सीएम की घोषण के अनुसार ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 बढ़ाकर 3500 किया गया।

4- राजकीय विद्यालयों महाविद्यालयों में पढ़ने वाले 1,59,015 लाभार्थियों को टेबलेट्स दिए जाने के लिए कमेटी का गठन।

5- न्यायलयों में सहायक स्टेनोग्राफर 65 पद आउटसोर्स से लिए जाएंगे जाने का निर्णय

6- चिकित्सा विभाग पुरुष महिला सेवा नियमावली में किया गया संशोधन

7- बर्न यूनिट के लिए 35 पदों को दून मेडिकल कालेज में रखे जाने को कैबिनेट से मिली मंजूरी।

8- आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में 1000 की वृद्धि, प्रोत्साहन राशि 500 की वृद्धि की गई है

9- 26500 रुपये मानदेय आशा कार्यकत्रियों को हर महीने मिलेंगे

10- सोमेश्वर अस्पताल को मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत किया जाएगा उच्चीकृत

11- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय वृद्धि फैसला मुख्यमंत्री पर छोड़ा गया

12- परिवहन विभाग के दो प्रस्ताव वापस लिए गए है

13- विधायक निधि में 2 प्रतिशत कंटेजेंसी को एक प्रतिशत किया गया

14- उपनल कर्मचारियों के वेतन में हर वर्ष होगी बढ़ोत्तरी

15- 10 साल से कम सेवा व 10 साल से अधिक सेवा वाले कर्मचारियों के लिए हुए नियम निर्धारित

16- धान की क्रय नीति हुई पास, धान कामन का मूल्य 1960 हुआ निर्धारित

कैबिनेट बैठक नें उपनल कर्मचारियों के मानदेय़ में बढ़ोत्तरी को लेकर फैसला लिया गया है। 10 साल से अधिक सेवा देने वाले कर्मचारियों के मानदेय़ में 3 हजार रूपए की बढोत्तरी की जाएगी। 10 साल ने नीचे सेवा करने वाले उपनल कर्मचारियों के वेतन में 2 हजार की बढोत्तरी की जाएगी। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उपनल कर्मचारियों के मानदेय़ में वृद्धि के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे ही है। इसके लिए उन्होंने पूरी कैबिनेट का आभार व्यक्त किया है।

विगत दिनों उपनल कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन भी किया था, जिसमें मानदेय में वृद्धि मुख्य मांग थी। सरकार ने उपनल कर्मचारियों को मानदेय़ बढ़ाने का आश्वासन देकर आंदोलन खत्म कराया था, लेकिन लंबे समय से कैबिनेट के समक्ष यह प्रस्ताव नहीं आने से उपनल कर्मचारी खफा थे, और उन्होंने फिर आंदोलन की चेतावनी दी थी। लेकिन आज कैबिनेट मानदेय में बढोत्तरी के फैसले पर मुहर लगा दी है। अब देखना होगा कि राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत उपनल कर्मचारी सरकार के इस फैसले से संतुष्ट नजर आते हैं या नहीं।

सरकार ने कांग्रेस का दामन थाम चुके कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य को मंत्रिमंडल से पदमुक्त कर सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी। आर्य को सौंपे गए परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन व आबकारी विभागों का अतिरिक्त प्रभार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संभालेंगे।

राज्यपाल ने यशपाल आर्य का मंत्री पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया। इसके बाद राज्यपाल की सलाह पर उन्हें मंत्रिमंडल से पदमुक्त करते हुए अधिसूचना जारी की गई। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने बताया कि यशपाल आर्य के विभाग मुख्यमंत्री के पास अतिरिक्त कार्य प्रभार के रूप में रहेंगे।

 

देहरादून में सड़कों पर उतरे विभिन्न संगठनों के कर्मचारियों ने निकाली महारैली, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता की मांग 

देहरादून :- उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों की 18 सूत्री मांगों को लेकर बनाए साझा मंच उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने सचिवालय कूच किया।18 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की ओर से आज मंगलवार को राजधानी में रैली निकाली । रैली में प्रदेशभर से समिति के सदस्य और विभिन्न संगठनों के सदस्य शामिल हुए। इस दौरान पुलिस ने उन्हें सैंट जोजफ्स के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। कर्मचारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता की मांग कर रहे हैं। इस महारैली के लिए ज्यादातर विभागों और निगमों से जुड़े कर्मचारी प्रदेशभर से दून पहुंचे। इसमें कलक्ट्रेट, तहसील, जल संस्थान, आरटीओ, विकास भवन, पेयजल निगम, उद्यान, पशुपालन, कृषि विभाग और रोडवेज आदि के कर्मचारी शामिल हुए हैं।

सचिवालय कूच के दौरान बड़ी संख्या में पहुंचे कर्मचारियों को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इस दौरान कर्मचारी वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गए।  कर्मचारियोंने सीएम से मिलने का समय मांगा है। उनका कहना है कि जब तक उन्हें समय नहीं मिलेगा तब तक वे धरने से नही उठेंगे। वहीं, कर्मचारियों की पुलिस के साथ तीखी झड़प भी हुई। करीब दो घंटे तक प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री के पीआरओ राजेश सेठी से कर्मचारियों की वार्ता हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री से बातचीत की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के दौरे के बाद वार्ता का आश्वासन दिया है। इसके बाद कर्मचारी धरने से उठे।

पहले चरण में सभी सरकारी दफ्तरों में गेट मीटिंग की गई। इस दौरान समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से वार्ता भी की, लेकिन उचित भरोसा दिए जाने के बावजूद शासन ने समिति की मांगों पर गौर नहीं किया। दूसरे चरण में समिति ने सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन किया व तीसरे चरण में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और कर्मचारियों के बीच एक अक्टूबर को वार्ता हुई। वार्ता में सकारात्मक हल नहीं निकलने पर समिति ने अपनी पूर्व प्रस्तावित महारैली को यथावत रखते हुए मंगलवार को सरकार के खिलाफ सचिवालय पर प्रदर्शन की बात कही है। प्रदेश स्तरीय हुंकार महारैली के बाद समिति बेमियादी हड़ताल करने का ऐलान भी कर सकती है।कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कार्मिकों की मांगों को पूरा करने की बात उठती है तो वित्त विभाग सदैव आर्थिक स्थिति का रोना रो देता है। बात यदि एसीपी की करें तो उसे लागू करने का व्यय वित्त विभाग उम्मीद से अधिक बढ़ाकर बता रहा, जबकि एसीपी से लाभ सिर्फ पदोन्नति से वंचित कार्मिक को ही मिलना है। इनकी संख्या बेहद कम है। समिति के प्रवक्ता अरुण पांडेय ने कहा कि सरकार या तो फैसला ले या फिर बेमियादी हड़ताल के लिए तैयार रहे।

समिति के प्रवक्ता अरुण पांडेय और प्रताप सिंह पंवार ने बताया कि हुंकार रैली के लिए सभी कर्मचारी परेड ग्राउंड में एकत्र हुए। यहां से तिब्बती बाजार, लैंसडौन चौक, कनक चौक होते हुए सचिवालय कूच किया।प्रताप सिंह पंवार ने बताया कि उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन, उत्तराखंड राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन, उत्तराखंड चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ, उत्तराखंड राजकीय वाहन चालक महासंघ, वैयक्तिक अधिकारी कर्मचारी संघ, डिप्लोमा फार्मासिस्ट संघ, सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ, निगम कर्मचारी महासंघ, रोडवेज संयुक्त कर्मचारी परिषद, फेडरेशन ड्राइंग इंजीनियर संघ सहित कई महासंघ उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के साथ आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य कर्मियों को तोहफा, महंगाई भत्ता 11 फीसद बढ़ा और भी कुछ बड़े फैसले दिए

देहरादून :- उत्तराखंड सरकार ने लाखों कर्मचारियों को बड़ी सौगात देते हुए महंगाई भत्ते यानी डीए में 11% की बढ़ोत्तरी के साथ ही राज्य के लिए और भी कुछ बड़े फैसले दिए। शुक्रवार को सभी की नजरे कैबिनेट बैठक पर टिकी हुई थी। सचिवालय में सुबह सीएम धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 24 प्रस्तावों पर लगी मुहर। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया बैठक में 29 प्रस्ताव आये थे, जिसमे से 24 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने सहमति जता दी है। कैबिनेट बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि डीए बढ़ाए जाने के बाद राजकोष पर हर साल 1800 करोड़ रुपये का भार बढ़ेगा। इसके अलावा आयुर्वेदिक और होम्यापैथी से जुड़े उन डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए भी पुरस्कार के तौर पर एकमुश्त रकम का ऐलान सरकार ने ​किया, जिन्होंने कोविड के दौरान महत्वपूर्ण सेवाएं दीं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में डीए बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई थी। इस फैसले के बाद तकरीबन 1,60,000 कर्मचारियों और 1,50,000 पेंशनरों को इसका लाभ मिलेगा और इस बढ़े हुए भत्ते का भुगतान इस साल की 1 जुलाई से लागू किया जाएगा। वास्तव में यह मांग काफी समय से चल रही थी और भारतीय पेंशनर मंच ने प्रधानमंत्री को ​भी इस बारे में लिखा था। कोविड के चलते पिछले साल अप्रैल में वित्त मंत्रालय ने डीए बढ़ाने के प्रस्ताव को होल्ड कर दिया था।

सीएम धामी की घोषणा के मुताबिक अब कोरोना संक्रमण की दोनों लहरों के समय में सेवाएं देने वाले आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक डॉक्टरों को 10,000 रुपये की रकम तोहफे के तौर पर दी जाएगी। विभागों के सी और डी ग्रुप के कर्मचारियों को 3000 रुपये बतौर प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इसके अलावा राज्य सरकार ने एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर VAT की दरें 20 से सिर्फ 2% कर दी हैं।

धामी सरकार ने राज्य के सात इं​जीनियरिंग इंस्टीट्यूटों के लिए 31 मार्च 2022 तक काम के लिए अनुबंध पर टीचरों को रखने के दरवाज़े भी खोले।इस तरह से टीचरों के वेतन पर अगले छह महीनों में सरकार करीब 3.83 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

सरकारी परियोजना में निवेशकों, पटटेधारकों से सम्बन्धित संविदा के विवाद को सुलझाने के लिये कमेटी बनाये जाने के लिये सीएम को अधिकृत किया गया।स्टोन क्रेशर, अवैध खनिज भण्डारों के वन टाईम सैटलमेंट के लिये नियमावली में संशोधन किया जायेगा। स्टोन क्रेशर, प्लान्ट स्वामियों/स्क्रीनिंग प्लांट स्वामी/अवैध खनन कर्ताओं पर आरोपित दण्डारोपण के लिये नियमावली बनेगी । इस मामले को दो माह में निस्तारित करने होंगे और नियमावली बनने के बाद दो माह के लिये प्रभावी होगी।

राज्य के 07 इंजीनियरिंग संस्थानों में भारत सरकार द्वारा सहायता प्राप्त तकनीकि शिक्षा गुणवत्ता सुधार परियोजना के तहत संविदा पर कार्यरत शिक्षकों को अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी गई। इसके फलस्वरूप पारिश्रमिक के रूप में अनुमानित कुल धनराशि 3.83 करोड़ का व्यय भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण फैसले

केदारनाथ बद्रीनाथ में पुनर्निर्माण के तहत अधिप्राप्ति नियमावली में छूट दी गई। अब 75 लाख तक के कार्य सिंगल बिड से किये जा सकते हैं।

लोहाघाट को नगर पालिका बनाने की मंजूरी।

मा0 उच्च न्यायालय राज्य वित्त अधिकारी से सम्बन्धित सेवा नियमावली संशोधन की मंजूरी।

उत्तराखण्ड की चतुर्थ विधानसभा 2021 के द्वितीय सत्र का सत्रावसान करने की अनुमति दी गयी।

राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनरों को दिनांक 01 जुलाई, 2021 से पुनरीक्षित मंहगाई भत्ते को दिये जाने की अनुमति प्रदान की गई।

उत्तराखण्ड भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत जनहित में फिलींग स्टेशन की स्थापना हेतु भवन निर्माण एवं विकास की उपविधि में संशोधन कर मानकाकें में छूट दी गई।

ग्राम पंचायत नगला, जनपद उधम सिंह नगर को नगरपालिका परिषद् बनाने की मंजूरी।

उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ परीक्षा 2012 के अन्तर्गत सामान्य श्रेणी/पूर्व सैनिक श्रेणी का एक अतिरिक्त पद डिप्टी कलेक्टर पद के लिये आयोग को भेजने की मंजूरी।

उत्तराखण्ड राज्य में स्थापित चिकित्सा ईकाईयों के आईपीएचएस मानकीकरण के क्रम में जनपदवार चिकित्सीय ईकाइयों को, टाईप ए प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, टाईप बी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र, उपजिला चिकित्सा केन्द्र और जिला चिकित्सा केन्द्र के रूप में पांच वर्गो में बांटने का निर्णय।

उत्तराखण्ड राजस्व चकबन्दी (उच्चतर) सेवा नियमावली-2021 को प्रख्यापित करने का निर्णय।

एकल आवास एवं व्यवसायिक भवनों/आवासीय भू उपयोग में व्यवसायिक दुकान तथा आवासिय क्षेत्रों में नर्सिंग होम/क्लीनिक/ओपीडी/पैथोलॉजी लैब/नर्सरी स्कूल ईत्यादि के विनियमतिकरण हेतु एकल समाधान योजना 24 सितम्बर, 2021 से बढ़ाकर मार्च 2022 तक करने का निर्णय।

उत्तराखण्ड में स्थित उ0प्र0 आवास विकास परिषद् की परिसम्पितयों को सील किया गया था। इस सम्बन्ध में इसके विक्रय, निर्माण अथवा विकास कार्य पर रोक लगी थी, इस रोक को हटाने का निर्णय किया गया।

श्रीनगर को नगर निगम बनाने की अनुमति।

उत्तराखण्ड पशु चिकित्सा सेवा नियमावली-2021 का प्रख्यापन।
उपनल के सम्बन्ध में अगली कैबिनेट में मंत्रिमण्डलीय उपसमिति के निर्णय को रखने की मंजूरी।

टिहरी नरेन्द्रनगर तपोवन को नगर पंचायत बनाने की अनुमति।

उत्तराखण्ड नजूल भूमि प्रबन्धन/व्यवस्थापन एवं निस्तारण अध्यादेश-2021 के प्रख्यापन का बाद पट्टेधारकों को फ्री होल्ड कराने की अनुमति।

जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को अधिक सुढढ एवं उपयोगी बनाने के लिये मंत्रीमण्डल उपसमिति का गठन, मंत्री श्री बंशीधर भगत, श्री अरविन्द पाण्डेय, श्री सुबोध उनियाल के रूप में किया जायेगा।

उत्तराखण्ड पुलिस आरक्षी एवं मुख्य आरक्षी (नागरिक पुलिस अधिसूचना एवं सशक्त पुलिस) सेवा नियमावली-2018 में संशोधन।

उत्तराखण्ड पुलिस उपनिरीक्षक एवं निरीक्षक (नागरिक पुलिस) सेवा नियमावली-2018 के संदर्भ में मुख्यमंत्री को निर्णय लेने का अधिकार।

उत्तराखण्ड स्टाम्प (सम्पति का मुल्यांकन) संशोधन नियमावली-2015 में प्रचलित सर्किल दरों में चमोली के बद्रीनाथ एवं बामणी में पेनाल्टी पांच गुना से कम करके दो गुना वन टाईम सेटलमेंट द्वारा करने का निर्णय।

एविएशन टरबाईन फ्यूल की वैट दर 20 प्रतिशत से घटा कर 02 प्रतिशत करने का निर्णय।

मा0 उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति को दी जाने वाली टैलीफोन सुविधा स्वघोषणा के आधार वास्तविक व्यय का भुगतान किया जायेगा।

कान्सटेबिल से हैड कान्सटेबिल बनाने में रैंकर्स परीक्षा को समाप्त कर सौ प्रतिशत पदोन्नति से करने का निर्णय।