76 साल के हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 76वें जन्मदिवस पर शुभकामनाएं दी, बोले- विनम्र व्यक्तित्व ने बनाया सभी का प्रिय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के 76वें जन्मदिन पर उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई दिग्गज नेताओं ने ट्वीट कर उन्हें बधाई संदेश दिया है।रामनाथ कोविन्द का जन्म 1 अक्टूबर 1945 में हुआ था और वो भारत के 14वें और राष्ट्रपति हैं। उन्हें 25 जुलाई 2017 को 14वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए। 25 जुलाई 2017 को भारतीय उच्चतम न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर ने उन्हें भारत के राष्ट्रपति के पद की शपथ दिलायी थी।

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपति जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। अपने विनम्र व्यक्तित्व के कारण, उन्होंने खुद को पूरे देश के लिए प्रिय बना लिया है। समाज के गरीब और हाशिए के वर्गों को सशक्त बनाने पर उनका ध्यान अनुकरणीय है। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन के लिए प्रार्थना करता हूं.’।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी राष्ट्रपति को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा,” भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। उनकी बुद्धिमत्ता, बुद्धि और सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान के लिए हर कोई उनकी प्रशंसा करता है। उनके व्यापक अनुभव से राष्ट्र लाभान्वित हुआ है। उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करते हैं.”।

गृह मंत्री अमित शाह ने भी राष्ट्रपति के जन्मदिन पर उन्हें बधाई दी है। ट्वीट कर उन्होंने लिखा,’राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। देश के हर वर्ग के कल्याण और समाज में समता व समरसता के प्रति आपकी प्रतिबद्धता प्रेरणीय है। आपके ज्ञान व अनुभव से देश को निरंतर लाभ मिला है। मैं ईश्वर से आपके उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु की कामना करता हूं।’

सीएम योगी ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर लिखा-जन सरोकारों के प्रति प्रतिबद्ध, भारत के प्रथम नागरिक माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। प्रभु श्री राम से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं समृद्ध व सुदीर्घ जीवन की प्रार्थना करता हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी (CIPET) का उद्घाटन किया है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी (CIPET) का उद्घाटन किया है। साथ ही उन्होंने राजस्थान में 4 मेडिकल कॉलेजों की नींव भी रखी। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने कोविड आपदा में आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया है। राजस्थान में 4 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का कार्यक्रम और इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी का उद्घाटन इसी दिशा में एक अहम कदम है। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद थे। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े । इसके साथ ही पीएम मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र-आयुष्मान भारत और वैक्सीनेशन सहित कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।

स्वास्थ्य क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। देश के साथ प्रदेश में विकास की धारा को नया मोड मिलेगा। इसके तहत दौसा, बांसवाड़ा, सिरोही और हनुमानगढ़ जिले में मेडिकल कालेज बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन चारों जिलों में बनने वाले मेडिकल कालेज का वर्चुअल शिलान्यास किया।

पीएम मोदी ने कहा, ‘’साल 2014 के बाद से राजस्थान में 23 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी थी, इनमें से 7 मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं। आज बांसवाड़ा, सिरोही, हनुमानगढ़ और दौसा में नए मेडिकल कॉलेज के निर्माण की शुरुआत हुई है।’’ उन्होंने कहा, ‘’मुझे उम्मीद है कि इन नए मेडिकल कॉलेज का निर्माण राज्य सरकार के सहयोग से समय पर पूरा होगा. देश के स्वास्थ्य क्षेत्र की जो कमियां मुझे अनुभव होती हैं, बीते 6-7 सालों से उसे दूर करने की निरंतर कोशिश जारी है।’

पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘’6-7 सालों में 170 से अधिक नए मेडिकल कॉलेज तैयार हो गए हैं। 100 से ज़्यादा नए मेडिकल कॉलेज पर काम तेज़ी से चल रहा है। साल 2014 में देश में मेडिकल की अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की कुल सीटें 82 हज़ार के करीब थीं, आज इनकी संख्या बढ़कर 1,40,000 सीट तक पहुंच रही है।’’

पीएम मोदी न कहा कि आज भारत में कोविड वैक्सीन की 88 करोड़ से ज़्यादा डोज़ लग चुकी है. राजस्थान में भी 5 करोड़ से अधिक डोज़ लग चुकी हैं.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में PM-पोषण योजना समेत केंद्रीय कैबिनेट ने लिए कई बड़े फैसले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हुई।केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को इन फैसलों की जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि कैबिनेट ने एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (ईसीजीसी) के स्टॉक एक्सचेंज में आईपीओ के जरिए लिस्टिंग करने को भी मंजूरी दी है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई नए फैसलों की घोषणा की गई।

बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मिल योजना के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि देश में लगभग 11.2 लाख से ज्यादा सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर का खाना दिया जाएगा। पांच साल तक चलने वाली इस योजना में 1.31 लाख करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि अभी जो मिड-डे मिल योजना चल रही है, उसे भी पीएम-पोषण योजना में ही शामिल करने का फैसला लिया गया है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस योजना में राज्यों का भी सहयोग होगा लेकिन हिस्सेदारी केंद्र सरकार की ही रहेगी। इस योजना में 54 हजार करोड़ केंद्र और लगभग 32 हजार करोड़ रुपए राज्य सरकारें खर्च करेंगी।

वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि कैबिनेट ने एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के स्टॉक एक्सचेंज में आईपीओ के जरिए लिस्टिंग की जा सकेगी। अगले साल तक इसे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार भी ईसीजीसी में अगले पांच वर्षों तक 4400 करोड़ रुपए तक का निवेश करेगी। इससे देशभर में 2.6 लाख रोजगार समेत 59 लाख नौकरियां पैदा होने की संभावना है। चीन से आने वाले सेब पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाने के सवाल पर पीयूष गोयल ने बताया कि फिलहाल ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है। चीन से आने वाले सेब पर इम्पोर्ट ट्यूटी घटाने वाली बाते निराधार हैं।बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मिल योजना के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि देश में लगभग 11.2 लाख से ज्यादा सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर का खाना दिया जाएगा। पांच साल तक चलने वाली इस योजना में 1.31 लाख करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि अभी जो मिड-डे मिल योजना चल रही है, उसे भी पीएम-पोषण योजना में ही शामिल करने का फैसला लिया गया है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस योजना में राज्यों का भी सहयोग होगा लेकिन हिस्सेदारी केंद्र सरकार की ही रहेगी। इस योजना में 54 हजार करोड़ केंद्र और लगभग 32 हजार करोड़ रुपए राज्य सरकारें खर्च करेंगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को आएंगे उत्तराखंड, सात अक्टूबर पीएम मोदी के लिए ऐतिहासिक हैं, केदारनाथ में तैयारियां तेज

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को उत्तराखंड आएंगे। इस साल का सात अक्टूबर का दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए ऐतिहासिक रहने वाला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को संवैधानिक पद पर रहने के 20 साल पूरे करने जा रहे हैं। सूत्रों के मूताबिक इस दिन पीएम उत्तराखण्ड के दौरे पर रहेंगे और संभावना है कि इस ऐतिहासिक दिन को ही वह केदारधाम जाकर भगवान शिव का आशीर्वाद लेंगे।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बताया कि प्रदेश भाजपा जल्द प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को अंतिम रूप देगी। कौशिक के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी देहरादून के जालीग्रांट एयरपोर्ट के नए टर्मिनल और ऋषिकेश एम्स में आक्सीजन प्लांट का लोकार्पण कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री के दौरे के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि पीएम मोदी के उत्तराखंड के दौरे पर आने की संभावना है। अभी सरकार के पास उनका मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम आना बाकी है।वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ में तैयारियां तेज कर दी गई हैं।पीएम मोदी उत्तराखंड के दौरे के दौरान केदारनाथ के दर्शन कर राज्य के नेताओं से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी ने इससे पहले 2019 में केदारनाथ मंदिर का दौरा किया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवंबर में 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना का उद्घाटन करने के साथ ही लखवाड़ जल विद्युत परियोजना का शिलान्यास कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक व्यासी परियोजना का कार्य अब अंतिम चरण में है और सरकार प्रधानमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन कराना चाहती है। इसी के दृष्टिगत कसरत की जा रही है। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत ने इन परियोजनाओं की जद में आने वाले ग्रामीणों के पुनर्वास के सिलसिले में मंगलवार को अधिकारियों के साथ मंथन किया।

यमुना नदी पर व्यासी जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य 2009 में शुरू हुआ था, जो अब पूरा होने को है। इसके साथ ही सरकार ने इसकी नजदीकी लखवाड़ जल विद्युत परियोजना का कार्य शुरू कराने की भी कवायद शुरू की है। इस बीच दोनों परियोजनाओं की जद में आ रहे ग्रामीणों के विस्थापन एवं पुनर्वास के मसलों का भी समाधान होना है। सूत्रों के मुताबिक स्थानीय ग्रामीण भूमि के बदले भूमि चाहते हैं, लेकिन ऐसा करना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे में सरकार की मंशा ये है कि प्रभावित होने वाले ग्रामीणों को उचित मुआवजा दिया जाए। सूत्रों ने बताया कि इन परियोजनाओं के पुनर्वास के सिलसिले में अधिकारियों से सभी पहलुओं पर विचार कर ठोस प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं।

सात अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए क्यों है खास
नरेंद्र मोदी ने सात अक्टूबर 2001 को गुजरात में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को संवैधानिक पद पर रहने के 20 साल पूरे करने जा रहे हैं।मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री पद तक का सफर कामयाबी के साथ तय करने वाले मोदी अब तक कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके है। वह सबसे ज्यादा दिन प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता हैं। उनसे पहले यह रिकॉर्ड अटल बिहारी वाजपेयी के नाम था। 7 अक्टूबर 2001 को सीएम बनने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह लगातार 4 बार गुजरात के सीएम रहे।मोदी 22 मई 2014 तक लगातार 12 साल 227 दिन राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यरत रहे, जो गुजरात में किसी एक मुख्यमंत्री का सबसे लंबा कार्यकाल है।

गुजरात मे मोदी के कामकाज का नतीजा था कि 2013 से ही बीजेपी और देश मे में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग उठने लगी। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारी मांग को देखते हुए बीजेपी ने उस तत्कालीन सीएम मोदी को पीएम पद का चेहरा बना दिया। मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने चुनाव रिकॉर्ड सीटों के साथ जीता। 26 मई 2014 को मोदी देश के 14वें प्रधानमंत्री बने। केंद्र की सत्ता में आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ लगातार बढ़ता गया। न केवल देश बल्कि विदेशों में भी मोदी की लोकप्रियता बढ़ी। 2019 के लोकसभा में भी बीजेपी मोदी के नेतृत्व में चुनाव में रिकॉर्ड सीटों के साथ फिर जीती।पीएम नरेंद्र मोदी फिर 30 मई 2019 को वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने।

पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन का किया आगाज, हर नागरिक का होगा आधार जैसा यूनीक हेल्थ कार्ड

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सभी नागरिकों को एक विशिष्ट डिजिटल हेल्थ आइडी मुहैया कराई जाएगी जिसमें उसकी सेहत से जुड़ी सभी सूचनाएं दर्ज होंगी। पीएम ने इस साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में डिजिटल हेल्थ मिशन के पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। फिलहाल, छह केंद्र शासित प्रदेशों में इसका पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है।

आयुष्यमान भारत डिडिटल हेल्थ मिशन के तहत देश के सभी नागरिकों का एक हेल्थ आईडी बनेगा जो उनके हेल्थ खाते के रूप में भी काम करेगी। इससे व्यक्तिगत स्वास्थ रिकार्ड को मोबाइल एप की मदद से जोड़ा और देखा जा सकेगा। इसके तहत, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां , आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों दोनों ही मामलों में सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए एक कलेक्शन के रूप में कार्य करेंगी। यह चिकित्‍सकों, अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए व्यवसाय में भी आसानी को सुनिश्चित करेगा।

यूनिक हेल्थ कार्ड बन जाने के बाद मरीज को डॉक्टर से दिखाने के लिए फाइल ले जाने से छुटकार मिलेगा। डॉक्टर या अस्पताल रोगी का यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसका पूरा डेटा निकालेंगे और सभी बातें जान सकेंगे। उसी आधार पर आगे का इलाज शुरू हो सकेगा। आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री डिजिटल फार्मेट में अपडेट होगी। आप किसी दूसरे शहर, अस्पताल में भी यूनीक आईडी से डॉक्यूमेंट्स देख सकेंगे। इससे डॉक्टर्स को इलाज करने में आसानी होगी। यह कार्ड ये भी बताएगा कि उस व्यक्ति को किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। रोगी को आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधाओं का लाभ मिलता है या नहीं, इस यूनिक कार्ड के जरिये पता चल सकेगा।

कार्ड में मेडिकल रिकार्ड से जुड़ी सभी जानकारियां दर्ज होगी। यहां तक कि पिछली बार किस दवा का आप पर क्या असर हुआ था वह भी पता चल जाएगा। दवा बदली गई तो क्यों? इससे इलाज के दौरान डॉक्टर को केस समझने में मदद मिलेगी। हेल्थ आईडी के लिए सबसे पहले तो जिस व्यक्ति की आईडी बनेगी उससे मोबाइल नंबर और आधार नंबर लिया जाएगा। इन दो रिकॉर्ड की मदद से यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार एक हेल्थ अथॉरिटी बनाएगी जो व्यक्ति का एक-एक डेटा जुटाएगी। जिस व्यक्ति की हेल्थ आईडी बननी है, उसके हेल्थ रिकॉर्ड जुटाने के लिए हेल्थ अथॉरिटी की तरफ से इजाजत दी जाएगी। इसी आधार पर आगे का काम बढ़ाया जाएगा। हेल्थ कार्ड बनवाना अनिवार्य नहीं होगा। यह आपकी इच्छा पर निर्भर करेगा कि आप कार्ड बनवाना चाहते हैं या नहीं।

हेल्थ आईडी पब्लिक हॉस्पिटल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या वैसा हेल्थकेयर प्रोवाइडर जो नेशनल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर रजिस्ट्री से जुड़ा हो, किसी व्यक्ति की हेल्थ आईडी बना सकता है। https://healthid.ndhm.gov.in/register पर खुद के रिकॉर्ड्स रजिस्टर करा कर भी आप अपनी हेल्थ आईडी बना सकते हैं।

भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य दीनदयाल उपाध्याय की 105वीं जयंती पर पीएम मोदी बोले पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन किया समर्पित

देहरादून :- साल 1916 में आज के दिन ही भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य दीनदयाल उपाध्याय का जन्म हुआ था। दीनदयाल उपाध्याय को आज भी एक राष्ट्रवादी नेता के तौर पर याद किया जाता है। वे गरीबों और दलितों के हक के लिए हमेशा लड़े। लेकिन, इतने बड़े नेता होने के बावजूद, उनके देहांत के 53 साल बाद भी आज तक यह नहीं पता लगाया जा सका कि उनकी मृत्यु कैसे हुई।दीनदयाल उपाध्याय महज तीन साल के थे जब उनके पिता का देहांत हो गया। 7 साल के हुए तो माता का हाथ भी उनके सिर से उठ गया. मुश्किलों में उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और 1937 के करीब वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय को देश आज याद कर रहा है। देशभर में आज उनकी 105वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम दिग्गजों ने उन्हें नमन किया है। आज ही के दिन यानी 25 सितंबर 1916 को दीनदयाल का यूपी के मथुरा में जन्म हुआ था। प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा,’एकात्म मानव दर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनके विचार देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे।

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए पंडित जी को नमन किया है। उन्होंने लिखा,’ दूरदर्शी राजनीतिज्ञ पं. दीनदयाल उपाध्याय जी ने समय समय पर विभिन्न चुनौतियों व समस्याओं के निराकरण के लिए अपने विचार-दर्शन से देश का मार्गदर्शन किया। पंडित जी के एकात्म मानववाद व अंत्योदय के मंत्र सदैव हमें जनकल्याण व राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे। उन्हें कोटिशः नमन।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा,’ एकात्म मानववाद जैसे प्रगतिशील आर्थिक विचार के प्रणेता एवं अंत्योदय के लिए आजीवन काम करने वाले ‘महामानव’ पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर कोटि कोटि नमन। सेवा और समर्पण का उनका मंत्र हमें प्रेरणा देता है। उनके विचार और दर्शन भारत की आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करते रहेंगे।

साल 1951 में संघ की मदद से श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जनसंघ की शुरुआत की थी। उस समय संघ ने संगठन की देखरेख का जिम्मा दीनदयाल उपाध्याय को दिया. यहां से उपाध्याय के राजनीति करियर की शुरुआत हुई। साल 1953 में श्यामाप्रसाद मुखर्जी के निधन के बाद दीनदयाल उपाध्याय ने ही जनसंघ की सारी जिम्मेदारियां संभाली। वे 15 साल तक जनसंघ के महामंत्री रहे और पार्टी को मजबूती दी। उन्होंने जनसंघ को जन-जन तक पहुंचाया। इसके बाद 1967 में वे पार्टी के अध्यक्ष बने।