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23 Dec, 2024

‘गति शक्ति योजना’ राष्ट्रीय मास्टर प्लान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे शुभारंभ, बढ़ेगी विकास की स्पीड

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज ‘पीएम गति शक्ति’, मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान का शुभारंभ करेंगे। यह प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समग्र योजना को संस्थागत रूप देगा, जो अब तक योजनाबद्ध और साइलो में डिजाइन किया गया है। पीएम मोदी देश के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य के परिवर्तन की दिशा में 100 लाख करोड़ की योजनाओं को हरी झंडी दिखाने के लिए प्रगति मैदान पहुंचे। यह रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला डिजिटल प्लेटफार्म है जिसके जरिए लाखों करोड़ों की योजनाओं को पूरी रफ्तार से लागू करने में मदद मिलेगी। इस दौरान पीएम मोदी अपना संबोधन भी दे रहे हैं।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी।केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत में बुनियादी ढांचे का निर्माण कई मुद्दों से जूझ रहा है। इसमें विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी भी शामिल है, सड़क निर्माण की वर्तमान प्रथा का उदाहरण देते हुए, जिसे अक्सर अन्य एजेंसियों द्वारा भूमिगत केबल और गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदा जाता है।

यह डिजिटल मंच बुनियादी ढांचा विकास कार्यों को फुल स्पीड से चलाने में मदद करेगा। इससे उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ाने में मदद होगी, स्थानीय विनिर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा। यह उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा और भविष्य के आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए नई संभावनाओं को विकसित करने में भी मदद करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार 15 अगस्त को 75वें वर्षगांठ पर इस 100 ट्रिलियन रुपये (1.35 ट्रिलियन डॉलर) की योजना की घोषणा की थी।पीएम ने कहा था कि इसके जरिए रोजगार पैदा करने और देश के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्वच्छ ईंधन के उपयोग का विस्तार करने में मदद हासिल होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘गति शक्ति नामक बुनियादी ढांचा कार्यक्रम से उद्योगों की उत्पादकता को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इसके तहत 16 मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को (GIS) मोड में डाल दिया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है।पीएमओ ने कहा कि गतिशक्ति व्यापकता, प्राथमिकता, अनुकूलन, तुल्यकालन और विश्लेषणात्मक और गतिशील होने के छह स्तंभों पर आधारित है। यह बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगा, रसद लागत में कटौती करेगा, आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करेगा और स्थानीय वस्तुओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना देगा।

गतिशक्ति योजना के द्वारा देश में UDAN के तहत रीजनल कनेक्ट‍िविटी में तेजी आएगी. साल 2024-25 तक एयरपोर्ट/हेलीपोर्ट/वाटरएयरोड्रम्स की संख्या बढ़कर 220 हो जाएगी. इसमें 109 नए एयरपोर्ट होंगे. इसके तहत देश में मौजूद 51 एयरस्ट्र‍िप के विकास का काम, 18 नए प्रोजेक्ट, 12 वाटर एयरोड्रम और 28 हेलीपोर्ट का  निर्माण शामिल होगा।
इसी तरह साल 2024-25 तक NHAI के द्वारा संचालित राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार कर 2 लाख किमी लंबाई तक किया जाएगा। साल 2014 में यह सिर्फ 91,000 किमी था और इसी नवंबर यानी 2021 के अंत में यह 1.3 लाख किमी हो जाएगा।
इससे डिफेंस उत्पादन में भी काफी तेजी आएगी. करीब 20,000 करोड़ रुपये के निवेश से उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में 2 डिफेंस कॉरिडोर बनाने की योजना है। इसकी वजह से भारत में करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये के डिफेंस उत्पादों का उत्पादन होगा और इनका करीब 25 फीसदी हिस्सा निर्यात किया जाएगा।
गतिशक्ति योजना से साल 2024-25 तक देश में रेलवे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता को मौजूदा 1200 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1600 MT तक किया जाएगा। इससे दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में भी तेजी आएगी।                                                      इसी तरह सरकार की योजना साल 2024-25 तक देश में गैस पाइपलाइन नेटवर्क को दोगुना कर 34,500 किमी तक करने की है। साल 2027 तक हर राज्य को नेचुरल गैस पाइपलाइनसे जोड़ने की सरकार की योजना में गति शक्ति की अहम भूमिका होगी।
सरकार की योजना गंगा नदी में 29 MMT क्षमता का और अन्य नदियों में 95 MMT क्षमता का कार्गो ढुलाई करने की है। वाराणसी से असम में तिनसुख‍िया जिले के सादिया तक साल भर बड़ी नौकाएं (फेरी) चलने की शुरुआत की जाएगी। इसी तरह समुद्री बंदरगाहों से साल 2024-25 तक 1,759 एमएमटी प्रति साल की ढुलाई का लक्ष्य है।
साल 2024 तक दूरसंचार विभाग द्वारा 35 लाख किमी का ऑप्ट‍िकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का प्लान है। इसी तरह ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा ट्रांसमिशन नेटवर्क बढ़ाकर 4.52 लाख किमी सर्किट तक किया जाएगा।
फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री द्वारा देश में करीब200 मेगा फूड पार्क बनाने, फिश‍िंग क्लस्टर बढ़ाकर 202 तक करने, 15 लाख करोड़ के टर्नओवर वाले 38 इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर बनाने, 90 टेक्सटाइल क्लस्टर बनाने 110 फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस क्लस्टर बनाने का लक्ष्य है।
मास्टर प्लान के तहत 4 इंडस्ट्रि‍यल नॉड बनाने का प्रस्ताव है. ऐसा एक इंडिस्ट्रियल नॉड यूपी के दादरी में, एक कर्नाटक के तुमुकुर में और महाराष्ट्र के शेंद्र बिडकिन में होगा।
नेशनल इंडस्ट्र‍ियल कॉरिडोर  डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत देश भर में 2024-25 तक 11 इंडस्ट्रि‍यल कॉरिडोर बनाने की योजना है।

देहरादून :-प्रधानमंत्री मोदी के ऋषिकेश के दौर पर उठाए सवाल, आज  गांधी पार्क में ‘अफसोस दिवस’ मना रही कांग्रेस

देहरादून :- प्रधानमंत्री मोदी के ऋषिकेश दौरे को निराशाजनक बताते हुए कांग्रेस शुक्रवार को अफसोस दिवस मना रही है।लखीमपुर घटना से आहट और प्रधानमंत्री मोदी के ऋषिकेश एम्स दौरे को निराशाजनक बताते हुए कांग्रेस कार्यकर्ता अफसोस दिवस मना रहे है।अपने एम्स दौरे के दौरान पीएम मोदी की ओर से उत्तराखंड के लिए पीएम द्वारा घोषणा नहीं करने के विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल गांधी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे मौन उपवास पर बैठ गए।

कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि उत्तराखंड का बेरोजगार आस लगाए बैठा था कि प्रधानमंत्री निश्चित ही देहरादून आकर भारत के दूसरे सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाले राज्य के लिए रोजगार की सौगात लेकर आएंगे।लेकिन दुर्भाग्य है कि उन्होंने इस दिशा में कोई घोषणा नहीं की इसके अलावा किसानों को उम्मीद थी कि लखीमपुर में हुई किसानों के साथ बर्बरता के खिलाफ देश के प्रधानमंत्री प्लास्टिक के रूप में दो शब्द कहेंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे के दौरान ढाणी सरकार को गन्ने का मूल्य बढ़ाने और बकाए की अदायगी करने के निर्देश देते लेकिन अफसोस है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तमाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अफसोस दिवस के रूप में 1 घंटे का मौन उपवास रखा। उसके बाद कांग्रेस जन सबको सम्मति देकर भगवान भजन गाकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करेंगे।

इस दौरान महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, पूर्व विधायक राजकुमार, पार्षद कोमल वोहरा, संगीता गुप्ता, नीनू सहगल, एसपी सिंह, संजय किशोर, नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, अशोक वर्मा आदि मौजूद थे। इससे पहले गुरुवार को ‘जवाब दो और हिसाब दो कार्यक्रम के तहत महिला कांग्रेस ने भाजपा सरकार गांधी पार्क के बाहर धरना दिया था। उधर, कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने पीएम मोदी के दौरे को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का दौरे से राज्य को कुछ भी नहीं मिला। वह आए और भाषण देकर वापस लौट गए। राज्य को कोई सौगात नहीं मिली।

ऋषिकेश एम्स में आक्सीजन प्लांट के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कि पीएम मोदी ने अभिभावक की तरह देश को हौसला दिया,  प्रधानमंत्री को उत्तराखंड से विशेष लगाव

देहरादून:- उत्तराखंड ऋषिकेश एम्स में आक्सीजन प्लांट के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कि पीएम मोदी ने अभिभावक की तरह देश को हौसला दिया। कहा पीएम का उत्तराखंड से विशेष लगाव का परिणाम है कि उत्‍तराखंड के विकास में केंद्र का सहयोग मिल रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में बाबा केदार का प्रमुखता जिक्र तो किया, लेकिन इस बार वह बाबा के धाम दर्शन को नहीं गए। उनका दौरा तय होने के बाद यह चर्चाएं गर्म थी कि पीएम केदारनाथ जाएंगे। उनके उत्तराखंड आने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ जाकर वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का अचानक मुआयना किया तो पीएम के वहां जाने की चर्चाओं ने और अधिक जोर पकड़ा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऋषिकेश दौरे का प्रदेश सरकार ने पूरा लाभ उठाया। एम्स में आक्सीजन प्लांट के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की विकास यात्रा को प्रधानमंत्री मोदी से जोड़ा, तो इस बहाने भाजपा की भूमिका को भी सामने रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड से विशेष लगाव का परिणाम है कि राज्य के विकास में केंद्र का निरंतर सहयोग मिल रहा है। इस बहाने उन्होंने डबल इंजन के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के लिए ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट तथा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन की सौगात दी है। वहीं, केदारपुरी को करोड़ों रुपए से संवारा जा रहा है। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए 245 करोड़ रुपए स्वीकृत हो चुके हैं। गंगोत्री के लिए 20 करोड़ और यमुनोत्री ने 34 करोड़ रुपए स्वीकृत हो चुके हैं।मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के उत्तराखंड से लगाव का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने इसे सैन्यधाम की संज्ञा दी है। केदारनाथ त्रासदी के समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री तौर पर भी उत्तराखंड की जनता के साथ खड़े थे। कोरोना महामारी में प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में संसाधनों की कमी नहीं होने दी और व्यक्तिगत रूप से उत्तराखंड की चिंता की। उत्तराखंड के लिए चारधाम आल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट तथा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की सौगात दी। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारपुरी में प्रथम चरण के कार्य पूर्ण हो चुके हैं। द्वितीय चरण के कार्य चल रहे हैंं।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के सामने प्रदेश सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई। उन्होंने 24 हजार सरकारी पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना व नैनो उद्यम योजना के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। कोरोना महामारी से प्रभावित पर्यटन, परिवहन, क्षेत्रों के लिए 200 करोड़ का राहत पैकेज, स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती एवं इससे जुड़े कार्मिकों को प्रोत्साहन के लिए 205 करोड़ तथा महिला सशक्तीकरण एवं रोजगार को बढ़ावा देने के लिये 118 करोड़ का राहत पैकेज दिया गया।

उज्जवला योजना ने करोड़ों गरीब माताओं-बहनों की आंख के आंसू पोछे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में राम मंदिर निर्माण, कश्मीर से धारा 370 को समाप्त किया है। औद्योगिक, शिक्षा, सामाजिक विकास हो या आध्यात्मिक विकास हो, प्रधानमंत्री की सोच व्यापक रही है।

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ऊर्जावान और उत्साही मुख्यमंत्री बताया

देहरादून:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत माता की जय के साथ अपना संबोधन शुरू किया। कहा कि देवभूमि विश्व के लोगों को आकर्षित करती रही है। इसे मां गंगा का आशीर्वाद मिल रहा है। आज से ही नवरात्र भी शुरू हो रहे हैं और आज के दिन मेरा यहां आकर हिमालय की धरती को प्रणाम करना धन्य भाग्य है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना मित्र कह कर संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की देवधरा ने मेरे जैसे अनेक लोगों के जीवन में बदलाव लाने का काम किया है। उत्तराखंड की भूमि मेरे कर्म और मर्म की भूमि है। यहां से मेरा नाता सत्व का भी है और तत्व का भी है। बीस साल पहले मुझे आज के ही दिन गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में जिम्मेदारी मिली थी। और आज के दिन उत्तराखंड आना मेरा सौभाग्य है। यहां आकर एक नई ऊर्जा मिलती है। जहां योग और आयुर्वेद की शक्ति से जीवन को आरोग्य बनाने का समाधान हुआ है, आज वहीं से देश भर के ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दो बार पीठ थपथपाई और उन्हें एक ऊर्जावान मुख्यमंत्री बताया।ऋषिकेश में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ऑक्सीजन संयंत्रों के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी जब अपना संबोधन समाप्त कर वापस अपनी जगह पहुंचे, प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी पीठ थपथपा कर उनकी हौसला-अफजाई की।बाद में कार्यक्रम की समाप्ति पर आयोजन स्थल से बाहर जाते समय एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री धामी की पीठ थपथपाई।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री धामी को एक युवा, ऊर्जावान और उत्साही मुख्यमंत्री बताते हुए ‘मेरे मित्र’ कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी खुद एक फौजी के पुत्र हैं और उन्होंने उन्हें बताया है कि ‘वन रैंक वन पेंशन’ की 40 साल पुरानी मांग पूरी होने का बहुत लाभ उत्तराखंड की जनता को मिला है।

इससे पहले धामी ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और केदारनाथ पुनर्निर्माण जैसी म हत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रदेश को मिली हैं।

10 मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाकर तीरथ सिंह रावत को प्रदेश की कमान सौंपी गई थी और इसके चार माह के भीतर ही दूसरा नेतृत्व परिवर्तन कर तीरथ सिंह की जगह पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बना दिया गया। धामी ने गत तीन जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का पद संभाला था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम्स ऋषिकेश के में आक्सीजन प्लांट का किया उद्घाटन

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश पहुंचे। उन्होंने यहां से पीएम केयर्स फंड से स्थापित किए गए पीएसए आक्सीजन प्लांट का रिमोट दबाकर लोकार्पण किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड से उनका गहरा नाता है। इस देवभूमि ने उनके जीवन की धारा को बदलने का काम किया। इस भूमि से मेरा मर्म, कर्म, सत्व व तत्व का नाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में उत्तराखंड का गठन हुआ था, इसके कुछ माह बाद ही देवभूमि तथा बाबा केदार के आशीर्वाद से उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा का मौका मिला। आज सेवा के इस सफर का 21वें वर्ष में प्रवेश हो गया है। इस मौके पर वह देवभूमि में है इससे बड़ा सौभाग्य कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी से निपटना भारत के लिए एक बड़ी चुनौती थी।

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को बारीकी से देख रही है। कम समय में भारत ने जो सुविधाएं तैयार की हैं, वो हमारे देश के सामर्थ्य को दिखाता है। जनसंख्या के अलावा यहां की भौगोलिक स्थिति चुनौती बनकर खड़ी थी। मगर, सरकार ने दृढ़ संकल्प के साथ काम करते हुए इस चुनौती को पार किया। हमने कोविड-19 पोर्टल के माध्यम से सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाकर पूरी दुनिया को एक राह दिखाई है। अब तक 93 करोड़ रोज लगाई जा चुकी है, जल्द ही हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएंगे। उन्होंने कहा कि आक्सीजन आपूर्ति के क्षेत्र में जहां हम सिर्फ 900 मैट्रिक टन मेडिकल आक्सीजन का उत्पादन करते थे, वही हमने इस अकल्पनीय लक्ष्य को 10 गुना बढ़ाकर दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की है।उन्होंने कहा कि भारत में आक्सीजन का सबसे अधिक प्रोडक्शन पूर्वी भारत में होता था। जबकि, इसकी सबसे अधिक जरूरत उत्तर व पश्चिमी भारत में पड़ी। ऐसे में पूरब से उत्तर पश्चिम तक आक्सीजन की आपूर्ति करना एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था। सरकार ने आक्सीजन टैंकर के अलावा स्पेशल ट्रेन तथा वायु सेना की मदद से इस चुनौती का हल किया। डीआरडीओ की मदद से आक्सीजन उत्पादन के लिए नए संयंत्रों का निर्माण किया गया और आज देश का प्रत्येक जिला आक्सीजन उत्पादन के लिए आत्मानिर्भर हो गया है।इस अवसर पर केंद्रीय परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वैश्वक महामारी कोरोना पूरे विश्व के लिए एक चुनौती बनकर आई थी, भारत ने उसका डटकर मुकाबला किया। कोरोना से प्रभावी जंग के लिए जब दुनिया में वैक्सीन बनाने की शुरुआती गई, तब भारत ने अपने वैज्ञानिकों पर भरोसा किया। उन्हें प्रोत्साहित कर देश में ही स्वदेशी वैक्सीन का निर्माण किया गया। यही नहीं भारत में वसुधैव कुटुंबकम की भावना को केंद्र में रखते हुए दुनिया के 120 देशों को वैक्सीन देने का काम किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि हमारे लिए यह सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवभूमि से उत्तराखंड समेत देश के विभिन्न ऑक्सीजन प्लांट्स का शुभारंभ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखंड से विशेष लगाव रहा है, इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड को ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, उड़ान योजना से एयर कनेक्टिविटी को मजबूत करने समेत केदारनाथ पुनर्निर्माण की सौग़ात दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जब भी देवभूमि आते हैं तो हम सब को जनसेवा के कार्य करने की नई ऊर्जा मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह दौरा उत्तराखंड के विकास की लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होगा।

कार्यक्रम में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट (सेनि) जनरल गुरमीत सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत मंच पर मौजूद रहे।कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, विजय बहुगुणा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, काबीना मंत्री यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत, बिशन सिंह चुफाल, सुबोध उनियाल, सतपाल महाराज, रेखा आर्य, यतीश्वरानंद, राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, नरेश बंसल, देहरादून महापौर सुनील उनियाल गामा, ऋषिकेश महापौर अनीता ममगाईं, एम्स के निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी, डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।

केदारनाथ में गर्भगृह में दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल आएंगे उत्तराखंड

उच्च न्यायालय से चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध हटने के बाद देवस्थानम बोर्ड ने भी राहत दी है। अब श्रद्धालुओं को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर भी पंजीकरण नहीं कराना होगा। बल्कि राज्य में प्रवेश के लिए सिर्फ स्मार्ट सिटी की साइट पर ही पंजीकरण कराना होगा।चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम में गर्भगृह गृह की परिक्रमा कर दर्शन कर सकेंगे, लेकिन उन्हें शिवलिंग पर जलाभिषेक, घी लेपन आदि की अनुमति नहीं होगी। अलबत्ता, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

शासन द्वारा चारधाम यात्रा की मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) में संशोधन किए जाने के बाद अब चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भी इसी के अनुरूप तैयारियों में जुट गया है। बोर्ड ने भी संशोधित एसओपी जारी की है। मंडलायुक्त एवं बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के अनुसार परंपरानुसार बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में गर्भगृह में श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन केदारनाथ में पूर्व में अनुमति दी जाती थी। इस बार वहां गर्भगृह की एक बार परिक्रमा कर दर्शन की अनुमति दी गई है।

चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या के आने पर कोई रोक नहीं है। ऐसे में अब देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण का कोई औचित्य नहीं है। अब लोग सीधे स्मार्ट सिटी की साइट पर पंजीकरण करा कर चारों धामों में दर्शन कर सकेंगे। बावजूद इसके उन्हें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। सैनिटाइजर, मास्क की पर्याप्त उपलब्धता है तो सुरक्षित शारीरिक दूरी के हिसाब से व्यवस्था बनाई गई है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि केदारनाथ और बदरीनाथ में कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए पर्याप्त संख्या में यात्रियों के रात्रि विश्राम की भी व्यवस्था है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल ऋषिकेश के प्रस्तावित दौरे को लेकर सरकारी अमला सक्रिय हो गया है। पीएम के स्वागत की तैयारियों में अधिकारी और कर्मचारी जुट गए हैं। मोदी यहां ऋषिकेश एम्स में नवनिर्मित एक हजार लीटर क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने आ रहे हैं। एम्स ऋषिकेश आगमन पर सुरक्षा में किसी तरह की चूक नहीं हो, इसके लिए शासन-प्रशासन ने एम्स के हैलीपेड तक पूर्वाभ्यास कर व्यवस्थाओं को परखा। उत्तराखंड पुलिस की निगरानी में वायुसेना के हेलीकॉप्टर की सुरक्षित लैंडिंग भी करायी गई। पीएम मोदी के दौरे के दौरान हैलीपेड के चारों और बैरिकेडिंग लगाकर आम आदमी की आवाजाही को बंद कर दिया जाएगा। हैलीपेड पर एसपीजी और उत्तराखंड पुलिस के साथ सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों की टीम, लोनिवि, जलसंस्थान, आबकारी विभाग, तहसील प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मसूरी के निकट गांव क्यारकुली के ग्राम प्रधान कौशल्या रावत से संवाद किया, प्रधानमंत्री ने कहा पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के ही काम आ रही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी जयंती पर देश की पांच ग्राम सभाओं के साथ जल-जीवन मिशन योजना के तहत वर्चुअल संवाद किया। इस दौरान उन्होंने मसूरी के निकटवर्ती गांव क्यारकुली की ग्राम प्रधान कौशल्या रावत से संवाद किया। उन्होंने पहाड़ पर पानी की समस्या और उसके हल पर विस्तार से बात की।उन्होंने मसूरी शहर के निकटवर्ती गांव क्यारकुली की ग्राम प्रधान कौशल्या रावत से पीएम मोदी ने संवाद कर पानी की समस्या और उसके हल पर विस्तार से बात की। कौशल्या रावत से करीब पांच मिनट 13 सैकेंड जल जीवन मिशन के तहत किए गए कार्यों पर विचार रखे।

कौशल्या ने प्रधानमंत्री को बताया कि जलजीवन मिशन के बाद से गांव में पेयजल की कमी दूर हो गई है। हर घर में नल और जल है। कहा कि योजना के बाद पानी की कमी जैसे ही दूर हुई तो ग्रामीणों ने स्वरोजगार के लिए भी कदम उठाया। बताया कि ग्रामीणों ने सरकार की मदद से होम स्टे का कार्य शुरू कर दिया है, जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ गई है। प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है। प्रदेश सहित देश के दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों ने अब गांव की ओर रुख करना शुरू कर दिया है।

पीएम मोदी ने कहा कि पर्वतीय जिलों के गांवों में होम स्टे खुलने के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा एक सराहनीय काम है। कहा कि इससे गांवों से पलायन पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने ग्राम क्यारकुली में हुए कोविड टीकाकरण को लेकर भी जानकारी ली, जिस पर ग्राम प्रधान कौशल्या रावत ने बताया कि उनकी ग्राम पंचायत में शतप्रतिशत टीकाकरण हो गया है।

शनिवार को देशभर के गांवों के साथ क्यारकुली गांव के लोगों से भी प्रधानमंत्री ने वर्चुअल संवाद किया। प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारी गांव पहुंचे और कार्यक्रम में शामिल हुए।पानी को लेकर हमें आदतें बदलनी होंगी। पानी बर्बाद करने से बचना होगा। साथ ही किसान भी कम पानी वाली फसलों पर ज्यादा जोर दें।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त, 2019 में जल-जीवन मिशन की घोषणा की थी। इस मिशन का उद्देश्य हर घर में पानी की सप्लाई पहुंचाना है। वर्तमान में सिर्फ ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 17 प्रतिशत लोगों के पास ही पानी की सप्लाई है।

 

महात्मा गांधी जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप ‘हर घर जल’ तथा राष्ट्रीय जल जीवन कोष का शुभारंभ किया, कहा- पानी बचाने के प्रयास जरूरी; लोगों को अपनी आदतें बदलनी होंगी

आज महात्मा गांधी की जयंती है, जिसे अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी जाना जाता है। 2 अक्टूबर का दिन भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। 2 अक्टूबर को हर वर्ष गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। महात्मा गांधी का जन्म  2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। अंग्रेजों से आजादी दिलाने में महात्मा गांधी का विशेष योगदान रहा है। महात्मा गांधी को बापू के नाम से भी जाना जाता है।

2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अलावा देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी होती है। आज गांधी जयंती के मौके पर बापू को पूरा देश नमन कर रहा है।महात्‍मा गांधी की जयंती के खास अवसर पर आज राजघाट स्थित गांधी समाधि स्थल पर सर्व-धर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला, दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजघाट पहुंचकर राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।

महात्मा गांधी जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जल जीवन मिशन एप को लांच किया। इस दौरान उन्होंने जल जीवन कोष (राष्ट्रीय जल कोष) भी लांच किया। उन्होंने इस दौरान जल जीवन मिशन के लाभार्थियों से बातचीत भी की। पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड, मणिपुर और गुजरात सहित देश के पांच राज्यों में जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के लाभार्थियों के साथ बातचीत की। पीएम मोदी ने इस दौरान पानी समितियों और ग्राम पंचायतों के साथ संवाद भी किया।

मोदी ने हर घर नल जल योजना को विकेन्द्रीकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को उभारने का बहुत बड़ा आंदोलन बताते हुए आज कहा कि गांवों और महिलाओं द्वारा संचालित इस मिशन से महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज को साकार किया जा रहा है।

मोदी ने आज यहां जल जीवन मिशन के मोबाइल ऐप ‘हर घर जल’ तथा राष्ट्रीय जल जीवन कोष का शुभारंभ किया और कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता देश के ग्रामीण क्षेत्रों के हर घर को नल से जल पहुंचाना है। उनका कहना था कि गांव की महिलाएं हर दिन कई किलो मीटर दूर जाकर पोखड़ों और नदियों से पानी लाती हैं, इस पर आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन उन्होंने जो जल जीवन मिशन शुरू किया है, उससे गांव के इन लोगों का जीवन बहुत आसान हो जाएगा।

प्रधानमंत्री से बातचीत में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की बबेरू तहसील के एक गांव के प्रधान गिरिजा कांत तिवारी, गुजरात के बनासकांठा जिले के एक गांव के प्रधान रमेश भाई पटेल, उत्तराखंड से कौशल्या, तमिलनाडु में के. सुधा, मणिपुर से एल. सरोजिनी देवी ने अपने अपने क्षेत्र में नल से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति से आये बदलावों की जानकारी दी और सरकार का आभार व्यक्त किया।

मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री को याद किया। उन्होंने कहा कि पूज्य बापू और लाल बहादुर शास्त्री जी इन दोनों महान व्यक्तित्वों के हृदय में भारत के गांव ही बसे थे। यह खुशी की बात है कि आज के दिन देशभर के लाखों गांवों के लोग ‘ग्राम सभाओं’ के रूप में जल जीवन संवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जल जीवन मिशन का विजन, सिर्फ लोगों तक पानी पहुंचाने का ही नहीं है। ये विकेंद्रीकरण का भी बहुत बड़ा आंदोलन है। ये गांवों एवं महिलाओं द्वारा संचालित आंदोलन है। इसका मुख्य आधार, जनआंदोलन और जनभागीदारी है।’’ उन्होंने कहा कि जनता की भागीदारी से ही सरकार का कोई भी कार्यक्रम सफल हो सकता है चाहे जल जीवन मिशन हो या कोविड का टीकाकरण।

मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह तो गुजरात जैसे राज्य से हैं जहां अधिकतर सूखे की स्थिति दिखायी देती है। उन्होंने ये भी देखा है कि पानी की एक-एक बूंद का कितना महत्व होता है। इसलिए गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए, लोगों तक जल पहुंचाना और जल संरक्षण, उनकी प्राथमिकताओं में रहे। प्रधानमंत्री बनने के लिए उन्होंने देश भर में इस काम को प्राथमिकता दी।

उन्होंने कहा, ‘‘आजादी से लेकर 2019 तक, हमारे देश में सिर्फ 3 करोड़ घरों तक ही नल से जल पहुंचता था। 2019 में जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद से, 5 करोड़ घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ा गया है। आज देश के लगभग 80 जिलों के करीब सवा लाख गांवों के हर घर में नल से जल पहुंच रहा है। यानी पिछले सात दशकों में जो काम हुआ था, आज के भारत ने सिर्फ 2 साल में उससे ज्यादा काम करके दिखाया है।उन्होंने कहा कि देश में पानी के प्रबंधन एवं कृषि ंिसचाई को खड़ा करने का बड़े स्तर पर काम चल रहा है। गंगा के अलावा कई अन्य नदियों के जल को प्रदूषण मुक्त करने और भूजल स्तर उठाने का प्रयास चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की, ‘‘मैं देश के हर उस नागरिक से कहूंगा जो पानी की प्रचुरता में रहते हैं, कि आपको पानी बचाने के ज्यादा प्रयास करने चाहिए और निश्चित तौर पर इसके लिए लोगों को अपनी आदतें भी बदलनी ही होंगी।’’ हर घर जल को ग्रामीण भारत एवं महिला सशक्तीकरण का बहुत प्रभावी औजार बताते हुए मोदी ने कहा कि गांव की महिलाओं का सशक्तिकरण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। बीते वर्षों में बेटियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। घर और स्कूल में टॉयलेट्स, सस्ते सैनिटेरी पैड्स से लेकर, गर्भावस्था के दौरान पोषण के लिए हजÞारों रुपए की मदद और टीकाकरण अभियान से मातृशक्ति और मजबूत हुई है। भारत का विकास गांवों के विकास पर ही निर्भर है। गांव में रहने वाले लोगों,युवाओं, किसानों के साथ सरकार ऐसी योजनाओं को प्राथमिकता दे रही है, जो गांवों को और अधिक सशक्त बनाए।

उन्होंने कहा कि गांव के लोगों को गांव में ही बेहतर उपचार मिले, इसके लिए 1.5 से ज्यादा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 2014 से पहले के पांच वर्षों में जितनी मदद सरकार ने बहनों के लिए भेजी, बीते सात वर्षों में उसमें लगभग 13 गुना बढ़ोतरी की गई है। लगभग पौने चार लाख करोड़ रुपये का ऋण भी स्वयं सहायता समूह की माताओं-बहनों को उपलब्ध कराया गया है।

इस मौके पर शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में राज्य में पानी की सुलभता का बड़ा प्रयोग करके जनजीवन में बड़ा परिवर्तन लाने में कामयाबी पायी थी। अब पूरे देश में हर गांव हर घर में नल से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का संकल्प लिया गया है। उनकी प्रेरणा से हम नयी ऊर्जा और शक्ति से इसे क्रियान्वित करने के लिए आगे बढ़ेंगे।

उल्लेखनीय है कि मोदी ने प्रत्येक परिवार को स्वच्छ नल-जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। वित्त वर्ष 2021-22 से लेकर 2025-26 के लिए एक लाख 42 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। मिशन की शुरुआत के समय, केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों के पास नल-जल आपूर्ति की सुविधा थी।

कोविड-19 महामारी के बावजूद, पिछले दो वर्षों में 5 करोड़ से अधिक परिवारों को नल-जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। अब तक लगभग 8.26 करोड़ (43 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों के लिए उनके घरों में नल-जल की आपूर्ति की जा रही है। देश के 78 जिलों, 58 हजार ग्राम पंचायतों और 1.16 लाख गांवों में प्रत्येक परिवार को नल-जल आपूर्ति की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अब तक 7.72 लाख (76 प्रतिशत) स्कूलों तथा 7.48 लाख (67.5 प्रतिशत) आंगनवाड़ी केंद्रों में नल-जल आपूर्ति की सुविधा प्रदान की गई है। करीब दो हजार पानी गुणवत्ता जांच प्रयोगशालायें स्थापित की है और सात लाख महिलाओं को पानी की गुणवत्ता की जांच करने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि, कहा- बापू का जीवन हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा,PMआज जल जीवन मिशन ऐप की भी शुरुआत करेंगे

देश की आजादी में महात्मा गांधी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। देश ने उन्हें राष्ट्रपिता का दर्जा दिया है। उनका अतुलनीय योगदान अविस्मरणीय है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर 1869 को हुआ था। उनके कार्यों तथा विचारों ने देश की स्वतंत्रता और इसके बाद आजाद भारत को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई थी। अगर पूरी दुनिया में भारत का नाम सम्मान से लिया जाता है तो इसके लिए सबसे पहला श्रेय महात्मा गांधी को जाता है। अहिंसा और सत्य के पुजारी गांधी की 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज जयंती है।भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनके संघर्षों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उनके अतुलनीय योगदान के कारण हीं उन्हें भारत राष्ट्र का राष्ट्रपिता कहा जाता है। आज पूरी दुनिया से लोग महात्मा गांधी की जयंती पर बापू को याद करेंगे।महात्मा गांधी की जयंती पर देश के बड़े-बड़े नेताओं उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए याद किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी है।

महात्मा गांधी को जन्म-जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। पूज्य बापू का जीवन और आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा।’ उन्होंने लिखा, गांधी जयंती पर मैं आदरणीय बापू को नमन करता हूं। उनके महान सिद्धांत विश्व स्तर पर प्रासंगिक हैं और लाखों लोगों को ताकत देते हैं।

हात्मा गांधी जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जल जीवन मिशन एप को लांच करेंगे। पीएम मोदी फिलहाल उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड, मणिपुर और गुजरात सहित देश के पांच राज्यों में जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के लाभार्थियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। जागरूकता पैदा करने, व्यापक पारदर्शिता लाने और जिम्मेदारी तय करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल शक्ति मंत्रालय के प्रमुख जल जीवन मिशन को समर्पित एक एप को लांच करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान जल जीवन कोष (राष्ट्रीय जल कोष) भी लांच करेंगे, जिसमें कोई भी व्यक्ति, कोई भी संगठन, कोई कंपनी या यहां तक कि एक गैर सरकारी संगठन, चाहे वह भारत में हो या विदेश में, ग्रामीण क्षेत्र में एक स्कूल या एक नल के पानी का कनेक्शन लेने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र या आश्रम आदि के लिए धन दान कर सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अक्टूबर को  ग्राम पंचायतों और VWSC के साथ बातचीत,आज पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन 2.0 का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अक्टूबर को  जल जीवन मिशन ऐप और राष्ट्रीय जल जीवन कोष का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 2 अक्टूबर, 2021 को सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन पर ग्राम पंचायतों और पाणी समितियों/ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (VWSC) के साथ बातचीत करेंगे।प्रधानमंत्री हितधारकों के बीच जागरूकता में सुधार और मिशन के तहत योजनाओं की अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए जल जीवन मिशन ऐप लॉन्च करेंगे।प्रधानमंत्री राष्ट्रीय जल जीवन कोष का भी शुभारंभ करेंगे, जहां कोई भी व्यक्ति, संस्था, कारपोरेट या समाजसेवी, चाहे वह भारत में हो या विदेश में, हर ग्रामीण घर, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, आश्रमशाला और अन्य सार्वजनिक संस्थानों में नल का पानी कनेक्शन प्रदान करने में मदद करने में योगदान दे सकता है।जल जीवन मिशन पर राष्ट्रव्यापी ग्राम सभाएं भी दिन में होंगी। ग्राम सभाओं में ग्राम जलापूर्ति प्रणालियों की योजना और प्रबंधन पर चर्चा की जाएगी और दीर्घकालिक जल सुरक्षा की दिशा में भी काम किया जाएगा ।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अमृत 2.0 लॉन्च किया, जिसे सभी शहरों को ‘कचरा मुक्त’ और ‘पानी सुरक्षित’ बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अमृत 2.0 के शुभारंभ पर पीएम मोदी ने कहा, ”स्वच्छ भारत मिशन 2.0 का उद्देश्य शहरों को कचरा मुक्त बनाना है। इस दूसरे चरण के साथ, हमारा लक्ष्य सीवेज और सुरक्षा प्रबंधन, शहरों को जल-सुरक्षित बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि गंदे नाले नदियों में न मिलें।”स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में अगले पांच वर्षों के भीतर शहरों से निकलने वाले कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन किया जाएगा, जिससे महानगरों और शहरों के बाहर कूड़े के पहाड़ बनने की नौबत नहीं आएगी।

उन्‍होंने कहा, ”स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अमृत 2.0 का यह दूसरा चरण भी बीआर अंबेडकर के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह हमारा सौभाग्य है कि आज का कार्यक्रम बीआर अंबेडकर केंद्र में आयोजित किया गया है। उनका मानना था कि शहरी विकास समानता के लिए महत्वपूर्ण है।’इस दौरान वर्ष 2014 में खुले में शौच को खत्‍म करने का लक्ष्‍य निर्घारित किया गया था। इसको दस करोड़ शौचालय बनाकर पूरा किया गया है। अब शहरों को कचरा मुक्‍त किया जाएगा।

पीएम ने कहा, ”टॉफी के रैपर अब फर्श पर नहीं फेंके जाते बल्कि जेब में रखे जाते हैं। बच्चों ने बड़ों को आसपास कूड़ा न फैलाने की चेतावनी दी है। युवा पहल कर रहे हैं। कोई वेस्ट से दौलत कमा रहा है तो कोई जागरुकता पैदा कर रहा है। सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग किया जा रहा है, यह जागरूकता है।”उन्‍होंने कहा कि आज भारत प्रतिदिन लगभग 1 लाख टन कचरे का प्रसंस्करण कर रहा है। जब हमने 2014 में अभियान शुरू किया था, तब 20% से भी कम कचरे को संसाधित किया जा रहा था। आज हम लगभग 70% दैनिक कचरे का प्रसंस्करण कर रहे हैं। अब हमें इसे 100% तक ले जाना है। स्वच्छता द्वितीय चरण के तहत शहरों में कचरे के पहाड़ों को संसाधित और पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। ऐसा ही एक कचरे का पहाड़ दिल्ली में लंबे समय से है, उसके भी हटने का इंतजार है।”