प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदरानाथ धाम में आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का किया अनावरण, केदरानाथ पुनर्निमाण कार्यों का लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदरानाथ धाम के दौरे पर थे। पीएम मोदी ने भगवान केदारनाथ की पूजा अर्चना की और शिव का रूद्राभिषेक किया। मंदिर में पूजा के बाद पीएम मोदी ने आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण किया। उन्होंने वहां करोड़ों रुपयों की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में सरस्वती रिटेनिंग वॉल आस्थापथ और घाट, मंदाकिनी रिटेनिंग वॉल आस्थापथ, तीर्थ पुरोहित हाउस और मंदाकिनी नदी पर गरुड़ चट्टी पुल शामिल हैं।

केदारनाथ धाम हिमालय पर्वत की गोद में उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हिन्दुओं का प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ 4 धाम और पंच केदार में से भी एक है। प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मंदिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्‍य ही दर्शन के लिए खुलता है। यह मंदिर पत्‍थरों से कत्यूरी शैली में बना है। इस मंदिर का निर्माण पाण्डव वंश के राजा जनमेजय ने कराया था। यहां स्थित स्वयम्भू शिवलिंग अति प्राचीन है। आदि शंकराचार्य ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।पीएम मोदी पहले भी केदारनाथ धाम का दर्शन करने आते रहे हैं। वे वाराणसी लोकसभा क्षेत्र का संसद में प्रतिनिधित्व करते हैं, जो बाबा विश्वनाथ की नगरी है। वाराणसी के बाबा विश्वनाथ भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ से अपने संबोधन में कहा कि आज सभी मठों, 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्ति धाम,अनेक तीर्थ क्षेत्रों पर देश के गणमान्य महापुरुष, पूज्य शंकराचार्य परंपरा से जुड़े हुए सभी वरिष्ठ ऋषि, मनीषी और अनेक श्रद्धालु भी देश के हर कोने से केदारनाथ की इस पवित्र भूमि के साथ हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। उन्होंने कहा आप सभी आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुनर्स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। ये भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बहुत अलौकिक दृश्य है। उन्होंने आगे कहा हमारे उपनिषदों में, आदि शंकराचार्य जी की रचनाओं में कई जगह नेति-नेति कहकर एक भाव विश्व का विस्तार दिया गया है। रामचरित मानस को भी हम देखें तो इसमें में अलग तरीके से ये भाव दोहराया गया है।

केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मैंने दिल्ली से केदारनाथ में पुनर्विकास कार्यों की नियमित समीक्षा की है। मैंने ड्रोन फुटेज के माध्यम से यहां किए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इन कार्यों के लिए मार्गदर्शन के लिए मैं यहां सभी ‘रावलों’ को धन्यवाद देना चाहता हूं।रामायण का का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि रामचरित मानस में कहा गया है- ‘अबिगत अकथ अपार, नेति-नेति नित निगम कह’ अर्थात्, कुछ अनुभव इतने अलौकिक, इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता। बाबा केदारनाथ की शरण में आकर मेरी अनुभूति ऐसी ही होती है। पीएम ने कहा बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा?लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा।

उन्होंने कहा कि इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। मैं इन पुनीत प्रयासों के लिए उत्तराखंड सरकार का, मुख्यमंत्री धामी जी का, और इन कामों की ज़िम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद करता हूँ ।एक ही शिला काटकर बनाई गई शंकराचार्य की बारह फुट लंबी प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री ने उसके समक्ष बैठकर उनकी आराधना की। इससे पहले, मोदी ने केदारनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की और उनका रूद्राभिषेक किया। मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंचने पर पुजारियों ने प्रधानमंत्री का माथे पर लेप लगाकर स्वागत किया। मोदी के इस कार्यक्रम का आदि शंकराचार्य द्वारा चारों दिशाओं में स्थापित किए गए चारों धाम बद्रिकाश्रम ज्योतिर्पीठ बदरीनाथ, द्वारिका पीठ, पुरी पीठ और रामेश्वरम और 12 ज्योतिर्लिंगों सहित देशभर के शिवालयों में सीधा प्रसारण किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी शंकराचार्य के समाधि स्थल का लोकार्पण भी किया जो 2013 की प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था। मोदी केदारनाथ में 400 करोड़ रुपये से अधिक के ​पुनर्निमाण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। इससे पहले, भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देहरादून के निकट जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे मोदी का राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अन्य लोगों ने स्वागत किया। हवाई अड्डे से वह हेलीकॉप्टर से सीधे केदारनाथ के लिए रवाना हो गए।

तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र, धन सिंह और मदन कौशिक का किया विरोध, देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विरोध में आज गंगोत्री बाजार रहेगा बंद

केदारनाथ धाम के दर्शनों को गए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को सोमवार को केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। विरोध के बीच ही त्रिवेंद्र रावत ने बाबा केदार के दर्शन किए।पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी। तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं और इसे भंग करने की मांग कर रहे हैं।तीर्थपुरोहितों का विरोध अब भी जारी है। वहीं, मंत्री धन सिंह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को भी तीर्थ पुरोहितों ने घेर लिया।

चारधामों में यात्रा व्यवस्था और प्रबंधन के लिए सरकार की ओर से देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था, जिसका शुरुआत से ही तीर्थ पुरोहित विरोध कर रहे। बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर महापंचायत ने लंबा आंदोलन भी किया था। अब एक बार फिर तीर्थ पुरोहित मुखर हो गए हैं। उन्होंने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के केदारनाथ पहुंचने पर विरोध किया। उनका कहना है कि त्रिवेंद्र रावत ही देवस्थानम को लाने वाले हैं।

उत्तराखंड सरकार की ओेर से देवस्थानम बोर्ड भंग करने को लेकर कोई सकारात्मक कार्यवाही न करने पर गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विरोध में आज गंगोत्री बाजार बंद रहेगा। रविवार को गंगोत्री धाम में श्री पांच मंदिर गंगोत्री समिति, तीर्थ पुरोहितों, हकहकूक धारियों तथा स्थानीय व्यापारियों की एक बैठक संपंन हुई थी। जिसमें सभी तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों एवं हकहकूक धारियों ने देवस्थानम बोर्ड भंग न होने पर नाराजगी व्यक्त की।साथ ही तीर्थ पुरोहित भी गंगोत्री मंदिर की नियमित पूजा के अलावा अन्य तीर्थ यात्रियों के आग्रह पर होने वाली पूजा-पाठ नहीं कराएंगे। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को रद करने के बजाय सरकार अब तीर्थ पुरोहितों को भ्रमित कर रही है।

केदारनाथ में ऐतिहासिक होने वाला है पांच नवंबर का दिन, एक ही समय पर केदारधाम से देश के 11 अन्य ज्योतिर्लिंग को ऑनलाइन कनेक्ट करने की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पांच नवंबर को केदारनाथ धाम में पहुंचेंगे,बाबा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का  केदारनाथ धाम का दौरा अनूठा और यादगार होने जा रहा है।इस दिन जब पीएम बाबा केदार की शरण में होंगे, ठीक उसी समय उत्तराखंड के सभी प्रमुख शिवालयों में भाजपा के वरिष्ठ नेता विशेष पूजा अर्चना करते दिखेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बाबा केदार के प्रति आस्था जग जाहिर है। ऐसे में एक बार फिर दिवाली के समय पीएम मोदी बाबा केदार नाथ के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। दिवाली व कपाट बंद होने से पहले केदारनाथ मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाएगा। इसके लिए प्रशासन व देवस्थानम बोर्ड द्वारा जरूरी तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर करने के साथ ही 10 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया जाएगा। साथ ही मंदिर परिसर व मंदिर के चारों तरफ घी के दीए जलाए जाएंगे। इसके अलावा मंदिर के मध्य में भव्य रंगोली साथ परिसर को रंग-बिरंगे झालर से भी सुशोभित किया जाएगा।

एक ही दिन में एक ही समय पर केदारधाम से देश के 11 अन्य ज्योतिर्लिंग और उत्तराखंड के सभी शिवधामों को ऑनलाइन जोड़ने की योजना है। प्रदेश संगठन इसकी तैयारी में जुट गया है। प्रधानमंत्री केदारनाथ के कपाट बंद होने से ठीक एक दिन पहले पांच नवंबर को उत्तराखंड आएंगे। उनका केदारनाथ का कार्यक्रम तय हो चुका है।

इस दिन जब पीएम बाबा केदार के दर्शन करेंगे में होंगे,उसी दिन में एक ही समय पर केदारधाम से देश के 11 अन्य ज्योतिर्लिंग और उत्तराखंड के सभी शिवधामों को वर्चुअल जोड़ने की योजना है साथ ही ठीक उसी समय उत्तराखंड के सभी प्रमुख शिवालयों में भाजपा के वरिष्ठ नेता विशेष पूजा अर्चना करते दिखेंगे।प्रधानमंत्री का दौरा इस बार विशेष के साथ अनूठा बनाने के लिए भाजपा संगठन जोर की तैयारियों में जुट गया है,अमूमन जब प्रधानमंत्री कहीं जाते हैं तो उस प्रदेश के नेता उनका स्वागत के लिए मौजूद रहते हैं साथ ही प्रधानमंत्री के हर कार्यक्रम में भी मौजूद रहते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा,प्रधानमंत्री जहां बाबा केदार के दर्शन करेंगे तो उसी समय भाजपा के सभी मंत्री और नेता प्रदेश के अलग अलग शिवालयों से पूजा करंगे और वर्चुअल माध्यम से एक दूसरे से जुड़ेंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी के केदारधाम आने पर सरकार के सभी मंत्री, पार्टी विधायक व पदाधिकारी बाबा के धाम नहीं पहुंचना होगा।जब पीएम मोदी केदारनाथ में बाबा के दर्शन कर रहे होंगे, ठीक उसी समय भाजपा के वरिष्ठ नेता अपने आसपास के शिवालयों में पूजा अर्चना करेंगे। केदारनाथ समेत देश की सभी दिशाओं में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों को भी ऑनलाइन कनेक्ट करने की तैयारी है। पीएम के दौरे के माध्यम से एक साथ सभी ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने का प्रयास होगा।

केदारनाथ समेत देश की सभी दिशाओं में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों को भी वर्चुअल कनेक्ट करने की तैयारी की जा रही है। पीएम के दौरे के माध्यम से एक साथ सभी ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने का प्रयास होगा,जबकि अनेक शिवालयों से ठीक उसी समय भाजपा नेता भी पूजा अर्चना करेंगे।

सरकार के स्तर पर उनके केदारनाथ में स्वागत की तैयारियां तेजी से शुरू हो गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वर्चुअल और दूरभाष के माध्यम से लगातार दिशा-निर्देश दे रहे हैं। पुनर्निर्माण कार्यों से दिव्य और भव्य स्वरूप ले रही केदारनगरी में पीएम आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। करीब 400 करोड़ से तैयार पुनर्निर्माण कार्यों का भी लोकार्पण करेंगे।

प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर भाजपा प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी पांच नवंबर को केदारनाथ आ रहे हैं। इस दिन सभी ज्योतिर्लिंग भी वर्चुअल जुड़ेंगे। पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता राज्य के शिव मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष हरिद्वार, रक्षा राज्य मंत्री जागेश्वर में, पूर्व मुख्यमंत्री भी अलग-अलग स्थानों पर शिवालयों में जाएंगे और वर्चुअल माध्य से जुड़ेंगे। पार्टी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

भगवान भोलेनाथ के पूरे देश मे 12 ज्योतिर्लिंग हैं

1.केदारनाथ (उत्तराखंड) 2.सोमनाथ (गुजरात),3. मल्लिकार्जुन (आंध्रप्रदेश), 4.महाकालेश्वर (मध्यप्रदेश),5. ऊंकारेश्वर (मध्यप्रदेश), 6. भीम शंकर(महाराष्ट्र), 7. काशी विश्वनाथ (उत्तरप्रदेश) 8. त्रयम्बकेश्वर (महाराष्ट्र) 9. वैद्यनाथ (झारखंड), 10. नागेश्वर (गुजरात), 11. रामेश्वर (तमिलनाडु),12.  घृष्णेश्वर (महाराष्ट्र)।

चारधाम में जमकर हुई बर्फबारी, बर्फ की सफेद चादर से ढका केदारनाथ धाम,उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

उत्तराखंड की ऊंची पहाड़ियों पर रविवार शाम को बर्फबारी होने से ठंड में इजाफा हो गया है। वहीं, केदारनाथ धाम में रविवार देर शाम जमकर बर्फबारी हुई।उत्तराखंड स्थित भगवान शिव के 11वें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ धाम में सोमवार भोर से हो रही बर्फबारी ने स्वच्छ, धवल चादर सरीखा रूप ले लिया है। बर्फबारी से हवाई सेवा पर प्रभावित हुई है। राहत बल यहां लगातार बर्फ हटाने का काम कर रहे हैं।इस बीच सांयकालीन आरती के लिए  श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा रहा। श्रद्धालु छाता लेकर पूजा करते नजर आए। वहीं, रात भी बर्फबारी हुई तो सुबह धाम बर्फ से सराबोर नजर आया।

देवस्थानम बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. हरीश गौड़ ने आज यहां बताया कि रविवार शाम केदारनाथ धाम में बारिश के बाद बफर्बारी शुरू हुई। उन्होंने बताया कि हेलीपैड एवं रास्ते से बर्फ हटाई जा रही है।बेहद सर्द मौसम के बादवजूद चार धाम यात्रा जारी है। गौड़ ने बताया कि ऋषिकेश चारधाम बस टर्मिनल एवं हरिद्वार बस अड्डे से तीर्थयात्री चारधाम को लगातार प्रस्थान कर रहे हैं। ऋषिकेश में विभिन्न विभागों यथा- देवस्थानम बोर्ड एवं यात्रा प्रशासन संगठन सहित पुलिस, चिकित्सा- स्वास्थ्य, परिवहन, पर्यटन, नगर निगम, संयुक्त रोटेशन के हेल्प डेस्क यात्रियों की सहायता मार्गदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बदरीनाथ धाम, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए सड़क मार्ग सुचारू है।

विश्व विख्यात केदारनाथ धाम की अंतिम चरण की यात्रा शुरू हो गई है।केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने में अब मात्र 11 दिन का समय शेष है। नवम्बर को केदारनाथ के कपाट बंद हो जाएंगे। अंतिम चरण की यात्रा में भक्तों का भारी हुजूम उमड़ रहा है। तीन दिन तक यात्रा पर मौसम ने ब्रेक लगा तो श्रद्धालू मायूस हो गए। लेकिन, जैसे ही यात्रा दुबारा शुरू हुई तो श्रद्धालुओं का हुजूम सोनप्रयाग के पुल पर देखने को मिला।पुल पर बेतहाशा भीड़ दिख रही है। हजारों की संख्या में भक्त केदारनाथ धाम में ही रात्रि प्रवास कर रहे हैं। कंपकपाती ठंड के बीच भक्तों के जयकारे सर्द मौसम को गर्म बना दे रहे हैं।

रविवार को यमुनोत्री धाम में सीजन की पहली बर्फबारी हुई थी। धाम में हल्की बर्फबारी होने से ठंड में भी इजाफा हो गया है। साथ ही बिजली सप्लाई ठप हो गई है। सुबह खिली धूप के साथ यमुनोत्री धाम व बंदरपूंछ और सप्त ऋषिकुंड का की पहाड़ियां सफेद चादर से लिपटी नजर आई।

रविवार को राजधानी देहरादून समेत आसपास के इलाकों में तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश हुई, वहीं पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एवं वरिष्ठ मौसम विज्ञानी विक्रम सिंह के मुताबिक आज मौसम साफ बना रहेगा। लेकिन आने वाले दिनों में पर्वतीय इलाकों में भारी बर्फबारी हो सकती है।