किसानों के रेल रोको आंदोलन से देशभर में 30 जगहों पर असर, हजारों यात्री परेशान

तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले करीब एक साल से विरोध प्रदर्शन जारी है।किसानों ने लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचल कर मारने की घटना और उस मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा मांगते हुए यह रेल रोको आंदोलन करने का ऐलान किया था।  रेल रोको आंदोलन के तहत सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक देश भर में जगह-जगह ट्रेनें रोकने की घोषणा की गई है। हालांकि यूपी, हरियाणा और पंजाब के रेलवे स्टेशनों पर कड़ी सुरक्षा की गई है। लखनऊ पुलिस ने रेलवे परिचालन में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। किसान संगठनों ने बताया कि आंदोलन को सफल बनाने के लिए ड्यूटी निर्धारित कर दी गई हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान संगठनों ने उचाना, बरसोला, जुलाना और नरवाना में ट्रैक जाम कर दिए हैं। सुबह 10 से चार बजे तक आंदोलनकारी किसान रेलवे ट्रैक पर धरना देंगे। सुबह सवा 10 बजे जम्मू तवी एक्सप्रेस दिल्ली की तरफ जाती है। 11 बजे इंटरसिटी एक्सप्रेस पुरानी दिल्ली की तरफ जाती है। दोपहर सवा एक बजे कुरुक्षेत्र से जींद पैसेंजर ट्रेन पहुंचती है। वहीं दिल्ली की तरफ से आने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस दोपहर तीन बजकर 20 मिनट पर जींद जंक्शन पहुंचती है। ट्रैक बाधित होने के कारण ये ट्रेन नहीं आ पाएंगी। किसानों के रेल रोको आंदोलन के चलते प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं। चारों रेलवे स्टेशन पर पुलिस तैनात है। ताकि कोई शरारती तत्व रेलवे की संपत्ति को नुकसान ना पहुंचा सके।

किसानों के रेलवे ट्रैक पर बैठने के कारण 30 जगहों पर प्रभाव पड़ा है। उत्तर रेलवे का कहना है कि 7 ट्रेनों को डेस्टिनेशन के पहले रोकना पड़ा है। जबकि एक ट्रेन को रद्द कर दिया गया है।भारतीय किसान यूनियन ने पश्चिमी यूपी के मोदीनगर और मुजफ्फरनगर में भी ट्रेनों को कुछ वक्त के लिए रोका।

ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर में किसान संगठन के किसानों ने ट्रेन रोककर विरोध प्रदर्शन करने के लिए काशीपुर फ्लाईओवर के नीचे पहुंचे। गरीब रथ ट्रेन के आने का समय देख किसान पटरी पर धरने पर बैठ गए हैं। किसानों ने कहा कि जब तक कृषि कानून हटाए नहीं जाते आंदोलन जारी रहेगा। किसान पीछे हटने वाले नहीं है । इधर किसानों को इकट्ठा होते देख रेलवे पुलिस मौके पर पहुंच गई है। इस मौके पर किसान नेता सलविंदर सिंह कलसी शैतानी मौजूद थे।

दिल्ली और एनसीआर में तेज बारिश के बीच यह किसान आंदोलन हो रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और इस दौरान किसी भी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ न करने की हिदायत पहले ही दे दी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि बंद के दौरान आवश्यक और आपात सेवाओं को किसी तरह बाधित नहीं किया जाएगा।

किसानों ने जब पिछली बार भारत बंद बुलाया था तब पंजाब, हरियाणा, बिहार समेत कई जगहों पर ट्रेनें रोकी गई थीं और हाईवे जाम किए गए थे। हाईवे जाम होने के कारण कई जगहों पर भारी जाम की भी समस्या सामने आई थी। वहीं रेलवे ने एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया था।

किसानों ने लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचल कर मारने की घटना और उस मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा मांगते हुए यह रेल रोको आंदोलन करने का ऐलान किया था। इससे पहले किसान नेताओं ने लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए अंतिम अरदास की थी।इसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांध समेत तमाम विपक्षी नेता शामिल हुए थे। लखीमपुर खीरी कांड में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया गया है और उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि किसान अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं।