जम्मू और कश्मीर में परिसीमन फार्मूला का विरोध, कश्मीरी पार्टियों को मंजूर नहीं जम्मू और कश्मीर का परिसीमन फार्मूला

परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 7 सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इनमें 6 जम्मू और 1 कश्मीर में बढ़ाई जाएंगी। इस संशोधन के बाद विधानसभा में सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी। विधानसभा की कुल 90 सीटों में से 43 जम्मू में, जबकि 47 सीटें कश्मीर में होंगी। इस प्रस्ताव का कश्मीर के गैर भाजपाई दलों ने पुरजोर विरोध किया है।

आयोग की सोमवार 20 दिसंबर को दिल्ली में बैठक हुई थी जिसमें बीजेपी के दो सांसद और एनसी के तीन सांसद भी शामिल हुए थे। बैठक में आयोग ने सभी सदस्यों के साथ विधान सभा में सीटों के प्रस्तावित आबंटन को साझा किया और उन्हें 31 दिसंबर तक अपने विचार सामने रखने को कहा। आयोग ने विधान सभा में सात सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, जिनमें से छह जम्मू में होंगी और एक कश्मीर में। इसी के साथ विधान सभा में कुल सीटों की संख्या 90 हो जाएगी।

इनमें से जम्मू की सीटें 37 से बढ़कर 43 हो जाएंगी और कश्मीर की सीटें 46 से बढ़कर 47। जनसंख्या के आधार पर? बीजेपी को छोड़ कर कश्मीर में चुनाव लड़ने वाली सभी पार्टियों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।2011 की जनगणना के मुताबिक, कश्मीर में 68 लाख 88 हजार 475 जनसंख्या है, यह राज्य की करीब 54.93% आबादी है। इसके पास 46 सीटें हैं, जो कि विधानसभा में प्रतिनिधित्व के हिसाब से 52.87% बैठती है। इसी तरह जम्मू में 53 लाख 78 हजार 538 लोग रहते हैं। इसके पास विधानसभा में 37 सीटें और वहां प्रतिनिधित्व 42.52% है।कश्मीरी पार्टियों की मांग है कि सीटों का बंटवारा जनसंख्या के आधार पर होना चाहिए। घाटी की राजनीतिक पार्टियां तर्क देती हैं कि कश्मीर घाटी की आबादी जम्मू के मुकाबले 15 लाख ज्यादा है और ऐसे में इसे विधानसभा में ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।

एनसी के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपना विरोध जताते हुए एक ट्वीट में कहा कि सीटों के इस आबंटन का 2011 की जनगणना के आंकड़े समर्थन नहीं करते। उन्होंने आयोग पर बीजेपी के राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया।

इसके अलावा एनसी सांसद और आयोग के एसोसिएट सदस्य हसनैन मसूदी ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया कि उन्होंने आयोग से कहा कि परिसीमन जिस जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत किया जा रहा है उसके खिलाफ अदालत में मुकदमा चल रहा है और ऐसे में उसके तहत फैसले नहीं लिए जा सकते।

महबूबा मुफ्ती ने कहा- इनकी कोशिश लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की है। जनगणना के आंकड़ों को भी ध्यान में नहीं रखा जा रहा है। एक क्षेत्र को 6 और कश्मीर को बस एक सीट दी जा रही है। यह कमीशन बीजेपी को सियासी फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है। मजहब और क्षेत्रवाद के आधार पर बंटवारा किया जा रहा है। कोशिश यह है कि अगस्त 2019 में जो कदम उठाया गया था, उसके आधार पर सरकार बनाई जाए।

पूर्व मंत्री और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चीफ सज्जाद गनी लोन ने कहा- परिसीमन कमीशन की सिफारिशें हमें कतई मंजूर नहीं हैं। ये उन लोगों के लिए बड़ा झटका है जो लोकतंत्र में यकीन करते हैं। अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी ने भी सिफारिशों को खारिज कर दिया। कहा- आबादी और जिलों को आधार बनाया जाना चाहिए था।

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के चीफ गुलाम अहमद मीर ने कहा- SC और ST के लिए तो सीटें पहले से रिजर्व हैं। जहां तक परिसीमन की बात है तो इसे आबादी के आधार पर होना चाहिए। 2011 की जनगणना के अनुसार जम्मू और कश्मीर की आबादी 1.22 करोड़ है। आबादी के लिहाज से तो परिसीमन नहीं हो रहा।

इसके अलावा लद्दाख की चार सीटें भी थीं। 2019 में राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नाम के दो अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिए गए। लेकिन नए प्रस्ताव के अनुसार आबादी के आंकड़ों में इतना फर्क होने के बावजूद जम्मू में कश्मीर से बस चार ही सीटें कम रह जाएंगी। यानी विधान सभा में जम्मू के प्रतिनिधित्व का अनुपात बढ़ जाएगा।

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए गढ़वाल राइफल्स के सूबेदार अजय सिंह रौतेला को सैन्य सम्मान के साथ सैकड़ों नम आंखों ने ऋषिकेश के चंद्रेश्वर मोक्ष धाम घाट पर अंतिम विदाई दी

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए गढ़वाल राइफल्स और वर्तमान में 48 राष्ट्रीय राइफल के सूबेदार अजय सिंह रौतेला को सैन्य सम्मान के साथ सैकड़ों नम आंखों ने अंतिम विदाई दी ऋषिकेश के चंद्रेश्वर मोक्ष धाम घाट पर वीर सपूत पंचतत्व में विलीन हुआ। उनके बड़े पुत्र अरुण रौतेला ने उन्हें मुखाग्नि दी।

17 गढ़वाल राइफल्स और वर्तमान में राष्ट्रीय राइफल 48 के शहीद सूबेदार अजय सिंह रौतेला का पार्थिव शरीर सोमवार की सुबह उनके पैतृक गांव रामपुर पहुंच गया। इस दौरान उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ पहुंची। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मौके पर जो भी मौजूद रहा, उसकी आंखें ये मंजर देख भर आईं। इससे पहले शहीद का पार्थिव शरीर रविवार दोपहर 2.30 बजे सेना के हवाई जहाज से जौलीग्रांट हवाई अड्डा पहुंचा। हवाई अड्डे पर सीएम पुष्कर सिंह धामी, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी सहित जनप्रतिनिधियों और आला अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए।14 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में टिहरी जिले के दो सैनिक शहीद हुए थे। जिसमे खाड़ी टिहरी गढ़वाल निवासी सूबेदार अजय सिंह रौतेला (46 वर्ष) ने भी मातृभूमि के लिए महान शहादत दी।

रविवार को शहीद अजय सिंह रौतेला का पार्थिव शरीर जौलीग्रांट पहुंच गया था। जहां से सोमवार की सुबह शहीद अजय सिंह रौतेला के पार्थिव शरीर को उनके मूलगांव ले जाया गया। अंतिम दर्शन के पश्चात शहीद की अंतिम यात्रा दोपहर 12 बजे ऋषिकेश के चंद्रेश्वर मुक्तिधाम पहुंची।

मुक्तिधाम में सेना की 306 आर्टलरी फील्ड रेजीमेंट की टुकड़ी ने शहीद अजय सिंह रौतेला को शास्त्र सलामी दी। भारतीय सेना की ओर से आर्टिलरी फील्ड रेजीमेंट के कर्नल अजय कौशिक व राष्ट्रीय रायफल के सूबेदार योगेंद्र नेगी ने उन्हें पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कर्नल अजय कौशिक ने शहीद के पुत्र अरुण रौतेला को राष्ट्रीय ध्वज भेंट किया।

प्रदेश सरकार की ओर से विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने अमर शहीद को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। प्रशासन की ओर से जिलाधिकारी टिहरी ईवा श्रीवास्तव, एडिशनल एसपी राजन कुमार, पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र नगर आरके चमोली पुलिस उपाधीक्षक ऋषिकेश डीसी धौंडियाल, नरेंद्र नगर के पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत, सूबेदार प्रेमाराम, ऋषिकेश नगर निगम महापौर अनीता ममगांई, अजय के चाचा जबर सिंह रौतेला, उप जिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी, ऋषिकेश की उप जिला अधिकारी अपूर्वा, तहसीलदार अमृता शर्मा आदि ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

शहीद अजय सिंह रौतेला के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम मुनिकिरेती के होना तय किया गया था। यहां पर सेना की ओर से तैयारियों की की गई थी। मगर, सुबह से लगातार बारिश के कारण अंत में अंतिम संस्कार के लिए ऋषिकेश मुक्तिधाम को चुना गया।

शहीद अजय सिंह रौतेला का पार्थिव शरीर जब मुक्तिधाम पहुंचा तो यहां पहले से ही उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में नागरिक व जनप्रतिनिधि पहुंचे थे। नागरिकों ने शहीद के सम्मान में जब तक सूरज चांद रहेगा अजय रौतेला नाम रहेगा…, अजय रौतेला तुम्हारा बलिदान नहीं भूलेगा हिंदुस्तान…, अजय रौतेला जिंदाबाद…, भारत माता की जय… और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। गगनभेदी नारों से पूरा माहौल गूंज उठा।

जम्मू कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में 14 अक्तूबर को टिहरी जिले के दो सैनिक शहीद हो गए थे। विमाण गांव के राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी का शनिवार को कोटेश्वर घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। वहीं सूबेदार अजय सिंह रौतेला (46) के शहादत की शनिवार देर शाम सेना और प्रशासन की ओर से पुष्टि की गई।