उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अपने गांव पहुंचे, गांव पहुंचकर कैसे छलक पड़े सीएम योगी के आंसू

उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के उत्‍तराखंड दौरे का आज दूसरा दिन है। बताया जा रहा है कि आज बुधवार को भी वह अपने गांव में ही प्रवास करेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तीन दिन के दौरे पर उत्तराखंड में हैं। ऐसे में मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी मां सावित्री से मिलने के लिए अपने पैतृक गांव पंचूर पहुंचे। सीएम योगी का गांव पौड़ी गढ़वाल जिले में आता है, जहां घर पहुंचने पर उन्होंने अपनी मां से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को उत्तराखंड में अपने पैतृक गांव पहुंचे। पांच साल बाद सीएम योगी आदित्यनाथ जब अपने गांव पहुंचे तो भावुक हो गए। जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने यमकेश्वर के पंचूर गांव में कदम रखा तो उनके मन में वो तमाम यादें ताजा हो गईं, जो उनके बचपन से जुड़ी हुई थीं। संन्यास के 28 साल बाद पहली बार योगी आदित्यनाथ अपने घर में रात बिताएंगे। योगी से मिलने के लिए उनकी तीन बहनें पहले ही घर पहुंच चुकी हैं। वहीं, उनके तीनों भाई भी घर पर हैं। देखें किसका जिक्र करते वक्त योगी भावुक हो गए।

मंगलवार को सबसे पहले उन्होंने पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर में अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद वे शाम को मुलाकात करने अपने गांव निकल गए। गांव जाने के लिए योगी ने पैदल पहाड़ी पर यात्रा की। इस प्रकार पांच साल बाद वे अपने गांव पंचूर पहुंचे।

सीएम योगी ने अपनी मां से मुलाकात से पहले भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद मुख्यमंत्री अपनी मां से मिलने पहुंचे। सीएम योगी पैदल ही अपने गांव पहुंचे थे। सीएम योगी ने अपनी मां से मिलने की एक फोटो भी ट्विटर पर शेयर की, जिसके कैप्शन में सिर्फ उन्होंने ‘मां’ लिखा।

वहीं मां का आशीर्वाद लेने से पहले सीएम योगी ने अपने स्कूल में पढ़ाने वाले गुरुओं से भी मुलाकात की। सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि ‘आज मुझे यमकेश्वर, पौड़ी-गढ़वाल, उत्तराखंड में अपने स्कूल के गुरुजन के दर्शन एवं उनका सम्मान करने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ।’ आपको बता दें कि सीएम योगी ने मंगलवार को यमकेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण किया।

गौरतलब है कि उत्तराखंड के बेटे सीएम योगी आदित्यनाथ करीब पांच साल बाद अपने गांव पहुंचे थे। जैसे ही योगी अपने गांव पहुंचे, पूरा माहौल उत्सव में बदल गया। मां के अलावा सीएम योगी ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों और आसपास के लोगों से भी मुलाकात की। रिपोर्ट के मुताबिक संन्यास के 28 साल बाद योगी आदित्यनाथ यहां रात को रूकेंगे।

मुख्यमंत्री योगी और धामी ने सुलझाया यूपी-उत्तराखंड का 21 साल पुराना विवाद

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच पिछले 21 साल से विवादित परिसंपत्तियों को लेकर दोनों ही राज्यों को बड़ी सफलता मिली है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर सीएम योगी आदित्यनथ से मुलाकात की। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  ने गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और दोनों नेताओं के बीच करीब 30 मिनट तक बैठक चली। इसके बाद दोनों मुख्यमंत्री प्रदेश के अफसरों के साथ बैठे और सालों से चले आ रहे विवादों का निपटारा किया। दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच हुई इस बातचीत से पिछले 21 सालों से चला आ रहा यूपी-उत्तराखंड परिसंपत्ति विवाद समाप्त हो गया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि बैठक में दोनों राज्यों के बीच चल आ रहा परिसंपत्ति विवाद खत्म हो गया है। ये दोनों ही राज्यों के लिए ऐतिहासिक दिन है। इतना ही नहीं, सीएम धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगले 15 दिनों में 5700 हेक्टेयर भूमि पर दोनों राज्यों का संयुक्त रूप से सर्वे होगा। सर्वे के आधार पर जितनी भूमि की उत्तर प्रदेश को जरुरत है वो उन्हें मिल जाएगी। जितने मकान की जरुरत है वो उत्तर प्रदेश को मिल जाएगा। बाकी सब उत्तराखंड को मिल जाएगा।

उत्तर प्रदेश सरकार बनवास-किच्छा बैराज का पुननिर्माण कराएगी।हरिद्वार स्थित अलकनंदा होटल को एक माह के भीतर उत्तराखंड को सौंपा जाएगा और सीएम योगी इस मौके पर वहां रहेंगे। किच्छा में बस स्टॉप की जमीन उत्तराखंड को मिल जाएगी। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम करीब 205 करोड़ रुपए की धनराशि उत्तराखंड को भुगतान करेगा। इसी तरह, आवास विकास का मुद्दा हल किया गया है। यूपी और उत्तराखंड के बीच आवास विकास की 50-50 प्रतिशत बटवारा होगा।उत्तर प्रदेश सरकार उत्तराखंड वन विभाग को 90 करोड़ रुपये देगी।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया और उन्हें धन्यवाद दिया। कहा कि दोनों राज्यों के बीच छोटे-बड़े भाई के संबंध हैं। मेरा यूपी से पुराना रिश्ता है। मेरे सभी शैक्षणिक दस्तावेज यूपी के हैं। योगी जी ने दिल खोलकर हमारी बातों को माना। हमारा मकसद सभी का सम्मान और सभी का विकास है।

लखीमपुर हिंसा:सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के अनुरोध पर लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर 15 नवंबर तक का समय दिया 

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड में आज होने वाली सुनवाई को टाल दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अगली सुनवाई होनी थी, लेकिन इसे सोमवार यानी 15 नवंबर तक के लिए टाल दिया गया है। बताया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर सुनवाई को आगे के लिए टाला गया है। यूपी की ओर से पेश वकील ने सोमवार तक का समय मांगा था। उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच की निगरानी किसी अन्य ‘अलग उच्च न्यायालय’ के एक पूर्व न्यायाधीश से दैनिक आधार पर कराने के सुझाव पर शीर्ष अदालत को अवगत कराने के लिए शुक्रवार को उप्र को 15 नवंबर का समय प्रदान कर दिया। लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा, ”क्या आप मुझे सोमवार तक का समय देंगे? मैंने इसे लगभग पूरा कर लिया है।

पीठ ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए कहा, ”मामले को सोमवार को सूचीबद्ध किया जाए।”शीर्ष अदालत ने 8 नवंबर को जांच पर असंतोष व्यक्त किया था। पीठ ने सुझाव दिया था कि जांच में ”स्वतंत्रता और निष्पक्षता” को बढ़ावा देने के लिए, एक ”अलग उच्च न्यायालय” के एक पूर्व न्यायाधीश को दैनिक आधार पर इसकी निगरानी करनी चाहिए।

पीठ ने यह भी कहा था कि उसे कोई भरोसा नहीं है और वह नहीं चाहती कि राज्य द्वारा नियुक्त एक सदस्यीय न्यायिक आयोग मामले की जांच जारी रखे।राज्य सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई हिंसा की जांच के लिए नामित किया था।राज्य सरकार को एक अन्य उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश द्वारा जांच की निगरानी के सुझाव पर अपने रुख के बारे में सूचित करने के लिए कहा गया था।

पीठ ने कहा था कि यह जांच उसकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं चल रही है और उसने अभी तक की जांच के संबंध में विशेष जांच दल से संबंधित कुछ मुद्दों पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। पीठ ने कहा था, ‘‘पहली नजर में ऐसा लगता है कि एक आरोपी विशेष (किसानों को कुचले जाने के मामले में) को किसानों की भीड़ द्वारा राजनीतिक कार्यकर्ताओं की पिटाई संबंधी दूसरे मामले में गवाहों से साक्ष्य हासिल करने के नाम पर लाभ देने का प्रयास हो रहा है।’’

शीर्ष अदालत ने गिरफ्तार किए गए 13 आरोपियों में से एक आशीष मिश्रा का मोबाइल फोन जब्त करने इस मामले में विशेष जांच दल की काफी आलोचना की थी। इस मामले में जब्त किए गए बाकी फोन किसानों को कथित रूप से कुचले जाने की घटना के गवाहों के थे।न्यायालय ने कहा था, “हम दैनिक आधार पर जांच की निगरानी के लिए एक भिन्न उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने के पक्ष में हैं और फिर देखते हैं कि अलग-अलग आरोप पत्र कैसे तैयार किए जाते हैं।”

पीठ ने सुनवाई के दौरान ही पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के दो पूर्व न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति रंजीत सिंह और न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन के नामों का सुझाव दिया था। पीठ का कहना था कि दोनों न्यायाधीश आपराधिक कानून के क्षेत्र में अनुभवी हैं और मामलों में आरोपपत्र दाखिल होने तक एसआईटी की जांच की निगरानी करेंगे।

राहुल गांधी को लखीमपुर जाने की अनुमति उत्‍तर प्रदेश सरकार ने नहीं दी,राहुल गांधी ने कहा लखीमपुर खीरी मामले में पीएम मोदी हैं चुप, आरोपी मंत्री और बेटे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई

लखीमपुर खीरी की हिंसा और प्रियंका गांधी वाड्रा को हिरासत में लिए जाने के बाद अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्‍व में 5 सदस्‍यीय एक प्रतिनिधि मंडल आज लखीमपुर खीरी में किसानों से मिलने जाने वाले थे।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि किसानों को गाड़ी से कुचलने वाले केंद्रीय मंत्री के पुत्र को हिरासत में नहीं लिए जाने का मतलब यह है कि देश का संविधान खतरे में है।कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आज लखीमपुर खीरी में किसानों से मिलने जाने वाले थे। कांग्रेस ने उत्‍तर प्रदेश सरकार से राहुल के लखीमपुर खीरी जाने को लेकर अनुमति भी मांगी थी। हालांकि जानकारी मिल रही है कि उत्‍तर प्रदेश सरकार ने राहुल और उनके साथ प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों को अनुमति देने से इनकार कर दिया है।  राहुल गांधी दिल्ली में 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर उन्‍होंने मोदी सरकार पर हमला बोला है। प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण किसानों पर पहला हमला था और कृषि कानून देश के किसानों पर दूसरा आक्रमण है। विरोध कर रहे किसानों का जीप के नीचे कुचला जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखीमपुर खीरी की घटना पर कुछ नहीं बोला है। आरोपी मंत्री और उनके बेटे पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है।

पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कल प्रधानमंत्री लखनऊ में थे, मगर लखीमपुर खीरी नहीं जा पाए। ठीक से पोस्टमार्टम नहीं किया जा रहा है। आज हम 2 मुख्यमंत्रियों के साथ लखीमपुर खीरी जाकर उन परिवारों से मिलने की कोशिश करेंगे। हालांकि, उत्‍तर प्रदेश प्रशासन ने राहुल गांधी को लखीमपुर जाने की अनुमति नहीं दी है। उन्‍हें नोएडा में भी रोकने की पूरी तैयारी हो गई है।

राहुल गांधी ने कहा कि लखीमपुर खीरी हम 3 लोग जा रहे हैं। मुझे पता है कि वहां प्रशासन ने धारा-144 लगा रही है और ये धारा 5 लोग को एक जगह इकट्ठा होने से रोकती है। इसलिए हमें वहां जाने से कानूनन नहीं रोका जाना चाहिए। हम पीडि़त परिवार का दुख बांटना चाहते हैं। हमने क्‍या गलती की है कि हमें प्रशासन लखीमपुर खीरी जाने से रोक रहा है।लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों के प्रदर्शन के बीच बवाल हो गया था। इसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और उनके बेटे में गंभीर आरोप लगे हैं। मामले में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। यहां धारा 144 लागू की गई है।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर राहुल गांधी की अगुवाई में लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत मांगी है। उन्होंने लिखा है कि यूपी और प. बंगाल के नेताओं को वहां जाने दिया गया, लेकिन कांग्रेस को जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है।