देहरादून :- उत्तराखंड की सियासी हवाओं की अटकलों के बीच उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा दिल्ली से अचानक देहरादून पहुंचे। बहुगुणा ने मंगलवार को देहरादून पहुंचकर मंत्री हरक सिंह और विधायक काऊ के निवास पर जाकर उनसे लंबी मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक बहुगुणा ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि सभी एकजुट रहेंगे तो ठीक रहेगा। साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव के संबंध में चर्चा की।
कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत और रायपुर क्षेत्र से विधायक उमेश शर्मा काऊ को साधने के लिए पार्टी हाईकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को मोर्चे पर लगाया है।सूत्रों के मुताबिक, पार्टी केंद्रीय नेतृत्व ने इन अटकलों पर पूर्ण विराम लगाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा को मैदान में उतारा है। लंबे समय से तकरीबन उपेक्षित रहे बहुगुणा ने अपने साथियों से मुलाकात करने से पहले भाजपा प्रदेश कार्यालय का रुख किया। वहां उन्होंने प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार से मुलाकात की।
विधायक काऊ ने मुलाकात के बारे में पूछने पर बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा उनके गु्रप के नेता है। उन्हीं के नेतृत्व में हम भाजपा में शामिल हुए थे। साढ़े चार साल बाद वह उनके घर आए और कुशलक्षेम पूछी। साथ ही पार्टी संगठन की मजबूती और आगामी विधानसभा चुनाव में जीत के संबंध में चर्चा हुई। मंत्री हरक सिंह रावत से काफी प्रयासों क बाद भी फोन पर संपर्क नहीं हो पाया।
पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा ने कहा कि हमने कांग्रेस से विभाजन सिद्धांतों के आधार पर किया था। आज हम सभी साथ हैं और पूरी तरह से समर्पित हैं। बहुगुणा ने कहा कि हमारा आज भी यह मानना है कि उत्तराखंड का हित और विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सुरक्षित है। पीएम मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है।पूर्व मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि कांग्रेस में विभाजन करने वाले हम नौ विधायक थे, यशपाल आर्य हमारे साथ नहीं थे।बहुगुणा ने कहा कि कुछ गलत भ्रांतियां फैली हैं। न तो कोई नाराज है न ही कोई कहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने को लेकर जो चर्चाएं हो रही हैं, वो बे सिर-पैर की कहानी है। उसमें कोई सच्चाई नहीं है।
वर्ष 2016 के सियासी घटनाक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। तब उनकी अगुआई में जिन नौ कांग्रेसी विधायकों ने भाजपा का दामन थामा था, उनमें हरक सिंह रावत व उमेश शर्मा काऊ भी शामिल थे।सूत्रों के मुताबिक बहुगुणा ने मुलाकात के दौरान यह संदेश देने का प्रयास किया कि सभी एकजुट रहें। ये भी चर्चा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फार्मूला, मनपसंद सीट समेत अन्य विषयों पर भी मंथन हुआ। अब देखने वाली बात होगी कि बहुगुणा की यह मुलाकात क्या असर दिखाती है।