विधायक राजेश शुक्ला ने छठ पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की मांग पर सीएम धामी ने अवकाश घोषित करने का दिया आश्वासन

लोक आस्था के महापर्व छठ पर सार्वजनिक  अवकाश के लिए विधायक राजेश शुक्ला ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून में मुलाकात की। शुक्ला ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देते हुए बताया कि उनके अनुरोध पर वर्ष 2016 से छठ पूजा पर ऐच्छिक अवकाश घोषित किया गया था। पिछले कुछ वर्षों से प्रदेश में कुछ अवकाश समाप्त कर दिए गए हैं। जिनमें छठ पूजा भी शामिल है।प्रदेश में छठ पर्व पर आस्था रखने वालों की बड़ी संख्या है।

राजेश शुक्ला ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि सभी की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष 10 नवंबर को छठ पूजा पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाना चाहिए। विधायक शुक्ला ने बताया कि उनके अनुरोध पर सीएम धामी ने उन्हें छठ पूजा पर अवकाश घोषित करने का आश्वासन दिया है।

 

उत्तराखंड के 18 मेडिकल कॉलेजों में घटी एमबीबीएस फीस, अब 4 लाख की जगह 1.45 लाख रुपये फीस करने की मिली मंजूरी, जानिए इस अहम बैठक के महत्वपूर्ण फैसले 

देहरादून :- उत्तराखंड में बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुछ अहम फैसलों को मंजूरी दी गई। इसी बीच विद्यार्थियों को बढ़ती फीस से भी राहत मिली है। उत्तराखंड के गरीब होनहार छात्रों के लिए अब एमबीबीएस की पढ़ाई करके डॉक्टर बनने की राह आसान हो गई है।राज्य के 18 मेडिकल कॉलेजों में अब एमबीबीएस कोर्स की फीस 4 लाख रुपये से घटकर सिर्फ 1.45 लाख रुपये होगी। उत्तराखंड सरकार ने यह बड़ा ऐलान करते हुए और सौगातों का पिटारा खोला। राज्य सरकार के कर्मचारियों को इस साल दीवाली बोनस मिलेगा। आशा फैसिलिटेटरों के लिए प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाई गई है।इसके साथ ही, राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना में संशोधन पर भी मुहर लगी। वास्तव में, उत्तराखंड कैबिनेट की एक अहम बैठक गुरुवार को यहां सचिवालय में हुई, जिसमें ये तमाम फैसले लिये गए। इस बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने मीडिया को बैठक में लिये गए फैसलों के बारे में बताया।

सरकार ने एक ओर जहां बांड की व्यवस्था सभी मेडिकल कॉलेजों में बहाल कर दी है तो वहीं विद्यार्थियों की मांग सुनते हुए दूसरी ओर फीस भी चार लाख रुपये से घटाकर एक लाख 45 हजार रुपये कर दी है। इससे निश्चित तौर पर छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार ने मैदानी जिलों के मेडिकल कॉलेजों में बांड भरकर MBBS करने की सुविधा को बहाल कर दिया है। मीटिंग में राज्य के 18 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस 4 लाख रुपये से घटाकर 1.45 लाख रुपये करने का फैसला किया है। इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बढ़ती फीस के बीच विद्यार्थियों के लिए यह राहत भरी खबर है। पहले बांड व्यवस्था के तहत केवल पर्वतीय क्षेत्रों के मेडिकल कॉलेजों जैसे श्रीनगर में बांड से पढ़ाई की सुविधा थी। जबकि बिना बांड के एमबीबीएस का शुल्क चार लाख रुपये हो गया था, जिसके तहत देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों को भारी परेशानी हो रही थी। छात्र इसके खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे थे और अपनी आवाज उठा रहे थे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य कर्मचारियों, छात्रों और महिलाओं के लाभ से जुड़े कई फैसले राज्य सरकार ने लिये। मंत्रिमंडल की बैठक में 25 सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा हुई, जिनमें से 24 के संदर्भ में फैसले लिये गए जबकि एक मामले को फिलहाल टाल दिया गया। कैबिनेट बैठक में महंगाई भत्ते को तीन प्रतिशत बढ़ाए जाने के बारे में अटकलें थीं, लेकिन इस पर सरकार ने कोई चर्चा नहीं की। बहरहाल, राज्य सरकार ने इस अहम बैठक में जो महत्वपूर्ण फैसले लिये, उनके बारे में एक नज़र में जानिए।

एमबीबीएस की फीस आधी से भी कम कर दिए जाने के बाद उत्तराखंड सरकार का दावा है कि यह देश में इस कोर्स के लिए सबसे कम शुल्क है।
मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के अंतर्गत राज्य की महिलाओं को अब हफ्ते में दो दिन फल, मेवाएं और अंडे वितरित किए जाएंगे।
आशा फेसिलिटेटरों के लिए प्रोत्साहन राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये किया गया.
स्टोन क्रशर नीति 2021, उत्तराखंड रिवर ड्रेजिंग नीति 2021 के बारे में प्रस्तावों को भी कैबिनेट ने पास किया।
वीरचंद्र गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत सब्सिडी दिए जाने की प्रक्रिया को सरल करने पर मंज़ूरी।
कक्षा 10 और 12 के छात्रों को टैबलेट दिए जाने की प्रक्रिया में टेंडर शर्तों में बदलाव किए जाने को भी स्वीकृति दी गई।
राज्य सरकार के कर्मचारियों को 7000 रुपये तक का दीवाली बोनस दिए जाने पर कैबिनेट ने मुहर लगाई. दैनिक वेतनभोगियों को 1184 रुपये का बोनस मिलेगा। उनियाल ने बताया कि इस फैसले से राज्य के 1.6 लाख कर्म​चारियों को लाभ मिलेगा।
सोहन सिंह जीना राजकीय आर्युविज्ञान एवं शोध संस्थान अल्मोड़ा में 197 अतिरिक्त पदों को भी मंज़ूरी दी गई।
पेयजल व सीवर के बिलों को लेकर कैबिनेट ने बड़ी राहत देते हुए मार्च 2022 तक लेट फीस न लेने की घोषणा की।
राज्य सरकार के कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड सुविधा के तहत अब केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना की दरों के मुताबिक इलाज करवाने की सुविधा दी जाएगी।
कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के तहत राज्य में महिलाओं को सप्ताह में दो दिन फल, सूखे मेवे और अंडे जैसे पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराए जाएंगे। महिला कल्याण बाल विकास विभाग उक्त सामग्री आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए गर्भवती और धात्री महिलाओं को उपलब्ध कराएगा। इसका लाभ करीब एक लाख 80 हजार महिलाओं को मिलेगा। सरकार चुनाव से पहले इस योजना को लागू करने की तैयारी कर रही है।

बृहस्पतिवार को सचिवालय में हुई बैठक में 764 करोड़ के निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति,मिलेंगे हजारों लोगों को रोजगार के अवसर

उत्तराखंड में 764 करोड़ के औद्योगिक पूंजी निवेश को सरकार ने मंजूरी दे दी है। मुख्य सचिव एसएस संधु की अध्यक्षता में उद्योग विभाग के लिए गठित राज्य प्राधिकृत समिति ने 764.12 करोड़ के 14 निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति मिल गई है। इन प्रस्तावों की स्वीकृति के बाद राज्य में तीन हजार से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

बृहस्पतिवार को सचिवालय में हुई बैठक में विभिन्न निवेशकों के निवेश के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में इन कंपनियों के प्रस्ताव को मिली मंजूरी। ट्रांस हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड के 16.32 करोड़, डिक्सन टेक्नोलाजी के 94 करोड़, बहल पेपर मिल लिमिटेड के 35 करोड़, जिप्पी खाद्य उत्पाद के 26.12 करोड़, कूल कैप्स के 28.37 करोड़, वी गार्ड कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के 50.17 करोड़, साइनोकैम लाइफसाइसेंज के 57.81 करोड़, केपीटी पाइपिंग के 23.78 करोड़, बालाजी टेक्नोमीडिया के 26.92 करोड़, महालक्ष्मी बिल्डवेल के 143.55 करोड़, मेटरो डेकोरेटिव के 157 करोड़ व केदार स्टेनलेस स्टील के 66.45 करोड़ रुपये।जिसमें निवेशकों की ओर से ऊधमसिंह नगर, देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी जिले में नए उद्योग लगाने में पूंजी निवेश किया जाएगा।

सरकार का प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए निवेश पर विशेष फोकस है।उद्यमियों की समस्याओं का त्वरित निपटारा करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। जिससे सिंगल विंडो के माध्यम से पूंजी निवेश में तेजी आ रही है। बैठक में सचिव उद्योग अमित सिंह नेगी, उद्योग महानिदेशक रोहित मीणा, अपर सचिव वन नेहा वर्मा, निदेशक उद्योग सुधीर चंद्र नौटियाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार समयबद्ध रूप से निवेश प्रस्तावों के निस्तारण के के लिए संकल्पबद्ध है। इसी का परिणाम है कि निवेश प्रस्तावों को त्वरित मंजूरी दी जा रही है। इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

 

सचिवालय में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक,दीवाली बोनस-मंहगाई भत्ते समेत कई फैसलों पर लग सकती है मुहर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक होगी। राज्य सचिवालय में शाम पांच बजे से होने वाली बैठक में विभिन्न विभागों के प्रस्तावों पर चर्चा होगी।बैठक में राज्य के करीब ढाई लाख कार्मिकों को दीपावली के मौके पर महंगाई भत्ते (डीए) में तीन फीसद की वृद्धि तथा बोनस के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। इसके अलावा कैबिनेट में कर्मचारियों से जुड़े कई अन्य विषय भी आने की उम्मीद है। इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में आयुष्मान योजना में संशोधन और नर्सिंग भर्ती में नियमों में बदलाव संबंधी प्रस्ताव भी कैबिनेट में आ सकते हैं।बैठक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय बढ़ोतरी पर कैबिनेट की मुहर लग सकती है। आज कैबिनेट इस प्रस्ताव पर निर्णय ले सकती है।इसके अलावा गुरुवार को कई अन्य प्रस्तावों को भी राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में रखा जाएगा।

देवस्थानम बोर्ड के संबंध में गठित उच्चस्तरीय समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी,क्या रद्द होगा देवस्थान बोर्ड 

चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के संबंध में उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति ने सोमवार को समिति के अध्यक्ष ध्यानी ने मुख्यमंत्री धामी से सचिवालय में मुलाकात की और उन्हें देवस्थानम बोर्ड के संबंध में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी।

समिति के अध्यक्ष ध्यानी ने कहा कि सरकार ने उन्हें यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। रिपोर्ट के जरिये हमने सरकार का सही मार्गदर्शन करने के साथ अधिकारी ठीक ढंग से काम करें इसका उल्लेख किया है। साथ ही अधिनियम में जो त्रुटियां और अच्छाइयां हैं, उनका जिक्र भी रिपोर्ट में किया गया है।अभी इस बारे में कुछ सार्वजनिक नहीं किया गया है कि रिपोर्ट में समिति ने क्या सुझाव दिए हैं।लोगों के मन में यह सवाल है कि क्या देवस्थान बोर्ड को रद्द कर तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों की मांग पूरी की जाएगी।

गौरतलब है कि चारों हिमालयी धामों—बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितों द्वारा देवस्थानम बोर्ड के विरोध में लंबे समय तक आंदोलनरत रहने के मद्देनजर धामी ने वरिष्ठ भाजपा नेता ध्यानी की अध्यक्षता में इस उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था।

21 जुलाई को उत्तरकाशी दौरे में मुख्यमंत्री बनने के बाद यह घोषणा करते हुए पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अधिनियम के परीक्षण और उस पर ‘सकारात्मक संशोधन’ का सुझाव देने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जा रही है।उन्होंने कहा था कि यह समिति अधिनियम के विधिक पहलुओं का आकलन कर यह सुनिश्चित करेगी कि इससे चारधाम यात्रा से जुड़े हक—हकूकधारियों, पुजारियों तथा अन्य हितधारकों के पारंपरिक अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समस्या के समाधान को पूर्व सांसद और पंडा-पुरोहित समाज से जुड़े मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की। समिति को तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। समिति ने चारधाम के हक-हकूकधारियों से बातचीत के बाद दो माह में ही अपनी अंतरिम रिपोर्ट तैयार कर ली।

लंबे समय से आंदोलनरत चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों का मानना है कि बोर्ड का गठन उनके अधिकारों का हनन है।देवस्थानम अधिनियम पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सरकार के कार्यकाल में पारित हुआ था जिसके तहत चार धामों सहित प्रदेश के 51 मंदिरों के प्रबंधन के लिए बोर्ड का गठन किया गया था। बोर्ड के गठन के बाद से ही चारधाम के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि अधिनियम व बोर्ड के कारण उनके हितों को चोट पहुंची है। वे बोर्ड को भंग करने की मांग उठा रहे हैं।

चारधाम रूट पर सदियों पुरानी पैदल ट्रैक की होगी खोजबीन,1200 किमी में 50 दिनों तक ढूढ़ेंगे रास्ते

आज चारधाम के पुराने मार्गों को खोजने के लिए 25 सदस्यों के दल को शुभकामनाएं देते हुए रवाना कर रहा हूँ। यह गर्व का क्षण है कि हमारे पास उत्तराखण्ड की पुरानी पगडंडियों का पता लगाने के लिए एक युवा बल है। यह हमारी सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा : मुख्यमंत्री पुष्कर धामी

उत्तराखंड में शीतकालीन और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऋषिकेश से चारधाम तक पुराने रास्ते की तलाश की जाएगी। इसके लिए सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। पहली बार 1200 किमी लंबे पैदल मार्ग (चारधाम ट्रेल) का खाका तैयार करने को 10 से 12 सदस्यीय रेकी टीम को सर्वे के लिए भेजा जा रहा है।केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चारधाम के पुराने पैदल ट्रैक खोजे जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने सोमवार को इन पुराने मार्गों को खोजने के लिए 25 सदस्यों के दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने ट्रैक द हिमालय के साथ मिलकर यह अभियान शुरू किया है। इसके तहत विशेषज्ञों के 25 सदस्यों का दल चारधाम ट्रैक पर पुराने मार्गों को खोजने के लिए 1200 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करेगा।

दल द्वारा यह अभियान लगभग 50 दिनों तक चलाया जाएगा। दल पुराने चार धाम और शीतकालीन चार धाम मार्ग को खोजने का काम करेगा। सीएम धामी ने ट्रेकर्स को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह गर्व का क्षण है कि हमारे पास उत्तराखंड की पुरानी पगडंडियों का पता लगाने के लिए एक युवा बल है। यह पहल हमारी सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस अभियान से उत्तराखंड में साहसिक खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा।

दशकों पहले चारधाम यात्रा ऋषिकेश से पैदल मार्ग से होती थी। सड़क सुविधा न होने के कारण तीर्थ यात्री इसी रास्ते से गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ के दर्शन करने पहुंचते थे। पैदल रास्ते पर चट्टियां होती थीं, जहां पर यात्री रात्रि विश्राम करते थे। यातायात और सड़क सुविधा से प्राचीन रास्ता बंद हो गया है। शीतकालीन व साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार व पर्यटन विभाग ने चारधाम के इस पुराने रास्ते को संवारने की कवायद शुरू कर दी है।

चारधाम यात्रा पहले ऋषिकेश से पैदल होती थी। जिसमें यात्री ऋषिकेश, देवप्रयाग, टिहरी होते हुए यमुनोत्री, गंगोत्री धाम के दर्शन कर बूढ़ाकेदार, केदारनाथ, त्रियुगीनारायण, ऊखीमठ, चोपता, गोपेश्वर होते हुए बदरीनाथ पहुंचते थे। रेकी टीम इस रास्ते का सर्वे कर पूरा खाका तैयार करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान पर्यावरण जागरूकता फैलाने, होमस्टे, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने में भी सहायक सिद्ध होगा। इस अवसर पर पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, अपर सचिव युगल किशोर पंत, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी पुंडीर, अपर निदेशक विवेक सिंह चौहान, अपर निदेशक श्रीमती पूनम चंद आदि मौजूद रहे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोले, केंद्र सरकार ने 24 घंटे पहले उत्तराखंड में आपदा को लेकर अलर्ट जारी कर दिया था,केंद्र सरकार आपदा की इस घड़ी में पूरी तरह से देवभूमि उत्तराखंड के साथ है

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को उत्तराखंड के बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। अमित शाह ने देवप्रयाग, पौड़ी, रामनगर, रामगढ़, रुद्रपुर और हल्द्वानी का सर्वेक्षण किया। उत्‍तराखंड में भारी बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। गृहमंत्री ने करीब दो घंटे सुबह 9.45 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक आपदा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे किया।उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट स्थित राज्य अतिथि गृह में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।अमित शाह ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में केंद्र सरकार पूरी तरह से देवभूमि उत्तराखंड के साथ है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आपदा राहत को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की जाएगी। राहत और बचाव कार्य को और तेज गति से अंजाम दिया जा रहा है। जल्द ही उत्तराखंड में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी जाएंगी। बैठक के पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने 24 घंटे पहले उत्तराखंड में आपदा को लेकर अलर्ट जारी कर दिया था। अधिकांश मोबाइल यूजर को समय पर मैसेज भी भेजे गए थे। जिसका परिणाम यह रहा कि इस भीषण आपदा में कम से कम जान माल का नुकसान हुआ। सरकार ने 24 घंटे पहले ही चार धाम यात्रा को रोक दिया था। जिसके परिणाम स्वरूप चारधाम यात्रा पर किसी भी तरह की आंच नहीं आई और अब यात्रा को शुरू भी कर दिया गया है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि आपदा के तत्काल बाद केंद्र व राज्य सरकार की सभी एजेंसियां सक्रिय हो गई थी। सेना, एनडीआरएफ, आइटीबीपी, एसडीआरएफ, पुलिस तथा दमकल दस्तों को समय रहते आपदा राहत कार्यों में लगा दिया गया। जिससे सरकार साढ़े तीन हजार नागरिकों को रेस्क्यू करने में सफल रही। इतना ही नहीं 16 हजार से अधिक नागरिकों को सरकार ने सुरक्षित भी किया। उन्होंने कहा कि नैनीताल हल्द्वानी तथा अल्मोड़ा की तीन सड़कों को छोड़कर शेष सभी सड़कों पर आवाजाही शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर सड़कें 25 मीटर से अधिक क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिन्हें तैयार करने में कुछ वक्त लग सकता है। सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पानी बहाल कर दिया गया है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि आपदा के पहले दिन से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष तौर पर उत्तराखंड में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्र व राज्य के अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए थे। अमित शाह ने कहा कि केंद्रीय टीम नुकसान का आकलन करेगी। आपदा प्रबंधन की तरफ से पहले ही 250 करोड़ रुपए दिया गया है। केंद्र सरकार राज्य को पूरी सहायता देगी। राज्य सरकार अपने खजाने से भी आपदा राहत में खर्च कर रही है। इसके अलावा भारत सरकार के संयुक्त सचिव की देख-रेख में उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कराया जा रहा है। यदि आपदा राहत में और धन की जरूरत होगी तो केंद्र सरकार पूरी मदद करेगी।इस दौरान अमित शाह ने सीएम की पीठ भी थपथपाई और कहा कि धामी के नेतृत्व में अच्छा काम हुआ है। एनडीआरएफ, सेना और एसडीआरएफ सभी बारिश आने से पहले ही अलर्ट पर रहे। शाह ने कहा कि आपदा में अब तक 64 की मौत हुई हैं। 11 से अधिक लोग लापता हैं। ट्रेकिंग टीम भी लापता है। आपदा में 3400 लोगों को बचाया गया है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में प्रत्येक वर्ष इस तरह की आपदाओं से सामना करना पड़ता है। इसके लिए सरकार हिमालयी क्षेत्रों में तकनीकी विस्तार तथा आपदा प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार आपदा की इस घड़ी में पूरी तरह से देवभूमि उत्तराखंड के साथ है।इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त), राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज आदि मौजूद रहे।

 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का आज हवाई सर्वेक्षण करेंगे,हवाई सर्वेक्षण के बाद अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे

गृहमंत्री अमित शाह  बुधवार शाम देहरादून पहुंचे।जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय मंत्री  अजय भट्ट, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने केन्द्रीय गृहमंत्री का स्वागत किया। अमित शाह आज उत्तराखण्ड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने निकले हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उनके साथ रहेंगे। तकरीबन पौने दो घंटे तक आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद वे साढ़े ग्यारह बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट के राज्य अतिथि गृह पहुंचेंगे। यहां वह एक घंटे अधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न मसलों पर चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान वह अधिकारियों को आपदा से हुए नुकसान पर चर्चा करने के साथ ही व्यवस्था दुरुस्त करने के संबंध में दिशा-निर्देश देंगे। दोपहर में वह जौलीग्रांट एयरपोर्ट से ही दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।

उत्तराखंड में रविवार से अतिवृष्टि व भूस्खलन के कारण बड़े पैमाने पर जानमाल को नुकसान पहुंचा है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेंगे। इसके बाद वह जौलीग्रांट एयरपोर्ट स्थित राज्य अतिथि गृह में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसमें मुख्यमंत्री समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद रहेंगे।कुमाऊं में बुधवार को बारिश की रफ्तार थमी। सभी जिलों में धूप खिली लेकिन आपदा के जख्म भी रिसते रहे। मंडल के अलग-अलग हिस्सों में सात और मौतों का पता चला जबकि तीन और लोग लापता हो गए। गढ़वाल में तीन और लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही कुमाऊं में आपदा की भेंट चढे़ लोगों की संख्या अब 52 हो जबकि पूरे प्रदेश में 58 हो गई है।आपदा के बाद से ही केंद्र सरकार राज्य की स्थिति पर निगाह बनाए हुए है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसका लगातार अपडेट ले रहे हैं। साथ ही राज्य को आपदा से निपटने के लिए केंद्र से हर संभव सहायता दी जा रही है।

उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी चिंता में है। इसी के मद्देनजर प्रदेश भाजपा ने बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के सभी कार्यक्रम 24 अक्तूबर तक स्थगित कर दिए हैं। शहीद सम्मान यात्रा भी टाल दी गई है। कैबिनेट मंत्रियों ने भी अपने कार्यक्रम टाल दिए हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दूरभाष पर प्रदेश में बारिश के बाद राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों और संगठन के कार्यकर्ताओं को आपदा प्रभावितों की मदद में जुटने का आह्वान किया।कौशिक ने कहा कि प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी और कुलदीप कुमार को समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी के सभी कॉल सेंटर सक्रिय हैं और बूथ स्तर तक जुड़े हैं। कुमाऊं मंडल में जिलाध्यक्ष व संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों को तत्काल टीमें बनाकर प्रभावित स्थलों पर पहुंचकर लोगों की मदद करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर राशन किट, कपड़े और जरूरी सामान जरूरतमंदों को मुहैया कराया जाएगा।

आज उत्तराखंड आएंगे अमित शाह, बारिश से हुए नुकसान का लेंगे जायजा, गुरुवार को उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का करेंगे हवाई सर्वेक्षण करेंगे

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार की शाम उत्तराखंड पहुंचेंगे। वह यहां आपदा को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे और पूरी स्थिति का जायजा लेंगे। गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।गृहमंत्री अमित शाह बुधवार को राजभवन या बीजापुर गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगे। इसके बाद गुरुवार को वह आपदा ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने शाह के दौरे की पुष्टि की है। राज्य में भारी बारिश के कारण राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करेंगे।गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक वह बुधवार शाम को देहरादून जाएंगे और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ कई बैठकें करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि वह गुरुवार सुबह राज्य के बाढ़ प्रभावित हिस्सों का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे।गृह मंत्री राज्य की राजधानी पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शीर्ष अधिकारियों और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ जारी राहत कार्यो की प्रगति पर चर्चा करेंगे।

उत्तराखंड राज्य रविवार से जारी भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बाढ़ या भूस्खलन के कारण 50 लोगों की मौत हुई है और अभी भी कई लोग लापता हैं। वायुसेना और एनडीआरएफ की टीमें राहत बचाव अभियान में लगीं हुईं हैं।उनमें से कई के मलबे में दबे होने की आशंका है।मकान, पुल और सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। भारतीय सेना के तीन हेलीकॉप्टरों को बचाव कार्यो के लिए तैनात किया गया है, जबकि राज्य और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बलों को राहत और बचाव कार्यो के लिए पहले ही लगाया जा चुका है।

एनडीआरएफ के अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में 15 स्व-निहित टीमों को तैनात किया गया है। इनमें से छह टीमें ऊधमसिंह नगर जिले में, दो-दो टीमें उत्तरकाशी और चमोली में और एक-एक टीम देहरादून, पिथौरागढ़ और हरिद्वार में लगाई गई है। इसी तरह नैनीताल में भी एक पूरी टीम और अल्मोड़ा में एक सब टीम तैनात है।

मुख्यमंत्री धामी नुकसान का आकलन करने के लिए अपने अन्य कैबिनेट सहयोगियों के साथ हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं और बचाव और राहत कार्यो के लिए राज्य के अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं।शाह ने सोमवार को धामी से बात की और इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आपदा की वजह से जान गंवाने वालों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा भी की। सीएम ने डीएम को निर्देश दिए कि अतिवृष्टि पीड़ितों के साथ ही उत्तराखंड आए यात्रियों को हर संभव सहयोग और सहायता दी जाए। आपदा की संवेदनशीलता को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, जिला आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ एवं आपदा से सम्बंधित सभी विभागों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

उत्‍तराखंड में अक्टूबर में बारिश ने तोड़ा 36 साल का रिकार्ड,48 लोगों की मौत,गढ़वाल की तुलना में कुमाऊं में अधिक तबाही

उत्तराखंड में मजबूत पश्चिमी विक्षोभ और निम्न दबाव वाला क्षेत्र के कारण तीन दिन हुई भारी बारिश ने कई रिकार्ड ध्वस्त कर दिए। देवभूमि उत्तराखंड में अक्टूबर महीने में बारिश ने 36 साल पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। अक्टूबर में पूरे माह में करीब 31 मिलीमीटर बारिश होती है। आंकड़ों पर नजर डालें तो अक्टूबर में 36 साल बाद इतनी बारिश हुई है। वहीं कुमाऊं मंडल में तो बारिश ने अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं।प्रदेश में इस दौरान 48 घंटे के भीतर 200 मिमी से अधिक बारिश हुई।अकेले नैनीताल में 432 और ऊधमसिंह नगर में 368 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।

मानसून की विदाई के करीब दस दिन के बाद अचानक मौसम के करवट बदलने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। खासकर उत्तराखंड में वर्ष 1985 में अक्टूबर महीने में सर्वाधिक 250 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। इसके बाद से लगातार इस महीने में सामान्य से भी नीचे बारिश होती आई है। इस साल महज 48 घण्टे के भीतर उत्तराखंड में औसत 209 मिमी बारिश हुई। कुमाऊं में रविवार से मंगलवार तक लगातार हुई मूसलधार बारिश आफत बनकर बरसी।इसके अलावा कुमाऊं में इससे पहले कभी अक्टूबर में इतनी बारिश नहीं हुई। केवल कुमाऊं मंडल की बात करें तो बीते तीन दिन में ही 300 मिमी से अधिक बारिश हो गई। जबकि, यह बारिश का अक्टूबर माह का आल टाइम रिकार्ड है।

इस बारिश की वजह से प्रदेश में अब तक 48 लोगों की जान जा चुकी है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए प्रदेश में हुई मौतों पर दुख जताया है।  पीएम ने लिखा कि ‘उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा के कारण लोगों की जान जाने से मैं व्यथित हूं।  घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें, प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव कार्य जारी है।  मैं सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं। उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार प्रदेश में हालात लगातार नाजुक बने हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात करके हालात की जानकारी ली। वहीं केंद्र सरकार से गृह मंत्री अमित शाह ने भी उत्तराखंड के हालातों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जानकारी ली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी जल्द ही उत्तराखंड का हवाई सर्वेक्षण कर सकते हैं।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार हवाई सर्वेक्षण और आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।

सीएम पुष्कर सिंह धामी भारी बारिश के बाद ताजा स्थिति का जायजा लेने के लिए विभिन्न जगहों का भ्रमण कर रहे हैं। इसी क्रम में रुद्रपुर पहुंचे सीएम धामी ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का एलान किया है। सीएम धामी ने कहा कि सरकार मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपए की आर्थिक मदद और टूटे हुए मकानों के लिए एक लाख 9 हजार रुपए देगी।

किस जिले में कितनी हुई बारिश
नैनीताल : 432 मिमी
अल्मोड़ा : 245 मिमी
बागेश्वर : 287 मिमी
चमोली : 167 मिमी
चंपावत : 388 मिमी
देहरादून : 62 मिमी
पौड़ी : 136 मिमी
टिहरी : 101 मिमी
हरिद्वार : 52 मिमी
पिथौरागढ़ : 262 मिमी
रुद्रप्रयाग : 133 मिमी
यूएसनगर : 368 मिमी
उत्तरकाशी : 83 मिमी