उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड भंग करने का किया एलान,सरकार के फैसले से तीर्थ पुरोहितों और साधु-संतों में खुशी की लहर

उत्तराखंड में देवास्थानम बोर्ड पर जारी विवाद के बीच राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले इसे भंग करने का फैसला किया है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर त्रिवेंद्र सरकार का फैसला पलट दिया। धामी ने बड़ा फैसला लेते हुए देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का एलान किया। दो साल पहले त्रिवेंद्र सरकार के समय चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अस्तित्व में आया था। तीर्थ पुरोहितों, हकहकूकधारियों के विरोध और कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बोर्ड को मुद्दा बनाने से सरकार पर दबाव था।

देवास्थानम बोर्ड का साधु-संत लगातार विरोध कर रहे थे, जिसके बाद सरकार ने इसे भंग करने का फैसला किया है। पुरोहितों का कहना था कि इससे उनके पारंपरिक अधिकारों का हनन होगा।उत्तराखंड सरकार ने देवस्थानम बोर्ड पर बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में बना देवास्थानम बोर्ड को रद्द कर दिया गया है। चारधाम हकहकूधारी तीर्थ पुरोहित महापंचायत के अध्यक्ष केके कोठियाल ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि देवस्थानम बोर्ड को कैंसिल करने के लिए पिछले दो सालों से संघर्ष किया जा रहा था। इससे पहले देवस्थानम बोर्ड पर फैसला लेने के लिए धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी ने रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप थी।

मनोहरकांत ध्यानी कमेटी की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए मुख्यमंत्री धामी ने महाराज की अध्यक्षता में सब कमेटी बनाई गई थी। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और यतीश्वरानंद को भी कमेटी का सदस्य बनाया गया। सब कमेटी ने कुछ ही घंटों में सिफारिश सीएम को सौंप दी थी । मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि पंडा, पुरोहितों और पुजारियों के हितों का पूरा ख्याल रखा है। उधर, सीएम ने कहा कि एक-दो दिन में इस संदर्भ में निर्णय ले लिया जाएगा। कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद ने कहा कि सरकार तीर्थ पुरोहितों को निराश नहीं करेगी।

ध्यानी समिति ने रविवार शाम को अपनी अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी, जिस पर उन्होंने इसकी जांच कर जल्द निर्णय लेने की बात कही थी। इस विधेयक के जरिए राज्य सरकार अपने दायरे में चारों धाम – बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमनोत्री और गंगोत्री सहित राज्य के 51 मंदिरों को लाना चाहती थी।

देवास्थानम बोर्ड का साधु-संत लगातार विरोध कर रहे थे, जिसके बाद सरकार ने इसे भंग कर दिया।सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा- आप सभी की भावनाओं, तीर्थपुरोहितों, हक-हकूकधारियों के सम्मान और चारधाम से जुड़े सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए मनोहर कांत ध्यानी जी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने देवस्थानम बोर्ड अधिनियम वापस लेने का फैसला किया है।

सरकार की इस मंशा की भनक लगते ही चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों के साथ-साथ बाकी साधु-संत भी इस बिल के विरोध में उतर आए थे। राज्य में पिछले कई महीनों से इस बोर्ड के खिलाफ आंदोलन चलाया जा रहा था। पुरोहितों का कहना था कि इस बिल से उनके पारंपरिक अधिकारों का हनन होता है। विधानसभा चुनाव से पहले संतों ने आंदोलन को और तीव्र करने की चेतावनी दी थी।

राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव और आंदोलन के तीव्र होने की आशंका के कारण धामी सरकार ने इस बोर्ड को लेकर एक समिति का गठन किया था। इस समिति की अध्यक्षता भाजपा नेता मनोहर कांत ध्यानी कर रहे थे। जिसकी रिपोर्ट के बाद ही सरकार ने इस बिल को वापस लेने का फैसला किया है।

तीर्थ पुरोहितों ने 30 नवम्बर तक फैसला न होने पर मोदी की रैली के विरोध का निर्णय लिया गया है। चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने 30 नवंबर के बाद आंदोलन तेज करने का ऐलना किया था। तीन दिसंबर को रुद्रप्रयाग में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। चार दिसंबर को देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होने वाली रैली का विरोध किया जाएगा। इसके लिए विरोध रैली निकाली जाएगी। महापंचायत ने देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ सरकार की घेरेबंदी तेज कर दी है।

विधेयक को पहली बार 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पेश किया था। उत्तराखंड विधानसभा ने दिसंबर 2019 में इस विधेयक को पारित कर दिया था। विधेयक के पारित होने के बाद से ही संत इसे वापस लेने की मांग कर रहे थे।

  • कब क्या हुआ
  • 27 नवंबर 2019 को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक को मंजूरी।
  • 5 दिसंबर 2019 में सदन से देवस्थानम प्रबंधन विधेयक पारित हुआ।
  • 14 जनवरी 2020 को देवस्थानम विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दी।
  • 24 फरवरी 2020 को देवस्थानम बोर्ड में मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया।
  • 24 फरवरी 2020 से देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहितों का धरना प्रदर्शन
  • 21 जुलाई 2020 को हाईकोर्ट ने राज्य सभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज करने फैसला सुनाया।
  • 15 अगस्त 2021 को सीएम ने देवस्थानम बोर्ड पर गठित उच्च स्तरीय समिति का अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी को बनाने की घोषणा की।
  • 30 अक्तूबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति में चारधामों से नौ सदस्य नामित किए।
  • 25 नवंबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति ने सरकार को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी
  • 27 नवंबर 2021 को तीर्थ पुरोहितों ने बोर्ड भंग करने के विरोध में देहरादून में आक्रोश रैली निकाली।
  • 28 नवंबर 2021 को उच्च स्तरीय समिति ने मुख्यमंत्री को अंतिम रिपोर्ट सौंपी।
  • 29 नवंबर 2021 को मंत्रिमंडलीय उप समिति ने रिपोर्ट का परीक्षण कर

 

उत्तराखंड में कोरोना के मामले बढ़े, राष्ट्रपति कोविंद की सुरक्षा ड्यूटी पर आए 12 पुलिसवालों समेत 19 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव, मचा हड़कंप

उत्तराखंड में एक बार फिर कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है और राज्य में ढाई महीने बाद कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज सामने आए हैं। रविवार को प्रदेश में एक ही दिन में 36 नए मरीज मिले हैं और इसमें 19 वो कर्मचारी भी शामिल हैं। जो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यक्रम में ड्यूटी के लिए तैनात किए गए थे। जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन को लेकर वीआईपी ड्यूटी पर आए 12 पुलिसवालों समेत 19 कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटव मिलने से हड़कंप मच गया। हालांकि, राष्ट्रपति के आगमन से पहले ही सभी को ड्यूटी से हटा दिया गया।शनिवार को वीआईपी ड्यूटी पर परमार्थ निकेतन पहुंचने पर चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून, टिहरी और पौड़ी के करीब 400 पुलिसकर्मियों और कर्मचारियों की कोरोना जांच कराई गई थी। रविवार सुबह इनमें से बारह पुलिसवालों समेत कुल उन्नीस कर्मचारियों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। हालांकि इनमें से कोई भी पुलिसकर्मी और कर्मचारी रविवार को वीआईपी ड्यूटी में तैनात नहीं रहा।

रविवार सुबह 19 पुलिसवालों में कोविड संक्रमण  की पुष्टि हुई। टेस्ट रिपोर्ट आते ही पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। राहत देने वाली बात यह थी कि पॉजिटिव आया कोई भी पुलिसकर्मी रविवार को वीआईपी ड्यूटी में तैनात नहीं रहा। यमकेश्वर ब्लॉक के कोविड नोडल अधिकारी डा. राजीव कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमितों में चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून और पौड़ी जनपद के 19 पुलिस कर्मी शामिल हैं। विभाग ने संक्रमित जवानों को ड्यूटी से वापस भेज दिया है। सभी जवान अगले 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहेंगे।
वीआईपी ड्यूटी के लिए आए ये पुलिसकर्मी और कर्मचारी अन्य कर्मचारियों, परमार्थ आश्रम के कर्मचारियों और स्वर्गाश्रम बाजार के दुकानदारों समेत अन्य लोगों के संपर्क में आए थे। स्वास्थ्य विभाग इनके संपर्क में आए लोगों की सूची तैयार कर रहा है। इन सभी की कोरोना जांच कराई जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे में निजी और सरकारी लैब से पांच हजार 372 नमूनों की जांच रिपोर्ट आई है और इनमें पांच हजार 336 नमूनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। नए मामलों में सबसे अधिक 19 नए मरीज पौड़ी जिले में मिले हैं।जबकि नैनीताल में सात, देहरादून में पांच, हरिद्वार में दो, अल्मोड़ा में दो और यूएस नगर जिले में एक मरीज में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है।

कोरोना के नए वेरिएंट की दस्तक के बाद उत्तराखंड सरकार एक्टिव हो गई है और राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार पूरी तरह से गंभीर है। सीएम धामी ने कहा कि उन्होंने शनिवार को ही सभी जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की थी और इस संबंध में सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी के श्री सेमनागराजा त्रिवार्षिक मेला सेममुखेम में प्रतिभाग किया, मुख्यमंत्री धामी ने कहा उत्तराखंड सरकार नागतीर्थ सेम मुखेम को छठें धाम के रूप में विकसित करेगी 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी के प्रतापनगर के सेम- मुखेम स्थित गड़वागीसौड़ मैदान में आयोजित श्री सेमनागराजा त्रिवार्षिक मेला, जात्रा सेममुखेम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने श्री सेमनागराजा को नमन करते हुए सेम-मुखेम छठे धाम के रुप में विकसित करने की बात की है। उन्होंने कहा कि जब से नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने है तब से भारत का पूरे विश्व में वर्चस्व बढ़ा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा हमारे राज्य में भी धार्मिक पर्यटन सहित राज्य की आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिए अनेक कार्य किये जा रहे है।

उत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध चारधाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ हैं। चारधाम की वजह से इसे देवभूमि भी कहते हैं। अब सरकार धामों के विस्तार को लेकर भी योजना बना रही है। पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से भी राज्य सरकार कई फैसले ले रही है। इसी कड़ी में राज्य सरकार पांचवें धाम के रुप में सैन्य धाम और छठे धाम के रूप में नागतीर्थ सेम मुखेम को विकसित करने का ऐलान कर चुकी है। जो कि नागतीर्थ और सेमनागराजा के नाम से भी विख्‍यात हैा

सेम-मुखेम नागराज उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिला में स्थित एक प्रसिद्ध नागतीर्थ है। श्रद्धालुओं में यह सेम नागराजा के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर में नागराज फन फैलाये हैं और भगवान कृष्ण नागराज के फन के ऊपर वंशी की धुन में लीन हैं। मन्दिर में प्रवेश के बाद नागराजा के दर्शन होते हैं। मन्दिर के गर्भगृह में नागराजा की स्वयं भू-शिला है। ये शिला द्वापर युग की बतायी जाती है। मन्दिर के दांयी तरफ गंगू रमोला के परिवार की मूर्तियां स्थापित की गयी हैं। सेम नागराजा की पूजा करने से पहले गंगू रमोला की पूजा की जाती है। यह माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान श्री कृष्ण कालिया नाग का उधार करने आये थे। इस स्थान पर उस समय गंगु रमोला का अधिपत्य था, श्री कृष्ण ने उनसे यंहा पर कुछ भू भाग मांगना चाहा लेकिन गंगु रमोला ने यह कह के मना कर दिया कि वह किसी चलते फिरते राही को जमीन नही देते। फिर श्री कृष्ण ने अपनी माया दिखाई, जिसके बाद गंगु रमोला ने शर्त के साथ कुछ भू भाग श्री कृष्ण को दे दिया। जिस शर्त के अनुसार एक हिमा नाम की राक्षस का वध किया।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य कर्मचारियों को दिया गोल्डन कार्ड का तोहफा, क्या उत्तराखंड का सियासी पासा “गोल्डन कार्ड” के जरिए पलट सकते हैं सीएम धामी

सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार ने चुनाव में जाने से पहले राज्य कर्मचारियों को साधने के लिए एक बड़ी सौगात दी है। चुनावी साल में कर्मचारियों ने शिक्षक और कर्मचारियों के साथ मिलकर समन्वय समिति बनाकर आंदोलन कर रहे हैं। जो कि लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। ऐसे में राज्य कर्मचारियों की एक मांग पूरी कर सरकार राज्य कर्मचारियों को ये भरोषा दिलाने में कामयाब हुई है कि वे कर्मचारियों की अन्य मांगों पर भी जल्द सकारात्मक कदम उठाएंगे।बीते फरवरी माह से कर्मचारी आंदोलन कर रहे थे, जिसमें गोल्डन कार्ड की खामियों को दुुरुस्त करने की मांग की थी। 11 माह से अंशदान कटौती हो रही है लेकिन खामियों की वजह से उपचार नहीं मिल पा रहा था। जिससे लंबे समय से आंदोलन कर रहे कर्मचा​रियों की लंबित मांग पूरी हो गई है।

उत्तराखंड सचिवालय संघ ने गोल्डन कार्ड का शासनादेश जारी होने के बाद कहा कि आज उनके संघर्ष के बाद आखिरकार मुराद पूरी हो गई है। वहीं उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने गोल्डन कार्ड का शासनादेश आने के बाद बैठक बुलाई।चुनावी सीजन में जिस तरह से उत्तराखंड सरकार, वोटरों को लुभाने के लिए फैसले ले रही है, वैसे ही इन फैसलों पर कर्मचारी संगठन भी अपनी राजनीति चमका रहे हैं। गुरुवार को जैसे ही सरकार ने गोल्डन कार्ड पर शासनादेश जारी किया तो वैसे ही कर्मचारी संगठनों ने भी इस श्रेय लेने का मौका बना लिया। कई संगठनों ने खद को श्रेय देते हुए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

उत्तराखंड सचिवालय संघ और उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति अपने-अपने स्तर से बड़े निर्णय का स्वागत कर रहे हैं। राजनैतिक दल की तरह कर्मचारी संगठन भी इसे अपनी जीत बता रहे हैं। जो कि चुनावी साल में लाभ लेने में पीछे नहीं हैं। जिससे सरकार के सामने खुद के संगठनों को मजबूत साबित दिखा सकें। चुनाव से पहले प्रदेश के सभी कर्मचारियों, शिक्षकों, पेंशनरों की मांगों के लिए उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति दोबारा से आंदोलन लड रही हैा जिसमें विभिन्न विभागों, निगमों की 14 सूत्री मांगों पर यह समिति एकजुट होकर लड़ाई लड़ रही हैा कर्मचारियों की एक जैसी मांगों को लेकर वर्ष 2019 में इस समन्वय समिति ने आंदोलन किया था, जिसके बाद तत्कालीन वित्त मंत्री स्व. प्रकाश पंत के साथ लिखित समझौता हुआ था। अब चुनाव से पहले सभी कर्मचारी और शिक्षक एक जुट होकर फिर से आंदोलन कर रहे हैा इस बार सचिवालय संघ अपने स्‍तर से अलग से पैरवी कर रहा हैा सीएम बनने केे बाद से पुष्कर सिंह धामी कर्मचारियों की मांगों को खुद सुलझा रहे हैं। जिसका असर दिख रहा हैा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद कर्मचारियों से वार्ता कर मामले को लेकर आश्वासन दे चुके थे। अब शासन ने आदेश भी जारी कर दिया है। राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों की अटल आयुष्मान योजना से बाहर कैशलेस इलाज की व्यवस्था करने की मांग सरकार ने पूरी कर दी है।कर्मचारियों की मांग पूरी विधानसभा चुनाव में जाने से पहले सरकार हर वर्ग को साधने में जुटी है। ऐसे में राज्य कर्मचारियों की भी बड़ी मांग को धामी सरकार ने पूरा कर दिया है। जिससे कर्मचारियों का गुस्सा काफी हद तक ठंडा होना तय है।

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने गोल्डन कार्ड का शासनादेश आने के बाद बैठक बुलाई। बैठक में राज्य सरकार के गोल्डन कार्ड सुधारों से संबंधित शासनादेश जारी होने पर स्वागत किया गया। समिति के प्रवक्ता अरुण पांडेय व प्रताप पंवार ने बताया कि बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने जो आश्वासन समन्वय समिति को दिया था, उसे आखिर पूरा कर दिया है।उन्होंने कहा कि योजना के तहत चिकित्सालयों की एक दो चिकित्सा सुविधा को ही पंजीकृत किया गया था जबकि समन्वय समिति पूरी चिकित्सा व्यवस्था का लाभ कैशलेस देने की मांग कर रही थी, जिसे मांग लिया गया है। उन्होंने अब इस योजना के सुचारू संचालन के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में शिकायत एवं निगरानी प्रकोष्ठ का गठन करने की मांग की है।

बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य सचिव अमित सिंह नेगी ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। जिसमें कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों का कैशलेस सुविधा को अटल आयुष्मान योजना से अलग कर दिया गया है। कर्मचारियों व पेंशनरों को राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (एसजीएचएस) के तहत इलाज की सुविधा मिलेगी। साथ ही केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) की दरों पर कैशलेस इलाज किया जाएगा। योजना का संचालन राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से किया जाएगा, लेकिन गोल्डन कार्ड और आईटी सिस्टम की व्यवस्था पहले की तरह लागू रहेगी। योजना में कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए असीमित व्यय पर कैशलेस इलाज की सुविधा है। जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से सूचीबद्ध 2700 से अधिक अस्पतालों में इलाज कराने की सुविधा रहेगी। कर्मचारी संगठनों को मिली संजीवनी राज्य सरकार के निर्णय के बाद राज्य कर्मचारियों में नया उत्साह नजर आ रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड में नई खेल नीति को दी गई मंजूरी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य की नई खेल नीति मंजूरी दे दी गई। नई नीति में खेल सुविधाओं के विकास, कम उम्र से ही खिलाड़ी तैयार करने और खिलाडि़यों को प्रोत्साहन पर फोकस किया गया है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मंगलवार देर शाम कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि राज्य में खेल प्रतिभाओं का विकास आठ साल की उम्र से शुरू होगा। इसके लिए फिजिकल एंड स्पोट्र्स एप्टिट्यूड टेस्ट की व्यवस्था लागू होगी। धामी सरकार की कैबिनेट ने ‘उत्तराखंड खेल नीति 2021’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि कैबिनेट में 30 से अधिक मामलों में चर्चा की गई।जिसमें खेल नीति की मंजूरी, 30 से 50% आर्थिक सहायता बढ़ाया जाएगा, राज्य बसों में निशुल्क यात्रा, खिलाड़ियों को नौकरी दी जाएगी।

उत्तराखंड खेल नीति 2021′ लागू होने पर विद्यालयी शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, खेल, युवा कल्याण एवं पंचायती राज मंत्री अरविन्द पांडेय ने समस्त खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, खेल प्रेमियों को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की। मंत्री ने कहा कि ‘उत्तराखंड खेल नीति 2021’ प्रदेश में खेल संस्कृति के विकास व उन्नयन हेतु उत्कृष्ट एवं प्रभावी है। उन्होंने कहा कि देश में आज जिस प्रकार खेलों में युवाओं की रूचि तथा अनेक संभावनाओं ने आकार लिया है, इसी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में युवाओं के हित में उत्तराखंड खेल नीति-2021 का निर्माण किया गया।

‘उत्तराखंड खेल नीति 2021’ के अंतर्गत वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक कल्चर से प्रभावित बच्चों और युवाओं को पुनः खेलों के प्रति प्रेरित कर प्ले फील्ड कल्चर की ओर अग्रसर किया जायेगा। ‘उत्तराखंड खेल नीति 2021’ में खेल एवं खिलाड़ियों के उन्नयन, खेल प्रतिभाओं को तलाशने, निखारने व उभारने, खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने, खिलाड़ियों के नियोजन, सामान्य आहार के साथ-साथ एक्स्ट्रा न्यूट्रिएंट्स फूड डाइट की व्यवस्था, खिलाड़ियों के लिए रोजगार के अवसर तथा सम्बंधित पूर्ण सुविधाएँ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। युवाओं में राष्टीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतिभाओं को विकसित करने हेतु उचित आर्थिक प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।

  • खेल नीति 2021 के मुख्य अंश –

खेल प्रतिभाओं को आरम्भिक आयु 08 वर्ष से ही पहचानने और उनको तराशने के लिए प्रतिभा श्रृंखला विकास योजना PSAT (Physical and Sports Aptitude Test) को लागू किया जायेगा।

उच्च प्राथमिकता वाले खेलों के लिए Center Of Excellence स्थापित किये जाएंगे।

मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना

राज्य के उदीयमान खिलाडियों को प्रतिवर्ष आवश्यक बैड़ी टेस्ट और उसकी दक्षता की मैरिट के आधार पर 08 वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु के बालक-बालिकाओं प्रति जनपद 150-150 प्रति जनपद अर्थात पूरे राज्य में 1950 बालकों एवं 1950 बालिकाओं कुल 3900 उदीयमान खिलाडियों को मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना अन्तर्गत धनराशि 1500 रुपए प्रतिमाह उपलब्ध करायी जाएगी।

राज्य के प्रतिभावान खिलाडियों को उनकी खेल सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति से उन्हें खेलों में और अधिक मनोयोग से प्रतिभाग करने के लिए 14 वर्ष से 23 वर्ष तक की आयु के प्रतिभावान खिलाड़ियों को जनपद स्तर पर छात्रवृत्ति, खेल किट, ट्रैकसूट और खेल संबंधी अन्य उपस्कर आदि उपलब्ध कराये जाएंगे। प्रतिवर्ष यह सुविधा प्रति जनपद 100-100 ( कुल 2600) प्रतिभावान बालक-बालिकाओं को प्रति खिलाड़ी 2 हजार रुपए प्रतिमाह की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जायेगी। साथ ही खेल उपस्कर के लिए प्रतिवर्ष धनराशि 10 हजार रुपए की सीमा तक मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन कार्यक्रम अन्तर्गत उपलब्ध करायी जाएगी।

खिलाड़ियों को नियुक्ति- राज्य की सेवाओं में उच्च स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं को समूह ख और ग में चयनित विभागों के चयनित पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया का सरलीकरण किया जायेगा।

मेजर ध्यानचंद निजी क्षेत्र खेल प्रतिभागिता प्रोत्साहन कोष की स्थापना

राज्य में खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र द्वारा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, खेल अकादमी, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए मेजर ध्यानचंद निजी क्षेत्र खेल प्रतिभागिता प्रोत्साहन कोष की स्थापना की जाएगी।

खिलाड़ियों के पुरस्कार राशि में 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत की वृद्धि

प्रतिवर्ष पदक विजेता खिलाड़ियों को दी जाने वाली पुरस्कार की धनराशि में प्रतिशत की वृद्धि की जायेगी। खिलाड़ियों के लिए दुर्घटना बीमा एवं आर्थिक सहायता।

राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रशिक्षण और राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के समय होने वाली खेल दुर्घटनाओं के लिए खेल इन्जरी।

 

  • कैबिनेट में अन्‍य प्रस्‍तावों को मिली मंजूरी

भोजन माताओं के वेतन में 1 हजार की बढ़ोत्तरी।

केदारनाथ धाम में निविदा को बढ़ाया गया।

दीनदयाल होम स्टे योजना की तहत लीज की जमीन पर भी होम स्टे खोलने को मंजूरी की गई प्रदान।

प्रत्येक न्याय पंचायत में 6500 लाभार्थियों को मधु ग्राम के तहत प्रत्येक व्यक्ति को 20 बॉक्स दीए जाएंगे।

111 पदों पर अपर निजी सचिव के पदों पर 1 वर्ष कम्प्यूटर की अनुभव की बाध्यता को किया गया खत्म।

उत्तराखंड की खेल नीति को कैबिनेट से मिली मंजूरी।

मेगा इंडस्ट्रियल नीति को मंजूरी।

लॉक डाउन में बंद शराब की दुकानों के राजस्व की वापसी को मंजूरी।

एयरपोर्ट पर भी अब डिपार्टमेंटल वाइन स्टोर को मंजूरी।

विदेशी शराब की दुकान खुल सकेगी।

विधानसभा सत्र की पूर्व तिथि को कैबिनेट ने लिया वापस पीआरडी जवानों के वेतन में महीने के हिसाब से 2100 रुपये के मानदेय की वृद्धि,500 की जगह 570 रुपये किया गया प्रतिदिन का मानदेय।

राशन डीलर्स का लाभांश बढ़ाया गया।

एसटी, एससी और बीपीएल परिवारों को 3.12 एकड़ तक कि भूमि के विनयमिकरन माफ किया गया।

प्रदेश में पार्किंग के अलग अलग टाइप्स को मंजूरी।

बद्रीनाथ मास्टर प्लान में ध्वस्त होने वाले मकानों को सहमति से अलग अलग मानको पर दिया जाएगा मुवावजा, आवास की मांग करने वालो को दिया जाएगा आवास।

मेडिकल छात्रों को दी जाने वाली राहत इसी वर्ष से होगी लागू।

33 फीसदी सब्सिडी को 50% किया गया, लीज की भूमि पर भी योजना की मिलेगी मंजूरी।

होम स्टे योजना में संसोधन, सब्सिटी में कई गयी बढ़ोत्तरी मोबाइल कॉर्ड से भी वहन चैकिंग में मिलेगी छूट।

33 फीसदी सब्सिडी को 50% किया गया, लीज की भूमि पर भी योजना की मिलेगी मंजूरी।

मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति को कैबिनेट में मंजूरी जो को 31 मार्च 2025 तक रहेगी लागू।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की सचिवालय में अहम बैठक आज, नई खेल नीति समेत इन बड़े फैसलों पर लग सकती है मुहर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक आज मंगलवार को राज्य सचिवालय में होगी। बैठक में राज्य की नई खेल नीति के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, कृषि, उद्यान, राजस्व, पर्यटन, स्वास्थ्य से जुड़े प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है।इससे पहले कैबिनेट की बैठक ने 11 नवंबर को होना था, लेकिन इसे किसी कारणों से स्थगित कर दिया गया था।

सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खेल नीति का प्रस्ताव कैबिनेट में लाए जाने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के खिलाड़ियों के लिए खेल नीति में कई नए प्रावधान कर रही है। इससे राज्य के खेल और खिलाड़ियों, दोनों को फायदा होगा। बैठक में राशन डीलरों का अंशदान बढ़ाने, सरकारी क्षेत्र के उद्यानों को लीज पर देने व विभागीय सेवानियमावलियों के प्रस्ताव आ सकते हैं।

3 फीसदी महंगाई भत्ते के अलावा कर्मचारियों और सेवा नियमावली से जुड़े विषयों पर फैसले आ सकते हैं। आज होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में आगामी शीतकालीन सत्र से संबंधित भी कई विषय आ सकते हैं। आगामी 7 और 8 दिसम्बर को गैरसैंण में शीतकालीन सत्र होना है। शीतकालीन सत्र में लाए जाने वाले अध्यादेश और विधेयकों को लेकर कल कैबिनेट में मंजूरी दी जा सकती है।

इससे पहले मंत्रिमंडल की बैठक 11 नवंबर को होनी थी। लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्रियों की कार्यक्रमों में व्यस्तता के कारण बैठक स्थगित कर दी गई थी। पिछली बैठक में सरकारी मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को दी थी बड़ी सौगात इससे पहले पिछले माह हुई कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को बड़ी सौगात दी थी। एमबीबीएस के छात्रों की एक साल की निर्धारित चार लाख रुपये की फीस को 1.45 लाख रुपये कर दिया गया था। मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद उत्तराखंड में ही सेवाएं देने का बांड भरने वाले छात्रों के लिए 50 हजार रुपये शुल्क तय किया गया था।

मुख्यमंत्री योगी और धामी ने सुलझाया यूपी-उत्तराखंड का 21 साल पुराना विवाद

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच पिछले 21 साल से विवादित परिसंपत्तियों को लेकर दोनों ही राज्यों को बड़ी सफलता मिली है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर सीएम योगी आदित्यनथ से मुलाकात की। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  ने गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और दोनों नेताओं के बीच करीब 30 मिनट तक बैठक चली। इसके बाद दोनों मुख्यमंत्री प्रदेश के अफसरों के साथ बैठे और सालों से चले आ रहे विवादों का निपटारा किया। दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच हुई इस बातचीत से पिछले 21 सालों से चला आ रहा यूपी-उत्तराखंड परिसंपत्ति विवाद समाप्त हो गया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि बैठक में दोनों राज्यों के बीच चल आ रहा परिसंपत्ति विवाद खत्म हो गया है। ये दोनों ही राज्यों के लिए ऐतिहासिक दिन है। इतना ही नहीं, सीएम धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगले 15 दिनों में 5700 हेक्टेयर भूमि पर दोनों राज्यों का संयुक्त रूप से सर्वे होगा। सर्वे के आधार पर जितनी भूमि की उत्तर प्रदेश को जरुरत है वो उन्हें मिल जाएगी। जितने मकान की जरुरत है वो उत्तर प्रदेश को मिल जाएगा। बाकी सब उत्तराखंड को मिल जाएगा।

उत्तर प्रदेश सरकार बनवास-किच्छा बैराज का पुननिर्माण कराएगी।हरिद्वार स्थित अलकनंदा होटल को एक माह के भीतर उत्तराखंड को सौंपा जाएगा और सीएम योगी इस मौके पर वहां रहेंगे। किच्छा में बस स्टॉप की जमीन उत्तराखंड को मिल जाएगी। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम करीब 205 करोड़ रुपए की धनराशि उत्तराखंड को भुगतान करेगा। इसी तरह, आवास विकास का मुद्दा हल किया गया है। यूपी और उत्तराखंड के बीच आवास विकास की 50-50 प्रतिशत बटवारा होगा।उत्तर प्रदेश सरकार उत्तराखंड वन विभाग को 90 करोड़ रुपये देगी।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया और उन्हें धन्यवाद दिया। कहा कि दोनों राज्यों के बीच छोटे-बड़े भाई के संबंध हैं। मेरा यूपी से पुराना रिश्ता है। मेरे सभी शैक्षणिक दस्तावेज यूपी के हैं। योगी जी ने दिल खोलकर हमारी बातों को माना। हमारा मकसद सभी का सम्मान और सभी का विकास है।

उत्तराखंड: आज परिसंपत्तियों के मसले को सुलझाने के लिए लखनऊ में योगी-धामी करेंगे बैठक, उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के बीच क्या है परिसंपत्ति विवाद?

उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही परिसंपत्तियों के बटवारे का मसला अभी तक नहीं सुलझ पाया है। इसे लेकर समय-समय पर मुख्यमंत्री से लेकर सचिव स्तर तक की बैठकें हो चुकी हैं।उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य बना है, तभी से दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे का विवाद बरकरार है। अब इस विवाद को सुलझाने के लिए बड़े स्तर पर कोशिश की जा रही है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिन के लखनऊ दौरे पर है और आज उनकी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्ति विवाद को लेकर बैठक होगी। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यूपी ने अभी तक उसे पूरी परिसंपत्तियां ट्रांसफर नहीं की है। जिसके बाद आज सीएम पुष्कर सिंह धामी यूपी दौरे पर हैं। आज की बैठक में सीएम धामी सिंचाई, ऊर्जा, परिवहन, कृषि, आवास-विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, वन एवं कृषि विभाग के लंबित मुद्दे चर्चा करेंगे। वहीं सीएम धामी के साथ कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, मुख्य सचिव एसएस संधू और सचिव पुनर्गठन रंजीत सिन्हा भी लखनऊ पहुंचे हैं।

इस बारे में बीजेपी ने दावा किया है कि चुनाव से पहले इस मसले को सुलझा लिया जाएगा। उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा चूंकि इस समय दोनों राज्यों और केंद्र में बीजेपी की ही सरकारें हैं इसलिए इस विवाद के सुलझने का यह सही समय है। योगी और धामी की बैठक से पहले यह भी कहा जा रहा है चूंकि योगी उत्तराखंड के हैं और धामी उप्र से गहरा ताल्लुक रखते हैं इसलिए दोनों सीएम आपसी सामंजस्य से दोनों राज्यों के बीच चल रहे इस झगड़े को ठीक से सुलझा सकते हैं।

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भी अभी तक परिसंपत्तियों के बंटवारे का मामला अभी तक सुलझा नहीं है और इस संबंध में पिछली बैठक अगस्त 2019 में हुई थी। हालांकि इस बैठक के दौरान कई मुद्दों पर सहमति बनी, लेकिन ज्यादातर मामलों में कोई फैसला नहीं हो सका और उत्तराखंड को परिसंपत्तियां ट्रांसफर नहीं हुई। दोनों राज्यों के बीच सिंचाई विभाग के तहत हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और चंपावत में करीब 1315 हेक्टेयर जमीन पर फैसला होना है। इसके साथ ही उत्तराखंड को 351 भवनों के हस्तांतरण पर सहमति बनने के बाद भी ये भवन नहीं मिले हैं। जिसको लेकर आज दोनों राज्यों के बीच बातचीत होगी।

उत्तर प्रदेश ने अभी तक उत्तराखंड को हरिद्वार में सिंचाई के लिए गंगानहार से 665 क्यूसेक पानी देने के लिए मंजूरी नहीं दी है। वहीं उत्तराखंड के नाम पर किच्छा में सिंचाई विभाग की 0.346 हेक्टेयर भूमि ट्रांसफर करने को लेकर भी फैसला होना है। वहीं ऊर्जा निगम में मनेरी-भाली जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम से 420 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया था और इसका इस्तेमाल दूसरे काम के लिए किया जाता था। यह राशि भी उत्तराखंड को देनी है और इस पर भी फैसला होना बाकी है। इसके साथ ही आज की बैठक में। रामगंगा बांध, शारदा नहर, खटीमा पावर हाउस, मोहम्मदपुर पावर हाउस में बिजली उत्पादन में आ रही समस्याओं पर भी बातचीत होगी।

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने अभी तक उत्तराखंड परिवहन निगम को यात्री कर के 36 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। वहीं उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास बोर्ड की परिसंपत्तियों के वितरण फार्मूले पर भी दोनों राज्यों के भी फैसला लिया जाना है। जबकि उत्तर प्रदेश वन निगम ने सहमति के बावजूद उत्तराखंड वन निगम को 77.31 करोड़ का भुगतान नहीं किया है। जिसे आज सीएम धामी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने उठाएंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम और उत्तराखंड बीज एवं तराई बीज निगम के बीच खातों के सामंजस्य का मामला अभी कृषि विभाग में लंबित है।

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच पिछले 21 सालों से परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर विवाद हल नहीं हो सका है।  उत्तराखंड के सिंचाई विभाग की 5500 से करीब 13,000 हेक्टेयर ज़मीन और 4000 इमारतों को लेकर विवाद है, जिन पर अब तक यूपी का ही कब्ज़ा है। उत्तराखंड परिवहन विभाग की 5000 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर यूपी के साथ विवाद है, तो हरिद्वार में कुंभ और कांवड़ मेले की ज़मीन पर कब्ज़े को लेकर भी विवाद है।

टिहरी डैम पर भी अब तक उप्र मालिकाना हक लिये हुए है. कुल मिलाकर 11 विभागों की ज़मीन, भवन और संपत्तियों पर उत्तराखंड दावा करता है, जो अब तक यूपी के अधिकार में हैं और इनसे यूपी ही राजस्व वसूल रहा है।इस परिसंपत्ति विवाद को लेकर कई मामले विभिन्न अदालतों में भी पेंडिंग हैं। राजस्व, सिंचाई, जल विद्युत परियोजनाएं, परिवहन, पर्यटन व कार्मिकों के आवंटन से जुड़े विभागों के मामले उलझे हुए हैं।इन्हीं को हल करने के लिए दोनों मुख्यमंत्री बैठक करने वाले हैं।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में बढ़ोत्तरी, स्थापना दिवस पर की कई अहम घोषणाएं

09 नवंबर को उत्तराखंड के 22वें स्थापना दिवस पर पुलिस लाइन में रैतिक परेड का आयोजन किया गया। परेड की सलामी राज्यपाल लेफ्टि. जनरल(सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने ली। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में बढ़ोतरी, समेत कई अन्य अहम घोषणाएं की।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन को बढ़ाने की घोषणा की है। कहा कि 3100 पेंशन पाने वाल लाभार्थियों को अब 4500 पेंशन मिलेगी, जबकि 5000 पेंशन पाने वाले आंदोलनकारियों को अब 6000 पेंशन दी जाएगी। कहा कि 2025 तक उत्तराखंड के हर गांव को लिंक मार्गो से जोड़ा जाएगा।

09 नवंबर को उत्तराखंड स्थापना दिवस के मौके पर देहरादून स्थित पुलिस लाइन में आयाेजित रैतिक परेड में संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि 2025 तक उत्तराखंड के प्रमुख प्रत्येक शहरों को हेली सेवा से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सरकार रणनीति बनाकर कार्य कर रही है। उनके अनसुार, उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां उड़ान योजना के तहत हेली सर्विस की शुरूआत की गई है।

  1. राज्य आंदोलन कारियों की पेंशन में वृद्धि, 3100 से बढ़ाकर 4500 रुपये

2.  हर जिले में एक महिला छात्रावास

3. 11 से 18 साल की छात्राओं के लिए निशुल्क स्वास्थय जांच व 104 पर निःशुल्क परामर्श

4. दून व हल्द्वानी में नशामुक्ति केंद्र की स्थापना

5. खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए खेल नीति 2021 जल्द

उत्तराखंड सरकार ने राज्य स्थापना दिवस को उत्तराखंड महोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। यह महोत्सव सप्ताहभर तक गांव से लेकर राजधानी तक चलेगा और इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम होंगे। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मंगलवार शाम को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी शामिल होंगे।

पूर्व सीएम समेत पांच हस्तियों को ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान’ से नवाजेगी उत्तराखंड सरकार

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को सरकार ने ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान-2021’ के लिए पांच हस्तियों के नामों की घोषणा कर दी गई है।सरकार ने पांच अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए पांच विभूतियों को पुरस्कार के लिए चुना है।पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी को मरणोपरांत उत्तराखंड गौरव सम्मान से नवाज़ा जाएगा, तो लोक गायक नरेंद्र नेगी, प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉन्ड का भी नाम सम्मानित होने वालों में शामिल है। इनके साथ ही, पर्यावरणविद अनिल जोशी और एवरेस्ट बछेंद्री पाल को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा।

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उत्तराखंड के स्थापना दिवस को लेकर भी सरकार ने रूपरेखा तैयार कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल में राज्य स्थापना दिवस को ‘उत्तराखंड महोत्सव’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। महोत्सव के तहत गांव से लेकर राजधानी में 7 दिनों तक विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक आयोजन किए जाएंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर पांच विभूतियों को ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान’ प्रदान के मद्देनजर चयन समिति गठित की गई थी। समिति की संस्तुतियों के आधार पर इस सम्मान के लिए सोमवार को नामों की घोषणा कर दी गई। उत्तराखंड गौरव सम्मान की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस पहल के तहत विभिन्न क्षेत्रों के पांच प्रतिष्ठित लोगों को यह पुरस्कार दिया जाएगा।

उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी को मरणोपरांत यह सम्मान प्रदान किया जाएगा। प्रदेश के विकास में पंडित तिवारी के योगदान को देखते हुए उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है।प्रसिद्ध लेखक रस्किन बांड को साहित्य, पद्मभूषण डा अनिल प्रकाश जोशी को पर्यावरण, पर्वतारोही बछेंद्री पाल को साहसिक खेल और लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इस सम्मान के लिए चयनित किया गया है। गौरतलब है कि पर्यावरणविद् डा जोशी को सोमवार को ही दिल्ली में पद्मभूषण से नवाजा गया था।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड महोत्सव के अंतर्गत प्रतिवर्ष पांच व्यक्तियों को दिया जाने वाला उत्तराखंड गौरव सम्मान, विभिन्न क्षेत्रों में राज्य को पहचान दिलाने वालों का सम्मान है। यह सम्मान प्रेरणा का कार्य भी करेगा।

सीएम धामी ने कहा कि राज्य जब अपना 25वां स्थापना दिवस मनाएगा, तो उसका उल्लेख आदर्श उत्तराखंड के रूप में होगा। गौरतलब है कि इससे पहले अपने दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अगला दशक उत्तराखंड के नाम होने की बात कही थी। माना जा रहा है कि ये बयान बीजेपी की अगले कुछ सालों के लिए चुनावी रणनीति के ही ​हिस्से हैं।