Breaking News
22 Dec, 2024

CharDham Yatra Registration 2023 : पहले दिन रिकार्ड 31 हजार पंजीकरण, एक क्लिक पर करें रजिस्ट्रेशन अप्लाई

उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के लिए इस वर्ष भी पंजीकरण की व्यवस्था रहेगी। तीर्थयात्री, आनलाइन व आफलाइन दोनों माध्यम से पंजीकरण कर सकेंगे। खुशखबरी यह है कि प्रशासन ने बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के लिए आनलाइन पंजीकरण खोल दिए हैं। जबकि गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुलने की तिथि विधिवत घोषित होने के बाद इन धामों के लिए आनलाइन पंजीकरण शुरू किया जाएगा।

उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के लिए इस वर्ष भी पंजीकरण की व्यवस्था रहेगी। तीर्थयात्री, आनलाइन व आफलाइन दोनों माध्यम से पंजीकरण कर सकेंगे। खुशखबरी यह है कि प्रशासन ने बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के लिए आनलाइन पंजीकरण खोल दिए हैं। जबकि गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुलने की तिथि विधिवत घोषित होने के बाद इन धामों के लिए आनलाइन पंजीकरण शुरू किया जाएगा।

चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आनलाइन पंजीकरण खुलने के साथ ही पहले दिन शाम साढ़े पांच बजे तक 31565 तीर्थयात्री आनलाइन पंजीकरण करा चुके थे। जिसमें बदरीनाथ के लिए 14294 व केदारनाथ 17088 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराए।

चार तरीके से कराएं पंजीकरण

वेबसाइट : registrationandtouristcare.uk.gov.in
वॉट्सएप : 8394833833 नंबर पर ””yatra”” लिखकर भेजें
ऐप : touristcareuttarakhand
टोल फ्री नंबर : 01351364 (अन्य राज्यों के लिए)

 

इस वर्ष नए ट्रांजिट कैंप में होगा पंजीकरण

ऋषिकेश के चारधाम यात्रा बस टर्मिनल पर चारधाम यात्रा के लिए नया ट्रांजिस्ट कैंप स्थापित किया गया है। इस वर्ष चारधाम यात्रा का संचालन तथा आफलाइन पंजीकरण इसी ट्रांजिट कैंप पर की जाएगी। पर्यटन विभाग के उप निदेशक वीएस गंगवार ने बताया कि नए ट्रांजिट कैंप में भवन का कार्य 99 प्रतिशत पूरा हो चुका है।

आउटर में सड़क, पार्किंग आदि का काम शेष रह गया है। करीब चार करोड़ की लागत से यह काम होना है, जिसके लिए दो करोड़ रुपए जारी भी कर दिए गए हैं। इसके अलावा भवन के भीतर अवस्थापना कार्य के लिए ड्राइंग तैयार की जा चुकी है। शीघ्र ही यहां फर्नीचर पार्टीशन तथा अन्य कार्य पूरे कर दिए जाएंगे।

चारधाम यात्रा: तीर्थयात्रियों की मौत पर केंद्र सरकार गंभीर, उत्तराखंड सरकार से मांगी रिपोर्ट, अब तक 28 तीर्थयात्रियों की मौत

चारधाम की यात्रा पर पहुंचने वाले 28 तीर्थयात्रियों की अब तक मौत हो चुकी है। वहीं सरकार का कहना है कि अधिकतर मौतें व्यवस्थाओं की कमी नहीं, बल्कि हार्ट अटैक से हुई हैं। सरकार ने केदारनाथ में NDRF और ITBP को पहली बार तैनात किया है। वहीं भीड़ को देखते हुए रजिस्ट्रेशन भी सी​मित कर ​दिए गए हैं।

चारों धामों में हर दिन भारी भीड़ उमड़ रही है। 3 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा पर पहुंचने वाले 28 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने चारधाम की व्यवस्थाओं पर कहा कि चारधाम यात्रा में पहली बार NDRF के जवानों को तैनात किया गया है, ITBP भी तैनात है, जबकि SDRF हले से मौजूद है। अगर जरूरत पड़ी तो सेना के लोगों को भी तैनात किया जाएगा।

तीर्थयात्रियों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिले के सीएमओ से रिपोर्ट मांगी है। विभाग ने मौत की वजह हार्ट अटैक, हाइपरटेंशन और अन्य बीमारियां बताई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इससे पहले 23 तीर्थ यात्रियों की जानकारी देते हुए यमुनोत्री धाम में दस, केदारनाथ में आठ, गंगोत्री में तीन, बद्रीनाथ में दो तीर्थयात्रियों की मौत बताई​​​​थी। जिनमें 17 पुरुष और छह महिला यात्री शामिल है। इसमें से 5 मृतकों की उम्र 45 वर्ष से कम है और 18 की उम्र 50 साल से भी अधिक है।

पीएमओ के संज्ञान लेने के बाद हरकत में आया विभाग
बता दें कि चारधाम यात्रा में मृतकों का आं​कड़ा बढ़ने पर पीएमओ ने भी संज्ञान लिया था। इसके बाद राज्य सरकार हरकत में आई है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब राज्य सरकार को इस बार तीर्थयात्रियों के रिकॉर्ड पहुंचने की उम्मीद थी तो फिर स्वास्थ्य महकमा किस इतंजार में बैठा रहा। इससे स्वास्थ्य विभाग और सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं।

पीएमओ के संज्ञान लेने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। बुधवार को स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलेजा भट्ट ने मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग से संबंधित जिलों के सीएमओ को निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में कमी नहीं होनी चाहिए।

महानिदेशक ने सीएमओ को तीर्थयात्रियों की मौत पर विस्तृत रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। महानिदेशक ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में आठ स्थायी चिकित्सालय और 14 अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाए गए हैं। गंगोत्री मार्ग में 10 स्थायी चिकित्सालय व तीन अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्ट, बदरीनाथ मार्ग पर 19 स्थायी चिकित्सालय तथा दो अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्ट, यमुनोत्री मार्ग पर 11 स्थायी चिकित्सालय व चार अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्ट कार्य कर रहे हैं।

यात्रियों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए 132 डॉक्टरों को विभिन्न अस्पतालों में तैनात किया गया है। यात्रा मार्ग में आठ ब्लड बैंक व चार ब्लड स्टोरेज यूनिट भी संचालित हैं। यात्रियों को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सूचना के लिए 104 हेल्प लाइन काम कर रही है। जबकि 108 आपातकालीन सेवा की 102 एंबुलेंस व एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस भी यात्रा के लिए संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गई है।

मुूख्यमंत्री ने दो मंत्रियों को भी जिम्मेदारी सौंपी
सचिव स्वास्थ्य राधिका झा की ओर से भी यात्रा के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की समीक्षा कर एसडीआरएफ को मेडिकल टीम के साथ समन्वय करने के निर्देश दिए गए। जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में यात्रियों को त्वरित सहायता प्रदान की जा सके। हालांकि जिस तरह का हूजूम चारधाम यात्रा में उमड़ रहा है। उसमें अब तक ये सभी तैयारियां कम ही नजर आ रही है।

पौने 3 लाख यात्री चारधाम दर्शन कर चुके हैं। जबकि साढ़े 9 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन कराए जा चुके हैं। इधर मुूख्यमंत्री ने दो मंत्रियों को भी यात्रा की व्यवस्थाएं चाक चौबंद करने की जिम्मेदारी सौंपी है। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत को केदारनाथ और वन मंत्री सुबोध उनियाल को बद्रीनाथ की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए मौजूद रहेगी डॉक्टरों की टीम, यात्रा मार्ग पर मुफ्त स्वास्थ्य सेवा को मुख्यमंत्री धामी ने दिखाई झंडी

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई है। यात्रा के लिए पहला जत्था सोमवार को रवाना होगा। 3 मई यानी कि अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुल जाएंगे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं के लिए खास स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की है। इसकी जानकारी उन्होंने सोमवार को दी।  कोरोना के कारण दो साल तक चारधाम यात्रा अपनी पूरी क्षमता के साथ नहीं हो पा रही थी। इस दौरान आज उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में चार धाम यात्रा मार्ग पर मुफ्त स्वास्थ्य सेवा को झंडी दिखाकर रवाना किया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा मार्ग पर मुफ्त स्वास्थ्य सेवा को झंडी दिखाएं जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “डॉक्टर की टीम और एंबुलेंस रवाना कर रहे हैं जो पूरी यात्रा के दौरान मौजूद रहेंगी और लोगों को सुविधा प्रदान करेंगी।”

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए बताया कि, ”आज सिक्स सिगमा हेल्थ केयर द्वारा चारधाम यात्रा मार्गों पर उपलब्ध कराई जा रही नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का फ्लैग ऑफ किया। हमारी सरकार चार धाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान कराने हेतु प्रतिबद्ध है।”

सरकार के निर्देश के मुताबिक, केदारनाथ धाम में एक दिन में 12 हजार, बद्रीनाथ में 15 हजार, गंगोत्री में 7 हजार, यमुनोत्री में 4 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। 31 मई तक चलने वाली इस यात्रा में तकरीबन 2.29 लाख से ज्यादा यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है, हर जगह कोविड रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाणपत्र अनिवार्य किया जाता है, लेकिन इस साल चार धाम यात्रा पर जाने के लिए उत्तराखंड आने वाले तीर्थयात्रियों को कोविड की नेगेटिव जांच रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाणपत्र साथ रखना अनिवार्य नहीं है। तो वहीं, तीर्थ यात्रा पर निकलने से पहले श्रद्धालुओं के लिए पर्यटन विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इसके बाद मां सुरकंडा देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख एवं समृद्धि की कामना की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामीकहा कि टिहरी झील को दुनिया का सबसे बेहतर पर्यटन स्थल बनाने की योजना है। झील क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों के लिए भारत सरकार से पहले 1200 करोड़ की स्वीकृति मिली थी, जिसकी डीपीआर तैयार की जा रही है। 800 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मां सुरकंडा देवी के लिए रोपवे सेवा शुरू होने से श्रद्धालुओं को दर्शन करने में सुगमता होगी। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी। राज्य में धार्मिक पर्यटन के साथ ही साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

शीतकाल के लिए आज बंद हो जाएंगे भगवान बदरी विशाल के कपाट, 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया मंदिर

उत्तराखंड में बदरीनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल में 6 महीनें के लिए आज 20 नवंबर  शनिवार को शाम 6.45 बजे विधि-विधान से बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंदी की धाम में भव्य और परम्परा के अनुसार तैयारियां की जा रहीं हैं। भगवान के मंदिर से लेकर सिंहद्वार को बीस कुंतल गेंदा, कमल समेत अन्य फूलों से  सजाया जा रहा है। भगवान के दर्शन और कपाट बंद होने के दर्शन के साक्षी बनने के लिये बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी बदरीनाथ धाम पहुंचे  भगवान के दर्शन और कपाट बंद होने के दर्शन के गवाह बनने के लिए भारी संख्या में भक्त भी बदरीनाथ धाम पहुंचे हैं।

शुक्रवार को भगवान बदरी विशाल के मंदिर के कपाट बंद होने से पहले हो रही पंच पूजाओं के तहत मां लक्ष्मी मंदिर में नित्य पूजा के साथ मां लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर गर्भ गृह में आने की प्रार्थना की गई ।रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने मां लक्ष्मी माता को स्त्री वेष में बुलावा भेजा । गुरुवार को भगवान बदरीनाथ की महाभिषेक पूजा के बाद शीतकाल में वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो गया था । जिसके बाद वेद उपनिषदों को सम्मानपूर्वक मंदिर संरक्षण में रखा गया। जिसके बाद शुक्रवार को मां लक्ष्मी का आह्वान किया गया और कढ़ाई भोग का आयोजन किया गया।शुक्रवार तक बदरीनाथ में  1 लाख 91 हजार से अधिक श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर चुके हैं।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंदी से पूर्व भगवान के दर्शन के लिये श्रद्धालुओं का बदरीनाथ आने का सिलसिला जारी है।उन्होंने कहा केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए पहले ही बंद हो चुके हैं.

चारधाम यात्रा पर पांच लाख रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंचे हैं। जिनमें बदरीनाथ धाम में 1,91,106, केदारनाथ धाम में 2,42,712, गंगोत्री में 33,166 और यमुनोत्री में 33,306 तीर्थयात्री दर्शन-पूजन को आए थे। इस तरह चारधाम यात्रा में कुल 5 लाख 290 श्रद्धालु शामिल हुए।

केदारनाथ में गर्भगृह में दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल आएंगे उत्तराखंड

उच्च न्यायालय से चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध हटने के बाद देवस्थानम बोर्ड ने भी राहत दी है। अब श्रद्धालुओं को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर भी पंजीकरण नहीं कराना होगा। बल्कि राज्य में प्रवेश के लिए सिर्फ स्मार्ट सिटी की साइट पर ही पंजीकरण कराना होगा।चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम में गर्भगृह गृह की परिक्रमा कर दर्शन कर सकेंगे, लेकिन उन्हें शिवलिंग पर जलाभिषेक, घी लेपन आदि की अनुमति नहीं होगी। अलबत्ता, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

शासन द्वारा चारधाम यात्रा की मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) में संशोधन किए जाने के बाद अब चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भी इसी के अनुरूप तैयारियों में जुट गया है। बोर्ड ने भी संशोधित एसओपी जारी की है। मंडलायुक्त एवं बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के अनुसार परंपरानुसार बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में गर्भगृह में श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन केदारनाथ में पूर्व में अनुमति दी जाती थी। इस बार वहां गर्भगृह की एक बार परिक्रमा कर दर्शन की अनुमति दी गई है।

चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या के आने पर कोई रोक नहीं है। ऐसे में अब देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण का कोई औचित्य नहीं है। अब लोग सीधे स्मार्ट सिटी की साइट पर पंजीकरण करा कर चारों धामों में दर्शन कर सकेंगे। बावजूद इसके उन्हें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। सैनिटाइजर, मास्क की पर्याप्त उपलब्धता है तो सुरक्षित शारीरिक दूरी के हिसाब से व्यवस्था बनाई गई है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि केदारनाथ और बदरीनाथ में कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए पर्याप्त संख्या में यात्रियों के रात्रि विश्राम की भी व्यवस्था है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल ऋषिकेश के प्रस्तावित दौरे को लेकर सरकारी अमला सक्रिय हो गया है। पीएम के स्वागत की तैयारियों में अधिकारी और कर्मचारी जुट गए हैं। मोदी यहां ऋषिकेश एम्स में नवनिर्मित एक हजार लीटर क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने आ रहे हैं। एम्स ऋषिकेश आगमन पर सुरक्षा में किसी तरह की चूक नहीं हो, इसके लिए शासन-प्रशासन ने एम्स के हैलीपेड तक पूर्वाभ्यास कर व्यवस्थाओं को परखा। उत्तराखंड पुलिस की निगरानी में वायुसेना के हेलीकॉप्टर की सुरक्षित लैंडिंग भी करायी गई। पीएम मोदी के दौरे के दौरान हैलीपेड के चारों और बैरिकेडिंग लगाकर आम आदमी की आवाजाही को बंद कर दिया जाएगा। हैलीपेड पर एसपीजी और उत्तराखंड पुलिस के साथ सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों की टीम, लोनिवि, जलसंस्थान, आबकारी विभाग, तहसील प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे।

 

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने यात्रियों की सीमित संख्या को खत्म कर दिया है, रजिस्ट्रेशन और RTPCR रिपोर्ट अनिवार्य

उत्तराखंड हाइकोर्ट ने चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की।उत्तराखंड हाई कोर्ट ने यात्रियों की सीमित संख्या को खत्म कर दिया है।कोर्ट ने चारधाम में अपर लिमिट हटा दी है लेकिन कोर्ट ने साफ किया है कि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और यात्रा में आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य होगी। कोर्ट ने सरकार से कहा कि यात्रा के दौरान मेडिकल सुविधाओं की कोई भी कमी यात्रियों के लिए न हो और महिलाओं व बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाए। चीफ जस्टिस कोर्ट ने चारों धामों में मेडिकल एमरजेंसी के लिए हेलीकॉप्टर व्यवस्था करने को कहा और यात्रियों को इसकी सुविधा के संबंध में पूरी जानकारी देने को कहा। इससे पहले सरकार ने कोर्ट में केदारनाथ बद्रीनाथ समेत सभी धामों में यात्रियों की संख्या को बढ़ाने की मांग की थी।

हाइकोर्ट नैनीताल ने बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई।कोर्ट ने साफ किया कि शासन को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा। कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली है।मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि चारधाम यात्रा करने के लिए कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी थी, लेकिन वर्तमान समय मे प्रदेश में कोविड के केस ना के बराबर आ रहे हैं, इसलिए चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश में संशोधन किया जाए।

चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या को लेकर उत्तराखंड सरकार को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अब असीमित संख्या में तीार्थयात्री चारधाम यात्रा कर सकेंगे। हाइकोर्ट में आज चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने चारधाम में तीर्थयात्रियों  की संख्या को लेकर फैसला सुनाया। बता दें कि पूर्व में कोर्ट ने केदारनाथ धाम के लिए प्रतिदिन 800, बदरीनाथ धाम के लिए 1000, गंगोत्री के लिए 600, यमुनोत्री के लिए 400 श्रद्धालुओं की ही अनुमति दी थी।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,उत्तराखंड को बनाएंगे देश का नंबर वन पर्यटन हब, ‘स्विटज़रलैंड को मात कर सकता है उत्तराखंड’, चारधाम के 73 टूरिस्ट स्पॉट चिह्नित

देहरादून :- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक आयोजन में यह ऐलान किया कि अगले दस सालों के भीतर उत्तराखंड को पर्यटन के मामले में नंबर वन राज्य बनाया जाएगा और देश के टूरिज़्म हब के रूप में विकसित किया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने राज्य में पर्यटन सुविधा एवं निवेश प्रकोष्ठ व पर्यटन मंत्रालय के तहत ईको टूरिज्म विंग का गठन करने और पंडित नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान को पर्यटन विभाग को सौंपने की घोषणा की। अभी नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान को खेल विभाग संचालित करता है। साथ ही कहा कि इस वर्ष नवंबर में रामनगर में साहसिक पर्यटन पर आधारित निवेश सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सोमवार को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और फिक्की फ्लो के सहयोग से मालसी स्थित एक फार्म में आयोजित उत्तराखंड एडवेंचर फेस्ट को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस फेस्ट के दूसरे दिन का उद्घाटन दीप जलाकर किया। यहां मुख्यमंत्री ने पर्यटन पर आधारित प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया।

सीएम धामी ने पर्यटन विभाग और फिक्की फ्लो के एक संयुक्त आयोजन में सोमवार को कहा कि राज्य के पर्यटन को विकसित करने के लिए कई तरह से सोचा जा रहा है। उत्तराखंड को इस लिहाज़ से स्विटरज़रलैंड से भी बेहतर विकसित किया जा सकता है।कुछ अहम घोषणाएं करते हुए धामी ने नैनसिंह सर्वेयर पर्वतारोहण ट्रेनिंग संस्थान को खेल विभाग से पर्यटन विभाग को सौंपने को कहा। वहीं, रामनगर में एडवेंचर टूरिज़्म के लिए नवंबर में निवेश सम्मेलन की घोषणा भी की। ईको टूरिज़्म की मदद से पर्यटन को स्थायी व्यवसाय के तौर पर बढ़ावा देने की बात भी उन्होंने कही।

पर्यटन व्यवसाय से संबंधित सभी प्रस्तावों पर पर्यटन विभाग कार्रवाई करेगा। इसमें उद्योग विभाग का हस्तक्षेप नहीं रहेगा। शहरी विकास विभाग और आवास विभाग उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए परियोजना शुरू करेगा। ईको टूरिज्म विंग की मदद से पर्यटन व्यवसाय को स्थायी व्यवसाय के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उत्तराखंड से विशेष लगाव है। उनके नेतृत्व में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं से उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा। चार धाम यात्रा में यात्रियों को किसी तरह की तकलीफ न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरसंभव कोशिश की जा रही है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, हमारा मूल मंत्र है कि हम श्रेष्ठ सर्विस प्रोवाइडर बनें। पर्यटकों को जितनी अधिक सुविधाएं मिलेंगी, पर्यटन व्यवसाय को उतना ही लाभ मिलेगा। हम प्रदूषण रहित पर्यटन पर भी ध्यान दे रहे हैं। इसके लिए जल्द ही पर्यटन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग शुरू किया जाएगा। राज्य में विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से अनेक महत्वपूर्ण स्थल हैं। इस मौके पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, फिक्की की राज्य संयोजक डा. नेहा शर्मा, किरन टोडरिया आदि मौजूद रहे।

 

चारधाम यात्रा तय समय के लिए होती है इसलिए इसके बाद इन इलाकों में पर्यटन की रफ्तार कम न हो इसके लिए सरकार एडवेंचर स्पोर्ट्स और टूरिज्म एक्टिविटी पर ध्यान दे रही है। सरकार ने 13 नए ट्रैकिंग प्लेस में 73 स्पॉट्स को चिह्नित कर लिया है। पंचकोटी से नई टिहरी, औली से गौरसू, मुनस्यारी से खलिया टॉप में तो रोप वे के लिए एमओयू भी हो चुका है। वहीं, कद्दूखाल से सुरकंडा और ठुलीगाड़ से पूर्णागिरी देवी मंदिर जैसे स्पॉट्स भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं। यहां एंगलिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रेल रन, माउंटेन बाइकिंग, रिवर क्रॉसिंग, वॉटर रोलिंग, ऑफ-रोडिंग, हाइकिंग, सफारी शुरू करने की प्लानिंग है।

होम स्टे योजना के तहत सब्सिडी
इन जगहों पर पर्यटकों के लिए रहने की सुविधा के लिए ट्रैक्शन ट्रैकिंग होम स्टे योजना शुरू की गई है, जिसमें 40 एंट्रीज़ आ चुकी हैं। इस योजना में एक रूम के लिए 60 हज़ार की सब्सिडी दी जा रही है। हालांकि कई लोगों का मानना है कि उत्तराखंड सरकार को सब्सिडी के साथ यहां रोज़गार के साधन बढ़ाए जाने पर भी सोचना चाहिए।

चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू होगी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क‍िया ऐलान

देहरादून :- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चारधाम यात्रा को लेकर बड़ा ऐलान क‍िया। सीएम ने बताया क‍ि चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू होगी। इस दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पालन सख्‍ती से क‍िया जाएगा।

उत्तराखंड में व‍िश्‍व प्रस‍िद्ध चारधाम यात्रा एक बार फ‍िर 18 स‍ितंबर से शुरू होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को यात्रा शुरू करने का ऐलान क‍िया। इससे एक द‍िन पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटा दिया था। गुरुवार को हुई सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 भक्त या यात्रियों, बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों को जाने की अनुमति दी है।

चारधाम यात्रा को शुरू करने को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अनुमति दे दी। कोर्ट ने हर भक्त या यात्री को कोविड निगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीन की दो डोज का सर्टिफिकेट साथ ले जाने के बाद ही वहां एंट्री देने का आदेश द‍िया है। चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान जरूरत के मुताबिक पुलिस फोर्स लगाने को भी कहा गया है। कोरोना को देखते हुए भक्तों को किसी भी कुंड में स्नान करने की इजाजत नहीं होगी।

26 जून को हाईकोर्ट ने लगाई थी चार धाम यात्रा पर रोक
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते 26 जून को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने चार धाम की यात्रा की व्यवस्थाओं पर रिपोर्ट तलब करते हुए चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने तर्क दिया था कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी व्यवस्थाएं मुकम्मल नहीं हैं। हाई कोर्ट ने ऐंटी स्पिटिंग और ऐंटी लिटरिंग ऐंक्ट 2016 के अनुसार सभी धामों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के भी आदेश सरकार को दिए थे।

केदारनाथ के लिए हेलीसेवा शुरू होने में समय लग सकता है। नागरिक उड्डयन विभाग को हेली सेवा संचालन के लिए नए सिरे से डीजीसीए से अनुमति लेनी पड़ेगी। इस बार नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (उकाडा) ने मार्च में ही केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा का टेंडर पूरा करते हुए, मई में टिकट की एडवांस बुकिंग भी शुरू कर दी थी।शुरुआती एक सप्ताह में 11 हजार से अधिक लोगों ने धाम के लिए एडवांस में टिकट ले भी लिए थे। लेकिन कोविड के कारण यात्रा प्रारंभ न होने पर उकाडा को रकम वापस लौटानी पड़ी। अब जब कोर्ट ने यात्रा पर से रोक हटा दी है तो उकाडा फिर से हेली सेवा शुरू करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए उकाडा जल्द ही सभी नौ ऑपरेटर की मीटिंग करने जा रहा है। इसके साथ ही डीजीसीए को भी नए सिरे से हेलीपैड का निरीक्षण करने के लिए बुलाया जाएगा।

इसके बाद ही यात्रा प्रारंभ हो सकेगी। उकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलेश मेहता के मुताबिक सामान्य तौर पर बरसात के दौरान हेली सेवा बंद रहती है, मानसून के बाद अक्तूबर में ही हेली सेवा फिर प्रारंभ होती है। इस बार भी अक्तूबर प्रथम सप्ताह तक हेलीसेवा प्रारंभ हो सकती है।

उत्‍तराखंड : चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर किया विरोध प्रर्दशन सोमवार को एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस ने किया था बदरीनाथ कूच

देहरादून – चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रर्दशन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, सेवादल, एनएसयूआइ, महानगर कांग्रेस के कार्यकर्त्‍ताओं ने धरना दिया। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य ने कहा कि चारधाम यात्रा बंद रहने से प्रदेश के लाखों युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। जब सरकार की रैलियों पर प्रतिबंध नहीं है तो फिर चारधाम यात्रा रोकने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा हरिद्वार, ऋषिकेश, टिहरी, रुद्रप्रयाग व चमोली जिले की आर्थिकी को सीधा प्रभावित करती है। सरकार जल्द से जल्द चारधाम यात्रा शुरू करे ताकि इससे जुड़े होटल, ढाबा, हस्तशिल्प, कुटीर, घोड़ा, दंडी वालों पंडित-पुजारियों को राहत मिल सके।

प्रदेश की चारधाम यात्रा तत्काल शुरू करने की मांग को लेकर विधानसभा के समक्ष एक दिवसीय धरने को संबोधित करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व कांग्रेस मैनिफेस्टो कमेटी के संयोजक सूर्यकांत धस्माना ने राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि उत्तराखंड की लाइफ लाइन माने जाने वाली चार धाम यात्रा बीजेपी सरकार की लापरवाही से शुरू नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि कोविड 19 की दूसरी लहर धीमी पड़ने के साथ ही राज्य सरकार का दायित्व था कि वो यात्रा को शुरू करने के लिए स्क्रीनिंग, टैस्टिंग, वैक्सिनेशन व यात्रा रूट पर अस्थायी आइसीयू युक्त अस्पताल दवाओं व डाक्टरों का समुचित प्रबंध करती व उच्च न्यायालय नैनीताल को अपनी तैयारियां का ब्यौरा दे कर संतुष्ट करती।

धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार ने जानबूझ कर ऐसा नहीं किया। जिसके कारण माननीय न्यायालय को हतक्षेप कर यात्रा को रोकना पड़ा और सरकार जुलाई से लेकर अब तक भी न तो यात्रा की तैयारियों का ब्यौरा कोर्ट को दे सकी और कोर्ट का बहाना बना कर यात्रा को टालती रही, जिसके कारण आज पूरी यात्रा रुट के पांच लाख परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। धस्माना ने कहा कि यात्रा से संबंधित पंडित पुरोहित धर्मशालाओं, होटलों, परिवहन व्यवसायियों से लेकर सब्ज़ी, दूध, प्रसाद व अन्य व्यवसायों से जुड़े लोग आज भुखमरी की कागार पर खड़े हैं, लेकिन सरकार को इसकी फिक्र नहीं है। धस्माना ने कहा कि अब यात्रा के दो महीने रह गए हैं और अगर अब भी यात्रा शुरू नहीं हुई तो ये लोग बर्बाद हो जाएंगे।

 

सोमवार को एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस ने किया था बदरीनाथ कूच

सोमवार को चारधाम यात्रा के संचालन की मांग को लेकर बदरीनाथ कूच कर रहे एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस और जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं को पांडुकेश्वर में पुलिस बल ने रोक लिया था। कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी देने के साथ ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस दौरान कार्यकर्ताओं व पुलिस टीम के साथ धक्का-मुक्की भी हुई थी।

जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से एनएसयूआई और यूथ कार्यकर्ता दोपहर में एक बजे बदरीनाथ कूच के तहत पांडुकेश्वर में पहुंचे। यहां पहले से ही मौजूद पुलिस बल ने बैरिकेडिंग की हुई थी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़कर बदरीनाथ धाम जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस बल ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर गिरफ्तारियां दी। हालांकि पुलिस ने कार्यकर्ताओं को बिना शर्त रिहा कर दिया।

जिला कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता विकास जुगरान और एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष संदीप नेगी ने कहा कि सरकार ने चारधाम यात्रा को रोक कर गरीब व्यापारियों की रोजी रोटी छीन ली है। हक-हकूकधारियों को जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। यात्रा पड़ावों में सन्नाटा पसरा हुआ है। कहा गया कि यात्रा को लेकर सरकार के तानाशाह रवैये से जनता में आक्रोश है।