चम्पावत विधानसभा उपचुनाव:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को कांग्रेस की ओर से निर्मला गहतोड़ी देंगी  टक्कर

चम्पावत विधानसभा सीट के उपचुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को कांग्रेस की ओर से निर्मला गहतोड़ी टक्कर देंगी। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में उनके नाम की घोषणा की गई।।पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निर्मला की उम्मीदवारी को स्वीकृति प्रदान की। इस सीट पर 31 मई को मतदान होगा।

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की तेज-तर्रार महिला नेताओं में शुमार की जाने वाली निर्मला का ताल्लुक ब्राह्मण समुदाय से है। वह करीब तीन दशक पहले शराब विरोधी आंदोलन से सुर्खियों में आई थीं।वह कांग्रेस की चंपावत जिला अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमेटी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य रही हैं। पूर्व की प्रदेश कांग्रेस सरकार में वह दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री भी थीं।

प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने निर्मला को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से गंभीर है। कांग्रेस जीत के लक्ष्य के साथ चुनाव मैदान में उतर रही है। माहरा ने कहा, ‘भाजपा सरकार का पिछले पांच साल और नए दो महीने का कार्यकाल भी बेहद निराशाजनक है। प्रदेश की जनता सभी का आंकलन कर रही है। उपचुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखाएगी। जिस प्रकार खटीमा की जनता ने ऐतिहासिक फैसला दिया है, उसी प्रकार चंपावत की जनता भी एक मील का पत्थर स्थापित करेगी।

चंपावत विधानसभा सीट पर 2017 और 2022 में बीजेपी को जीत मिली। हालांकि दो बार कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल ने जीत का स्वाद चखा। वे 2002 और 2012 में यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। वहीं 2007 में बीजेपी की बीना महाराणा यहां से विधायक चुनी गई थी। इसके बाद 2017 और 2022 में लगातार दो बार कैलाश गहतोड़ी विजयी बने।

हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 47 सीटों पर जीत हासिल कर दोबारा सरकार बनाई, लेकिन पार्टी का नेतृत्व करने वाले धामी स्वयं खटीमा सीट से हार गए। धामी ने 23 मार्च को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।मुख्यमंत्री के लिए उपचुनाव लडने का रास्ता साफ करने के लिए विधायक कैलाश गहतोड़ी ने 21 अप्रैल को चंपावत सीट से त्यागपत्र दे दिया था।

धामी के लिए परीक्षा से कम नहीं है उपचुनाव

कांग्रेस ने सीएम धामी के खिलाफ महिला उम्मीदवार को उतारा है। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने संकेत दिए थे कि पार्टी शुक्रवार तक प्रत्याशी तय कर सकती है। चार मई को इसकी गजट अधिसूचना जारी कर दी गई है। चुनाव हारने के बाद सीएम धामी को बेशक एक बार फिर राज्य की कमान मिल गई है लेकिन उनके लिए उपचुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं है। सीएम बने रहने के लिए उनका उपचुनाव को जीतना जरूरी है। धामी के लिए चंपावत से जीते कैलाश गहतोड़ी ने अपनी सीट छोड़ दी थी।

मुख्यमंत्री धामी ने शुक्रवार को बनबसा मिनी स्पोर्ट्स स्टेडियम में जनसभा को किया संबोधित, मुख्यमंत्री चम्पावत से लड़ेंगे उपचुनाव ?

पुष्कर सिंह धामी दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले दौरे के लिए चंपावत विधानसभा के बनबसा इलाके में पहुंचे, जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह अब भाजपा के लिए योद्धा बन गए हैं और यह बात वह हाईकमान को बताएंगे कि कैसे कार्यकर्ताओं ने उन्हें इस भूमिका में खड़ा कर दिया है।सीएम पुष्कर धामी चंपावत विधानसभा के बनबसा पहुंचे तो उनका ज़ोरदार स्वागत भाजपाइयों ने किया। चंपावत सीट विधानसभा चुनाव जीतने वाले कैलाश गहतोड़ी वह ​पहले विधायक थे, जिन्होंने सीएम धामी के उपचुनाव के लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की थी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत से उपचुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान के सामने वह चम्पावत से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखेंगे। हाईकमान का फैसाला ही अंतिम होगा। धामी को इस सीट से चुनाव लड़ने का न्योता विधायक कैलाश गहतोड़ी पहले ही दे चुके हैं।

बनबसा स्टेडियम में हुई जनसभा में एक बार फिर विधायक कैलाश गहतोड़ी ने धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने का ऐलान दोहराया। उन्होंने कहा कि सीएम धामी अगर चम्पावत सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाते हैं, तो वह उनके लिए अपनी सीट छोड़ने में जरा भी संकोच नहीं करेंगे। इसके बाद सीएम धामी ने अपने संबोधन में कहा कि वह विधायक गहतोड़ी का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं। कहा वह विधायक के इस प्रस्ताव को हाईकमान के सामने रखेंगे। उपचुनाव लड़ने को लेकर हाईकमान ही अंतिम निर्णय लेगा। कहा अगर उन्हें यहां से चुनाव लड़ने का मौका मिलता है, तो उनके लिए इससे बड़े सौभाग्य की बात और क्या हो सकती है। सीएम ने अंत में विधानसभा चुनाव में भाजपा को दिए प्रचंड बहुमत के लिए जनता का आभार जताया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘मैं किस सीट से चुनाव लड़ूंगा, यह फैसला तो हाईकमान को ही करना है। हालांकि यह फैसला कुछ भी हो, मैं चंपावत के लिए हर वह कदम उठाऊंगा, जो इस ज़िले के लिए सबसे अच्छा हो सकता है।’ यही नहीं, चंपावत से धामी ने अपना पुराना रिश्ता बताया।