कोरोना संक्रमण उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश में बीते 24 घंटे में 3848 व्यक्ति संक्रमित पाए गए और 2 संक्रमितों की मौत हुई। संक्रमण दर कोरोना की तीसरी लहर में पहली बार 12 प्रतिशत के पार हो गई।
राज्य सरकार के हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 30 हजार 983 व्यक्तियों की जांच की गई। जांच में 3848 व्यक्तियों के संक्रमित पाए जाने के साथ संक्रमण दर 12.42 प्रतिशत पर पहुंच गई है। एक दिन पहले शुक्रवार को 3200 नए मामलों के साथ संक्रमण दर 11.48 फीसद थी। कोरोना के सर्वाधिक 1362 नए मामले देहरादून में पाए गए और यहां की संक्रमण दर प्रदेश से कहीं अधिक 19.25 प्रतिशत दर्ज की गई।
देहरादून के बाद नैनीताल में 719 व हरिद्वार में 641 व्यक्ति संक्रमित मिले हैं। वहीं, ऊधमसिंह नगर में 412 व्यक्ति संक्रमित पाए गए। अन्य जिलों में भी जांच के अनुरूप संक्रमण का आंकड़ा बढ़ रहा है। बढ़ते संक्रमण के चलते प्रदेश का रिकवरी रेट 91.90 प्रतिशत पर आ गया है। शनिवार को स्वस्थ होने वालों के आंकड़ा 1184 रहा। नए मामलों की अपेक्षा एक तिहाई व्यक्ति ही कोरोना से जंग जीतकर स्वस्थ हो रहे हैं। वहीं, एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 14 हजार 892 हो गई है।
जिला, नए संक्रमित
- देहरादून, 1362
- नैनीताल, 719
- हरिद्वार, 641
- ऊधमसिंह नगर, 412
- पौड़ी, 168
- अल्मोड़ा, 128
- टिहरी, 109
- बागेश्वर, 75
- चंपावत, 67
- चमोली, 63
- पिथौरागढ़, 50
- उत्तरकाशी, 28
रुद्रप्रयाग, 26
उत्तराखंड में चुनाव रैलियों पर रोक 22 तक बढ़ी, इनडोर प्रचार में राहत
लगातार बढ़ते कोविड संक्रमण के बीच चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों और नेताओं की रैलियों पर रोक की अवधि 22 जनवरी तक बढ़ा दी है। हालांकि दलों को 300 लोगों की उपस्थिति या उस हॉल की 50 प्रतिशत क्षमता के साथ इनडोर बैठक करने की राहत प्रदान की गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देशों का पूर्ण पालन उत्तराखंड में किया जाएगा। आयोग ने तय किया है कि 22 जनवरी तक कोई रोड शो, रैली या पद यात्रा या वाहन रैली नहीं हो सकेगी।
किसी भी तरह की फिजिकल रैली का आयोजन भी 22 जनवरी तक नहीं किया जा सकेगा। हालांकि, राजनीतिक दल अगर चाहें तो कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अधिकतम 300 या हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत तक की संख्या के साथ इनडोर बैठक कर सकते हैं। इसमें राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की गाइडलाइंस और कोविड गाइडलाइंस का पालन अनिवार्य होगा। सभी राजनीतिक दलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कहीं भी कोविड प्रोटोकॉल या आचार संहिता से जुड़े किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। इनमें से किसी का भी उल्लंघन किया तो संबंधित नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।