उत्तराखंड में चुनाव से पहले बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि दो घंटे तक कैबिनेट की बैठक चली, लेकिन इसी बीच हरक सिंह रावत को गुस्सा आया और उन्होंने टेबल पर हाथ पटकर इस बैठक को आधे में ही छोड़ दिया। साथ ही अपने इस्तीफे का भी ऐलान कर दिया। उनके साथ विधायक उमेश शर्मा काऊ के भी पार्टी छोड़ने की खबर है।
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफे की खबर ने उत्तराखंड की सियासत में खलबली मचा दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरक सिंह ने अपनी सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए इस्तीफा दे दिया है। कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के मंत्रिमंडल से इस्तीफा के ऐलान से एक बार फिर उत्तराखंड की सियासत में भूचाल आ गया है। बताते हैं कि हरक सिंह इस्तीफे की घोषणा कर कैबिनेट की बैठक से चले गए। सरकारी प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हरक ने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के लिए बजट जारी नहीं होने पर नाराजगी जताई थी। शुक्रवार देर शाम सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक चल रही थी। अचानक कैबिनेट मंत्री हरक रावत ने कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का मसला उठा दिया।
जब कैबिनेट बैठक में उनके किसी भी फैसले को शामिल नहीं किया गया तो हरक सिंह रावत ने इस पर नाराजगी जताई और भावुक भी हुए। रोते हुए हरक सिंह रावत उत्तराखंड सचिवालय से बाहर निकले।सूत्र ने हमें ये भी बताया कि हरक सिंह रावत इस्तीफे के बाद अब जल्द कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें काफी लंबे समय से चल रही हैं। जिस तरह से 2016 में वो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे, उसी तरह अब चुनाव से ठीक पहले उनके पाला बदलने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल होते हैं तो ये पार्टी के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि हरक सिंह रावत का अपना एक वोट बैंक है, जिसका फायदा वो कांग्रेस को दे सकते हैं। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि हरीश रावत इस बात से बिल्कुल खुश नहीं हैं कि हरक सिंह रावत की वापसी की बात हो रही है। ऐसे में देखना होगा कि उनका अगला कदम क्या होता है।
बीजेपी को 24 दिसंबर को एक झटका नहीं, बल्कि एक साथ डबल झटका लगा है।बताया जा रहा है कि, देहरादून के रायपुर से बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी हरक सिंह रावत के साथ ही इस्तीफा दे दिया है। उमेश शर्मा काऊ के पार्टी छोड़ने की अटकलें काफी पहले से लगाई जा रही थीं। वो भी लगातार अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते आए हैं।
कैबिनेट बैठक में हरक सिंह के बागी होने की वजह कोटद्वार मेडिकल कॉलेज में देरी बनी। प्रस्ताव न आने से नाराज हरक सिंह की स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के साथ बहस इस हद तक बढ़ गई कि वो इस्तीफा की घोषणा करते हुए चलते बने। इसके बाद हरक की गैरमौजूदगी में कैबिनेट ने कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए पांच करोड़ रुपए मंजूर किए।
शुक्रवार शाम सात बजे से विश्वकर्मा भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक के लिए सबसे पहले शासकीय प्रवक्ता छह बजे सीएम कार्यालय में पहुंचे। इसके बाद क्रमश: कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय, सीएम पुष्कर सिंह धामी, बंशीधर भगत और फिर हरक सिंह रावत वहां पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सात से सभी कैबिनेट मंत्री विश्वकर्मा भवन पहुंचे, जहां कैबिनेट आहूत की गई थी। इसके बाद कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, यतीश्वरानंद, विशन सिंह चुफाल भी यही पहुंचे।
जबकि सतपाल महाराज ऑनलाइन माध्यम से इसमें जुड़े। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट के सामने साठ से अधिक प्रस्ताव रखे गए थे, इस कारण बैठक रात 9.50 तक खिंच गई। लेकिन कैबिनेट बैठक समाप्त होने तक भी कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव न आने पर हरक सिंह ने जब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह से नाराजगी जताई तो बात देखते ही देखते तीखी बहस में तब्दील हो गई।
इसके बाद आनन- फानन में कैबिनेट में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए पांच करोड़ रुपए आबंटन का प्रस्ताव लाया गया, जिसे मंजूरी देकर हरक को शांत करने का प्रयास किया गया। इतनी देर में हरक की बगावती तेवर जंगल में आग की तरह फैल चुकी थी।
- घटनाक्रम
- 6:00 बजे: कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल पहुंचे
- 6:28 बजे: सीएम पुष्कर धामी पहुंचे
- 6:45 बजे: कैबिनेट मंत्री हरक रावत पहुंचे
- 7:10 बजे: विश्वकर्मा बिल्डिंग में कैबिनेट बैठक शुरू
- 9:50 बजे:कैबिनेट बैठक के प्रस्ताव पूरे हुए
- 9:52 बजे:हरक ने मेडिकल कालेज का मुद्दा उठाया व धन सिंह से बहस
- 9:58 बजे:कैबिनेट मंत्री इस्तीफे का ऐलान करते हुए बाहर निकले