पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के जन्म दिन पर और कांग्रेस में यशपाल आर्य की वापसी के साथ, कांग्रेस 18 अक्टूबर को हल्द्वानी के रामलीला मैदान में करेगी शक्ति प्रदर्शन

हल्द्वानी :- चार साल नौ महीने बाद उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री का पद छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के बहाने हल्द्वानी के रामलीला मैदान में कांग्रेस 18 अक्टूबर पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के जन्म दिन पर कांग्रेस का हल्द्वानी में शक्ति प्रदर्शन होगा। पार्टी के मुताबिक 18 अक्टूबर को होनी वाली जनसभा में हजारों की संख्या में कार्यकर्ता जुटेंगे। इसके अलावा बड़े नेता भी शामिल होंगे। संभावना है कि कार्यक्रम के दौरान आर्य के करीबी रहे कई लोग भी पुन: कांग्रेस में वापसी करेंगे। यशपाल के करीबी रहे लोग कार्यक्रम को भव्य बनाने में जुटे हैं। ताकि कुमाऊं के प्रवेशद्वार हल्द्वानी में विपक्ष की एकजुटता का संदेश जा सके।

नैनीताल के विधायक रहे संजीव आर्य ने स्वीकार किया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल के निर्देश पर 18 अक्टूबर (सोमवार ) को दिन 11बजे रामलीला मैदान हल्द्वानी पूर्व मुख्यमंत्री पर्वत पुत्र विकास पुरुष पंडित स्व नारायण दत्त तिवारी की जयंती व पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए संकल्प विशाल जनसभा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य का स्वागत एवं अभिनंदन किया जाएगा।

कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव, चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह प्रभारी श्रीमती दीपिका पांडे सिंह, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत ,डॉक्टर जीत राम, तिलकराज बेहड़, भुवन कापड़ी की उपस्थिति में उक्त कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। संजीव आर्य ने कार्यक्रम में रामलीला मैदान हल्द्वानी पहुंचने का अनुरोध किया है।

40 साल से लंबे वक्त तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले यशपाल आर्य ने जनवरी 2017 में भाजपा का दामन थाम लिया था। कांग्रेस में रहकर विधायक, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष तक रहे आर्य के इस फैसले ने सभी को चौंका दिया था। वहीं, शनिवार को दिल्ली में यशपाल आर्य और नैनीताल से विधायक रहे बेटे संजीव आर्य दिल्ली में पार्टी हाईकमान के समक्ष फिर से पार्टी में शामिल हो गए।

उत्तराखंड में चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, उनके पुत्र संजीव आर्य कांग्रेस में हुए शामिल 

उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जानता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल-बदल का खेल जोरों पर है। इसी क्रम में आज बीजेपी सरकार के कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, उनके पुत्र संजीव आर्य समेत कई नेता भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। प्रदेश की राजनीति में दलितों का बड़ा चेहरा माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के साथ-साथ उनके बेटे विधायक संजीव आर्य ने भी में शामिल हो गए हैं।यशपाल आर्य बाजपुर और उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल सीट से विधायक हैं। यशपाल आर्य इस समय उत्तराखंड सरकार में परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन और आबकारी विभाग के मंत्री हैं।यशपाल आर्य और उनके बेटे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं हरीश रावत, के सी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ नयी दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हुए।

यशपाल और उनके बेटे संजीव साल 2017 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। बीजेपी की सरकार बनने के बाद यशपाल को तोहफा देते हुए उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। ठीक पांच साल बाद यशपाल आर्य की घर वापसी हुई है। यशपाल आर्य कांग्रेस के उन 9 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने 2016 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। बदले में बीजेपी ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया तो उनके बेट संजीव आर्य को भी टिकट दिया गया। चुनाव से ठीक पहले यशपाल की घर वापसी बीजेपी के लिए बड़ा झटका है।

सितंबर में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की नाराजगी की खबरें आई थीं। इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके आवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे।। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे बातचीत हुई। सीएम और यशपाल आर्य ने साथ में नाश्ता भी किया था।काफी समय से सुनने में आ रहा है कि वह बीजेपी में खुश नहीं हैं और कांग्रेस में वापसी की तैयारी में हैं। उनकी दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से अंतिम चरण की बातचीत के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए।

इससे पहले उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से उनके आवास में मुलाकात की थी।दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की मौजूदगी में यशपाल और संजीव आर्य ने कांग्रेस में वापसी की है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व सीएम हरीश रावत भी मौजूद रहे।

सितंबर में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की नाराजगी की खबरें आई थीं। इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके आवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे।। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे बातचीत हुई। सीएम और यशपाल आर्य ने साथ में नाश्ता भी किया था।काफी समय से सुनने में आ रहा है कि वह बीजेपी में खुश नहीं हैं और कांग्रेस में वापसी की तैयारी में हैं। उनकी दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से अंतिम चरण की बातचीत के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए।

देहरादून :-प्रधानमंत्री मोदी के ऋषिकेश के दौर पर उठाए सवाल, आज  गांधी पार्क में ‘अफसोस दिवस’ मना रही कांग्रेस

देहरादून :- प्रधानमंत्री मोदी के ऋषिकेश दौरे को निराशाजनक बताते हुए कांग्रेस शुक्रवार को अफसोस दिवस मना रही है।लखीमपुर घटना से आहट और प्रधानमंत्री मोदी के ऋषिकेश एम्स दौरे को निराशाजनक बताते हुए कांग्रेस कार्यकर्ता अफसोस दिवस मना रहे है।अपने एम्स दौरे के दौरान पीएम मोदी की ओर से उत्तराखंड के लिए पीएम द्वारा घोषणा नहीं करने के विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल गांधी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे मौन उपवास पर बैठ गए।

कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि उत्तराखंड का बेरोजगार आस लगाए बैठा था कि प्रधानमंत्री निश्चित ही देहरादून आकर भारत के दूसरे सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाले राज्य के लिए रोजगार की सौगात लेकर आएंगे।लेकिन दुर्भाग्य है कि उन्होंने इस दिशा में कोई घोषणा नहीं की इसके अलावा किसानों को उम्मीद थी कि लखीमपुर में हुई किसानों के साथ बर्बरता के खिलाफ देश के प्रधानमंत्री प्लास्टिक के रूप में दो शब्द कहेंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे के दौरान ढाणी सरकार को गन्ने का मूल्य बढ़ाने और बकाए की अदायगी करने के निर्देश देते लेकिन अफसोस है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तमाम कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अफसोस दिवस के रूप में 1 घंटे का मौन उपवास रखा। उसके बाद कांग्रेस जन सबको सम्मति देकर भगवान भजन गाकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करेंगे।

इस दौरान महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, पूर्व विधायक राजकुमार, पार्षद कोमल वोहरा, संगीता गुप्ता, नीनू सहगल, एसपी सिंह, संजय किशोर, नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, अशोक वर्मा आदि मौजूद थे। इससे पहले गुरुवार को ‘जवाब दो और हिसाब दो कार्यक्रम के तहत महिला कांग्रेस ने भाजपा सरकार गांधी पार्क के बाहर धरना दिया था। उधर, कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने पीएम मोदी के दौरे को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का दौरे से राज्य को कुछ भी नहीं मिला। वह आए और भाषण देकर वापस लौट गए। राज्य को कोई सौगात नहीं मिली।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘पुष्कर सिंह धामी आखिरी ओवर में भेजे गए बैट्समैन हैं वह कमाल के बल्लेबाज़ साबित होंगे,उत्तराखंड के लोगों को उनसे बहुत उम्मीदें हैं

देहरादून:-उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में होने वाले सियासी मैच में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कंधों पर ही पूरा दारोमदार होगा।भाजपा उन्हीं की कप्तानी में चुनाव लड़ेगी और वही पार्टी का चेहरा भी होंगे। पेशावर कांड के नायक वीर चंद्रसिंह गढ़वाली की प्रतिमा व स्मारक के लोकार्पण समारोह में राज्य के दौरे पर आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस पर एक तरह से मुहर लगा दी। पुष्कर धामी ने बिल्कुल सही नारा दिया है कि सरकार का दृढ़ इरादा, बातें कम काम ज्यादा। राजनाथ ने कहा कि वास्तव में बातें कम होनी चाहिए, लेकिन काम ज्यादा होना चाहिए।भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को वह छात्र राजनीति के समय से जानते हैं और धामी की ऊर्जा, क्षमता और कुछ कर गुज़रने के जज़्बे के कायल रहे हैं।राजनाथ सिंह ने क्रिकेट की कमेंटरी शैली में कहा, ‘सीएम धामी को मैं ऐसे देखता हूं जैसे किसी 20-20 मैच के आखिरी ओवर में बल्लेबाज़ को भेजा गया हो। वह कमाल के बल्लेबाज़ साबित होंगे, उनसे सभी को बहुत उम्मीदें हैं.’ वास्तव में, राजनाथ सिंह का यह दौरा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के नज़रिये से अहम माना जा रहा है।

चुनावी मैच में कप्तान कौन होगा, इसके लिए पार्टी नेतृत्व पहले ही कह चुका है कि धामी ही कमान संभालेंगे। हाल में उत्तराखंड के दौरे पर आए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एवं पार्टी के उत्तराखंड चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी ने साफ किया था कि धामी की अगुआई में चुनाव लड़ा जाएगा और स्वाभाविक तौर पर वही चेहरा होंगे। इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी यह कह चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुख्यमंत्री की मुलाकातों से भी इसे बल मिला है।

उत्तराखंड के ऐतिहासिक पेशावर कांड के नायक कहे जाने वाले रॉयल गढ़वाल राइफल्स के मेजर रहे वीरचंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा के अनावरण के लिए पीठसैंण में राजनाथ सिंह शुक्रवार को एक सभा को संबोधित करने पहुंचे।यहां उन्होंने उत्तराखंड में वीरता की मिसाल रहे गढ़वाली नामों को श्रद्धांजलि दी और उनके सम्मान में वक्तव्य दिया। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत समेत उत्तराखंड भाजपा के नेताओं ने एयरपोर्ट पर सिंह का स्वागत किया।

राजनाथ सिंह ने कहा कि गलवान में मातृभूमि की रक्षा के लिए हमारी सेना के वीर जवानों ने देश के मान सम्मान की रक्षा की। यह सुखद संयोग है कि आज जब वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा का अनावरण हो रहा है तो देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव भी मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी नेतृत्व में पिछले साढे सात वर्षों में मिशन मोड में काम हुआ है। चालीस साल तक देश के पूर्व सैनिकों को ओआरओपी के लिए इंतजार करना पड़ा। मगर मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ओआरओपी लागू कर दिया।

गढ़वाली वीरों और चुनावों के अलावा राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के सामरिक और अंतर्राष्ट्रीय सीमा के लिहाज़ से रणनीतिक महत्व पर भी बातचीत की। उन्होंने दावा किया की चीन सीमा से सटे आखिरी गांव माना तक सड़क काम जल्द पूरा होने वाला है। वहीं, नेपाल के साथ मित्र ही नहीं, बल्कि पारिवारिक देश जैसे संबंध सिंह ने बताए। लिपुलेख के रास्ते मानसरोवर यात्रा के आसान हो जाने के दावे के साथ ही सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड के सामरिक महत्व को देखते हुए Border Roads Organisation (BRO) द्वारा राज्य में 1000 किमी लम्बी सड़कों का निर्माण चल रहा है, जिसमें 800 किमी सड़क तो LAC और अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से सटी है।

उत्तराखंड चुनाव 2022:-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा- ‘कांग्रेस और AAP चुनौती नहीं’ मानता, उन्होंने कहा, मैं अकेला नहीं हूं। विश्व का सबसे बड़ा नेतृत्व, सबसे बड़ी पार्टी और कार्यकर्ताओं की फौज मेरे साथ है

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करते हुए कहा  कि वह कांग्रेस और आप को चुनौती नहीं मानते हैं। उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती उत्तराखंड का सतत विकास करना है। उन्होंने कहा, मैं अकेला नहीं हूं। विश्व का सबसे बड़ा नेतृत्व, सबसे बड़ी पार्टी और कार्यकर्ताओं की फौज मेरे साथ है।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आगामी विधानसभा चुनाव से लेकर चार धाम यात्रा, पलायन, उद्योग, रोज़गार जैसे कई विषयों पर खुलकर अपनी बात कही। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनज़र वह कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को मुकाबले में नहीं देख रहे हैं बल्कि उनका लक्ष्य उत्तराखंड का लगातार विकास करना है। यह कहते हुए उन्होंने साफ कर दिया कि भाजपा उत्तराखंड चुनाव में केंद्र की भाजपा सरकार की उपलब्धियों के नाम पर ही वोट ज़्यादा मांगेगी। यही नहीं, उन्होंने पिछली कांग्रेस सरकार की आलोचना भी की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करते हुए कहा, ‘मैं अकेला नहीं हूं. दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी, सबसे लोकप्रिय नेतृत्व और कार्यकर्ताओं का लश्कर मेरे साथ है। सीएम धामी के इस बयान पर जानकार मान रहे हैं कि उत्तराखंड चुनाव में भाजपा केंद्र सरकार की कामयाबियों के नाम पर वोट मांगने की रणनीति तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत ने बढ़िया काम किया है। उन्होंने जो कार्य किए हैं, उन्हें ही वह आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले हजारों घोषणाएं होती थीं लेकिन उनमें से कई पूरी नहीं होती थी। हम जो भी घोषणाएं कर रहे हैं, उन्हें पूरा करेंगे। वह मिलजुलकर सरकार चला रहा हैं और सबका आशीर्वाद उनके साथ है। किसी को कोई आपत्ति नहीं है।

आम आदमी पार्टी की घोषणाओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कुछ लोगों का एजेंडा उत्तराखंड में केवल चुनाव का है। जनता  समझती है कि जो काम दिल्ली में न हो पाया, वह उत्तराखंड में कैसे हो जाएगा। हमारा एजेंडा केवल चुनाव नहीं राज्य का विकास है।

पंजाब कांग्रेस के संकट के बारे में सीएम धामी ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी की दिशा पर सवालिया निशान खड़ा किया है।कांग्रेस का इतिहास इसी तरह का रहा है, जिसे पार्टी राहुल गांधी के नेतृत्व में और बढ़ा रही है। वहीं, आप के नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए धामी ने कहा कि उत्तराखंड की जनता समझदार है, वह जानती है जो काम दिल्ली में नहीं हो पाया, उसका दावा उत्तराखंड में कितना दमदार है।

 

इस्तीफे के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का पहला हर कुर्बानी के लिए तैयार, सच के लिए लड़ता रहूंगा

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने वीडियो जारी कर प्रतक्रिया दी है। सिद्धू ने कहा कि वे हक और सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी किसी के साथ कोई व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता नहीं है। मेरा राजनीतिक करियर 17 साल का है, जो बदलाव लाने के लिए था। लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए था। सिद्धू ने कहा ‘लोगों के जीवन में बदलाव लाना, दृढ़ तरीके से अपने फैसले पर खड़ा रहना और लोगों के जीवन को बेहतर बनाना ही मेरा धर्म है। मैं अपनी नैतिकता, नैतिक अधिकार से समझौता नहीं कर सकता।मैं जो देख रहा हूं वह पंजाब में मुद्दों, एजेंडा के साथ समझौता है।सिद्धू ने कहा ‘मैं पंजाब के मुद्दों के लिए देर तक लड़ता रहा दागी नेताओं, अधिकारियों की एक व्यवस्था थी, अब आप उसी प्रणाली को दोबारा नहीं दोहरा सक मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा’।

सिद्धू ने कहा ‘मेरी लड़ाई मुद्दे, मसले की है,मेरी लड़ाई एक एजेंडे की है।मैं हक और सच की लड़ाई लड़ता रहा। मेरे पिता ने मुझे हमेशा सिखाया है कि अगर दो रास्ते हो तो हमेशा सच का साथ दो। अपने ट्विटर अकाउंट पर 4.39 मिनट के एक वीडियो में सिद्धू ने कहा कि मैं न हाईकमान को गुमराह कर सकता, न गुमराह होने दे सकता हूं। इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ने के लिए, पंजाब के लोगों की जिंदगी को बेहतर करने के लिए मैं किसी भी चीज की कुर्बानी दे दूंगा। इसके लिए मुझे कुछ सोचने की जरूरत नहीं है।

सिद्धू ने मंगलवार को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद कुछ अन्य लोगों के इस्तीफे के कारण राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में एक नया संकट पैदा हो गया है। सिद्धू के इस्तीफे के कुछ ही घंटे बाद चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में 18 सदस्यीय नये मंत्रिमंडल में शामिल रजिया सुल्ताना ने भी पूर्व क्रिकेटर के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अपना इस्तीफा दे दिया।पंजाब की कांग्रेस इकाई के महासचिव योगिन्दर ढिंगरा और कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस राजनीतिक संकट के बीच कई नेता आज सिद्धू के पटियाला स्थिति आवास पर उनसे मिलने भी पहुंचे।

 

 

बीजेपी के खिलाफ आग उगलने वाले सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और मार-जिग्नेश मेवाणी राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए

बीजेपी के खिलाफ आग उगलने वाले सीपीआई नेता कन्हैया कुमार आज कांग्रेस में शामिल होंगे। दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार आज कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लेंगे। कांग्रेस मुख्यालय में कन्हैया को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाएगी। गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी कांग्रेस का दामन थाम लेंग। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों के अनुसार, गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल इन दोनों युवा नेताओं और कांग्रेस के नेतृत्व के बीच बातचीत की मध्यस्थता की है।

कई चुनाव हार चुकी कांग्रेस अब खुद को बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी की नजर लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव पर भी है। जीत हासिल करने के लिए पार्टी जातीय समीकरणों के साथ युवाओं पर दांव लगाने जा रही। 2024 के चुनाव में जीत के लिए हिसाब-किताब बैठाए जा रहे हैं। कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल किया जा रहा है। माना जा रहा है कि कन्हैया को बिहार कांग्रेस की अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। कांग्रेस की सदस्यता लेने से पहले कन्हैया कुमार दोपहर 2:30 बजे दिल्ली के ITO स्थित शहीद-ए-आजम भगत सिंह पार्क जाएंगे। यहां वे भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद वे कांग्रेस मुख्यालय पहुंचेंगे। राहुल गांधी युवा नेताओं की नई टीम बना रहे हैं. उनमें कन्हैया की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है।माना जा रहा है कि कांग्रेस कन्हैया कुमार का यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कई स्तरों पर उपयोग करना चाहती है।

मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे। वह पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े थे, हालांकि वह हार गए थे। दूसरी तरफ, दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जिग्नेश गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं।

PMO से उत्‍तराखंड पहुंची टीम,अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ सकते हैं केदारनाथ

देहरादून. उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र राज्य में सियासी सरगर्मियां बढ़ने जा रही हैं।अक्टूबर के महीने में भाजपा के शीर्ष नेता उत्तराखंड पहुंचेंगे। इसी सिलसिले में पीएम नरेंद्र मोदी का केदारनाथ दौरा अक्टूबर में संभव है। यहां काम का जायज़ा लेने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से एक टीम केदारनाथ पहुंची है। पीएमओ में सलाहकार भास्कर खुल्बे, आईएएस मंगेश घिल्डियाल अन्य अफसरों के साथ केदारनाथ पहुंचे हैं। ये टीम गुरुवार दोपहर 12 बजे तक यहां कामों और व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे। 6 अक्टूबर के बाद प्रधानमंत्री मोदी केदारनाथ दौरे पर आ सकते हैं।

चुनावी हलचलों के तहत बीजेपी अक्टूबर के महीने में पार्टी के शीर्ष नेताओं के उत्तराखंड दौरे तय कर रही है। फ़िलहाल प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री के दौरों को लेकर स्थान, दिन और समय के बारे में रूपरेखा बनाई जा रही है। इसी रूपरेखा के तहत केदारनाथ में व्यवस्थाओं का जायज़ा लेने पीएमओ से टीम पहुंची है, जिससे यह पूरी तरह तय माना जा रहा है कि पीएम मोदी यहां आने वाले हैं. गौरतलब है कि पीएम मोदी का दौरा केदारनाथ धाम के नवनिर्माण के लिहाज़ से भी अहम हो सकता है।

पंजाब :- मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ 40 विधायकों के खोला मोर्चा आज शाम 5 बजे विधायक दल की बैठक

पंजाब कांग्रेस में फिर घमासान शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ 40 विधायकों के मोर्चा खोलने के बाद पार्टी ने शनिवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है. ये बैठक शाम 5 बजे होनी है. वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने खेमे के विधायकों के साथ बैठक करने जा रहे हैं. सीएम अपने खेमे के विधायकों के बीच पहुंच चुके हैं.

सूत्रों के मुताबिक, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी को फोन करके AICC द्वारा बिना उन्हें विश्वास में लिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाए जाने पर ऐतराज दर्ज कराया है. उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह से पार्टी में उन्हें दरकिनार किया जाता रहा तो वो बतौर सीएम बने रहने के इच्छुक नहीं हैं.

सिद्धू खेमे की ओर से कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की चर्चा है. सूत्रों के मुताबिक  नाराज विधायक नवजोत सिंह सिद्धू या सुनील जाखड़ का नाम बतौर अगले विधायक दल के नेता के तौर पर आगे बढ़ा सकते हैं.

विधायक दल की बैठक में ये होंगे शामिल

विधायक दल की बैठक में पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत शामिल होंगे. इसमें दो केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन और हरीश चौधरी भी मौजूद रहेंगे. पंजाब के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी ट्वीट कर कहा, कांग्रेस पार्टी के निर्देश पर 18 सितंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई गई है.
इधर, पंजाब कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह ने स्वीकार किया कि विधायकों ने हाई कमान को लिखी चिट्ठी थी जिसके चलते गुरुवार को CLP की बैठक बुलाई गई है.

उन्होंने कहा कि ये किसी की अहंकार का सवाल नहीं है. विधायक लंबे समय से बैठक की मांग कर रहे थे, जो अभी तक हुई नहीं थी. वहीं परगट ने माना कि कांग्रेस में किसी तरह की गुटबाजी नहीं है और किसी भी तरह का एजेंडा विधायकों तक नहीं पहुंचाया गया है. सिर्फ उनको कांग्रेस दफ्तर में आने और बैठक में भाग लेने के लिए कहा गया है.

सिद्धू के सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा ने ट्वीट कर लिखा, 2017 में पंजाब ने हमें 80 विधायक दिए, लेकिन दुखद ये है कि कांग्रेस पार्टी एक अच्छा मुख्यमंत्री पंजाब को नहीं दे पाई. पंजाब के दुख और दर्द को समझते हुए अब समय आ गया है कि मुख्यमंत्री का चेहरा बदला जाए.

गुजरात: भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ, पीएम मोदी ने दी बधाई,

गुजरात के मनोनीत नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आज राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के तौर पर राज्यपाल के समक्ष पद और गोपनीयता की शपथ ली। गुजरात के सीएम पद की शपथ लेने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूपेंद्र पटेल को बधाई दी। पीएम ने ट्वीट किया, “मैं उन्हें वर्षों से जानता हूं और मैंने उनका अनुकरणीय कार्य देखा है, चाहे वह भाजपा संगठन में हो या नागरिक प्रशासन और सामुदायिक सेवा में।”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद गुजरात के नए सीएम भूपेंद्र पटेल को बधाई दी। समारोह में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, गोवा के सीएम प्रमोद सावंत समेत बीजेपी शासित राज्यों के सीएम भी मौजूद थे।

मंत्रिमंडल के सदस्‍यों के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम दो दिन बाद बुधवार को किया जाएगा। भाजपा के केंद्रीय निरीक्षक, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर एवं प्रह्लाद जोशी की मौजूदगी में गुजरात भाजपा विधायक दल की बैठक में अहमदाबाद के घाटलोडिया से विधायक भूपेंद्र पटेल को नेता चुना गया था। गुजरात के मुख्यमंत्री बनने वाले भूपेंद्र पटेल पांचवें पाटीदार होंगे जबकि कड़वा पाटीदार समुदाय के पहले मुख्यमंत्री होंगे।

गुजरात के मनोनीत मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आज शपथ ग्रहण समारोह से पहले अहमदाबाद में भाजपा नेता नितिन पटेल से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। इससे पहले गुजरात के मनोनीत मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर में मुख्यमंत्री आवास पर विजय रूपाणी से मुलाकात करने गए थे।

नगरपालिका से प्रदेश की राजनीति में शीर्ष पद तक का सफर

भूपेंद्र पटेल ने नगरपालिका स्तर के नेता से लेकर प्रदेश की राजनीति में शीर्ष पद तक का सफर तय किया है। उन्‍हें एक मृदुभाषी कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। बता दें कि राजनीतिक हलकों में मुख्‍यमंत्री के पद के लिए जिन शीर्ष नेताओं के नाम की अटकलें चल रहीं थीं उनमें दूर-दूर तक भूपेंद्र पटेल का नाम नहीं था। राज्य की घाटलोडिया सीट से 2017 में भूपेंद पटेल ने पहली बार चुनाव लड़ा था और विजयी रहे थे। ये जीत उन्‍होंने कांग्रेस प्रत्‍याशी शशिकांत पटेल को एक लाख से अधिक वोटों से हराकर हासिल की थी। इस चुनाव में जीत का ये सबसे बड़ा अंतर था।