जम्मू और कश्मीर में परिसीमन फार्मूला का विरोध, कश्मीरी पार्टियों को मंजूर नहीं जम्मू और कश्मीर का परिसीमन फार्मूला

परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 7 सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इनमें 6 जम्मू और 1 कश्मीर में बढ़ाई जाएंगी। इस संशोधन के बाद विधानसभा में सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी। विधानसभा की कुल 90 सीटों में से 43 जम्मू में, जबकि 47 सीटें कश्मीर में होंगी। इस प्रस्ताव का कश्मीर के गैर भाजपाई दलों ने पुरजोर विरोध किया है।

आयोग की सोमवार 20 दिसंबर को दिल्ली में बैठक हुई थी जिसमें बीजेपी के दो सांसद और एनसी के तीन सांसद भी शामिल हुए थे। बैठक में आयोग ने सभी सदस्यों के साथ विधान सभा में सीटों के प्रस्तावित आबंटन को साझा किया और उन्हें 31 दिसंबर तक अपने विचार सामने रखने को कहा। आयोग ने विधान सभा में सात सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, जिनमें से छह जम्मू में होंगी और एक कश्मीर में। इसी के साथ विधान सभा में कुल सीटों की संख्या 90 हो जाएगी।

इनमें से जम्मू की सीटें 37 से बढ़कर 43 हो जाएंगी और कश्मीर की सीटें 46 से बढ़कर 47। जनसंख्या के आधार पर? बीजेपी को छोड़ कर कश्मीर में चुनाव लड़ने वाली सभी पार्टियों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।2011 की जनगणना के मुताबिक, कश्मीर में 68 लाख 88 हजार 475 जनसंख्या है, यह राज्य की करीब 54.93% आबादी है। इसके पास 46 सीटें हैं, जो कि विधानसभा में प्रतिनिधित्व के हिसाब से 52.87% बैठती है। इसी तरह जम्मू में 53 लाख 78 हजार 538 लोग रहते हैं। इसके पास विधानसभा में 37 सीटें और वहां प्रतिनिधित्व 42.52% है।कश्मीरी पार्टियों की मांग है कि सीटों का बंटवारा जनसंख्या के आधार पर होना चाहिए। घाटी की राजनीतिक पार्टियां तर्क देती हैं कि कश्मीर घाटी की आबादी जम्मू के मुकाबले 15 लाख ज्यादा है और ऐसे में इसे विधानसभा में ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।

एनसी के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपना विरोध जताते हुए एक ट्वीट में कहा कि सीटों के इस आबंटन का 2011 की जनगणना के आंकड़े समर्थन नहीं करते। उन्होंने आयोग पर बीजेपी के राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया।

इसके अलावा एनसी सांसद और आयोग के एसोसिएट सदस्य हसनैन मसूदी ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया कि उन्होंने आयोग से कहा कि परिसीमन जिस जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत किया जा रहा है उसके खिलाफ अदालत में मुकदमा चल रहा है और ऐसे में उसके तहत फैसले नहीं लिए जा सकते।

महबूबा मुफ्ती ने कहा- इनकी कोशिश लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की है। जनगणना के आंकड़ों को भी ध्यान में नहीं रखा जा रहा है। एक क्षेत्र को 6 और कश्मीर को बस एक सीट दी जा रही है। यह कमीशन बीजेपी को सियासी फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है। मजहब और क्षेत्रवाद के आधार पर बंटवारा किया जा रहा है। कोशिश यह है कि अगस्त 2019 में जो कदम उठाया गया था, उसके आधार पर सरकार बनाई जाए।

पूर्व मंत्री और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चीफ सज्जाद गनी लोन ने कहा- परिसीमन कमीशन की सिफारिशें हमें कतई मंजूर नहीं हैं। ये उन लोगों के लिए बड़ा झटका है जो लोकतंत्र में यकीन करते हैं। अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी ने भी सिफारिशों को खारिज कर दिया। कहा- आबादी और जिलों को आधार बनाया जाना चाहिए था।

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के चीफ गुलाम अहमद मीर ने कहा- SC और ST के लिए तो सीटें पहले से रिजर्व हैं। जहां तक परिसीमन की बात है तो इसे आबादी के आधार पर होना चाहिए। 2011 की जनगणना के अनुसार जम्मू और कश्मीर की आबादी 1.22 करोड़ है। आबादी के लिहाज से तो परिसीमन नहीं हो रहा।

इसके अलावा लद्दाख की चार सीटें भी थीं। 2019 में राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नाम के दो अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिए गए। लेकिन नए प्रस्ताव के अनुसार आबादी के आंकड़ों में इतना फर्क होने के बावजूद जम्मू में कश्मीर से बस चार ही सीटें कम रह जाएंगी। यानी विधान सभा में जम्मू के प्रतिनिधित्व का अनुपात बढ़ जाएगा।

चुनाव 2022:-पूर्व सीएम हरीश रावत ने निकाली पदयात्रा,रावत ने कहा-‘उत्तराखंड में बीजेपी को हराकर ही दम लेंगे’

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत मंगलवार को हरिद्वार दौरे पर थे।जहां हरीश रावत ने टिबड़ी स्थित अंबेडकर पार्क में सफाई अभियान कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे।यहां सफाई अभियान में शामिल होने के बाद उन्होंने बढ़ती महंगाई के मुद्दे को लेकर रानीपुर मोड़ से शंकर आश्रम तक पदयात्रा निकाली। इसके साथ ही पूर्व सीएम ने जेपी नड्डा के कांग्रेस पर उठाए सवाल पर भी पलटवार भी किया।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य में डबल इंजन स्टार्ट नहीं हो रहा है। जिससे प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हैं। कांग्रेस 135 साल पुराना राजनीतिक दल है। कांग्रेस ने देश की आजादी की लड़ाई के अलावा देश के विकास में योगदान दिया। इसके साथ जुड़कर आप अपना रिश्ता बना रहे है। कहा कि जिन लोगों को उन्होने कांग्रेस का सदस्य बनाया है। वह कभी भी अपनी सदस्यता पर्ची दिखाकर मुझसे मिल सकते है और फोन पर बात कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विकास के उन्नयन के लिए उल्लेखनीय काम किया। भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद कर दिया।

उन्होंने कहा की पहले भाजपा सरकार राफेल विमान में खाई कमीशन की चिंता करें बाद में हम पर आरोप लगाए।पूर्व मुख्यमंत्री ने सबसे पहले हरिद्वार नगर विधानसभा क्षेत्र के टिबड़ी में बाबा भीम राऊ अंबेडकर की मूर्ति का माल्यार्पण कर झंडारोहण किया और सफाई अभियान की शुरुआत की।इसके साथ ही हरीश रावत द्वारा महंगाई और बेरोजगारी को लेकर रानीपुर मोड़ से शंकर आश्रम तक पद यात्रा निकली गई।पूर्व सीएम हरीश रावत ने बताया वह कांग्रेस परंपरा को लेकर जन–जन तक अपने राजनीतिक संदेश पहुंचा रहे हैं।उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी का राजनीतिक संदेश बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को लेकर रचनात्मक सोच के साथ कांग्रेस पार्टी बढ़ रही है।

हरीश रावत ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराखंड दौरे पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम तो जानना चाहते हैं कि नड्डा उत्तराखंड में दौरा करके क्या करते हैं।वो यहीं पर अड्डा बना कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस अब बीजेपी को हराकर ही दम लेगी। प्रदेश की जनता अब बीजेपी की करनी और कथनी को समझ चुकी है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार आने पर सर्वभौम पोषणहार योजना लाई जाएगी। एक परिवार को दो पेंशन का प्रावधान किया जाएगा। गैस सिलिंडर में दो सौ रुपये की सब्सिडी और बिजली की सौ यूनिट मुफ्त देने का काम किया जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्त्ताओं से मुलाकात की। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के साथ बैठक भी की। बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने महंगाई के मुद्दे को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार पर तीखे हमले बोले। उन्होंने कहा कि मौजूदा महंगाई केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की विफलता का प्रमाण हैं। महंगाई ने प्रत्येक घर का बजट बिगाड़कर अशांति पैदा कर दी है। गृहणियों की परेशानी बढ़ गई है।

उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के फैसले का श्रेय केंद्र की भाजपा सरकार ले रही है।पुरानी पेंशन बहाली को दिया समर्थन उन्होंने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग का समर्थन किया। यह योजना फिर से लागू होनी चाहिए। हमने तय किया है कि इस मुहिम को चलाने वालों के साथ पार्टी खड़ी रहेगी। कांग्रेस की सरकार बनने पर इस समस्या के समाधान को विशेषज्ञों की समिति बनाई जाएगी। साथ में गोल्डन कार्ड स्कीम में पेंशन से होने वाली कटौती समाप्त की जाएगी। यही नहीं कटौती की गई धनराशि को भी वापस किया जाएगा।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू जाएंगे केदारधाम, देहरादून में हरीश रावत से की मुलाकात

कांग्रेस के नेता अब देवों के देव महादेव की शरण में पहुंच रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, विधानसभा अध्यक्ष केपी राणा और पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी आज केदारनाथ धाम जाएंगे।वहां पूजा-अर्चना के बाद दोपहर बाद वे वापस देहरादून लौटेंगे।इस बीच उन्होंने मंगलवार सुबह देहरादून में पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हरीश रावत से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की।केदारधाम में हुए भाजपा नेताओं के कड़े विरोध के बाद कांग्रेस नेताओं का दौरा काफी अहम माना जा रहा है।वहां उन्होंने काफी देर तक राजनीति हालात पर चर्चा की।पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए देवस्थानम बोर्ड को तत्काल प्रभाव से रद करने की मांग भी उठाई है।पंजाब में कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई को थामकर एकजुटता दिखाने की कोशिश के राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। प्रधानमंत्री मोदी के दौर से पहले इन नेताओं के केदारनाथ दर्शन को राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है।

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि ‘कार्तव्य पथ’ से बड़ा कोई ‘धर्म पथ’ नहीं। ‘धर्म’ गरीबों का पेट भर रहा है, खुशियां फैला रहा है। यह महादेव का संदेश है। इसलिए मैं यहां आशीर्वाद लेने आया हूं। यही कामना है कि महादेव के आशीर्वाद से मैं अपने कल्याण को पंजाब के कल्याण के साथ मिला सकूं, जिससे पंजाब की जीत हो।

पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि देखा मैंने कहा था कि पंजाब में अब सब ठीक है। सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है। हम चुनौतियों से पार पा रहे हैं। विश्वास है कि यह जारी रहेगा।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पार्टी हाईकमान ने राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब कांग्रेस प्रभारी के दायित्व से मुक्त कर दिया था। हालांकि वे कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य बने रहेंगे। हरीश रावत ने पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस संबंध में अनुरोध किया था। हरीश रावत का कहना था कि  राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी पर अब वे पूरी तरह फोकस कर पाएंगे।

पंजाब के नेताओं के केदार दौरे की रणनीति के पीछे पूर्व प्रभारी हरीश रावत की रणनीति मानी जा रही है। कांग्रेस की इस यात्रा के माध्यम से एक तीर से कई निशाने साधने की मंशा है। पंजाब में कांग्रेस के भीतर असंतोष थामकर एकजुट होकर राष्ट्रीय स्तर पर संदेश तो दिया ही जा रहा है, साथ में मोदी को दाैरे से पहले विधानसभा चुनाव से पहले दोनों ही राज्यों पंजाब और उत्तराखंड के मतदाताओं को भी संदेश देने की कोशिश की जा रही है।

अमित शाह आज उत्तराखंड में करेंगे चुनावी शंखनाद, पदाधिकारियों की लेंगे बैठक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज उत्तराखंड के एक दिनी दौरे पर रहेंगे।उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के सिलसिले में भाजपा के चुनावी अभियान में नया जोश फूंकने के लिए आ रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सुबह 10:45 बजे राजधानी स्थित जौली ग्रांट एयरपोर्ट पर उतरेंगे। यहां से वह सीधे सहकारिता विभाग के कार्यक्रम में रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल में मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना की लांचिंग करने के साथ ही राज्य की 670 बहुद्देश्यीय सहकारी समितियों के कंप्यूटराइजेशन का उद्घाटन समेत सहकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करेंगे। इसी मंच से वह जनसभा को संबोधित भी करेंगे।इस कार्यक्रम के बाद शाह भाजपा संगठन की ताबड़तोड़ बैठकें करेंगे और पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को चुनावी मंत्र देंगे. इस बीच बड़ा आयोजन शाह की जनसभा का होगा, जिसके लिए बीजेपी पहले ही दावा कर चुकी है कि कम से कम 25000 लोगों की भीड़ जुटाई जा रही है।

शनिवार को होने वाली शाह की जनसभा यूं तो देहरादून जिले की धर्मपुर सीट के अंतर्गत आयोजित की जा रही है, मगर लक्ष्य इसके माध्यम से पूरे गढ़वाल मंडल पर असर डालने का है। गढ़वाल मंडल के सात जिलों में कुल 41 विधानसभा सीटें हैं। विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले हो रही इस जनसभा से संकेत काफी कुछ साफ हो जाएंगे कि भाजपा की भविष्य की रणनीति क्या रहेगी। गढ़वाल मंडल में पिछली बार भाजपा ने 34 सीटें हासिल की थीं। कुमाऊं मंडल के छह जिलों में कुल 29 सीटें हैं, जिनमें से 23 पर भाजपा ने परचम फहराया था।

सुबह करीब 11:20 बजे शाह रेसकोर्स रोड स्थित बन्नू स्कूल पहुंचेंगे और यहां सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना’ की लॉंचिंग करेंगे।करीब एक घंटे के इस कार्यक्रम के बाद शाह प्रदेश पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और फिर भाजपा के कोर ग्रुप की बैठकों में शिरकत करेंगे। शाह का दौरा शाम 7:30 बजे खत्म होगा, लेकिन इससे पहले वह ​हरिद्वार जाएंगे और वहां संत समुदाय के साथ भी मुलाकात करेंगे। इस पूरे दौरे को आप यहां ​मिन​ट टू मिनट देख सकते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कार्यक्रम

जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर आगमन : 10:45 बजे
जीटीसी हेलिपैड पर आगमन : 11:05 बजे
बन्नू स्कूल पहुंचेंगे : 11:20 बजे
कार्यक्रम के बाद आईआरडीटी सभागार पहुंचेंगे : 12:35 बजे
जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद भाजपा कार्यालय पहुंचेंगे : दोपहर 01:35 बजे
भोजन के बाद कोर ग्रुप की बैठक लेंगे : दोपहर 02:00 बजे
जीटीसी हेलिपैड पहुंचेंगे : दोपहर 03:10 बजे
हरिद्वार के शांति कुंज स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय पहुंचेंगे : 04:00 बजे
यहां कार्यक्रम के बाद कनखल स्थित हरिहर आश्रम जाएंगे : 05:45 बजे
आश्रम से प्रस्थान करेंगे : 06:45 बजे
और वापस फ्लाइट लेने के लिए जौली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे : 07:25 से 07:35 के बीच

अमित शाह दोपहर में पहले आइआरडीटी सभागार में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक लेंगे और फिर प्रदेश भाजपा कार्यालय में पार्टी की कोर ग्रुप की बैठक लेंगे। इसके बाद देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज, हरिद्वार के लिए रवाना होंगे।शांतिकुंज में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के पश्चात शाह हरिद्वार के कनखल स्थित हरिहर आश्रम में साधु संतों से मुलाकात करेंगे। शाम साढ़े छह बजे वह दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी केंद्रीय गृह मंत्री के सभी कार्यक्रमों में शामिल रहेंगे।

गृह मंत्री अमित शाह उत्तराखंड में 30 अक्तूबर को विधानसभा चुनाव-2022 का करेंगे शंखनाद, कार्यकर्ताओं में भरेंगे जोश

भारत में त्यौहार के सीजन के साथ साथ अब ‘चुनावी सीजन’ आ गया है। अगले साल कई प्रदेशो में विधान सभा के चुनाव होने है, जिसमे से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पर सभी की नजरे टिकी हुई है। फिलहाल दोनों ही प्रदेशो में भाजपा की सरकार है लेकिन दोनों ही प्रदेशो का इतिहास निरंतरता वाला नहीं है, यानी हर 5 साल में यहां सत्ता परिवर्तन होता ही है।  तो अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार भाजपा सरकार सत्ता पर बरक़रार रह पाती है।

इन्ही चुनावी सरगर्मियों के बीच सारी पार्टियों ने अपनी चुनावी तैयारियां कर ली है, और पुरजोर तरीके से चुनाव प्रचार में जुट गए है।  इसी बीच गृह मंत्री अमित शाह 30 अक्टूबर को उत्तराखंड पहुंचेंगे और देहरादून पहुँच कर जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

भाजपा 30 अक्तूबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली से अपने चुनावी अभियान का आगाज करने जा रही है। विधानसभा चुनाव-2022 शाह चुनावी शंखनाद कर कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे। वे हरिद्वार स्थित शांतिकुंज जाएंगे व संत-समाज से भी भेंट करेंगे। भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में बुधवार को शाह की रैली की तैयारियों को लेकर बैठक हुई। इस दौरान पार्टी नेताओं ने शाह के कार्यक्रम को बड़े स्तर पर करने का फैसला लिया।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना की लांचिंग कर सकते हैं। यह सरकारी कार्यक्रम होगा। इसके बाद वह जनसभा को भी संबोधित करेंगे। सभा स्थल कहां होगा, बुधवार तक इसे फाइनल कर दिया जाएगा।

इस लॉन्च इवेंट के बाद शाह विभागीय पत्रिका ‘सहकार से समृद्धि’ का विमोचन करेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके अलावा वो PACS (Primary Agricultural Credit Societies) के कम्प्यूटरीकरण का उद्घाटन करेंगे।केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यक्रम का राज्य भर में 670 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) और 292 सहकारी बैंकों की शाखाओं में सीधा प्रसारण किया जाएगा।

रावत ने कहा, ‘गृह मंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों के संबंध में जिला प्रशासन, पुलिस और सहकारिता विभागों के अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।’ रावत ने कहा, ‘मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना’ का उद्देश्य पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाली राज्य की तीन लाख से अधिक ग्रामीण महिलाओं के बोझ को खत्म करना है। इस योजना के तहत उनके घरों में पैकेज्ड साइलेज (सुरक्षित हरा चारा) और पूरा मिश्रित पशु चारा उपलब्ध कराया जाना है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 30 अक्तूबर को सुबह नौ बजे विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। इसके बाद वह बीजापुर स्थित सैफ हाउस में पार्टी कोर ग्रुप की बैठक में हिस्सा लेंगे। इसमें वे पार्टी के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा पर मुहर लगाएंगे। पूर्वाह्न 11 बजे से रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल के मैदान में उनकी रैली होगी।

प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने बताया कि शाह 30 अक्टूबर को सुबह 11 बजे एक विशाल रैली को संबोधित करेंगे। उन्होंने बताया कि यह पार्टी की चुनावी रैली होगी। उत्तराखंड के मंत्री धनसिंह रावत ने बुधवार को यह जानकारी दी कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 30 अक्टूबर को देहरादून का दौरा करेंगे। रावत ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 30 अक्टूबर को अमित शाह देहरादून के बन्नू स्कूल में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना’ का शुभारंभ करेंगे।

रैली के बाद वे मंत्रियों और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। वह अपराह्न चार बजे हरिद्वार रवाना होंगे। शाह हरिद्वार स्थित शांतिकुंज में एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद उनकी संत समाज के साथ मुलाकात का कार्यक्रम है। रात 9:30 बजे अमित शाह जौलीग्रांट एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा मंगलवार को दिल्ली से अचानक देहरादून पहुंचे,मंत्री हरक सिंह और विधायक काऊ से मुलाकात की

देहरादून :- उत्तराखंड की सियासी हवाओं की अटकलों के बीच उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा दिल्ली से अचानक देहरादून पहुंचे। बहुगुणा ने मंगलवार को देहरादून पहुंचकर मंत्री हरक सिंह और विधायक काऊ के निवास पर जाकर उनसे लंबी मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक बहुगुणा ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि सभी एकजुट रहेंगे तो ठीक रहेगा। साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव के संबंध में चर्चा की।

कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत और रायपुर क्षेत्र से विधायक उमेश शर्मा काऊ को साधने के लिए पार्टी हाईकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को मोर्चे पर लगाया है।सूत्रों के मुताबिक, पार्टी केंद्रीय नेतृत्व ने इन अटकलों पर पूर्ण विराम लगाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा को मैदान में उतारा है। लंबे समय से तकरीबन उपेक्षित रहे बहुगुणा ने अपने साथियों से मुलाकात करने से पहले भाजपा प्रदेश कार्यालय का रुख किया। वहां उन्होंने प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार से मुलाकात की।

विधायक काऊ ने मुलाकात के बारे में पूछने पर बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा उनके गु्रप के नेता है। उन्हीं के नेतृत्व में हम भाजपा में शामिल हुए थे। साढ़े चार साल बाद वह उनके घर आए और कुशलक्षेम पूछी। साथ ही पार्टी संगठन की मजबूती और आगामी विधानसभा चुनाव में जीत के संबंध में चर्चा हुई। मंत्री हरक सिंह रावत से काफी प्रयासों क बाद भी फोन पर संपर्क नहीं हो पाया।

पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा ने कहा कि हमने कांग्रेस से विभाजन सिद्धांतों के आधार पर किया था। आज हम सभी साथ हैं और पूरी तरह से समर्पित हैं। बहुगुणा ने कहा कि हमारा आज भी यह मानना है कि उत्तराखंड का हित और विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सुरक्षित है। पीएम मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है।पूर्व मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि कांग्रेस में विभाजन करने वाले हम नौ विधायक थे, यशपाल आर्य हमारे साथ नहीं थे।बहुगुणा ने कहा कि कुछ गलत भ्रांतियां फैली हैं। न तो कोई नाराज है न ही कोई कहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने को लेकर जो चर्चाएं हो रही हैं, वो बे सिर-पैर की कहानी है। उसमें कोई सच्चाई नहीं है।

वर्ष 2016 के सियासी घटनाक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। तब उनकी अगुआई में जिन नौ कांग्रेसी विधायकों ने भाजपा का दामन थामा था, उनमें हरक सिंह रावत व उमेश शर्मा काऊ भी शामिल थे।सूत्रों के मुताबिक बहुगुणा ने मुलाकात के दौरान यह संदेश देने का प्रयास किया कि सभी एकजुट रहें। ये भी चर्चा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फार्मूला, मनपसंद सीट समेत अन्य विषयों पर भी मंथन हुआ। अब देखने वाली बात होगी कि बहुगुणा की यह मुलाकात क्या असर दिखाती है।

उत्तराखंडः हरक, काऊ और प्रीतम सिंह की हुई मुलाकात,लोहारी के विस्थापितों की समस्या को लेकर मंत्री हरक सिंह से मिले नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच दल-बदल का खेल थमा नहीं है। इसकी एक झलक आज भी दिखी, जिससे सियासत गर्माने के संकेत हैं।  पिछले 9 दिनों में ऐसा तीसरी बार देखने को मिला है, जब उमेश शर्मा काऊ और हरक सिंह रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के साथ नजर आए। मंगलवार को हरक सिंह के डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ से मुलाकात की।

उत्तराखंड में विकासनगर के लोहरी गांव के विस्थापितों की समस्या को लेकर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत से मुलाकात की। इससे सियासी हलकों में फिर हलचल पैदा हो गई है। इस मौके पर भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ भी मौजूद रहे। नेता प्रतिपक्ष ने मुलाकात की पुष्टि की। साथ ही सरकार पर लोहारी के ग्रामीणों की उपेक्षा का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री से ग्रामीणों को जमीन के बदले जमीन देने की मांग की है।

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। नेता प्रतिपक्ष और बागियों की इन मुलाकातों से सियासी हलकों में कयासों का बाजार गर्म है।इसी महीने 11 अक्टूबर को बीजेपी नेता यशपाल आर्य की कांग्रेस में घर वापसी के दिन भी प्रीतम सिंह और उमेश शर्मा काऊ दिल्ली में एक साथ दिखे थे। वहीं 16 अक्टूबर को हरक, प्रीतम और काऊ एक ही फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे थे, तब भी चर्चाओं का बाजार गरम रहा।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल का बड़ा बयान, बोले जल्द ही भाजपा के छह विधायक कांग्रेस में होंगे शामिल

उत्तराखंड  में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का पार्टी बदलने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही जोड़-तोड़ के खेल शुरू हो चुका है। नेता लगातार पार्टियां बदल रहे है। हाल ही में भाजपा को दो झटके देने वाली कांग्रेस ने एक बार फिर हलचल मचा दी है। कांग्रेस से जागेश्वर विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के एक बयान से भाजपा में हडक़ंप मच गया है।वहीं, प्रदेश के कुछ नेता अपनी पार्टी छोड़कर दूसरी में जा रहे हैं तो कुछ वापसी कर रहे हैं। इस दौरान जागेश्वर विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि अगले 15 दिनों में 6 भाजपा के विधायक कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे। पूरे प्रदेश में कांग्रेस की लहर है और बहुमत से सरकार बनेगी। कुंजवाल के बयान के बाद से उत्‍तराखंड की राजनीति में खलबली मच गई है।

आगामी चुनाव नजदीक आते ही सियासी हलचलें भी तेज हो गई हैं। इन दिनों विधायकों का अपना सियासी घर छोड़ने का दौर लगातार तेजी से जारी है। इस खेल में कांग्रेस भी भाजपा से कम नही दिखाई दे रही है। अब एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधानसभा स्पीकर ने बयान देकर सियासी भूचाल मचा दिया है।हालांकि उन्होंने किसी भी विधायक के नाम नहीं खोले हैं। लेकिन इतना जरूर कहा है कि तीन गढ़वाल मंडल जबकि तीन कुमाऊं से हैं।

जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने रविवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि कुमांऊ और गढ़वाल क्षेत्र के 6 विधायक उनके संपर्क में है। लगातार बात चल रही है। वह भाजपा की नीतियों से त्रस्त हैं। जल्द ही वह कांग्रेस पार्टी का दामन थामेंगे। नाम पूछने पर उन्होंने कहा कि सारी चीजें बताई नही जा सकती है। कुछ दिनों में आपको खुद ही पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भाजपा के कई कार्यकर्ता लगातार पार्टी से जुड़ रहे हैं।

जागेश्वर से विधायक कुंजवाल ने सरकार की नीतियों पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी विकास नही हो पाया है।आज प्रदेश की जनता मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है। जो विकास के कार्य कांग्रेस सरकार में हुए थे। उनको भी आगे नही बढ़ा पाई। आज कांग्रेस की ओर प्रदेश की जनता उम्मीदों से देख रही है। भाजपा को वह सबक सीखाने को तैयार है। विधायक कुंजवाल ने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई से परेशान जनता ने बीजेपी को आगामी चुनाव में सबक सिखाने का मन बना लिया है। इसके साथ ही कोरोना काल से ही गरीब वर्ग के लोग रोजी-रोटी के लिए परेशान हैं। जनता की नाराजगी से डरे सत्ताधारी दल के विधायक चुनाव में जीत को लेकर चिंता में हैं। वहीं बीजेपी सरकार के कामों से नाराज 6 विधायक जल्द ही कांग्रेस में शामिल होंगे।

उत्तराखंड में एक बार फिर सियासी हलचल, मंत्री हरक, विधायक उमेश शर्मा और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह एक फ्लाइट में दिल्ली रवाना, हरक सिंह रावत को संगठन में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

उत्तराखंड में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है।उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, विधायक उमेश शर्मा काऊ और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह एक ही फ्लाइट से दिल्ली रवाना हुए हैं। जिसके बाद उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।तीनों की इस दौरान मुलाकात भी हुई। ऐसे में हाल के घटनाकर्मो को देखते हुए सियासी गलियारों में तमाम तरह की बातें तैर रहीं हैं।

हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के मुलाकात करने गए हैं। लेकिन पिछले दिनों पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य की कांग्रेस में वापसी के बाद अब शनिवार को हरक सिंह, उमेश शर्मा काऊ और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को एक साथ देख सियासी गलियारों में तमाम तरह की बातें तैर रहीं हैं।भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को पार्टी संगठन में अहम जिम्मेदारी सौंप सकता है। इसी क्रम में उन्हें दिल्ली बुलाया गया है। मंत्री हरक सिंह रावत और भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पहुंचे हैं।

उत्तराखंड की राजनीति में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपना कुनबा बढ़ाने में जुटे हुए हैं। सबसे पहले निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार ने चुनाव से ठीक पहले भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद पुरोला से कांग्रेस के विधायक रहे राजकुमार ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा के साथ चल दिए। इससे कांग्रेस को झटका लगा था।

 

काऊ ने कहा था कि आर्य के कांग्रेस जॉइन करने के वक्त वह दिल्ली में इसलिए थे कि आर्य को मना सकें और कांग्रेस में जाने से रोक सकें। बकौल काऊ उनके दिल्ली में होने की इस वजह से भाजपा के वरिष्ठ नेता वाकिफ थे। एनआईई की खबर के मुताबिक इस बात की पुष्टि करते हुए मदन कौशिक ने कहा था, ‘हमें पता है कि काऊ अपना काम कर रहे थे। उन्हें जो ज़िम्मेदारी दी गई थी, वो उसे ही निभा रहे थे।

उत्तराखंड राजनीति: उत्तराखंड की सियासत में हड़कंप, पूर्व मुख्यमंत्री (कांग्रेस महासचिव) हरीश रावत के विरोध में लगे पोस्टर, कांग्रेस ने इस मामले में आपत्ति जताते हुए कार्रवाई की मांग की

देहरादून:- कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के पोस्टर उत्तराखंड में छाए हुए हैं।देहरादून में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) का कांग्रेस महासचिव हरीश रावत पर टिप्पणी करता एक बैनर चर्चा का विषय बना हुआ है। ये टिप्पणी करता एक बैनर चर्चा का विषय बना हुआ है। बैनर भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी के नाम से लगाया गया है और इसमें हरीश रावत को पाकिस्तानी आर्मी चीफ बाजवा का भाई बता शहीद नायब सूबेदार जसविंदर सिंह की हत्या का कारण ठहराया जा रहा है। कांग्रेस ने इस मामले में आपत्ति जताते हुए कार्रवाई की मांग की है।

देहरादून के वह दिलाराम चौक स्थित जलकल भवन की चहारदीवारी पर एक बैनर टंगा हुआ था। बैनर भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी के नाम से टांगा गया था। बैनर में एक तस्वीर के साथ लिखा था ‘हरीश रावत जी इस बेटी के पिता अमर शहीद नायब सूबेदार जसविंदर सिंह की हत्या आपके भाई व पाकिस्तानी जनरल कमर चीमा बाजवा ने करवाई’। हालांकि, नीचे भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी का नाम लिखा है। इस पोस्टर से उत्तराखंड की सियासत में हड़कंप मच गया है।

हालांकि, नीचे भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी का नाम लिखा है। देर रात तक नेहा जोशी से संपर्क नहीं हो सका। इसके अलावा इंटरनेट मीडिया पर यह मुद्दा चर्चाहरीश रावत के प्रवक्ता सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि यदि शहर में इस प्रकार के बैनर लगे हैं तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

भाजपा की सरकार है तो इसका मतल का विषय बना रहा। कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के भी देहरादून से बाहर होने के कारण संपर्क नहीं हो सका। ब यह नहीं कि किसी पर कुछ भी आरोप लगाए जाएं। कांग्रेस हमेशा मर्यादा में रहकर आरोप लगाती है और बैनर लगाती है। यदि भाजयुमो की ओर से इस प्रकार का बैनर लगाया गया है तो यह गलत है और इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।