उत्तराखंड: कौन बनेगा मुख्यमंत्री, मंथन में जुटी भाजपा, धामी को फिर सौंपी जा सकती है कमान, रेस में कई दिग्गज

विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा अब मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मंथन में जुट गई है। इस सिलसिले में विधायकों का मन टटोलने के लिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। माना जा रहा है कि चुनाव हारने के बावजूद कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फिर से पार्टी अवसर दे सकती है।

उत्तराखंड में मोदी-शाह और नड्डा की तिकड़ी मुख्यमंत्री के चुनाव के मामले में किसी भी चेहरे पर दांव लगाकर सबको चौंका सकती है। यह जानते हुए भाजपा में सीएम की कुर्सी के लिए दौड़ शुरू हो गई है। बेशक सीएम पद के लिए कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा है, लेकिन अरमान तकरीबन हर कद्दावर नेता के जोर मार रहे हैं।

भाजपा ने चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल किया है, लेकिन चुनाव में पार्टी का चेहरा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव हार गए। ऐसे में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह प्रश्न राजनीतिक गलियारों में तैर रहा है। साथ ही भाजपा भी मुख्यमंत्री के नाम पर विचार करने में जुट गई है। चर्चा है कि चुनाव हारने के बावजूद धामी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पिछली सरकार में उन्हें कार्य करने को केवल छह माह का ही समय मिल पाया। इस दौरान वह निर्विवादित रहे।

भाजपा पुष्कर सिंह धामी को ही सत्ता की कमान सौंप सकती है। पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव हारने के मिथक को नहीं तोड़ पाए। हालांकि उनके चेहरे पर लड़े गए इस चुनाव में भाजपा दो तिहाई बहुमत हासिल करने में कामयाब रही। यही तर्क धामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना के पक्ष में गढ़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट के नाम भी चर्चा में है। माना जा रहा कि अनुभव को तरजीह देने की स्थिति में पार्टी नेतृत्व इनके नाम पर विचार कर सकता है। इसके अलावा कैबिनेट मंत्री रहे सतपाल महाराज, डा धन सिंह रावत के नाम भी चर्चा में चल रहे हैं।
त्रिवेंद्र और धामी के लिए सीट छोड़ने को तैयार
भाजपा के दो नव निर्वाचित विधायकों ने अलग-अलग घोषणा की कि वह अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं। डोईवाला विधानसभा सीट से चुने गए विधायक बृजभूषण गैरोला का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को पार्टी मुख्यमंत्री बनाती है तो वह अपनी सीट उनके लिए खाली कर देंगे। चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने कार्यवाह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट खाली करने का एलान किया।

पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया, नई सरकार के गठन को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज

चुनाव परिणाम आने के बाद अब भाजपा सरकार बनाने की प्रक्रिया में लग गई है, जिसके तहत मुख्यमंत्री धामी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है । राजभवन में राज्यपाल लेफि्टनेंट जनरल गुरमीत सिंह को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि नया जनादेश मिलने और पुरानी सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्होंने राज्यपाल को अपना और अपने मंत्रिमंडल का त्यागपत्र सौंप दिया है ।निवर्तमान सरकार के कैबिनेट सहयोगी, सतपाल महाराज, गणेश जोशी और स्वामी यतीश्वरानंद भी इस दौरान धामी के साथ थे ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को दोपहर 1:30  बजे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह से भेंट कर मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र सौंपा।  पुष्कर सिंह धामी का इस्तीफ़ा स्वीकार करते हुए राज्यपाल ने उनसे राज्य में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति होने एवं पदभार ग्रहण करने की अवधि तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है।

विधानसभा चुनाव परिणाम के अनुसार भाजपा ने 70 में 47 सीटें अपने नाम कर दो तिहाई से ज्यादा बहुमत हासिल किया लेकिन पार्टी को जीत तक ले जाने वाले मुख्यमंत्री धामी स्वयं अपनी सीट बरकरार रखने में विफल रहे । तीसरी बार विधायक बनने का प्रयास कर रहे धामी को खटीमा सीट पर प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष भुवनचंद्र कापडी के हाथों शिकस्त मिली ।

चार राज्यो में जीत के बाद भाजपा उत्साहित, पंजाब में आम आदमी पार्टी को जबरदस्त जनादेश, पीएम मोदी बोले- आज उत्सव का दिन, सोनिया गांधी ने बुलाई मीटिंग

पांच राज्यों के चुनावी रुझान आने के बीच साफ हो गया है कि पंजाब में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप का झाड़ू चल गया है, जबकि उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सत्ता में वापसी रही है। चार राज्यो में जीत के बाद भाजपा उत्साहित है।

पीएम मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि आज उत्सव का दिन है। उन्होंने कहा- “यहां से हम दो पटरियों पर एक साथ तेजी से काम करने वाले हैं। एक तरफ गांव, गरीब, छोटे किसान और लघु उद्यमी के कल्याण पर हमारा जोर है। वहीं दूसरी तरफ देश के संसाधनों, देश की युवाशक्ति को नए अवसर देकर हम आत्मनिर्भरता के मिशन को तेज करना चाहते हैं।

वहीं कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि बहुत ज़ल्द कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाकर इन सभी हार के कारणों और पांचों राज्यों के चुनाव पर एक व्यापक अंतरमंथन कांग्रेस कार्यसमिती करेगी।

जनता ने पांचों राज्यों में स्पष्ट जनादेश दिया है। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ वापसी करते हुए इतिहास रच दी है। 37 साल बाद ऐसा हो रहा है, जब एक सत्ताधारी दल पर जनता ने दोबारा विश्वास जताया हो।

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं। इस बार के चुनाव में कई मिथक टूटे हैं और जनता ने पांचों राज्यों में स्पष्ट जनादेश दिया है। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ वापसी करते हुए इतिहास रच दी है। 37 साल बाद ऐसा हो रहा है, जब एक सत्ताधारी दल पर जनता ने दोबारा विश्वास जताया हो। गोवा में बीजेपी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा करने जा रही है।  उत्तराखंड की बात करें तो राज्य के गठन के बाद से ऐसा पहली बार हो रहा है जब एक ही पार्टी लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने में कामयाब रही हो। पांच में से चार राज्य बीजेपी के नाम रहे हैं।पंजाब में आम आदमी पार्टी  ने जबरदस्त सफलता हासिल की है। सीमावर्ती राज्य में आप का ऐसा झाड़ू चला है कि सभी दिग्गज चित हो गए हैं। एक दशक पहले अस्तित्व में आई पार्टी दिल्ली के बाद अब पंजाब में सरकार बनाने जा रही है।

उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के नतीजे तो आप जान चुके हैं, लेकिन किस राज्य में किस पार्टी को कितनी सीट और कितने प्रतिशत वोट मिले हैं, इसकी फाइनल रिपोर्ट हम आपको एक ही जगह पर बताने जा रहे हैं। भारत निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर सभी सीटों के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। 403 विधानसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में बीजेपी को लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है और मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ की दूसरी बार वापसी होने जा रही है।

यूपी में बीजेपी को 255 सीट, सपा के खाते में 111

इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से सबसे अधिक 255 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे हैं। 111 सीटों के साथ अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर रही है। अपना दल तीसरे नंबर पर है और उसे कुल 12 सीट प्राप्त हुए हैं। जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल के हिस्से में कुल 8 सीटें आई हैं। वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 6 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2-2 उम्मीदवार जीते हैं। मायावाती की बहुजन समाज पार्टी सिर्फ एक सीट पर सिमट कर रह गई है।

अगर वोट शेयर की बात करें तो सबसे अधिक बीजेपी को कुल 41.29 प्रतिशत वोट मिले हैं। समाजवादी पार्टी के मत प्रतिशत में बड़ी बढ़ोतरी हुई है और पार्टी को 32.05 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं। 12.88 फीसदी मतों के साथ तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी है। वहीं आरएलडी को 2.85 और कांग्रेस को 2.33 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा कोई भी दल 1 प्रतिशत भी वोट लेने में सफल नहीं हुआ है।

पंजाब में आम आदमी पार्टी को जबरदस्त जनादेश

पंजाब की जनता ने आम आदमी पार्टी को जबरदस्त जनादेश दिया है। 117 में से आप को कुल 92 सीटों पर जीत मिली है।18 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर कांग्रेस है। प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी भी अपनी सीट नहीं जीत पाए हैं। शिरोमणि अकाली दल के हिस्से सिर्फ 3 सीटें आई हैं और पार्टी के तमाम दिग्गज चुनाव हार गए हैं। बीजेपी पंजाब में दो सीट जीतने में कामयाब रही है। एक सीट पर बहुजन समाज पार्टी और एक पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई है।

पंजाब की जनता ने आम आदनी पार्टी की तरफ एक तरफा मतदान किया है. आप को कुल 42 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं। कांग्रेस को 22.98 प्रतिशत और शिरोमणि अकाली दल को 18.38 प्रतिशत वोट मिले हैं. बीजेपी 6.6 और बसपा को 1.77 फीसदी मत मिले हैं।

उत्तराखंड में 47 सीटों के साथ बीजेपी की दोबारा वापसी

उत्तराखंड में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं। बीजेपी को 47 सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस के हिस्से 19 सीटें आई हैं। बहुजन समाज पार्टी को दो और 2 सीटों से निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए हैं।

वोट शेयर की बात की जाए तो सबसे अधिक मत बीजेपी के हिस्से आए हैं। पार्टी को 44.33 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट दिया है। कांग्रेस का मत प्रतिशत 37.91 प्रतिशत रहा है। वहीं बीएसपी को 4.82 और आप को 3.31 फीसदी वोट प्राप्त हुए हैं।

मणिपुर में भी बीजेपी को पूर्ण बहुमत

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जीत के बाद पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मणिपुर में पहली बार बीजेपी विशुद्ध बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। पूर्वोत्तर के इस राज्य में बीजेपी 60 में से 32 सीट जीतने में कामयाब रही है। 7 सीट के साथ नेशनल पीपुल्स पार्टी दूसरे नंबर पर ह जबकि 6 सीट जीतकर जनता दल यूनाइटेड तीसरे स्थान पर है। नगा पीपुल्स फ्रंट और कांग्रेस को 5-5 सीट, कुकी पीपुल्स अलायंस को 2 और 3 सीटों पर निर्दल प्रत्याशी जीते हैं।

वोट शेयर की बात करें तो मणिपुर में बीजेपी को 37.83 प्रतिशत मत मिले हैं। नेशनल पीपुल्स पार्टी को 17.29, कांग्रेस को 16.83, जेडीयू को 10.77 और नगा पीपुल्स फ्रंट को 8.09 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए हैं।

गोवा में तीसरी बार बीजेपी सरकार

40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में बीजेपी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। यहां पर पार्टी को कुल 20 सीट प्राप्त हुए हैं। दूसरे नंबर पर रहने वाली कांग्रेस के 11 उम्मीदवार विजयी हुए हैं। 3 निर्दल प्रत्याशी भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी और आप के 2-2, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और गोवंस पार्टी के 1-1 उम्मीदवार चुनाव जीते हैं।

गोवा में बीजेपी को 33.31 प्रतिशत वोट मिले हैं। कांग्रेस को 23.46 फीसदी वोट मिले हैं. आम आदमी पार्टी को 6.77 और टीएमसी को 5.21 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं।

उत्तराखंड में भाजपा को मिला बहुमत दोबारा बनेगी सरकार, देखें किस सीट से कौन जीता? ये रही पूरी लिस्ट

उत्तराखंड में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं। बीजेपी को 47 सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस के हिस्से 19 सीटें आई हैं। बहुजन समाज पार्टी को दो और 2 सीटों से निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए हैं।वोट शेयर की बात की जाए तो सबसे अधिक मत बीजेपी के हिस्से आए हैं। पार्टी को 44.33 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट दिया है। कांग्रेस का मत प्रतिशत 37.91 प्रतिशत रहा है। वहीं बीएसपी को 4.82 और आप को 3.31 फीसदी वोट प्राप्त हुए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के रथ पर सवार होकर भाजपा ने बृहस्पतिवार को दो तिहाई बहुमत के साथ उत्तराखंड में सत्ता में वापसी कर एक नया इतिहास रच दिया।विधानसभा चुनाव के बृहस्पतिवार को घोषित परिणामों में 70 में से 47 सीटों पर विजय पताका फहराने के साथ ही भाजपा ने बहुमत के 36 के जादुई आंकड़े को आसानी से पार करते हुए सत्ता की दौड़ में फिर बाजी मार ली।

सीएम पुष्कर धामी के लिए चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं।

उत्तराखंड विधानसभा सीट पर किस उम्मीदवार ने जीत दर्ज की

सीट जीतने वाले उम्मीदवार पार्टी
अल्‍मोड़ा मनोज तिवारी कांग्रेस
बी.एच.ई.एल. रानीपुर आदेश चौहान बीजेपी
बद्रीनाथ राजेन्द्र सिंह भण्डारी कांग्रेस
बागेश्‍वर चन्‍दन राम दास बीजेपी
बाजपुर यशपाल आर्य कांग्रेस
भगवानपुर ममता राकेश कांग्रेस
भीमताल राम सिंह कैड़ा बीजेपी
चकराता प्रीतम सिंह कांग्रेस
चम्‍पावत कैलाश चन्द्र गहतोड़ी बीजेपी
चौबट्टाखाल सतपाल महाराज बीजेपी
देहरादून कैन्‍टोनमेन्‍ट सविता कपूर बीजेपी
देवप्रयाग विनोद कण्डारी बीजेपी
धनोल्‍टी प्रीतम सिंह पंवार बीजेपी
धरमपुर विनोद चमोली बीजेपी
धारचूला हरीश सिं‍ह धामी कांग्रेस
डीडीहाट विशन सिंह बीजेपी
डोईवाला बृज भूषण गैरोला बीजेपी
द्वाराहाट मदन सिंह बिष्ट कांग्रेस
गदरपुर अरविन्द पाण्डेय बीजेपी
गंगोलीहाट फकीर राम बीजेपी
गंगोत्री सुरेश सिंह चौहान बीजेपी
घनशाली शक्ति लाल शाह बीजेपी
हल्‍द्वानी सुमित हृदयेश कांग्रेस
हरिद्वार मदन कौशिक बीजेपी
हरिद्वार ग्रामीण अनुपमा रावत कांग्रेस
जागेश्‍वर मोहन सिंह बीजेपी
जसपुर आदेश सिंह चौहान कांग्रेस
झबरेड़ा विरेन्द्र कुमार कांग्रेस
ज्वालापुर ई. रवि बहादुर कांग्रेस
कालाढूँगी बंशीधर भगत बीजेपी
कपकोट सुरेश गढ़िया बीजेपी
कर्णप्रयाग अनिल नौटियाल बीजेपी
काशीपुर त्रिलोक सिंह चीमा बीजेपी
केदारनाथ शैला रानी रावत बीजेपी
खानपुर उमेश कुमार निर्दलीय
खटीमा भुवन चन्‍द्र कापड़ी कांग्रेस
किच्छा तिलक राज बेहड़ कांग्रेस
कोटद्वार ऋतु खण्डूड़ी भूषण बीजेपी
लक्‍सर शहजाद बसपा
लालकुवां डा0 मोहन सिंह बिष्ट बीजेपी
लैन्‍सडौन दलीप सिंह रावत बीजेपी
लोहाघाट खुशाल सिंह अधिकारी कांग्रेस
मंगलोर सरवत करीम अंसारी बसपा
मसूरी गणेश जोशी बीजेपी
नैनीताल सरिता आर्या बीजेपी
नानकमत्‍ता गोपाल सिंह राणा कांग्रेस
नरेन्‍द्रनगर सुबोध उनियाल बीजेपी
पौड़ी राजकुमार पोरी बीजेपी
पिरनकलियार फुरकान अहमद कांग्रेस
पिथौरागढ़ मयूख महर कांग्रेस
प्रतापनगर विक्रम सिंह नेगी कांग्रेस
पुरोला दुर्गेश्‍वर लाल बीजेपी
रायपुर उमेश शर्मा काऊ बीजेपी
राजपुर रोड खजान दास बीजेपी
रामनगर दीवान सिंह बिष्ट बीजेपी
रानीखेत प्रमोद नैनवाल बीजेपी
ऋषिकेश प्रेम चन्द अग्रवाल बीजेपी
रूड़की प्रदीप बत्रा बीजेपी
रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी बीजेपी
रुद्रपुर शिव अरोरा बीजेपी
सहसपुर सहदेव सिंह पुण्डीर बीजेपी
सल्‍ट महेश जीना बीजेपी
सितारगंज सौरभ बहुगुणा बीजेपी
सोमेश्‍वर (अ.जा.) रेखा आर्या बीजेपी
श्रीनगर (डॉ) धन सिंह रावत बीजेपी
टिहरी किशोर उपाध्याय बीजेपी
थराली भूपाल राम टम्टा बीजेपी
विकासनगर मुन्ना सिंह चौहान बीजेपी
यमकेश्‍वर रेनू बिष्ट बीजेपी
यमुनोत्री संजय डोभाल निर्दलीय

उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री धामी हारे चुनाव, कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लालकुआं सीट से हारे चुनाव

उत्‍तराखंड में अब तक मिले रुझानों के मुताबिक भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलना तय है। भाजपा को 46 सीट, कांग्रेस को 20 सीटें मिलती दिख रही है।

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव हार गए हैं। खटीमा विधानसभा क्षेत्र के अंतिम राउंड की मतगणना पूरी हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भुवन चंद कापड़ी ने भाजपा के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 6951 मतों से करारी शिकस्त दी। कुल 91325 मतों में से पुष्कर सिंह धामी को 40675 एवं कांग्रेस के भुवन कापड़ी को 47626 वोट मिले।

मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी खटीमा सीट से चुनाव हार गए हैं। वह ऐसे तीसरे मुख्‍यमंत्री बने गए हैं, जो चुनाव हारे हैं। इससे पहले 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार ने बीसी खंड़डूी के नेतृत्‍व में चुनाव लड़ा, लेकिन बीसी खंडूड़ी खुद चुनाव हार गए थे। वहीं, 2017 में कांग्रेस सरकार ने मुख्‍यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्‍व में चुनाव लड़ा लेकिन वह खुद दो सीटों से चुनाव हार गए थे। इस सूची में पुष्‍कर सिंह धामी का नाम भी दर्ज हो गया है।

कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लालकुआं सीट से चुनाव हार चुके हैं। हरीश रावत 14 हजार वोटों से हारे हैं। रावत को बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने हराया है। ये बड़ा राजनीतिक उलटफेर है। हरीश रावत को इस बार भी सीएम का फेस माना जा रहा था हालांकि कांग्रेस ने इसकी घोषणा नहीं की थी। इसके चलते रावत की नाराजगी भी सामने आई थी।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे निर्वाचन आयोग की वेबसाइट eci.gov.in पर देखिए सबसे सटीक आंकड़े

 

 

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के अंतिम नतीजे आज दोपहर बाद तक सामने आ जाएंगे। उत्तराखंड विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए 70 मतगणना केंद्रों पर आज काउंटिग चल रही है। उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान हुआ था। इस बार प्रदेश में सभी 11697 मतदान केंद्रों पर 65 फीसदी से अधिक मतदान के साथ 632 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई थी

उत्तराखंड की जनता ने अगले पांच सालों के लिए अपना प्रथिनिधित्व करने के लिए किस पार्टी को चुना है इसका पता आज चल जाएगा। राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 14 फरवरी को हुए मतदान के लिए वोटों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू हो गई है। राजनीतिक दलों ने ईवीएम में बंद चुनावी नतीजों के सामने आने के बाद बनने वाली संभावित स्थिति के मद्देनजर अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। राज्य में 65 फीसदी से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था।

14 फरवरी को उत्‍तराखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए मतदान हुआ था। राज्‍य में कुल 65.37 प्रतिशत मत पड़े थे। वहीं इन चुनावों में भाजपा ने 60 पार तो कांग्रेस ने बहुमत प्राप्‍त कर सरकार बनाने का दावा किया है।

लोकतंत्र के महापर्व में नतीजों को परवान तक पहुंचाने का काम सात हजार से ज्यादा कर्मचारी करेंगे। निर्वाचन कार्यालय ने सभी 70 विधानसभा सीटों की मतगणना के लिए 70 प्रेक्षक तैनात किए हैं। वहीं, सीआईएसएफ, पीएसी, पुलिस पूरी मतगणना के दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगी।

मतगणना के विश्वनसीय और एकदम सटीक परिणाम आप भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। आप निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर Result Section में जाकर सभी चुनावों का परिणाम देख सकते हैं। आपकी सुविधा के लिए हमने यहां भी लिंक दिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से दो निर्दलीय प्रत्याशियों की मुलाकात की चर्चा, किसकी बनेगी सरकार,एक दिन का इंतजार

उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद पांचवें विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के मध्य कांटे का मुकाबला है।विधानसभा चुनाव में सत्ता में बदलाव का मिथक टूटेगा या इस बार भी मतदाता इस परंपरा को आगे बढ़ाएगा, अब बस 24 घंटे बाद ईवीएम खुलते ही तस्वीर साफ होने लगेगी। उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए गुरुवार को मतगणना होगी। दोपहर तक काफी कुछ परिदृश्य स्पष्ट हो जाएगा कि मैदान में उतरे 632 प्रत्याशियों में से किन 70 की किस्मत चमकने जा रही है।

विधानसभा चुनाव में भाजपा बेशक पूर्ण बहुमत मिलने का दावा कर रही है, लेकिन अंदरखाने उसकी जोड़-तोड़ से सरकार बनाने की भी तैयारी चल रही है। सियासी हलकों में यह चर्चा खासी गर्म है कि जिताऊ माने जाने वाले दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की। एक निर्दलीय प्रत्याशी ने मुलाकात की पुष्टि भी की है।

भाजपा के संपर्क में क्षेत्रीय दल के प्रत्याशी
जोड़-तोड़ की राजनीति में माहिर माने जाने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी देहरादून में डेरा जमा लिया है। उनके देहरादून पहुंचने के बाद से कांग्रेस के भीतर खासी खलबली है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से लेकर कांग्रेस के अन्य नेताओं ने कैलाश विजयवर्गीय की सक्रियता पर शंकाएं जाहिर की हैं।

सोमवार को कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में भाजपा दिग्गजों की कई दौर की बैठकें हुईं। इन बैठकों में क्या हुआ, यह रहस्य है, लेकिन इन गुप्त मंत्रणाओं के बाद ही उन प्रत्याशियों से संपर्क साधना शुरू हो गया, जिनके चुनाव में जीतने की संभावनाएं अधिक है। इनमें यमुनोत्री से निर्दलीय चुनाव लड़े संजय डोभाल का नाम सुर्खियों में है। डोभाल पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के संपर्क में बताए जा रहे हैं।

उत्तराखंड एग्जिट पोल: किसी ने कांग्रेस तो किसी ने भाजपा की जीत का दावा किया, रणनीतिकारों के माथों पर गहराई चिंता की लकीरें

उत्तराखंड में एक ट्रेंड रहा है। इस पहाड़ी राज्य में हर बार सरकार अदलती-बदलती रही है। पिछले चुनावों में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। पिछले चुनाव में भाजपा ने सभी एग्जिट पोल के अनुमान से अधिक सीटें हासिल की थीं।उत्तर प्रदेश में अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने के बाद आए एक्जिट पोल ने राजनीतिक दलों के रणनीतिकारों के माथों पर चिंता की लकीरें गहरा दी हैं। अलग-अलग चैनलों व एजेंसियों ने उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस, दोनों को ही बहुमत मिलने का अनुमान अपने-अपने एक्जिट पोल में दिखाया है, जिसने परिणाम को लेकर स्थिति को और अधिक उलझा दिया है।

चुनाव परिणाम से पहले उत्तराखंड में एग्जिट पोल पर सभी की नजर है। सियासी दलों के दिग्गजों से लेकर जनता को भी इसका इंतजार है। नेताओं की मेहनत का नजीता दस मार्च को आएगा। कौन जीतेगा कौन हारेगा, किसे मिलेगी कुर्सी और कौन बचा पाएगा अपना सियासी रसूख। ऐसे सवालों के जवाब काफी हद तक एग्जिट पोल की दहलीज पर आकर आज विराम ले लेंगे। इस बार हुए विधानसभा चुनावों में प्रदेश में सियासत के नए रूप भी देखने को मिले। सीधी टक्कर तो भाजपा और कांग्रेस में है, लेकिन इस बार निर्दलीयों की भूमिका भी अहम हो सकती है। उधर, आम आदमी पार्टी ने भी अपनी सियासी दाल में तड़का लगाने की पूरी कोशिश की है।

उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए एक साथ गत 14 फरवरी को मतदान हुआ था। वर्ष 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तीन-चौथाई से अधिक बहुमत के साथ 57 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस महज 11 सीटों पर ही सिमट गई। दो सीटें निर्दलीयों के हिस्से आईं। इस बार भाजपा के समक्ष अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती रही, तो कांग्रेस ने पांच साल बाद सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगाया। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद हुए चार विधानसभा चुनावों में हर बार सत्ता बदली है, लिहाजा कांग्रेस को यह मिथक इस पांचवें चुनाव में भी कायम रहने का भरोसा है।

सोमवार शाम को आए एक्जिट पोल ने भी कुछ इसी तरह के संकेत दिए हैं। कुछ समाचार चैनलों व एजेंसियों ने उत्तराखंड में फिर भाजपा की सरकार बनने का अनुमान पेश किया, तो कुछ चैनलों का एक्जिट पोल कांग्रेस के पक्ष में गया। इतना जरूर है कि भाजपा को कई समाचार चैनल के एक्जिट पोल में पूर्ण बहुमत दिखाया गया, जबकि जिन चैनल ने कांग्रेस की सरकार बनने का अनुमान दिया, उसमें कांग्रेस के बहुमत के नजदीक और सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के संकेत दिए हैं।

आजतक- इंडिया टुडे एक्सिस का अनुमान

  • भाजपा को सीटें: 36-46
  • कांग्रेस- 20-30
  • आप(आम आदमी पार्टी) को सीटें: 2-4
  • अन्य को सीटें:  2-5

इंडिया टीवी/ग्राउंड जीरो रिसर्च का अनुमान

  • भाजपा को सीटें: 25-29
  • कांग्रेस- 37-41
  • आप को सीटें:  0
  • अन्य को सीटें:  2-4

रिपब्लिक-टीवी का अनुमान

  • भाजपा को सीटें: 29-34
  • कांग्रेस को सीटें: 33-38
  • बसपा को सीटें: 1-3
  • अन्य को सीटें: 1-3

इंडिया टीवी/सीएनएक्स का अनुमान

  • भाजपा को सीटें:  35-43
  • कांग्रेस को सीटें: 24-32
  • आप को सीटें: 0
  • अन्य को सीटें:  2-4

जी न्यूज के अनुमान के मुताबिक

  • भाजपा को 26 से 30 सीटें
  • कांग्रेस को 35 से 40 सीटें
  • बसपा को 2 से 3 सीटें
  • अन्य को 1 से 3 सीटें

टीवी-9 भारतवर्ष के अनुमान के मुताबिक दलों को सीटें

  • भाजपा को 31-33 सीटें
  • कांग्रेस को 33-35 सीटें
  • आम आदमी पार्टी को 0-3 सीटें
  • अन्य को 0-2 सीटें

पुष्कर सिंह धामी (मुख्यमंत्री उत्तराखंड) का कहना है कि सभी एक्जिट पोल यही दिखा रहे हैं कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही है। एक्जिट पोल में भाजपा को 45 से 47 सीटें तक मिलती दिखाई जा रही हैं। मुझे लगता है कि जब अंतिम परिणाम आएगा, भाजपा को इससे भी अधिक सीटें मिलेंगी। प्रदेश की जनता ने हम पर विश्वास जताया है और हम सरकार बनाएंगे।

-गणेश गोदियाल ( अध्यक्ष उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी) का कहना है कि उत्तराखंड में एक्जिट पोल अलग-अलग तरीके से राजनीतिक दलों को आगे या पीछे दर्शा रहे हैं। पोल आफ पोल को देखा जाए तो यह कांग्रेस के पक्ष में है। चुनाव के नतीजे इनसे भी अलग कांग्रेस के पक्ष में भारी बहुमत के रूप में आने जा रहे हैं। कांग्रेस को जनता से इसी तरह का फीडबैक मिला है।

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर  सिंह धामी वाराणसी पहुंचे, प्रधानमंत्री के रोड शो से पहले नड्डा से की ये बातचीत

उत्तर प्रदेश में आखिरी चरण के मतदान से ऐन पहले सीएम धामी चुनाव प्रचार के सिलसिले में शुक्रवार को वाराणसी पहुंचे हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने वाराणसी पहुंचकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात की। भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान के फाइनल दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी में एक बड़ी रैली शुक्रवार शाम होने जा रही है, इसी में शिरकत करने के लिए धामी वहां पहुंचे हैं। इस रोड शो में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शरीक होंगे और इसमें भी धामी अन्य अन्य केंद्रीय मंत्री के साथ जुड़ेंगे।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने वाराणसी पहुंच कर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और पार्टी व चुनाव संबंधी विषयों पर बातचीत की।धामी का उत्तर प्रदेश में पहला चुनावी दौरा है। पार्टी पदाधिकारियों ने बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में होने जा रहे बीजेपी के मेगा रोड शो में धामी भी शामिल होने वाले हैं। बीजेपी के अनुसार पीएम मोदी के अलावा वाराणसी में गृहमंत्री अमित शाह एक रोड शो में शामिल होंगे। सीएम धामी इस रोड शो में भी शिरकत करेंगे।

नड्डा से धामी की मुलाकात कैसी रही?
इस बारे में आधिकारिक तौर पर बीजेपी ने अब तक कुछ नहीं कहा है, लेकिन माना जा रहा है कि चुनाव से पहले पार्टी के भीतर कलह को लेकर भारी असंतोष मचा हुआ है। सूत्रों के हवाले से यह भी बताया जा चुका है कि 10 मार्च को मतगणना से पहले ही उत्तराखंड बीजेपी संगठन में बड़े फेरबदल हो सकते हैं। माना जा रहा है कि नड्डा और धामी के बीच मुलाकात में इन्हीं बिंदुओं पर बातचीत होना थी।

वाराणसी में भाजपा प्रत्याशी के चुनाव प्रचार कार्यक्रम में पहुंचे धामी हाल में दो दिन दिल्ली में भी थे। आधिकारिक तौर पर कहा गया था कि यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्रों की वापसी के सिलसिले में बातचीत करने के लिए धामी दिल्ली गए थे, लेकिन सियासी हलकों में चर्चा है कि भाजपा के भीतर मची हुई खलबली के सिलसिले में वह कुछ नेताओं से मिले थे।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चुनावों पर दिया बड़ा बयान, उत्तराखंड कांग्रेस ने चुनाव आयोग पिथौरागढ़ ज़िले की एक आर्मी यूनिट में दोबारा चुनाव करवाने की मांग की

देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में होने वाले चुनावों के परिणाम दस मार्च को आ जाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इन चुनावों में कांग्रेस की बड़ी जीत का दावा करने वाला एक बयान देकर सियासी प्रतिक्रियाओं को हवा दे दी है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश को छोड़कर अन्य चार राज्यों में कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सरकार बना रही है। पुलिस और अन्य विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के पास पोस्टल बैलेट न पहुंचने के सवाल पर हरदा ने कहा कि भाजपा सरकार में कुछ भी हो सकता है।

उत्तर प्रदेश में अभी दो चरण में मतदान शेष है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी वहां चुनाव प्रचार कर चुके हैं। मंगलवार को लालकुआं लौटे रावत ने कांग्रेस नगर अध्यक्ष गुरदीप सिंह के आवास में पत्रकार वार्ता की। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन मामले को राष्ट्रीय संकट मानते हुए कहा कि भारतीयों की जल्द सुरक्षित वापसी कराई जानी चाहिए।

पिथौरागढ़ ज़िले की एक आर्मी यूनिट से मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ के वीडियो पर उत्तराखंड पुलिस द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इन वोटों के लिए दोबारा चुनाव करवाने की मांग की है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि इस बार इन वोटों के लिए चुनाव सभी पार्टियों के पोलिंग एजेंटों की मौजूदगी में करवाया जाना चाहिए।

राज्य में 14 फरवरी को वोटिंग होने के बाद 22 फरवरी को हरीश रावत ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए आर्मी जवानों के पोस्टल बैलेट पर सवाल खड़े कर दिए थे। इस वीडियो में एक ही जवान कई लोगों के वोट डालते व हस्ताक्षर करते हुए दिख रहा था। इस वीडियो के बाद चुनाव आयोग ने एक्शन के निर्देश दिए तो पुलिस ने पांच जवानों को समन भी भेजा। इस पूरे प्रकरण पर अब गणेश गोदियाल के साथ ही हरीश रावत का भी बयान आया है। रावत ने कहा, ‘भाजपा सरकार में कुछ भी होना संभव है।’

गणेश गोदियाल ने आर्मी यूनिट में मतदान सिस्टम के बारे में बताया कि एक ओटीपी के ज़रिये हर जवान अपना मतपत्र डाउनलोड करता है। चूंकि दूरस्थ इलाकों में हर जवान के पास यह तकनीक नहीं होती इसलिए यूनिट इनचार्ज के पास एक ओटीपी की व्यवस्था की जाती है और इसी से सभी पोस्टल बैलेट यानी मतपत्र डाउनलोड होते हैं। गोदियाल ने यह व्यवस्था बताते हुए आरोप लगाया कि ‘एक यूनिट के कर्मचारियों द्वारा अन्य यूनिटों में तैनात लोगों के वोट भी डाल दिए गए।’

गोदियाल से बातचीत पर आधारित एक खबर के मुताबिक उनका कहना है, ‘एक व्यक्ति सबके वोट डालता दिख रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। एक व्यक्ति सबके मतपत्र डाउनलोड करके सब पर टिक नहीं कर सकता। यह पक्षपाती वोटिंग ही हुई।’ गोदियाल का कहना है चूंकि 2017 में ऐसी 30 से ज़्यादा सीटें थीं, जहां 5000 से कम वोटों के अंतर से जीत हार तय हुई इसलिए इस तरह के वोटों को वैध नहीं माना जाना चाहिए। उनका कहना है, ‘भले ही मतगणना में देर हो, लेकिन प्रक्रिया पारदर्शी होना ज़रूरी है।’