चंपावत विधानसभा सीट के लिए 31 मई को होने वाले उपचुनाव से पहले कांग्रेस ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ केंद्रीय नेताओं का भी कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। सोमवार से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी चंपावत पहुंचकर चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।चंपावत उप चुनाव में कांग्रेस प्रचार में कहीं भी सत्तारूढ़ दल से पीछे नहीं दिखना चाहती है। जैसा कि कुछ लोगों की ओर से प्रचार किया जा रहा था कि कांग्रेस ने भाजपा को वॉकओवर दे दिया। पार्टी ने इस तथ्य को कुप्रचार बताते हुए पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने का दम दिखाया है। यही वजह है कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा समेत पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, जसपुर के विधायक आदेश चौहान सहित तमाम नेता चंपावत में डेरा डाले हुए हैं।
चंपावत का रण जीतने को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरा जोर लगा दिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री धामी के अलावा 5 कैबिनेट मंत्री, 3 राष्ट्रीय स्तर के नेता, प्रदेश अध्यक्ष समेत पूरा संगठन चंपावत में डेरा डाले हुए हैं। जबकि कांग्रेस ने अंतिम सप्ताह में पूर्व सीएम हरीश रावत को चुनावी मैदान में उतारा है। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत कई विधायक चंपावत पहुंंच चुके हैं। ऐसे में अब अंतिम दौर में चंपावत का चुनाव रोमांचक होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के लिए कुर्सी बचाने का अभियान कहा जा रहा चंपापत उपचुनाव प्रचार के अंतिम दौर में खासा दिलचस्प हो गया है। सोमवार 23 मई को कांग्रेस की ओर से कैंपेन करने के लिए हरीश रावत पहुंचे और कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी के समर्थन में प्रचार व जनसंपर्क किया। रावत को भेजकर चंपावत में कांग्रेस ने न केवल कड़े मुकाबले बल्कि पार्टी की एकजुटता का संदेश भी दिया। रावत से पहले यहां अन्य कांग्रेसी नेता पहुंच चुके हैं और कई आ सकते हैं।
कांग्रेस ने अंतिम सप्ताह में अपने दिग्गजों को रण में उतार दिया है। सोमवार को पूर्व सीएम हरीश रावत चंपावत पहुंच गए। उनके साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी पहुंच चुके हैं। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, विधायक सुमित ह्रदयेश, मनोज तिवारी, सांसद प्रदीप टम्टा पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल आदि प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं। लेकिन सबसे खास एंट्री हरीश रावत की मानी जा रही है। जो कि धामी को टक्कर देने की रणनीति पर काम करने का दावा कर चुके हैं। हालांकि हरीश रावत के नेतृत्व में जिस तरह विधानसभा का चुनाव पार्टी बुरी तरह से हारी है, साथ ही वे खुद भी चुनाव हारे, उससे कांग्रेस के मनौबल पर बहुत बुरा असर पड़ा है। जो कि बीते दिनों में नजर भी आया। लेकिन अब चंपावत के बहाने कांग्रेस एक नई किरण जगाने की कोशिश में है। चिंतन शिविर और दिल्ली में हाईकमान से मिलने के बाद हरीश रावत नए अंदाज में नजर आ रहे हैं।