उत्तराखंड: कांग्रेस विधायक के बयान से कांग्रेस में खलबली, धारचूला विधायक हरीश धामी ने कहा, पुष्कर सिंह धामी के लिए छोड़ सकते हैं सीट

पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से विधायक हरीश धामी ने कहा कि अगर जनता कहेगी, तो वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ सकते हैं। कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए हरीश ने कहा कि पार्टी में उनकी अनदेखी हुई है। नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद कांग्रेस में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में हरीश धामी के इस बयान के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।हरीश धामी ने कांग्रेस हाईकमान पर उपेक्षा का आरोप लगाया। उनका कहना है कि महत्वपूर्ण फैसलों में उनकी राय नहीं ली गई। इस तरह धारचूला विधायक हरीश धामी अब खुलकर फ्रंट फुट पर आ गए हैं और कांग्रेस के खिलाफ अपनी नाराजगी जता रहे हैं।

हरीश धामी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा से ही उन्हें नीचे दिखाने का काम किया है, जबकि वह पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं, इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोडऩे का मन बना लिया है। हरीश ने कहा कि विधानसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस सीट से जीते विधायक को उप नेता प्रतिपक्ष बनाकर उनके सम्मान को चोट पहुंचाई है।

हरीश धामी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के लिए बहुत कुछ किया पर कांग्रेस ने हमेशा उनका अपमान ही किया।। हरीश ने दो टूक कहा कि अगर क्षेत्र की जनता कहेगी, तो वह सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ सकते हैं। हरीश का कहना है कि उनके पास अगल दल बनाकर जनता की सेवा करने का भी विकल्प खुला है।

प्रदेश में नई नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस के भीतर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। नाराज चल रहे करीब 10 विधायकों ने बुधवार को भी गुपचुप तरीके से बैठकों का सिलसिला जारी रखा। नवनियुक्त पदाधिकारियों से इन विधायकों ने दूरी बनाई हुई है। असंतोष प्रबंधन में जुटी पार्टी भी इससे असहज है।

कांग्रेस में नई नियुक्तियों को लेकर बढ़ता असंतोष राष्ट्रीय नेताओं के विरोध का रूप ले रहा है। चुनाव से ठीक पहले प्रदेश में चुनाव प्रबंधन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष रहे हरीश रावत ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोला था।

पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से विधायक हरीश धामी ने बगावती तेवर अपनाते हुए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। प्रदेश में पार्टी की बदहाली के लिए प्रभारी को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि विधायक जल्द ही अलग दल बनाने का निर्णय ले सकते हैं।

चुनाव में हार के कारणों की समीक्षा का परिणाम प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष पदों पर नई नियुक्तियों के रूप में सामने आया है। इसके बाद प्रदेश प्रभारी और हार की समीक्षा करने वाले राष्ट्रीय नेताओं के खिलाफ गुस्सा फूट रहा है।

नीट-UG 2022: 7 मई तक करें नीट परीक्षा के लिए आवेदन,17 जुलाई को होगी नीट परीक्षा, ऐसे करें रजिस्ट्रेशन

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्‍ट (NEET-UG) का आयोजन 17 जुलाई को होगा और इसके लिए ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन की प्रक्र‍िया 2 अप्रैल से प्रक्रिया शुरू हो गई है। यूजी नीट परीक्षा (NEET-UG 2022) एक ही दिन आयोजित होगी और यह पेन-पेपर आधारित होगी। इसे 13 भाषाओं में आयोजित किया जाएगा।

नीट 2022 परीक्षा के लिए nta.nic.in पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस साल स्नातक मेडिकल प्रवेश परीक्षा का आयोजन 17 जुलाई 2022 को किया जाएगा। परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 7 मई, 2022 है।

नीट 2022 महत्वपूर्ण तारीखें

इवेंट

नीट 2022 डेट

नीट आवेदन पत्र 2022 भरने की अंतिम तिथि

6 मई 2022

नीट 2022 आवेदन शुल्क भुगतान की लास्ट डेट

7 मई 2022

एनटीए नीट आवेदन पत्र की सुधार खिड़की

सूचित किया जाएगा

नीट-UG एडमिट कार्ड 2022 जारी किया जाएगा

सूचित किया जाएगा

नीट परीक्षा की तारीख

17 जुलाई 2022 (जारी)

नीट रिजल्ट की घोषणा

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नीट यूजी काउंसलिंग की शुरुआत

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जनजाति क्षेत्र का लोहारी गांव जलमग्न हो गया है, ग्रामीणों संकट की इस घड़ी में उल्लास का पर्व बिस्सू कैसे मनाएं

अनूठी लोक व पौराणिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर में 14 अप्रैल से 367 राजस्व गांवों व करीब 200 खेड़ों व मजरों में बिस्सू पर्व की धूम शुरू हो जाएगी।जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर में इन दिनों बिस्सू मेले की धूम है। क्षेत्र के गांवों में बिस्सू की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। लोग अपने घरों को सजा रहे हैं। बाजार से खरीदारी में व्यस्त हैं। व्यापारी मेलों की तैयारी में जुटे हुए हैं। विभिन्न गांवों में आयोजित बिस्सू मेले में बड़ी संख्या में लोग मेला देखने पहुंचेंगे।

जनजाति क्षेत्र लोहारी गांव के जलमग्न होने से खत लखवाड़ का एक गांव घट गया है। अभी तक इस खत में कुल नौ गांव थे।पुराने समय के पहाड़ी शैली में निर्मित घर कई 100 वर्षों की गाथा को समेटे हुए थे जो अब डूब गए हैं। मकानों पर उम्दा नक्काशी व चित्रकारी भी लुप्त हो गई है।

जौनसार का प्रमुख पर्व बिस्सू गुरुवार को है। क्षेत्र के गांवों में बिस्सू की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। लोग अपने घरों को सजा रहे हैं। बाजार से खरीदारी में व्यस्त हैं। व्यापारी मेलों की तैयारी में जुटे हुए हैं। लेकिन लोहारी में जिस ‘पांडवों की ठौर’ पर मेला लगना था, जहां, हारुल और तांदी की धूम मचनी थी।

वह स्थान झील में समा गया है। गांव में शरणार्थी जैसा जीवन बिता रहे, ग्रामीणों की समझ में नहीं आ रह है कि, संकट की इस घड़ी में उल्लास का पर्व बिस्सू कैसे मनाएं।  ग्रामीणों ने बताया कि, बांध की झील में समाए पांडवों ठौर में भीम की गदा, अर्जुन का गांडीव, नकुल सहदेव की तलवार, युद्धिष्ठर का भाला, द्रोपदी का कटार रखा जाता था।

साल में यहां दो बार मेला लगता था। जिसमें चौदह अप्रैल को बिस्सू मेला लगना था। लेकिन अब यह सब इतिहास बन गया है। कुलदेवता का मंदिर भी जलमग्न पांडवों की ठौर के पास ही काली का मंदिर और कुल देवता चिनपुणियां का मंदिर था। जहां हमेशा पूजा अर्चना होती थी। वह भी बांध में डूब गया।

लखवाड़-व्यासी जल विद्युत परियोजना : विकास की भेट चढ़ गया उत्तराखंड का एक और गाँव,परियोजना झील में जलस्तर बढ़ने से लोहारी गांव जलमग्न हो गया, संस्कृति और खेत-खलिहान हो गए गुम

उत्तराखंड के देहरादून जिले के कालसी क्षेत्र में सोमवार को 120 मेगावाट वाली लखवाड़-व्यासी जल विद्युत परियोजना की झील का जलस्तर बढ़ने के साथ ही लोहारी गांव जलमग्न हो गया। इस दौरान माहौल भावुक हो गया। अपने पैतृक गांव को डूबता देख गांव वालों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।

उत्तराखंड को रोशन करने के लिए जलमग्न हो गया ‘लोहारी’ गांव, 120 मेगावाट की व्यासी परियोजना से मिलेगी बिजली  व्यासी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक राजीव अग्रवाल ने बताया कि 15 से 16 अप्रैल तक पानी बिजली उत्पादन के स्तर पर पहुंच जाएगा। अप्रैल के अंत तक पावर हाउस से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। परियोजना की झील में जल स्तर बढ़ाए जाने से लोहारी गांव जल्द ही डूब गया

पानी का स्तर बढ़ने के साथ ही डूब क्षेत्र में आए लोहारी गांव में सोमवार को पानी आ गया है। शाम लगभग तीन बजे से गांव में पानी भरना शुरू हो गया था। इसके बाद लगातार बढ़ते जलस्तर ने गांव के मकान, गौशाला, खेत-खलिहानों व पार्क आदि को अपने आगोश में ले लिया। उधर, परियोजना के अधिकारियों का दावा है कि देर रात तक डैम के लिए निर्धारित जलस्तर की मात्रा को सुनिश्चित कर लिया जाएगा।

झील की गहराइयों में बांध प्रभावितों की सुनहरी यादें, संस्कृति और खेत-खलिहान गुम हो गए। ऊंचे स्थानों पर बैठे ग्रामीण दिनभर भीगी आंखों से अपने पैतृक गांव को जल समाधि लेते देखते रहे। ग्रामीणों की मांग थी कि उन्हें आखिरी बिस्सू पर्व पैतृक गांव में ही मनाने को कुछ वक्त दिया जाए, लेकिन सभी को 48 घंटे के नोटिस पर गांव खाली करना पड़ा।

जल विद्युत निगम की ओर से उन्हें सामान व उपज ढोने के लिए वाहन भी मुहैया कराए गए थे। हालांकि, गांव खाली होने के बावजूद सोमवार को विस्थापित आसपास ऊंचे स्थानों पर बैठकर अपनी सुनहरी स्मृतियों को झील में समाते देखते रहे।

विस्थापितों ने बताया कि उन्होंने गेहूं की फसल तो काट ली थी, लेकिन टमाटर, मटर, आलू, प्याज व लहसुन के लहलहाते खेत ऐसे ही छोड़ने पड़े। पैतृक गांव को डूबता देख महिलाओं के आंसू तो थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे। उधर, उपजिलाधिकारी कालसी सौरभ असवाल ने बताया कि प्रशासन की ओर से बांध विस्थापितों के लिए रहने की व्यवस्था की गई है। लेकिन, ग्रामीण वहां जाने को तैयार ही नहीं हैं।

120 मेगावाट की लखवाड़-व्यासी जल विद्युत परियोजना के लिए आवश्यक सभी स्वीकृतियां प्राप्त करने के बाद वर्ष 2014 में परियोजना पर दोबारा कार्य शुरू हुआ। दिसंबर 2021 में परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण कर उसकी कमिशनिंग की जानी थी, लेकिन तमाम जटिलताओं के चलते कमिशनिंग में देरी हुई। 1777.30 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना के डूब क्षेत्र में सिर्फ लोहारी गांव ही आ रहा था।

उत्तराखंड कांग्रेस ने करण मेहरा को बनाया प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष बने यशपाल आर्य

उत्तराखंड चुनाव 2022 में मत खाने के बाद कांग्रेस अब पार्टी में बदलाव कर रही है। इसीलिए कांग्रेस नए चेहरों को मौका दे रही है। 2024 में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं और इसको ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी अभी से जातिगत समीकरण बनाने में जुट गई है।

पांच राज्यों में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में राज्यों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों से आलाकमान ने इस्तीफा मांगा था, जिसके बाद अब लंबी मंत्रणा पर उत्तराखंड कांग्रेस की कमान करन माहरा को सौंपी गई है। वहीं कांग्रेस नेता यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष का दायित्व मिला है। इसके अलावा भुवन कापड़ी को उपनेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है।

यशपाल आर्य का राजनीतिक कद कुमाऊं के साथ ही एक विशेष वर्ग को भी प्रभावित करता है। उत्तराखंड चुनाव से पहले बाप-बेटे कांग्रेस में शामिल हुए थे। चुनाव से पहले यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए थे। यशपाल को जहां कांग्रेस ने बाजपुर से मैदान में उतारा था तो वहीं उनके बेटे संजीव को नैनीताल से चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन किसी तरह यशपाल आर्य ने अपनी सीट तो बचा ली थी, पर उनके बेटे संजीव अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे।

हाईकमान के फैसले से पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समर्थकों को गहरा झटका लगा है। माना जा रहा था कि हाईकमान प्रीतम को ही दोबारा नेता प्रतिपक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपेंगा। हाईकमान स्तर पर अच्छे ताल्लुकात की वजह से प्रीतम को नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा था। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान में चौंकने वाले फैसले के संकेत बाद से प्रीतम खेमा काफी मायूस था।

जनहित और राज्यहित मुद्दों पर सदैव संघर्ष और पार्टी की नीति-रीति को जनजन तक ले जाना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगा। हाईकमान ने मुझे यह जिम्मेदारी दी है, इसके लिए आभार। मैं हाईकमान की अपेक्षाओं पर खरा उतरना का पूरा प्रयास करूंगा।  करन माहरा, नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष-कांग्रेस

लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से किया जाएगा सम्मानित

उत्तराखंड के प्रमुख लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी को 9 अप्रैल को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान देंगे। नरेन्द्र सिंह नेगी को वर्ष 2018 के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है। यह कलाकार के लिए देश का सर्वोच्च पुरस्कार है।

नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नेगी दा समेत 44 अन्य हस्तियों को यह पुरस्कार प्रदान करेंगे। पुरस्कार के रूप में उन्हें एक लाख रुपये की धनराशि, अंगवस्त्र और ताम्रपत्र दिया जाएगा।इसके अलावा 12 अप्रैल को नेगी दा अपने साथी कलाकारों के साथ राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के सामने अपने लोकगीतों की प्रस्तुति भी देंगे।

शनिवार को दिल्ली में देशभर की 44 हस्तियों के साथ उत्तराखंड से लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को भी प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। नरेंद्र सिंह नेगी को उत्तराखंड में लोक संगीत के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए वर्ष 2018 के पुरस्कार के लिए चुना गया था।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी में चिकित्सा उपकरणों का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी उप चिकित्सालय के लिए डी.एल.एफ द्वारा दिए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने उप चिकित्सालय मसूरी में आधुनिक सी.टी स्कैन मशीन,आर्म मशीन, इमरजेंसी वेंटिलटर का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी उप चिकित्सालय के लिए डीएलएफ द्वारा दिए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने उप चिकित्सालय मसूरी में आधुनिक सी.टी स्कैन मशीन, आर्म मशीन, इमरजेंसी वेंटिलेटर का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा की मसूरी उप चिकित्सालय में इन आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता से मसूरी एवं आस पास के क्षेत्रों धनोल्टी, नैनबाग एवं जौनपुर के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा की प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर गुरुवार को मसूरी पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुजुर्गों को बड़ी सौगात दी है। सीएम ने कहा, अब तक केवल एक बुजुर्ग को पेंशन मिलती थी, अगर परिवार में दो बड़े व्यक्ति होते, अब हम परिवार के दोनों बुजुर्गों को पेंशन देंगे।

मसूरी के टाउनहॉल सभागार में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा, हमने लोगों के लिए समान नागरिक संहिता लाने का फैसला किया, क्योंकि उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है, यह संस्कृति और आध्यात्मिकता का केन्द्र है और दो अंतरराष्ट्रीय सीमाएं भी साझा करता है।

इस अवसर पर केबिनेट मंत्री गणेश जोशी, मसूरी के नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, भाजपा जिलाध्यक्ष शमशेर सिंह पुंडीर, भाजपा के मसूरी मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल आदि उपस्थित थे।

 उत्तराखण्ड में तीन मई से चारधाम यात्रा होगी शुरू, जानिए केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री मंदिरो के कपाट खुलने का शुभ मुहूर्त

उत्तराखण्ड में तीन मई से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए गए प्रतिबंधों के कारण बेहद सीमित संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए आए। इस वर्ष सरकार ने सभी प्रतिबंध हटा लिए हैं। ऐसे में इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके लिए तैयारियां भी जोरों पर हैं।

रोहणी नक्षत्र और कर्क लग्न में तीन मई को यमुनोत्री धाम के कपाट शुभ मुहूर्त में खुल जाएंगे। वहीं, केदारनाथ के कपाट 06 मई तो बद्रीनाथ के 08 मई कपाट दर्शन के लिए खुल जाएंगे। तीर्थ पुरोहितों ने आज (07 अप्रैल) को यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का शुभ मुहूर्त निकाला है। पुरोहितों का कहना है कि 03 मई को 12 बजकर 15 मिनट पर कपाट भक्तों के खुलेंगे।

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट आगामी 3 मई को अक्षय तृतीया के पर्व पर खोल दिए जाएंगे। कपाट खुलने का समय सुबह 11.15 बजे निकाला गया है। 2 मई को मां गंगा अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से डोली में सवार होकर दोपहर 12:15 पर गंगोत्री धाम के लिए रवाना होंगी और मार्कंडेय मंदिर, देवी मंदिर होते हुए रात्रि विश्राम के लिए भैरव घाटी पहुंचेंगी। जहां भैरव मंदिर में ही रात्रि विश्राम करेंगी। अगले 3 तीन मई को मां गंगा की डोली यात्रा सुबह 5:30 पर गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी। जहां गंगोत्री धाम पहुंचने पर सर्व प्रथम गंगा लहरी, गंगा सहस्त्रनाम के पाठ व हवन पूजन तथा गंगा आरती करने के बाद शुभ मुहूर्त पर ठीक 11:15 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जायेंगे।

केदारनाथ मंदिर के कपाट 6 मई को खुलेंगे। श्रद्धालुओं के लिए 6 मई 2022 को सुबह 6 बजकर 25 मिनट अमृत बेला पर मंदिर के कपाट खुलेंगे। ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से 2 मई को बाबा केदारनाथ की डोली केदार धाम के लिए प्रस्तान करेगी। 2 मई को डोली गुप्तकाशी, 3 मई को फाटा, 4 मई को गौरीकुंड पहुंचेगी। यहां रात्रि विश्राम होगा. केदारनाथ की डोली 5 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी। इसके बाद 6 मई को सुबह 6.25 बजे केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।

बद्रीनाथ धाम के कपाट इस साल 8 मई को खुलेंगे। शास्त्रों के मुताबिक विधि-विधान से 8 मई की सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर बद्रीनाथ धाम के कपाट खुल जाएंगे। मंदिर के कपाट खुलने के बाद श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम पहुंचकर दर्शन-पूजन कर सकेंगे।

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने चारधाम यात्रा की तैयारियों के संबंध में कहा कि यात्रा को सुगम व सुरक्षित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जाए। हर जगह विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। मार्गो पर दुर्घटना रोकने के लिए क्रैश बैरियर और साइनेज की व्यवस्था की जाए। पर्वतीय मार्गो पर यातायात प्रबंधन और पार्किंग पर विशेष ध्यान दिया जाए तथा नए पार्किंग स्थल विकसित किए जाएं।

उन्होंने चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर बढ़ाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वेबसाइट और मोबाइल एप भी विकसित किए जाएं, ताकि यात्रियों के रजिस्ट्रेशन में अधिक समय न लगे। उन्होंने सड़क चौड़ीकरण के कारण खराब हुए हैंडपंप को फिर से दुरुस्त कर इस्तेमाल योग्य बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मोबाइल एप पर यात्रा के साथ ही मौसम की जानकारी भी दी जाए और इसका उचित प्रचार-प्रसार किया जाए।

उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला, अनाथ बच्चों के लिए सरकारी नौकरी में मिलेगा 5 फीसदी क्षैतिज आरक्षण

उत्तराखंड कैबिनेट ने राजकीय अनाथ आश्रमों में पले बढ़े बच्चों को सरकारी नौकरी में पांच प्रतिशत आरक्षण देने पर मुहर लगा दी है।योजना का फायदा राज्य में संचालित स्वैच्छिक व राजकीय गृहों में रह रहे अनाथ बच्चों को मिलेगा। इसके लिए अनाथ या प्रभावित बच्चों का रजिस्ट्रेशन कराना होगा।राज्य सरकार ने कोरोना के दौर में अनाथ हुए बच्चों को सरकारी नौकरियों में पांच प्रतिशत आरक्षण का आदेश जारी किया था। इस आदेश के बाद नौकरियों में आरक्षण देने को लेकर भारी असमंजस था। अब शासन ने एक शासनादेश जारी कर इससे जुड़ीं सभी कठिनाइयों को दूर कर दिया है।

उत्तराखंड में जन्म से 21 वर्ष की आयु तक के अनाथ बच्चों को सरकारी व अशासकीय सेवाओं में सीधी भर्ती के पदों पर पांच प्रतिशत मिलेगा। सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु उनके जन्म के 21 वर्ष तक की अवधि में हुई हो, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। सबसे बड़ा असमंजस अनाथ बच्चों की जाति को लेकर था। चूंकि आदेश में कहा गया था कि वह अनाथ बच्चे, जिस श्रेणी के होंगे, उसी में उन्हें पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मिलेगा।

शासन ने स्पष्ट कर दिया कि अनाथ आश्रमों में रह रहे जिन बच्चों की जाति का पता नहीं चलेगा, उन्हें अनारक्षित वर्ग में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। जिन बच्चों की जाति का पता होगा, उन्हें उनकी श्रेणी जैसे एससी, एसटी, ओबीसी आदि में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा। शासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के पदों पर कोई नहीं आता तो उन पदों को संबंधित श्रेणी में काउंट करते हुए भर दिया जाएगा।

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो इस वक्त राज्य में संचालित स्वैच्छिक व राजकीय गृहों में 735 बच्चे निवास कर रहे हैं। इनमें 100 से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता नहीं है, और कोई रिश्तेदार भी नहीं है।

उत्तराखंड इन जरूरतमंद बच्चों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने वाला पहला राज्य बन गया है। आर्य ने बताया कि अनाथ आश्रमों में पल रहे बच्चों की कोई पारिवारिक पहचान नहीं होती, इसलिए उन्हें जातिगत आरक्षण का लाभ भी नहीं मिल पा रहा था। इसलिए सरकार ने ऐसे बच्चों के लिए यह खास व्यवस्था की है। उन्होंने बताया कि इन बच्चों को आरक्षण का लाभ लेने के लिए संस्था की ओर से दिया गया प्रमाणपत्र ही प्रस्तुत करना होगा। वर्तमान में राज्य के विभिन्न आश्रमों में ऐसे करीब एक हजार बच्चे पल बढ़ रहे हैं, जो अब आरक्षण का फायदा लेकर अपना भविष्य संवार सकेंगे।

समीक्षा अधिकारी भर्ती पर असमंजस दूर
राज्य सरकार की ओर से सचिवालय समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी के पदों पर भर्ती की सिफारिश (अधियाचन) उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को भेजा गया था। आयोग ने शासन से कुछ बिंदुओं पर स्पष्ट जानकारी मांगी थी। अब साफ हो गया है कि सीधी भर्ती के पदों में आरक्षण का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की प्रधानमंत्री नरेंद मोदी और अमित शाह से संसद भवन नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संसद भवन नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। उत्तराखंड के विकास में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार से मिल रहे सहयोग पर आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य में संचालित विकास कार्यों के बारे में अवगत कराया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों में हिम प्रहरी योजना लागू किये जाने में केंद्र से सहयोग का अनुरोध किया। सीएम ने मुलाकात के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी बयान दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महत्वपूर्ण वित्तीय स्वीकृतियों के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड विकास पथ की ओर अग्रसर है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करना संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने की दिशा में अहम कदम होगा। इस कानून का दायरा सभी नागरिकों के लिए समान रूप से होगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों। यह संविधान की भावना को मूर्त रूप देगा। उन्होंने कहा कि मामले में न्यायविदों, सेवानिवृत्त जज, समाज के प्रबुद्धजनों और अन्य स्टेकहोल्डर की एक कमेटी गठित होगी। कमेटी समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करेगी।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखंड राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए  जीएसटी प्रतिकर अवधि को बढ़ाए जाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने उत्तराखंड में नवीनतम तकनीक व वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने के लिये भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) की स्थापना और फार्मास्यूटिकल उद्योग के विकास के लिये नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एण्ड रिसर्च (एनआईपीईआर) की स्थापना का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में बागवानी की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए प्रधानमंत्री से कश्मीर तर्ज पर रूपये 2000 करोड़ का बागवानी पैकेज दिये जाने का अनुरोध किया। टीएचडीसी इण्डिया लिमिटेड की अंशधारिता में उत्तर प्रदेश के अंश का उत्तराखंड को हस्तांतरित करने के लिये माननीय न्यायालय से बाहर सौहार्दपूर्ण समाधान के लिये केंद्र सरकार की विशेष पहल का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने चारधाम की तर्ज पर कुमाऊं के पौराणिक स्थलों व मंदिरों को तीर्थाटन से जोड़ने के लिये ‘मानसखण्ड मंदिर माला मिशन’की स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध किया। सीएम धामी ने पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के संचालन की अनुमति का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों (उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, चम्पावत और ऊधम सिंह नगर के खटीमा) के ग्रामों से हो रहे पलायन को रोकने, दैवीय आपदा में राहत व बचाव कार्यों के लिये पुलिस, आईटीबीपी व एसएसबी के सहयोग से सीमा रक्षक दल/ हिम प्रहरी दलों का गठन किया जाना प्रस्तावित है।

उक्त दल में सम्मिलित व्यक्तियों को प्रोत्साहन भत्ते के रूप में मानदेय प्रस्तावित है। इस पर लगभग 5 करोड़ 45 लाख रुपये का व्यय भार अनुमानित है। इसमें केंद्र का सहयोग निवेदित है। धामी ने राज्य पुलिस को और अधिक प्रभावी व आधुनिक बनाए जाने के लिये राज्य पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना में प्रति वर्ष 20 से 25 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किये जाने का आग्रह किया।