स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा जयंती पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की

आज सोमवार 25 अप्रैल 2022 को महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हिमालय पुत्र हेमवती नन्दन बहुगुणा जी की जयंती है। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने देहरादून में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में हेमवती नंदन बहुगुणा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं हेमवती नंदन बहुगुणा के बेटे विजय बहुगुणा, केबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, सौरभ बहुगुणा, मेयर सुनील उनियाल गामा मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आवास में भी स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनका भावपूर्ण स्मरण किया।

उन्होंने इस दौरान कहा कि,”हेमवती नंदन बहुगुणा हिमालय पुत्र थे और उनके हिमालय जैसे इरादे थे। उनके जयंती पर हम उन्हें आज नमन करते हैं और राजनीतिक क्षेत्र में उन्होंने जिस प्रकार से काम किया वो आज हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है और हम उसी मार्ग पर आगे बढ़ेंगे।”

इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करके मवती नंदन बहुगुणा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “लोकतांत्रिक मूल्यों के धनी, दूरदर्शी राजनेता, महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हिमालय पुत्र हेमवती नन्दन बहुगुणा जी की जयंती पर शत्-शत् नमन।”

आज देश के महान नेता रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री व सत्तर से 80 के दशक के अंत तक विपक्ष की राजनीति के महत्वपूर्ण ध्रुव रहे स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की 103 वीं जयंती के अवसर पर देवभूमि मानव संसाधन विकास ट्रस्ट ने ईसी रोड स्थित ट्रस्ट के कार्यालय में धर्मनिरपेक्षता व एच एन बहुगुणा विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने सबसे साथियों सहित पहले घंटाघर स्थित श्री बहुगुणा की मूर्ति पर मालार्पण कर उनको श्रद्धासुमन अर्पित किए। तत्पश्चात ट्रस्ट कार्यालय ईसी रोड में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए बहुगुणा जी को आज़ाद भारत का नेहरू व इंदिरा के बाद का सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष नेता बताया।

हेमवती नंदन बहुगुणा जी के बारे में बात करेंं, तो उनका जन्म 25 अप्रैल 1919 में उत्तराखंड के बुघाणी गांव में हुआ था, जो की पौड़ी जिले में स्थित है। छात्र जीवन में ही बहुगुणा जी भारत के द्वीतीय प्रधानमंत्री के सम्पर्क में आए और भारतीय राजनीती से प्रेरित हो गये। उस दौरान उन्होंने कई छात्र आन्दोलन में भी हिस्सा लिया और गिरफ्तार भी हुए, लेकिन आगे चल कर वो कांग्रेस पार्टी की तरफ से उत्तरप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री भी बने।

हेमवती नंदन 1936 से 1942 तक छात्र आंदोलनों में शामिल रहे थे। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में हेमवती के काम ने उन्हें लोकप्रियता दिलाई। अंग्रेजों ने हेमवती को जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर 5 हजार का इनाम रखा था। 1 फरवरी 1943 को दिल्ली के जामा मस्जिद के पास हेमवती गिरफ्तार हुए थे। 1945 में छूटते ही फिर वह आंदोलन से जुड़ गए। 17 मार्च 1989 को अमरीका में हार्ट सर्जरी के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी।

छह मई को केदारनाथ आ सकते हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा संचालन की व्यवस्था पर उठाए सवाल

प्रधानमंत्री मोदी इस बार भी छह मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर यहां आ सकते हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री धामी के केदारनाथ के प्रस्तावित दौरे और वहां यात्रा की तैयारियों का जायजा लिए जाने के कार्यक्रम को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। यही नहीं, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर भी सोमवार को केदारनाथ जा सकते हैं।

शासन में उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अभी तक प्रधानमंत्री का कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं मिला है, लेकिन यदि वह आते हैं तो शासन-प्रशासन की ओर से तैयारियां पूरी हैं।

चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा संचालन की व्यवस्था पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने खुद सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि हेली सेवा से जाने वाले तीर्थ यात्रियों के साथ क्या होता है, सबको पता है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि हेली सेवा में टिकटों की ब्लैक मेलिंग पर निगरानी रखी जाए। साथ ही हेलीपैड पर यात्रियों को किसी तरह की असुविधा या ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं तो इसके लिए शिकायत नंबर जारी किए जाएं।

सचिवालय में चारधाम यात्रियों की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक में पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं और उनके साथ अच्छा व्यवहार का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण(यूकाडा) के अधिकारियों से केदारनाथ हेली सेवा संचालन के बारे में जानकारी ली। 6 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं, लेकिन अभी तक हेली सेवा के पायलटों का वैरिफिकेशन नहीं हुआ है।

इस पर महाराज ने नाराजगी जताई। बैठक में गढ़वाल मंडल विकास निगम की प्रबंध निदेशक स्वाति एस भदौरिया ने अवगत कराया कि 20 मई तक केदारनाथ हेली सेवा की बुकिंग फुल हो चुकी है। इसके बाद 21 मई से पांच जून तक के लिए हेली सेवा की बुकिंग जल्द शुरू की जाएगी।

चारधाम यात्रा के लिए एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने कराया ऑनलाइन पंजीकरण, केदारनाथ धाम के लिए सबसे अधिक पंजीकरण 

उत्तराखण्ड स्थित गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ चारों धामों सहित सिक्खों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नित्य प्रति बढ़ती जा रही है।

प्रदेश में तीन मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण ने रफ्तार पकड़ ली है। अब तक एक लाख से अधिक तीर्थयात्री ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं। इसमें केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए सबसे अधिक यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। इस बार चारधाम यात्रा में भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों के आने की उम्मीद है।

विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर 03 मई को, केदारनाथ धाम के कपाट 06 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 08 मई को खोले जाएंगे। पर्यटन विभाग ने इस बार चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पंजीकरण की व्यवस्था अनिवार्य की दी है।

बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा करने के लिए तीर्थयात्री और श्रद्धालु पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationtouristcare.uk.gov.in पर आनलाइन पंजीकरण कर रहे हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार पंजीकरण के साथ ही यात्रियों को क्यूआर कोड जारी किया जा रहा है। इससे न केवल यह पता लग सकेगा कि पंजीकरण करने वाले यात्री ने दर्शन किए हैं या नहीं। बल्कि तीर्थयात्रियों और उनके वाहनों को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। क्यूआर कोड यात्रियों को दिये जाने वाले रिस्ट बैंड में रहेगा, जिसे प्रत्येक धाम में स्कैन किया जाएगा। इससे पर्यटन विभाग को यह पता रहेगा कि कौन सा यात्री कहां पर है। जब से प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की है तब से तीर्थयात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। हर दिन पंजीकरण करने वालों की संख्या बढ़ रही है।

राज्य के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि 03 मई से 31 मई तक के लिए श्री यमुनोत्री धाम के लिए 15829, श्री गंगोत्री धाम के लिए 16804, श्री केदारनाथ धाम के लिए 41107 और श्री बद्रीनाथ – 29488 समेत 102508 तीर्थयात्री पंजीकरण कर चुके हैं।

उन्होंने बताया कि कोरोना से सामान्य होती स्थिति के बाद इस बार बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है। पहली बार तीर्थयात्रियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से पंजीकरण और सत्यापन की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है।

उन्होंने बताया कि पंजीकरण कराने वाले तीर्थयात्रियों के डेटा को संबंधित जिले के जिलाधिकारी और एसएसपी के साथ साझा किया जा रहा है। इससे स्थानीय प्रशासन को इस बात की जानकारी रहेगी कि किस दिन कितने तीर्थयात्री वहां पहुंच रहे हैं। इससे उन्हें स्थानीय स्तर पर व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी और तीर्थयात्री भी बिना किसी परेशानी के मंदिरों में दर्शन कर सकेंगे।

क्यूआर कोड दिए जाने के फायदे

यात्रियों को क्यूआर कोड जारी होने  से न केवल यह पता लग सकेगा कि पंजीकरण करने वाले यात्री ने दर्शन किए हैं या नहीं, बल्कि तीर्थयात्रियों और उनके वाहनों को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। क्यूआर कोड यात्रियों को दिए जाने वाले रिस्ट बैंड में रहेगा। जिसे प्रत्येक धाम में स्कैन किया जाएगा। इससे पर्यटन विभाग को यह पता रहेगा कि कौन सा यात्री कहां पर है। पर्यटन विभाग के अनुसार चारधाम यात्रा में तीन से 31 मई तक के लिए एक लाख से अधिक यात्रियों ने पंजीकरण किया है।

श्री जावलकर ने बताया कि चारधाम यात्रा से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की ओर से टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार, मध्यप्रदेश समेत सुदूर भारत से तीर्थयात्री टोल फ्री नंबर 1364 अथवा 0135-1364 (अन्य प्रदेशों हेतु), 0135-2559898, 0135-2552627 और 0135-3520100 पर मौजूद कर्मचारी से पंजीकरण, यात्रा मार्गों की स्थिति, मौसम की जानकारी, बुकिंग की स्थिति, आनलाइन बुकिंग और हेलीकाप्टर सेवा आदि तमाम जानकारी ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा को तीर्थयात्रियों में इस बार कितना उत्साह है इसका अंदाजा कंट्रोल रूम में आने वाली फोन कॉल्स की संख्या से लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में रोजाना करीब 450-500 के बीच तीर्थयात्री कंट्रोल रूम में संपर्क कर रहे हैं।

उत्तराखंड पीसीएस-जे प्री का रिजल्ट जारी, ऐसे चेक करें परीक्षा का रिजल्ट

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने सिविल जज भर्ती (जूनियर डिवीजन) प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। आयोग ने अपनी वेबसाइट पर सिविल जज भर्ती परीक्षा के रिजल्ट के साथ आंसर की और कटऑफ मार्क्स भी जारी किया है। उम्मीदवार उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की वेबसाइट https://ukpsc.gov.in/ पर जाकर अपने नतीजे चेक कर सकते हैं।  इसमें कुल 139 कैंडिडेट्स को सफल घोषित किया गया है। यह सफल कैंडिडेट्स अब पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे।

आयोग की ओर से मुख्य परीक्षा की तारीख घोषित की जा चुकी है। कमीशन की ओर से जारी परीक्षा कैलेंडर के अनुसार उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज मुख्य परीक्षा 2021 2 से 6 अगस्त 2022 तक आयोजित की जाएगी।

  • सबसे पहले यूकेपीएससी की वेबसाइट https://ukpsc.gov.in/ पर जाएं
  • अब अब रिक्रूटमेंट सेक्शन में नोटिफिकेशन लिंक ‘उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा सिविल जज (जू0डि0) प्रारम्भिक परीक्षा-2021 के संबंध में विज्ञप्ति/परीक्षा परिणाम’ पर क्लिक करें
  • अब रिजल्ट, कटऑफ मार्क्स और फाइनल आंसर की के नोटिफिकेशन लिंक पर क्लिक करें
  • अब पीडीएफ फाइल ओपन होगी, इसमें अपना रिजल्ट चेक करें

कटऑफ
जनरल- 168.72
जनरल-उत्तराखंड महिला- 157.43
ओबीसी- 160.77
ईडब्ल्यूएस- 141.54

आयोग ने 13 मार्च को प्रदेशभर में उत्तराखंड पीसीएस-जे प्री परीक्षा का आयोजन किया था। परीक्षा के रिजल्ट, कटऑफ के साथ ही संशोधित आंसर की भी जारी की गई है। आयोग ने पांच सवालों को पूरी तरह से मूल्यांकन से हटा दिया है।

पेपर सेट-ए में सवाल नंबर 23, 24, 33, 67 और 77 को हटाया गया। पेपर सेट-बी में 10, 11, 20, 183 और 193 को ड्रॉप किया गया। पेपर सेट- सी में सवाल नंबर 5, 45, 46, 151 और 161 को ड्रॉप किया गया है। पेपर सेट- डी में 32, 33, 42, 118 और 128 को ड्रॉप किया गया है।

इन सभी ड्रॉप सवालों के बाद अब आयोग ने 200 के बजाए 195 सवालों के आधार पर मूल्यांकन किया है। इनमें हर सही सवाल के लिए उम्मीदवारों को 1.0256 अंक दिए गए हैं जबकि हर गलत जवाब पर 0.2564 की नेगेटिव मार्किंग की गई है।

कैलाश गहतोड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा इस्तीफा, चंपावत से उपचुनाव लड़ेंगे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी किस सीट से उपचुनाव लड़ेंगे, इसको लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है। पुष्कर सिंह धामी चंपावत सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। चंपावत के मौजूदा विधायक कैलाश गहतोड़ी ने गुरुवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ दी है।  गुरुवार को विधायक गहतोड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। विधानसभा अध्यक्ष के यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान विधायक गहतोड़ी ने कहा कि चंपावत के विकास के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास, सौरभ बहुगुणा और सचिव विधानसभा मुकेश सिंघल भी मौजूद रहे।

विधानसभा अध्यक्ष ने प्रेस को संबोधित करते हुए कैलाश चंद्र गहतोड़ी के इस्तीफे को स्वीकार करने की घोषणा की। विधानसभा चुनाव में भाजपा 47 सीट जीतकर सत्ता पर तो काबिज हो गई, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा विस सीट से चुनाव हार गए। पार्टी ने धामी के नेतृत्व पर भरोसा किया और उन्हें सत्ता की कमान सौंपी।

कैलाश गहतोड़ी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ी है। पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी कि वह 2 बार के विधायक रहे। अपनी भविष्य की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन ने ही उन्हें यहां तक पहुंचाया है। वह निस्वार्थ भाव से पार्टी संगठन का काम करेंगे।

इस दौरान उन्होंने बड़ी बात कही कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी 5 साल तक बेहतर तरीके से सरकार चलाएं ये ही उनकी इच्छा है। फिलहाल संगठन या सरकार में किसी भी तरह की बड़ी जिम्मेदारी की बात से कैलाश गहतोड़ी ने साफ इनकार किया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कैलाश गहतोड़ी सीएम पुष्कर धामी से मिलने मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। उनके साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, महामंत्री संगठन अजय कुमार भी मौजूद हैं। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कैलाश गहतोड़ी भी चंपावत के लिए रवाना होंगे। आज चंपावत में पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी चंपावत सीट से चुनावी शंखनाद करेंगे।

कैलाश गहतोड़ी काफी पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट खाली करने का एलान कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने भी उनकी सीट से उपचुनाव लड़ने के संकेत दिए थे। कुछ दिन पूर्व नई दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद उनके चंपावत से उपचुनाव लड़ने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था। मंगलवार को गहतोड़ी ने भी देहरादून पहुंचकर इस संबंध में औपचारिक घोषणा करने के संकेत दिए थे। बुधवार को गहतोड़ी देहरादून पहुंचे। गहतोड़ी ने मुख्यमंत्री धामी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से मुलाकात की थी।

राज्य गठन के बाद अब तक हुए पांच विधानसभा चुनावों में भाजपा को चंपावत विधानसभा सीट पर तीन बार जीत मिली है। पिछले दो विधानसभा चुनावों से चंपावत सीट पर भगवा बुलंद है। 2017 में भाजपा ने कैलाश गहतोड़ी को मैदान में उतारा था, जिन्होंने 63 फीसदी से अधिक वोट लेकर शानदार जीत दर्ज की थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी गहतोड़ी विजयी रहे। राज्य बनने के बाद 2002 में सबसे पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हिमेश खर्कवाल इस सीट से चुनाव जीते। तब इस सीट भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी। 2007 में इस सीट से भाजपा की बीना महाराना चुनाव जीतीं। 2012 में कांग्रेस के हिमेश खर्कवाल ने फिर वापसी की। 2017 और 2022 के चुनाव में भाजपा के कैलाश गहतोड़ी विजयी रहे।

सीएम धामी ने किया बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, उत्तराखंड के 22 आईएएस अधिकारियों के तबादले, यहां देखें लिस्ट

उत्तराखंड सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 22 नौकरशाहों के विभाग बदल दिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दोबारा सत्ता संभालने के बाद यह पहला बड़ा प्रशासनिक फेरबदल है। मुख्य सचिव एस एस संधू को मुख्य स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली की भी जिम्मेदारी दी गई है। राधा रतूड़ी से अपर सचिव ऊर्जा उत्तराखंड परिवहन निगम के अध्यक्ष की जिम्मेदारी ली गई और अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री गृह कारागार दिए गए हैं। राधिका झा को नया स्वास्थ्य सचिव बनाया गया है। राधा रतूड़ी को अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री की भी जिम्मेदारी दी गई है तथा मीनाक्षी सुंदरम, सचिव मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे।

मनीषा पंवार से ग्रामविकास व कृषि उत्पादन की जिम्मेदारी वापस ली गई है और अवस्थापना विकास आयुक्त व अध्यक्ष उत्तराखंड परिवहन निगम की जिम्मेदारी दी गई। आनंद वर्धन से अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री वन पर्यावरण संरक्षण जलवायु परिवर्तन की जिम्मेदारी वापस ली गई और अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास राजस्व शहरी विकास आवास मुख्य प्रशासक उत्तराखंड आवास और नगर विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी दी गई। आरके सुधांशु को प्रमुख सचिव वन पर्यावरण व संरक्षण की जिम्मेदारी दी गई और प्रमुख सचिव ग्रह व कारागार हटाया गया। एल फनाई से प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण विभाग वापस लिया गया वापस है और आयुक्त समाज कल्याण दिया गया।

आईपीएस अभिनव कुमार को विशेष प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री सूचना व खेल व युवा कल्याण की जिम्मेदारी दी गई। आर मीनाक्षी सुंदरम को सचिव मुख्यमंत्री ऊर्जा वैकल्पिक ऊर्जा श्रम वित्त तथा अध्यक्ष उत्तराखंड भवन व सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई और पशुपालन मत्स्य सहकारिता कृषि समेत तमाम विभाग हटाए गए।

शैलेश बघौली से शहरी विकास हटाया गया है और सचिव कार्मिक, सतर्कता, कृषि, कृषि कल्याण, उच्च शिक्षा विभाग दिए गए हैं। नितेश कुमार झा से सचिव तकनीकी शिक्षा हटाया गया औरसचिव ग्रामीण निर्माण की जिम्मेदारी दी गई। अरविंद सिंह ह्याकीको सचिव परिवहन बनाया गया। सचिन कुर्वे को सचिव ग्रामीण विकास खाद्य नागरिक आपूर्ति की जिम्मेदारी दी गई।।

सौजन्य को सचिव सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग की जिम्मेदारी दी गई और बीवी आरसी पुरुषोत्तम को सचिव पशुपालन मत्स्य दुग्ध दुग्ध विकास सहकारिता की जिम्मेदारी दी गई है। रविनाथ रमन से आबकारी विभाग हटाया गया और सचिव विद्यालय शिक्षा प्राथमिक व माध्यमिक व तकनीकी शिक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।

Uttarakhand ias officer transfer list

Uttarakhand ias officer transfer list

पंकज कुमार पांडे से सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा व सूचना विभाग हटाया गया है और सचिव औद्योगिक विकास औद्योगिक विकास खनन आयुष आयुष शिक्षा विभाग दिया गया। रंजीत कुमार सिन्हा से सचिव परिवहन की जिम्मेदारी हटाई गई और सचिव आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है। हरी चंद्र सिंह सेमवाल को सचिव आबकारी आयुक्त आबकारी की जिम्मेदारी दी गई। चंद्रेश यादव सह सचिव आयुष श्रम विभाग की जिम्मेदारी ली गई वापस और सचिव पुनर्गठन व संस्कृत शिक्षा की जिम्मेदारी दी गई। विजय कुमार यादव सह सचिव वन व पर्यावरण विभाग लिया गया वापस। दीपेंद्र कुमार चौधरी को सचिव से उच्च शिक्षा व खेल व युवा कल्याण से हटाया गया सैनिक कल्याण की जिम्मेदारी दी गई है। सचिन कुर्वे को सचिव ग्रामीण विकास खाद्य नागरिक आपूर्ति की जिम्मेदारी दी गई।

व्यासी पावर हाउस : व्यासी जल विद्युत परियोजना से आज मंगलवार से उत्तराखंड को मिलेगी बिजली, यूजेवीएनएल के सभी ट्रायल हुए पूरे

व्यासी जल विद्युत परियोजना से मंगलवार से उत्तराखंड को बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। विकासनगर के निकट यमुना नदी पर बनी 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना पूरी हो गई है। इस परियोजना की जद में विकासनगर का लोहारी गांव आया है। पिछले करीब दो सप्ताह से यूजेवीएनएल की टीम यहां बिजली उत्पादन की तैयारी में जुटी थी। अब इसके सभी ट्रायल पूरे हो चुके हैं। ट्रायल के तौर पर रविवार और सोमवार को यूजेवीएनएल ने कुछ बिजली उत्तराखंड को दी भी है।

120 मेगावाट की इस परियोजना से फिलहाल सालाना 353 मिलियन यूनिट बिजली उत्तराखंड को मिलेगी। फिलहाल रोजाना 0.72 मिलियन यूनिट बिजली रुटीन समय में मिलेगी और सुबह और शाम को पीक आवर्स में 60 मेगावाट बिजली मिलेगी। इससे पीक आवर्स में यूपीसीएल को महंगी बिजली खरीदने से निजात मिलेगी।

वर्तमान में यूपीसीएल के पास करीब 31 मिलियन यूनिट बिजली उपलब्ध हो रही है, जबकि डिमांड 44 मिलियन यूनिट तक पहुंच रही है। ऐसे में इस परियोजना से मिलनी वाली बिजली से यूपीसीएल को भी कुछ राहत मिलेगी।

हमने व्यासी जल विद्युत परियोजना के सभी ट्रायल पूरे कर लिए हैं। ट्रायल के तौर पर कुछ बिजली दो दिन से उत्तराखंड प्रदेेश में दी भी गई है। अब मंगलवार से पूरी बिजली प्रदेश को मिलनी शुरू हो जाएगी।

 -संदीप सिंघल, एमडी, यूजेवीएनएल

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज शनिवार को दिल्ली दौरा, प्रदेश भाजपा संगठन में बदलाव की चर्चा, आज प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम का देहरादून दौरा

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। एक ओर जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से इस संबंध में वार्ता की चर्चा है तो दूसरी ओर पार्टी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम भी शनिवार को देहरादून पहुंच रहे हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को दिल्ली दौरे पर रहेंगे और वह यहां अयोध्या पर्व के आयोजन का शुभारंभ करेंगे। इसके साथ ही, दिल्ली में कुछ केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा नेताओं के साथ भी उनकी मुलाकात का कार्यक्रम है। पिछले कुछ दिनों से लगातार उत्तराखंड के विभिन्न ज़िलों के दौरे कर रहे धामी के इस दिल्ली दौरे को लेकर राज्य के सियासी गलियारों में काफी सुगबुगाहट है और इसके पीछे दो चर्चाएं तेज हैं, जो धामी के उपचुनाव और उत्तराखंड संगठन में बदलाव से जुड़ी हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली में संगठन बदलाव को लेकर चर्चा के आसार हैं। कई अहम मुद्दों पर वरिष्ठ नेताओं के बीच मंथन हो सकता है। इस बीच संगठन में अध्यक्ष पद पर बदलाव को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

दिल्‍ली दौरे की सूचना के बाद प्रदेश भाजपा संगठन में बदलाव की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री किस सीट से उप चुनाव लड़ेंगे, इस विषय पर भी केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा हो सकती है।

विधानसभा चुनाव के बाद लगातार भाजपा से जुड़े कई अहम मुद्दों को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं। मुख्यमंत्री को उपचुनाव लड़ना है, संगठन का इस पर भी लगातार मंथन चल रहा है। इस बीच संगठन में अध्यक्ष पद पर बदलाव को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

वहीं, जो 23 सीटें भाजपा ने गंवाई हैं, उनकी समीक्षा रिपोर्ट भी आ चुकी है, जिस पर अब वरिष्ठ नेता मंथन करेंगे। दूसरी ओर, नई सरकार में दायित्व बांटने को लेकर भी इंतजार है। इस दिशा में जल्द ही कुछ अहम फैसले हो सकते हैं। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी कहीं भी पुष्टि नहीं हो पाई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी के मोरी ब्लाक के जखोल गांव में बिस्‍सू मेले में शामिल हुए, विश्व सांस्कृतिक धरोहर रम्माण का आयोजन 27 अप्रैल को

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मोरी ब्लाक के जखोल गांव में बिस्‍सू मेले में शामिल होने के लिए पहुंचे। शुक्रवार को जखोल में मुख्यमंत्री ने सोमेश्वर देवता मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान मोरी ब्लाक के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भव्य स्वागत किया। उन्होंने सोमेश्वर महादेव मंदिर का सौंदर्यीकरण करने, सीएचसी पुरोला का उच्चीकरण कर उप जिला चिकित्सालय बनाने, पीएचसी मोरी को सीएचसी करने, नैटवाड सांकरी जखोल मोटर मार्ग को हाॅट मिक्स प्लान के तहत तैयार करने और नौगांव में महाविद्यालय खोलने की घोषणा की।

रवांई जौनसार क्षेत्र में बिस्‍सू मेले की शुरूआत 13 अप्रैल से हो गई थी। जिसके बाद गांव-गांव में मेले आयोजित होते हैं। जिसमें ग्रामीण मेहमानों का अतिथि सत्कार करते हैं। साथ ही मेले में देवता की पूजा अर्चना और पारंपरिक लोक गीत लोक नृत्य भी प्रस्तुत करते हैं।ये मेले क्षेत्र की सुख समृद्धि के लिए आयोजित होते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ मेले में पुरोला के विधायक दुर्गेश्वर लाल, भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश चौहान, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान शामिल हुए हैं।
शुक्रवार को मोरी ब्लॉक के जखोल गांव में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बिस्सू मेले का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मां गंगा का हमारा यह राज्य एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है। इसलिए यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लाना हमारा उद्देश्य है। हमने नीति और कानून विशेषज्ञों सहित एक समिति बनाने का निर्णय लिया है जो यूसीसी के संबंध में एक मसौदा तैयार करेगी।
इससे पूर्व सीएम धामी ने गुरुवार को खोली ब्लॉक पर्यटक स्थल बधाणीताल में दो दिवसीय बधाणीताल पर्यटन एवं बैसाखी मेले का शुभारंभ किया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बधाणीताल में पर्यटक आवास गृह बनाने, बधाणीताल का सौंदर्यीकरण और बरसिर-बधाणीताल मोटर मार्ग को हॉटमिक्स करने की घोषणा की थी।
पैनखण्डा की पौराणिक और ऐतिहासिक धरोहर रम्माण मेला 2022 का शुभारम्भ बैशाखी के शुभ पर्व से भूमि क्षेत्रपाल देवता मन्दिर परिसर सलूड़-डुंग्रा में हो गया है। परम्परानुसार आशुतोष कुंवर के घर पर वर्ष भर की पूजा पाने के उपरान्त गुरुवार प्रातः सलूड़-डुंग्रा के गाणिया, कैंसा,पश्वा, पुजारियों और समस्त ग्रामवासियों की उपस्थिति में भूमि क्षेत्रपाल देवता की अश्रुपूर्ण विदाई हुई।
सलूड़ डूंग्रा गांव में होने वाला विश्व धरोहर रम्माण मेला इस साल 27 अप्रैल को होगा। गांव के पुरोहितों ने रम्माण मेले की तिथि घोषित की है। इस बार मेले में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पर्यटन मंत्री को भी आमंत्रित किया गया है।

उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला :- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  ने राज्य के आंदोलनकारियों दिया तोहफा, राज्य आंदोलनकारियों को मुफ्त मिलेगा सरकारी इलाज

उत्तराखंड राज्य बनाने के लिए आंदोलन करने वाले आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश के सभी राजकीय अस्पतालों-औषधालयों, इनसे संबद्ध अस्पतालों और सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अब राज्य आंदोलनकारियों का इलाज निशुल्क होगा। शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं।

सचिव चिकित्सा डॉ. पंकज कुमार पांडेय की ओर से जारी ये आदेश सभी संबंधित अधिकारियों और राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों को भेज दिए गए हैं। हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में यह आदेश लागू कर दिया गया है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले मेडिकल कॉलेज से जुड़े हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में निशुल्क इलाज की सुविधा मिलने पर राज्य आंदोलनकारियों ने खुशी जताई है। इलाज के लिए आने वाले राज्य आंदोलनकारियों को सरकार की ओर से जारी पहचान पत्र साथ लाना होगा। उन्हें जांच समेत अस्पताल में मिलने वाली सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि सरकार की ओर से 8 अप्रैल को जारी आदेश एसटीएच में लागू कर दिया गया है।

राज्य आंदोलनकारी राज्य में दो तरह के आंदोलनकारी हैं। राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन जेल गए एवं घायल आंदोलनकारियों की संख्या 344 है। इन्हें सरकार 6 हजार रुपये पेंशन देती है। वहीं ऐसे आंदोलनकारी जो जेल नहीं गए लेकिन, आंदोलन से जुड़े रहे उनकी संख्या करीब 6821 है। इन्हें 4500 रुपये पेंशन मिलती है।

राज्य आंदोलनकारी पूर्व छात्र महासंघ के अध्यक्ष मोहन पाठक ने कहा, ‘राज्य आंदोलनकारियों को राजकीय मेडिकल कॉलेज में निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराने के सरकार के निर्णय का स्वागत करता हूं। सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं और बढ़ाई जानी चाहिए ताकि सभी को बेहतर इलाज मिले।’ राज्य आंदोलनकारी एवं व्यापारी नेता हुकुम सिंह कुंवर ने कहा, ‘राज्य आंदोलनकारियों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना अच्छा कदम है। आंदोलनकारियों को अन्य सुविधाएं भी मिलनी चाहिए साथ ही अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए।’