उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अपने गांव पहुंचे, गांव पहुंचकर कैसे छलक पड़े सीएम योगी के आंसू

उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के उत्‍तराखंड दौरे का आज दूसरा दिन है। बताया जा रहा है कि आज बुधवार को भी वह अपने गांव में ही प्रवास करेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तीन दिन के दौरे पर उत्तराखंड में हैं। ऐसे में मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी मां सावित्री से मिलने के लिए अपने पैतृक गांव पंचूर पहुंचे। सीएम योगी का गांव पौड़ी गढ़वाल जिले में आता है, जहां घर पहुंचने पर उन्होंने अपनी मां से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को उत्तराखंड में अपने पैतृक गांव पहुंचे। पांच साल बाद सीएम योगी आदित्यनाथ जब अपने गांव पहुंचे तो भावुक हो गए। जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने यमकेश्वर के पंचूर गांव में कदम रखा तो उनके मन में वो तमाम यादें ताजा हो गईं, जो उनके बचपन से जुड़ी हुई थीं। संन्यास के 28 साल बाद पहली बार योगी आदित्यनाथ अपने घर में रात बिताएंगे। योगी से मिलने के लिए उनकी तीन बहनें पहले ही घर पहुंच चुकी हैं। वहीं, उनके तीनों भाई भी घर पर हैं। देखें किसका जिक्र करते वक्त योगी भावुक हो गए।

मंगलवार को सबसे पहले उन्होंने पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर में अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद वे शाम को मुलाकात करने अपने गांव निकल गए। गांव जाने के लिए योगी ने पैदल पहाड़ी पर यात्रा की। इस प्रकार पांच साल बाद वे अपने गांव पंचूर पहुंचे।

सीएम योगी ने अपनी मां से मुलाकात से पहले भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद मुख्यमंत्री अपनी मां से मिलने पहुंचे। सीएम योगी पैदल ही अपने गांव पहुंचे थे। सीएम योगी ने अपनी मां से मिलने की एक फोटो भी ट्विटर पर शेयर की, जिसके कैप्शन में सिर्फ उन्होंने ‘मां’ लिखा।

वहीं मां का आशीर्वाद लेने से पहले सीएम योगी ने अपने स्कूल में पढ़ाने वाले गुरुओं से भी मुलाकात की। सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि ‘आज मुझे यमकेश्वर, पौड़ी-गढ़वाल, उत्तराखंड में अपने स्कूल के गुरुजन के दर्शन एवं उनका सम्मान करने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ।’ आपको बता दें कि सीएम योगी ने मंगलवार को यमकेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण किया।

गौरतलब है कि उत्तराखंड के बेटे सीएम योगी आदित्यनाथ करीब पांच साल बाद अपने गांव पहुंचे थे। जैसे ही योगी अपने गांव पहुंचे, पूरा माहौल उत्सव में बदल गया। मां के अलावा सीएम योगी ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों और आसपास के लोगों से भी मुलाकात की। रिपोर्ट के मुताबिक संन्यास के 28 साल बाद योगी आदित्यनाथ यहां रात को रूकेंगे।

चंपावत उपचुनाव: तारीख का हुआ एलान, 31 मई को होगा मतदान,भाजपा से सीएम पुष्कर सिंह धामी तैयार

भारत निर्वाचन आयोग ने तीन राज्यों की तीन सीटों पर विधानसभा उपचुनाव का ऐलान किया है। चम्पावत विधानसभा सीट के उप चुनाव के लिए कार्यक्रम घोषित कर दिया है। चम्पावत विधानसभा सीट के उप चुनाव के लिए कार्यक्रम घोषित कर दिया है। उत्तराखंड की चंपावत सीट पर 31 मई को विधानसभा उपचुनाव होगा। सदन की सदस्यता के लिए यहां से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चुनाव लड़ने की संभावना है क्योंकि उनके पद पर बने रहने के लिए यह संवैधानिक आवश्यकता है। इसके अलावा, आयोग ने ओडिशा की ब्रजराजनगर और केरल की थ्रीक्काकारा विधानसभा सीटों पर भी 31 मई को उपचुनाव कराए जाने की घोषणा की।

निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि तीनों सीटों पर मतगणना तीन जून को होगी। ओडिशा की ब्रजराजनगर और उत्तराखंड की चंपावत सीट पर नामांकन प्रक्रिया चार मई को शुरू होगी, जब अधिसूचना जारी की जाएगी। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 11 मई होगी। 12 मई तक नामांकन की जांच होगी। वहीं नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 17 मई होगी। चंपावत से विधायक कैलाश चंद्र गहतोरी ने हाल में इस्तीफा दे दिया था और यह माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री धामी वहां से उपचुनाव लड़ेंगे। वह हाल में हुए विधानसभा चुनाव में हार गए थे।

भाजपा प्रत्याशी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस सीट से कांग्रेस की ओर से कौन टक्कर देगा, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। कैलाश गहतोड़ी चंपावत सीट से लगातार दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए थे। मतगणना के दिन 10 मार्च को उन्होंने मुख्यमंत्री के लिए चंपावत सीट छोड़ने का प्रस्ताव रख 21 अप्रैल को बाकायदा इस सीट से इस्तीफा भी दे दिया था।

राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार चार मई को चुनाव की अधिसूचना घोषित की जाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए जल्द ही कर्मचारियों की तैनाती कर इन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा।

चुनाव के लिए पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवी पैट मशीनें हैं। चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को आपराधिक इतिहास की भी जानकारी देनी होगी। चुनाव में राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी कोविड गाइडलाइन का अनुपालन किया जाएगा।

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए मौजूद रहेगी डॉक्टरों की टीम, यात्रा मार्ग पर मुफ्त स्वास्थ्य सेवा को मुख्यमंत्री धामी ने दिखाई झंडी

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई है। यात्रा के लिए पहला जत्था सोमवार को रवाना होगा। 3 मई यानी कि अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुल जाएंगे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं के लिए खास स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की है। इसकी जानकारी उन्होंने सोमवार को दी।  कोरोना के कारण दो साल तक चारधाम यात्रा अपनी पूरी क्षमता के साथ नहीं हो पा रही थी। इस दौरान आज उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में चार धाम यात्रा मार्ग पर मुफ्त स्वास्थ्य सेवा को झंडी दिखाकर रवाना किया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा मार्ग पर मुफ्त स्वास्थ्य सेवा को झंडी दिखाएं जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “डॉक्टर की टीम और एंबुलेंस रवाना कर रहे हैं जो पूरी यात्रा के दौरान मौजूद रहेंगी और लोगों को सुविधा प्रदान करेंगी।”

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए बताया कि, ”आज सिक्स सिगमा हेल्थ केयर द्वारा चारधाम यात्रा मार्गों पर उपलब्ध कराई जा रही नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का फ्लैग ऑफ किया। हमारी सरकार चार धाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान कराने हेतु प्रतिबद्ध है।”

सरकार के निर्देश के मुताबिक, केदारनाथ धाम में एक दिन में 12 हजार, बद्रीनाथ में 15 हजार, गंगोत्री में 7 हजार, यमुनोत्री में 4 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। 31 मई तक चलने वाली इस यात्रा में तकरीबन 2.29 लाख से ज्यादा यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है, हर जगह कोविड रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाणपत्र अनिवार्य किया जाता है, लेकिन इस साल चार धाम यात्रा पर जाने के लिए उत्तराखंड आने वाले तीर्थयात्रियों को कोविड की नेगेटिव जांच रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाणपत्र साथ रखना अनिवार्य नहीं है। तो वहीं, तीर्थ यात्रा पर निकलने से पहले श्रद्धालुओं के लिए पर्यटन विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इसके बाद मां सुरकंडा देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख एवं समृद्धि की कामना की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामीकहा कि टिहरी झील को दुनिया का सबसे बेहतर पर्यटन स्थल बनाने की योजना है। झील क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों के लिए भारत सरकार से पहले 1200 करोड़ की स्वीकृति मिली थी, जिसकी डीपीआर तैयार की जा रही है। 800 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मां सुरकंडा देवी के लिए रोपवे सेवा शुरू होने से श्रद्धालुओं को दर्शन करने में सुगमता होगी। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी। राज्य में धार्मिक पर्यटन के साथ ही साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

देवभूमि जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन का द्विवार्षिक चुनाव संपन्न, देवभूमि एसोसिएशन के सुभाष अध्यक्ष,वीडी शर्मा बने महासचिव

देवभूमि जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के द्विवार्षिक चुनाव में पंडित सुभाष चंद्र जोशी को प्रदेश अध्यक्ष और डॉ.वी. डी. शर्मा को प्रदेश महासचिव निर्वाचित किया गया।

रविवार को स्थानीय धर्मपुर स्तिथ प्राचीन शिव मंदिर के सभागार में आयोजित चुनाव में चुनाव अधिकारी विजय जायसवाल और सहायक चुनाव अधिकारी सोमपाल सिंह की देखरेख में चुनाव संपन्न हुए।

दोनों ने बताया कि पंडित सुभाष चंद्र जोशी को प्रदेश अध्यक्ष और डॉ.वी. डी. शर्मा को प्रदेश महासचिव के अलावा सूर्य प्रकाश शर्मा वरिष्ठ उपाध्यक्ष, राज कुमार छाबड़ा कोषाध्यक्ष,मनमोहन बधानी संयुक्त सचिव,गीता पांडेय प्रचार सचिव, एस.एन.उपाध्याय संरक्षक सलाहकार चुने गए। सतीश आर्य, कमल बख्शी,ऋतुराज गेरोला, अमित आहूजा व रजत शर्मा सदस्य कार्यकारिणी चुने गए। इसके साथ ही अजय कांबोज,अशोक खन्ना, वी के शर्मा, अनिल वर्मा,कृष्ण गोपाल,विनोद उनियाल संस्थापक संरक्षक घोषित किए गए। अंत में नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंडित सुभाष जोशी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए पत्रकार हित में कार्य करने की बात कही।

इस मौके पर डा.चंद्र सिंह तोमर मयंक,एम.आर.ध्यानी,हर्षनिधि शर्मा, प्रशांत बक्शी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

सीएम और चीफ जस्टिस सम्मेलन में बोले CJI एनवी रमना- हमें ‘लक्ष्मण रेखा’ का रखना चाहिए ध्यान

विज्ञान भवन में आयोजित मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया। इस मौके पर जस्टिस रमण ने कहा कि अदालतों के फैसलों के बावजूद सरकारों द्वारा जानबूझकर उनका पालन नहीं करना लोकतंत्र की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। सीजेआई ने जनहित याचिकाओं (PIL) के दुरुपयोग पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह अब पब्लिक इंट्रेस्ट पिटीशन की बजाए ‘पर्सनल इंट्रेस्ट लिटिगेशन’ बनकर रह गई हैं। पीआईएल का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया जाने लगा है।

पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, ‘मुझे विश्वास है कि संविधान की इन दो धाराओं का ये संगम, ये संतुलन देश में प्रभावी और समयबद्ध न्याय व्यवस्था का रोडमैप तैयार करेगा। भारत सरकार न्याय व्यवस्था में तकनीकी की संभावनाओं को डिजिटल इंडिया मिशन का एक जरूरी हिस्सा मानती है। उदाहरण के तौर पर, ई-कोर्ट परियोजना को आज मिशन मोड में लागू किया जा रहा है। आज छोटे कस्बों और यहां तक कि गांवों में भी डिजिटल ट्रांसजेक्शन आम बात होने लगी है।

पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का ये संयुक्त सम्मेलन हमारी संवैधानिक खूबसूरती का सजीव चित्रण है। हमारे देश में जहां एक ओर ज्यूडिशरी की भूमिका का संविधान संरक्षक की है वहीं विधान मंडल नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने देश के संविधान में लोकतंत्र के तीनों स्तंभों की शक्तियों के विभाजन का जिक्र करते हुए इनके द्वारा कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान ‘लक्ष्मण रेखा’ का ध्यान रखने पर जोर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अदालती फैसलों के पालन में बेरुखी पर असंतोष भी प्रकट किया।

प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण ने शनिवार को कहा कि संविधान राज्य के तीनों अंगों के बीच शक्तियों के पृथक्करण का प्रावधान करता है और अपने कर्तव्य का पालन करते समय लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखा जाना चाहिये।

प्रधान न्यायाधीश ने मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में कहा न्यायिक निर्देशों के बावजूद सरकारों द्वारा जानबूझकर निष्क्रियता दिखाना लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन किया।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि संविधान तीनों अंगों के बीच शक्तियों के पृथक्करण का प्रावधान करता है तथा इनके बीच सामंजस्य से लोकतंत्र मजबूत होगा। अपने कर्तव्य का निर्वहन करते समय हमें लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश ने जनहित याचिकाओं के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अब यह ‘निजी हित याचिका’ बन गई है और निजी मामलों को निपटाने के लिये इसका इस्तेमाल किया जाता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरा, तीन मई को पैतृक गांव पंचूर पहुंचेंगे, गांव में जश्न की तैयारियां

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ तीन मई से तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड जाएंगे। यहां पहुंचने के बाद वो पांच साल बाद अपनी मां से मिलने पांचूर गांव भी जाएंगे। लेकिन उससे पहले यमकेश्वर जाएंगे। जहां उनके आगमन को लेकर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। पौड़ी जिले में मौजूद योगी आदित्यनाथ के पैतृक गांव पंचूर गांव में जश्न की तैयारियां की जा रही हैं, गांव में भजन कीर्तन के साथ ही पूजा पाठ किया जाएगा।

पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर विकासखंड के अंतर्गत महायोगी गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय बिथ्यानी में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का तीन मई को प्रस्तावित कार्यक्रम है।

जिसकी तैयारी के लिए उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत बिथ्यानी पहुंचे। योगी आदित्यनाथ की माता से मुलाकात कर उन्होंने उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने तैयारियों के संबंध में बैठक ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को समुचित व्यवस्था जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए।

कहते हैं मां और बच्चे का प्यार इस दुनिया में सबसे अलग है। भले ही वह बड़ा इंसान, बूढ़ा हो या कोई भी परिस्थिति हो। मां शब्द में प्रेम और ममता है। इसी प्रेम और ममता में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार अपनी मां से मिलने उत्तराखंड जा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ का ये दौरा 3 दिन का होगा। मूल रूप से उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले योगी का गांव पौड़ी जिले की यमकेश्वर तहसील का पंचूर है। इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गांव जाकर मां से मुलाकात करेंगे।

योगी आदित्यनाथ वर्ष 2017 में यूपी के सीएम बनने से पहले एक बार गांव आए थे। इसके बाद वह ऋषिकेश और उत्तराखंड तो कई बार आए, लेकिन गांव नहीं जा पाए थे। 20 अप्रैल, 2010 में उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट का निधन हो गया था, तब कोरोनाकाल की व्यस्तताओं के कारण वह नहीं पहुंच सके थे। दोबारा सीएम बनने के बाद उन्होंने गांव आकर मां से आशीर्वाद लेने की बात कही थी। इसी कार्यक्रम के तहत वह तीन मई को गांव पहुंच रहे हैं। यमकेश्वर के बिथ्याणी स्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय में उनके आगमन को लेकर मंच निर्माण से लेकर अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपचुनाव सीट पर झोंकी ताकत, बनबसा से टनकपुर तक किया रोड शो, गांधी मैदान में जनसभा को किया संबोधित

देहरादून : मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय उत्तराखंड ने चम्पावत में विधानसभा सीट रिक्त होने की अधिकृत जानकारी भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी है। अब आयोग के स्तर पर ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होनी शेष है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय इसका इंतजार कर रहा है।

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी टनकपुर-बनबसा इलाके के दौरे पर पहुंचे हैं। यहां मुख्यमंत्री ने बनबसा से टनकपुर तक रोड शो किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रातः 10:30 बजे बनबसा स्टेडियम में हेलिकॉप्टर से पहुंचे थे। बनबसा से टनकपुर तक रोड शो के पश्चात अब वह टनकपुर के गांधी मैदान में रैली करेंगे। रोड शो के चलते मुख्यमंत्री के साथ सांसद अजय टम्टा तथा  पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी भी उपस्थित रहे।

वही इससे पहले भी बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी कुमाऊं दौरे पर थे। मुख्यमंत्री को चंपावत सीट से उपचुनाव लड़ना है। ऐसे में अब वह उपचुनाव के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। यहां समारोह के चलते उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू करने के लिए समिति का जल्द गठन किया जाएगा।

वही इस समिति में सम्मिलित न्यायविदों, प्रबुद्धजनों तथा सेवानिवृत्त लोगों की तरफ से तैयार ड्राफ्ट के आधार पर सिविल कोड तैयार किया जाएगा। उन्होंने बिजली संकट को पूरे देश की दिक्कत बताते हुए कहा कि सरकार इससे निपटने के उपाय कर रही है। यह बात उन्होंने बुधवार शाम रुद्रपुर के एक होटल में आयोजित स्वागत समारोह के चलते कही। सीएम ने कहा कि बीजेपी केवल कोरे ऐलान नहीं करती, बल्कि ऐलानों को धरातल पर उतारती भी है। उन्होंने विधानसभा चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन रुद्रपुर में बीजेपी के दोबारा सत्ता में आने पर यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने का ऐलान किया था जो जल्द पूरी की जाएगी। तत्पश्चात, सभी धर्मों के नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू हो जाएगा। इसके साथ ही किच्छा में भी जल्द एम्स के सेटेलाइट सेंटर का निर्माण आरम्भ होने जा रहा है। नजूल की जमीन पर मालिकाना हक देने के लिए भी शीघ्र नजूल एक्ट बनने जा रहा है। राज्य में वर्तमान में चल रहे बिजली संकट की दिक्कत पर धामी ने कहा कि यह केवल उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश की दिक्कत है। इस दिक्कत से निपटने के लिए सरकार उपाय कर रही है।

भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए डायल करें 1064

उन्होंने विधानसभा चुनाव के प्रचार के आखिरी दिन रुद्रपुर में भाजपा के दोबारा सत्ता में आने पर यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की घोषणा की थी जो शीघ्र पूरी की जाएगी। इसके बाद सभी धर्मों के नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू हो जाएगा। इसके साथ ही किच्छा में भी जल्द एम्स के सेटेलाइट सेंटर का निर्माण शुरू होने जा रहा है। नजूल की भूमि पर मालिकाना हक देने के लिए भी शीघ्र नजूल एक्ट बनने जा रहा है।

उत्‍तराखंड : राजधानी में सार्वजनिक स्थानों पर मास्‍क न पहनने पर देना होगा जुर्माना, देहरादून में मास्क है जरूरी

कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। इसे देखते हुए तमाम एहतियात बरती जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना की संभावित चौथी लहर के दृष्टिगत सभी राज्यों के साथ वर्चुअल बैठक की है। अब देहरादून में भी मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इस हेतु जिला प्रशासन की ओर से आदेश भी जारी हो चुके हैं।

उत्‍तराखंड में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। जिसके मद्देनजर अब प्रशासन ने भी सख्‍ती दिखानी शुरू कर दी है। इस क्रम में राजधानी देहरादून में सार्वजनिक स्थानों पर मास्‍क न पहनने वालों को जुर्माना देना होगा।

कोरोना का संक्रमण फिर सिर उठाता दिख रहा है। इस आशंका से घिरा जिला प्रशासन अब सख्ती दिखाने के मूड में है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने मास्क न पहनने वालों से सख्ती से निपटने को कहा है। ऐसे व्यक्तियों से 1000 रुपये तक का जुर्माना वसूल किया जाएगा।

जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार के आदेश के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर मास्क, गमछा, स्कार्फ या दुपट्टे का प्रयोग करना अनिवार्य होगा। ताकि संक्रमण का फैलाव न हो।

जिलाधिकारी ने सख्ती बरतने व जुर्माना लगाने के लिए सभी उपजिलाधिकारियों, सिटी मजिस्ट्रेट, पुलिस क्षेत्राधिकारियों व पुलिस थानाध्यक्ष को अधिकृत किया गया है।

कोरोना की तीसरी लहर थमने के बाद कोविड मानकों में ढील दी गई थी। मास्क लगाने की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई थी। लेकिन अब तमाम राज्यों को लग रहा है कि मास्क फिर से है जरूरी। देहरादून जिला मजिस्ट्रेट की ओर से जारी आदेश के अनुसार कोरोना की रोकथाम के लिए, घर से बाहर निकलने पर, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर भी प्रतिबंध रहेगा। मास्क न लगाने पर 500 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

 

केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन के सभी कोटे खत्म, केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन की गाइडलाइन्स में हुआ बदलाव, यहां देखें नई गाइडलाइन्स

केंद्रीय विद्यालय में सांसदों और जिलाधिकारियों के कोटे से बच्चों के एडमिशन पर रोक लगा दी गई है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब सांसद और जिलाधिकारी अपने कोटे से बच्चों को प्रवेश नहीं दिला सकेंगे। यह नियम अब अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा।

प्रत्येक लोकसभा सांसद पहले अपने निर्वाचन क्षेत्र के किसी भी केंद्रीय विद्यालय में 10 छात्रों के दाखिले के लिए सिफारिश करने का हकदार था। वहीं किसी भी राज्यसभा सदस्यों को उस राज्य में 10 छात्रों की सिफारिश करने की अनुमति थी, जहां से वे चुने गए थे। सरकार ने सांसदों के बच्चों और आश्रित पोते-पोतियों के प्रवेश की अनुमति देने वाले विशेष प्रावधान को भी समाप्त कर दिया है।

केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने कक्षा 1 से 12 तक केवीएस प्रवेश 2022 के लिए संशोधित प्रवेश दिशानिर्देश जारी किए हैं। केवीएस संशोधित प्रवेश दिशानिर्देश केवीएस की आधिकारिक साइट kvsangathan.nic.in पर सभी माता-पिता, छात्रों और अन्य लोगों चेक कर सकते है। है।

केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत कोविड -19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को केंद्रीय विद्यालय की किसी भी कक्षा में उसकी क्षमता से अधिक दाखिला देने के लिए एक नया प्रावधान पेश किया है। इस प्रावधान के तहत बच्चों का दाखिला संबंधित जिले के जिलाधिकारियों की ओर से दी जाने वाली लिस्ट के आधार पर किया जाएगा। इसके अनुसार, हर केंद्रीय विद्यालय में 10 बच्चे और हर कक्षा में अधिकतम दो बच्चों के दाखिले की अनुमति होगी। कक्षा एक से कक्षा 12वीं तक के छात्रों को फीस (ट्यूशन शुल्क, कंप्यूटर फंड और वीवीएन) के भुगतान से छूट दी जाएगी।

फीस में भी दी जाएगी छूट
नई गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को पहली से 12वीं कक्षा तक फीस (ट्यूशन शुल्क, कंप्यूटर फंड और वीवीएन) के भुगतान से छूट दी जाएगी।

  • इन बच्चों को भी मिल सकेगा एडमिशन
  • सशस्त्र बलों के शिक्षा निदेशालय यानी सेना, वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल 10वीं और 12वीं कक्षा को छोड़कर रक्षा क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विद्यालयों में एक शैक्षणिक वर्ष में अपने रक्षा कर्मियों के बच्चों के प्रवेश के लिए अधिकतम 06 नामों की सिफारिश कर सकते हैं।
  • सेवारत KVS कर्मचारियों के बच्चों को वर्ष के किसी भी समय प्रवेश के लिए विचार किया जाएगा। भले ही कक्षा की संख्या/स्थानांतरण/भर्ती का वर्ष कुछ भी हो। हालांकि, कक्षा दसवीं के लिए बच्चे को प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी। सेवानिवृत्त व्यक्तियों के बच्चों को कोई प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
  •  केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चे, जिनकी मौत हो गई है, उन्हें भी केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र, सेना पदक (सेना), नौसेना पदक (नौसेना), वायु सेना पदक (वायु सेना) के प्राप्तकर्ताओं के बच्चों को भी एडमिशन दिया जाएगा। इसके अलावा वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और वीरता के लिए पुलिस पदक प्राप्त करने वालों के बच्चे को भी सेंट्रल स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा।
  •  सरकार द्वारा आयोजित एसजीएफआई, सीबीएसई, राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय खेलों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी खिलाड़ियों को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं दूसरी ओर स्काउट्स एंड गाइड्स में राष्ट्रपति पुरस्कार के प्राप्तकर्ता बच्चों को भी एडमिशन दिया जाएगा।
  • कक्षा I और कक्षा VI के बाद से सिंगल गर्ल चाइल्ड को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें जुड़वां बच्चियां भी शामिल हैं।
  •  ऐसे बच्चे जो, राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार या राष्ट्रीय बाल भवन द्वारा स्थापित बालश्री पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें भी सेंट्रल स्कूल में एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  •  ऐसे बच्चे, जिन्होंने ललित कला में विशेष प्रतिभा दिखाई है और उन्हें राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर पहचान मिली है।
  •  विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को हर साल भारत में कहीं भी स्थित केंद्रीय विद्यालयों में 60 और केंद्रीय विद्यालयों के छात्रावास में 15 प्रवेश दिए जाएंगे।
  •  भारतीय खुफिया एजेंसी (रॉ) के कर्मचारियों के 15 बच्चों को केवीएस मुख्यालय द्वारा जारी आदेश के बाद प्रवेश दिया जाएगा। इनमें से अधिकतम 5 सीटें दिल्ली में और शेष दिल्ली के बाहर दी जाएगी।
  •  गृह मंत्रालय के तहत केंद्रीय पुलिस संगठनों जैसे CRPF, BSF, ITBP, CISF, SSB, NDRF और असम राइफल्स के ग्रुप-बी और सी कर्मचारियों के बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालयों में 50 प्रवेश दिए जाएंगे। इसके अलावा कश्मीरी प्रवासियों के बच्चों को भी एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • विभिन्न स्तरों पर खेल और खेलकूद मीट/ स्काउटिंग गाइडिंग/एनसीसी/एडवेंचर गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों को प्रवेश के लिए भी रियायत दी जाएगी। इस उद्देश्य के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र पिछले किसी भी वर्ष का हो सकता है।

 

देहरादून के स्कूल, कॉलेज में कोरोना की एंट्री, फिर से डराने लगा कोरोना, द दून स्कूल का छात्र और कारमन में शिक्षक संक्रमित

देहरादून के शिक्षण संस्थानों में कोरोना की एंट्री हो चुकी है। दो दिन पहले पहले ब्राइटलैंड स्कूल में छात्रा कोरोना संक्रमित पाई गई।  दून स्कूल में एक छात्र कोरोना संक्रमित मिला है। जिसके बाद स्वास्थ विभाग ने यहां पर सेनेटाइजेशन करा कर दो दिन के लिए आवाजाही पर रोक लगा दी है।

इसके साथ ही संपर्क में आए छात्रों की जांच के निर्देश दिए हैं। सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती ने शहर के नामी द दून स्कूल में एक छात्र में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि विभाग ने स्कूल में सैनिटाइजेशन करने और दो दिन के लिए स्कूल को बाहरी आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।  साथ ही छात्र के संपर्क में आए अन्य छात्रों और कर्मचारियों की भी कोरोना जांच करने की बात कही है।

डालनवाला क्षेत्र स्थित कार्मन स्कूल के एक शिक्षक में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने स्कूल में सेनेटाइजेशन करने और 2 दिन तक आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राजीव दीक्षित ने कहा है कि सभी स्कूलों को विशेष दिशा निर्देश दिए गए हैं। उनसे कहा गया है कि छात्रों को मास्क सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेंस का अनिवार्य तौर पर पालन कराएं। जरा भी लक्षण दिखें तो छात्रों को स्कूल में न आने दें। इसके अलावा संक्रमित पाए जाने पर तत्काल विभाग को सूचना दें।

स्कूलों में लगातार केस बढ़ने से तय है कि कोरोना की चौथी लहर आ सकती है। सरकार को जल्द इसे लेकर निर्देश जारी करने होंगे। बोर्ड पररीक्षाएं भी शुरू हो गई हैं। ऐसे में अहतियात भी बरतने होंगे। साथ ही बाकी कक्षाओं के लिए स्कूल बंद करने पड़ेंगे। मनमोहन जायसवाल, प्रदेश मंत्री, उत्तराखंड अभिभावक संघ 

प्रदेश में सोमवार को कोरोना के 11 नए मामले मिले और पांच मरीज स्वस्थ हुए। किसी मरीज की मौत नहीं हुई। प्रदेश में फिलहाल कोरोना के 73 मामले सक्रिय हैं। छह जिलों अल्मोड़ा, चमोली, पौड़ी, पिथौरागढ़, टिहरी व उत्तरकाशी में कोरोना का कोई सक्रिय मामला नहीं है। देहरादून में सबसे अधिक 40 और हरिद्वार में 24 सक्रिय मामले हैं।