अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे श्री महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में सीबीआई की टीम आश्रमों में करेगी छापेमारी, इस बीच हरिद्वार में आज संतों की बड़ी बैठक

श्री महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद गिरफ्तार किए गए उनके शिष्य आनंद गिरि को लेकर हरिद्वार पहुंची सीबीआई की टीम 11 बजे हरिद्वार से इलाहाबाद के लिए रवाना होगी। टीम जौली ग्रांट एयरपोर्ट से प्रयागराज के लिए फ्लाइट लेगी। जबकि एक टीम हरिद्वार में रहकर ही स्थानीय पहलुओं पर जांच करेगी। इसमें हरिद्वार के दो चर्चित व्यक्तियों से पूछताछ की भी तैयारी है। इसके अलावा भी आनंद गिरि के करीबियों को भी पूछताछ के लिए सीबीआई की एक टीम बुला सकती है। महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले की जांच के संबंध में गुरुवार को भी सीबीआई हरिद्वार में ही रहेगी। इस मामले में आरोपी आनंद गिरि को लेकर बुधवार को हरिद्वार पहुंचने के बाद सीबीआई ने आनंद से देर रात 3 बजे तक सख्त पूछताछ की। आज यहां कई लोगों से पूछताछ करने के साथ ही कुछ और आश्रमों में भी सीबीआई छापे मार सकती है। इसी बीच, आज ही हरिद्वार में संत समुदाय की एक महत्वपूर्ण बैठक पंचायती निरंजनी अखाड़े में होने जा रही है, जिसमें कई आश्रमों के संत हिस्सा लेने वाले हैं।

श्री महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में आनंद गिरी को हरिद्वार लेकर पहुंची सीबीआई की पूछताछ रात 3:00 बजे तक चली। 3 बजे आनंद गिरी को आश्रम से बाहर लाया गया। बुधवार को सीबीआई ने आनंद गिरी के अलावा 6 और लोगों से पूछताछ की। इसमें आनंद गिरि के दो करीबियों के अलावा दो सेवादार एक बिल्डर और एक मोबाइल कारोबारी शामिल था। शाम 7:30 बजे से रात के 3 बजे तक सीबीआई की टीम आश्रम में ही पूछताछ करती रही 7 घंटे से अधिक पूछताछ चली।एक आश्रम के महंत के अलावा, पत्रकार और भाजपा नेता से पूछताछ की है तैयारी। सीबीआई के एक दरोगा और सिपाही हरिद्वार में रहकर ही पूरे मामले में निगाह रखेंगे और जांच करेंगे डीआईजी रैंक के अधिकारी आज ही वापस लौट रहे हैं। माना यह जा रहा है कि एक टीम हरिद्वार में ही अब कई दिनों तक रहेगी इसके लिए बकायदा एक सरकारी गेस्ट हाउस को भी बुक किया गया है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट में जिस आनंद गिरि का जिक्र था, उसको लेकर सीबीआई हरिद्वार में डेरा डाले हुए है। बुधवार गुरुवार की दरमियानी रात 3:00 बजे तक आनंद गिरि के आश्रम में उससे और आसपास वालों से पूछताछ होती रही। सीबीआई ने इस दौरान उसके लैपटॉप और सीसीटीवी की डीवीआर कब्जे में ली है। आज भी सीबीआई की टीम आनंद गिरि को लेकर हरिद्वार में घूम सकती है।बीते कुछ महीनों पहले मिले लोगों और ठिकानों का ब्योरा सीबीआई के पास है और आज इसके अनुसार छापेमारी होगी. इसके साथ ही आनंद गिरि के संपर्क में रहे लोगों से भी पूछताछ की जा सकती है। आनंद गिरि के मोबाइल डिटेल खंगालने के साथ ही इनकमिंग कॉल्स को लेकर भी सीबीआई पड़ताल कर रही है।बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में हरिद्वार के कई प्रॉपर्टी डीलर भी आ सकते हैं। यही नहीं, सीबीआई हरिद्वार स्थित कुछ और आश्रमों पर भी छापेमारी कर सकती है।

 

हरिद्वार में आज संतों की बड़ी बैठक

हरिद्वार में आज महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी की खोज को लेकर निरंजनी अखाड़े में 11:00 बजे से मीटिंग होगी। इसमें सभी प्रमुख अखाड़ों के संत हिस्सा लेंगे।निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने जानकारी देते हुए कहा कि महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी को लेकर होने जा रही इस महत्वपूर्ण बैठक में महंत नरेंद्र गिरि प्रयागराज की गद्दी के उत्तराधिकारी के बारे में कई अखाड़ों के संत विचार विमर्श करेंगे।

 

 

 

 

 

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में PM-पोषण योजना समेत केंद्रीय कैबिनेट ने लिए कई बड़े फैसले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हुई।केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को इन फैसलों की जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि कैबिनेट ने एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (ईसीजीसी) के स्टॉक एक्सचेंज में आईपीओ के जरिए लिस्टिंग करने को भी मंजूरी दी है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई नए फैसलों की घोषणा की गई।

बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मिल योजना के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि देश में लगभग 11.2 लाख से ज्यादा सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर का खाना दिया जाएगा। पांच साल तक चलने वाली इस योजना में 1.31 लाख करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि अभी जो मिड-डे मिल योजना चल रही है, उसे भी पीएम-पोषण योजना में ही शामिल करने का फैसला लिया गया है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस योजना में राज्यों का भी सहयोग होगा लेकिन हिस्सेदारी केंद्र सरकार की ही रहेगी। इस योजना में 54 हजार करोड़ केंद्र और लगभग 32 हजार करोड़ रुपए राज्य सरकारें खर्च करेंगी।

वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि कैबिनेट ने एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के स्टॉक एक्सचेंज में आईपीओ के जरिए लिस्टिंग की जा सकेगी। अगले साल तक इसे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार भी ईसीजीसी में अगले पांच वर्षों तक 4400 करोड़ रुपए तक का निवेश करेगी। इससे देशभर में 2.6 लाख रोजगार समेत 59 लाख नौकरियां पैदा होने की संभावना है। चीन से आने वाले सेब पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाने के सवाल पर पीयूष गोयल ने बताया कि फिलहाल ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है। चीन से आने वाले सेब पर इम्पोर्ट ट्यूटी घटाने वाली बाते निराधार हैं।बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मिल योजना के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि देश में लगभग 11.2 लाख से ज्यादा सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर का खाना दिया जाएगा। पांच साल तक चलने वाली इस योजना में 1.31 लाख करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि अभी जो मिड-डे मिल योजना चल रही है, उसे भी पीएम-पोषण योजना में ही शामिल करने का फैसला लिया गया है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस योजना में राज्यों का भी सहयोग होगा लेकिन हिस्सेदारी केंद्र सरकार की ही रहेगी। इस योजना में 54 हजार करोड़ केंद्र और लगभग 32 हजार करोड़ रुपए राज्य सरकारें खर्च करेंगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को आएंगे उत्तराखंड, सात अक्टूबर पीएम मोदी के लिए ऐतिहासिक हैं, केदारनाथ में तैयारियां तेज

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को उत्तराखंड आएंगे। इस साल का सात अक्टूबर का दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए ऐतिहासिक रहने वाला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को संवैधानिक पद पर रहने के 20 साल पूरे करने जा रहे हैं। सूत्रों के मूताबिक इस दिन पीएम उत्तराखण्ड के दौरे पर रहेंगे और संभावना है कि इस ऐतिहासिक दिन को ही वह केदारधाम जाकर भगवान शिव का आशीर्वाद लेंगे।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बताया कि प्रदेश भाजपा जल्द प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को अंतिम रूप देगी। कौशिक के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी देहरादून के जालीग्रांट एयरपोर्ट के नए टर्मिनल और ऋषिकेश एम्स में आक्सीजन प्लांट का लोकार्पण कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री के दौरे के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि पीएम मोदी के उत्तराखंड के दौरे पर आने की संभावना है। अभी सरकार के पास उनका मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम आना बाकी है।वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ में तैयारियां तेज कर दी गई हैं।पीएम मोदी उत्तराखंड के दौरे के दौरान केदारनाथ के दर्शन कर राज्य के नेताओं से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी ने इससे पहले 2019 में केदारनाथ मंदिर का दौरा किया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवंबर में 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना का उद्घाटन करने के साथ ही लखवाड़ जल विद्युत परियोजना का शिलान्यास कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक व्यासी परियोजना का कार्य अब अंतिम चरण में है और सरकार प्रधानमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन कराना चाहती है। इसी के दृष्टिगत कसरत की जा रही है। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत ने इन परियोजनाओं की जद में आने वाले ग्रामीणों के पुनर्वास के सिलसिले में मंगलवार को अधिकारियों के साथ मंथन किया।

यमुना नदी पर व्यासी जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य 2009 में शुरू हुआ था, जो अब पूरा होने को है। इसके साथ ही सरकार ने इसकी नजदीकी लखवाड़ जल विद्युत परियोजना का कार्य शुरू कराने की भी कवायद शुरू की है। इस बीच दोनों परियोजनाओं की जद में आ रहे ग्रामीणों के विस्थापन एवं पुनर्वास के मसलों का भी समाधान होना है। सूत्रों के मुताबिक स्थानीय ग्रामीण भूमि के बदले भूमि चाहते हैं, लेकिन ऐसा करना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे में सरकार की मंशा ये है कि प्रभावित होने वाले ग्रामीणों को उचित मुआवजा दिया जाए। सूत्रों ने बताया कि इन परियोजनाओं के पुनर्वास के सिलसिले में अधिकारियों से सभी पहलुओं पर विचार कर ठोस प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं।

सात अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए क्यों है खास
नरेंद्र मोदी ने सात अक्टूबर 2001 को गुजरात में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को संवैधानिक पद पर रहने के 20 साल पूरे करने जा रहे हैं।मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री पद तक का सफर कामयाबी के साथ तय करने वाले मोदी अब तक कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके है। वह सबसे ज्यादा दिन प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता हैं। उनसे पहले यह रिकॉर्ड अटल बिहारी वाजपेयी के नाम था। 7 अक्टूबर 2001 को सीएम बनने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह लगातार 4 बार गुजरात के सीएम रहे।मोदी 22 मई 2014 तक लगातार 12 साल 227 दिन राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यरत रहे, जो गुजरात में किसी एक मुख्यमंत्री का सबसे लंबा कार्यकाल है।

गुजरात मे मोदी के कामकाज का नतीजा था कि 2013 से ही बीजेपी और देश मे में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग उठने लगी। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारी मांग को देखते हुए बीजेपी ने उस तत्कालीन सीएम मोदी को पीएम पद का चेहरा बना दिया। मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने चुनाव रिकॉर्ड सीटों के साथ जीता। 26 मई 2014 को मोदी देश के 14वें प्रधानमंत्री बने। केंद्र की सत्ता में आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ लगातार बढ़ता गया। न केवल देश बल्कि विदेशों में भी मोदी की लोकप्रियता बढ़ी। 2019 के लोकसभा में भी बीजेपी मोदी के नेतृत्व में चुनाव में रिकॉर्ड सीटों के साथ फिर जीती।पीएम नरेंद्र मोदी फिर 30 मई 2019 को वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने।

मसूरी में एक कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत बोले, नालायकों-बेवकूफों के हाथों में सौंप दिया है उत्तराखंड

देहरादून:- मसूरी नगर पालिका परिषद में उत्तराखंड पर्यटन और तीर्थाटन संरक्षण समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत शामिल हुए। इस दौरान कॉमरेड शिव प्रसाद देवली ने उनके सामने ही बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा नालायकों-बेवकूफों के हाथों में सौंप दिया उत्तराखंड, अपनी साफगोई को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि ‘आज अलग राज्य के लिए प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की आत्मा भी रोती होगी कि हमने इन नालायकों और बेवकूफों के हाथों में उत्तराखंड को सौंप दिया है।’

मंगलवार को कैबिनेट मंत्री नगरपालिका सभागार में कामरेड वीरेंद्र भंडारी को श्रद्धांजलि देते हुए भावुक हो गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी उत्तराखंड का वैसा विकास नहीं हुआ, जिसकी उम्मीद की गई थी। हरक ने उदाहरण दिया कि अविभाजित उत्तर प्रदेश में मसूरी और नैनीताल प्रसिद्ध पर्यटक स्थल थे। ये पर्यटक स्थल भी किसी सरकार ने नहीं, बल्कि तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने विकसित किए थे। उन्होंने कहा कि न तो उत्तर प्रदेश और ना ही उत्तराखंड में कोई नया पर्यटक स्थल विकसित किया गया। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि यदि हम सही मायनों में उत्तराखंड के हितैषी हैं तो हमें उन आत्माओं को रोने से रोकना होगा।

शिव प्रसाद देवली ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

इसमें शामिल कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत के सामने ही कॉमरेड शिव प्रसाद देवली ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा बीजेपी ने प्रदेश को नालायक सीएम दिए हैं। प्रदेश पर बीजेपी ने सीएम को थोपने का काम किया है। वहीं, डॉ हरक सिंह रावत को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजनीति में अनुभवी लोग ही प्रदेश का विकास कर सकते हैं।

वहीं, सरकार और पूर्व मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाए जाने पर हरक सिंह रावत ने कोई आपत्ति नहीं दर्ज की, बल्कि वो मंच पर मुस्कुराते दिखे। ऐसे में उनकी पार्टी और सरकार से नाराजगी फिर से होती दिख रही है। बीजेपी अपनी इस सरकार में दो मुख्यमंत्री बदल चुकी है। तीसरे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अभी कुर्सी पर हैं।

मुख्यमंत्रियों को बताया नालायक

प्रदेश को बीजेपी द्वारा तीन नालायक मुख्यमंत्री देने के बयान पर हरक सिंह रावत ने बचाव करते हुए कहा उनके द्वारा नालायक शब्द का इस्तेमाल सभी लोगों के लिए किया है, उसमें पत्रकार भी नालायक हो सकते हैं, वह स्वयं नालायक हैं उनका कहना है कि राज्य के निर्माण के लिए, देश के प्रदेश के सभी लोगों ने संघर्ष और बलिदान दिया और जिन्होंने अपनी जान की आहुति दी उनकी आत्मा देख रही होगी और कहा कि हमारे सपनों को उत्तराखंड को बनने पर नालायकों ने पूरा नहीं किया। उसमें वह स्वयं भी नालायक है क्योंकि उनके द्वारा शहीदों के सपनों को पूरा नहीं कर पाए।

उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र है, कौन क्या कह रहा है, मैं इस हेरफेर में नहीं फंसना चाहता हूं। लेकिन सभी को किसी भी बात को कहने में शब्दों का प्रयोग बहुत संभलकर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को जोश में होश नहीं खोना चाहिए। उन्होंने कहा कि नालायक उनके द्वारा स्वयं को पत्रकारों के साथ प्रदेश के सभी लोगो को कहा है।

 

इस्तीफे के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का पहला हर कुर्बानी के लिए तैयार, सच के लिए लड़ता रहूंगा

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने वीडियो जारी कर प्रतक्रिया दी है। सिद्धू ने कहा कि वे हक और सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी किसी के साथ कोई व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता नहीं है। मेरा राजनीतिक करियर 17 साल का है, जो बदलाव लाने के लिए था। लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए था। सिद्धू ने कहा ‘लोगों के जीवन में बदलाव लाना, दृढ़ तरीके से अपने फैसले पर खड़ा रहना और लोगों के जीवन को बेहतर बनाना ही मेरा धर्म है। मैं अपनी नैतिकता, नैतिक अधिकार से समझौता नहीं कर सकता।मैं जो देख रहा हूं वह पंजाब में मुद्दों, एजेंडा के साथ समझौता है।सिद्धू ने कहा ‘मैं पंजाब के मुद्दों के लिए देर तक लड़ता रहा दागी नेताओं, अधिकारियों की एक व्यवस्था थी, अब आप उसी प्रणाली को दोबारा नहीं दोहरा सक मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा’।

सिद्धू ने कहा ‘मेरी लड़ाई मुद्दे, मसले की है,मेरी लड़ाई एक एजेंडे की है।मैं हक और सच की लड़ाई लड़ता रहा। मेरे पिता ने मुझे हमेशा सिखाया है कि अगर दो रास्ते हो तो हमेशा सच का साथ दो। अपने ट्विटर अकाउंट पर 4.39 मिनट के एक वीडियो में सिद्धू ने कहा कि मैं न हाईकमान को गुमराह कर सकता, न गुमराह होने दे सकता हूं। इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ने के लिए, पंजाब के लोगों की जिंदगी को बेहतर करने के लिए मैं किसी भी चीज की कुर्बानी दे दूंगा। इसके लिए मुझे कुछ सोचने की जरूरत नहीं है।

सिद्धू ने मंगलवार को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद कुछ अन्य लोगों के इस्तीफे के कारण राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में एक नया संकट पैदा हो गया है। सिद्धू के इस्तीफे के कुछ ही घंटे बाद चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में 18 सदस्यीय नये मंत्रिमंडल में शामिल रजिया सुल्ताना ने भी पूर्व क्रिकेटर के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अपना इस्तीफा दे दिया।पंजाब की कांग्रेस इकाई के महासचिव योगिन्दर ढिंगरा और कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस राजनीतिक संकट के बीच कई नेता आज सिद्धू के पटियाला स्थिति आवास पर उनसे मिलने भी पहुंचे।

 

 

बीजेपी के खिलाफ आग उगलने वाले सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और मार-जिग्नेश मेवाणी राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए

बीजेपी के खिलाफ आग उगलने वाले सीपीआई नेता कन्हैया कुमार आज कांग्रेस में शामिल होंगे। दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार आज कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लेंगे। कांग्रेस मुख्यालय में कन्हैया को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाएगी। गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी कांग्रेस का दामन थाम लेंग। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों के अनुसार, गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल इन दोनों युवा नेताओं और कांग्रेस के नेतृत्व के बीच बातचीत की मध्यस्थता की है।

कई चुनाव हार चुकी कांग्रेस अब खुद को बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी की नजर लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव पर भी है। जीत हासिल करने के लिए पार्टी जातीय समीकरणों के साथ युवाओं पर दांव लगाने जा रही। 2024 के चुनाव में जीत के लिए हिसाब-किताब बैठाए जा रहे हैं। कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल किया जा रहा है। माना जा रहा है कि कन्हैया को बिहार कांग्रेस की अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। कांग्रेस की सदस्यता लेने से पहले कन्हैया कुमार दोपहर 2:30 बजे दिल्ली के ITO स्थित शहीद-ए-आजम भगत सिंह पार्क जाएंगे। यहां वे भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद वे कांग्रेस मुख्यालय पहुंचेंगे। राहुल गांधी युवा नेताओं की नई टीम बना रहे हैं. उनमें कन्हैया की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है।माना जा रहा है कि कांग्रेस कन्हैया कुमार का यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कई स्तरों पर उपयोग करना चाहती है।

मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे। वह पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े थे, हालांकि वह हार गए थे। दूसरी तरफ, दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जिग्नेश गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं।

उत्तराखंड उच्च न्यायलय ने दुष्‍कर्मी को फांसी की सजा सुनाने के मामले में, उच्च न्यायलय ने फास्टट्रैक कोर्ट से मांगा रिकॉर्ड

नैनीताल:- उत्तराखंड उच्च न्यायलय में मासूम के साथ दुष्कर्म पर दोषी को फांसी की सजा सुनाए जाने के मामले में सुनवाई की गई। मासूम के साथ दुष्कर्म के दोषी नेपाली नागरिक को पिथौरागढ़ की फास्टट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है।उस पर अपनी ही पांच साल की सौतेली बहन से रेप करने का आरोप था। इस मामले पर हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ की अदालत से रिकॉर्ड तलब कर लिया है।

पिथौरागढ़ की फास्टट्रैक कोर्ट ने 24 सितम्बर 2021 को फांसी की सजा सुनाई थी। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय ने बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी नेपाली नागरिक जनक बहादुर को पिथौरागढ़ की फास्टट्रैक कोर्ट से फांसी की सजा सुनाए जाने के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में पिथौरागढ़ की अदालत से रिकॉर्ड तलब किए हैं।

फास्टट्रैक कोर्ट ने 24 सितम्बर 2021 को फांसी की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने इसकी पुष्टि करने के लिए उच्च न्यायलय को आदेश भेजा है। अभियोजन के अनुसार अभियुक्त जनक बहादुर नेपाल का रहने वाला है। वह कुछ समय से जाजर देवल थाना क्षेत्र पिथौरागढ़ में अपने दो नाबालिक बच्चों और एक सौतेली पांच साल की बहन के साथ रह रहा था। आरोप है कि उसने सौतेली बहन के साथ छह माह तक दुष्कर्म किया। उसके साथ मारपीट भी की। जब क्षेत्र के लोगों को घटना का पता चला तो उन्होंने इसकी शिकायत जाजरदेवल थाना पिथौरागढ़ में की। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था।

अप्रैल 2021 में इस मामले की जानकारी होने के बाद काफी आक्रोश देखा गया था। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच की तो आरोपी ने दुष्कर्म की बात को स्वीकार कर लिया था। दुष्कर्म की पुष्टि नाबालिग की मेडिकल जांच से हो गई थी और मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म के साथ शरीर में चोटों के गहरे निशान भी थे। बताया गया कि जब एक संस्था ने इनको संरक्षण दिया तो नाबालिग ने उनको घटना की जानकारी दी थी। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है और इसे बख्शा नहीं जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे विशेष किस्म वाली 35 फसलें फसलें राष्ट्र को समर्पित, किसानों से भी होगा संवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के किसानों को बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। । पीएम मोदी आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए फसल की 35 विशेष किस्में देश के किसानों को समर्पित करेंगे। फसलों की ये विशेष किस्में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने विकसित की हैं। इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की दोहरी चुनौतियों से निपटना है। इस अखिल भारतीय कार्यक्रम का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के संस्थान, राज्य और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र मिलकर कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष किस्म वाली 35 फसलें राष्ट्र को समर्पित करेंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने विशेष गुणों वालीं फसलों की ये किस्म तैयार की हैं। इसका उद्देश्य किसानों के सामने अधिक कमाई वाली फसलों के विकल्प उपलब्ध करवाने के साथ ही जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए जन जागरूकता पैदा करना भी है।नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस टॉलरेंस रायपुर के नए परिसर का लोकार्पण करेंगे। इस अवसर पर, पीएम मोदी कृषि विश्वविद्यालयों को ग्रीन कैंपस अवार्ड भी वितरित करेंगे। वहीं इस विषय पर पीएमओ ने जानकारी देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की दोहरी चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विशेष लक्षणों वाली फसल की किस्में विकसित की गई हैं।

पीएम इस दौरान ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस टॉलरेंस’रायपुर के नए परिसर का भी लोकार्पण करेंगे। कृषि विश्वविद्यालयों को हरित परिसर पुरस्कार प्रदान करेंगे। पीएम कृषि में नई तकनीक का इस्तेमाल करने वाले किसानों से संवाद भी करेंगे। फसलों में चने की ऐसी एक फसल भी होगी जो आसानी से सूखे की मार झेल सकती है। अरहर की पैदावार बढ़़ाने के लिए रोग प्रतिरोधी फसल को भी शामिल किया गया है। इन फसलों में मुख्य रूप से मुरझाई और बंध्यता मोजेक प्रतिरोधी अरहर, सोयाबीन की जल्दी पकने वाली किस्म, चावल की रोग प्रतिरोधी किस्में, गेहूं की जैव-फोर्टिफाइड किस्में, बाजरा, मक्का और चना, क्विनोआ, पंखों वाला बीन और फैबा शामिल हैं।

 

उत्तराखंड में होने जा रही है प्रो वॉलीबॉल लीग का उद्घाटन आगामी 20 अक्टूबर को ऋषिकेश में होगा, विजेता टीम को मिलेंगे 5 लाख ईनाम

उत्तराखंड के खूबसूरत शहर देहरादून और ऋषिकेश में अगले महीने उत्तराखंड प्रो वॉलीबॉल लीग का आयोजन होने जा रहा है। आईपीएल की तर्ज पर होने वाला ये टूर्नामेंट पूरे 7 दिन तक चलेगा। इस टूर्नामेंट में कुल 9 मैच ऋषिकेश और 10 मैच देहरादून में खेले जाएंगे।

उत्तराखंड में इस तरह का आयोजन पहली बार होने जा रहा है। वॉलीबॉल लीग का उद्घाटन आगामी 20 अक्टूबर को ऋषिकेश में होगा। टूर्नामेंट का उद्देश्य छोटे शहरों के खिलाड़ियों को बड़ा प्लेटफार्म देना है। जीतने वाली टीम को आकर्षक धनराशि इनाम के तौर पर दी जाएगी। आयोजन समिति के सचिव सचिन सेमवाल ने बताया कि प्रदेश के पहले उत्तराखंड प्रो वॉलीबॉल लीग का आयोजन बाबा खेलकूद/सांस्कृतिक लोक कला संस्था द्वारा किया जा रहा है। जिसमें कुल 6 टीमें प्रतिभाग करेंगी। हर टीम में 12 खिलाड़ी और एक कोच होगा।खिलाड़ियों का ट्रायल जल्द शुरू होने जा रहा है। ट्रायल आगामी 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को ऋषिकेश में होगा।

समिति के मुताबिक इस ट्रायल में केवल वही खिलाड़ी प्रतिभाग कर सकते हैं, जो उत्तराखंड प्रो वॉलीबॉल लीग की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्टर्ड होंगे। खिलाड़ियों के ऑक्शन की प्रक्रिया ऋषिकेश के एक होटल में आयोजित की जाएगी, जो कि 2 अक्टूबर को होना है। इस प्रक्रिया में एक फाइनेंसर के साथ तीन अन्य व्यक्तियों को स्वीकृति मिलेगी। इसके अलावा किसी भी को ऑक्शन प्रक्रिया में भाग नहीं लेने दिया जाएगा।

टीम के कुल 12 खिलाड़ियों में से 8 खिलाड़ी उत्तराखंड के होंगे और 4 खिलाड़ी अन्य राज्यों के हो सकते हैं। उत्तराखंड के खिलाड़ियों की बोली कम से कम 5 हजार रुपये और अधिक से अधिक 15 हजार रुपये तक होगी। दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों की बोली 10 हजार से 30 हजार रुपये की होगी

उत्तराखंड प्रो वॉलीबॉल लीग में पहले स्थान पर रहने वाली टीम को पांच लाख रुपये इनाम के तौर पर मिलेंगे। जबकि दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को ढाई और डेढ़ लाख रुपये की इनामी धनराशि दी जाएगी।

पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन का किया आगाज, हर नागरिक का होगा आधार जैसा यूनीक हेल्थ कार्ड

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सभी नागरिकों को एक विशिष्ट डिजिटल हेल्थ आइडी मुहैया कराई जाएगी जिसमें उसकी सेहत से जुड़ी सभी सूचनाएं दर्ज होंगी। पीएम ने इस साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में डिजिटल हेल्थ मिशन के पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। फिलहाल, छह केंद्र शासित प्रदेशों में इसका पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है।

आयुष्यमान भारत डिडिटल हेल्थ मिशन के तहत देश के सभी नागरिकों का एक हेल्थ आईडी बनेगा जो उनके हेल्थ खाते के रूप में भी काम करेगी। इससे व्यक्तिगत स्वास्थ रिकार्ड को मोबाइल एप की मदद से जोड़ा और देखा जा सकेगा। इसके तहत, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां , आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों दोनों ही मामलों में सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए एक कलेक्शन के रूप में कार्य करेंगी। यह चिकित्‍सकों, अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए व्यवसाय में भी आसानी को सुनिश्चित करेगा।

यूनिक हेल्थ कार्ड बन जाने के बाद मरीज को डॉक्टर से दिखाने के लिए फाइल ले जाने से छुटकार मिलेगा। डॉक्टर या अस्पताल रोगी का यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसका पूरा डेटा निकालेंगे और सभी बातें जान सकेंगे। उसी आधार पर आगे का इलाज शुरू हो सकेगा। आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री डिजिटल फार्मेट में अपडेट होगी। आप किसी दूसरे शहर, अस्पताल में भी यूनीक आईडी से डॉक्यूमेंट्स देख सकेंगे। इससे डॉक्टर्स को इलाज करने में आसानी होगी। यह कार्ड ये भी बताएगा कि उस व्यक्ति को किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। रोगी को आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधाओं का लाभ मिलता है या नहीं, इस यूनिक कार्ड के जरिये पता चल सकेगा।

कार्ड में मेडिकल रिकार्ड से जुड़ी सभी जानकारियां दर्ज होगी। यहां तक कि पिछली बार किस दवा का आप पर क्या असर हुआ था वह भी पता चल जाएगा। दवा बदली गई तो क्यों? इससे इलाज के दौरान डॉक्टर को केस समझने में मदद मिलेगी। हेल्थ आईडी के लिए सबसे पहले तो जिस व्यक्ति की आईडी बनेगी उससे मोबाइल नंबर और आधार नंबर लिया जाएगा। इन दो रिकॉर्ड की मदद से यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार एक हेल्थ अथॉरिटी बनाएगी जो व्यक्ति का एक-एक डेटा जुटाएगी। जिस व्यक्ति की हेल्थ आईडी बननी है, उसके हेल्थ रिकॉर्ड जुटाने के लिए हेल्थ अथॉरिटी की तरफ से इजाजत दी जाएगी। इसी आधार पर आगे का काम बढ़ाया जाएगा। हेल्थ कार्ड बनवाना अनिवार्य नहीं होगा। यह आपकी इच्छा पर निर्भर करेगा कि आप कार्ड बनवाना चाहते हैं या नहीं।

हेल्थ आईडी पब्लिक हॉस्पिटल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या वैसा हेल्थकेयर प्रोवाइडर जो नेशनल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर रजिस्ट्री से जुड़ा हो, किसी व्यक्ति की हेल्थ आईडी बना सकता है। https://healthid.ndhm.gov.in/register पर खुद के रिकॉर्ड्स रजिस्टर करा कर भी आप अपनी हेल्थ आईडी बना सकते हैं।