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27 Dec, 2024

कैबिनेट ने प्रधानमंत्री मेगा टेक्सटाइल इंटिग्रेटेड टेक्सटाइल एंड अपैरल (PM MITRA )योजना को मंजूरी दी, रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस 

मोदी सरकार की कैबिनेट ने बुधवार को पीएम मित्र योजना को मंजूरी दी है।यह योजना टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए है। इसका पूरा नाम प्रधानमंत्री मेगा टेक्सटाइल इंटिग्रेटेड टेक्सटाइल एंड अपैरल योजना है। इस योजना के तहत सात नए टेक्सटाइल पार्क बनाए जाएंगे। सरकार के मुताबिक, इससे टेक्सटाइल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति आने वाली है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर द्वारा बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसलों को लेकर जानकारी दी गई। कैबिनेट ने मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने के लिए 4,445 करोड़ रुपये की PM MITRA योजना को मंजूरी दी है। वहीं, इस दौरान ठाकुर ने एक बड़ी घोषणा करते हुए बताया, ‘आज कैबिनेट बैठक में दो विभागों को लेकर निर्णय हुए। वर्षों से प्रोडक्टिविटी लिंक बोनस रेलवे के नान गजेटेड कर्मचारियों को मिलता है। कैबिनेट बैठक में निर्णय किया गया है कि इस वर्ष भी 78 दिन का बोनस रेलवे के नान गजेटेड कर्मचारियों को दिया जाएगा।’

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर ने घोषणा की कि बुधवार को कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान 4,445 करोड़ रुपये के मेगा इन्वेस्टमेंट टेक्सटाइल पार्क की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। गोयल ने कहा, ‘पीएम मित्र योजना लान्च होगी जो टेक्सटाइल और गारमेंट के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान देगी। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें 5 वर्षों में 4445 करोड़ रुपये का व्यय होगा। 7 मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजनल एंड अपैरल(MITRA) पार्क इसपर तैयार होंगे।’ मंत्रियों ने कहा कि इस कदम से रोजगार पैदा करने और क्षेत्र के लिए निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

वहीं, पीयूष गोयल ने कहा कि कपड़ा उद्योग में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सात प्रमुख फैसले लिए हैं। इनमें से छह फैसले पहले ही किए जा चुके हैं।

 

 

शहीद ले. कमांडेंट अनंत कुमार कुकरेती के घर पहुंचे मुख्यमंत्री स्मृति में बनेगा शहीद द्वार, सीएम धामी की घोषणा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को जोगीवाला स्थित गंगोत्री विहार में नौसेना के शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती के परिजनों से मुलाकात की।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अनंत कुकरेती की स्मृति में शहीद द्वार बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री धामी ने शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देते हुए दिवंगत आत्मा के शांति की कामना की। इस दौरान कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद और मेयर सुनील उनियाल गामा मौजूद रहे। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि स्वर्गीय अनंत कुकरेती की स्मृति में शहीद द्वार बनाया जाएगा। त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आकर नौसेना के लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती की मौत हो गई थी। अनंत के पिता जगदीश प्रसाद कुकरेती वन विभाग में रेंज अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हैं। उनका परिवार मूलरूप से गांव जौरासी पट्टी दुगड्डा ब्लाक पौड़ी के रहने वाला है।

नौसेना के शहीद लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती को सोमवार को उनके आवास पर अंतिम विदाई दी गई।  सोमवार को उनका पार्थिव शरीर नौसेना के बेस कैंप दिल्ली से दून लाया गया था। यहां उनके सगे-संबंधियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही सेना और नौसेना अधिकारियों ने भी शहीद को सलामी दी। हरिद्वार में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

केदारनाथ में गर्भगृह में दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल आएंगे उत्तराखंड

उच्च न्यायालय से चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध हटने के बाद देवस्थानम बोर्ड ने भी राहत दी है। अब श्रद्धालुओं को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर भी पंजीकरण नहीं कराना होगा। बल्कि राज्य में प्रवेश के लिए सिर्फ स्मार्ट सिटी की साइट पर ही पंजीकरण कराना होगा।चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम में गर्भगृह गृह की परिक्रमा कर दर्शन कर सकेंगे, लेकिन उन्हें शिवलिंग पर जलाभिषेक, घी लेपन आदि की अनुमति नहीं होगी। अलबत्ता, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

शासन द्वारा चारधाम यात्रा की मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) में संशोधन किए जाने के बाद अब चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भी इसी के अनुरूप तैयारियों में जुट गया है। बोर्ड ने भी संशोधित एसओपी जारी की है। मंडलायुक्त एवं बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के अनुसार परंपरानुसार बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में गर्भगृह में श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन केदारनाथ में पूर्व में अनुमति दी जाती थी। इस बार वहां गर्भगृह की एक बार परिक्रमा कर दर्शन की अनुमति दी गई है।

चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या के आने पर कोई रोक नहीं है। ऐसे में अब देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण का कोई औचित्य नहीं है। अब लोग सीधे स्मार्ट सिटी की साइट पर पंजीकरण करा कर चारों धामों में दर्शन कर सकेंगे। बावजूद इसके उन्हें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। सैनिटाइजर, मास्क की पर्याप्त उपलब्धता है तो सुरक्षित शारीरिक दूरी के हिसाब से व्यवस्था बनाई गई है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि केदारनाथ और बदरीनाथ में कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए पर्याप्त संख्या में यात्रियों के रात्रि विश्राम की भी व्यवस्था है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल ऋषिकेश के प्रस्तावित दौरे को लेकर सरकारी अमला सक्रिय हो गया है। पीएम के स्वागत की तैयारियों में अधिकारी और कर्मचारी जुट गए हैं। मोदी यहां ऋषिकेश एम्स में नवनिर्मित एक हजार लीटर क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने आ रहे हैं। एम्स ऋषिकेश आगमन पर सुरक्षा में किसी तरह की चूक नहीं हो, इसके लिए शासन-प्रशासन ने एम्स के हैलीपेड तक पूर्वाभ्यास कर व्यवस्थाओं को परखा। उत्तराखंड पुलिस की निगरानी में वायुसेना के हेलीकॉप्टर की सुरक्षित लैंडिंग भी करायी गई। पीएम मोदी के दौरे के दौरान हैलीपेड के चारों और बैरिकेडिंग लगाकर आम आदमी की आवाजाही को बंद कर दिया जाएगा। हैलीपेड पर एसपीजी और उत्तराखंड पुलिस के साथ सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों की टीम, लोनिवि, जलसंस्थान, आबकारी विभाग, तहसील प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे।

 

राहुल गांधी को लखीमपुर जाने की अनुमति उत्‍तर प्रदेश सरकार ने नहीं दी,राहुल गांधी ने कहा लखीमपुर खीरी मामले में पीएम मोदी हैं चुप, आरोपी मंत्री और बेटे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई

लखीमपुर खीरी की हिंसा और प्रियंका गांधी वाड्रा को हिरासत में लिए जाने के बाद अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्‍व में 5 सदस्‍यीय एक प्रतिनिधि मंडल आज लखीमपुर खीरी में किसानों से मिलने जाने वाले थे।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि किसानों को गाड़ी से कुचलने वाले केंद्रीय मंत्री के पुत्र को हिरासत में नहीं लिए जाने का मतलब यह है कि देश का संविधान खतरे में है।कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आज लखीमपुर खीरी में किसानों से मिलने जाने वाले थे। कांग्रेस ने उत्‍तर प्रदेश सरकार से राहुल के लखीमपुर खीरी जाने को लेकर अनुमति भी मांगी थी। हालांकि जानकारी मिल रही है कि उत्‍तर प्रदेश सरकार ने राहुल और उनके साथ प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों को अनुमति देने से इनकार कर दिया है।  राहुल गांधी दिल्ली में 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर उन्‍होंने मोदी सरकार पर हमला बोला है। प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण किसानों पर पहला हमला था और कृषि कानून देश के किसानों पर दूसरा आक्रमण है। विरोध कर रहे किसानों का जीप के नीचे कुचला जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखीमपुर खीरी की घटना पर कुछ नहीं बोला है। आरोपी मंत्री और उनके बेटे पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है।

पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कल प्रधानमंत्री लखनऊ में थे, मगर लखीमपुर खीरी नहीं जा पाए। ठीक से पोस्टमार्टम नहीं किया जा रहा है। आज हम 2 मुख्यमंत्रियों के साथ लखीमपुर खीरी जाकर उन परिवारों से मिलने की कोशिश करेंगे। हालांकि, उत्‍तर प्रदेश प्रशासन ने राहुल गांधी को लखीमपुर जाने की अनुमति नहीं दी है। उन्‍हें नोएडा में भी रोकने की पूरी तैयारी हो गई है।

राहुल गांधी ने कहा कि लखीमपुर खीरी हम 3 लोग जा रहे हैं। मुझे पता है कि वहां प्रशासन ने धारा-144 लगा रही है और ये धारा 5 लोग को एक जगह इकट्ठा होने से रोकती है। इसलिए हमें वहां जाने से कानूनन नहीं रोका जाना चाहिए। हम पीडि़त परिवार का दुख बांटना चाहते हैं। हमने क्‍या गलती की है कि हमें प्रशासन लखीमपुर खीरी जाने से रोक रहा है।लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों के प्रदर्शन के बीच बवाल हो गया था। इसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और उनके बेटे में गंभीर आरोप लगे हैं। मामले में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। यहां धारा 144 लागू की गई है।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर राहुल गांधी की अगुवाई में लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत मांगी है। उन्होंने लिखा है कि यूपी और प. बंगाल के नेताओं को वहां जाने दिया गया, लेकिन कांग्रेस को जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है।

 

देहरादून में सड़कों पर उतरे विभिन्न संगठनों के कर्मचारियों ने निकाली महारैली, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता की मांग 

देहरादून :- उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों की 18 सूत्री मांगों को लेकर बनाए साझा मंच उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने सचिवालय कूच किया।18 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की ओर से आज मंगलवार को राजधानी में रैली निकाली । रैली में प्रदेशभर से समिति के सदस्य और विभिन्न संगठनों के सदस्य शामिल हुए। इस दौरान पुलिस ने उन्हें सैंट जोजफ्स के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। कर्मचारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता की मांग कर रहे हैं। इस महारैली के लिए ज्यादातर विभागों और निगमों से जुड़े कर्मचारी प्रदेशभर से दून पहुंचे। इसमें कलक्ट्रेट, तहसील, जल संस्थान, आरटीओ, विकास भवन, पेयजल निगम, उद्यान, पशुपालन, कृषि विभाग और रोडवेज आदि के कर्मचारी शामिल हुए हैं।

सचिवालय कूच के दौरान बड़ी संख्या में पहुंचे कर्मचारियों को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इस दौरान कर्मचारी वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गए।  कर्मचारियोंने सीएम से मिलने का समय मांगा है। उनका कहना है कि जब तक उन्हें समय नहीं मिलेगा तब तक वे धरने से नही उठेंगे। वहीं, कर्मचारियों की पुलिस के साथ तीखी झड़प भी हुई। करीब दो घंटे तक प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री के पीआरओ राजेश सेठी से कर्मचारियों की वार्ता हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री से बातचीत की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के दौरे के बाद वार्ता का आश्वासन दिया है। इसके बाद कर्मचारी धरने से उठे।

पहले चरण में सभी सरकारी दफ्तरों में गेट मीटिंग की गई। इस दौरान समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से वार्ता भी की, लेकिन उचित भरोसा दिए जाने के बावजूद शासन ने समिति की मांगों पर गौर नहीं किया। दूसरे चरण में समिति ने सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन किया व तीसरे चरण में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और कर्मचारियों के बीच एक अक्टूबर को वार्ता हुई। वार्ता में सकारात्मक हल नहीं निकलने पर समिति ने अपनी पूर्व प्रस्तावित महारैली को यथावत रखते हुए मंगलवार को सरकार के खिलाफ सचिवालय पर प्रदर्शन की बात कही है। प्रदेश स्तरीय हुंकार महारैली के बाद समिति बेमियादी हड़ताल करने का ऐलान भी कर सकती है।कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कार्मिकों की मांगों को पूरा करने की बात उठती है तो वित्त विभाग सदैव आर्थिक स्थिति का रोना रो देता है। बात यदि एसीपी की करें तो उसे लागू करने का व्यय वित्त विभाग उम्मीद से अधिक बढ़ाकर बता रहा, जबकि एसीपी से लाभ सिर्फ पदोन्नति से वंचित कार्मिक को ही मिलना है। इनकी संख्या बेहद कम है। समिति के प्रवक्ता अरुण पांडेय ने कहा कि सरकार या तो फैसला ले या फिर बेमियादी हड़ताल के लिए तैयार रहे।

समिति के प्रवक्ता अरुण पांडेय और प्रताप सिंह पंवार ने बताया कि हुंकार रैली के लिए सभी कर्मचारी परेड ग्राउंड में एकत्र हुए। यहां से तिब्बती बाजार, लैंसडौन चौक, कनक चौक होते हुए सचिवालय कूच किया।प्रताप सिंह पंवार ने बताया कि उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन, उत्तराखंड राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन, उत्तराखंड चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ, उत्तराखंड राजकीय वाहन चालक महासंघ, वैयक्तिक अधिकारी कर्मचारी संघ, डिप्लोमा फार्मासिस्ट संघ, सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ, निगम कर्मचारी महासंघ, रोडवेज संयुक्त कर्मचारी परिषद, फेडरेशन ड्राइंग इंजीनियर संघ सहित कई महासंघ उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के साथ आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं।

 

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने यात्रियों की सीमित संख्या को खत्म कर दिया है, रजिस्ट्रेशन और RTPCR रिपोर्ट अनिवार्य

उत्तराखंड हाइकोर्ट ने चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की।उत्तराखंड हाई कोर्ट ने यात्रियों की सीमित संख्या को खत्म कर दिया है।कोर्ट ने चारधाम में अपर लिमिट हटा दी है लेकिन कोर्ट ने साफ किया है कि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और यात्रा में आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य होगी। कोर्ट ने सरकार से कहा कि यात्रा के दौरान मेडिकल सुविधाओं की कोई भी कमी यात्रियों के लिए न हो और महिलाओं व बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाए। चीफ जस्टिस कोर्ट ने चारों धामों में मेडिकल एमरजेंसी के लिए हेलीकॉप्टर व्यवस्था करने को कहा और यात्रियों को इसकी सुविधा के संबंध में पूरी जानकारी देने को कहा। इससे पहले सरकार ने कोर्ट में केदारनाथ बद्रीनाथ समेत सभी धामों में यात्रियों की संख्या को बढ़ाने की मांग की थी।

हाइकोर्ट नैनीताल ने बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई।कोर्ट ने साफ किया कि शासन को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा। कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली है।मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि चारधाम यात्रा करने के लिए कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी थी, लेकिन वर्तमान समय मे प्रदेश में कोविड के केस ना के बराबर आ रहे हैं, इसलिए चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश में संशोधन किया जाए।

चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या को लेकर उत्तराखंड सरकार को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अब असीमित संख्या में तीार्थयात्री चारधाम यात्रा कर सकेंगे। हाइकोर्ट में आज चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने चारधाम में तीर्थयात्रियों  की संख्या को लेकर फैसला सुनाया। बता दें कि पूर्व में कोर्ट ने केदारनाथ धाम के लिए प्रतिदिन 800, बदरीनाथ धाम के लिए 1000, गंगोत्री के लिए 600, यमुनोत्री के लिए 400 श्रद्धालुओं की ही अनुमति दी थी।

 

सुप्रीम कोर्ट ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के कारण बंद पड़ी दिल्ली की सीमा खोलने पर, 43 किसान संगठनों को जारी किया नोटिस

किसान आंदोलन के चलते बाधित पड़ी दिल्ली की सीमा खोलने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हमने तीन कृषि कानूनों पर फिलहाल रोक लगा रखी है तो फिर सड़कों पर प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं।सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 43 किसान संगठनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। किसान आंदोलन के चलते यूपी और हरियाणा को दिल्ली से जोड़ने वाली सड़कें बंद पड़ी हैं, जिसको खुलवाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई थी। अब इसपर कोर्ट ने तमाम किसान संगठनों को नोटिस जारी कर दिया है। हरियाणा सरकार ने अर्जी दाखिल कर 43 किसान संगठनों के पदाधिकारियों को मामले में पक्षकार बनाए जाने की मांग की है। इस मामले पर अदालत अब 20 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।

नोएडा की मोनिका अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है, जिसमें उन्होंने नाकाबंदी हटाने की मांग करते हुए कहा है कि पहले उन्हें दिल्ली पहुंचने में 20 मिनट लगते थे लेकिन अब दो घंटे लग जाते हैं। उनका कहना है कि विरोध के कारण इलाके के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार की उस याचिका पर किसान संगठनों के 43 नेताओं को नोटिस जारी किया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने बातचीत में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के निवासी की उस जनहित याचिका को दशहरे की छुट्टी के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया, जिसमें विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली की सीमाओं से हटाने का अनुरोध किया गया है।

किसान महापंचायत को जंतर मंतर पर सत्याग्रह करने की अनुमति देने की याचिका पर सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस बात की जांच करेगा कि क्या विरोध करने का अधिकार एक पूर्ण अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र करते हुए कहा, “जब ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं तो कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता है।” केंद्र के लिए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का कहना है कि लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए आगे कोई विरोध नहीं होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा रखी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, ‘हमने कानूनों के अमल पर रोक लगा रखी है। केंद्र ने भी कहा है कि वह फिलहाल उन्हें लागू नहीं करना चाहता। फिर विरोध किस बात का करना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसी दौरान कहा कि मामला लंबित रहते याचिकाकर्ता विरोध प्रदर्शन कैसे कर सकता है। आप जल्द सुनवाई के अनुरोध कर सकते हैं। वहीं, किसानों की तरफ से वकील ने कहा कि हम सिर्फ कानून का विरोध नहीं कर रहे।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड के बाद उत्तराखंड में भी फैली आग,आक्रोशित किसानों का प्रदेश के कई शहरों में प्रदर्शन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पुलिस ने हिरासत में लिया

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुए हादसे की आग उत्तराखंड में भी फैल गई है। प्रदेश में किसानों ने डोईवाला,बाजपुर, काशीपुर, रुद्रपुर, किच्छा आदि शहरों में विरोध किया। उन्होंने केंद्र एवं यूपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। किसानों ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है।

डोईवाला में किसानों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। तहसील में धरना प्रदर्शन कर किसान मोर्चा की ओर से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया है। किसान संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सोमवार को तमाम किसानों ने गुरुद्वारा सिंह सभा में बैठक की और पूरे घटनाक्रम पर अपना रोष जताते हुए राष्ट्रपति से न्याय की मांग की।

मृतक किसानों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की। इस दौरान किसानों का एक जत्था लखीमपुर में घटनास्थल के लिए रवाना हुआ। लखीमपुर के लिए निकले किसान नेता प्रीतम सिंह संधू ने बताया कि लोकतंत्र की रक्षा करने वालों ने किसानों की बेरहमी से हत्या की है जिसका पूरे देश को दुख है। पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग की जाएगी।

उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ हुई दुर्घटना के विरोध में संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने अपना रोष प्रकट किया। किसानों ने सड़क पर जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। तहसील पहुंचे किसानों ने यहां भी धरना देकर प्रदर्शन किया। लखीमपुर घटना मामले में हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज करने और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा को हटाने की मांग किसानों ने की।

ऊधमसिंहनगर जिले के काशीपुर में किसानों ने कड़ी चेतावनी दी है। उनका कहना है कि वह काशीपुर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की आगामी रैली नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री की मंगलवार को काशीपुर में प्रस्तावित जनसभा का किसानों ने कड़ा विरोध किया है। चेतावनी दी है कि अगर मुख्यमंत्री काशीपुर आते हैं तो किसान हेलीपैड पर बैठ जाएंगे। ट्रैक्टर-ट्राली लेकर हेलीपैड में घुस जाएंगे और टेंट उखाड़ कर फेंक देंगे। किसी भी हालत में मुख्यमंत्री को काशीपुर में रैली नहीं करने दी जाएगी। किसानों से अब और शांति की उम्मीद सरकार न करे। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार सुबह सैकड़ों की संख्या में किसान काशीपुर नवीन मंडी में एकत्र हुए। किसानों ने रुद्रपुर पहुंचकर कलक्ट्रेट का घेराव करने की घोषणा की। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री का काशीपुर आने पर कड़ा विरोध होगा। वहीं रुद्रपुर के कलक्ट्रेट गेट पर किसानों ने धरना प्रदर्शन किया। यहां किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने और हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई।

भारतीय किसान यूनियन के देहरादून जिला अध्यक्ष सुरेंद्र खालसा ने कहा कि किसान आंदोलन को दबाने की यह सत्ता पक्ष की नाकाम कोशिश है। किसान शांतिपूर्वक ढंग से अपने आंदोलन को जारी रखेंगे। कांग्रेस नेता सागर मनवाल, मोहित उनियाल, आप नेता अशोक कपरवाण, राजू मौर्य ने भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार और दिल्ली की केंद्र सरकार पर भी आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकार आज किसानों का उत्पीड़न कर रही है।इतना ही नहीं, अब किसानों के ऊपर जानलेवा हमले भी किए जा रहे हैं। इस मामले में ठोस कार्यवाही नहीं की गई तो संयुक्त मोर्चा के किसान एक बड़ा आंदोलन को बाध्य होंगे। कांग्रेस,आम आदमी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी किसान आंदोलन के साथ किसानों को न्याय देने की मांग राष्ट्रपति से की।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के बाद हुए बवाल की आग उत्तराखंड तक पहुंच गई है। प्रदेश भर में सोमवार सुबह से धरना, प्रदर्शन, पुतला दहन और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का दौर जारी है।

लखीमपुर खीरी की घटना और प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में देहरादून एसएसपी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत लगभग 80 कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में ले लिया। जिसके बाद हरीश रावत पुलिस लाइन में ही तमाम कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए। पुलिस अधिकारी वार्ता कर हरीश रावत को समझाने बुझाने का प्रयास करते रहे। इसी प्रकार गढ़वाल और कुमाऊं के कई क्षेत्रों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तार दी।

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के आह्रवान पर आज प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों में मौनव्रत एवं सामूहिक गिरफ्तारी के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी सरकार का पुतला दहन किया।

 

नौ सेना लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटकर आया दून

देहरादून:- त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान ऐवलांच की चपेट में आकर जान गंवाने वाले नौ सेना के दल में शामिल दून के लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती का पार्थिव शरीर सोमवार को दून पहुंचा। उनकी तीन महीने पहले ही शादी हुई। और आखिरी बार अपनी शादी में ही वह दून आए थे।त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान ऐवलांच की चपेट में आकर जान गंवाने वाले नौ सेना के दल में शामिल दून के लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती का पार्थिव शरीर सोमवार को दून पहुंचा। उनकी तीन महीने पहले ही शादी हुई। और आखिरी बार अपनी शादी में ही वह दून आए थे।

त्रिशूल पर्वत आरोहण के दौरान हिमस्लखन की चपेट में आए नेवी के चारों जवानों के पार्थिव शरीर वायु सेना के हेलीकॉप्टर से नेवी हेड क्वॉर्टर के लिए भेज दिए हैं।जहां से पार्थिव शरीर उनके पैतृक घर भेजे जाएंगे।आर्मी हेलीपैड पर चारों जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद विशेष हेलीकॉप्टर से पार्थिव शरीर हेड क्वॉर्टर भेजे गए। वहीं, घटना में लापता दो लोगों की तलाश जारी है, लगातार खराब मौसम के बावजूद सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर चारों जवानों के शव बरामद किए थे।

चमोली के सुतोल गांव से होते हुए त्रिशूल पर्वत फतह करने गए जवानों के साथ ग्लेशियर खिसकने से 1 अक्टूबर की सुबह दर्दनाक हादसा हो गया था।जिसमें कुल 6 सैनिकों सहित 1 शेरपा भी एवलॉन्च की चपेट में आ गए थे।जिसमें निम और सेना द्वारा चलाये गए संयुक्त अभियान में 4 जवानों के शवों को बरामद कर लिया गया है।

त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान ऐवलांच की चपेट में आकर जान गंवाने वाले नौ सेना के दल में शामिल दून के लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती का पार्थिव शरीर सोमवार को दून पहुंचा। उनकी तीन महीने पहले ही शादी हुई। और आखिरी बार अपनी शादी में ही वह दून आए थे।

दून के जोगीवाला, नत्थनपुर गंगोत्री विहार कॉलोनी में पार्थिव शव पहुंचते ही भीड़ जुट गई। सैन्य सम्मान के साथ उन्हें सलामी दी गई। शहीद अनंत कुकरेती के चचेरे भाई राजेंद्र कुकरेती ने बताया कि भाई के शहीद होने की सूचना शनिवार रात को मिली थी। परिजन और रिश्तेदार घर पर पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि अनंत के पिता जगदीश प्रसाद कुकरेती वन विभाग में रेंज अधिकारी के पद से रिटायर्ड हैं। मां मधु कुकरेती गृहणी हैं। अनंत के बड़े भाई अखिल कुकरेती और भाभी मिट्ठू कुकरेती एयरफोर्स में स्कॉर्डन लीडर हैं। कुकरेती परिवार मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा ब्लॉक के गांव जौरासी, पट्टी अजमेर से है और यहां जोगीवाला में नत्थनपुर के गंगोत्री विहार लेन नंबर एक में उनका मकान है। अनंत की पत्नी राधा और भाई अखिल मुंबई में रहते हैं। रविवार को मुंबई से पूरा परिवार देहरादून पहुंच गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मसूरी के निकट गांव क्यारकुली के ग्राम प्रधान कौशल्या रावत से संवाद किया, प्रधानमंत्री ने कहा पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के ही काम आ रही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी जयंती पर देश की पांच ग्राम सभाओं के साथ जल-जीवन मिशन योजना के तहत वर्चुअल संवाद किया। इस दौरान उन्होंने मसूरी के निकटवर्ती गांव क्यारकुली की ग्राम प्रधान कौशल्या रावत से संवाद किया। उन्होंने पहाड़ पर पानी की समस्या और उसके हल पर विस्तार से बात की।उन्होंने मसूरी शहर के निकटवर्ती गांव क्यारकुली की ग्राम प्रधान कौशल्या रावत से पीएम मोदी ने संवाद कर पानी की समस्या और उसके हल पर विस्तार से बात की। कौशल्या रावत से करीब पांच मिनट 13 सैकेंड जल जीवन मिशन के तहत किए गए कार्यों पर विचार रखे।

कौशल्या ने प्रधानमंत्री को बताया कि जलजीवन मिशन के बाद से गांव में पेयजल की कमी दूर हो गई है। हर घर में नल और जल है। कहा कि योजना के बाद पानी की कमी जैसे ही दूर हुई तो ग्रामीणों ने स्वरोजगार के लिए भी कदम उठाया। बताया कि ग्रामीणों ने सरकार की मदद से होम स्टे का कार्य शुरू कर दिया है, जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ गई है। प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है। प्रदेश सहित देश के दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों ने अब गांव की ओर रुख करना शुरू कर दिया है।

पीएम मोदी ने कहा कि पर्वतीय जिलों के गांवों में होम स्टे खुलने के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा एक सराहनीय काम है। कहा कि इससे गांवों से पलायन पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने ग्राम क्यारकुली में हुए कोविड टीकाकरण को लेकर भी जानकारी ली, जिस पर ग्राम प्रधान कौशल्या रावत ने बताया कि उनकी ग्राम पंचायत में शतप्रतिशत टीकाकरण हो गया है।

शनिवार को देशभर के गांवों के साथ क्यारकुली गांव के लोगों से भी प्रधानमंत्री ने वर्चुअल संवाद किया। प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारी गांव पहुंचे और कार्यक्रम में शामिल हुए।पानी को लेकर हमें आदतें बदलनी होंगी। पानी बर्बाद करने से बचना होगा। साथ ही किसान भी कम पानी वाली फसलों पर ज्यादा जोर दें।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त, 2019 में जल-जीवन मिशन की घोषणा की थी। इस मिशन का उद्देश्य हर घर में पानी की सप्लाई पहुंचाना है। वर्तमान में सिर्फ ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 17 प्रतिशत लोगों के पास ही पानी की सप्लाई है।