चमोली के सवाड़ से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शहीद सम्मान यात्रा की शुरूआत

उत्तराखंड में भाजपा ने शहीद सम्मान यात्रा के जरिए सैनिक परिवारों को अपने साथ जोड़ने पर फोकस करना शुरू कर दिया है। सैनिक बाहुल्य क्षेत्र चमोली के सवाड़ से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यात्रा की शुरूआत की। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर उत्तराखंड को वीर भूमि बताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज से 7 दिसंबर तक करीब 1,734 सैनिकों के ‘आंगन’ की मिट्टी को ‘सैन्य धाम’ ,  देहरादून में इस्तेमाल के लिए इकट्ठा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह यात्रा उत्तराखंड के 13 जिलों और 700 प्रखंडों से होकर गुजरेगी।जेपी नड्डा ने कहा कि वह इस यात्रा में सभी की भागीदारी और हर ब्लॉक द्वारा भव्य स्वागत चाहता हैं। जिससे शहीदों और उनके परिवारों को वह सम्मान मिले जिसके वे हकदार हैं।उन्होंने कहा कि हर वीर जवान का सम्मान हो। जेपी नड्डा ने कहा कि उत्तराखंड के वीर जवान देश की सुरक्षा को तत्पर रहते हैं। ये क्रांति और शांति की धरती है। उन्होंने कहा कि शहीद सपूत किसी परिवार का नहीं, बल्कि पूरे देश का है। उन्होंने सभी से अपील की कि 13 जिलों में होने वाली शहीद सम्मान यात्रा में खुद को शामिल करें और यात्रा का जगह-जगह भव्य स्वागत करें। इस दौरान नड्डा ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।

सोमवार को भाजपा अध्यक्ष सुबह देहरादून पहुंचे और यहां से सवाड़ गांव गए। उत्तराखंड की सैन्य पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस वीरभूमि के 1.15 लाख जवान देश सेवा में लगे हैं। यहां के जांबाज एक परमवीर चक्र, छह अशोक चक्र, 13 महावीर चक्र से सम्मानित हो चुके हैं। कहा कि सरकार सैनिकों की समस्याओं से परिचित है और उनका समाधान भी कर रही है।शहीद सम्मान यात्रा में जेपी नड्डा ने कहा कि पहले की सरकारों में हमारे फौजी भाई बुलेट प्रूफ जैकेट की कमी झेल रहे थे। मोदी सरकार ने 1.86 लाख बुलेट प्रूफ जैकेट भारतीय सेना को समर्पित किया। आज भारत बुलेट प्रूफ जैकेट दूसरे देशों को बेचने लगा है। कांग्रेस और कमीशन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जहां कांग्रेस है वहां कमीशन है। जहां एनडीए है, जहां भाजपा है वहां मिशन है। नड्डा ने कहा कि मैं आज ऐसी वीर भूमि पर आया हूं, जहां के वीर सपूतों ने चाहे वो प्रथम विश्वयुद्ध या द्वितीय विश्वयुद्ध था, चाहे वह 1965 की लड़ाई, 1971 की लड़ाई या कारगिल की लड़ाई थी, सभी संग्राम में उत्तराखंड के वीर जवानों ने अपने आप को समर्पित किया और लड़ाई लड़ी। मोदी सरकार में आज भारतीय सेना में 36 राफेल, 28 अपाचे हेलीकॉप्टर, 15 चिनूक हेलीकॉप्टर जुड़ चुके हैं। पहले की सरकारों में हमारे फौजी भाई बुलेट प्रूफ जैकेट की कमी झेल रहे थे।

इस दौरान जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि 1972-2014 तक फौजी भाईयों को बरगलाया गया, उनकी एक नहीं सुनी गई।जवानों की शहादत और देशभक्ति का मजाक उड़ाया गया, ये कांग्रेस की देन है। जेपी नेड्डा ने कहा कि वह आज ऐसी वीर भूमि पर आए हैं, जहां के वीर सपूतों ने सभी संग्राम में अपने आप को समर्पित कर दिया।उन्होंने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि इस धरती को वीर भूमि कहते हुए उन्हें बहुत खुशी होती है। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड के करीब 1,15,000 सैनिक भारतीय सेना में सेवाएं दे रहे हैं।उन्होंने कहा कि कई सालों तक फौजी भाईयों को बरगलाया गया है। उनकी एक नहीं सुनी गई। बल्कि इस पार्टी ने उनकी शहादत और देशभक्ति को लेकर मजाक उड़ाया। चमोली में शहीद सम्मान यात्रा में पहुंचे जेपी नड्डा ने कहा कि इस धरती को वीर भूमि कहते हुए काफी खुशी महसूस करता हूं। कांग्रेस को सीधे निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और कमिशन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जहां कांग्रेस है वहां कमिशन है. जेपी नड्डा ने आगे कहा कि जहां एनडीए और बीजेपी है वहां मिशन है। बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने कहा कि ये कांग्रेस की देन है कि वीर सपूतों की शहादत और देशभक्ति का मजाक उड़ाया जाता था।

चमोली जिले में देवाल ब्लाक के सवाड़ गांव का गौरवमयी इतिहास है। देवाल से 14 किमी दूर स्थित इस गांव में हर परिवार का कम से कम एक सदस्य सेना में है। गांव का इतिहास भी गौरवमयी रहा है। इस गांव से प्रथम विश्व युद्ध में 22 और द्वितीय 38 सैनिकों ने भाग लिया। पेशावर कांड में भी सवाड़ के 17 सैनिक शामिल थे। वर्तमान में गांव में 700 परिवार हैं और गांव के 107 व्यक्ति सेना में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं।
चुनावी साल में भाजपा कांग्रेस की नजर साढ़े 4 लाख से ज्यादा सैनिक वोटरों पर है। भाजपा के दांव से पहले कांग्रेस ने भी सैनिकों को लेकर पहले ही दांव खेल लिया है। कांग्रेस चुनाव अभियान की कमान संभाल रहे पूर्व सीएम हरीश रावत पहले ही 20 परसेंट सीटों पर पूर्व सैनिकों को टिकट देने का ऐलान कर भाजपा को चुनौती दे चुके हैं।

क्लैट (CLAT) की अगले वर्ष दो परीक्षाएं आयोजित की जाएगी

देश के राष्ट्रीय कानून विधि विश्वविद्यालय के लिए आयोजित कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) की विधि प्रवेश परीक्षा 2022 -23 सत्र की अगले साल आयोजित की जाएगी।

कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज की एग्जीक्यूटिव कमेटी और जनरल बोर्ड की मीटिंग में यह तय किया गया कि क्लैट 2022 और क्लैट 2023 की परीक्षा का आयोजन अगले साल 2022 में ही किया जायेगा। इस तरह वर्ष 2022 में क्लैट की दो परीक्षाएं आयोजित की जाएगी।

क्लैट (CLAT) 2022 परीक्षा की तारीख 8 मई 2022 निर्धारित की गई है। जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जनवरी में शुरू होगी। विगत सालो में क्लैट (CLAT) परीक्षा मई में होती थी, COVID-19 के कारण कई बार स्थगित किया गया था। लेकिन इस बार क्लैट की परीक्षा 8 मई 2022 को आयोजित की जाएगी।इस वर्ष क्लैट परीक्षा का आयोजन की जिम्मेदारी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर को दी गई है। क्लैट (CLAT) 2023 की परीक्षा इसी वर्ष 18 दिसंबर, 2022 को आयोजित की जाएगी।इसके लिए जून में ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

क्लैट कंसोर्टियम ने  काउंसलिंग फीस को लेकर बड़ा फैसला लिया है।अब जनरल कैटेगरी के कैं‌डिडेट्स को कांउसलिंग फीस 50 हजार के जगह 30 हजार रुपये देने होंगे। और एससी(SC), एसटी(ST), ओबीसी(OBC),  ईडब्ल्यूएस(EWS), बीसी(BC) तथा दिव्यांग कैंडिडेट्स को 20 हजार रुपये शुल्क देना होगा।

लॉ प्रेप टुटोरिअल दून के निर्देशक एस. एन. उपाध्याय ने बताया कि क्लैट 2022 -2023 की परीक्षा वर्ष 2022 में आयोजित की जाएगी। जिससे की सत्र को नियमित किया जा सके। इस व्यवस्था से छात्रों को फायदा होगा।

पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखंड को तीन श्रेणियों में पुरस्कार, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा तीन श्रेणियों में पुरस्कार मिलने से उत्तराखंड का मान बढ़ा

उत्तराखंड ने पर्यटन के क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए शुक्रवार को तीन श्रेणियों में राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल किए। इसमें राज्य को बेस्ट वाइल्डलाइफ, बेस्ट एडवेंचर और बेस्ट स्पिरिचुअल डेस्टिनेशन का अवॉर्ड मिला है।नयी दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को ये पुरस्कार प्रदान किए गए है।पर्यटन सर्वेक्षण और पुरस्कार कार्यक्रम में देश के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों को नौ श्रेणियों में अलग-अलग पुरस्कार दिए गए। इनमें से उत्तराखंड को तीन पुरस्कार मिले हैं। भारत के बेहतरीन पर्यटन स्थलों को नौ श्रेणियों में दिए गए पुरस्कारों में से उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान को सर्वश्रेष्ठ वन्यजीव गंतव्य, ऋषिकेश को सर्वश्रेष्ठ साहसिक खेल गंतव्य और केदरानाथ को सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक गंतव्य पुरस्कार मिला ।

उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने पुरस्कार ग्रहण करने के बाद कहा कि कोविड-19 के बाद उत्तराखंड पर्यटन, ‘वेलनेस टूरिज्म’ और आयुष के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा, ‘‘तीन श्रेणियों में पुरस्कार मिलने से उत्तराखंड का मान बढ़ा है और इससे हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं।’’सरकार एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा दे रही है। महाराज ने कहा कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क वन्यजीव प्रेमियों के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है। जहां सैलानी रोमांच के साथ-साथ एक अलग ही जोश और उत्साह का अनुभव करते हैं। पर्यटन क्षेत्र में तीन श्रेणियों में पुरस्कार मिलना उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देशों के अनुसार केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य किए जा रहे हैं. जिससे केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को भविष्य में सुविधा मिलेगी। सरकार ने विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। जिससे चारधाम यात्रा के बंद होने के बाद उनके वैकल्पिक तीर्थ स्थलों को शीतकालीन चारधाम के रूप में विकसित करना पड़ रहा है।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश के पर्यटन को अंतरराष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल की जा रही है। पुरस्कार प्राप्त करने के बाद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कोरोना के बाद से उत्तराखंड पर्यटन, स्वास्थ्य पर्यटन और आयुष के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता से सदियों से देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखंड एडवेंचर लवर्स की पसंदीदा जगहों में से एक बनता जा रहा है।

लखीमपुर हिंसा:सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के अनुरोध पर लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर 15 नवंबर तक का समय दिया 

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड में आज होने वाली सुनवाई को टाल दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अगली सुनवाई होनी थी, लेकिन इसे सोमवार यानी 15 नवंबर तक के लिए टाल दिया गया है। बताया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर सुनवाई को आगे के लिए टाला गया है। यूपी की ओर से पेश वकील ने सोमवार तक का समय मांगा था। उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच की निगरानी किसी अन्य ‘अलग उच्च न्यायालय’ के एक पूर्व न्यायाधीश से दैनिक आधार पर कराने के सुझाव पर शीर्ष अदालत को अवगत कराने के लिए शुक्रवार को उप्र को 15 नवंबर का समय प्रदान कर दिया। लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा, ”क्या आप मुझे सोमवार तक का समय देंगे? मैंने इसे लगभग पूरा कर लिया है।

पीठ ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए कहा, ”मामले को सोमवार को सूचीबद्ध किया जाए।”शीर्ष अदालत ने 8 नवंबर को जांच पर असंतोष व्यक्त किया था। पीठ ने सुझाव दिया था कि जांच में ”स्वतंत्रता और निष्पक्षता” को बढ़ावा देने के लिए, एक ”अलग उच्च न्यायालय” के एक पूर्व न्यायाधीश को दैनिक आधार पर इसकी निगरानी करनी चाहिए।

पीठ ने यह भी कहा था कि उसे कोई भरोसा नहीं है और वह नहीं चाहती कि राज्य द्वारा नियुक्त एक सदस्यीय न्यायिक आयोग मामले की जांच जारी रखे।राज्य सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई हिंसा की जांच के लिए नामित किया था।राज्य सरकार को एक अन्य उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश द्वारा जांच की निगरानी के सुझाव पर अपने रुख के बारे में सूचित करने के लिए कहा गया था।

पीठ ने कहा था कि यह जांच उसकी अपेक्षा के अनुरूप नहीं चल रही है और उसने अभी तक की जांच के संबंध में विशेष जांच दल से संबंधित कुछ मुद्दों पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। पीठ ने कहा था, ‘‘पहली नजर में ऐसा लगता है कि एक आरोपी विशेष (किसानों को कुचले जाने के मामले में) को किसानों की भीड़ द्वारा राजनीतिक कार्यकर्ताओं की पिटाई संबंधी दूसरे मामले में गवाहों से साक्ष्य हासिल करने के नाम पर लाभ देने का प्रयास हो रहा है।’’

शीर्ष अदालत ने गिरफ्तार किए गए 13 आरोपियों में से एक आशीष मिश्रा का मोबाइल फोन जब्त करने इस मामले में विशेष जांच दल की काफी आलोचना की थी। इस मामले में जब्त किए गए बाकी फोन किसानों को कथित रूप से कुचले जाने की घटना के गवाहों के थे।न्यायालय ने कहा था, “हम दैनिक आधार पर जांच की निगरानी के लिए एक भिन्न उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने के पक्ष में हैं और फिर देखते हैं कि अलग-अलग आरोप पत्र कैसे तैयार किए जाते हैं।”

पीठ ने सुनवाई के दौरान ही पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के दो पूर्व न्यायाधीशों- न्यायमूर्ति रंजीत सिंह और न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन के नामों का सुझाव दिया था। पीठ का कहना था कि दोनों न्यायाधीश आपराधिक कानून के क्षेत्र में अनुभवी हैं और मामलों में आरोपपत्र दाखिल होने तक एसआईटी की जांच की निगरानी करेंगे।

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा उत्तराखंड में जल्द आएगी नई खेल नीति

केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री तथा राज्य चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी ने कहा उत्तराखंड में शीघ्र ही नई खेल नीति जल्द अस्तित्व में आएगी। इसके लिए तैयारियां पूरी की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि सरकार खेल एवं खिलाड़ियों को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि मोदी सरकार के आने से पहले खेल में राजनीति ज्यादा हावी थी, लेकिन अब लगातार खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि ओलंपिक के साथ ही अन्य खेलों में लगातार देश के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र सरकार ने स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च पोर्टल लांच किया है, जिसमें खिलाड़ी अपनी एंट्री करें। इसके बाद सरकार के स्तर से उनकी हर संभव मदद की जाएगी।केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम में मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय वालीबाल खिलाड़ी अरुण सूद, नेशनल वालीबाल खिलाड़ी शहजाद सलमानी, विनय उपाध्याय, सतीश कुमार, क्रिकेट के खिलाड़ी मनिंदर सिंह, बाक्सर सुखविंदर सिंह मोगी,वालीवाल के स्थानीय कोच किसन सिंह को शाल उड़ाकर सम्मानित किया गया।

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी डोईवाला पहुंचे, जहां उन्होंने क्रीडा भारती उत्तराखंड के कार्यक्रम में शामिल होकर खिलाड़ियों, पूर्व सैनिकों और भाजपा कार्यकर्त्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान पूर्व अंतरराष्ट्रीय वालीबाल खिलाड़ी अरुण कुमार सूद ने उनके सामने उत्तराखंड में सुदृढ खेल नीति बनाने की मांग की, जिससे कि स्थानीय प्रतिभाओं को अधिक से अधिक मौका मिल सके और वह नशे को छोड़ खेल की ओर अपना ध्यान दें। इस पर केंद्रीय मंत्री ने सीएम से धामी से वार्ता कर जल्द ही नई खेल नीति बनाने की बात कही।

कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरीश कोठारी, क्रीड़ा भारती के जिला अध्यक्ष नरेंद्र सिंह नेगी, पूर्व सैनिक संगठन के ब्लाक अध्यक्ष भगत सिंह राणा, क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रताप सिंह बिष्ट, पम्मी राज, विक्रम सिंह नेगी, मनोज मेहरा, विनय सावन, पंकज बहुगुणा, शमशेर पुंडीर आदि मौजूद रहे।

प्रहलाद जोशी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद पर हिंदू भावना का अनादर करने का इल्जाम लगाया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से प्रश्न किया कि वह सलमान खुर्शीद के विरुद्ध क्या कार्रवाई कर रहे हैं? उत्तराखंड प्रवास पर आए जोशी देहरादून स्थित राज्य पार्टी दफ्तर में मीडिया कर्मियों से चर्चा कर रहे थे। सलमान खुर्शीद की अयोध्या विवाद पर लिखी पुस्तक में हिंदुत्व की तुलना खुंखार आतंकी संगठनों बोको हराम तथा इस्लामक राज्य से करने पर खड़े हुए  विवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर जोशी ने कहा कि मैं राहुल, प्रियंका, सोनिया से पूछना चाहता हूं। आप मंदिरों में जाकर गौत्र का उच्चारण करके स्वयं को हिंदू बोलते हैं।

हिंदू आचरण का दिखावा करते हैं। यह उपदेश देने का प्रयास करते हैं कि हम भी हिंदू हैं। क्या सलमान खुर्शीद के विरुद्ध कार्यवाही कर रहे हैं, जिन्होंने हिंदू भावना तथा हिंदुत्व का अनादर किया। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व सिर्फ धर्म अथवा जाति नहीं, यह जिंदगी का तरीका है। महात्मा गांधी से लेकर उनकी पार्टी के बेहद से लोग इसे हिंदुस्तानी बोलते थे। उन्होंने पूछा कि क्या हिंदुस्तान का अनादर करने वाले सलमान पर एक्शन लेने वाले हैं? उन्होंने बताया कि कांग्रेस हिंदुओं के विरुद्ध है, यह इतिहास में साबित हो चुका है।

चारधाम हाईवे परियोजना : केंद्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा,केंद्र सरकार ने कहा देश की रक्षा के लिए चारधाम राजमार्ग का चौड़ीकरण जरूरी

चारधाम राजमार्ग विस्तार मामले को लेकर आज भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चारधाम हाईवे परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा। चीन सीमा से जुड़े इस राजमार्ग को लेकर दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है, जिस पर विस्तार से बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। इस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता और केंद्र सरकार दोनों के तर्कों को सुना और अहम टिप्पणियां कीं। फिलहाल कोर्ट ने दोनों पक्षों से दो दिनों में लिखित सुझाव मांगा है और उसके बाद कोर्ट तय करेगा कि करीब 900 किलोमीटर लंबे इस ऑल वेदर हाईवे प्रोजेक्ट में सड़कों को और चौड़ाई किया जा सकता है या नहीं।सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि, ‘आज हम उस स्थिति का सामना कर रहे हैं जहां देश की रक्षा करनी पड़ती है। हम एक बहुत ही कमजोर स्थिति में हैं। हमें देश की रक्षा करनी है और यह सुनिश्चित करना है कि हमारी सेना के लिए जो भी सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं उन्हें दी जाएं जैसे हिमालयी क्षेत्रों में सड़कें।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि, हम इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकते कि इतनी ऊंचाई पर देश की सुरक्षा दांव पर है। क्या भारत के उच्चतम न्यायालय जैसा सर्वोच्च संवैधानिक न्यायालय हाल की कुछ घटनाओं को देखते हुए सेना की जरूरतों को दरकिनार कर सकता है? क्या हम कह सकते हैं कि पर्यावरण संरक्षण देश की रक्षा जरूरतों से ऊपर होगा? या हमें यह कहना चाहिए कि रक्षा चिंताओं का ध्यान इस तरह रखा जाना चाहिए ताकि आगे कोई पर्यावरणीय क्षति न हो।

’कोर्ट 8 सितंबर 2020 के उस आदेश में संशोधन के लिए केंद्र की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को महत्वाकांक्षी चारधाम राजमार्ग परियोजना पर 2018 के परिपत्र का पालन करने के लिए का गया है। यह सड़क चीन सीमा तक जाती है। इस रणनीतिक 900 किलोमीटर की परियोजना का मकसद उत्तराखंड के चार पवित्र शहरों-यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को हर मौसम में चालू रहने वाली सड़क सुविधा प्रदान करना है।

इस परियोजना के तहत 900 किलोमीटर लम्बी सड़क परियोजना का निर्माण हो रहा है।अभी तक 400 किमी सड़क का चौड़ीकरण किया जा चुका है।एक अनुमान के मुताबिक, अभी तक 25 हजार पेड़ों की कटाई हो चुकी है, जिससे पर्यावरणविद नाराज हैं।गैर सरकारी संगठन ‘Citizens for Green Doon’ ने एनजीटी के 26 सितंबर 2018 के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।एनजीटी ने व्यापक जनहित को देखते हुए इस परियोजना को मंजूरी दी थी। एनजीओ का दावा था कि इस परियोजना से इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं हो सकेगी।

राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उपराज्यपालों का 51वां सम्मेलन, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में चौथा सम्मेलन

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उप राज्यपालों के 51वें सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति भवन में राज्यपाल और उपराज्यपाल के 51वें सम्मेलन में भाग लिया।

राज्यपाल और उपराज्यपाल का ये सम्मेलन एक परंपरा है, जो 1949 से चली आ रही है। पहला सम्मेलन 1949 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी ने की थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ये चौथा सम्मेलन है।

राज्यपालों और उपराज्यपालों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हम आज 2 साल के लंबे अंतराल के बाद मिल रहे हैं।कोविड-19 महामारी का सामना करने में विश्व का सबसे व्यापक और प्रभावी अभियान भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाया गया एवं हमारे सभी कोरोना योद्धाओं ने त्याग और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य का निर्वाह समर्पित रूप से किया। आज देश में 108 करोड़ से अधिक कोरोना टीकाकरण किये जा चुके है इसके साथ ही देश भर में टीकाकरण अभियान जारी है।

नैनीताल हाई कोर्ट ने पलटा CBI कोर्ट का फैसला, 13 सितंबर 1992 को गाज़ियाबाद के पूर्व विधायक महेंद्र भाटी हत्याकांड में डीपी यादव बरी

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता डीपी यादव को विधायक महेन्द्र भाटी हत्याकांड में बरी कर दिया। हाई कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के 2015 के फैसले को पलटते हुए यादव को बरी किया है। सीबीआई कोर्ट ने छह साल पहले यादव को दादरी के विधायक रहे महेंद्र भाटी की हत्या के केस में दोषी करार देकर आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी।इस मामले में नैनीताल स्थित हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही थी।भाटी हत्या कांड के मुख्य आरोपी डीपी यादव को हाई कोर्ट ने आज बुधवार को बरी कर दिया। डीपी यादव 1992 के दादरी के पूर्व विधायक महेंद्र भाटी हत्याकांड के मुख्य आरोपी थे और महेंद्र भाटी के बेटे ने आजीवन कारावास की सजा को बढ़ाने की मांग की थी। इधर, सीबीआई ने भी डीपी यादव को 120 बी का मुजरिम बनाया था, जिसको हाई कोर्ट ने नहीं माना है।

13 सितंबर 1992 को गाज़ियाबाद के पूर्व विधायक महेंद्र भाटी की दादरी रेलवे क्रासिंग पर गोलियों से भूनकर हत्या हुई थी। जिसमें पूर्व सांसद डीपी यादव समेत चार लोगों को आरोपी बनाया गया था।पूरे मामले की सीबीआई ने जांच कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई तो 15 फरवरी 2015 में देहरादून में सीबीआई कोर्ट ने सभी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी। तबसे दोषी जेल में बंद हैं, इन सभी ने सीबीआई कोर्ट की सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी है जिस पर हाई कोर्ट ने सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा था।इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और इस साल कोर्ट से डीपी यादव को कई बार बेल भी मिल चुकी थी। लेकिन सीबीआई कोर्ट द्वारा दोषी माने गए अन्य तीन करण यादव, पाल सिंह और परनीत भाटी के संबंध में फैसला आना बाकी है।

 

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में बढ़ोत्तरी, स्थापना दिवस पर की कई अहम घोषणाएं

09 नवंबर को उत्तराखंड के 22वें स्थापना दिवस पर पुलिस लाइन में रैतिक परेड का आयोजन किया गया। परेड की सलामी राज्यपाल लेफ्टि. जनरल(सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने ली। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन में बढ़ोतरी, समेत कई अन्य अहम घोषणाएं की।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन को बढ़ाने की घोषणा की है। कहा कि 3100 पेंशन पाने वाल लाभार्थियों को अब 4500 पेंशन मिलेगी, जबकि 5000 पेंशन पाने वाले आंदोलनकारियों को अब 6000 पेंशन दी जाएगी। कहा कि 2025 तक उत्तराखंड के हर गांव को लिंक मार्गो से जोड़ा जाएगा।

09 नवंबर को उत्तराखंड स्थापना दिवस के मौके पर देहरादून स्थित पुलिस लाइन में आयाेजित रैतिक परेड में संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि 2025 तक उत्तराखंड के प्रमुख प्रत्येक शहरों को हेली सेवा से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सरकार रणनीति बनाकर कार्य कर रही है। उनके अनसुार, उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां उड़ान योजना के तहत हेली सर्विस की शुरूआत की गई है।

  1. राज्य आंदोलन कारियों की पेंशन में वृद्धि, 3100 से बढ़ाकर 4500 रुपये

2.  हर जिले में एक महिला छात्रावास

3. 11 से 18 साल की छात्राओं के लिए निशुल्क स्वास्थय जांच व 104 पर निःशुल्क परामर्श

4. दून व हल्द्वानी में नशामुक्ति केंद्र की स्थापना

5. खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए खेल नीति 2021 जल्द

उत्तराखंड सरकार ने राज्य स्थापना दिवस को उत्तराखंड महोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। यह महोत्सव सप्ताहभर तक गांव से लेकर राजधानी तक चलेगा और इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम होंगे। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मंगलवार शाम को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी शामिल होंगे।

पूर्व सीएम समेत पांच हस्तियों को ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान’ से नवाजेगी उत्तराखंड सरकार

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को सरकार ने ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान-2021’ के लिए पांच हस्तियों के नामों की घोषणा कर दी गई है।सरकार ने पांच अलग-अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए पांच विभूतियों को पुरस्कार के लिए चुना है।पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी को मरणोपरांत उत्तराखंड गौरव सम्मान से नवाज़ा जाएगा, तो लोक गायक नरेंद्र नेगी, प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉन्ड का भी नाम सम्मानित होने वालों में शामिल है। इनके साथ ही, पर्यावरणविद अनिल जोशी और एवरेस्ट बछेंद्री पाल को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा।

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उत्तराखंड के स्थापना दिवस को लेकर भी सरकार ने रूपरेखा तैयार कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल में राज्य स्थापना दिवस को ‘उत्तराखंड महोत्सव’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। महोत्सव के तहत गांव से लेकर राजधानी में 7 दिनों तक विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक आयोजन किए जाएंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर पांच विभूतियों को ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान’ प्रदान के मद्देनजर चयन समिति गठित की गई थी। समिति की संस्तुतियों के आधार पर इस सम्मान के लिए सोमवार को नामों की घोषणा कर दी गई। उत्तराखंड गौरव सम्मान की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस पहल के तहत विभिन्न क्षेत्रों के पांच प्रतिष्ठित लोगों को यह पुरस्कार दिया जाएगा।

उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी को मरणोपरांत यह सम्मान प्रदान किया जाएगा। प्रदेश के विकास में पंडित तिवारी के योगदान को देखते हुए उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है।प्रसिद्ध लेखक रस्किन बांड को साहित्य, पद्मभूषण डा अनिल प्रकाश जोशी को पर्यावरण, पर्वतारोही बछेंद्री पाल को साहसिक खेल और लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इस सम्मान के लिए चयनित किया गया है। गौरतलब है कि पर्यावरणविद् डा जोशी को सोमवार को ही दिल्ली में पद्मभूषण से नवाजा गया था।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड महोत्सव के अंतर्गत प्रतिवर्ष पांच व्यक्तियों को दिया जाने वाला उत्तराखंड गौरव सम्मान, विभिन्न क्षेत्रों में राज्य को पहचान दिलाने वालों का सम्मान है। यह सम्मान प्रेरणा का कार्य भी करेगा।

सीएम धामी ने कहा कि राज्य जब अपना 25वां स्थापना दिवस मनाएगा, तो उसका उल्लेख आदर्श उत्तराखंड के रूप में होगा। गौरतलब है कि इससे पहले अपने दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अगला दशक उत्तराखंड के नाम होने की बात कही थी। माना जा रहा है कि ये बयान बीजेपी की अगले कुछ सालों के लिए चुनावी रणनीति के ही ​हिस्से हैं।