भाजपा से निष्कासित होने के बाद हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस बनाएगी सरकार, कांग्रेस के लिए अब पूरी तन-मन से काम करेंगे

भाजपा ने हरक सिंह रावत को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है। इसको लेकर हरक सिंह रावत का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने इतना बड़ा फैसला लेने से पहले एक बार भी उनसे बात तक नहीं की। उन्होंने ये भी साफ किया कि अगर मैं कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल न हुआ होता तो चार साल पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे चुका होता।

हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस ही सरकार बनाएगी। रावत ने कहा कि वह कांग्रेस के लिए अब पूरी तन-मन से काम करेंगे। रावत के अनुसार, आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत पक्की है। बीजेपी ने हरक को रविवार देर रात पार्टी से निष्कासित कर अंतिम समय में ही सही सरकार से बर्खास्त कर उनके बगावती तेवरों से हो रहे नुकसान की भरपाई करने का प्रयास किया है।

उन्होंने पार्टी के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ये फैसला लेने से पहले मुझसे बात तक नहीं की गई है। उन्होंने ये भी कहा कि मुझे मंत्री बनने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है। मैं सिर्फ काम करना चाहता हूं।

भाजपा सरकार में हरक सिंह रावत पहले ही दिन से असहज नजर आ रहे थे।  लेकिन अंतिम साल में उन्होंने अपने बयानों और मेल मुलाकातों से भाजपा को ही असहज करके रखा हुआ था। अब चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरु होने से चंद घण्टे पहले उनकी कांग्रेस में वापसी की प्रबल संभावना को देखते हुए आखिरकार भाजपा को आखिरकार उनसे अपने रिश्ते फिर से परिभाषित करने पड़ गए हैं।

कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत पिछले पाँच सालों से बार बार भारतीय जनता पार्टी के अनुशासन की मखौल उड़ा रहे थे। यही कारण रहा कि अब कांग्रेस में जाने की चर्चाओं के बीच भाजपा को उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा। दरअसल डॉ हरक सिंह रावत पिछले पांच सालों में कई बार पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर चुके थे। डॉ हरक सिंह रावत को लेकर भाजपा के ग्रास रुट कार्यकर्ताओं में पहले से ही नाराजगी थी। उनके साथ ही कॉंग्रेस से आये नेताओ को पार्टी में ज्यादा ही तवज्जो दिए जाने से पार्टी में अंदरखाने खासी नाराजगी थी।

आम कार्यकार्ता बाहर से आए नेताओं को कभी भी तवज्जो नहीं चाहते थे। इसके बावजूद डॉ हरक सिंह रावत और उनके सहयोगी पार्टी को पांच सालों तक चलाते रहे। भाजपा नेतृत्व ने हर सम्भव कोशिश की की हरक सिंह रावत को पार्टी से जोड़ा रखा जाए लेकिन अब पानी सर से ऊपर होने और उनके कांग्रेस में शामिल होने के निर्णय के बाद पार्टी को उनके खिलाफ कदम उठाना पड़ा।
बहू के लिए टिकट मांग दिखा रहे थे बागी तेवर
लैंसडोन से बहू अनुकृति गुसाईं के लिए टिकट की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत लगातार बागी तेवर अपनाए हुए थे। भाजपा कोर कमेटी की बैठक में पहुंचने की बजाय दिल्ली के चक्कर काट रहे थे। पार्टी पर लगातार दबाव बनाए हुए थे। हरक सिंह रावत हमेशा दबाव की राजनीति के लिए जाने जाते रहे हैं।वह भाजपा पर लगातार हर बार किसी न किसी चीज के लिए दबाव बनाए हुए थे। पहले उन्होंने कोटद्वार मेडिकल कालेज के नाम पर कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने की धमकी देकी र भाजपा को असहज किया।

भाजपा का कड़ा संदेश
भाजपा के इस फैसले के अनुशासन के लिहाज से कड़ा संदेश माना जा रहा है। पिछले काफी समय से हरक बगावती तेवर अपनाए हुए थे। पिछले दिनों कैबिनेट बैठक में इस्तीफे की धमकी दे चुके रावत लगातार कांग्रेस नेताओं के संपर्क में भी थे। हरक के आगे हर बार घुटने टेकने से खुद भाजपा के भीतर पसंद नहीं किया जा रहा था। हरक को बर्खास्त कर भाजपा ने साफ कर दिया है कि अब वो किसी दबाव में आने वाली नहीं है।

उत्तराखंडः भारतीय जनता पार्टी ने कबीना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को पार्टी से निकाला, मंत्रिमंडल से भी किया बर्खास्त

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने कबीना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत पर बड़ी कार्रवाई की है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह रावत को उत्तराखंड मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल को भेजी है। इसके अलावा बीजेपी ने भी उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया।

भाजपा मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के हवाले से बताया है कि अनुशासनहीनता के कारण डॉ हरक सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित किया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

हरक सिंह रावत ने पार्टी से दो टिकट मांगे थे, पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद पार्टी विरोधी बयानों को लेकर हरक सिंह रावत चर्चा में आ गए थे। हरक सिंह लैंसडाउन से अपनी पुत्र वधू अनुकृति गुसाईं के लिए टिकट की पैरवी कर रहे थे।लैंसडाउन से विधायक दिलीप रावत इसके विरोध में थे, जिस पर पार्टी ने भी हरक सिंह की मांग को मानने से इनकार दिया था।

हरक सिंह रावत के रविवार की शाम दिल्ली जाने और कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा थी। उनके साथ अन्य विधायक की भी दिल्ली में होना बताया जा रहा है, जो कांग्रेस से भाजपा में आए थे।

हरक सिंह रावत कई मौकों पर बगावती तेवर दिखा चुके हैं। वे 2016 में कांग्रेस को छोड़कर ही भाजपा में आये थे। पार्टी में शामिल होने के बाद भी कई बार उनकी नेतृत्व से तकरार देखने को मिली थी।

उत्तराखंड में कोरोना के 3200 नए केस, 3 मौतें, कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 12,349 हो गई

उत्तराखंड में शुक्रवार को भी कोरोना विस्फोट जैसी स्थिति रही।  राज्य में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3200 नए मामले सामने आए। राज्य में इस दौरान 676 मरीज संक्रमण से ठीक हुए हैं। राज्य में तीन लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है। राज्य में सबसे ज्यादा मामले देहरादून में सामने आए हैं। राज्य के पहाड़ी जिलों में कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है और शुक्रवार को 165 मामले अकेले अल्मोड़ा जिले में दर्ज किए हैं।

राज्य में कोरोना के नए मामले आने के बाद सक्रिय कोरोना रोगियों की संख्या बढ़कर 12,349 हो गई है। वहीं संक्रमण दर 11.48 फीसदी पहुंच गया है जबकि रिवकरी दर 92.55 फीसदी दर्ज की गई है। राज्य में शुक्रवार को अल्मोड़ा में 165, बागेश्वर जिले में 38, चमोली में 40, चंपावत में 46, देहरादून में 1030, हरिद्वार में 543, नैनीताल में 494, पौड़ी गढ़वाल में 131, पिथौरागढ़ में 58, रुद्रप्रयाग में 52, टिहरी में 112, ऊधमनगर कोरोना में 429 और उत्तरकाशी में 62 कोरोना के रोगियों की पहचान हुई है। जबकि राज्य में इस दौरान 27,740 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। राज्य में राजधानी कोरोना का बड़ा केन्द्र बना हुआ है।

देहरादून में सक्रिय मरीजों की संख्या पांच हजार पार

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कोरोना के मामले पांच हजार को पार हो गए हैं। जिले में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 5199 पहुंच गई है. वहीं शुक्रवार को ही जिले भर में 1030 नए मामले सामने आए थे।

21 से 40 साल के हो रहे हैं संक्रमित

कोरोना से संक्रमित होने वालों में 21 से 40 साल के युवा शामिल हैं। जिले के डिप्टी एमएस डॉ एनएस खत्री ने मीडिया को बताया कि दून अस्पताल में कोरोना के 36 मरीज भर्ती हैं और इसमें से 20 साल से कम उम्र के सात मरीज, 21 से 40 के 15 और 41 से 60 साल के छह और और 60 से ऊपर के आठ मरीज भर्ती हैं।

पर्वतीय जिलों में बढ़े रहे हैं कोरोना के मामले

राज्य में कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है और अब पहाड़ी जिलों में भी कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. राज्य के अल्मोड़ा जिले में सबसे ज्यादा 165 मामले दर्ज किए गए हैं और शुक्रवार को संक्रमित तीन मौतों में से सिर्फ दो मौतें पौड़ी जिले में हुई हैं।

शुक्रवार को 33596 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए वैक्सीनेशन पर फोकस किया जा रहा है। सैकेंड डोज वालों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में डोज लगाई जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना दिवस पर देश के जवानों को दी बधाई, जानिए आज क्यों मनाया जाता है सेना दिवस

भारतीय सेना आज अपना स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के जांबाज वीर सैनिकों को बधाई दी। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी आज राजधानी दिल्ली में कैंट स्थित करियप्पा ग्राउंड में परेड की सलामी लेंगे।

क्यों 15 जनवरी को मनाया जाता है सेना दिवस                                                                                    15 जनवरी को भारत सेना दिवस मना रहा है। हर साल होने वाले इस आयोजन में देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीरों को याद किया जाता है। 15 जनवरी, 1949 को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ बने थे। करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में हर साल यह दिन ‘आर्मी डे’ के रूप में मनाया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘‘भारतीय सेना के जवान दुर्गम इलाकों में सेवाएं देते हैं और राष्ट्रीय आपदा समेत उन्होंने कहा, ‘‘खासकर साहसी जवानों, सम्मानीय सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों और उनके परिवारों को सेना दिवस की शुभकामनाएं। भारतीय सेना को उसकी बहादुरी और पेशेवर रवैये के लिए जाना जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा में उसके अतुलनीय योगदान को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।’’

प्राकृतिक आपदाओं में भी भारतीय जवान नहीं रहते पीछे

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय सेना के जवान प्रतिकूल इलाकों में सेवा करते हैं और प्राकृतिक आपदाओं सहित मानवीय संकट के दौरान साथी नागरिकों की मदद करने में सबसे आगे हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि विदेशों में भी शांति अभियानों में सेना के शानदार योगदान पर भारत को गर्व है।

तीनों सेना प्रमुखों ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की

सेना दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (सेना), एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (वायु सेना) और एडमिरल आर हरि कुमार (नौसेना) ने भी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

अमित शाह ने भी सेना दिवस की दी शुभकामनाएं

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर ट्वीट करते हुए कहा कि ‘भारतीय सेना के बहादुर जवानों, पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों को थल सेना दिवस की शुभकामनाएं। मातृभूमि की रक्षा में सदैव तत्पर वीर सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य व सर्वोच्च बलिदान को नमन करता हूं। देश के प्रति आपकी निःस्वार्थ सेवा,समर्पण व प्रतिबद्धता हर भारतीय हेतु प्रेरणास्रोत है’।

परेड में दिखेगी सेना की नई कॉम्बेट यूनिफार्म

करियप्पा ग्राउंड में होने वाली परेड में पहली बार भारतीय सैनिकों की नई कॉम्बेट यूनिफार्म की झलक देखने को मिलेगी। डिजिटल पैटर्न पर NFIT द्वारा तैयार की गई इस यूनिफार्म को ही सैनिक युद्ध के मैदान और ऑपरेशनल एरिया में पहना करेंगे।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जलपाईगुड़ी में गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस के दुर्घटना स्थल का दौरा किया, मरने वालों की संख्या बढ़कर 9 हुई

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के मयनागुड़ी स्थित दोमहनी के पास गुरुवार शाम पांच बजे के करीब बीकानेर एक्सप्रेस की 12 बोगियां बेपटरी होने से मरने वालों की संख्या अब 9 पहुंच गई है। इस हादसे में चार-पांच बोगी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जलपाईगुड़ी में गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस के दुर्घटना स्थल का दौरा किया। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जांच शुरू कर दी गई है। प्रधानमंत्री लगातार इसकी निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह लगातार प्रधानमंत्री को जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह दुर्घटना स्थल पर इसलिए आए हैं ताकि मामले के मूल कारण का पता चले और इस तरह की घटना की कभी पुनरावृत्ति न हो।

प्रधानमंत्री ने बंगाल की सीएम से ली हादसे की जानकारी                                                          प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत कर घटना की जानकारी ली थी। वहीं, मुख्यमंत्री ममता ने अधिकारियों को घायलों को जल्द से जल्द उपचार मुहैया कराने का निर्देश दिया था। जानकारी के अनुसार अंधेरा व घने कोहरे की वजह से राहत व बचाव कार्य में मुश्किल आई। एनडीआरएफ की दो टीमों को इसमें तैनात किया गया था।

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में बीकानेर-गुवाहाटी ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस रेल हादसे में 31 लोगों के घायल होने की सूचना है। गुरुवार को शाम करीब पांच बजे बीकानेर से गुवाहाटी जा रही इस एक्सप्रेस ट्रेन के करीब 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इससे पहले उत्तर बंगाल के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) डीपी सिंह ने कहा था कि कुछ यात्री देर रात तक बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के दो डिब्बों के अंदर फंसे हुए थे। हालांकि, उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।

केंद्रीय मंत्री जॉन बारला ने नौ यात्रियों के मरने की सूचना दी है। उन्होंने कहा, ”बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है। बचाव कार्य समाप्त हो गया है।

36 घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। यात्रियों को विशेष ट्रेन से गुवाहाटी भेजा गया। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है, जिला अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।

इस हादसे में कम से कम 40 अन्य घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। सात यात्रियों की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें सिलीगुड़ी के उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।

इस बीच केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के आज सुबह करीब नौ बजे न्यू मयनागुरी में दुर्घटनास्थल पर पहुंचने की संभावना है। वह गुरुवार देर रात हावड़ा पहुंचे और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक विशेष ट्रेन से उत्तर बंगाल के लिए रवाना हुए।

जलपाईगुड़ी जिले की जिला मजिस्ट्रेट मौमिता गोदारा बसु ने कहा, “आठ लोग मारे गए हैं। सात यात्रियों की हालत नाजुक बचाव कार्य पूरा कर लिया गया है और पटरियों की मरम्मत का काम जारी है। विशेष ट्रेनों और बसों की व्यवस्था की गई ताकि शेष यात्री अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।”

प्रधानमंत्री ने इससे पहले स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने दुर्घटना में मारे गए लोगों के लिए अनुग्रह राशि बढ़ाने की भी घोषणा की। रेल मंत्री अश्विणी वैष्ण आज घटनास्थल पर जाएंगे। इसकी जानकारी उन्होंने कल खुद दी थी।

रेल हादसे में मुआवजे की घोषणा
भारतीय रेलवे ने डोमोहानी के पास हुई इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों के लिए 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। वहीं गंभीर रूप से घायलों को एक लाख रुपए और जिन्हें कम चोटें आई हैं, उन्हें 25 हजार रुपए की आर्थिक मदद की जाएगी।आपको बता दें घायलों को जलपाईगुड़ी जिला अस्पताल और न्यू मोइनागुडी जिला अस्पताल ले जाया गया था।

एऩडीआरएफ और बीएसएफ ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने जलपाईगुड़ी जिले में गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस (15633) के कई डिब्बे पटरी से उतरने के बाद फंसे यात्रियों को बचाने के लिए दो टीमों के साथ रेक्स्यू ऑपरेशन चलाया जो देर रात करीब 2:30 बजे तक चली। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बीएसएसफ को भी मदद के लिए मौके पर भेजा गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरुवार को  मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे, कोरोना के हालातों की होगी समीक्षा

देश में कोरोना के बढ़ते मामले के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरुवार को कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ शाम 4.30 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक करेंगे। इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।  मुख्यमंत्रियों से कोविड-19 के पैदा हुई नई परिस्थितियों पर वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा करेंगे। बैठक में राज्यों में कोरोना की स्थिति पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते रविवार को उच्‍चाधिकारियों के साथ एक बैठक की थी और महामारी से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया था।

देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर बेकाबू होती जा रही है। कोरोना संक्रमण के आज रिकार्ड मामले सामने आए हैं। बीते 24 घंटे में कोरोना के लगभग ढाई लाख मामले दर्ज किए गए हैं। इस दौरान 84,825 लोग ठीक भी हुए हैं। कोरोना की तीसरी लहर में पहली बार कोरोना के नए मामले दो लाख से ज्यादा आए हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बीते 24 घंटे में कोरोना के कुल 2,47,417 नए मामले आए हैं। इसके साथ ही देश में अब एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 11,17,531 हो गई है। वहीं, देश में दैनिक पाजिटिविटी रेट अब 13.11% हो गया है।

पीएम मोदी ने  बुलाई सीएम की बैठक, क्या फिर से लॉकडाउन लगेगा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद देश में प्रतिबंधों को और कड़े किए जा सकते हैं। संभवत: इस बैठक में लॉकडाउन पर भी विचार किया जा सकता है। लेकिन अंतिम निर्णय पीएम मोदी ही ले सकेंगे। नई दिल्ली, महाराष्ट्र ,पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं।

बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना
इस बैठक के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर, आईसीयू (ICU), पीएसए संयत्र, ऑक्सीजन बेड, आईटी हस्तक्षेप, मानव संसाधन, और टीकाकर की स्थिति पर समीक्षा की जा सकती है।

संसद भवन के 718 कर्मचारी कोरोना संक्रमित
सूत्रों के अनुसार अब तक संसद भवन के 718 कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। खतरे को देखते हुए अब संसद के दोनों सदनों को शिफ्ट में बुलाने पर विचार किया जा रहा है। दोनों सचिवालयों को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें प्रस्ताव दिया गया है कि संसद के बजट सत्र के आगामी पहले भाग में सदनों को शिफ्ट के हिसाब से चलाया जाए।

उत्तराखंड में एक दिन में मिले 2915 नए मरीज

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ती ही जा रही है। बुधवार को राज्य में 2915 नए मरीज मिले और तीन संक्रमितों की मौत हो गई। राज्य में कोरोना संक्रमण की दर 11.29 प्रतिशत के चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है। इससे पहले राज्य में 26 मई 2021 को 2991 नए मरीज मिले थे। तब के बाद से राज्य में बुधवार को एक दिन में सबसे अधिक मरीज मिले हैं।

स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार बुधवार को देहरादून में सर्वाधिक 1361, नैनीताल में 424, हरिद्वार में 374, यूएस नगर में 217, अल्मोड़ा में 85, बागेश्वर में 34, चमोली में 27, चम्पावत में 119, पौड़ी में 131, पिथौरागढ़ में 70, रुद्रप्रयाग में नौ, टिहरी में 63 और उत्तरकाशी में एक व्यक्ति में कोरोना संक्रमण पाया गया है।

एम्स ऋषिकेश में एक, नैनीताल में एक जबकि पौड़ी के कोटद्वार अस्पताल में एक मरीज की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कुल मरीजों की संख्या तीन लाख 57 हजार 219 हो गई है। जबकि अभी तक कुल 7433 मरीजों ने कोरोना संक्रमण के बाद अपनी जान गंवाई है। बुधवार को राज्य के विभिन्न अस्पतालों व होम आईसोलेशन से 1335 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया जिससे एक्टिव मरीजों की संख्या 8018 हो

उत्तराखंड में कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपध्याय को चुनाव संबंधित समितियों समेत सभी पदों से हटाया गया , बीजेपी नेताओं से संपर्क का आरोप 

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव शुरू होते ही राजनीतिक गहमा गहमी तेज हो गई।उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पर कार्रवाई की गई है। पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को सभी पदों से हटा दिया है। उनको लेकर पिछले कुछ दिनों से बीजेपी नेताओं के संपर्क में होने की चर्चाएं चल रही थीं। किशोर उपाध्याय पिछले कई दिनों से बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं। इसके लिए उन्हें पार्टी की तरफ से लगातार कई वॉर्निंग भी दी गई थी। बावजूद इसके वो अभी भी बीजेपी नेताओं से मिल रहे थे।

प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने चार जनवरी की रात भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार से मुलाकात की थी। इस दौरान वहां केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी भी मौजूद थे। इस मुलाकात के बाद किशोर उपाध्याय के भाजपा में जाने की चर्चाएं तेज हो गईं थीं।

किशोर उपाध्याय ने अटकलों को किया खारिज हालांकि किशोर उपाध्याय ने बीजेपी में जाने की खबरों को सिर्फ अफवाह करार दिया था और इन्हें खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वो अपने वनाधिकार आंदोलन को लेकर अलग-अलग नेताओं से मुलाकात कर रहे थे, क्योंकि वह चाहते थे कि उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव पहाड़ी राज्य की चिंताओं पर लड़ा जाए।

किशोर उपाध्याय ने कहा था कि ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं दिया जाए कि मैं बीजेपी में जा रहा हूं। भले ही किशोर उपाध्याय ने इन खबरों को खारिज कर दिया हो, लेकिन चुनावी मौसम में भाजपा नेताओं के साथ उनकी मुलाकात राज्य के सियासी पारे को बढ़ा चुकी है।

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और पूर्व सीएम हरीश रावत के बीच भी कई तरह के मतभेद चल रहे थे। उनकी गतिविधियों को देखते हुए बुधवार को कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को चुनाव संबंधित समितियों समेत सभी पदों से हटा दिया है। इस संबंध में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने आदेश जारी कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस के भीतर हलचल तेज हो गई है।संगठन की ओर से भी पार्टी के प्रति निष्ठा से काम न करने वालों को सचेत कर दिया गया है।

उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने बागी तेवर दिखाकर पहले ही कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा चुके हैं। पिछले महीने हरीश रावत ने ट्विटर पर लगातार कई सारे ट्वीट किए थे, जिसमें उन्होंने बागी तेवर दिखाए थे। हालांकि बाद में उन्होंने अपने ट्वीट पर सफाई दी थी और कहा था कि वो कांग्रेस में ही हैं और रहेंगे। हालांकि हरीश रावत के ट्वीट को लेकर ये भी कहा गया था कि वो राजनीति से संन्यास ले सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में कमेटी का गठन किया, पूर्व जस्टिस इंदू मल्होत्रा के नेतृत्व में समिति करेगी जांच

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान हुई सुरक्षा में चूक पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। कोर्ट ने जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है। ये कमेटी पूरी मामले की जांच करेगी। पांच सदस्यीय कमेटी में NIA के डीजी, पंजाब के डीजी सिक्योरिटी जांच कमेटी में शामिल। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भी कमेटी में शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक तरफा जांच के आरोपों को दूर करने के लिए जांच समिति बनाई गई है।

पंजाब सरकार और गृह मंत्रालय दोनों ने मामले की जांच के लिए अपनी-अपनी कमेटी बनाई थी, दोनों ने ही एक दूसरे की जांच पर भरोसा नहीं होने की बात कही थी।

सुप्रीम कोर्ट ने अभी अपने आदेश में समय सीमा तय नहीं की है। कोर्ट ने कहा है कि समिति जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी ये अध्ययन करेगी कि सुरक्षा में चूक का मूल कारण क्या था? सुरक्षा को और अभेद्य बनाने के लिए और कौन कौन से उपाय किए जा सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पीएम की सुरक्षा में चूक की हाई लेवल जांच होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पीएम की सुरक्षा खामियों की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज द्वारा कराई जाएगी।

5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले उस समय फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट के लिए फंसा रहना पड़ा था जब वह फिरोजपुर जा रहे थे और रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोक लिया था। 15-20 मिनट इंतजार करने के बावजूद जब स्थिति नहीं सुधरी तो पीएम मोदी के काफिले को वापस लौटना पड़ा था।

कोरोना के बढ़ते मामले को देख हरिद्वार जिला प्रशासन का बड़ा फैसला, हरिद्वार में मकर संक्रांति स्नान पर पाबंदी, 24 घंटे में उत्तराखंड में 1,292 कोरोना संक्रमित नए मामले

एक तरफ कोरोना के बढ़ते मामले और एक तरफ भारतीय तीज त्योहार। व्यवस्था भी बनाना है और लोगों की भावनाओं को खयाल भी रखना है। कुछ ऐसी ही स्थिति में इस समय उत्तराखंड की सरकार है। हरिद्वार में हर साल संक्रांति पर हर कोई गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाना चाहता है। यही कारण है कि देशभर से लोग संक्राति के मौक पर गंगा स्नना के लिए आते हैं।

हरिद्वार जिले में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। रोजाना बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं। लिहाजा जिला प्रशासन की ओर से पूरी सतर्कता बरती जा रही है। 14 जनवरी मकर संक्राति पर बड़ी संख्या में स्थानीय और दूसरे राज्यों के श्रद्धालु गंगा स्नान को पहुंचते हैं। कोरोना की तीसरी लगहर और संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने सोमवार शाम आदेश जारी कर मकर संक्राति स्नान को प्रतिबंधित कर दिया है।

कोरोना वायरस महामारी देश में अब तेजी से पैर पसार रही हैं, इसी के मद्देनजर एहतियात के तौर पर उत्तराखंड की हरिद्वार जिला प्रशासन ने बड़ी घोषणा की है। हरिद्वार के डीएम विनय शंकर ने मंगलवार को बताया कि हरिद्वार जिला प्रशासन ने 14 जनवरी को ‘मकर संक्रांति’ पर पवित्र स्नान करने वाले भक्तों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

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हरकी पैड़ी क्षेत्र में श्रद्धालु और स्थानीय नागरिकों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। दूसरे जिले और राज्यों से आने वाले श्रद्धालु को किसी भी स्थिति में अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने बताया कि इसका उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। बताया कि जिले में रात्रि कर्फ्यू रात दस बजे से सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने अधीनस्थों को आदेशों का कड़ाई से पालन कराने को कहा है।

उत्तराखंड में 24 घंटे में कोरोनावायरस के 1,292 नए मामले सामने आए हैं। वहीं इस वायरस की चपेट में आकर 5 लोगों की जान चली गई है, जबकि 294 लोग पूरी तरह से ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं। इस संख्या के बाद उत्तराखंड में कोविड सक्रिय मामलों का नंबर 5009 तक पहुंच गया है। राज्य में कोरोना पॉजिटिविटी दर 7.57 प्रतिशत है।ओमीक्रोन के खतरे के बीच कोरोना के ये आंकड़े काफी चिंताजनक है।

कोरोना संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक, कोरोना के हालात की होगी समीक्षा

पिछले कुछ दिनों में कोरोना के नए मामलों में तेजी से उछाल आया है। देश में अब कोरोना संक्रमण की स्थिति विस्फोटक हो चुकी है। कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार भी लगातार नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी आज सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में कोरोना संक्रमण के ताजा हालातों को लेकर चर्चा होगी। ये बैठक दोपहर चार बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश में कोरोना महामारी की स्थिति की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। प्रधानमंत्री ने देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति की समीक्षा बैठक में ओमिक्रॉन वैरिएंट के चलते बढ़ रहे कोविड मामलों के मद्देनजर तैयारियों पर विशेष ध्यान दिए जाने का निर्देश दिया।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि समीक्षा बैठक के दौरान, पीएम मोदी ने जिला स्तर पर पर्याप्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से इस संबंध में राज्यों से समन्वय बनाए रखने को कहा।

पीएम ने मिशन मोड में किशोरों के लिए वैक्सीन अभियान को और तेज करने का आग्रह किया। पीएम ने निर्देश दिया कि जिन जोन में ज्यादा मामले पाए जा रहे हैं वहां गहन नियंत्रण और सक्रिय निगरानी जारी रहनी चाहिए और वर्तमान में उच्च मामलों की रिपोर्ट करने वाले राज्यों को आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान की जानी चाहिए।

बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश-विदेश में ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण कोरोना के बढ़ते मामलों की जानकारी दी। उन्होंने इस वैरिएंट की संक्रामकता और गंभीरता को लेकर दुनिया भर के अनुभवों को भी साझा किया।

24 घंटे में कोरोना के नए मामलों में कमी देखने को मिली है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सोमवार को कोरोना के 1,68,063 नए मामले सामने आए हैं जबकि 9 जनवरी को 1 लाख 79 हजार 723 नए मामले सामने आए थे। देश में कोरोना के एक्टिव मरीज बढ़कर 8,21,446 हो गए हैं।