भाजपा के वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया, विधायकों को दिलाएंगे शपथ

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने नये विधानसभा अध्यक्ष के चयन की कार्यवाही होने तक कालाढूंगी से भाजपा विधायक बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। विधानसभा प्रभारी मुकेश सिंघल ने आदेश से सम्बंधित अधिसूचना जारी की।

उत्तराखंड में वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। भगत पांचवी विधानसभा के लिए चयनित हुए विधायकों को शपथ दिलाने के लिए। जिसके आदेश जारी कर दिए गए है। बता दें कि  राजभवन के निर्देश पर विधानसभा सचिवालय की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं।बंशीधर भगत प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ लेने के बाद सभी नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। इसके साथ ही उत्तराखंड की नई विधानसभा का गठन हो जाएगा।

प्रोटेम स्पीकर का काम नए सदस्यों को शपथ दिलाना और स्पीकर (विधानसभा अध्यक्ष) का चुनाव कराना होता है। सबसे सीनियर मोस्ट विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। विधानसभा सचिवालय की तरफ से राज्यपाल को सीनियर मोस्ट विधायकों के नाम भेजे जाते हैं और राज्यपाल उनसे से एक सीनियर मोस्ट विधायक को चुनता है। ये राज्यपाल का विशेषाधिकार है कि वो किसे चुने। इस बार राज्यपाल ने नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी की जिम्मेदारी भगत को सौंपी गई है। भगत ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद कैबिनेट मंत्री के रूप में 2022 के चुनाव में सातवीं बार कालाढूंगी से इस बार भी जीत दर्ज की है।

उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए विगत 14 फरवरी को चुनाव हुए थे। 10 मार्च को चुनाव नतीजे आने के बाद बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पाया और सरकार बनाने की तैयारियों में जुट गई है। चर्चा है कि होली के बाद नई सरकार का गठन होगा। बीजेपी की सत्ता में जोरदार वापसी के बाद जहां मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलों का दौर जारी है, वहीं नई कैबिनेट में शामिल होने वाले चेहरों को लेकर भी चर्चा का दौर शुरू हो गया है।

होली के बाद होगा उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री का ऐलान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक बोले- 20 मार्च को होगा शपथ ग्रहण

उत्तराखंड में बीजेपी विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद अब नए मुख्यमंत्री की तलाश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी नेतृत्व होली के बाद अगले मुख्यमंत्री को लेकर घोषणा करेगा।सूत्रों ने बताया कि19 मार्च को विधायक दल की मीटिंग बुलाई जाएगी, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर आधिकारिक मुहर लग जाएगी और फिर 20 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह होगा।

उत्तराखंड बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का दिल्ली पहुंचना भी शुरू हो चुका है। शनिवार को सबसे पहले कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज दिल्ली रवाना हुए। इसके बाद देर शाम कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी दिल्ली पहुंच गए। सूत्रों के अनुसार दोनों की दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात हुई है। वहीं केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने राष्ट्रीय महासचिव-संगठन बीएल संतोष से मुलाकात की।

उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक ने इन सभी चर्चाओं पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि “प्रदेश के नए सीएम के नाम पर 20 मार्च तक फैसला होगा। बीजेपी संगठन द्वारा नवनिर्वाचित विधायकों को होली के बाद देहरादून में रहने का निर्देश दिया गया है।”

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, शीर्ष नेतृत्व किसी विधायक को ही मुख्यमंत्री बनाए जाने के पक्ष में है, जिसमें से पहला नाम कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और दूसरा नाम में धन सिंह रावत का है। दोनों ही नाम अगले मुख्यमंत्री के तौर पर राजनीतिक गलियारों में तैर रहे हैं, लेकिन सबकी निगाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा की पसंद पर टिकी हुई हैं, क्योंकि अंतिम फैसला उन्हें ही करना है।

उत्तराखंड में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में कुल 70 विधानसभा सीटों में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसके साथ एक बार फिर पूर्ण बहुमत हासिल कर ली है। हालांकि पार्टी के मौजूदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद खटीमा सीट से चुनाव हार गए। जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल से मिलकर सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में बीजेपी में सूबे के मुख्यमंत्री को लेकर मंथन का दौर चल रहा है।

उत्तराखंड का लोकपर्व फूलदेई उत्सव आज से शुरू, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मनाया फूलदेई पर्व

उत्तराखंड में आज से फूलदेई का उत्सव शुरू हो गया है।उत्तराखंड में फूल संक्रांति फूलदेई पर्व उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सोमवार को चैत की संक्रांति के मौके पर राज्‍यभर में यह पर्व मनाया जा रहा है। देहरी पूजन के लिए बच्‍चे घर-घर पहुंच रहे हैं।

उत्तराखण्ड यूं तो देवभूमि के नाम से दुनिया भर में जाना जाता है, इस सुरम्य प्रदेश की एक और खासियत यह है कि यहां के निवासी बहुत ही त्यौहार प्रेमी होते हैं। जटिल परिस्थितियों, रोज एक नई परेशानी से रुबरु होने, जंगली जानवरों के आतंक और दैवीय आपदाओं से घिरे रहने के बाद भी यहां के लोग हर महीने में एक त्यौहार तो जरुर ही मना लेते हैं। इनके त्यौहार किसी न किसी रुप में प्रकृति से जुड़े होते हैं। प्रकृति ने जो उपहार उन्हें दिया है, उसके प्रति आभार वे अपने लोक त्यौहारों में उन्हें अपने से समाहित कर चुकाने का प्रयास करते हैं।

इसी क्रम में चैत्र मास की संक्रान्ति को फूलदेई  के रुप में मनाया जाता है, जो बसन्त ऋतु के स्वागत का त्यौहार है। इस दिन छोटे बच्चे सुबह ही उठकर जंगलों की ओर चले जाते हैं और वहां से प्योली/फ्यूंली, बुरांस, बासिंग आदि जंगली फूलो के अलावा आडू, खुबानी, पुलम के फूलों को चुनकर लाते हैं और एक थाली या रिंगाल की टोकरी में चावल, हरे पत्ते, नारियल और इन फूलों को सजाकर हर घर की देहरी पर लोकगीतों को गाते हुये जाते हैं और देहरी का पूजन करते हुये गाते हैं-

फूल देई, छम्मा देई,

देणी द्वार, भर भकार,

ये देली स बारम्बार नमस्कार,

फूले द्वार……फूल देई-छ्म्मा देई।

फूलदेई छम्मा देई, दैणी द्वार भर भकार। यानी यह देहरी फूलों से सजी रहे। घर खुशियों सेली भरा हो। सबकी रक्षा हो। अन्न के भंडार सदैव भरे रहे। सोमवार (आज) को चैत की संक्रांति है। उत्तराखंड में इसे फूल संक्रांति के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन घरों की देहरी को फूलों से सजाया जाता है। घर-मंदिर की चौखट का तिलक करते हुए ‘फूलदेई छम्मा देई’ कहकर मंगलकामना की जाती है। यह सब करते हैं घर व आस-पड़ोस के बच्चे। जिन्हें फुलारी कहा गया है। फुलारी यानी जो फूल लिए आ रहे हैं।

उत्तराखंड में आज से फूलदेई का उत्सव शुरू हो गया है। सुबह-सुबह ही बच्चे हाथों में फूलों की टोकरी लेकर लोगों के घरों की देहरी में फूल डालने निकल पड़े हैं। राजधानी में कुछ बच्चे सीएम आवास पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में बच्चों के साथ उत्तराखंड का लोकपर्व फूलदेई मनाया।

पुष्कर सिंह धामी ने बच्‍चों के साथ मनाया लोकपर्व
मुख्यमंत्री ने प्रकृति का आभार प्रकट करने वाले फूलदेई पर्व की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी और प्रदेश की सुख- समृद्धि की कामना की। उन्होंने अपने आवास पर पहुंचे बच्चों को उपहार भेंट किये। शशिभूषण मैठाणी एवं पर्वतीय संस्कृति संरक्षण समिति के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि फूलदेई उत्तराखंड की संस्कृति एवं परंपराओं से जुड़ा प्रमुख पर्व है। कहा कि किसी भी राज्य की संस्कृति एवं परंपराओं की पहचान में लोक पर्वों की अहम भूमिका होती है। हमें अपने लोक पर्वों एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने की दिशा में लगातार प्रयास करने होंगें।

चैत्र की संक्रांति से पूरे माह तक बच्चे घरों और मंदिरों की देहरी पर रंग-बिरंगे फूलों को बिखरेंगे। भारतीय सनातन संस्कृति में प्रत्येक संक्रांति को पर्व के रूप में मनाया जाता है, लेकिन चैत्र संक्रांति के दिन प्रकृति संरक्षण को समर्पित फूल देई का पर्व मनाने की परंपरा है। फूलों का यह पर्व पूरे मास चलेगा।

लोकगीतों में मिलती है पर्व की छलक

फूलदेई की झलक लोकगीतों में भी दिखती है। उत्तराखंडी लोकगीतों का फ्यूजन तैयार करने वाले पांडवाज ग्रुप ने फुल्वारी गीत में फुलारी को सावधान करते हुए लिखा है- चला फुलारी फूलों को, सौदा-सौदा फूल बिरौला। भौरों का जूठा फूल ना तोड्या। म्यारयूं का का जूठा फूल ना लायां। अर्थात चलो फुलारी, ताजा फूल चुनने चलते हैं। ध्यान रखना भौंरों के जूठे किए व मधुमक्खी की चखे फूलों को न तोडऩा।

लोक पर्व फूलदेई वसंत ऋतु के आगमन का संदेश देता है। नौकरी, पढ़ाई व दूसरे वजहों से अलग होते परिवारों में प्रकृति संरक्षक से जुड़े इस पर्व को मनाने की परंपरा पिछले कुछ वर्षों में कम हुई है। विशेषकर नगरीय क्षेत्रों में पर्व अब परंपरा निभाने तक सीमित होता जा रहा है।

उत्तराखंड: कौन बनेगा मुख्यमंत्री, मंथन में जुटी भाजपा, धामी को फिर सौंपी जा सकती है कमान, रेस में कई दिग्गज

विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा अब मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मंथन में जुट गई है। इस सिलसिले में विधायकों का मन टटोलने के लिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पीयूष गोयल को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। माना जा रहा है कि चुनाव हारने के बावजूद कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फिर से पार्टी अवसर दे सकती है।

उत्तराखंड में मोदी-शाह और नड्डा की तिकड़ी मुख्यमंत्री के चुनाव के मामले में किसी भी चेहरे पर दांव लगाकर सबको चौंका सकती है। यह जानते हुए भाजपा में सीएम की कुर्सी के लिए दौड़ शुरू हो गई है। बेशक सीएम पद के लिए कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा है, लेकिन अरमान तकरीबन हर कद्दावर नेता के जोर मार रहे हैं।

भाजपा ने चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल किया है, लेकिन चुनाव में पार्टी का चेहरा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव हार गए। ऐसे में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह प्रश्न राजनीतिक गलियारों में तैर रहा है। साथ ही भाजपा भी मुख्यमंत्री के नाम पर विचार करने में जुट गई है। चर्चा है कि चुनाव हारने के बावजूद धामी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पिछली सरकार में उन्हें कार्य करने को केवल छह माह का ही समय मिल पाया। इस दौरान वह निर्विवादित रहे।

भाजपा पुष्कर सिंह धामी को ही सत्ता की कमान सौंप सकती है। पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री रहते हुए चुनाव हारने के मिथक को नहीं तोड़ पाए। हालांकि उनके चेहरे पर लड़े गए इस चुनाव में भाजपा दो तिहाई बहुमत हासिल करने में कामयाब रही। यही तर्क धामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना के पक्ष में गढ़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट के नाम भी चर्चा में है। माना जा रहा कि अनुभव को तरजीह देने की स्थिति में पार्टी नेतृत्व इनके नाम पर विचार कर सकता है। इसके अलावा कैबिनेट मंत्री रहे सतपाल महाराज, डा धन सिंह रावत के नाम भी चर्चा में चल रहे हैं।
त्रिवेंद्र और धामी के लिए सीट छोड़ने को तैयार
भाजपा के दो नव निर्वाचित विधायकों ने अलग-अलग घोषणा की कि वह अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं। डोईवाला विधानसभा सीट से चुने गए विधायक बृजभूषण गैरोला का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को पार्टी मुख्यमंत्री बनाती है तो वह अपनी सीट उनके लिए खाली कर देंगे। चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने कार्यवाह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट खाली करने का एलान किया।

पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया, नई सरकार के गठन को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज

चुनाव परिणाम आने के बाद अब भाजपा सरकार बनाने की प्रक्रिया में लग गई है, जिसके तहत मुख्यमंत्री धामी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है । राजभवन में राज्यपाल लेफि्टनेंट जनरल गुरमीत सिंह को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि नया जनादेश मिलने और पुरानी सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्होंने राज्यपाल को अपना और अपने मंत्रिमंडल का त्यागपत्र सौंप दिया है ।निवर्तमान सरकार के कैबिनेट सहयोगी, सतपाल महाराज, गणेश जोशी और स्वामी यतीश्वरानंद भी इस दौरान धामी के साथ थे ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को दोपहर 1:30  बजे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह से भेंट कर मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र सौंपा।  पुष्कर सिंह धामी का इस्तीफ़ा स्वीकार करते हुए राज्यपाल ने उनसे राज्य में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति होने एवं पदभार ग्रहण करने की अवधि तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है।

विधानसभा चुनाव परिणाम के अनुसार भाजपा ने 70 में 47 सीटें अपने नाम कर दो तिहाई से ज्यादा बहुमत हासिल किया लेकिन पार्टी को जीत तक ले जाने वाले मुख्यमंत्री धामी स्वयं अपनी सीट बरकरार रखने में विफल रहे । तीसरी बार विधायक बनने का प्रयास कर रहे धामी को खटीमा सीट पर प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष भुवनचंद्र कापडी के हाथों शिकस्त मिली ।

चार राज्यो में जीत के बाद भाजपा उत्साहित, पंजाब में आम आदमी पार्टी को जबरदस्त जनादेश, पीएम मोदी बोले- आज उत्सव का दिन, सोनिया गांधी ने बुलाई मीटिंग

पांच राज्यों के चुनावी रुझान आने के बीच साफ हो गया है कि पंजाब में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप का झाड़ू चल गया है, जबकि उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सत्ता में वापसी रही है। चार राज्यो में जीत के बाद भाजपा उत्साहित है।

पीएम मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि आज उत्सव का दिन है। उन्होंने कहा- “यहां से हम दो पटरियों पर एक साथ तेजी से काम करने वाले हैं। एक तरफ गांव, गरीब, छोटे किसान और लघु उद्यमी के कल्याण पर हमारा जोर है। वहीं दूसरी तरफ देश के संसाधनों, देश की युवाशक्ति को नए अवसर देकर हम आत्मनिर्भरता के मिशन को तेज करना चाहते हैं।

वहीं कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि बहुत ज़ल्द कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाकर इन सभी हार के कारणों और पांचों राज्यों के चुनाव पर एक व्यापक अंतरमंथन कांग्रेस कार्यसमिती करेगी।

जनता ने पांचों राज्यों में स्पष्ट जनादेश दिया है। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ वापसी करते हुए इतिहास रच दी है। 37 साल बाद ऐसा हो रहा है, जब एक सत्ताधारी दल पर जनता ने दोबारा विश्वास जताया हो।

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं। इस बार के चुनाव में कई मिथक टूटे हैं और जनता ने पांचों राज्यों में स्पष्ट जनादेश दिया है। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ वापसी करते हुए इतिहास रच दी है। 37 साल बाद ऐसा हो रहा है, जब एक सत्ताधारी दल पर जनता ने दोबारा विश्वास जताया हो। गोवा में बीजेपी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा करने जा रही है।  उत्तराखंड की बात करें तो राज्य के गठन के बाद से ऐसा पहली बार हो रहा है जब एक ही पार्टी लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने में कामयाब रही हो। पांच में से चार राज्य बीजेपी के नाम रहे हैं।पंजाब में आम आदमी पार्टी  ने जबरदस्त सफलता हासिल की है। सीमावर्ती राज्य में आप का ऐसा झाड़ू चला है कि सभी दिग्गज चित हो गए हैं। एक दशक पहले अस्तित्व में आई पार्टी दिल्ली के बाद अब पंजाब में सरकार बनाने जा रही है।

उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के नतीजे तो आप जान चुके हैं, लेकिन किस राज्य में किस पार्टी को कितनी सीट और कितने प्रतिशत वोट मिले हैं, इसकी फाइनल रिपोर्ट हम आपको एक ही जगह पर बताने जा रहे हैं। भारत निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर सभी सीटों के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। 403 विधानसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में बीजेपी को लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है और मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ की दूसरी बार वापसी होने जा रही है।

यूपी में बीजेपी को 255 सीट, सपा के खाते में 111

इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से सबसे अधिक 255 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे हैं। 111 सीटों के साथ अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर रही है। अपना दल तीसरे नंबर पर है और उसे कुल 12 सीट प्राप्त हुए हैं। जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल के हिस्से में कुल 8 सीटें आई हैं। वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 6 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2-2 उम्मीदवार जीते हैं। मायावाती की बहुजन समाज पार्टी सिर्फ एक सीट पर सिमट कर रह गई है।

अगर वोट शेयर की बात करें तो सबसे अधिक बीजेपी को कुल 41.29 प्रतिशत वोट मिले हैं। समाजवादी पार्टी के मत प्रतिशत में बड़ी बढ़ोतरी हुई है और पार्टी को 32.05 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं। 12.88 फीसदी मतों के साथ तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी है। वहीं आरएलडी को 2.85 और कांग्रेस को 2.33 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा कोई भी दल 1 प्रतिशत भी वोट लेने में सफल नहीं हुआ है।

पंजाब में आम आदमी पार्टी को जबरदस्त जनादेश

पंजाब की जनता ने आम आदमी पार्टी को जबरदस्त जनादेश दिया है। 117 में से आप को कुल 92 सीटों पर जीत मिली है।18 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर कांग्रेस है। प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी भी अपनी सीट नहीं जीत पाए हैं। शिरोमणि अकाली दल के हिस्से सिर्फ 3 सीटें आई हैं और पार्टी के तमाम दिग्गज चुनाव हार गए हैं। बीजेपी पंजाब में दो सीट जीतने में कामयाब रही है। एक सीट पर बहुजन समाज पार्टी और एक पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई है।

पंजाब की जनता ने आम आदनी पार्टी की तरफ एक तरफा मतदान किया है. आप को कुल 42 प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं। कांग्रेस को 22.98 प्रतिशत और शिरोमणि अकाली दल को 18.38 प्रतिशत वोट मिले हैं. बीजेपी 6.6 और बसपा को 1.77 फीसदी मत मिले हैं।

उत्तराखंड में 47 सीटों के साथ बीजेपी की दोबारा वापसी

उत्तराखंड में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं। बीजेपी को 47 सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस के हिस्से 19 सीटें आई हैं। बहुजन समाज पार्टी को दो और 2 सीटों से निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए हैं।

वोट शेयर की बात की जाए तो सबसे अधिक मत बीजेपी के हिस्से आए हैं। पार्टी को 44.33 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट दिया है। कांग्रेस का मत प्रतिशत 37.91 प्रतिशत रहा है। वहीं बीएसपी को 4.82 और आप को 3.31 फीसदी वोट प्राप्त हुए हैं।

मणिपुर में भी बीजेपी को पूर्ण बहुमत

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जीत के बाद पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मणिपुर में पहली बार बीजेपी विशुद्ध बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। पूर्वोत्तर के इस राज्य में बीजेपी 60 में से 32 सीट जीतने में कामयाब रही है। 7 सीट के साथ नेशनल पीपुल्स पार्टी दूसरे नंबर पर ह जबकि 6 सीट जीतकर जनता दल यूनाइटेड तीसरे स्थान पर है। नगा पीपुल्स फ्रंट और कांग्रेस को 5-5 सीट, कुकी पीपुल्स अलायंस को 2 और 3 सीटों पर निर्दल प्रत्याशी जीते हैं।

वोट शेयर की बात करें तो मणिपुर में बीजेपी को 37.83 प्रतिशत मत मिले हैं। नेशनल पीपुल्स पार्टी को 17.29, कांग्रेस को 16.83, जेडीयू को 10.77 और नगा पीपुल्स फ्रंट को 8.09 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए हैं।

गोवा में तीसरी बार बीजेपी सरकार

40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में बीजेपी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। यहां पर पार्टी को कुल 20 सीट प्राप्त हुए हैं। दूसरे नंबर पर रहने वाली कांग्रेस के 11 उम्मीदवार विजयी हुए हैं। 3 निर्दल प्रत्याशी भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी और आप के 2-2, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और गोवंस पार्टी के 1-1 उम्मीदवार चुनाव जीते हैं।

गोवा में बीजेपी को 33.31 प्रतिशत वोट मिले हैं। कांग्रेस को 23.46 फीसदी वोट मिले हैं. आम आदमी पार्टी को 6.77 और टीएमसी को 5.21 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं।

उत्तराखंड में भाजपा को मिला बहुमत दोबारा बनेगी सरकार, देखें किस सीट से कौन जीता? ये रही पूरी लिस्ट

उत्तराखंड में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं। बीजेपी को 47 सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस के हिस्से 19 सीटें आई हैं। बहुजन समाज पार्टी को दो और 2 सीटों से निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए हैं।वोट शेयर की बात की जाए तो सबसे अधिक मत बीजेपी के हिस्से आए हैं। पार्टी को 44.33 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट दिया है। कांग्रेस का मत प्रतिशत 37.91 प्रतिशत रहा है। वहीं बीएसपी को 4.82 और आप को 3.31 फीसदी वोट प्राप्त हुए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के रथ पर सवार होकर भाजपा ने बृहस्पतिवार को दो तिहाई बहुमत के साथ उत्तराखंड में सत्ता में वापसी कर एक नया इतिहास रच दिया।विधानसभा चुनाव के बृहस्पतिवार को घोषित परिणामों में 70 में से 47 सीटों पर विजय पताका फहराने के साथ ही भाजपा ने बहुमत के 36 के जादुई आंकड़े को आसानी से पार करते हुए सत्ता की दौड़ में फिर बाजी मार ली।

सीएम पुष्कर धामी के लिए चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं।

उत्तराखंड विधानसभा सीट पर किस उम्मीदवार ने जीत दर्ज की

सीट जीतने वाले उम्मीदवार पार्टी
अल्‍मोड़ा मनोज तिवारी कांग्रेस
बी.एच.ई.एल. रानीपुर आदेश चौहान बीजेपी
बद्रीनाथ राजेन्द्र सिंह भण्डारी कांग्रेस
बागेश्‍वर चन्‍दन राम दास बीजेपी
बाजपुर यशपाल आर्य कांग्रेस
भगवानपुर ममता राकेश कांग्रेस
भीमताल राम सिंह कैड़ा बीजेपी
चकराता प्रीतम सिंह कांग्रेस
चम्‍पावत कैलाश चन्द्र गहतोड़ी बीजेपी
चौबट्टाखाल सतपाल महाराज बीजेपी
देहरादून कैन्‍टोनमेन्‍ट सविता कपूर बीजेपी
देवप्रयाग विनोद कण्डारी बीजेपी
धनोल्‍टी प्रीतम सिंह पंवार बीजेपी
धरमपुर विनोद चमोली बीजेपी
धारचूला हरीश सिं‍ह धामी कांग्रेस
डीडीहाट विशन सिंह बीजेपी
डोईवाला बृज भूषण गैरोला बीजेपी
द्वाराहाट मदन सिंह बिष्ट कांग्रेस
गदरपुर अरविन्द पाण्डेय बीजेपी
गंगोलीहाट फकीर राम बीजेपी
गंगोत्री सुरेश सिंह चौहान बीजेपी
घनशाली शक्ति लाल शाह बीजेपी
हल्‍द्वानी सुमित हृदयेश कांग्रेस
हरिद्वार मदन कौशिक बीजेपी
हरिद्वार ग्रामीण अनुपमा रावत कांग्रेस
जागेश्‍वर मोहन सिंह बीजेपी
जसपुर आदेश सिंह चौहान कांग्रेस
झबरेड़ा विरेन्द्र कुमार कांग्रेस
ज्वालापुर ई. रवि बहादुर कांग्रेस
कालाढूँगी बंशीधर भगत बीजेपी
कपकोट सुरेश गढ़िया बीजेपी
कर्णप्रयाग अनिल नौटियाल बीजेपी
काशीपुर त्रिलोक सिंह चीमा बीजेपी
केदारनाथ शैला रानी रावत बीजेपी
खानपुर उमेश कुमार निर्दलीय
खटीमा भुवन चन्‍द्र कापड़ी कांग्रेस
किच्छा तिलक राज बेहड़ कांग्रेस
कोटद्वार ऋतु खण्डूड़ी भूषण बीजेपी
लक्‍सर शहजाद बसपा
लालकुवां डा0 मोहन सिंह बिष्ट बीजेपी
लैन्‍सडौन दलीप सिंह रावत बीजेपी
लोहाघाट खुशाल सिंह अधिकारी कांग्रेस
मंगलोर सरवत करीम अंसारी बसपा
मसूरी गणेश जोशी बीजेपी
नैनीताल सरिता आर्या बीजेपी
नानकमत्‍ता गोपाल सिंह राणा कांग्रेस
नरेन्‍द्रनगर सुबोध उनियाल बीजेपी
पौड़ी राजकुमार पोरी बीजेपी
पिरनकलियार फुरकान अहमद कांग्रेस
पिथौरागढ़ मयूख महर कांग्रेस
प्रतापनगर विक्रम सिंह नेगी कांग्रेस
पुरोला दुर्गेश्‍वर लाल बीजेपी
रायपुर उमेश शर्मा काऊ बीजेपी
राजपुर रोड खजान दास बीजेपी
रामनगर दीवान सिंह बिष्ट बीजेपी
रानीखेत प्रमोद नैनवाल बीजेपी
ऋषिकेश प्रेम चन्द अग्रवाल बीजेपी
रूड़की प्रदीप बत्रा बीजेपी
रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी बीजेपी
रुद्रपुर शिव अरोरा बीजेपी
सहसपुर सहदेव सिंह पुण्डीर बीजेपी
सल्‍ट महेश जीना बीजेपी
सितारगंज सौरभ बहुगुणा बीजेपी
सोमेश्‍वर (अ.जा.) रेखा आर्या बीजेपी
श्रीनगर (डॉ) धन सिंह रावत बीजेपी
टिहरी किशोर उपाध्याय बीजेपी
थराली भूपाल राम टम्टा बीजेपी
विकासनगर मुन्ना सिंह चौहान बीजेपी
यमकेश्‍वर रेनू बिष्ट बीजेपी
यमुनोत्री संजय डोभाल निर्दलीय

उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री धामी हारे चुनाव, कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लालकुआं सीट से हारे चुनाव

उत्‍तराखंड में अब तक मिले रुझानों के मुताबिक भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलना तय है। भाजपा को 46 सीट, कांग्रेस को 20 सीटें मिलती दिख रही है।

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव हार गए हैं। खटीमा विधानसभा क्षेत्र के अंतिम राउंड की मतगणना पूरी हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भुवन चंद कापड़ी ने भाजपा के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 6951 मतों से करारी शिकस्त दी। कुल 91325 मतों में से पुष्कर सिंह धामी को 40675 एवं कांग्रेस के भुवन कापड़ी को 47626 वोट मिले।

मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी खटीमा सीट से चुनाव हार गए हैं। वह ऐसे तीसरे मुख्‍यमंत्री बने गए हैं, जो चुनाव हारे हैं। इससे पहले 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार ने बीसी खंड़डूी के नेतृत्‍व में चुनाव लड़ा, लेकिन बीसी खंडूड़ी खुद चुनाव हार गए थे। वहीं, 2017 में कांग्रेस सरकार ने मुख्‍यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्‍व में चुनाव लड़ा लेकिन वह खुद दो सीटों से चुनाव हार गए थे। इस सूची में पुष्‍कर सिंह धामी का नाम भी दर्ज हो गया है।

कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लालकुआं सीट से चुनाव हार चुके हैं। हरीश रावत 14 हजार वोटों से हारे हैं। रावत को बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने हराया है। ये बड़ा राजनीतिक उलटफेर है। हरीश रावत को इस बार भी सीएम का फेस माना जा रहा था हालांकि कांग्रेस ने इसकी घोषणा नहीं की थी। इसके चलते रावत की नाराजगी भी सामने आई थी।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे निर्वाचन आयोग की वेबसाइट eci.gov.in पर देखिए सबसे सटीक आंकड़े

 

 

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के अंतिम नतीजे आज दोपहर बाद तक सामने आ जाएंगे। उत्तराखंड विधानसभा की सभी 70 सीटों के लिए 70 मतगणना केंद्रों पर आज काउंटिग चल रही है। उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान हुआ था। इस बार प्रदेश में सभी 11697 मतदान केंद्रों पर 65 फीसदी से अधिक मतदान के साथ 632 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई थी

उत्तराखंड की जनता ने अगले पांच सालों के लिए अपना प्रथिनिधित्व करने के लिए किस पार्टी को चुना है इसका पता आज चल जाएगा। राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 14 फरवरी को हुए मतदान के लिए वोटों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू हो गई है। राजनीतिक दलों ने ईवीएम में बंद चुनावी नतीजों के सामने आने के बाद बनने वाली संभावित स्थिति के मद्देनजर अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। राज्य में 65 फीसदी से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था।

14 फरवरी को उत्‍तराखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए मतदान हुआ था। राज्‍य में कुल 65.37 प्रतिशत मत पड़े थे। वहीं इन चुनावों में भाजपा ने 60 पार तो कांग्रेस ने बहुमत प्राप्‍त कर सरकार बनाने का दावा किया है।

लोकतंत्र के महापर्व में नतीजों को परवान तक पहुंचाने का काम सात हजार से ज्यादा कर्मचारी करेंगे। निर्वाचन कार्यालय ने सभी 70 विधानसभा सीटों की मतगणना के लिए 70 प्रेक्षक तैनात किए हैं। वहीं, सीआईएसएफ, पीएसी, पुलिस पूरी मतगणना के दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगी।

मतगणना के विश्वनसीय और एकदम सटीक परिणाम आप भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। आप निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर Result Section में जाकर सभी चुनावों का परिणाम देख सकते हैं। आपकी सुविधा के लिए हमने यहां भी लिंक दिया है।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि की आशंका से टंकी फुल कराने के लिए मची होड़, पिछले 24 घंटे में तेल की बिक्री में 15-20% का उछाल

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि की आशंका को देखते हुए में अचानक बिक्री में बढ़ोतरी देखी गई। पेट्रोल पंपों पर सुबह से ही गाड़ियों की लंबी कतार लगने लगी। इसमें सबसे ज्यादा भीड़ बाइक में पेट्रोल डलवाने वालों की है। लोगों के मन में यह डर सता रहा है कि 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद तेल की कीमतों में अचानक से बढ़ोतरी होगी।

रूस-यूक्रेन में छिड़ी जंग के बीच कच्चे तेल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी होने की आशंका है। इसी को देखते हुए जिले में अचानक बिक्री में बढ़ोत्तरी हो गई है। सामान्य दिनों के मुकाबले डेढ़ गुनी तक अधिक बिक्री हो रही है। प्रमुख पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की लंबी कतार लगने लगी। सबसे ज्यादा भीड़ बाइक में पेट्रोल डलवाने वालों की है। अधिकांश लोग होड़ा-होड़ी टंकी फुल करा रहे हैं।

दाम बढ़ने की लग रही अटकलों के बीच पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल और डीजल लेने के लिए लोगों की कतार लगने लगी है। लोग पेट्रोल और डीजल का स्टॉक करने में लगे हैं। रूस व यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ रही है। जिससे लोगों को कीमतें बेतहाशा बढ़ने की चिंता सताने लगी है। पिछले दो दिन में पेट्रोल व डीजल की डेढ़ गुणा बिक्री बढ़ गई है। किसान डीजल का स्टॉक करने में जुटे हैं। आम लोग अपनी वाहनों की टंकी फूल करा रहे है। दरअसल, पिछले दो महीनों से तेल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।

रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध और प्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब तेल की कीमतें बढ़ने की आशंका लोगों को परेशान कर रही है। इसी वजह से पेट्रोल पंपों पर स्टाक में तेल खरीदने वालों की तादाद काफी बढ़ गई है। पेट्रोल पंप संचालक बता रहे हैं कि बिक्री का ग्राफ आने वाले कुछ दिनों में और भी ऊपर जा सकता है।

पेट्रोल और डीजल का दाम प्रति दिन कुछ-कुछ रुपये प्रति लीटर दाम बढ़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। मूल्यों में बढ़ोतरी की आशंका के चलते डिपो से भी पेट्रोल और डीजल की गाड़ी नहीं मिल पा रही है। पेट्रोल से चलने वाले दोपहिया और चारपहिया वाहन चालक भी अब टंकी फुल करवा रहे हैं। तेल कंपनियों की मानें तो पिछले 24 घंटे में तेल की बिक्री में 20 से 30 फीसद उछाल आया है, जो आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकता है।