गढ़वाल यूनिवर्सिटी सहित पूर्वोत्तर के विश्वविद्यालय को मिली इस साल CUET से राहत, इस साल पूर्व की व्यवस्था के तहत होंगे एडमिशन

कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) जुलाई के अंतिम सप्ताह में आयोजित होगा। ये पोस्‍ट ग्रेजुएशन प्रवेश के लिए पहली बार आयोजित होने वाली कंप्यूटर आधारित परीक्षा है। यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमारएनटीए इन परीक्षाओं को अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में आयोजित किया जा रहा है। अप्‍लीकेशन जमा करने की आखिरी तारीख 18 जून है।एडमिशन के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन विंडो भी गुरुवार, 19 मई से ही शुरू हो रही है।

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित पूर्वोत्तर के विश्वविद्यालय में इस साल एडमिशन को बड़ी राहत दी है यूजीसी की ओर से जारी एक पत्र के मुताबिक इन विश्वविद्यालय के कॉलेजों में इस साल पूर्व की व्यवस्था के तहत एडमिशन की छूट रहेगी हालांकि यह छूट केवल इस वर्ष के लिए है

यूजीसी के इस पत्र के बाद गढ़वाल विश्वविद्यालय से एफिलिएटिड डीएवी, डीबीएस, एमकेपी, एसजीआरआर पीजी कॉलेज सहित जितने भी प्राइवेट पैरामेडिकल व अन्य कॉलेज हैं, सभी में पूर्व की व्यवस्था के तहत एडमिशन होंगे। इनमें से किसी भी कॉलेज में सीयूईटी एग्जाम की जरूरत नहीं है।

 

Uttarakhand CUET admission

इन यूनिवर्सिटी को मिली इस साल CUET से राहत
HNB Garhwal Central University
Sikkim University
Rajiv Gandhi University,
Manipur University,
Assam University.
Nagaland University,
Tripura University,
Mizoram University,
NEHU

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के एक्शन से मची खलबली: देहरादून आरटीओ कार्यलय मे किया निरीक्षण, आरटीओ को किया सस्पेंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में छापा मारा। छापे के दौरान संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) समेत बड़ी संख्या में कर्मचारी अनुपस्थित मिले। मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए मौके पर ही आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई को निलंबित करने के निर्देश दिए, शाम को सचिव परिवहन ने उनके निलंबन आदेश जारी कर दिए। पठोई को परिवहन आयुक्त कार्यालय में संबद्ध कर दिया गया है।

यहां अनियमितताओं को लेकर उन्होंने तुरंत आरटीओ दिनेश पठोई को सस्पेंड कर दिया। इस दौरान यहां 80 फीसदी कर्मचारी अनुपस्थित मिले। सीएम के सुबह-सुबह इस तरह निरीक्षण पर पहुंचने से यहां विभागीय कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।

मिली जानकारी के अनुसार आरटीओ के साथ ही एआरटीओ के खिलाफ पर सस्पेंड की कार्रवाई की गई है।

सुबह दस बजे दफ्तर नहीं पहुंचने वाले कई अधिकारियों कर्मचारियों को नोटिस जारी करने के आदेश किए गए। मुख्यमंत्री को आरटीओ कार्यालय में अनियमितता की लगातार शिकायतें मिल रही थी। विभागीय सूत्रों के मुताबिक अभी कई और अफसरों पर गाज गिर सकती है।

आरटीओ कार्यालय में छापे की कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री धामी सचिवालय पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी, परिवहन आयुक्त रणवीर सिंह चौहान और सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम को बुलाया और उनसे पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी और कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

फूलों की घाटी: उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी समय से पहले ही महकने लगी, एक जून से कर सकेंगे प्राकृतिक सौंदर्य के दीदार

उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी में इस साल दो हफ्ते पहले ही फूल खिलने शुरू हो गए हैं। यहां इन दिनों आधा दर्जन से अधिक किस्मों के फूल खिल गए हैं। आम तौर से यहां फूल जून के महीने में खिलते हैं, लेकिन माना जा रहा है कि इस बार चूंकि बर्फ़ जल्दी पिघल गई है इसलिए फूल भी जल्दी खिलने लगे हैं। इस बार यहां कई किस्मों के फूल खिल रहे हैं।

फूलों की घाटी विभिन्न तरह के फूलों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। फूलों की घाटी इस बार समय से पहले ही महकने लगी है। घाटी में कई फूल खिलने लग गए हैं। घाटी में फूलों का समय से पहले खिलने का कारण उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फ का जल्दी पिघलना माना जा रहा है।

एक जून से घाटी पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी, लेकिन इस बार घाटी में दो सप्ताह पहले ही कई तरह के फूल खिल चुके हैं, जिसमें पोटैंटिला, वाइल्ड रोज, मोरया लोगी, फूलीया, प्रिमुला आदि फूल शामिल हैं। 87.50 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली घाटी उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित है।

यहां पर बर्फ पिघलने के बाद फूलों के पौधों में नई कोंपलें आने लगती हैं और इसके साथ ही उनमें फूल खिलने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस बार भी सर्दियों में अच्छी बर्फबारी हुई थी, लेकिन तेज गर्मी पड़ने से बर्फ तेजी से पिघल गई है, जिससे चलते यहां समय से पहले फूल खिलने शुरू हो गए हैं।

फूलों की घाटी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी का कहना है कि घाटी में इस वर्ष फूल खिलने का दौर दो सप्ताह पहले ही शुरू हो गया है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फ जल्द पिघलने के कारण ऐसा हो रहा है। अभी वहां कई तरह के फूल खिल चुके हैं। घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खोली जाएगी।

फूलों की घाटी जुलाई और अगस्त महीने में अपने चरम पर होती है। इस दौरान घाटी में 300 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। इसी समय यहां देश-विदेश के सबसे अधिक सैलानी फूलों का दीदार करने आते हैं। इन दो महीनों तक घाटी पर्यटकों से गुलजार रहती है

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने यात्रियों से अधिक वसूली पर कार्यवाही करने के सख्त आदेश

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा चल रही है। चारधाम यात्रा के दौरान अव्यवस्थाओं को लेकर जहां पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज पर सवाल उठाए जा रहे थे। उनके दुबई जाने पर विपक्ष हमलावर था। तो वहीं अब दुबई से लौटते ही सतपाल महाराज एक्शन में नजर आ रहे है। चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों से निर्धारित दरों से अधिक धनराशि की वसूली की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए सोमवार को प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने ऐसे लोगों पर कठोर कार्यवाही करने के अधिकारियों को आदेश दिये हैं।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों से हेलीकॉप्टर सेवा, टैक्सी सेवा होटल, गेस्ट हाउस एवं खान-पान सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं पर निर्धारित दरों से अधिक धनराशि वसूलने की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए सोमवार को जनपद चमोली के जिलाधिकारी हिमांशी खुराना एवं रुद्रप्रयाग जनपद के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित से दूरभाष पर वार्ता कर ऐसे लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।उन्होने अधिकारियों से कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों से जो भी सेवा प्रदाता अतिरिक्त पैसा वसूलने का दुस्साहस कर रहा है ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध तत्काल कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए।

महाराज ने कहा कि यात्रा में किसी प्रकार की कोताही बर्रदास्त नहीं की जाएगी। यात्रियों के अतिथि सत्कार और प्रबंधन का पूरा ध्यान रखा जाए। चारों धामों में क्षमता से अधिक यात्रियों का प्रवेश न हो इस बात का अधिकारी पूरा ध्यान रखें।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रा गेस्ट हाउस एवं खान-पान सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं पर निर्धारित दरों से अधिक धनराशि वसूलने की शिकायतों और अनियमितताओं को लेकर सख्त कदम उठाया है। बताया जा रहा है कि महाराज ने कहा है कि चारधाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन और सत्यापन करने वाले निजी वेंडर पर कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को जनपद चमोली के जिलाधिकारी हिमांशी खुराना एवं रुद्रप्रयाग जनपद के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित से दूरभाष पर वार्ता कर ऐसे लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिला 12.8 फीट का शिवलिंग,कोर्ट ने जगह को सील करने का दिया आदेश

ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम सोमवार को पूरा हो गया। सर्वे टीम 17 मई को अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी। तीसरे दिन सर्वे का काम पूरा होने के बाद हिंदू पक्षकारों एवं सूत्रों ने बड़ा दावा किया है। सूत्रों का कहना है कि सर्वे के तीसरे दिन मस्जिद परिसर में शिवलिंग, 15वीं शताब्दी की मूर्तियां एवं एक कांस्य प्रतिमा भी मिली है। जबकि सर्वे टीम का हिस्सा सोहनलाल आर्य का दावा है कि ‘नंदी को उनके बाबा मिल गए और जितना सोचा गया था उससे कहीं ज्यादा साक्ष्य मिला है।’ शिवलिंग मिलने के दावे की पुष्टि कोर्ट की तरफ से हो गई है। वाराणसी सिविल कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को आदेश दिया है कि जिस जगह पर शिवलिंग मिला है, उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया जाए। इस स्थान पर किसी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं होगी। शिवलिंग की सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवान तैनात होंगे।

बता दें कि एक अर्जी दाखिल की गई थी, जिसमें अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सर्वे के दौरान शिवलिंग मिला है। जिसके बाद वाराणसी सिविल कोर्ट ने जगह को सील करने का आदेश दिया है। वाराणसी सिविल कोर्ट ने जिला प्रशासन को कहा है कि जिस जगह पर शिवलिंग मिला है उसे सील किया जाए। शिवलिंग को संरक्षित और सुरक्षित करते हुए किसी को भी जाने की इजाजत न दी जाये। हालांकि मुस्लिम पक्ष सभी दावों को खारिज कर रहा है। उनका कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है और रिपोर्ट अभी कोर्ट के समक्ष पेश होनी है।

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वाराणसी कोर्ट ने जिलाधिकारी (DM) और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) को उस जगह को तुरंत सील करने का आदेश जारी किया है। वाराणसी कोर्ट ने जिले के डीएम को आदेश देते हुए कहा, कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है, उस जगह को तत्काल प्रभाव से सील कर दें। वहां किसी भी व्यक्ति को जानें की अनुमति न दें। बता दें कि, इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सीआरपीएफ को दी गई है। इतना ही नहीं, अदालत ने अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी तय कर की है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि, ‘डीएम, पुलिस कमिश्नर और सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाता है कि जिस जगह को सील किया गया है, उस स्थान को संरक्षित और सुरक्षित रखने की पूर्णत: व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की मानी जाएगी।

तीन दिन तक हुई फोटोग्राफी – वीडियोग्राफी

शनिवार सुबह से शुरू हुए इस सर्वे को सोमवार सुबह 10.30 बजे खत्म कर दिया गया । कोर्ट के आदेश पर गठित टीम ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे पूरा किया । सर्वे टीम ने कहा कि अब सारे दस्तावेजों की एक रिपोर्ट बनाकर कोर्ट में पेश की जाएगी । इस रिपोर्ट पर दोनों पक्षों की ओर से जिरह होगी , जिसके बाद ही कोई फैसला आएगा ।

मुस्लिम पक्ष बोला – दावे बेबुनियाद

जहां हिंदू पक्ष के वकील और अन्य लोगों के चेहरे पर एक सकारात्मक रुख नजर आया , वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील ने हिंदू पक्ष के दावों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है । हालांकि इस दौरान वह रुककर बात करने तक को तैयार नहीं हुए । उन्होंने हिंदू पक्ष के शिवलिंग मिलने के दावों को बेबुनियाद करार दिया ।

कोर्ट ने दिया ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन के बेटे हैं विष्णु जैन। उनके इस प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया, जिसमें यह दावा किया गया है कि परिसर से शिवलिंग मिला है। इस अर्जी को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और जिला मजिस्ट्रेट बनारस को आदेश दिया है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है उसे स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें और सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी और पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नरेट बनारस तथा सीआरपीएफ कमांडेंट बनारस को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान को सील किया गया है उस स्थान को संरक्षित एवं सुरक्षित रखने की पूर्णता व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से मानी जाएगी। उपरोक्त सील किए गए स्थान के बाबत स्थानीय प्रशासन द्वारा क्या-क्या किया गया है इस के सुपरविजन की जिम्मेदारी पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय उत्तर प्रदेश लखनऊ तथा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ की होगी। वाद लिपिक को आदेशित किया जाता है इस आदेश की प्रति संबंधित अधिकारी को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें पे कमिशन रिपोर्ट पर सुनवाई हेतु पेश हो।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे को लेकर वाराणसी प्रशासन द्वारा आसपास के क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने मस्जिद परिसर से 500 मीटर के दायरे में स्थित सभी दुकानों को सर्वे के दौरान बंद करने का आदेश दिया। साथ ही 2 किलोमीटर के दायरे में हर 100 तथा 200 मीटर की दूरी पर बैरिकेडिंग की गई है ताकि सर्वे के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी या माहौल बिगाड़ने की कोशिश ना की जाए। हालांकि की मस्जिद परिसर के पास काशी विश्वनाथ मंदिर में जाने के लिए भक्तों को छूट दी गई है मगर इन क्षेत्रों में मीडिया कर्मियों को जाने की इजाजत नहीं है।

उत्तराखंड: 10 जून को होंगे उत्तराखंड में राज्यसभा सीट के लिए चुनाव, 70 में से 47 सदस्यों के साथ भाजपा का पलड़ा भारी

उत्तराखंड में राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव 10 जून को होगा। चुनाव आयोग ने राज्यसभा की खाली सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया है। उत्तराखंड विधानसभा में 47 सदस्यों के साथ सत्तारूढ़ भाजपा का पलड़ा काफी भारी है। पार्टी राज्य सभा के उम्मीदवार के लिए नामों के पैनल पर मंथन कर रही है।

उत्तराखंड में राज्यसभा की तीन में से एक सीट 4 जुलाई को खाली हो रही है। इस सीट से कांग्रेस नेता प्रदीप टम्टा राज्यसभा सांसद हैं। वहीं, इस सीट के लिए 31 मई तक नामांकन किया जाना है।

मौजूदा परिस्थतियों में इस सीट का इस बार बीजेपी के खाते में जाना लगभग तय है, क्योंकि उसके पास 70 में से 47 विधायकों का बहुमत है, तो विपक्ष में कांग्रेस के 19, बसपा के दो और एक निर्देलीय विधायक है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि अगले एक दो दिन में पार्टी छह नामों का एक पैनल पार्टी के केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड को भेज देगी।

उत्तराखंड बीजेपी में दावेदारों की लंबी फौज है। वहीं, जो नाम चर्चाओं में है, उनमें चंपावत से सीएम के लिए सीट छोड़ने वाले कैलाश गहतोड़ी, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत, बीजेपी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार, पूर्व दायित्वधारी ज्योति गैरोला, केंद्रीय एससीएसटी आयोग की सदस्य रह चुकी स्वराज विद्वान और बीजेपी महिला विंग की राष्ट्रीय मंत्री दीप्ति रावत का नाम शामिल है।

बृहस्पतिवार को चुनाव आयोग ने राज्यसभा की सीटों के कार्यक्रम जारी किया। कार्यक्रम के अनुसार, 24 मई को चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। 31 मई नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है। एक जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी।

तीन जून तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। 10 जून को मतदान रखा गया है। मतदान सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा। उसी दिन मतगणना होगी। 13 जून को चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। उत्तराखंड में राज्यसभा की एक सीट के लिए उत्तराखंड विधानसभा में चुनाव होगा।

भाजपा राज्यसभा सीट के लिए जल्द नामों का पैनल भेजेगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के मुताबिक, पैनल पर मंथन चल रहा है। जल्द पैनल तैयार कर केंद्रीय संसदीय बोर्ड को भेज दिया जाएगा।

चारधाम यात्रा: तीर्थयात्रियों की मौत पर केंद्र सरकार गंभीर, उत्तराखंड सरकार से मांगी रिपोर्ट, अब तक 28 तीर्थयात्रियों की मौत

चारधाम की यात्रा पर पहुंचने वाले 28 तीर्थयात्रियों की अब तक मौत हो चुकी है। वहीं सरकार का कहना है कि अधिकतर मौतें व्यवस्थाओं की कमी नहीं, बल्कि हार्ट अटैक से हुई हैं। सरकार ने केदारनाथ में NDRF और ITBP को पहली बार तैनात किया है। वहीं भीड़ को देखते हुए रजिस्ट्रेशन भी सी​मित कर ​दिए गए हैं।

चारों धामों में हर दिन भारी भीड़ उमड़ रही है। 3 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा पर पहुंचने वाले 28 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है।उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने चारधाम की व्यवस्थाओं पर कहा कि चारधाम यात्रा में पहली बार NDRF के जवानों को तैनात किया गया है, ITBP भी तैनात है, जबकि SDRF हले से मौजूद है। अगर जरूरत पड़ी तो सेना के लोगों को भी तैनात किया जाएगा।

तीर्थयात्रियों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली जिले के सीएमओ से रिपोर्ट मांगी है। विभाग ने मौत की वजह हार्ट अटैक, हाइपरटेंशन और अन्य बीमारियां बताई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इससे पहले 23 तीर्थ यात्रियों की जानकारी देते हुए यमुनोत्री धाम में दस, केदारनाथ में आठ, गंगोत्री में तीन, बद्रीनाथ में दो तीर्थयात्रियों की मौत बताई​​​​थी। जिनमें 17 पुरुष और छह महिला यात्री शामिल है। इसमें से 5 मृतकों की उम्र 45 वर्ष से कम है और 18 की उम्र 50 साल से भी अधिक है।

पीएमओ के संज्ञान लेने के बाद हरकत में आया विभाग
बता दें कि चारधाम यात्रा में मृतकों का आं​कड़ा बढ़ने पर पीएमओ ने भी संज्ञान लिया था। इसके बाद राज्य सरकार हरकत में आई है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब राज्य सरकार को इस बार तीर्थयात्रियों के रिकॉर्ड पहुंचने की उम्मीद थी तो फिर स्वास्थ्य महकमा किस इतंजार में बैठा रहा। इससे स्वास्थ्य विभाग और सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं।

पीएमओ के संज्ञान लेने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। बुधवार को स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलेजा भट्ट ने मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग से संबंधित जिलों के सीएमओ को निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में कमी नहीं होनी चाहिए।

महानिदेशक ने सीएमओ को तीर्थयात्रियों की मौत पर विस्तृत रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। महानिदेशक ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में आठ स्थायी चिकित्सालय और 14 अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाए गए हैं। गंगोत्री मार्ग में 10 स्थायी चिकित्सालय व तीन अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्ट, बदरीनाथ मार्ग पर 19 स्थायी चिकित्सालय तथा दो अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्ट, यमुनोत्री मार्ग पर 11 स्थायी चिकित्सालय व चार अस्थाई मेडिकल रिलीफ पोस्ट कार्य कर रहे हैं।

यात्रियों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए 132 डॉक्टरों को विभिन्न अस्पतालों में तैनात किया गया है। यात्रा मार्ग में आठ ब्लड बैंक व चार ब्लड स्टोरेज यूनिट भी संचालित हैं। यात्रियों को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सूचना के लिए 104 हेल्प लाइन काम कर रही है। जबकि 108 आपातकालीन सेवा की 102 एंबुलेंस व एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस भी यात्रा के लिए संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गई है।

मुूख्यमंत्री ने दो मंत्रियों को भी जिम्मेदारी सौंपी
सचिव स्वास्थ्य राधिका झा की ओर से भी यात्रा के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की समीक्षा कर एसडीआरएफ को मेडिकल टीम के साथ समन्वय करने के निर्देश दिए गए। जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में यात्रियों को त्वरित सहायता प्रदान की जा सके। हालांकि जिस तरह का हूजूम चारधाम यात्रा में उमड़ रहा है। उसमें अब तक ये सभी तैयारियां कम ही नजर आ रही है।

पौने 3 लाख यात्री चारधाम दर्शन कर चुके हैं। जबकि साढ़े 9 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन कराए जा चुके हैं। इधर मुूख्यमंत्री ने दो मंत्रियों को भी यात्रा की व्यवस्थाएं चाक चौबंद करने की जिम्मेदारी सौंपी है। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत को केदारनाथ और वन मंत्री सुबोध उनियाल को बद्रीनाथ की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उत्तराखंड कैबिनेट बैठक: उत्तराखंड मन्त्रिमण्डल की गुरुवार को हुई बैठक में कई मुद्दों पर अहम फैसले लिए गए

उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी सरकार ने अपने घोषणा पत्र में किए गए वायदे को पूरा करना शुरू कर दिया है। गुरूवार को हुई धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में सालभर में तीन गैस सिलेंडर मुफ्त देने का निर्णय लिया गया है। हालांकि इसका लाभ सिर्फ अंत्योदय राशन कार्ड धारकों को ​ही मिलेगा। इसके साथ ही कैबिनेट में 7 मुद्दों पर चर्चा हुई है।

कैबिनेट बैठक के मुख्य बिंदु…
1. प्रदेश के सभी अंत्योदय राशन कार्ड धारकों को साल में तीन गैस सिलेंडर मुफ्त देगी सरकार। 1,84,142 कार्ड धारको को मिलेगा लाभ।

2. अंतिम विधानसभा सत्रावसान की औपचारिक अनुमोदन प्रदान किया गया।

3. हरिद्वार जिला पंचायत निर्वाचन के संबंध में निर्णय लिया गया कि एडवोकेट जनरल से उक्त के संबंध में विधिक पहलू से अवगत करायेंगे। इसके पश्चात कैबिनेट निर्णय लेगी।

4. गेंहू खरीद से संबंधित हर वर्ष की तरह कृषकों को प्रति क्विंटल 20 रू. बोनस देने का निर्णय दिया गया।

5. गन्ना विभाग द्वारा शासकीय गारंटी दी जाती है इसके ऊपर प्रतिभूति शुल्क गन्ना विभाग को देना होता है, अधिनियम के अनुसार यह धनराशि गन्ना विभाग, शासन को निशुल्क रूप में देगा। यदि गन्ना मूल्य भुगतान के लिये गन्ना विभाग को धन की आवश्यकता होगी तो उसकी प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। यदि इस शुल्क को देने के लिये धन की आवश्यकता होगी तो सरकार वित्तीय सहायता देगी।

6. पशुपालन विभाग में कृत्रिम गर्भाधान के लिये जाने वाले कार्मिकों को पूर्व की भांति मैदान में 40 रू. और पहाड़ में 50 रू. दिया जायेगा।

7. श्री केदारनाथ निर्माण के संबंध में जिन भवनों को 1 मंजिल से बढ़ाकर 2 मंजिल करनी है उनके लिये संबंधित ठेकेदार को उसी दर पर कार्य करने की मंजूरी दी गयी।

 राजद्रोह पर रोक, देशद्रोह के मामले में केस दर्ज नहीं करने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला,  क्या उमर खालिद अब छूट जाएगा

बुधवार को देशद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी आज हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पुलिस अधीक्षक (एसपी) (SP) रैंक के अधिकारी को देशद्रोह संबंधी मामले दर्ज करने की जिम्मेदारी ,देशद्रोह के मामले में जमानत याचिकाओं पर सुनवाई तेजी से की जा सकती है

सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने आज सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों को राजद्रोह के नए केस दर्ज नहीं करने को भी कहा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में होगी साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि इस दौरान केंद्र सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिशानिर्देश दे सकती है।

सुप्रीमकोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह के सभी लंबित मामलों पर रोक लगाने का आदेश दिया और पुलिस और प्रशासन को सलाह दी कि जब तक केंद्र अपनी समीक्षा पूरी नहीं कर लेता तब तक कानून के इस सेक्शन का उपयोग न करें।

सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा अगर कोई ताजा मामला दर्ज होता है तो संबंधित पक्ष कोर्ट का रुख कर सकते हैं और कोर्ट ही इस मामले का निपटारा करेगी चीफजस्टिस ने कहा केंद्र सरकार इस कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश देने के लिए स्वतंत्र है।

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा यह सही होगा कि रिव्यू होने तक कानून के इस प्रावधान का इस्तेमाल न करें हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार 124A के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से परहेज  करेंगी या रिव्यू खत्म होने के बाद कार्रवाई शुरू करेंगे।

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है अटॉर्नी जनरल ने हनुमान चालीसा मामले में दायर देशद्रोह के आरोप का भी जिक्र किया था।

केंद्रसरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सुझाव दिया है कि आईपीसी की धारा 124ए तहत राजद्रोह के आरोप भविष्य में एफआईआर एसपी या उससे ऊपर के रैंक के अफसर की जांच के बाद ही दर्ज की जाए लंबित मामलों पर, अदालतों को जमानत पर जल्द विचार करने का निर्देश दिया जा सकता है। वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, मौजूदा समय में पूरे भारत में देशद्रोह के 800 से अधिक मामले दर्ज हैं इस मामले में तेरा हजार के करीब लोग जेल में बंद है।

सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही केंद्र और राज्यों को देशद्रोह के नए केस दर्ज नहीं करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में होगी।

सवाल- जिनपर राजद्रोह के केस चल रहे हैं, उनका क्या होगा?
वाब- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिनपर राजद्रोह का केस चल रहा है और जो जेल में हैं वो जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। उनपर कार्रवाई पहले की तरह चलती ही रहेगी। ये कोर्ट पर निर्भर करेगा कि आरोपियों को जमानत दी जाती है या नहीं।

सवाल- अगर फिर भी केस दर्ज हो जाता है तो क्या?
जवाब- हालांकि, शीर्ष अदालत ने नए मामले दर्ज करने पर रोक लगा दी है लेकिन अगर फिर भी कोई केस दर्ज होता है तो उसके लिए भी रास्ता निकाल दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई केस फिर भी दर्ज हो जाता है तो आरोपी शख्स सुप्रीम कोर्ट के आज के ऑर्डर को लेकर निचली अदालत का रुख कर सकता है।

सवाल- राजद्रोह के केस में कितने लोग जेल में है
जवाब- सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान जब जजों ने पूछा कि कितने लोग राजद्रोह के आरोप में जेल में हैं। तब वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि 13 हजार लोग जेल में हैं।

सवाल- सेक्शन 124 (A) पर अब क्या है वास्तविक स्थिति?
जवाब- चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को स्थगित किया है इसलिए इस कानून की लीगल वैलिडिटी खत्म नहीं हुई है। यह कानून पूर्ववत बना हुआ है।


सवाल-
 उमर खालिद का क्या होगा?
जवाब- जेएनयू के छात्र रहे उमर खालिद पर भी विश्विद्यालय परिसर में देशविरोधी नारे के लिए राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था। चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि जिन लोगों पर राजद्रोह का केस चल रहा है और जो जेल में हैं वो निचली अदालतों का रुख जमानत के लिए कर सकते हैं। ऐसे में खालिद भी इस मामले में निचली अदालत जा सकते हैं।

सवाल- राजद्रोह कानून पर पुनर्विचार के लिए केंद्र के पास कितना समय?
जवाब- सुप्रीम कोर्ट राजद्रोह मामले की सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में फिर करेगी। ऐसे में कह सकते हैं कि केंद्र को कम से कम जुलाई के तीसरे हफ्ते तक विचार करने का समय मिल गया है।

सवाल-सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से क्या आग्रह किया?
जवाब- सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए केंद्र और राज्यों से आईपीसी की धारा 124 A के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से परहेज करने का आग्रह किया है।

चंपावत विधानसभा उपचुनाव: कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी ने किया नामांकन दाखिल, अब प्रचार में उतरेंगे केंद्र और प्रदेश के सियासी दिग्गज

कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी ने आज 11 मई को चंपावत विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी के नामांकन के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा सहित पार्टी के कई बड़े नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। चंपावत विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन का आखिरी दिन है। अब उपचुनाव को लेकर प्रचार की जंग छिड़ेगी। भाजपा और कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। जल्द केंद्र और प्रदेश के सियासी दिग्गज प्रचार में उतरेंगे।

कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी का सीधा मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही चंपावत विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर चुके हैं। नामाकंन के बाद अब दोनों पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस मैदान में उतरेंगी। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है।

कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी के लिए प्रचार-प्रसार के लिए राहुल और प्रियंका गांधी उत्तराखंड आएंगे। बीजेपी प्रत्याशी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए प्रचार-प्रसार करने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत बीजेपी के कई दिग्गज नेता आएंगे।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने चंपावत विधानसभा उपचुनाव के लिए चुनाव प्रबंधन समिति की घोषणा की है। समिति की कमान अल्मोड़ा के विधायक मनोज तिवारी को सौंपी गई है। खटीमा विधायक और उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, लोहाघाट विधायक खुशाल सिंह अधिकारी और पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल को संजोजक बनाया है।  चंपावत विधानसभा उपचुनाव के लिए 31 मई को मतदान किया जाना है, जिसका परिणाम 3 जून का आएगा। चंपावत विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री संगठन विजय सारस्वत ने बताया कि कांग्रेस पार्टी चंपावत उप चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ेगी। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के मुताबिक, पार्टी प्रत्याशी की विजय सुनिश्चित करने के लिए पार्टी के विधायकों एवं वरिष्ठ नेताओं की विभिन्न कमेटियां बनाई जाएंगी, जिनमें उन्हें जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
विधानसभा क्षेत्र को चार सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। इसमें पार्टी कार्यकर्ता अपने वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में बूथ स्तर तक एकजुट होकर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि चंपावत उपचुनाव के नतीजे आश्चर्यजनक एवं चौंकाने वाले होंगे तथा कांग्रेस प्रत्याशी भारी बहुमत से विजय होगा।