मसूरी में एक कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत बोले, नालायकों-बेवकूफों के हाथों में सौंप दिया है उत्तराखंड

देहरादून:- मसूरी नगर पालिका परिषद में उत्तराखंड पर्यटन और तीर्थाटन संरक्षण समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत शामिल हुए। इस दौरान कॉमरेड शिव प्रसाद देवली ने उनके सामने ही बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा नालायकों-बेवकूफों के हाथों में सौंप दिया उत्तराखंड, अपनी साफगोई को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि ‘आज अलग राज्य के लिए प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की आत्मा भी रोती होगी कि हमने इन नालायकों और बेवकूफों के हाथों में उत्तराखंड को सौंप दिया है।’

मंगलवार को कैबिनेट मंत्री नगरपालिका सभागार में कामरेड वीरेंद्र भंडारी को श्रद्धांजलि देते हुए भावुक हो गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी उत्तराखंड का वैसा विकास नहीं हुआ, जिसकी उम्मीद की गई थी। हरक ने उदाहरण दिया कि अविभाजित उत्तर प्रदेश में मसूरी और नैनीताल प्रसिद्ध पर्यटक स्थल थे। ये पर्यटक स्थल भी किसी सरकार ने नहीं, बल्कि तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने विकसित किए थे। उन्होंने कहा कि न तो उत्तर प्रदेश और ना ही उत्तराखंड में कोई नया पर्यटक स्थल विकसित किया गया। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि यदि हम सही मायनों में उत्तराखंड के हितैषी हैं तो हमें उन आत्माओं को रोने से रोकना होगा।

शिव प्रसाद देवली ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

इसमें शामिल कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत के सामने ही कॉमरेड शिव प्रसाद देवली ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा बीजेपी ने प्रदेश को नालायक सीएम दिए हैं। प्रदेश पर बीजेपी ने सीएम को थोपने का काम किया है। वहीं, डॉ हरक सिंह रावत को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजनीति में अनुभवी लोग ही प्रदेश का विकास कर सकते हैं।

वहीं, सरकार और पूर्व मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाए जाने पर हरक सिंह रावत ने कोई आपत्ति नहीं दर्ज की, बल्कि वो मंच पर मुस्कुराते दिखे। ऐसे में उनकी पार्टी और सरकार से नाराजगी फिर से होती दिख रही है। बीजेपी अपनी इस सरकार में दो मुख्यमंत्री बदल चुकी है। तीसरे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अभी कुर्सी पर हैं।

मुख्यमंत्रियों को बताया नालायक

प्रदेश को बीजेपी द्वारा तीन नालायक मुख्यमंत्री देने के बयान पर हरक सिंह रावत ने बचाव करते हुए कहा उनके द्वारा नालायक शब्द का इस्तेमाल सभी लोगों के लिए किया है, उसमें पत्रकार भी नालायक हो सकते हैं, वह स्वयं नालायक हैं उनका कहना है कि राज्य के निर्माण के लिए, देश के प्रदेश के सभी लोगों ने संघर्ष और बलिदान दिया और जिन्होंने अपनी जान की आहुति दी उनकी आत्मा देख रही होगी और कहा कि हमारे सपनों को उत्तराखंड को बनने पर नालायकों ने पूरा नहीं किया। उसमें वह स्वयं भी नालायक है क्योंकि उनके द्वारा शहीदों के सपनों को पूरा नहीं कर पाए।

उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र है, कौन क्या कह रहा है, मैं इस हेरफेर में नहीं फंसना चाहता हूं। लेकिन सभी को किसी भी बात को कहने में शब्दों का प्रयोग बहुत संभलकर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को जोश में होश नहीं खोना चाहिए। उन्होंने कहा कि नालायक उनके द्वारा स्वयं को पत्रकारों के साथ प्रदेश के सभी लोगो को कहा है।

 

इस्तीफे के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का पहला हर कुर्बानी के लिए तैयार, सच के लिए लड़ता रहूंगा

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने वीडियो जारी कर प्रतक्रिया दी है। सिद्धू ने कहा कि वे हक और सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी किसी के साथ कोई व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता नहीं है। मेरा राजनीतिक करियर 17 साल का है, जो बदलाव लाने के लिए था। लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए था। सिद्धू ने कहा ‘लोगों के जीवन में बदलाव लाना, दृढ़ तरीके से अपने फैसले पर खड़ा रहना और लोगों के जीवन को बेहतर बनाना ही मेरा धर्म है। मैं अपनी नैतिकता, नैतिक अधिकार से समझौता नहीं कर सकता।मैं जो देख रहा हूं वह पंजाब में मुद्दों, एजेंडा के साथ समझौता है।सिद्धू ने कहा ‘मैं पंजाब के मुद्दों के लिए देर तक लड़ता रहा दागी नेताओं, अधिकारियों की एक व्यवस्था थी, अब आप उसी प्रणाली को दोबारा नहीं दोहरा सक मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा’।

सिद्धू ने कहा ‘मेरी लड़ाई मुद्दे, मसले की है,मेरी लड़ाई एक एजेंडे की है।मैं हक और सच की लड़ाई लड़ता रहा। मेरे पिता ने मुझे हमेशा सिखाया है कि अगर दो रास्ते हो तो हमेशा सच का साथ दो। अपने ट्विटर अकाउंट पर 4.39 मिनट के एक वीडियो में सिद्धू ने कहा कि मैं न हाईकमान को गुमराह कर सकता, न गुमराह होने दे सकता हूं। इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ने के लिए, पंजाब के लोगों की जिंदगी को बेहतर करने के लिए मैं किसी भी चीज की कुर्बानी दे दूंगा। इसके लिए मुझे कुछ सोचने की जरूरत नहीं है।

सिद्धू ने मंगलवार को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद कुछ अन्य लोगों के इस्तीफे के कारण राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में एक नया संकट पैदा हो गया है। सिद्धू के इस्तीफे के कुछ ही घंटे बाद चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में 18 सदस्यीय नये मंत्रिमंडल में शामिल रजिया सुल्ताना ने भी पूर्व क्रिकेटर के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अपना इस्तीफा दे दिया।पंजाब की कांग्रेस इकाई के महासचिव योगिन्दर ढिंगरा और कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस राजनीतिक संकट के बीच कई नेता आज सिद्धू के पटियाला स्थिति आवास पर उनसे मिलने भी पहुंचे।

 

 

बीजेपी के खिलाफ आग उगलने वाले सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और मार-जिग्नेश मेवाणी राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए

बीजेपी के खिलाफ आग उगलने वाले सीपीआई नेता कन्हैया कुमार आज कांग्रेस में शामिल होंगे। दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार आज कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लेंगे। कांग्रेस मुख्यालय में कन्हैया को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाएगी। गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी कांग्रेस का दामन थाम लेंग। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों के अनुसार, गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल इन दोनों युवा नेताओं और कांग्रेस के नेतृत्व के बीच बातचीत की मध्यस्थता की है।

कई चुनाव हार चुकी कांग्रेस अब खुद को बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी की नजर लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव पर भी है। जीत हासिल करने के लिए पार्टी जातीय समीकरणों के साथ युवाओं पर दांव लगाने जा रही। 2024 के चुनाव में जीत के लिए हिसाब-किताब बैठाए जा रहे हैं। कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल किया जा रहा है। माना जा रहा है कि कन्हैया को बिहार कांग्रेस की अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। कांग्रेस की सदस्यता लेने से पहले कन्हैया कुमार दोपहर 2:30 बजे दिल्ली के ITO स्थित शहीद-ए-आजम भगत सिंह पार्क जाएंगे। यहां वे भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद वे कांग्रेस मुख्यालय पहुंचेंगे। राहुल गांधी युवा नेताओं की नई टीम बना रहे हैं. उनमें कन्हैया की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है।माना जा रहा है कि कांग्रेस कन्हैया कुमार का यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कई स्तरों पर उपयोग करना चाहती है।

मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे। वह पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े थे, हालांकि वह हार गए थे। दूसरी तरफ, दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जिग्नेश गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं।

उत्तराखंड उच्च न्यायलय ने दुष्‍कर्मी को फांसी की सजा सुनाने के मामले में, उच्च न्यायलय ने फास्टट्रैक कोर्ट से मांगा रिकॉर्ड

नैनीताल:- उत्तराखंड उच्च न्यायलय में मासूम के साथ दुष्कर्म पर दोषी को फांसी की सजा सुनाए जाने के मामले में सुनवाई की गई। मासूम के साथ दुष्कर्म के दोषी नेपाली नागरिक को पिथौरागढ़ की फास्टट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है।उस पर अपनी ही पांच साल की सौतेली बहन से रेप करने का आरोप था। इस मामले पर हाईकोर्ट ने पिथौरागढ़ की अदालत से रिकॉर्ड तलब कर लिया है।

पिथौरागढ़ की फास्टट्रैक कोर्ट ने 24 सितम्बर 2021 को फांसी की सजा सुनाई थी। मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय ने बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी नेपाली नागरिक जनक बहादुर को पिथौरागढ़ की फास्टट्रैक कोर्ट से फांसी की सजा सुनाए जाने के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में पिथौरागढ़ की अदालत से रिकॉर्ड तलब किए हैं।

फास्टट्रैक कोर्ट ने 24 सितम्बर 2021 को फांसी की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने इसकी पुष्टि करने के लिए उच्च न्यायलय को आदेश भेजा है। अभियोजन के अनुसार अभियुक्त जनक बहादुर नेपाल का रहने वाला है। वह कुछ समय से जाजर देवल थाना क्षेत्र पिथौरागढ़ में अपने दो नाबालिक बच्चों और एक सौतेली पांच साल की बहन के साथ रह रहा था। आरोप है कि उसने सौतेली बहन के साथ छह माह तक दुष्कर्म किया। उसके साथ मारपीट भी की। जब क्षेत्र के लोगों को घटना का पता चला तो उन्होंने इसकी शिकायत जाजरदेवल थाना पिथौरागढ़ में की। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था।

अप्रैल 2021 में इस मामले की जानकारी होने के बाद काफी आक्रोश देखा गया था। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच की तो आरोपी ने दुष्कर्म की बात को स्वीकार कर लिया था। दुष्कर्म की पुष्टि नाबालिग की मेडिकल जांच से हो गई थी और मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म के साथ शरीर में चोटों के गहरे निशान भी थे। बताया गया कि जब एक संस्था ने इनको संरक्षण दिया तो नाबालिग ने उनको घटना की जानकारी दी थी। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है और इसे बख्शा नहीं जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे विशेष किस्म वाली 35 फसलें फसलें राष्ट्र को समर्पित, किसानों से भी होगा संवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के किसानों को बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। । पीएम मोदी आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए फसल की 35 विशेष किस्में देश के किसानों को समर्पित करेंगे। फसलों की ये विशेष किस्में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने विकसित की हैं। इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की दोहरी चुनौतियों से निपटना है। इस अखिल भारतीय कार्यक्रम का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के संस्थान, राज्य और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र मिलकर कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष किस्म वाली 35 फसलें राष्ट्र को समर्पित करेंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने विशेष गुणों वालीं फसलों की ये किस्म तैयार की हैं। इसका उद्देश्य किसानों के सामने अधिक कमाई वाली फसलों के विकल्प उपलब्ध करवाने के साथ ही जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए जन जागरूकता पैदा करना भी है।नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस टॉलरेंस रायपुर के नए परिसर का लोकार्पण करेंगे। इस अवसर पर, पीएम मोदी कृषि विश्वविद्यालयों को ग्रीन कैंपस अवार्ड भी वितरित करेंगे। वहीं इस विषय पर पीएमओ ने जानकारी देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की दोहरी चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विशेष लक्षणों वाली फसल की किस्में विकसित की गई हैं।

पीएम इस दौरान ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस टॉलरेंस’रायपुर के नए परिसर का भी लोकार्पण करेंगे। कृषि विश्वविद्यालयों को हरित परिसर पुरस्कार प्रदान करेंगे। पीएम कृषि में नई तकनीक का इस्तेमाल करने वाले किसानों से संवाद भी करेंगे। फसलों में चने की ऐसी एक फसल भी होगी जो आसानी से सूखे की मार झेल सकती है। अरहर की पैदावार बढ़़ाने के लिए रोग प्रतिरोधी फसल को भी शामिल किया गया है। इन फसलों में मुख्य रूप से मुरझाई और बंध्यता मोजेक प्रतिरोधी अरहर, सोयाबीन की जल्दी पकने वाली किस्म, चावल की रोग प्रतिरोधी किस्में, गेहूं की जैव-फोर्टिफाइड किस्में, बाजरा, मक्का और चना, क्विनोआ, पंखों वाला बीन और फैबा शामिल हैं।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,उत्तराखंड को बनाएंगे देश का नंबर वन पर्यटन हब, ‘स्विटज़रलैंड को मात कर सकता है उत्तराखंड’, चारधाम के 73 टूरिस्ट स्पॉट चिह्नित

देहरादून :- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक आयोजन में यह ऐलान किया कि अगले दस सालों के भीतर उत्तराखंड को पर्यटन के मामले में नंबर वन राज्य बनाया जाएगा और देश के टूरिज़्म हब के रूप में विकसित किया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने राज्य में पर्यटन सुविधा एवं निवेश प्रकोष्ठ व पर्यटन मंत्रालय के तहत ईको टूरिज्म विंग का गठन करने और पंडित नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान को पर्यटन विभाग को सौंपने की घोषणा की। अभी नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान को खेल विभाग संचालित करता है। साथ ही कहा कि इस वर्ष नवंबर में रामनगर में साहसिक पर्यटन पर आधारित निवेश सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सोमवार को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और फिक्की फ्लो के सहयोग से मालसी स्थित एक फार्म में आयोजित उत्तराखंड एडवेंचर फेस्ट को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस फेस्ट के दूसरे दिन का उद्घाटन दीप जलाकर किया। यहां मुख्यमंत्री ने पर्यटन पर आधारित प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया।

सीएम धामी ने पर्यटन विभाग और फिक्की फ्लो के एक संयुक्त आयोजन में सोमवार को कहा कि राज्य के पर्यटन को विकसित करने के लिए कई तरह से सोचा जा रहा है। उत्तराखंड को इस लिहाज़ से स्विटरज़रलैंड से भी बेहतर विकसित किया जा सकता है।कुछ अहम घोषणाएं करते हुए धामी ने नैनसिंह सर्वेयर पर्वतारोहण ट्रेनिंग संस्थान को खेल विभाग से पर्यटन विभाग को सौंपने को कहा। वहीं, रामनगर में एडवेंचर टूरिज़्म के लिए नवंबर में निवेश सम्मेलन की घोषणा भी की। ईको टूरिज़्म की मदद से पर्यटन को स्थायी व्यवसाय के तौर पर बढ़ावा देने की बात भी उन्होंने कही।

पर्यटन व्यवसाय से संबंधित सभी प्रस्तावों पर पर्यटन विभाग कार्रवाई करेगा। इसमें उद्योग विभाग का हस्तक्षेप नहीं रहेगा। शहरी विकास विभाग और आवास विभाग उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए परियोजना शुरू करेगा। ईको टूरिज्म विंग की मदद से पर्यटन व्यवसाय को स्थायी व्यवसाय के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उत्तराखंड से विशेष लगाव है। उनके नेतृत्व में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं से उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा। चार धाम यात्रा में यात्रियों को किसी तरह की तकलीफ न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरसंभव कोशिश की जा रही है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, हमारा मूल मंत्र है कि हम श्रेष्ठ सर्विस प्रोवाइडर बनें। पर्यटकों को जितनी अधिक सुविधाएं मिलेंगी, पर्यटन व्यवसाय को उतना ही लाभ मिलेगा। हम प्रदूषण रहित पर्यटन पर भी ध्यान दे रहे हैं। इसके लिए जल्द ही पर्यटन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग शुरू किया जाएगा। राज्य में विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से अनेक महत्वपूर्ण स्थल हैं। इस मौके पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, फिक्की की राज्य संयोजक डा. नेहा शर्मा, किरन टोडरिया आदि मौजूद रहे।

 

चारधाम यात्रा तय समय के लिए होती है इसलिए इसके बाद इन इलाकों में पर्यटन की रफ्तार कम न हो इसके लिए सरकार एडवेंचर स्पोर्ट्स और टूरिज्म एक्टिविटी पर ध्यान दे रही है। सरकार ने 13 नए ट्रैकिंग प्लेस में 73 स्पॉट्स को चिह्नित कर लिया है। पंचकोटी से नई टिहरी, औली से गौरसू, मुनस्यारी से खलिया टॉप में तो रोप वे के लिए एमओयू भी हो चुका है। वहीं, कद्दूखाल से सुरकंडा और ठुलीगाड़ से पूर्णागिरी देवी मंदिर जैसे स्पॉट्स भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं। यहां एंगलिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रेल रन, माउंटेन बाइकिंग, रिवर क्रॉसिंग, वॉटर रोलिंग, ऑफ-रोडिंग, हाइकिंग, सफारी शुरू करने की प्लानिंग है।

होम स्टे योजना के तहत सब्सिडी
इन जगहों पर पर्यटकों के लिए रहने की सुविधा के लिए ट्रैक्शन ट्रैकिंग होम स्टे योजना शुरू की गई है, जिसमें 40 एंट्रीज़ आ चुकी हैं। इस योजना में एक रूम के लिए 60 हज़ार की सब्सिडी दी जा रही है। हालांकि कई लोगों का मानना है कि उत्तराखंड सरकार को सब्सिडी के साथ यहां रोज़गार के साधन बढ़ाए जाने पर भी सोचना चाहिए।

उत्तराखंड में होने जा रही है प्रो वॉलीबॉल लीग का उद्घाटन आगामी 20 अक्टूबर को ऋषिकेश में होगा, विजेता टीम को मिलेंगे 5 लाख ईनाम

उत्तराखंड के खूबसूरत शहर देहरादून और ऋषिकेश में अगले महीने उत्तराखंड प्रो वॉलीबॉल लीग का आयोजन होने जा रहा है। आईपीएल की तर्ज पर होने वाला ये टूर्नामेंट पूरे 7 दिन तक चलेगा। इस टूर्नामेंट में कुल 9 मैच ऋषिकेश और 10 मैच देहरादून में खेले जाएंगे।

उत्तराखंड में इस तरह का आयोजन पहली बार होने जा रहा है। वॉलीबॉल लीग का उद्घाटन आगामी 20 अक्टूबर को ऋषिकेश में होगा। टूर्नामेंट का उद्देश्य छोटे शहरों के खिलाड़ियों को बड़ा प्लेटफार्म देना है। जीतने वाली टीम को आकर्षक धनराशि इनाम के तौर पर दी जाएगी। आयोजन समिति के सचिव सचिन सेमवाल ने बताया कि प्रदेश के पहले उत्तराखंड प्रो वॉलीबॉल लीग का आयोजन बाबा खेलकूद/सांस्कृतिक लोक कला संस्था द्वारा किया जा रहा है। जिसमें कुल 6 टीमें प्रतिभाग करेंगी। हर टीम में 12 खिलाड़ी और एक कोच होगा।खिलाड़ियों का ट्रायल जल्द शुरू होने जा रहा है। ट्रायल आगामी 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को ऋषिकेश में होगा।

समिति के मुताबिक इस ट्रायल में केवल वही खिलाड़ी प्रतिभाग कर सकते हैं, जो उत्तराखंड प्रो वॉलीबॉल लीग की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्टर्ड होंगे। खिलाड़ियों के ऑक्शन की प्रक्रिया ऋषिकेश के एक होटल में आयोजित की जाएगी, जो कि 2 अक्टूबर को होना है। इस प्रक्रिया में एक फाइनेंसर के साथ तीन अन्य व्यक्तियों को स्वीकृति मिलेगी। इसके अलावा किसी भी को ऑक्शन प्रक्रिया में भाग नहीं लेने दिया जाएगा।

टीम के कुल 12 खिलाड़ियों में से 8 खिलाड़ी उत्तराखंड के होंगे और 4 खिलाड़ी अन्य राज्यों के हो सकते हैं। उत्तराखंड के खिलाड़ियों की बोली कम से कम 5 हजार रुपये और अधिक से अधिक 15 हजार रुपये तक होगी। दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों की बोली 10 हजार से 30 हजार रुपये की होगी

उत्तराखंड प्रो वॉलीबॉल लीग में पहले स्थान पर रहने वाली टीम को पांच लाख रुपये इनाम के तौर पर मिलेंगे। जबकि दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को ढाई और डेढ़ लाख रुपये की इनामी धनराशि दी जाएगी।

पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन का किया आगाज, हर नागरिक का होगा आधार जैसा यूनीक हेल्थ कार्ड

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सभी नागरिकों को एक विशिष्ट डिजिटल हेल्थ आइडी मुहैया कराई जाएगी जिसमें उसकी सेहत से जुड़ी सभी सूचनाएं दर्ज होंगी। पीएम ने इस साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में डिजिटल हेल्थ मिशन के पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। फिलहाल, छह केंद्र शासित प्रदेशों में इसका पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है।

आयुष्यमान भारत डिडिटल हेल्थ मिशन के तहत देश के सभी नागरिकों का एक हेल्थ आईडी बनेगा जो उनके हेल्थ खाते के रूप में भी काम करेगी। इससे व्यक्तिगत स्वास्थ रिकार्ड को मोबाइल एप की मदद से जोड़ा और देखा जा सकेगा। इसके तहत, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां , आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों दोनों ही मामलों में सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए एक कलेक्शन के रूप में कार्य करेंगी। यह चिकित्‍सकों, अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए व्यवसाय में भी आसानी को सुनिश्चित करेगा।

यूनिक हेल्थ कार्ड बन जाने के बाद मरीज को डॉक्टर से दिखाने के लिए फाइल ले जाने से छुटकार मिलेगा। डॉक्टर या अस्पताल रोगी का यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसका पूरा डेटा निकालेंगे और सभी बातें जान सकेंगे। उसी आधार पर आगे का इलाज शुरू हो सकेगा। आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री डिजिटल फार्मेट में अपडेट होगी। आप किसी दूसरे शहर, अस्पताल में भी यूनीक आईडी से डॉक्यूमेंट्स देख सकेंगे। इससे डॉक्टर्स को इलाज करने में आसानी होगी। यह कार्ड ये भी बताएगा कि उस व्यक्ति को किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। रोगी को आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधाओं का लाभ मिलता है या नहीं, इस यूनिक कार्ड के जरिये पता चल सकेगा।

कार्ड में मेडिकल रिकार्ड से जुड़ी सभी जानकारियां दर्ज होगी। यहां तक कि पिछली बार किस दवा का आप पर क्या असर हुआ था वह भी पता चल जाएगा। दवा बदली गई तो क्यों? इससे इलाज के दौरान डॉक्टर को केस समझने में मदद मिलेगी। हेल्थ आईडी के लिए सबसे पहले तो जिस व्यक्ति की आईडी बनेगी उससे मोबाइल नंबर और आधार नंबर लिया जाएगा। इन दो रिकॉर्ड की मदद से यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार एक हेल्थ अथॉरिटी बनाएगी जो व्यक्ति का एक-एक डेटा जुटाएगी। जिस व्यक्ति की हेल्थ आईडी बननी है, उसके हेल्थ रिकॉर्ड जुटाने के लिए हेल्थ अथॉरिटी की तरफ से इजाजत दी जाएगी। इसी आधार पर आगे का काम बढ़ाया जाएगा। हेल्थ कार्ड बनवाना अनिवार्य नहीं होगा। यह आपकी इच्छा पर निर्भर करेगा कि आप कार्ड बनवाना चाहते हैं या नहीं।

हेल्थ आईडी पब्लिक हॉस्पिटल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या वैसा हेल्थकेयर प्रोवाइडर जो नेशनल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर रजिस्ट्री से जुड़ा हो, किसी व्यक्ति की हेल्थ आईडी बना सकता है। https://healthid.ndhm.gov.in/register पर खुद के रिकॉर्ड्स रजिस्टर करा कर भी आप अपनी हेल्थ आईडी बना सकते हैं।

उत्‍तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्रों के लिए आनलाइन शिक्षण के उद्देश्य से ज्ञानवाणी-1 और ज्ञानवाणी-2 चैनल का शुभारंभ

देहरादून:- उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में ज्ञानवाणी चैनल का वर्चुअल शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा की राज्य में छात्र-छात्राओं को ऑनलाईन शिक्षण अधिगम से लगातार जोड़े रखने हेतु उत्तराखण्ड राज्य शिक्षा विभाग और जियो ने मिलकर नए ऑनलाईन एजुकेशन चैनल ज्ञानवाणी-1 और ज्ञानवाणी-2 का शुभारंभ एक अच्छा प्रयास है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों को आनलाइन शिक्षण के उद्देश्य से शुरू किए गए एजुकेशन चैनल ज्ञानवाणी का लाभ प्रदेश के सभी बच्चों को मिले। ज्ञानवाणी चैनल की सार्थकता तभी होगी जब समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों तक इसका लाभ पहुंचे। उन्होंने कहा की बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में स्कूलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती होती है। कोरोना काल में आनलाइन शिक्षण के लिए अनेक सराहनीय प्रयास किए गए। स्कूलों में कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए सभी शैक्षणिक गतिविधियां चल रही है।

शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि कोविड के दौरान ऑनलाइन शिक्षण का प्रचलन शुरू हुआ. आज ऑनलाइन माध्यम से अनेक शैक्षणिक गतिविधियां की जा रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि ज्ञानवाणी चैनल के माध्यम से पीएम ई विद्या के कंटेंट को भी शामिल किया जाय. जो पूर्णतः एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर आधारित है।

शिक्षा सचिव श्रीमती राधिका झा ने कहा कि ऑफलाइन शिक्षण के साथ ही बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से ही शैक्षणिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।ज्ञानवाणी- 1 प्राथमिक कक्षाओं एवं ज्ञानवाणी- 2 माध्यमिक कक्षाओं के लिए चलाया जा रहा है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी जियो श्री विशाल अग्रवाल ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान से जुड़े सभी एनजीओ भी शिक्षा विभाग के माध्यम से ज्ञानवाणी में कंटेंट का प्रसारण कर सकते हैं।उन्होंने बताया की जल्द ही धारचूला में जियो की 4जी कनेक्टिविटी शुरू की जाएगी। इस अवसर पर शिक्षा महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून डॉ. मुकुल सती, जियो के स्टेट कॉर्डिनेटर दीपक सिंह एवं वर्चुअल माध्यम से सभी मुख्य शिक्षाधिकारी एवं प्रधानाचार्य मौजूद थे।

नई दिल्ली:- कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का भारत बंद, दिल्ली से सटी सीमाओं पर भारी जाम कई राज्यों में प्रदर्शन किया जा रहा है।

नई दिल्ली:- केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किए गए भारत बंद का असर दिखने लगा है।संयुक्त किसान मोर्चा के आज ‘भारत बंद’ के ऐलान के चलते दिल्ली से सटी सीमाओं, पंजाब, बिहार समेत देश के कई राज्यों में प्रदर्शन किया जा रहा है। भारत बंद को किसानों के अलावा कई राजनीति दलों और सामाजिक संगठनों का समर्थन मिल रहा है। तीनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले 40 से अधिक किसान संगठनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। अनेक सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों ने भारत बंद का समर्थन किया है। इस दौरान दिल्ली से सटी सीमाओं जैसे गाजीपुर और सिंघु बार्डर पर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर रोड जाम किया गया है। इसकी वजह से ट्रैफिक डायवर्ट भी किया गया है।इस बंद को कई राजनीतिक दलों ने भी समर्थन दिया है। किसान संगठनों द्वारा यह बंद सोमवार सुबह 6 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक के लिए किया गया है।

किसान इस दौरान इंमरजेसी सेवा को छोड़कर सभी चीजों को बंद करेंगे। भारत बंद को लेकर ये तय किया गया है कि इस दौरान किसान रास्तों और हाईवे पर धरना देंगे। सरकारी दफ्तरों के सामने प्रदर्शन होगा। किसान दिल्ली के बार्डर का भी घेराव करेंगे। किसानों के इस भारत बंद को विपक्ष का समर्थन मिला है। भारत बंद की वजह से दिल्ली में कई रास्तों का बंद किया गया है तो कई जगह रूट डायवर्ट किया गय़ा है।

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसानों के भारत बंद का असर मेट्रों के संचालन पर भी पड़ा है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने ट्वीट किया है कि पंडित श्री राम शर्मा का प्रवेश/निकास बंद कर दिया गया है।

भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने भारत बंद पर कहा है कि एम्बुलेंस, डाक्टर या आपात स्थिति में जाने वाले लोग जा सकते हैं। हमने कुछ भी सील नहीं किया है हम सिर्फ एक संदेश भेजना चाहते हैं। हम दुकानदारों से अपील करते हैं कि वे अपनी दुकानें अभी बंद रखें और शाम 4 बजे के बाद ही खोलें। उन्होंने कहा कि बाहर से यहां कोई किसान नहीं आ रहा।