राहुल गांधी को लखीमपुर जाने की अनुमति उत्‍तर प्रदेश सरकार ने नहीं दी,राहुल गांधी ने कहा लखीमपुर खीरी मामले में पीएम मोदी हैं चुप, आरोपी मंत्री और बेटे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई

लखीमपुर खीरी की हिंसा और प्रियंका गांधी वाड्रा को हिरासत में लिए जाने के बाद अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्‍व में 5 सदस्‍यीय एक प्रतिनिधि मंडल आज लखीमपुर खीरी में किसानों से मिलने जाने वाले थे।कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि किसानों को गाड़ी से कुचलने वाले केंद्रीय मंत्री के पुत्र को हिरासत में नहीं लिए जाने का मतलब यह है कि देश का संविधान खतरे में है।कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आज लखीमपुर खीरी में किसानों से मिलने जाने वाले थे। कांग्रेस ने उत्‍तर प्रदेश सरकार से राहुल के लखीमपुर खीरी जाने को लेकर अनुमति भी मांगी थी। हालांकि जानकारी मिल रही है कि उत्‍तर प्रदेश सरकार ने राहुल और उनके साथ प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों को अनुमति देने से इनकार कर दिया है।  राहुल गांधी दिल्ली में 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर उन्‍होंने मोदी सरकार पर हमला बोला है। प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण किसानों पर पहला हमला था और कृषि कानून देश के किसानों पर दूसरा आक्रमण है। विरोध कर रहे किसानों का जीप के नीचे कुचला जा रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखीमपुर खीरी की घटना पर कुछ नहीं बोला है। आरोपी मंत्री और उनके बेटे पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है।

पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कल प्रधानमंत्री लखनऊ में थे, मगर लखीमपुर खीरी नहीं जा पाए। ठीक से पोस्टमार्टम नहीं किया जा रहा है। आज हम 2 मुख्यमंत्रियों के साथ लखीमपुर खीरी जाकर उन परिवारों से मिलने की कोशिश करेंगे। हालांकि, उत्‍तर प्रदेश प्रशासन ने राहुल गांधी को लखीमपुर जाने की अनुमति नहीं दी है। उन्‍हें नोएडा में भी रोकने की पूरी तैयारी हो गई है।

राहुल गांधी ने कहा कि लखीमपुर खीरी हम 3 लोग जा रहे हैं। मुझे पता है कि वहां प्रशासन ने धारा-144 लगा रही है और ये धारा 5 लोग को एक जगह इकट्ठा होने से रोकती है। इसलिए हमें वहां जाने से कानूनन नहीं रोका जाना चाहिए। हम पीडि़त परिवार का दुख बांटना चाहते हैं। हमने क्‍या गलती की है कि हमें प्रशासन लखीमपुर खीरी जाने से रोक रहा है।लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों के प्रदर्शन के बीच बवाल हो गया था। इसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और उनके बेटे में गंभीर आरोप लगे हैं। मामले में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। यहां धारा 144 लागू की गई है।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर राहुल गांधी की अगुवाई में लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत मांगी है। उन्होंने लिखा है कि यूपी और प. बंगाल के नेताओं को वहां जाने दिया गया, लेकिन कांग्रेस को जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है।

 

देहरादून में सड़कों पर उतरे विभिन्न संगठनों के कर्मचारियों ने निकाली महारैली, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता की मांग 

देहरादून :- उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों की 18 सूत्री मांगों को लेकर बनाए साझा मंच उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने सचिवालय कूच किया।18 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति की ओर से आज मंगलवार को राजधानी में रैली निकाली । रैली में प्रदेशभर से समिति के सदस्य और विभिन्न संगठनों के सदस्य शामिल हुए। इस दौरान पुलिस ने उन्हें सैंट जोजफ्स के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। कर्मचारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता की मांग कर रहे हैं। इस महारैली के लिए ज्यादातर विभागों और निगमों से जुड़े कर्मचारी प्रदेशभर से दून पहुंचे। इसमें कलक्ट्रेट, तहसील, जल संस्थान, आरटीओ, विकास भवन, पेयजल निगम, उद्यान, पशुपालन, कृषि विभाग और रोडवेज आदि के कर्मचारी शामिल हुए हैं।

सचिवालय कूच के दौरान बड़ी संख्या में पहुंचे कर्मचारियों को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इस दौरान कर्मचारी वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गए।  कर्मचारियोंने सीएम से मिलने का समय मांगा है। उनका कहना है कि जब तक उन्हें समय नहीं मिलेगा तब तक वे धरने से नही उठेंगे। वहीं, कर्मचारियों की पुलिस के साथ तीखी झड़प भी हुई। करीब दो घंटे तक प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री के पीआरओ राजेश सेठी से कर्मचारियों की वार्ता हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री से बातचीत की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के दौरे के बाद वार्ता का आश्वासन दिया है। इसके बाद कर्मचारी धरने से उठे।

पहले चरण में सभी सरकारी दफ्तरों में गेट मीटिंग की गई। इस दौरान समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से वार्ता भी की, लेकिन उचित भरोसा दिए जाने के बावजूद शासन ने समिति की मांगों पर गौर नहीं किया। दूसरे चरण में समिति ने सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन किया व तीसरे चरण में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और कर्मचारियों के बीच एक अक्टूबर को वार्ता हुई। वार्ता में सकारात्मक हल नहीं निकलने पर समिति ने अपनी पूर्व प्रस्तावित महारैली को यथावत रखते हुए मंगलवार को सरकार के खिलाफ सचिवालय पर प्रदर्शन की बात कही है। प्रदेश स्तरीय हुंकार महारैली के बाद समिति बेमियादी हड़ताल करने का ऐलान भी कर सकती है।कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कार्मिकों की मांगों को पूरा करने की बात उठती है तो वित्त विभाग सदैव आर्थिक स्थिति का रोना रो देता है। बात यदि एसीपी की करें तो उसे लागू करने का व्यय वित्त विभाग उम्मीद से अधिक बढ़ाकर बता रहा, जबकि एसीपी से लाभ सिर्फ पदोन्नति से वंचित कार्मिक को ही मिलना है। इनकी संख्या बेहद कम है। समिति के प्रवक्ता अरुण पांडेय ने कहा कि सरकार या तो फैसला ले या फिर बेमियादी हड़ताल के लिए तैयार रहे।

समिति के प्रवक्ता अरुण पांडेय और प्रताप सिंह पंवार ने बताया कि हुंकार रैली के लिए सभी कर्मचारी परेड ग्राउंड में एकत्र हुए। यहां से तिब्बती बाजार, लैंसडौन चौक, कनक चौक होते हुए सचिवालय कूच किया।प्रताप सिंह पंवार ने बताया कि उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन, उत्तराखंड राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन, उत्तराखंड चतुर्थ वर्गीय राज्य कर्मचारी महासंघ, उत्तराखंड राजकीय वाहन चालक महासंघ, वैयक्तिक अधिकारी कर्मचारी संघ, डिप्लोमा फार्मासिस्ट संघ, सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ, निगम कर्मचारी महासंघ, रोडवेज संयुक्त कर्मचारी परिषद, फेडरेशन ड्राइंग इंजीनियर संघ सहित कई महासंघ उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के साथ आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं।

 

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने यात्रियों की सीमित संख्या को खत्म कर दिया है, रजिस्ट्रेशन और RTPCR रिपोर्ट अनिवार्य

उत्तराखंड हाइकोर्ट ने चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की।उत्तराखंड हाई कोर्ट ने यात्रियों की सीमित संख्या को खत्म कर दिया है।कोर्ट ने चारधाम में अपर लिमिट हटा दी है लेकिन कोर्ट ने साफ किया है कि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और यात्रा में आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य होगी। कोर्ट ने सरकार से कहा कि यात्रा के दौरान मेडिकल सुविधाओं की कोई भी कमी यात्रियों के लिए न हो और महिलाओं व बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाए। चीफ जस्टिस कोर्ट ने चारों धामों में मेडिकल एमरजेंसी के लिए हेलीकॉप्टर व्यवस्था करने को कहा और यात्रियों को इसकी सुविधा के संबंध में पूरी जानकारी देने को कहा। इससे पहले सरकार ने कोर्ट में केदारनाथ बद्रीनाथ समेत सभी धामों में यात्रियों की संख्या को बढ़ाने की मांग की थी।

हाइकोर्ट नैनीताल ने बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई।कोर्ट ने साफ किया कि शासन को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा। कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली है।मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि चारधाम यात्रा करने के लिए कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी थी, लेकिन वर्तमान समय मे प्रदेश में कोविड के केस ना के बराबर आ रहे हैं, इसलिए चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश में संशोधन किया जाए।

चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या को लेकर उत्तराखंड सरकार को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अब असीमित संख्या में तीार्थयात्री चारधाम यात्रा कर सकेंगे। हाइकोर्ट में आज चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने चारधाम में तीर्थयात्रियों  की संख्या को लेकर फैसला सुनाया। बता दें कि पूर्व में कोर्ट ने केदारनाथ धाम के लिए प्रतिदिन 800, बदरीनाथ धाम के लिए 1000, गंगोत्री के लिए 600, यमुनोत्री के लिए 400 श्रद्धालुओं की ही अनुमति दी थी।

 

सुप्रीम कोर्ट ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के कारण बंद पड़ी दिल्ली की सीमा खोलने पर, 43 किसान संगठनों को जारी किया नोटिस

किसान आंदोलन के चलते बाधित पड़ी दिल्ली की सीमा खोलने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हमने तीन कृषि कानूनों पर फिलहाल रोक लगा रखी है तो फिर सड़कों पर प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं।सुप्रीम कोर्ट ने मामले में 43 किसान संगठनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। किसान आंदोलन के चलते यूपी और हरियाणा को दिल्ली से जोड़ने वाली सड़कें बंद पड़ी हैं, जिसको खुलवाने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई थी। अब इसपर कोर्ट ने तमाम किसान संगठनों को नोटिस जारी कर दिया है। हरियाणा सरकार ने अर्जी दाखिल कर 43 किसान संगठनों के पदाधिकारियों को मामले में पक्षकार बनाए जाने की मांग की है। इस मामले पर अदालत अब 20 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।

नोएडा की मोनिका अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है, जिसमें उन्होंने नाकाबंदी हटाने की मांग करते हुए कहा है कि पहले उन्हें दिल्ली पहुंचने में 20 मिनट लगते थे लेकिन अब दो घंटे लग जाते हैं। उनका कहना है कि विरोध के कारण इलाके के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार की उस याचिका पर किसान संगठनों के 43 नेताओं को नोटिस जारी किया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने बातचीत में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के निवासी की उस जनहित याचिका को दशहरे की छुट्टी के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया, जिसमें विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली की सीमाओं से हटाने का अनुरोध किया गया है।

किसान महापंचायत को जंतर मंतर पर सत्याग्रह करने की अनुमति देने की याचिका पर सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस बात की जांच करेगा कि क्या विरोध करने का अधिकार एक पूर्ण अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र करते हुए कहा, “जब ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं तो कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता है।” केंद्र के लिए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का कहना है कि लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए आगे कोई विरोध नहीं होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा रखी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, ‘हमने कानूनों के अमल पर रोक लगा रखी है। केंद्र ने भी कहा है कि वह फिलहाल उन्हें लागू नहीं करना चाहता। फिर विरोध किस बात का करना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसी दौरान कहा कि मामला लंबित रहते याचिकाकर्ता विरोध प्रदर्शन कैसे कर सकता है। आप जल्द सुनवाई के अनुरोध कर सकते हैं। वहीं, किसानों की तरफ से वकील ने कहा कि हम सिर्फ कानून का विरोध नहीं कर रहे।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड के बाद उत्तराखंड में भी फैली आग,आक्रोशित किसानों का प्रदेश के कई शहरों में प्रदर्शन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पुलिस ने हिरासत में लिया

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुए हादसे की आग उत्तराखंड में भी फैल गई है। प्रदेश में किसानों ने डोईवाला,बाजपुर, काशीपुर, रुद्रपुर, किच्छा आदि शहरों में विरोध किया। उन्होंने केंद्र एवं यूपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। किसानों ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है।

डोईवाला में किसानों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। तहसील में धरना प्रदर्शन कर किसान मोर्चा की ओर से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया है। किसान संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सोमवार को तमाम किसानों ने गुरुद्वारा सिंह सभा में बैठक की और पूरे घटनाक्रम पर अपना रोष जताते हुए राष्ट्रपति से न्याय की मांग की।

मृतक किसानों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की। इस दौरान किसानों का एक जत्था लखीमपुर में घटनास्थल के लिए रवाना हुआ। लखीमपुर के लिए निकले किसान नेता प्रीतम सिंह संधू ने बताया कि लोकतंत्र की रक्षा करने वालों ने किसानों की बेरहमी से हत्या की है जिसका पूरे देश को दुख है। पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग की जाएगी।

उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ हुई दुर्घटना के विरोध में संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने अपना रोष प्रकट किया। किसानों ने सड़क पर जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। तहसील पहुंचे किसानों ने यहां भी धरना देकर प्रदर्शन किया। लखीमपुर घटना मामले में हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज करने और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा को हटाने की मांग किसानों ने की।

ऊधमसिंहनगर जिले के काशीपुर में किसानों ने कड़ी चेतावनी दी है। उनका कहना है कि वह काशीपुर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की आगामी रैली नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री की मंगलवार को काशीपुर में प्रस्तावित जनसभा का किसानों ने कड़ा विरोध किया है। चेतावनी दी है कि अगर मुख्यमंत्री काशीपुर आते हैं तो किसान हेलीपैड पर बैठ जाएंगे। ट्रैक्टर-ट्राली लेकर हेलीपैड में घुस जाएंगे और टेंट उखाड़ कर फेंक देंगे। किसी भी हालत में मुख्यमंत्री को काशीपुर में रैली नहीं करने दी जाएगी। किसानों से अब और शांति की उम्मीद सरकार न करे। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार सुबह सैकड़ों की संख्या में किसान काशीपुर नवीन मंडी में एकत्र हुए। किसानों ने रुद्रपुर पहुंचकर कलक्ट्रेट का घेराव करने की घोषणा की। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री का काशीपुर आने पर कड़ा विरोध होगा। वहीं रुद्रपुर के कलक्ट्रेट गेट पर किसानों ने धरना प्रदर्शन किया। यहां किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने और हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई।

भारतीय किसान यूनियन के देहरादून जिला अध्यक्ष सुरेंद्र खालसा ने कहा कि किसान आंदोलन को दबाने की यह सत्ता पक्ष की नाकाम कोशिश है। किसान शांतिपूर्वक ढंग से अपने आंदोलन को जारी रखेंगे। कांग्रेस नेता सागर मनवाल, मोहित उनियाल, आप नेता अशोक कपरवाण, राजू मौर्य ने भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार और दिल्ली की केंद्र सरकार पर भी आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकार आज किसानों का उत्पीड़न कर रही है।इतना ही नहीं, अब किसानों के ऊपर जानलेवा हमले भी किए जा रहे हैं। इस मामले में ठोस कार्यवाही नहीं की गई तो संयुक्त मोर्चा के किसान एक बड़ा आंदोलन को बाध्य होंगे। कांग्रेस,आम आदमी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी किसान आंदोलन के साथ किसानों को न्याय देने की मांग राष्ट्रपति से की।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के बाद हुए बवाल की आग उत्तराखंड तक पहुंच गई है। प्रदेश भर में सोमवार सुबह से धरना, प्रदर्शन, पुतला दहन और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का दौर जारी है।

लखीमपुर खीरी की घटना और प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में देहरादून एसएसपी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत लगभग 80 कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में ले लिया। जिसके बाद हरीश रावत पुलिस लाइन में ही तमाम कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए। पुलिस अधिकारी वार्ता कर हरीश रावत को समझाने बुझाने का प्रयास करते रहे। इसी प्रकार गढ़वाल और कुमाऊं के कई क्षेत्रों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तार दी।

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के आह्रवान पर आज प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों में मौनव्रत एवं सामूहिक गिरफ्तारी के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी सरकार का पुतला दहन किया।

 

नौ सेना लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटकर आया दून

देहरादून:- त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान ऐवलांच की चपेट में आकर जान गंवाने वाले नौ सेना के दल में शामिल दून के लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती का पार्थिव शरीर सोमवार को दून पहुंचा। उनकी तीन महीने पहले ही शादी हुई। और आखिरी बार अपनी शादी में ही वह दून आए थे।त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान ऐवलांच की चपेट में आकर जान गंवाने वाले नौ सेना के दल में शामिल दून के लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती का पार्थिव शरीर सोमवार को दून पहुंचा। उनकी तीन महीने पहले ही शादी हुई। और आखिरी बार अपनी शादी में ही वह दून आए थे।

त्रिशूल पर्वत आरोहण के दौरान हिमस्लखन की चपेट में आए नेवी के चारों जवानों के पार्थिव शरीर वायु सेना के हेलीकॉप्टर से नेवी हेड क्वॉर्टर के लिए भेज दिए हैं।जहां से पार्थिव शरीर उनके पैतृक घर भेजे जाएंगे।आर्मी हेलीपैड पर चारों जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद विशेष हेलीकॉप्टर से पार्थिव शरीर हेड क्वॉर्टर भेजे गए। वहीं, घटना में लापता दो लोगों की तलाश जारी है, लगातार खराब मौसम के बावजूद सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर चारों जवानों के शव बरामद किए थे।

चमोली के सुतोल गांव से होते हुए त्रिशूल पर्वत फतह करने गए जवानों के साथ ग्लेशियर खिसकने से 1 अक्टूबर की सुबह दर्दनाक हादसा हो गया था।जिसमें कुल 6 सैनिकों सहित 1 शेरपा भी एवलॉन्च की चपेट में आ गए थे।जिसमें निम और सेना द्वारा चलाये गए संयुक्त अभियान में 4 जवानों के शवों को बरामद कर लिया गया है।

त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान ऐवलांच की चपेट में आकर जान गंवाने वाले नौ सेना के दल में शामिल दून के लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती का पार्थिव शरीर सोमवार को दून पहुंचा। उनकी तीन महीने पहले ही शादी हुई। और आखिरी बार अपनी शादी में ही वह दून आए थे।

दून के जोगीवाला, नत्थनपुर गंगोत्री विहार कॉलोनी में पार्थिव शव पहुंचते ही भीड़ जुट गई। सैन्य सम्मान के साथ उन्हें सलामी दी गई। शहीद अनंत कुकरेती के चचेरे भाई राजेंद्र कुकरेती ने बताया कि भाई के शहीद होने की सूचना शनिवार रात को मिली थी। परिजन और रिश्तेदार घर पर पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि अनंत के पिता जगदीश प्रसाद कुकरेती वन विभाग में रेंज अधिकारी के पद से रिटायर्ड हैं। मां मधु कुकरेती गृहणी हैं। अनंत के बड़े भाई अखिल कुकरेती और भाभी मिट्ठू कुकरेती एयरफोर्स में स्कॉर्डन लीडर हैं। कुकरेती परिवार मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के दुगड्डा ब्लॉक के गांव जौरासी, पट्टी अजमेर से है और यहां जोगीवाला में नत्थनपुर के गंगोत्री विहार लेन नंबर एक में उनका मकान है। अनंत की पत्नी राधा और भाई अखिल मुंबई में रहते हैं। रविवार को मुंबई से पूरा परिवार देहरादून पहुंच गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मसूरी के निकट गांव क्यारकुली के ग्राम प्रधान कौशल्या रावत से संवाद किया, प्रधानमंत्री ने कहा पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के ही काम आ रही

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी जयंती पर देश की पांच ग्राम सभाओं के साथ जल-जीवन मिशन योजना के तहत वर्चुअल संवाद किया। इस दौरान उन्होंने मसूरी के निकटवर्ती गांव क्यारकुली की ग्राम प्रधान कौशल्या रावत से संवाद किया। उन्होंने पहाड़ पर पानी की समस्या और उसके हल पर विस्तार से बात की।उन्होंने मसूरी शहर के निकटवर्ती गांव क्यारकुली की ग्राम प्रधान कौशल्या रावत से पीएम मोदी ने संवाद कर पानी की समस्या और उसके हल पर विस्तार से बात की। कौशल्या रावत से करीब पांच मिनट 13 सैकेंड जल जीवन मिशन के तहत किए गए कार्यों पर विचार रखे।

कौशल्या ने प्रधानमंत्री को बताया कि जलजीवन मिशन के बाद से गांव में पेयजल की कमी दूर हो गई है। हर घर में नल और जल है। कहा कि योजना के बाद पानी की कमी जैसे ही दूर हुई तो ग्रामीणों ने स्वरोजगार के लिए भी कदम उठाया। बताया कि ग्रामीणों ने सरकार की मदद से होम स्टे का कार्य शुरू कर दिया है, जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ गई है। प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है। प्रदेश सहित देश के दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों ने अब गांव की ओर रुख करना शुरू कर दिया है।

पीएम मोदी ने कहा कि पर्वतीय जिलों के गांवों में होम स्टे खुलने के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा एक सराहनीय काम है। कहा कि इससे गांवों से पलायन पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने ग्राम क्यारकुली में हुए कोविड टीकाकरण को लेकर भी जानकारी ली, जिस पर ग्राम प्रधान कौशल्या रावत ने बताया कि उनकी ग्राम पंचायत में शतप्रतिशत टीकाकरण हो गया है।

शनिवार को देशभर के गांवों के साथ क्यारकुली गांव के लोगों से भी प्रधानमंत्री ने वर्चुअल संवाद किया। प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारी गांव पहुंचे और कार्यक्रम में शामिल हुए।पानी को लेकर हमें आदतें बदलनी होंगी। पानी बर्बाद करने से बचना होगा। साथ ही किसान भी कम पानी वाली फसलों पर ज्यादा जोर दें।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त, 2019 में जल-जीवन मिशन की घोषणा की थी। इस मिशन का उद्देश्य हर घर में पानी की सप्लाई पहुंचाना है। वर्तमान में सिर्फ ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 17 प्रतिशत लोगों के पास ही पानी की सप्लाई है।

 

महात्मा गांधी जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप ‘हर घर जल’ तथा राष्ट्रीय जल जीवन कोष का शुभारंभ किया, कहा- पानी बचाने के प्रयास जरूरी; लोगों को अपनी आदतें बदलनी होंगी

आज महात्मा गांधी की जयंती है, जिसे अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी जाना जाता है। 2 अक्टूबर का दिन भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। 2 अक्टूबर को हर वर्ष गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। महात्मा गांधी का जन्म  2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। अंग्रेजों से आजादी दिलाने में महात्मा गांधी का विशेष योगदान रहा है। महात्मा गांधी को बापू के नाम से भी जाना जाता है।

2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अलावा देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी होती है। आज गांधी जयंती के मौके पर बापू को पूरा देश नमन कर रहा है।महात्‍मा गांधी की जयंती के खास अवसर पर आज राजघाट स्थित गांधी समाधि स्थल पर सर्व-धर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला, दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजघाट पहुंचकर राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।

महात्मा गांधी जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जल जीवन मिशन एप को लांच किया। इस दौरान उन्होंने जल जीवन कोष (राष्ट्रीय जल कोष) भी लांच किया। उन्होंने इस दौरान जल जीवन मिशन के लाभार्थियों से बातचीत भी की। पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड, मणिपुर और गुजरात सहित देश के पांच राज्यों में जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के लाभार्थियों के साथ बातचीत की। पीएम मोदी ने इस दौरान पानी समितियों और ग्राम पंचायतों के साथ संवाद भी किया।

मोदी ने हर घर नल जल योजना को विकेन्द्रीकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को उभारने का बहुत बड़ा आंदोलन बताते हुए आज कहा कि गांवों और महिलाओं द्वारा संचालित इस मिशन से महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज को साकार किया जा रहा है।

मोदी ने आज यहां जल जीवन मिशन के मोबाइल ऐप ‘हर घर जल’ तथा राष्ट्रीय जल जीवन कोष का शुभारंभ किया और कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता देश के ग्रामीण क्षेत्रों के हर घर को नल से जल पहुंचाना है। उनका कहना था कि गांव की महिलाएं हर दिन कई किलो मीटर दूर जाकर पोखड़ों और नदियों से पानी लाती हैं, इस पर आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन उन्होंने जो जल जीवन मिशन शुरू किया है, उससे गांव के इन लोगों का जीवन बहुत आसान हो जाएगा।

प्रधानमंत्री से बातचीत में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की बबेरू तहसील के एक गांव के प्रधान गिरिजा कांत तिवारी, गुजरात के बनासकांठा जिले के एक गांव के प्रधान रमेश भाई पटेल, उत्तराखंड से कौशल्या, तमिलनाडु में के. सुधा, मणिपुर से एल. सरोजिनी देवी ने अपने अपने क्षेत्र में नल से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति से आये बदलावों की जानकारी दी और सरकार का आभार व्यक्त किया।

मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री को याद किया। उन्होंने कहा कि पूज्य बापू और लाल बहादुर शास्त्री जी इन दोनों महान व्यक्तित्वों के हृदय में भारत के गांव ही बसे थे। यह खुशी की बात है कि आज के दिन देशभर के लाखों गांवों के लोग ‘ग्राम सभाओं’ के रूप में जल जीवन संवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जल जीवन मिशन का विजन, सिर्फ लोगों तक पानी पहुंचाने का ही नहीं है। ये विकेंद्रीकरण का भी बहुत बड़ा आंदोलन है। ये गांवों एवं महिलाओं द्वारा संचालित आंदोलन है। इसका मुख्य आधार, जनआंदोलन और जनभागीदारी है।’’ उन्होंने कहा कि जनता की भागीदारी से ही सरकार का कोई भी कार्यक्रम सफल हो सकता है चाहे जल जीवन मिशन हो या कोविड का टीकाकरण।

मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह तो गुजरात जैसे राज्य से हैं जहां अधिकतर सूखे की स्थिति दिखायी देती है। उन्होंने ये भी देखा है कि पानी की एक-एक बूंद का कितना महत्व होता है। इसलिए गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए, लोगों तक जल पहुंचाना और जल संरक्षण, उनकी प्राथमिकताओं में रहे। प्रधानमंत्री बनने के लिए उन्होंने देश भर में इस काम को प्राथमिकता दी।

उन्होंने कहा, ‘‘आजादी से लेकर 2019 तक, हमारे देश में सिर्फ 3 करोड़ घरों तक ही नल से जल पहुंचता था। 2019 में जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद से, 5 करोड़ घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ा गया है। आज देश के लगभग 80 जिलों के करीब सवा लाख गांवों के हर घर में नल से जल पहुंच रहा है। यानी पिछले सात दशकों में जो काम हुआ था, आज के भारत ने सिर्फ 2 साल में उससे ज्यादा काम करके दिखाया है।उन्होंने कहा कि देश में पानी के प्रबंधन एवं कृषि ंिसचाई को खड़ा करने का बड़े स्तर पर काम चल रहा है। गंगा के अलावा कई अन्य नदियों के जल को प्रदूषण मुक्त करने और भूजल स्तर उठाने का प्रयास चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की, ‘‘मैं देश के हर उस नागरिक से कहूंगा जो पानी की प्रचुरता में रहते हैं, कि आपको पानी बचाने के ज्यादा प्रयास करने चाहिए और निश्चित तौर पर इसके लिए लोगों को अपनी आदतें भी बदलनी ही होंगी।’’ हर घर जल को ग्रामीण भारत एवं महिला सशक्तीकरण का बहुत प्रभावी औजार बताते हुए मोदी ने कहा कि गांव की महिलाओं का सशक्तिकरण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। बीते वर्षों में बेटियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। घर और स्कूल में टॉयलेट्स, सस्ते सैनिटेरी पैड्स से लेकर, गर्भावस्था के दौरान पोषण के लिए हजÞारों रुपए की मदद और टीकाकरण अभियान से मातृशक्ति और मजबूत हुई है। भारत का विकास गांवों के विकास पर ही निर्भर है। गांव में रहने वाले लोगों,युवाओं, किसानों के साथ सरकार ऐसी योजनाओं को प्राथमिकता दे रही है, जो गांवों को और अधिक सशक्त बनाए।

उन्होंने कहा कि गांव के लोगों को गांव में ही बेहतर उपचार मिले, इसके लिए 1.5 से ज्यादा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 2014 से पहले के पांच वर्षों में जितनी मदद सरकार ने बहनों के लिए भेजी, बीते सात वर्षों में उसमें लगभग 13 गुना बढ़ोतरी की गई है। लगभग पौने चार लाख करोड़ रुपये का ऋण भी स्वयं सहायता समूह की माताओं-बहनों को उपलब्ध कराया गया है।

इस मौके पर शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में राज्य में पानी की सुलभता का बड़ा प्रयोग करके जनजीवन में बड़ा परिवर्तन लाने में कामयाबी पायी थी। अब पूरे देश में हर गांव हर घर में नल से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का संकल्प लिया गया है। उनकी प्रेरणा से हम नयी ऊर्जा और शक्ति से इसे क्रियान्वित करने के लिए आगे बढ़ेंगे।

उल्लेखनीय है कि मोदी ने प्रत्येक परिवार को स्वच्छ नल-जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। वित्त वर्ष 2021-22 से लेकर 2025-26 के लिए एक लाख 42 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। मिशन की शुरुआत के समय, केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों के पास नल-जल आपूर्ति की सुविधा थी।

कोविड-19 महामारी के बावजूद, पिछले दो वर्षों में 5 करोड़ से अधिक परिवारों को नल-जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। अब तक लगभग 8.26 करोड़ (43 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों के लिए उनके घरों में नल-जल की आपूर्ति की जा रही है। देश के 78 जिलों, 58 हजार ग्राम पंचायतों और 1.16 लाख गांवों में प्रत्येक परिवार को नल-जल आपूर्ति की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अब तक 7.72 लाख (76 प्रतिशत) स्कूलों तथा 7.48 लाख (67.5 प्रतिशत) आंगनवाड़ी केंद्रों में नल-जल आपूर्ति की सुविधा प्रदान की गई है। करीब दो हजार पानी गुणवत्ता जांच प्रयोगशालायें स्थापित की है और सात लाख महिलाओं को पानी की गुणवत्ता की जांच करने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि, कहा- बापू का जीवन हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा,PMआज जल जीवन मिशन ऐप की भी शुरुआत करेंगे

देश की आजादी में महात्मा गांधी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। देश ने उन्हें राष्ट्रपिता का दर्जा दिया है। उनका अतुलनीय योगदान अविस्मरणीय है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर 1869 को हुआ था। उनके कार्यों तथा विचारों ने देश की स्वतंत्रता और इसके बाद आजाद भारत को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई थी। अगर पूरी दुनिया में भारत का नाम सम्मान से लिया जाता है तो इसके लिए सबसे पहला श्रेय महात्मा गांधी को जाता है। अहिंसा और सत्य के पुजारी गांधी की 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज जयंती है।भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनके संघर्षों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उनके अतुलनीय योगदान के कारण हीं उन्हें भारत राष्ट्र का राष्ट्रपिता कहा जाता है। आज पूरी दुनिया से लोग महात्मा गांधी की जयंती पर बापू को याद करेंगे।महात्मा गांधी की जयंती पर देश के बड़े-बड़े नेताओं उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए याद किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी है।

महात्मा गांधी को जन्म-जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। पूज्य बापू का जीवन और आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा।’ उन्होंने लिखा, गांधी जयंती पर मैं आदरणीय बापू को नमन करता हूं। उनके महान सिद्धांत विश्व स्तर पर प्रासंगिक हैं और लाखों लोगों को ताकत देते हैं।

हात्मा गांधी जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जल जीवन मिशन एप को लांच करेंगे। पीएम मोदी फिलहाल उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड, मणिपुर और गुजरात सहित देश के पांच राज्यों में जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के लाभार्थियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। जागरूकता पैदा करने, व्यापक पारदर्शिता लाने और जिम्मेदारी तय करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल शक्ति मंत्रालय के प्रमुख जल जीवन मिशन को समर्पित एक एप को लांच करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान जल जीवन कोष (राष्ट्रीय जल कोष) भी लांच करेंगे, जिसमें कोई भी व्यक्ति, कोई भी संगठन, कोई कंपनी या यहां तक कि एक गैर सरकारी संगठन, चाहे वह भारत में हो या विदेश में, ग्रामीण क्षेत्र में एक स्कूल या एक नल के पानी का कनेक्शन लेने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र या आश्रम आदि के लिए धन दान कर सकता है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘पुष्कर सिंह धामी आखिरी ओवर में भेजे गए बैट्समैन हैं वह कमाल के बल्लेबाज़ साबित होंगे,उत्तराखंड के लोगों को उनसे बहुत उम्मीदें हैं

देहरादून:-उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में होने वाले सियासी मैच में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कंधों पर ही पूरा दारोमदार होगा।भाजपा उन्हीं की कप्तानी में चुनाव लड़ेगी और वही पार्टी का चेहरा भी होंगे। पेशावर कांड के नायक वीर चंद्रसिंह गढ़वाली की प्रतिमा व स्मारक के लोकार्पण समारोह में राज्य के दौरे पर आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस पर एक तरह से मुहर लगा दी। पुष्कर धामी ने बिल्कुल सही नारा दिया है कि सरकार का दृढ़ इरादा, बातें कम काम ज्यादा। राजनाथ ने कहा कि वास्तव में बातें कम होनी चाहिए, लेकिन काम ज्यादा होना चाहिए।भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को वह छात्र राजनीति के समय से जानते हैं और धामी की ऊर्जा, क्षमता और कुछ कर गुज़रने के जज़्बे के कायल रहे हैं।राजनाथ सिंह ने क्रिकेट की कमेंटरी शैली में कहा, ‘सीएम धामी को मैं ऐसे देखता हूं जैसे किसी 20-20 मैच के आखिरी ओवर में बल्लेबाज़ को भेजा गया हो। वह कमाल के बल्लेबाज़ साबित होंगे, उनसे सभी को बहुत उम्मीदें हैं.’ वास्तव में, राजनाथ सिंह का यह दौरा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के नज़रिये से अहम माना जा रहा है।

चुनावी मैच में कप्तान कौन होगा, इसके लिए पार्टी नेतृत्व पहले ही कह चुका है कि धामी ही कमान संभालेंगे। हाल में उत्तराखंड के दौरे पर आए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एवं पार्टी के उत्तराखंड चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी ने साफ किया था कि धामी की अगुआई में चुनाव लड़ा जाएगा और स्वाभाविक तौर पर वही चेहरा होंगे। इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री एवं प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी यह कह चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुख्यमंत्री की मुलाकातों से भी इसे बल मिला है।

उत्तराखंड के ऐतिहासिक पेशावर कांड के नायक कहे जाने वाले रॉयल गढ़वाल राइफल्स के मेजर रहे वीरचंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा के अनावरण के लिए पीठसैंण में राजनाथ सिंह शुक्रवार को एक सभा को संबोधित करने पहुंचे।यहां उन्होंने उत्तराखंड में वीरता की मिसाल रहे गढ़वाली नामों को श्रद्धांजलि दी और उनके सम्मान में वक्तव्य दिया। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत समेत उत्तराखंड भाजपा के नेताओं ने एयरपोर्ट पर सिंह का स्वागत किया।

राजनाथ सिंह ने कहा कि गलवान में मातृभूमि की रक्षा के लिए हमारी सेना के वीर जवानों ने देश के मान सम्मान की रक्षा की। यह सुखद संयोग है कि आज जब वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा का अनावरण हो रहा है तो देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव भी मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी नेतृत्व में पिछले साढे सात वर्षों में मिशन मोड में काम हुआ है। चालीस साल तक देश के पूर्व सैनिकों को ओआरओपी के लिए इंतजार करना पड़ा। मगर मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ओआरओपी लागू कर दिया।

गढ़वाली वीरों और चुनावों के अलावा राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के सामरिक और अंतर्राष्ट्रीय सीमा के लिहाज़ से रणनीतिक महत्व पर भी बातचीत की। उन्होंने दावा किया की चीन सीमा से सटे आखिरी गांव माना तक सड़क काम जल्द पूरा होने वाला है। वहीं, नेपाल के साथ मित्र ही नहीं, बल्कि पारिवारिक देश जैसे संबंध सिंह ने बताए। लिपुलेख के रास्ते मानसरोवर यात्रा के आसान हो जाने के दावे के साथ ही सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड के सामरिक महत्व को देखते हुए Border Roads Organisation (BRO) द्वारा राज्य में 1000 किमी लम्बी सड़कों का निर्माण चल रहा है, जिसमें 800 किमी सड़क तो LAC और अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से सटी है।