रक्षा मंत्री ने गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की संगोष्ठी को संबोधित किया,पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ की

रक्षा मंत्री ने गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की संगोष्ठी को संबोधित किया। इस दौरान उन्‍होंने राष्ट्रीय विकास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया। इसमें इंदिरा के अलावा और कई महिलाओं का जिक्र किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सेमिनार को संबोधित किया। संबोधन में रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल कई साल तक देश की कमान संभाली, बल्कि युद्ध के समय भी नेतृत्व किया।

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में रानी लक्ष्मीबाई और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का भी जिक्र किया और कहा कि राष्ट्रीय विकास में महिला शक्ति की भूमिका को लेकर भारत का अनुभव सकारात्मक रहा है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका पर बातचीत करना ठीक है, लेकिन सुरक्षा और राष्ट्र-निर्माण के सभी क्षेत्रों में उनके व्यापक योगदान को पहचाना जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘देश की रक्षा और लोगों के अधिकारों के लिए इतिहास में महिलाओं के हथियार उठाने के अनेक उदाहरण हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने न केवल कई वर्षों तक देश का नेतृत्व किया। उन्होंने युद्ध के समय भी ऐसा किया। हाल ही में प्रतिभा पाटिल भारत की राष्ट्रपति और भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर थीं। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 का युद्ध जीता, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ। सिंह ने कहा कि पालक और रक्षक के तौर पर सदियों से महिलाएं भूमिका निभाती आ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘सरस्वती ज्ञान, बुद्धि और शिक्षा की देवी हैं, तो मां दुर्गा रक्षा, शक्ति, विनाश और युद्ध की देवी हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है जिन्होंने सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी के लिए जल्द पहल की और महिलाओं की भर्ती स्थायी कमीशन के रूप में सेना में होने लगी है। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘महिलाएं 100 साल से अधिक समय से भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवा में गौरव के साथ सेवाएं दे रही हैं। भारतीय सेना में महिला अधिकारियों की भर्ती 1992 में शुरू हुई थी। अब सेना की अधिकतर शाखाओं में महिला अधिकारियों की भर्ती की जाने लगी है।’’ उन्होंने कहा कि अगले साल से महिलाएं राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगी।

चीफ आफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि आज दुनिया के हर देश में महिलाएं आर्म्‍ड फोर्स में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवाएं दे रही हैं। भारतीय सेना में महिला सैनिकों का प्रशिक्षण कठिन है और इससे विभिन्न परिस्थितियों में उन्हें अपने कार्यों को अंजाम देने में मदद मिली है। आज, युद्ध के नजरिए से पुरुषों और महिलाओं की भूमिका के बीच का अंतर धुंधला होता जा रहा है… महिलाओं ने अपनी क्षमताएं साबित की है और वे भविष्य में भी ऐसा ही करती रहेंगी।उन्‍होंने ये बात एससीओ -इंटरनेशनल वेबिनार में सशस्‍त्र सेना में महिलाओं की भूमिका के विषय पर बोलते हुए कही है।

पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के जन्म दिन पर और कांग्रेस में यशपाल आर्य की वापसी के साथ, कांग्रेस 18 अक्टूबर को हल्द्वानी के रामलीला मैदान में करेगी शक्ति प्रदर्शन

हल्द्वानी :- चार साल नौ महीने बाद उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री का पद छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के बहाने हल्द्वानी के रामलीला मैदान में कांग्रेस 18 अक्टूबर पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के जन्म दिन पर कांग्रेस का हल्द्वानी में शक्ति प्रदर्शन होगा। पार्टी के मुताबिक 18 अक्टूबर को होनी वाली जनसभा में हजारों की संख्या में कार्यकर्ता जुटेंगे। इसके अलावा बड़े नेता भी शामिल होंगे। संभावना है कि कार्यक्रम के दौरान आर्य के करीबी रहे कई लोग भी पुन: कांग्रेस में वापसी करेंगे। यशपाल के करीबी रहे लोग कार्यक्रम को भव्य बनाने में जुटे हैं। ताकि कुमाऊं के प्रवेशद्वार हल्द्वानी में विपक्ष की एकजुटता का संदेश जा सके।

नैनीताल के विधायक रहे संजीव आर्य ने स्वीकार किया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल के निर्देश पर 18 अक्टूबर (सोमवार ) को दिन 11बजे रामलीला मैदान हल्द्वानी पूर्व मुख्यमंत्री पर्वत पुत्र विकास पुरुष पंडित स्व नारायण दत्त तिवारी की जयंती व पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए संकल्प विशाल जनसभा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य का स्वागत एवं अभिनंदन किया जाएगा।

कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव, चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह प्रभारी श्रीमती दीपिका पांडे सिंह, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत ,डॉक्टर जीत राम, तिलकराज बेहड़, भुवन कापड़ी की उपस्थिति में उक्त कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। संजीव आर्य ने कार्यक्रम में रामलीला मैदान हल्द्वानी पहुंचने का अनुरोध किया है।

40 साल से लंबे वक्त तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले यशपाल आर्य ने जनवरी 2017 में भाजपा का दामन थाम लिया था। कांग्रेस में रहकर विधायक, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष तक रहे आर्य के इस फैसले ने सभी को चौंका दिया था। वहीं, शनिवार को दिल्ली में यशपाल आर्य और नैनीताल से विधायक रहे बेटे संजीव आर्य दिल्ली में पार्टी हाईकमान के समक्ष फिर से पार्टी में शामिल हो गए।

उतराखण्ड के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के सीटों पर फीस 50 हजार हुई

देहरादून :- उत्तराखंड सरकार ने दून-हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल छात्रों के लिए एक बार फिर से बांड की व्यवस्था लागू करने जा रही है। दो साल पहले सरकार ने हल्द्वानी और दून मेडिकल कॉलेज में बांड की व्यवस्था खत्म कर दी गई थी। इसके बाद दोनों मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को चार लाख रुपये सालाना फीस चुकानी पड़ रही थी।इस फीस का छात्र काफी समय से विरोध कर रहे हैं। सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि छात्र हित को देखते हुए फिर से दून और हल्द्वानी में बांड की व्यवस्था लागू की जाएगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग को इसके लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं। अगली कैबिनेट में इस पर मुहर लगाई जाएगी। अभी सिर्फ श्रीनगर मेडिकल कालेज में ही छात्रों को यह सुविधा मिल रही थी।

एमबीबीएस के छात्र लगातार सरकारी कॉलेजों में फीस कम करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस का मुद्दा उठा। मामले में यह तथ्य सामने आया कि वर्ष 2019 में यह व्यवस्था की गई थी कि बांड से केवल पर्वतीय जिलों के मेडिकल कॉलेजों (श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज) में ही पढ़ाई की सुविधा दी जाएगी। मैदानी जिलों के मेडिकल कॉलेजों दून मेडिकल कॉलेज व हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में बांड की व्यवस्था खत्म कर दी थी। बांड भरकर एमबीबीएस की सालाना फीस 50 हजार रुपये है जबकि बिना बांड चार लाख रुपये फीस है।

सरकार की इस सहमति के बाद अब दून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में पचास हजार सालाना फीस पर छात्रों को एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश मिल जाएगा। जबकि अभी बिना बांड के यह फीस चार लाख रुपये सालाना है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में भी बांड की फीस पचास हजार रुपये है। बांड वाले डॉक्टरों को एक साल मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप और दो साल राज्य में नौकरी करनी होगी।

बांड भरने वालों के लिए भी नियम काफी सख्त हैं। मेडिकल कॉलेजों में जूनियर और सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों की कमी को देखते हुए बांड से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को पहले एक साल मेडिकल कॉलेजों में सेवा देनी होती है। उसके बाद दो साल तक दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों पर सेवा देनी हाती है। इसके बाद दो वर्ष तक जिला चिकित्सालयों या दुर्गम के चिकित्सालयों में सेवा की अनिवार्यता होती है।

 

तेलंगाना, केरल और ओडिशा हाई कोर्टो में 14 नए जजों की नियुक्ति हुई,न्याय विभाग ने जारी की नामों की सूची

नई दिल्ली :- देश के तीन अलग-अलग हाई कोर्ट में बुधवार को 14 नए जजों की नियुक्ति की गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश के चीफ जस्टिस (CJI) की सलाह पर इन जजों की नियुक्ति को मंजूरी दी। नव नियुक्त जजों में 12 न्यायिक अधिकारी, एक अधिवक्ता और एक आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के सदस्य हैं। कानून मंत्रालय में न्याय विभाग ने इन नियुक्तियों की सूची जारी की। इनमें सात जजों की नियुक्ति तेलंगाना हाई कोर्ट, चार की केरल हाई कोर्ट और तीन की ओडिशा हाई कोर्ट में की गई है। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण की सदस्य पी. माधवी देवी को तेलंगाना हाई कोर्ट में जज नियुक्त किया गया है। इससे पहले भी न्यायाधिकरणों के सदस्यों को हाई कोर्ट में जज नियुक्त किया जाता रहा है। ये सदस्य अधिवक्ता होते हैं जो क्षेत्र विशेष के विशेषज्ञ होते हैं। इनमें एक वकील और बाकी न्यायिक अधिकारी हैं। इससे पहले मंगलवार को भी तीन हाई कोर्ट में 17 नए जजों की नियुक्ति की गई थी।

बुधवार को हुई नियुक्तियों में, तेलंगाना हाई कोर्ट में पी श्री सुधा, सी सुमालता, जी राधा रानी, एम लक्ष्मण, एन तुकारामजी, ए. वेंकटश्वर रेड्डी, पी माधवी देवी को बतौर जज नियुक्त किया गया है। इसके अलावा उड़ीसा हाई कोर्ट में मृगांका शेखर साहू, राधा कृष्ण पटनायक, शशिकांत मिश्रा जज बनाए गए हैं। केरल हाई कोर्ट में चंद्रशेखरन कार्ता जयचंद्रन, सोफी थॉमस, पीवी गोपाल पिल्लई अजीत कुमार, चंद्रशेखरन सुधा को अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा पिछले महीने सरकार को विभिन्न नामों की अनुशंसा भेजे जाने के बाद चौथी बार हाई कोर्ट में नियुक्तियां हुई हैं। मंगलवार को इलाहाबाद, मद्रास और गुवाहाटी हाई कोर्ट में जिन जजों की नियुक्तियां हुई हैं उनमें 15 वकील हैं और दो न्यायिक अधिकारी हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट में 9, गुवाहाटी हाई कोर्ट में 5 और मद्रास उच्च न्यायालय में चार जजों की नियुक्ति की गई।

सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने 8 अगस्त से 1 सितंबर के बीच विभिन्न हाई कोर्ट की अनुशंसा पर 100 नामों पर विचार किया था और 12 उच्च न्यायालयों में जज के तौर पर नियुक्ति के लिए सरकार के पास 68 नाम भेजे थे। इसके बाद सरकार को कुछ और नाम भेजे गए। 11 अक्टूबर को भी 3 वकीलों और 2 न्यायिक अधिकारियों को राजस्थान हाई कोर्ट में जज के पद पर पदोन्नत किया गया। उसी दिन 7 जजों का विभिन्न उच्च न्यायालयों में तबादला किया गया।

कॉलेजियम की अनुशंसा के आधार पर 9 अक्टूबर को 8 जजों को हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस के पद पर पदोन्नत किया गया था और 5 उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों का तबादला किया गया था। इससे पहले, 5 अक्टूबर को 11 उच्च न्यायालयों के 15 जजों का तबादला हुआ था. इन तबादलों के लिए उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम ने पिछले महीने अनुशंसा की थी।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज रंजन गुप्ता को पटना हाई कोर्ट भेजा गया है। जस्टिस टी. एस. शिवागनानम को मद्रास हाई कोर्ट से कलकत्ता उच्च न्यायालय भेजा गया है। इसी तरह, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट भेजा गया है। कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस पी. बी. बैजन्त्री और राजस्थान उच्च न्यायालय के जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा को पटना हाई कोर्ट भेजा गया है। तेलंगाना हाई कोर्ट के जस्टिस टी. अमरनाथ गौड का त्रिपुरा उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जस्टिस सुभाष चन्द्र का तबादला झारखंड हाई कोर्ट में किया गया है।

कानून मंत्रालय के न्याय विभाग ने नई नियुक्तियों और पदोन्नतियों की अलग-अलग सूचियां जारी की हैं। उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति प्रक्रिया के जानकर लोगों का कहना है कि हाल के दिनों में एक दिन में इतने जजों की नियुक्ति नहीं की गई है।

हरिद्वार आज सुबह सिडकुल स्थित रैपिड फैक्टरी में शार्ट सर्किट होने के कारण लगी आग

हरिद्वार :- सिडकुल में रैपिड फैक्‍टरी में गुरुवार सुबह शार्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई। कंपनी में काम कर रहे कई कामगारों ने भागकर अपनी जान बचाई। कंपनी प्लास्टिक का दाना बनाती है। आग इतनी भीषण थी कि दमकल एक घंटे के प्रयास के बाद भी आग पर काबू नहीं पा सकी है। आग लगने की सूचना से आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह सिडकुल स्थित रैपिड फैक्टरी में शार्ट सर्किट होने के कारण आग लग गई। आग इतनी भयंकर है कि जिसे देखकर आसपास के लोग दहशत में आ गए। अग्निशमन की चार गाड़ियां आग पर काबू पाने का प्रयास कर रही हैं पर अब तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा उत्तराखंड 25 वर्ष में भरेगा उड़ान और बनेगा देश का सबसे विकसित राज्य होगा,103 दिन के कार्यकाल में लिए 330 से अधिक फैसले

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का किच्छा में जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान सीएम ने खुर्पिया में उद्योग लगाने, पराग फार्म में विशाल पार्क बनाने, प. गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिमा स्‍थापित, सीएचसी को अपग्रेड, केंद्रीय विद्यालय, हाई स्कूल को इंटर कॉलेज में उच्चीकरण करने, ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की डीपीआर का काम जल्द शुरू करने, 10 किमी सड़क हॉटमिक्स बनाने, धोरा डैम की समस्या समाधान करने, गौशाला के लिए पांच एकड़ भूमि देने की घोषणा की। इसके पहले सीमए को चांदी का मुकुट पहनाकर उनका सम्‍मान किया गया।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गांव से लेकर जनपद स्तर की समस्याएं देहरादून तक नहीं आनी चाहिए। अफसरशाही और मशीनरी को भी ठीक कर दिया गया है। काम नहीं करने वाले अधिकारियों की विधायक भी उनसे पैरवी नहीं करें। उन्हें मुख्यसेवक के रूप में 103 दिन हो गए हैं। 350 से अधिक फैसले लिए गए हैं। प्रत्येक दिन चार या पांच महत्पूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा विधायक राजेश शुक्ला में जनसेवा की ललक ने ही उनको क्षेत्र में लोकप्रिय बनाया है। जिसका प्रमाण सभा में लोगों की मौजूदगी ने स्पष्ट किया है। क्षेत्र के विकास के लिए नई योजनाओं के प्रस्ताव के साथ हर पल तत्पर हैं। कहा 103 दिन के कार्यकाल 330 से अधिक फैसले लिए उसमें हर वर्ग को लाभ पहुंचाने का काम किया। एक एक पल का सदुपयोग करने का संकल्प लाया। 24 हजार पदों को भरने का फैसला लिया, भर्ती की प्रक्रिया शुरू है। परीक्षा का आवेदन निःषुल्क किया। प्रतियोगी परीक्षा का एक वर्ष का समय खराब न हो समय बढ़ाने का काम किया।

मुख्यमंत्री सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुमाऊं केशरी पंडित बद्रीदत्त पांडे परिसर पर 59 करोड़ 57 लाख, 47 हजार के 21 लोकापर्ण और 34 करोड़ 66 लाख 76 हजार रुपये के 21 शिलान्यास कर रहे थे। कहा कि पहले घोषाणा हो रही है और फिर उस पर अमल। प्रत्येक पुरानी चीजों पर चर्चा हो रही है। काम की होने पर वह संचालित की जा रही हैं। ऊपर से नीचे तक कठिन कामों को सरल बनाया जा रहा है। अच्छे अधिकारियों की तैनाती कर रहे हैं। 10 से 12 बजे तक प्रत्येक अधिकारी जनता की समस्याएं सुनेंगे। अधिकारी की जिम्मेदारी फिक्स कर दी गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश बेहतर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने भारत का मान, सम्मान बढ़या है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदचिन्हों पर चलते हुए उत्तराखंड को हर पल आगे ले जाने का काम कर रहे हैं । एक आध्यात्मिक, भावनात्मक, सांस्कृतिक रिश्ता उत्तराखंड के साथ है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का। उत्तराखंड को जब 25 वर्ष होंगे तो ये देश का सबसे विकसित राज्य होगा।

कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा देश में बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होगी

केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होगी। केंद्रीय मंत्री दो दिनों के लिए कोयला उत्पादक राज्य छत्तीसगढ़ और झारखंड के दौरे पर हैं।बुधवार सुबह वह विशेष विमान से बिलासपुर स्थित विमानतल पहुंचे जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि वह कोयला उत्पादन में तेजी लाने के लिए साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदानों का जायजा लेने गए हैं और वे बाद में अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिजली मंत्रालय ने कोयला मंत्रालय को बिजली उत्पादन के लिए 10.9 लाख टन कोयले की मांग रखी थी जो बाद में 20 तारीख के बाद 20 लाख टन हो गया। उन्होंने कहा कि देश में बिजली उत्पादन के लिए आज की तारीख में 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है। देश में धीरे धीरे कोयले का भंडार भी बढ़ रहा है। जोशी ने कहा कि वह देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होगी। जोशी ने कहा कि वह एसईसीएल की खदानों का जायजा लेने और वहां उत्पादन में तेजी लाने के लिए चर्चा करने जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक आवश्यकता का सवाल है, बिजली मंत्रालय ने 19 लाख टन और 20 अक्टूबर के बाद 20 लाख टन की आपूर्ति की मांग रखी थी। आज ही हमने 20 लाख टन की आपूर्ति की है और बाकी चीजों पर मैं )समीक्षा के बाद चर्चा करूंगा।छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल की खदानों का दौरा करने के बाद वह शाम में रांची के लिए रवाना होंगे।

प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कोयला आपूर्ति और बिजली उत्पादन परिदृश्य की समीक्षा की। सरकार के समक्ष कई राज्यों द्वारा ऊर्जा संकट की परेशानी सामने रखी गई है, जिसपर केंद्र सरकार कई तरीकों पर विचार कर रही है। कोयला मंत्रालय को कोयले की आपूर्ति में तेजी लाने के लिए कहा गया है, जबकि रेलवे को ईंधन को बिजली संयंत्रों तक पहुंचाने के लिए रेक उपलब्ध कराने को कहा गया है। कोयले की कमी – जो भारत में बिजली बनाने के लिए लगभग 70 फीसद तक काम आता है- ने राजस्थान से लेकर केरल तक राज्यों में घूर्णी बिजली कटौती को मजबूर किया है। वहीं, मांग को पूरा करने के लिए राज्यों को एक्सचेंजों से उच्च दरों पर बिजली खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

‘गति शक्ति योजना’ राष्ट्रीय मास्टर प्लान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे शुभारंभ, बढ़ेगी विकास की स्पीड

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज ‘पीएम गति शक्ति’, मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान का शुभारंभ करेंगे। यह प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समग्र योजना को संस्थागत रूप देगा, जो अब तक योजनाबद्ध और साइलो में डिजाइन किया गया है। पीएम मोदी देश के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य के परिवर्तन की दिशा में 100 लाख करोड़ की योजनाओं को हरी झंडी दिखाने के लिए प्रगति मैदान पहुंचे। यह रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला डिजिटल प्लेटफार्म है जिसके जरिए लाखों करोड़ों की योजनाओं को पूरी रफ्तार से लागू करने में मदद मिलेगी। इस दौरान पीएम मोदी अपना संबोधन भी दे रहे हैं।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी।केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत में बुनियादी ढांचे का निर्माण कई मुद्दों से जूझ रहा है। इसमें विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी भी शामिल है, सड़क निर्माण की वर्तमान प्रथा का उदाहरण देते हुए, जिसे अक्सर अन्य एजेंसियों द्वारा भूमिगत केबल और गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदा जाता है।

यह डिजिटल मंच बुनियादी ढांचा विकास कार्यों को फुल स्पीड से चलाने में मदद करेगा। इससे उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ाने में मदद होगी, स्थानीय विनिर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा। यह उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा और भविष्य के आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए नई संभावनाओं को विकसित करने में भी मदद करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार 15 अगस्त को 75वें वर्षगांठ पर इस 100 ट्रिलियन रुपये (1.35 ट्रिलियन डॉलर) की योजना की घोषणा की थी।पीएम ने कहा था कि इसके जरिए रोजगार पैदा करने और देश के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्वच्छ ईंधन के उपयोग का विस्तार करने में मदद हासिल होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘गति शक्ति नामक बुनियादी ढांचा कार्यक्रम से उद्योगों की उत्पादकता को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इसके तहत 16 मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को (GIS) मोड में डाल दिया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है।पीएमओ ने कहा कि गतिशक्ति व्यापकता, प्राथमिकता, अनुकूलन, तुल्यकालन और विश्लेषणात्मक और गतिशील होने के छह स्तंभों पर आधारित है। यह बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगा, रसद लागत में कटौती करेगा, आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करेगा और स्थानीय वस्तुओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना देगा।

गतिशक्ति योजना के द्वारा देश में UDAN के तहत रीजनल कनेक्ट‍िविटी में तेजी आएगी. साल 2024-25 तक एयरपोर्ट/हेलीपोर्ट/वाटरएयरोड्रम्स की संख्या बढ़कर 220 हो जाएगी. इसमें 109 नए एयरपोर्ट होंगे. इसके तहत देश में मौजूद 51 एयरस्ट्र‍िप के विकास का काम, 18 नए प्रोजेक्ट, 12 वाटर एयरोड्रम और 28 हेलीपोर्ट का  निर्माण शामिल होगा।
इसी तरह साल 2024-25 तक NHAI के द्वारा संचालित राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार कर 2 लाख किमी लंबाई तक किया जाएगा। साल 2014 में यह सिर्फ 91,000 किमी था और इसी नवंबर यानी 2021 के अंत में यह 1.3 लाख किमी हो जाएगा।
इससे डिफेंस उत्पादन में भी काफी तेजी आएगी. करीब 20,000 करोड़ रुपये के निवेश से उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में 2 डिफेंस कॉरिडोर बनाने की योजना है। इसकी वजह से भारत में करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये के डिफेंस उत्पादों का उत्पादन होगा और इनका करीब 25 फीसदी हिस्सा निर्यात किया जाएगा।
गतिशक्ति योजना से साल 2024-25 तक देश में रेलवे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता को मौजूदा 1200 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1600 MT तक किया जाएगा। इससे दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में भी तेजी आएगी।                                                      इसी तरह सरकार की योजना साल 2024-25 तक देश में गैस पाइपलाइन नेटवर्क को दोगुना कर 34,500 किमी तक करने की है। साल 2027 तक हर राज्य को नेचुरल गैस पाइपलाइनसे जोड़ने की सरकार की योजना में गति शक्ति की अहम भूमिका होगी।
सरकार की योजना गंगा नदी में 29 MMT क्षमता का और अन्य नदियों में 95 MMT क्षमता का कार्गो ढुलाई करने की है। वाराणसी से असम में तिनसुख‍िया जिले के सादिया तक साल भर बड़ी नौकाएं (फेरी) चलने की शुरुआत की जाएगी। इसी तरह समुद्री बंदरगाहों से साल 2024-25 तक 1,759 एमएमटी प्रति साल की ढुलाई का लक्ष्य है।
साल 2024 तक दूरसंचार विभाग द्वारा 35 लाख किमी का ऑप्ट‍िकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का प्लान है। इसी तरह ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा ट्रांसमिशन नेटवर्क बढ़ाकर 4.52 लाख किमी सर्किट तक किया जाएगा।
फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री द्वारा देश में करीब200 मेगा फूड पार्क बनाने, फिश‍िंग क्लस्टर बढ़ाकर 202 तक करने, 15 लाख करोड़ के टर्नओवर वाले 38 इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर बनाने, 90 टेक्सटाइल क्लस्टर बनाने 110 फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस क्लस्टर बनाने का लक्ष्य है।
मास्टर प्लान के तहत 4 इंडस्ट्रि‍यल नॉड बनाने का प्रस्ताव है. ऐसा एक इंडिस्ट्रियल नॉड यूपी के दादरी में, एक कर्नाटक के तुमुकुर में और महाराष्ट्र के शेंद्र बिडकिन में होगा।
नेशनल इंडस्ट्र‍ियल कॉरिडोर  डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत देश भर में 2024-25 तक 11 इंडस्ट्रि‍यल कॉरिडोर बनाने की योजना है।

उत्तराखंड में नर्सिंग और पैरामेडिकल में आज से ऑनलाइन आवेदन शुरू,प्रवेश परीक्षा 20 और 21 नवंबर को होगी

देहरादून :- उत्तराखंड में नर्सिंग और पैरामेडिकल में आज (बुधवार ) से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो जाएंगे। एचएनबी मेडिकल विवि ने प्रवेश परीक्षा का शेड्यूल मंगलवार शाम को जारी कर दिया है। बुधवार से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो जाएंगे।अभ्यर्थी 11 नवंबर तक आवेदन कर पाएंगे। प्रवेश परीक्षा 20 और 21 नवंबर को होगी। अभ्यर्थी 11 नवंबर तक आवेदन कर पाएंगे।

विवि के कुलपति डा. हेमचंद्र पांडेय ने बताया कि एएनएम और जीएनएम की प्रवेश परीक्षा 20 नवंबर को आयोजित की जाएगी। बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग, बीएससी पैरामेडिकल और पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की प्रवेश परीक्षा 21 नवंबर को होगी। प्रवेश पत्र 14 नवंबर से डाउनलोड किए जा सकेंगे।

परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल के अनुसार इस परीक्षा के माध्यम से प्रदेश में राज्य कोटे की नर्सिंग और पैरामेडिकल से संबंधित सीटों पर दाखिला दिया जाएगा। निजी नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों में 50 प्रतिशत सीटें राज्य कोटे की हैं। वहीं बीएससी नर्सिंग में दाखिले अगले साल से नीट से किए जाएंगे। यह व्यवस्था इसी साल लागू होनी थी, पर इसका आदेश विलंब से हुआ। ऐसे में छात्रों को एक साल रियायत दी गई है। इन बदलाव के कारण भी परीक्षा में देरी हुई है।

बीएससी नर्सिंग के परीक्षा पैटर्न में इस बार बदलाव किया गया है। नर्सिंग काउंसिल के नए नियमों के तहत इसमें अंग्रेजी और नर्सिंग एप्टीट्यूट का भी सेक्शन जुड़ गया है। परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि प्रवेश परीक्षा में नॄसग एप्टीट्यूट, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और अंग्रेजी में 20-20 अंक के सवाल पूछे जाएंगे। प्रवेश परीक्षा में 50 फीसदी से कम अंक लाने वालों को क्वालिफाई नहीं माना जाएगा। हर अभ्यर्थी को आनलाइन आवेदन पत्र में न्यूनतम तीन परीक्षा केंद्रों का विकल्प भरना होगा। विवि कोई एक परीक्षा केंद्र अभ्यर्थी को आवंटित करेगा। एक बार आवंटित परीक्षा केंद्र में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उपनल कर्मचारियों को वेतन बढोत्तरी के प्रस्ताव को दी मंजूरी,जानिए कैबिनेट के अन्‍य फैसले

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। बैठक में मंत्रियों ने विचार के बाद कई अहम फैसले लिए। इस बैठक में 29 प्रस्ताव आए। उपनल कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया। साथ ही आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में 1000 की वृद्धि की गई। धामी कैबिनेट साथ ही ग्राम प्रधानों का मानदेय 3500 भी किया है। यह जानकारी कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने दी।

कैबिनेट मंत्रियों ने उपनल कर्मचारियों के मानदेय बढ़ाने पर फैसला लेते हुए वृद्धि पर हामी भर दी है। उपनल कर्मचारियों के मानदेय बढ़ोतरी के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत, 10 साल से अधिक सेवा देने वाले उपनल कर्मचारियों का मानदेय 3000 और 10 साल से नीचे सेवा करने वाले उपनल कर्मचारियों का 2000 मानदेय बढ़ाया जाएगा।

प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब माध्यमिक के 10वीं व 12वीं के छात्रों व डिग्री के सभी छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने का फैसला लिया।

कैबिनेट बैठक के फैसले

1- चमोली में 757 नाली का मूल्य आइटीबीपी के पक्ष अमल दरामद म्‍यूटीशियन करने का निर्णय

2- 500 पंचायत भवनों को बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।

3- सीएम की घोषण के अनुसार ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 बढ़ाकर 3500 किया गया।

4- राजकीय विद्यालयों महाविद्यालयों में पढ़ने वाले 1,59,015 लाभार्थियों को टेबलेट्स दिए जाने के लिए कमेटी का गठन।

5- न्यायलयों में सहायक स्टेनोग्राफर 65 पद आउटसोर्स से लिए जाएंगे जाने का निर्णय

6- चिकित्सा विभाग पुरुष महिला सेवा नियमावली में किया गया संशोधन

7- बर्न यूनिट के लिए 35 पदों को दून मेडिकल कालेज में रखे जाने को कैबिनेट से मिली मंजूरी।

8- आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में 1000 की वृद्धि, प्रोत्साहन राशि 500 की वृद्धि की गई है

9- 26500 रुपये मानदेय आशा कार्यकत्रियों को हर महीने मिलेंगे

10- सोमेश्वर अस्पताल को मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत किया जाएगा उच्चीकृत

11- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय वृद्धि फैसला मुख्यमंत्री पर छोड़ा गया

12- परिवहन विभाग के दो प्रस्ताव वापस लिए गए है

13- विधायक निधि में 2 प्रतिशत कंटेजेंसी को एक प्रतिशत किया गया

14- उपनल कर्मचारियों के वेतन में हर वर्ष होगी बढ़ोत्तरी

15- 10 साल से कम सेवा व 10 साल से अधिक सेवा वाले कर्मचारियों के लिए हुए नियम निर्धारित

16- धान की क्रय नीति हुई पास, धान कामन का मूल्य 1960 हुआ निर्धारित

कैबिनेट बैठक नें उपनल कर्मचारियों के मानदेय़ में बढ़ोत्तरी को लेकर फैसला लिया गया है। 10 साल से अधिक सेवा देने वाले कर्मचारियों के मानदेय़ में 3 हजार रूपए की बढोत्तरी की जाएगी। 10 साल ने नीचे सेवा करने वाले उपनल कर्मचारियों के वेतन में 2 हजार की बढोत्तरी की जाएगी। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उपनल कर्मचारियों के मानदेय़ में वृद्धि के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे ही है। इसके लिए उन्होंने पूरी कैबिनेट का आभार व्यक्त किया है।

विगत दिनों उपनल कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन भी किया था, जिसमें मानदेय में वृद्धि मुख्य मांग थी। सरकार ने उपनल कर्मचारियों को मानदेय़ बढ़ाने का आश्वासन देकर आंदोलन खत्म कराया था, लेकिन लंबे समय से कैबिनेट के समक्ष यह प्रस्ताव नहीं आने से उपनल कर्मचारी खफा थे, और उन्होंने फिर आंदोलन की चेतावनी दी थी। लेकिन आज कैबिनेट मानदेय में बढोत्तरी के फैसले पर मुहर लगा दी है। अब देखना होगा कि राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत उपनल कर्मचारी सरकार के इस फैसले से संतुष्ट नजर आते हैं या नहीं।

सरकार ने कांग्रेस का दामन थाम चुके कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य को मंत्रिमंडल से पदमुक्त कर सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी। आर्य को सौंपे गए परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन व आबकारी विभागों का अतिरिक्त प्रभार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संभालेंगे।

राज्यपाल ने यशपाल आर्य का मंत्री पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया। इसके बाद राज्यपाल की सलाह पर उन्हें मंत्रिमंडल से पदमुक्त करते हुए अधिसूचना जारी की गई। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने बताया कि यशपाल आर्य के विभाग मुख्यमंत्री के पास अतिरिक्त कार्य प्रभार के रूप में रहेंगे।