‘गति शक्ति योजना’ राष्ट्रीय मास्टर प्लान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे शुभारंभ, बढ़ेगी विकास की स्पीड

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज ‘पीएम गति शक्ति’, मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान का शुभारंभ करेंगे। यह प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समग्र योजना को संस्थागत रूप देगा, जो अब तक योजनाबद्ध और साइलो में डिजाइन किया गया है। पीएम मोदी देश के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य के परिवर्तन की दिशा में 100 लाख करोड़ की योजनाओं को हरी झंडी दिखाने के लिए प्रगति मैदान पहुंचे। यह रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला डिजिटल प्लेटफार्म है जिसके जरिए लाखों करोड़ों की योजनाओं को पूरी रफ्तार से लागू करने में मदद मिलेगी। इस दौरान पीएम मोदी अपना संबोधन भी दे रहे हैं।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी।केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत में बुनियादी ढांचे का निर्माण कई मुद्दों से जूझ रहा है। इसमें विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी भी शामिल है, सड़क निर्माण की वर्तमान प्रथा का उदाहरण देते हुए, जिसे अक्सर अन्य एजेंसियों द्वारा भूमिगत केबल और गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदा जाता है।

यह डिजिटल मंच बुनियादी ढांचा विकास कार्यों को फुल स्पीड से चलाने में मदद करेगा। इससे उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ाने में मदद होगी, स्थानीय विनिर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा। यह उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा और भविष्य के आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए नई संभावनाओं को विकसित करने में भी मदद करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार 15 अगस्त को 75वें वर्षगांठ पर इस 100 ट्रिलियन रुपये (1.35 ट्रिलियन डॉलर) की योजना की घोषणा की थी।पीएम ने कहा था कि इसके जरिए रोजगार पैदा करने और देश के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्वच्छ ईंधन के उपयोग का विस्तार करने में मदद हासिल होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘गति शक्ति नामक बुनियादी ढांचा कार्यक्रम से उद्योगों की उत्पादकता को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इसके तहत 16 मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को (GIS) मोड में डाल दिया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है।पीएमओ ने कहा कि गतिशक्ति व्यापकता, प्राथमिकता, अनुकूलन, तुल्यकालन और विश्लेषणात्मक और गतिशील होने के छह स्तंभों पर आधारित है। यह बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगा, रसद लागत में कटौती करेगा, आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करेगा और स्थानीय वस्तुओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना देगा।

गतिशक्ति योजना के द्वारा देश में UDAN के तहत रीजनल कनेक्ट‍िविटी में तेजी आएगी. साल 2024-25 तक एयरपोर्ट/हेलीपोर्ट/वाटरएयरोड्रम्स की संख्या बढ़कर 220 हो जाएगी. इसमें 109 नए एयरपोर्ट होंगे. इसके तहत देश में मौजूद 51 एयरस्ट्र‍िप के विकास का काम, 18 नए प्रोजेक्ट, 12 वाटर एयरोड्रम और 28 हेलीपोर्ट का  निर्माण शामिल होगा।
इसी तरह साल 2024-25 तक NHAI के द्वारा संचालित राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार कर 2 लाख किमी लंबाई तक किया जाएगा। साल 2014 में यह सिर्फ 91,000 किमी था और इसी नवंबर यानी 2021 के अंत में यह 1.3 लाख किमी हो जाएगा।
इससे डिफेंस उत्पादन में भी काफी तेजी आएगी. करीब 20,000 करोड़ रुपये के निवेश से उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में 2 डिफेंस कॉरिडोर बनाने की योजना है। इसकी वजह से भारत में करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये के डिफेंस उत्पादों का उत्पादन होगा और इनका करीब 25 फीसदी हिस्सा निर्यात किया जाएगा।
गतिशक्ति योजना से साल 2024-25 तक देश में रेलवे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता को मौजूदा 1200 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1600 MT तक किया जाएगा। इससे दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में भी तेजी आएगी।                                                      इसी तरह सरकार की योजना साल 2024-25 तक देश में गैस पाइपलाइन नेटवर्क को दोगुना कर 34,500 किमी तक करने की है। साल 2027 तक हर राज्य को नेचुरल गैस पाइपलाइनसे जोड़ने की सरकार की योजना में गति शक्ति की अहम भूमिका होगी।
सरकार की योजना गंगा नदी में 29 MMT क्षमता का और अन्य नदियों में 95 MMT क्षमता का कार्गो ढुलाई करने की है। वाराणसी से असम में तिनसुख‍िया जिले के सादिया तक साल भर बड़ी नौकाएं (फेरी) चलने की शुरुआत की जाएगी। इसी तरह समुद्री बंदरगाहों से साल 2024-25 तक 1,759 एमएमटी प्रति साल की ढुलाई का लक्ष्य है।
साल 2024 तक दूरसंचार विभाग द्वारा 35 लाख किमी का ऑप्ट‍िकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का प्लान है। इसी तरह ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा ट्रांसमिशन नेटवर्क बढ़ाकर 4.52 लाख किमी सर्किट तक किया जाएगा।
फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री द्वारा देश में करीब200 मेगा फूड पार्क बनाने, फिश‍िंग क्लस्टर बढ़ाकर 202 तक करने, 15 लाख करोड़ के टर्नओवर वाले 38 इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर बनाने, 90 टेक्सटाइल क्लस्टर बनाने 110 फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस क्लस्टर बनाने का लक्ष्य है।
मास्टर प्लान के तहत 4 इंडस्ट्रि‍यल नॉड बनाने का प्रस्ताव है. ऐसा एक इंडिस्ट्रियल नॉड यूपी के दादरी में, एक कर्नाटक के तुमुकुर में और महाराष्ट्र के शेंद्र बिडकिन में होगा।
नेशनल इंडस्ट्र‍ियल कॉरिडोर  डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत देश भर में 2024-25 तक 11 इंडस्ट्रि‍यल कॉरिडोर बनाने की योजना है।

उत्तराखंड में नर्सिंग और पैरामेडिकल में आज से ऑनलाइन आवेदन शुरू,प्रवेश परीक्षा 20 और 21 नवंबर को होगी

देहरादून :- उत्तराखंड में नर्सिंग और पैरामेडिकल में आज (बुधवार ) से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो जाएंगे। एचएनबी मेडिकल विवि ने प्रवेश परीक्षा का शेड्यूल मंगलवार शाम को जारी कर दिया है। बुधवार से ऑनलाइन आवेदन शुरू हो जाएंगे।अभ्यर्थी 11 नवंबर तक आवेदन कर पाएंगे। प्रवेश परीक्षा 20 और 21 नवंबर को होगी। अभ्यर्थी 11 नवंबर तक आवेदन कर पाएंगे।

विवि के कुलपति डा. हेमचंद्र पांडेय ने बताया कि एएनएम और जीएनएम की प्रवेश परीक्षा 20 नवंबर को आयोजित की जाएगी। बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग, बीएससी पैरामेडिकल और पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की प्रवेश परीक्षा 21 नवंबर को होगी। प्रवेश पत्र 14 नवंबर से डाउनलोड किए जा सकेंगे।

परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल के अनुसार इस परीक्षा के माध्यम से प्रदेश में राज्य कोटे की नर्सिंग और पैरामेडिकल से संबंधित सीटों पर दाखिला दिया जाएगा। निजी नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों में 50 प्रतिशत सीटें राज्य कोटे की हैं। वहीं बीएससी नर्सिंग में दाखिले अगले साल से नीट से किए जाएंगे। यह व्यवस्था इसी साल लागू होनी थी, पर इसका आदेश विलंब से हुआ। ऐसे में छात्रों को एक साल रियायत दी गई है। इन बदलाव के कारण भी परीक्षा में देरी हुई है।

बीएससी नर्सिंग के परीक्षा पैटर्न में इस बार बदलाव किया गया है। नर्सिंग काउंसिल के नए नियमों के तहत इसमें अंग्रेजी और नर्सिंग एप्टीट्यूट का भी सेक्शन जुड़ गया है। परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि प्रवेश परीक्षा में नॄसग एप्टीट्यूट, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और अंग्रेजी में 20-20 अंक के सवाल पूछे जाएंगे। प्रवेश परीक्षा में 50 फीसदी से कम अंक लाने वालों को क्वालिफाई नहीं माना जाएगा। हर अभ्यर्थी को आनलाइन आवेदन पत्र में न्यूनतम तीन परीक्षा केंद्रों का विकल्प भरना होगा। विवि कोई एक परीक्षा केंद्र अभ्यर्थी को आवंटित करेगा। एक बार आवंटित परीक्षा केंद्र में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उपनल कर्मचारियों को वेतन बढोत्तरी के प्रस्ताव को दी मंजूरी,जानिए कैबिनेट के अन्‍य फैसले

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। बैठक में मंत्रियों ने विचार के बाद कई अहम फैसले लिए। इस बैठक में 29 प्रस्ताव आए। उपनल कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया। साथ ही आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में 1000 की वृद्धि की गई। धामी कैबिनेट साथ ही ग्राम प्रधानों का मानदेय 3500 भी किया है। यह जानकारी कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने दी।

कैबिनेट मंत्रियों ने उपनल कर्मचारियों के मानदेय बढ़ाने पर फैसला लेते हुए वृद्धि पर हामी भर दी है। उपनल कर्मचारियों के मानदेय बढ़ोतरी के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत, 10 साल से अधिक सेवा देने वाले उपनल कर्मचारियों का मानदेय 3000 और 10 साल से नीचे सेवा करने वाले उपनल कर्मचारियों का 2000 मानदेय बढ़ाया जाएगा।

प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब माध्यमिक के 10वीं व 12वीं के छात्रों व डिग्री के सभी छात्र-छात्राओं को टैबलेट देने का फैसला लिया।

कैबिनेट बैठक के फैसले

1- चमोली में 757 नाली का मूल्य आइटीबीपी के पक्ष अमल दरामद म्‍यूटीशियन करने का निर्णय

2- 500 पंचायत भवनों को बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।

3- सीएम की घोषण के अनुसार ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 बढ़ाकर 3500 किया गया।

4- राजकीय विद्यालयों महाविद्यालयों में पढ़ने वाले 1,59,015 लाभार्थियों को टेबलेट्स दिए जाने के लिए कमेटी का गठन।

5- न्यायलयों में सहायक स्टेनोग्राफर 65 पद आउटसोर्स से लिए जाएंगे जाने का निर्णय

6- चिकित्सा विभाग पुरुष महिला सेवा नियमावली में किया गया संशोधन

7- बर्न यूनिट के लिए 35 पदों को दून मेडिकल कालेज में रखे जाने को कैबिनेट से मिली मंजूरी।

8- आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में 1000 की वृद्धि, प्रोत्साहन राशि 500 की वृद्धि की गई है

9- 26500 रुपये मानदेय आशा कार्यकत्रियों को हर महीने मिलेंगे

10- सोमेश्वर अस्पताल को मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत किया जाएगा उच्चीकृत

11- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय वृद्धि फैसला मुख्यमंत्री पर छोड़ा गया

12- परिवहन विभाग के दो प्रस्ताव वापस लिए गए है

13- विधायक निधि में 2 प्रतिशत कंटेजेंसी को एक प्रतिशत किया गया

14- उपनल कर्मचारियों के वेतन में हर वर्ष होगी बढ़ोत्तरी

15- 10 साल से कम सेवा व 10 साल से अधिक सेवा वाले कर्मचारियों के लिए हुए नियम निर्धारित

16- धान की क्रय नीति हुई पास, धान कामन का मूल्य 1960 हुआ निर्धारित

कैबिनेट बैठक नें उपनल कर्मचारियों के मानदेय़ में बढ़ोत्तरी को लेकर फैसला लिया गया है। 10 साल से अधिक सेवा देने वाले कर्मचारियों के मानदेय़ में 3 हजार रूपए की बढोत्तरी की जाएगी। 10 साल ने नीचे सेवा करने वाले उपनल कर्मचारियों के वेतन में 2 हजार की बढोत्तरी की जाएगी। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उपनल कर्मचारियों के मानदेय़ में वृद्धि के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे ही है। इसके लिए उन्होंने पूरी कैबिनेट का आभार व्यक्त किया है।

विगत दिनों उपनल कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन भी किया था, जिसमें मानदेय में वृद्धि मुख्य मांग थी। सरकार ने उपनल कर्मचारियों को मानदेय़ बढ़ाने का आश्वासन देकर आंदोलन खत्म कराया था, लेकिन लंबे समय से कैबिनेट के समक्ष यह प्रस्ताव नहीं आने से उपनल कर्मचारी खफा थे, और उन्होंने फिर आंदोलन की चेतावनी दी थी। लेकिन आज कैबिनेट मानदेय में बढोत्तरी के फैसले पर मुहर लगा दी है। अब देखना होगा कि राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत उपनल कर्मचारी सरकार के इस फैसले से संतुष्ट नजर आते हैं या नहीं।

सरकार ने कांग्रेस का दामन थाम चुके कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य को मंत्रिमंडल से पदमुक्त कर सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी। आर्य को सौंपे गए परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन व आबकारी विभागों का अतिरिक्त प्रभार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संभालेंगे।

राज्यपाल ने यशपाल आर्य का मंत्री पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया। इसके बाद राज्यपाल की सलाह पर उन्हें मंत्रिमंडल से पदमुक्त करते हुए अधिसूचना जारी की गई। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने बताया कि यशपाल आर्य के विभाग मुख्यमंत्री के पास अतिरिक्त कार्य प्रभार के रूप में रहेंगे।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सियाचिन में शहीद हुए पौड़ी जिले के ग्राम धारकोट निवासी विपिन सिंह गुसाईं को श्रद्धांजलि, परिवार को दिया हर संभव मदद का भरोसा

सियाचिन में शहीद हुए उत्तराखंड में पाबौ विकासखंड के धारकोट निवासी विपिन सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके पैतृक गांव पहुंचा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज जनपद के विकासखंड पाबौ के अंतर्गत ग्राम धारकोट पहुंचे। यहां उन्होंने शहीद जवान विपिन सिंह (57 बंगाल इंजीनियरिंग) के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वहीं सूबे के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत, जिलाधिकारी डा. विजय जोगदंडे, एसएसपी पी रेणुका देवी सहित अन्य गणमान्य ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित की। जबकि सेना के जवानों द्वारा शहीद विपिन सिंह के पार्थिव शरीर को सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव धारकोट में लाया गया तथा सलामी दी गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सियाचिन में पौड़ी जिले के ग्राम धारकोट निवासी विपिन सिंह गुसाईं के शहीद होने पर शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार हर समय शहीद के परिजनों के साथ है।उन्होंने भगवान से प्रार्थना कि इस विकट घड़ी में भगवान उनके परिवार को सहन शक्ति प्रदान करें तथा शहीद विपिन सिंह को अपने चरणों में स्थान दें। कहा कि शहीद विपिन सिंह एक परिवार का ही नहीं, बल्कि देश का बेटा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि शहीद के गांव को जाने वाली रोड का नाम तथा इंटर कालेज का नाम शहीद विपिन सिंह के नाम पर किया जाएगा।

शहीद विपिन सिंह 57 बंगला इंजीनियरिंग में थे और इन दिनों सियाचिन में तैनात थे। विपिन सिंह (24) करीब 4 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। सियाचिन में पैर फिसलने से वह ग्लेशियर की चपेट में आ गए और शहीद हो गए थे। धारकोट गांव के प्रधान यशवंत गुसाईं ने बताया कि रविवार दोपहर को विपिन सिंह के परिजनों को सैन्य अधिकारियों ने फोन पर बताया गया था कि विपिन सिंह सियाचिन में शहीद हो गए हैं।शहीद के माता और पिता गांव में रहते हैं। पिता भी सेना से रिटायर्ड है। बड़ा भाई भी सेना में है और बड़े भाई का परिवार कोटद्वार में रहता है। विपिन सिंह मार्च में छुट्टी पर आए थे।

अमित शाह ने बुलाई बड़ी बैठक कोयले की कमी और बिजली कटौती की चिंताओं को लेकर हो रही बैठक

देश की बिजली कंपनियों के सामने कोयले की किल्लत के बीच राजधानी दिल्ली में आज तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच बैठक हो रही है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले हैं। आरके सिंह और जोशी ने गृह मंत्रालय में पहुंचकर अमित शाह के साथ बैठक की है। बैठक में बिजली और कोयला मंत्रालय और एनटीपीसी के अधिकारी भी मौजूद हैं।

कोयले की अपर्याप्त सप्लाई के कारण देश के कई हिस्सों में बिजली की कमी की चिंताओं के बीच शाह की यह मुलाकात हुई है। कई राज्यों ने ब्लैकआउट की चेतावनी दी है। हालांकि केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि भारत के पास अपने बिजली संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला भंडार है।

देश में कई राज्यों ने कोयले की भारी कमी के मद्देनजर बिजली आपूर्ति बाधित होने की चेतावनी दी है। लेकिन, कोयला मंत्रालय का कहना है कि बिजली उत्पादन संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त सूखा ईंधन उपलब्ध है। मंत्रालय ने बिजली आपूर्ति में व्यवधान को लेकरकिसी भी डर को पूरी तरह गलत बताकर खारिज किया है। हालांकि, रविवार को कोयले की कमी से देश के 13 थर्मल पावर प्लांट बंद हो गए थे।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और साफ शब्दों में कहा कि देश में ना बिजली की कमी थी, न है और न होगी। हालांकि, उन्होंने भी यह स्वीकार किया कि पहले बिजली उत्पादन कंपनियों के पास आमतौर पर पहले 17 दिन का कोयला स्टॉक में रहता था, जो फिलहाल 4 दिन के करीब आ गया है। कोयले के स्टॉक में कमी को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि दिल्ली के पास सिर्फ दो-तीन दिनों का ही कोयला बच गया है। महाराष्ट्र में 7 थर्मल पॉवर प्लांट की 13 यूनिट बंद होने की बात कही जा रही है। पंजाब, तमिलनाडु, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों से भी बिजली आपूर्ति बाधित होने की बात कही जा रही है।

 

उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान ने उड़ीसा हाईकोर्ट से आए न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई

नैनीताल:- उत्तराखंड उच्च न्यायालय की चीफ जस्टिस कोर्ट में आयोजित शपथग्रहण समारोह में मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान ने उड़ीसा हाईकोर्ट से आए न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस संजय कुमार मिश्रा के शपथ लेने के बाद हाइकोर्ट में मुख्य न्यायधीश सहित जजों की संख्या आठ हो गई है।

हाल ही में राष्ट्रपति की ओर से नियुक्त उत्तराखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा को 11 अक्टूबर को पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। सुप्रीम कोर्ट की कोलेजियम ने उड़ीसा हाईकोर्ट से उनका तबादला नैनीताल हाईकोर्ट करने की सिफारिश की थी। जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर राष्ट्रपति को भेजा था। राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति के बाद मंगलवार को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से मंगलवार को नोटिफिकेशन जारी किया गया था। अब शुक्रवार को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी की ओर से शपथ ग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश समेत न्यायाधीशों के कुल 11 पद हैं। जस्टिस मिश्रा की नियुक्ति सिफारिश स्वीकार होने के बाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता कोटे के तीन न्यायाधीश के पद रिक्त रहेंगे। फिलहाल हाईकोर्ट में वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज तिवारी, जस्टिस शरद शर्मा समेत सात न्यायाधीश हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनी सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की कमेटी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के तीन अधिवक्ताओं को उत्तराखंड हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की है।

उड़ीसा हाई कोर्ट से उत्तराखंड स्थानांतरित जस्टिस  संजय कुमार मिश्रा की नियुक्ति 1999 में जयपुर में अपर जिला जज के रूप में हुई थी। सात अक्टूबर 2009 को  उड़ीसा हाई कोर्ट के जज नियुक्त हुए । उन्होंने 1987 में एलएलबी दिल्ली विश्व विद्यालय से किया। अपने पिता मार्कंडेय मिश्रा के मार्गदर्शन में बोलांगीर जिले की अदालत  में प्रैक्टिस की। जस्टिस मिश्रा ने पीसीएस जे की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और 1999 में अपर जिला जज जयपुर नियुक्त हुए। उन्होंने जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुंदरगढ़, विशेष न्यायाधीश सीबीआई व रजिस्ट्रार जनरल उड़ीसा हाईकोर्ट रहे।

 

उत्तराखंड में चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, उनके पुत्र संजीव आर्य कांग्रेस में हुए शामिल 

उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जानता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल-बदल का खेल जोरों पर है। इसी क्रम में आज बीजेपी सरकार के कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, उनके पुत्र संजीव आर्य समेत कई नेता भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। प्रदेश की राजनीति में दलितों का बड़ा चेहरा माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के साथ-साथ उनके बेटे विधायक संजीव आर्य ने भी में शामिल हो गए हैं।यशपाल आर्य बाजपुर और उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल सीट से विधायक हैं। यशपाल आर्य इस समय उत्तराखंड सरकार में परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन और आबकारी विभाग के मंत्री हैं।यशपाल आर्य और उनके बेटे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं हरीश रावत, के सी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ नयी दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हुए।

यशपाल और उनके बेटे संजीव साल 2017 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। बीजेपी की सरकार बनने के बाद यशपाल को तोहफा देते हुए उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। ठीक पांच साल बाद यशपाल आर्य की घर वापसी हुई है। यशपाल आर्य कांग्रेस के उन 9 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने 2016 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। बदले में बीजेपी ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया तो उनके बेट संजीव आर्य को भी टिकट दिया गया। चुनाव से ठीक पहले यशपाल की घर वापसी बीजेपी के लिए बड़ा झटका है।

सितंबर में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की नाराजगी की खबरें आई थीं। इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके आवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे।। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे बातचीत हुई। सीएम और यशपाल आर्य ने साथ में नाश्ता भी किया था।काफी समय से सुनने में आ रहा है कि वह बीजेपी में खुश नहीं हैं और कांग्रेस में वापसी की तैयारी में हैं। उनकी दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से अंतिम चरण की बातचीत के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए।

इससे पहले उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से उनके आवास में मुलाकात की थी।दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की मौजूदगी में यशपाल और संजीव आर्य ने कांग्रेस में वापसी की है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व सीएम हरीश रावत भी मौजूद रहे।

सितंबर में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की नाराजगी की खबरें आई थीं। इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनके आवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे।। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे बातचीत हुई। सीएम और यशपाल आर्य ने साथ में नाश्ता भी किया था।काफी समय से सुनने में आ रहा है कि वह बीजेपी में खुश नहीं हैं और कांग्रेस में वापसी की तैयारी में हैं। उनकी दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से अंतिम चरण की बातचीत के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए।

पेट्रोल ने महंगाई का आसमान छू लिया है, देहरादून में पेट्रोल की कीमत ने शतक लगाया,कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर जताया विरोध

देहरादून:- देहरादून में लगातार पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से आम लोगों की जेब पर बोझ बढ़ता जा रहा है। देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। तेल की कीमतों ने ना सिर्फ आम लोगों की परेशानियां बढ़ाई है बल्कि, पेट्रोल पंप भी वीरान हो गए हैं। तेल की कीमतों का देहरादून में भी असर देखने को मिला। जहां एक पेट्रोल पंप पर पहले दिन-रात बिक्री हुआ करती थी, अब वही पेट्रोल पंप वीरान हो गए हैं। यहां पहले के मुकाबले कम भीड़ होने लगी है। पेट्रोल पंप के कर्मचारियों का कहना है कि उनकी एक दिन की बिक्री 1200 से 1400 लीटर तक कम होने लगी है।शनिवार को पहली बार पेट्रोल के दाम 100 रुपये पहुंचे हैं। शनिवार को शहर में इंडियन ऑयल का नॉरमल पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर बिका। वहीं डीजल 93.92 रुपये प्रतिलीटर के हिसाब से बेचा जा रहा था। बढ़ोतरी होने से आमजन परेशान हैं।

महंगाई ने आम आदमी का जीना बेहाल कर दिया है। खाने पीने की चीजों से लेकर तेल के दामों ने आम आदमी के बजट का खेल बिगाड़ दिया है। अब पेट्रोल के दाम को ही देख लीजिए। पेट्रोल ने महंगाई का आसमान छू लिया है। लोग जब सुबह सुबह पेट्रोल भरवाने के लिए पेट्रोल पंपों तक पहुंचे तो दाम देखकर सभी हैरान रह गए। इस वक्त महंगाई से आम आदमी त्रस्त है। गैस, तेल, सब्जियां, दाल समेत न जाने कितनी ही चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। अब देहरादून में भीगी पेट्रोल 100 के पार चला गया है और देखना यह है कि यह महंगाई आखिर कब तक आम जनता को परेशान किए रखेगी।

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने देहरादून में पेट्रोल पंपों के सामने विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शनों के दौरान पेट्रोल-डीजल-रसोई व गैस की कीमतों में हो रही निरंतर वृद्धि, अभूतपूर्व आर्थिक मंदी, बढ़ती बेरोजगारी और सभी जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से आम जनता को हो रही परेशानियों की तरफ मोदी सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया।

युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वैभव वालिया के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बल्लूपुर चौक पर एकत्र होकर बढ़ती महंगाई, पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम, गैस के बढ़ते दाम, सरसों तेल के बढ़े दाम के विरोध में ‘महंगाई के विरोध में हॉर्न बजाओ’ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों से महंगाई के विरोध में अपनी गाड़ी का हॉर्न बजाने का आग्रह किया। इस दौरान कहा गया कि हम रचनात्मक ढंग से महंगाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। जिससे लोगों को सरकार की लूट के खिलाफ जागरुक किया जा सके। सरकार को तुरंत महंगाई से राहत देनी चहिए।

प्रदर्शन में  शिवम ध्यानी, नवनीत कुकरेती, आरुषि सुंदरियाल, अमन कुमार, सूरज पंवार, तरुणा चक्रवर्ती, राहुल, शालीन बंसल, सुमित अग्रवाल, शादाब कुरेशी, अंजलि चमोली, आशीष सक्सेना, सूरज पंवार, अमनदीप बत्रा, अरुण शर्मा, सुमित्रा ध्यानी, मंजू त्रिपाठी, विजय भट्टाराई, कमर खान ताबी, मोहित ग्रोवर, कमल कांत, राहुल प्रताप लक्की, शिवम भुईयर, नितिन रावत, विकास नेगी, प्रकाश नेगी, साक्षी, प्रांजल, लकी राणा, सागर आदि लोग शामिल हुए।

 

 

 

हैदराबाद की दवा कंपनी पर आयकर विभाग का छापा, 142 करोड़ से ज्यादा नकद राशी,लगभग 550 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता चला है

हैदराबाद में एक दवा कंपनी पर आयकर विभाग ने छापा मारा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में बताया, “छापेमारी के दौरान, कई बैंक लॉकरों का पता चला जिनमें से 16 लॉकर चालू स्थिति में थे। छापेमारी में अब तक 142 करोड़ की बेहिसाबी नकद राशि जब्त की गई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के आधिकारिक प्रवक्ता को सूचित किया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के मुताबिक, हैदराबाद स्थित एक प्रमुख फार्मास्युटिकल समूह पर 6 अक्टूबर को करीब छह राज्यों में लगभग 50 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया था। अबतक लगभग 550 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता चला है।

बोर्ड के प्रवक्ता ने बताया कि यह फार्मास्युटिकल समूह एक्टव फार्मास्युटिकल सामग्री (APIs) और फार्मूलेशन निर्माण के व्यवसाय में लगा हुआ है। कंपनी द्वारा अधिकांश उत्पादों को संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप, दुबई और अन्य अफ्रीकी और यूरोपीय  देशों के रूप में विदेशों में निर्यात किया जाता है।

सीबीडीटी ने कहा, “डिजिटल मीडिया, पेन ड्राइव, दस्तावेजों आदि के रूप में अपराध साबित करने वाले दस्तावेज मिले जिन्हें जब्त कर लिया गया और समूह द्वारा बनाए गए एसएपी और ईआरपी सॉफ्टवेयर से डिजिटल “साक्ष्य” एकत्र किए गए।”

इसने दावा किया, “फर्जी और गैर-मौजूद संस्थाओं से की गई खरीद में विसंगतियों और खर्च के कुछ विषयों की कृत्रिम मुद्रास्फीति से संबंधित मुद्दों का पता चला। इसके अलावा, भूमि की खरीद के लिए पैसे के भुगतान के सबूत भी मिले थे।”इसके अलावा, भूमि की खरीद के लिए भुगतान के साक्ष्य भी पाए गए और कई अन्य कानूनी मुद्दों की भी पहचान की गई जैसे कि कंपनी की किताबों में व्यक्तिगत खर्च और संबंधित सरकारी पंजीकरण मूल्य से नीचे खरीदी गई भूमि। अधिकारी ने बताया कि तलाशी के दौरान कई बैंक लाकर मिले हैं, जिनमें से 16 लाकर संचालित हैं। अघोषित आय का पता लगाने के लिए आगे की जांच की जारी है।

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन ने द्विपक्षीय वार्ता के लिए हैदराबाद हाउस में मुलाकात,फ्रेडरिक्सन नौ से 11 अक्टूबर तक तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंची

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सन की अगवानी की, जहां उनका औपचारिक स्वागत किया गया। अब दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई है। फ्रेडरिक्सन नौ से 11 अक्टूबर तक तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंची हैं। विदेश राज्य मंत्री (MoS) मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली हवाई अड्डे पर फ्रेडरिक्सन का स्वागत किया, जो भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर हैं।पीएम फ्रेडरिकसन अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आई हुई हैं, इस दौरान वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात करेंगी।  कोरोना काल में बीते 20 महीनों के दौरान यह किसी प्रधानमंत्री की पहली भारत यात्रा है। पीएम मोदी के साथ पीएम मेट फ्रेडरिक्सन की इस द्विपक्षीय वार्ता में विदेश मंत्री जयशंकर भी शामिल रहे।

प्रधानमंत्री मोदी के रिसीव करने के बाद राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन का औपचारिक स्वागत किया गया।डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सन ने इस दौरान कहा, ‘हम भारत को एक बहुत करीबी पार्टनर मानते हैं। मैं इस यात्रा को डेनमार्क-भारत द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक मील के पत्थर के रूप में देखती हूं।’ उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल मैंने और पीएम मोदी ने हरित रणनीतिक साझेदारी (ग्रीन स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप) पर हस्ताक्षर किए और सहमति व्यक्त की। जब भारत और बाकी दुनिया में हरित संक्रमण की बात आती है तो हम एक महत्वाकांक्षी भारतीय सरकार को बड़ी जिम्मेदारी लेते हुए देखते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसेन के बीच हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो गई है। इस बैठक में ‘हरित सामरिक गठजोड़’ के क्षेत्र में प्रगति की समीक्षा करने के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों पर चर्चा होगी। दोनों देशों के बीच पुरूलिया हथियार कांड के आरोपी किम डेवी के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।

डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन रविवार को ताजमहल और आगरा किला का दीदार करेंगी। उनके दौरे के कारण रविवार सुबह ताजमहल और आगरा किला पर्यटकों के लिए बंद किया जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद ने शुक्रवार को ताज और किला बंद करने की सूचना जारी कर दी। इसके मुताबिक रविवार सुबह 8.30 बजे से 10.30 बजे तक ताजमहल पर्यटकों के लिए बंद रहेगा, जबकि आगरा किला को सुबह 9.50 बजे से 11.50 बजे तक बंद रखा जाएगा।