जम्मू कश्मीर के पूंछ जिले के नाढ़खास में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए दोनों जवानों के पार्थिव शरीर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लाए गए

जम्मू कश्मीर के पूंछ जिले के नाढ़खास में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो जवान शहीद हो गए। शहीद टिहरी गढ़वाल के राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और चमोली के राइफलमैन योगंबर सिंह थे। शहीद हुए 17 गढ़वाल राइफल के दो जवानों का पार्थिव शरीर आज शनिवार जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लाए गए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकी मुठभेड़ के दौरान उत्तराखंड के दो जवानों के शहीद होने पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और योगंबर सिंह ने देश सेवा के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। मुख्यमंत्री ने दोनों शहीद जवानों के स्वजन को इस दुख की घड़ी में धैर्य रखने की कामना की है।

नेगी के परिजन सुरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि पांच साल पहले नेगी ने आर्मी जॉइन की थी। ‘उसके सामने अभी पूरी ज़िंदगी पड़ी थी। यह इंसाफ नहीं है कि आतंकवाद की वजह से हमारे नौजवान बच्चों की जीवनलीला खत्म हो जाए।’ मौत की खबर को सुनने के बाद नेगी के परिवार में उनकी पत्नी बिरजा देवी और 95 वर्षीय दादी रुकमा देवी की हालत काफी खराब बताई जा रही है। विक्रम सिंह नेगी अपने पीछे 18 महीने के बेटे को भी छोड़ गए हैं।

चमोली जिले के ग्राम सांकरी निवासी 26 वर्षीय राइफलमैन योगंबर सिंह के शहीद होने की सूचना फोन पर मिलने के बाद से गांव में मातम छाया है। शहीद के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शनों के लिए गांव में लोग पहुंचे हैं। शहीद का पार्थिव शरीर के घर पहुंचने पर अंतिम संस्कार उनके पैतृक घाट त्रिवेणी निगोल नदी के तट पर ही किया जाएगा।

सेना और सीएम ने दी जांबाज़ों को श्रद्धांजलि
भारतीय आर्मी के अतिरिक्त महानिदेशक की ओर से ट्विटर पर कहा गया कि जनरल एमएम नरावणे और तमाम रैंक्स ने दोनों शहीद जांबाज़ों को सलामी देकर श्रद्धांजलि दी और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। वहीं, उत्तरी कमांड ने ट्वीट किया कि लेफ्टिनेंट जनरल वायके जोशी ने दोनों वीरों को श्रद्धांजलि दी। इधर, ट्विटर पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, उत्तराखंड के वीरों के सर्वोच्च बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

उत्तराखंड राजनीति: उत्तराखंड की सियासत में हड़कंप, पूर्व मुख्यमंत्री (कांग्रेस महासचिव) हरीश रावत के विरोध में लगे पोस्टर, कांग्रेस ने इस मामले में आपत्ति जताते हुए कार्रवाई की मांग की

देहरादून:- कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के पोस्टर उत्तराखंड में छाए हुए हैं।देहरादून में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) का कांग्रेस महासचिव हरीश रावत पर टिप्पणी करता एक बैनर चर्चा का विषय बना हुआ है। ये टिप्पणी करता एक बैनर चर्चा का विषय बना हुआ है। बैनर भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी के नाम से लगाया गया है और इसमें हरीश रावत को पाकिस्तानी आर्मी चीफ बाजवा का भाई बता शहीद नायब सूबेदार जसविंदर सिंह की हत्या का कारण ठहराया जा रहा है। कांग्रेस ने इस मामले में आपत्ति जताते हुए कार्रवाई की मांग की है।

देहरादून के वह दिलाराम चौक स्थित जलकल भवन की चहारदीवारी पर एक बैनर टंगा हुआ था। बैनर भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी के नाम से टांगा गया था। बैनर में एक तस्वीर के साथ लिखा था ‘हरीश रावत जी इस बेटी के पिता अमर शहीद नायब सूबेदार जसविंदर सिंह की हत्या आपके भाई व पाकिस्तानी जनरल कमर चीमा बाजवा ने करवाई’। हालांकि, नीचे भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी का नाम लिखा है। इस पोस्टर से उत्तराखंड की सियासत में हड़कंप मच गया है।

हालांकि, नीचे भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी का नाम लिखा है। देर रात तक नेहा जोशी से संपर्क नहीं हो सका। इसके अलावा इंटरनेट मीडिया पर यह मुद्दा चर्चाहरीश रावत के प्रवक्ता सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि यदि शहर में इस प्रकार के बैनर लगे हैं तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

भाजपा की सरकार है तो इसका मतल का विषय बना रहा। कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के भी देहरादून से बाहर होने के कारण संपर्क नहीं हो सका। ब यह नहीं कि किसी पर कुछ भी आरोप लगाए जाएं। कांग्रेस हमेशा मर्यादा में रहकर आरोप लगाती है और बैनर लगाती है। यदि भाजयुमो की ओर से इस प्रकार का बैनर लगाया गया है तो यह गलत है और इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

उत्तराखंड चारधाम यात्रा:- केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज को बंद हो जाएंगे,20 नवंबर को बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।

देवभूमि उत्तराखंड के चारों धामों केदारनाथ-बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनाेत्री के कपाट इस महीने खुले रहेंगे। चारधाम देवस्थानम् बोर्ड द्वारा कहा गया है कि, सर्द ऋतु में भारी बर्फबारी की संभावना को देखते हुए चार धामों के कपाट अगले महीने बंद कराए जाएंगे। कपाट बंद होने की तारीखें भी बता दी गई हैं, जिसमें गंगोत्री मंदिर के कपाट जहां दिवाली के अगले दिन 5 नवंबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर्व पर बंद किए जाएंगे वहीं 6 नवंबर को भैयादूज के पर्व पर केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिर के कपाट बंद होंगे। 20 नवंबर को बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्रीधाम के कपाट बंद होने का शुभ मुहूर्त तय हो गया है। गंगोत्री धाम के कपाट 5 नवंबर को प्रात: 11:45 मिनट पर बंद होंगे। कपाट बंद होने के बाद देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे।

दशहरे के अवसर पर शुक्रवार को यमुनोत्री धाम के कपाट बंद किए जाने का मुहूर्त तय किया गया। आगामी 6 नवंबर को भैयादूज के पावन पर्व पर दोपहर 12:15 बजे विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। जिसके बाद शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में होंगे।

उत्तराखंड चारधाम यात्रा अब समाप्ति की ओर है। भैया दूज पर हर साल की तरह इस बार भी केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे। वहीं विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि शुक्रवार को विजय दशमी के दिन विधि-विधान से पंचाग गणना के बाद तय की जाएगी।

विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 20 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे और इसके साथ ही उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र की इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि शुक्रवार को विजयदशमी के पावन पर्व पर बदरीनाथ मंदिर में परंपरागत पूजा पाठ के बाद पंचाग गणना करके कपाट बंद करने का मुहूर्त निकाला गया। जिसके अनुसार शनिवार 20 नवंबर की शाम पौने सात बजे मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए बंद हो जाएंगे।

रक्षा मंत्री ने गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की संगोष्ठी को संबोधित किया,पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ की

रक्षा मंत्री ने गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की संगोष्ठी को संबोधित किया। इस दौरान उन्‍होंने राष्ट्रीय विकास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया। इसमें इंदिरा के अलावा और कई महिलाओं का जिक्र किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सेमिनार को संबोधित किया। संबोधन में रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल कई साल तक देश की कमान संभाली, बल्कि युद्ध के समय भी नेतृत्व किया।

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में रानी लक्ष्मीबाई और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का भी जिक्र किया और कहा कि राष्ट्रीय विकास में महिला शक्ति की भूमिका को लेकर भारत का अनुभव सकारात्मक रहा है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका पर बातचीत करना ठीक है, लेकिन सुरक्षा और राष्ट्र-निर्माण के सभी क्षेत्रों में उनके व्यापक योगदान को पहचाना जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘देश की रक्षा और लोगों के अधिकारों के लिए इतिहास में महिलाओं के हथियार उठाने के अनेक उदाहरण हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने न केवल कई वर्षों तक देश का नेतृत्व किया। उन्होंने युद्ध के समय भी ऐसा किया। हाल ही में प्रतिभा पाटिल भारत की राष्ट्रपति और भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर थीं। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 का युद्ध जीता, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ। सिंह ने कहा कि पालक और रक्षक के तौर पर सदियों से महिलाएं भूमिका निभाती आ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘सरस्वती ज्ञान, बुद्धि और शिक्षा की देवी हैं, तो मां दुर्गा रक्षा, शक्ति, विनाश और युद्ध की देवी हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है जिन्होंने सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी के लिए जल्द पहल की और महिलाओं की भर्ती स्थायी कमीशन के रूप में सेना में होने लगी है। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘महिलाएं 100 साल से अधिक समय से भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवा में गौरव के साथ सेवाएं दे रही हैं। भारतीय सेना में महिला अधिकारियों की भर्ती 1992 में शुरू हुई थी। अब सेना की अधिकतर शाखाओं में महिला अधिकारियों की भर्ती की जाने लगी है।’’ उन्होंने कहा कि अगले साल से महिलाएं राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगी।

चीफ आफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि आज दुनिया के हर देश में महिलाएं आर्म्‍ड फोर्स में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवाएं दे रही हैं। भारतीय सेना में महिला सैनिकों का प्रशिक्षण कठिन है और इससे विभिन्न परिस्थितियों में उन्हें अपने कार्यों को अंजाम देने में मदद मिली है। आज, युद्ध के नजरिए से पुरुषों और महिलाओं की भूमिका के बीच का अंतर धुंधला होता जा रहा है… महिलाओं ने अपनी क्षमताएं साबित की है और वे भविष्य में भी ऐसा ही करती रहेंगी।उन्‍होंने ये बात एससीओ -इंटरनेशनल वेबिनार में सशस्‍त्र सेना में महिलाओं की भूमिका के विषय पर बोलते हुए कही है।

पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के जन्म दिन पर और कांग्रेस में यशपाल आर्य की वापसी के साथ, कांग्रेस 18 अक्टूबर को हल्द्वानी के रामलीला मैदान में करेगी शक्ति प्रदर्शन

हल्द्वानी :- चार साल नौ महीने बाद उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री का पद छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के बहाने हल्द्वानी के रामलीला मैदान में कांग्रेस 18 अक्टूबर पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के जन्म दिन पर कांग्रेस का हल्द्वानी में शक्ति प्रदर्शन होगा। पार्टी के मुताबिक 18 अक्टूबर को होनी वाली जनसभा में हजारों की संख्या में कार्यकर्ता जुटेंगे। इसके अलावा बड़े नेता भी शामिल होंगे। संभावना है कि कार्यक्रम के दौरान आर्य के करीबी रहे कई लोग भी पुन: कांग्रेस में वापसी करेंगे। यशपाल के करीबी रहे लोग कार्यक्रम को भव्य बनाने में जुटे हैं। ताकि कुमाऊं के प्रवेशद्वार हल्द्वानी में विपक्ष की एकजुटता का संदेश जा सके।

नैनीताल के विधायक रहे संजीव आर्य ने स्वीकार किया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल के निर्देश पर 18 अक्टूबर (सोमवार ) को दिन 11बजे रामलीला मैदान हल्द्वानी पूर्व मुख्यमंत्री पर्वत पुत्र विकास पुरुष पंडित स्व नारायण दत्त तिवारी की जयंती व पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए संकल्प विशाल जनसभा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्य का स्वागत एवं अभिनंदन किया जाएगा।

कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव, चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह प्रभारी श्रीमती दीपिका पांडे सिंह, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत ,डॉक्टर जीत राम, तिलकराज बेहड़, भुवन कापड़ी की उपस्थिति में उक्त कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। संजीव आर्य ने कार्यक्रम में रामलीला मैदान हल्द्वानी पहुंचने का अनुरोध किया है।

40 साल से लंबे वक्त तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले यशपाल आर्य ने जनवरी 2017 में भाजपा का दामन थाम लिया था। कांग्रेस में रहकर विधायक, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष तक रहे आर्य के इस फैसले ने सभी को चौंका दिया था। वहीं, शनिवार को दिल्ली में यशपाल आर्य और नैनीताल से विधायक रहे बेटे संजीव आर्य दिल्ली में पार्टी हाईकमान के समक्ष फिर से पार्टी में शामिल हो गए।

उतराखण्ड के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के सीटों पर फीस 50 हजार हुई

देहरादून :- उत्तराखंड सरकार ने दून-हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल छात्रों के लिए एक बार फिर से बांड की व्यवस्था लागू करने जा रही है। दो साल पहले सरकार ने हल्द्वानी और दून मेडिकल कॉलेज में बांड की व्यवस्था खत्म कर दी गई थी। इसके बाद दोनों मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को चार लाख रुपये सालाना फीस चुकानी पड़ रही थी।इस फीस का छात्र काफी समय से विरोध कर रहे हैं। सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि छात्र हित को देखते हुए फिर से दून और हल्द्वानी में बांड की व्यवस्था लागू की जाएगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग को इसके लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं। अगली कैबिनेट में इस पर मुहर लगाई जाएगी। अभी सिर्फ श्रीनगर मेडिकल कालेज में ही छात्रों को यह सुविधा मिल रही थी।

एमबीबीएस के छात्र लगातार सरकारी कॉलेजों में फीस कम करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस का मुद्दा उठा। मामले में यह तथ्य सामने आया कि वर्ष 2019 में यह व्यवस्था की गई थी कि बांड से केवल पर्वतीय जिलों के मेडिकल कॉलेजों (श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज) में ही पढ़ाई की सुविधा दी जाएगी। मैदानी जिलों के मेडिकल कॉलेजों दून मेडिकल कॉलेज व हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में बांड की व्यवस्था खत्म कर दी थी। बांड भरकर एमबीबीएस की सालाना फीस 50 हजार रुपये है जबकि बिना बांड चार लाख रुपये फीस है।

सरकार की इस सहमति के बाद अब दून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में पचास हजार सालाना फीस पर छात्रों को एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश मिल जाएगा। जबकि अभी बिना बांड के यह फीस चार लाख रुपये सालाना है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में भी बांड की फीस पचास हजार रुपये है। बांड वाले डॉक्टरों को एक साल मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप और दो साल राज्य में नौकरी करनी होगी।

बांड भरने वालों के लिए भी नियम काफी सख्त हैं। मेडिकल कॉलेजों में जूनियर और सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों की कमी को देखते हुए बांड से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को पहले एक साल मेडिकल कॉलेजों में सेवा देनी होती है। उसके बाद दो साल तक दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों पर सेवा देनी हाती है। इसके बाद दो वर्ष तक जिला चिकित्सालयों या दुर्गम के चिकित्सालयों में सेवा की अनिवार्यता होती है।

 

तेलंगाना, केरल और ओडिशा हाई कोर्टो में 14 नए जजों की नियुक्ति हुई,न्याय विभाग ने जारी की नामों की सूची

नई दिल्ली :- देश के तीन अलग-अलग हाई कोर्ट में बुधवार को 14 नए जजों की नियुक्ति की गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश के चीफ जस्टिस (CJI) की सलाह पर इन जजों की नियुक्ति को मंजूरी दी। नव नियुक्त जजों में 12 न्यायिक अधिकारी, एक अधिवक्ता और एक आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के सदस्य हैं। कानून मंत्रालय में न्याय विभाग ने इन नियुक्तियों की सूची जारी की। इनमें सात जजों की नियुक्ति तेलंगाना हाई कोर्ट, चार की केरल हाई कोर्ट और तीन की ओडिशा हाई कोर्ट में की गई है। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण की सदस्य पी. माधवी देवी को तेलंगाना हाई कोर्ट में जज नियुक्त किया गया है। इससे पहले भी न्यायाधिकरणों के सदस्यों को हाई कोर्ट में जज नियुक्त किया जाता रहा है। ये सदस्य अधिवक्ता होते हैं जो क्षेत्र विशेष के विशेषज्ञ होते हैं। इनमें एक वकील और बाकी न्यायिक अधिकारी हैं। इससे पहले मंगलवार को भी तीन हाई कोर्ट में 17 नए जजों की नियुक्ति की गई थी।

बुधवार को हुई नियुक्तियों में, तेलंगाना हाई कोर्ट में पी श्री सुधा, सी सुमालता, जी राधा रानी, एम लक्ष्मण, एन तुकारामजी, ए. वेंकटश्वर रेड्डी, पी माधवी देवी को बतौर जज नियुक्त किया गया है। इसके अलावा उड़ीसा हाई कोर्ट में मृगांका शेखर साहू, राधा कृष्ण पटनायक, शशिकांत मिश्रा जज बनाए गए हैं। केरल हाई कोर्ट में चंद्रशेखरन कार्ता जयचंद्रन, सोफी थॉमस, पीवी गोपाल पिल्लई अजीत कुमार, चंद्रशेखरन सुधा को अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा पिछले महीने सरकार को विभिन्न नामों की अनुशंसा भेजे जाने के बाद चौथी बार हाई कोर्ट में नियुक्तियां हुई हैं। मंगलवार को इलाहाबाद, मद्रास और गुवाहाटी हाई कोर्ट में जिन जजों की नियुक्तियां हुई हैं उनमें 15 वकील हैं और दो न्यायिक अधिकारी हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट में 9, गुवाहाटी हाई कोर्ट में 5 और मद्रास उच्च न्यायालय में चार जजों की नियुक्ति की गई।

सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने 8 अगस्त से 1 सितंबर के बीच विभिन्न हाई कोर्ट की अनुशंसा पर 100 नामों पर विचार किया था और 12 उच्च न्यायालयों में जज के तौर पर नियुक्ति के लिए सरकार के पास 68 नाम भेजे थे। इसके बाद सरकार को कुछ और नाम भेजे गए। 11 अक्टूबर को भी 3 वकीलों और 2 न्यायिक अधिकारियों को राजस्थान हाई कोर्ट में जज के पद पर पदोन्नत किया गया। उसी दिन 7 जजों का विभिन्न उच्च न्यायालयों में तबादला किया गया।

कॉलेजियम की अनुशंसा के आधार पर 9 अक्टूबर को 8 जजों को हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस के पद पर पदोन्नत किया गया था और 5 उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों का तबादला किया गया था। इससे पहले, 5 अक्टूबर को 11 उच्च न्यायालयों के 15 जजों का तबादला हुआ था. इन तबादलों के लिए उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम ने पिछले महीने अनुशंसा की थी।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज रंजन गुप्ता को पटना हाई कोर्ट भेजा गया है। जस्टिस टी. एस. शिवागनानम को मद्रास हाई कोर्ट से कलकत्ता उच्च न्यायालय भेजा गया है। इसी तरह, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट भेजा गया है। कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस पी. बी. बैजन्त्री और राजस्थान उच्च न्यायालय के जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा को पटना हाई कोर्ट भेजा गया है। तेलंगाना हाई कोर्ट के जस्टिस टी. अमरनाथ गौड का त्रिपुरा उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जस्टिस सुभाष चन्द्र का तबादला झारखंड हाई कोर्ट में किया गया है।

कानून मंत्रालय के न्याय विभाग ने नई नियुक्तियों और पदोन्नतियों की अलग-अलग सूचियां जारी की हैं। उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति प्रक्रिया के जानकर लोगों का कहना है कि हाल के दिनों में एक दिन में इतने जजों की नियुक्ति नहीं की गई है।

हरिद्वार आज सुबह सिडकुल स्थित रैपिड फैक्टरी में शार्ट सर्किट होने के कारण लगी आग

हरिद्वार :- सिडकुल में रैपिड फैक्‍टरी में गुरुवार सुबह शार्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई। कंपनी में काम कर रहे कई कामगारों ने भागकर अपनी जान बचाई। कंपनी प्लास्टिक का दाना बनाती है। आग इतनी भीषण थी कि दमकल एक घंटे के प्रयास के बाद भी आग पर काबू नहीं पा सकी है। आग लगने की सूचना से आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह सिडकुल स्थित रैपिड फैक्टरी में शार्ट सर्किट होने के कारण आग लग गई। आग इतनी भयंकर है कि जिसे देखकर आसपास के लोग दहशत में आ गए। अग्निशमन की चार गाड़ियां आग पर काबू पाने का प्रयास कर रही हैं पर अब तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है।

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा उत्तराखंड 25 वर्ष में भरेगा उड़ान और बनेगा देश का सबसे विकसित राज्य होगा,103 दिन के कार्यकाल में लिए 330 से अधिक फैसले

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का किच्छा में जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान सीएम ने खुर्पिया में उद्योग लगाने, पराग फार्म में विशाल पार्क बनाने, प. गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिमा स्‍थापित, सीएचसी को अपग्रेड, केंद्रीय विद्यालय, हाई स्कूल को इंटर कॉलेज में उच्चीकरण करने, ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की डीपीआर का काम जल्द शुरू करने, 10 किमी सड़क हॉटमिक्स बनाने, धोरा डैम की समस्या समाधान करने, गौशाला के लिए पांच एकड़ भूमि देने की घोषणा की। इसके पहले सीमए को चांदी का मुकुट पहनाकर उनका सम्‍मान किया गया।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गांव से लेकर जनपद स्तर की समस्याएं देहरादून तक नहीं आनी चाहिए। अफसरशाही और मशीनरी को भी ठीक कर दिया गया है। काम नहीं करने वाले अधिकारियों की विधायक भी उनसे पैरवी नहीं करें। उन्हें मुख्यसेवक के रूप में 103 दिन हो गए हैं। 350 से अधिक फैसले लिए गए हैं। प्रत्येक दिन चार या पांच महत्पूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा विधायक राजेश शुक्ला में जनसेवा की ललक ने ही उनको क्षेत्र में लोकप्रिय बनाया है। जिसका प्रमाण सभा में लोगों की मौजूदगी ने स्पष्ट किया है। क्षेत्र के विकास के लिए नई योजनाओं के प्रस्ताव के साथ हर पल तत्पर हैं। कहा 103 दिन के कार्यकाल 330 से अधिक फैसले लिए उसमें हर वर्ग को लाभ पहुंचाने का काम किया। एक एक पल का सदुपयोग करने का संकल्प लाया। 24 हजार पदों को भरने का फैसला लिया, भर्ती की प्रक्रिया शुरू है। परीक्षा का आवेदन निःषुल्क किया। प्रतियोगी परीक्षा का एक वर्ष का समय खराब न हो समय बढ़ाने का काम किया।

मुख्यमंत्री सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुमाऊं केशरी पंडित बद्रीदत्त पांडे परिसर पर 59 करोड़ 57 लाख, 47 हजार के 21 लोकापर्ण और 34 करोड़ 66 लाख 76 हजार रुपये के 21 शिलान्यास कर रहे थे। कहा कि पहले घोषाणा हो रही है और फिर उस पर अमल। प्रत्येक पुरानी चीजों पर चर्चा हो रही है। काम की होने पर वह संचालित की जा रही हैं। ऊपर से नीचे तक कठिन कामों को सरल बनाया जा रहा है। अच्छे अधिकारियों की तैनाती कर रहे हैं। 10 से 12 बजे तक प्रत्येक अधिकारी जनता की समस्याएं सुनेंगे। अधिकारी की जिम्मेदारी फिक्स कर दी गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश बेहतर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने भारत का मान, सम्मान बढ़या है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदचिन्हों पर चलते हुए उत्तराखंड को हर पल आगे ले जाने का काम कर रहे हैं । एक आध्यात्मिक, भावनात्मक, सांस्कृतिक रिश्ता उत्तराखंड के साथ है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का। उत्तराखंड को जब 25 वर्ष होंगे तो ये देश का सबसे विकसित राज्य होगा।

कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा देश में बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होगी

केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होगी। केंद्रीय मंत्री दो दिनों के लिए कोयला उत्पादक राज्य छत्तीसगढ़ और झारखंड के दौरे पर हैं।बुधवार सुबह वह विशेष विमान से बिलासपुर स्थित विमानतल पहुंचे जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि वह कोयला उत्पादन में तेजी लाने के लिए साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदानों का जायजा लेने गए हैं और वे बाद में अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिजली मंत्रालय ने कोयला मंत्रालय को बिजली उत्पादन के लिए 10.9 लाख टन कोयले की मांग रखी थी जो बाद में 20 तारीख के बाद 20 लाख टन हो गया। उन्होंने कहा कि देश में बिजली उत्पादन के लिए आज की तारीख में 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है। देश में धीरे धीरे कोयले का भंडार भी बढ़ रहा है। जोशी ने कहा कि वह देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होगी। जोशी ने कहा कि वह एसईसीएल की खदानों का जायजा लेने और वहां उत्पादन में तेजी लाने के लिए चर्चा करने जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक आवश्यकता का सवाल है, बिजली मंत्रालय ने 19 लाख टन और 20 अक्टूबर के बाद 20 लाख टन की आपूर्ति की मांग रखी थी। आज ही हमने 20 लाख टन की आपूर्ति की है और बाकी चीजों पर मैं )समीक्षा के बाद चर्चा करूंगा।छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल की खदानों का दौरा करने के बाद वह शाम में रांची के लिए रवाना होंगे।

प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कोयला आपूर्ति और बिजली उत्पादन परिदृश्य की समीक्षा की। सरकार के समक्ष कई राज्यों द्वारा ऊर्जा संकट की परेशानी सामने रखी गई है, जिसपर केंद्र सरकार कई तरीकों पर विचार कर रही है। कोयला मंत्रालय को कोयले की आपूर्ति में तेजी लाने के लिए कहा गया है, जबकि रेलवे को ईंधन को बिजली संयंत्रों तक पहुंचाने के लिए रेक उपलब्ध कराने को कहा गया है। कोयले की कमी – जो भारत में बिजली बनाने के लिए लगभग 70 फीसद तक काम आता है- ने राजस्थान से लेकर केरल तक राज्यों में घूर्णी बिजली कटौती को मजबूर किया है। वहीं, मांग को पूरा करने के लिए राज्यों को एक्सचेंजों से उच्च दरों पर बिजली खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा है।