अन्य देशों के मुकाबले भारत का ज्यादा सफल रहा आपरेशन गंगा, अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों ने यूक्रेन में अपने लोगों को उनके हाल पर छोड़ा, लेकिन भारत ने पूरी ताकत झोंकी

रूस के हमले से यूक्रेन में कई देशों के नागरिक फंस गए हैं। कुछ मुल्क तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपने नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया है और कहा है कि वे खुद वहां से निकलने की कोशिश करें।लेकिन भारत ने अपने नागरिकों को यूक्रेन से लाने में पूरी ताकत झोंक दी है और उन्हें स्वदेश वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को वहां से निकालने के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान शुरू किया है।

इसके साथ ही भारत ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए पश्चिमी शहर क्राकोविक के साथ ही हंगरी में जहोनी सीमा चौकी, पोलैंड में शेयनी-मेदिका सीमा चौकियों, स्लोवाक गणराज्य में विसने नेमेके तथा रोमानिया में सुकीवा पारगमन चौकी पर अधिकारियों का दल तैनात किया है। यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ राजनयिक पहुंच का इस्तेमाल करते हुए भारत सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हमारे नागरिक सुरक्षित घर लौट रहे हैं।

युद्धग्रस्त देश यूक्रेन से अपने लोगों को निकालने में अब तक भारत का आपरेशन गंगा सबसे आगे दिख रहा है। ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका ने अपने-अपने नागरिकों को निकालने में परोक्ष रूप से असमर्थता जता दी है। चीन ने अपने नागरिकों को निकालने का आपरेशन स्थगित कर दिया है। मिस्त्र, नाइजीरिया और मोरक्को जैसे देशों ने अपने छात्रों को निकालने के लिए अब तक कोई आपरेशन शुरू नहीं किया है। यूक्रेन में 80 हजार से अधिक विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं, जिनमें भारतीय छात्रों की संख्या सर्वाधिक है।

भारतीय दूतावास पूरी तरह से काम कर रहा है और छात्रों व नागरिकों को हर संभव मदद उपलब्ध करा रहा है।अब तक लगभग छह हजार लोग वापस भारत आ चुके हैं जिनमे से आपरेशन गंगा के तहत 1396 छात्रों को वापस लाया गया है। मंगलवार को फिर से तीन फ्लाइट आने की संभावना जताई जा रही है।

केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई को खुलेंगे, बाबा केदार की डोली दो मई को ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी

केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई को सुबह 6.25 बजे बृष लग्न में खोले जाएंगे। इसके बाद आराध्य की 6 माह की पूजा-अर्चना धाम में ही होगी। बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से दो मई को अपने धाम केदारनाथ के लिए प्रस्थान करेगी।

पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ रावल ने घोषणा की है। प्राचीन परपंरा के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन हर साल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का दिन निकाला जाता है। केदारनाथ धाम के कपाट खोलने के लिए भगवान भैरवनाथ की 2 मई को पूजा-अर्चना की जाएगी।

बाबा केदार की चल विग्रह डोली पहले ऊखीमठ से प्रस्थान कर 3 मई को फाटा विश्राम के लिए पहुंचेगी। जबकि 4 मई को को गौरीकुंड और 5 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी, जहां 6 मई को सुबह 6.25 बजे भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। केदारनाथ समेत चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं, जो अगले साल फिर अप्रैल-मई में भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं।

बाबा केदार की डोली प्रस्थान का कार्यक्रम

2 मई को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से प्रस्थान करते हुए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में रात्रि प्रवास।
3 मई को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रस्थान करते हुए फाटा में रात्रि प्रवास।
4 मई को फाटा से प्रस्थान करते हुए सोनप्रयाग होते हुए गौरीकुंड में रात्रि प्रवास।
5 मई को गौरीकुंड से प्रस्थान करते हुए जंगलचट्टी, लिनचोली, रुद्रा प्वाइंट होते हुए केदारनाथ पहुंचेगी।

बदरीनाथ धाम:आठ मई को खुलेंगे कपाट

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित करोड़ों हिंदुओं की आस्था के प्रतीक भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को प्रात: 6 बजकर 15 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। बसंत पंचमी के पावन पर्व पर नरेंद्रनगर स्थित राजदरबार में राजपुरोहितों ने महाराजा मनुज्येंद्र शाह की जन्म कुंडली देखकर धाम के कपाट खोलने की तिथि घोषित की।

पीएम नरेंद्र मोदी ने मोरारजी देसाई को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को उनकी 126वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने देसाई की सिद्धांत आधारित राजनीति को याद किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरारजी देसाई की जयंती पर सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने भारत को समृद्ध बनाने के लिए कई प्रयास किए।

उस समय बम्बई का हिस्सा रहे और अब गुजरात में शामिल वलसाड में 1896 में जन्मे देसाई देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो कांग्रेस पार्टी के सदस्य नहीं थे।

पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट एक संक्षिप्त वीडियो शेयर किया। पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी भाई देसाई को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उन्होंने हमेशा अनुशासन और सिद्धांतों पर आधारित राजनीति की, जिसके लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे।

पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “मैं अपने पूर्व पीएम मोरारजीभाई देसाई को श्रद्धांजलि देता हूं। राष्ट्र निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनका व्यापक सम्मान है। उन्होंने भारत को और अधिक समृद्ध बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए। उन्होंने हमेशा सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी पर जोर दिया।”

देहरादून में मेट्रो दौड़ाने की तैयारी तीन साल में चलेगी राजधानी में मेट्रो नियो, 1600 करोड़ का है प्रोजेक्ट, जानिए पूरा प्लान

उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूकेएमआरसी) की ओर से सबसे पहले देहरादून में दो रूटों पर मेट्रो नियो का संचालन किया जाएगा। यूकेएमआरसी ने माना है कि 2026 तक आईएसबीटी से गांधी पार्क के बीच रोजाना 88 हजार 215 लोग सफर करेंगे। 2041 तक इनकी संख्या एक लाख 20 हजार 337 प्रतिदिन और 2051 तक एक लाख 47 हजार 302 प्रतिदिन पहुंच जाएगी।

उत्तराखंड सरकार ने देहरादून में नियो मेट्रो चलाने का प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेज दिया है। प्रथम चरण में केंद्र सरकार के साथ पचास प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ देहरादून के दो रूटों पर नियो मेट्रो चलाने का प्रस्ताव भेज चुकी है। पहले चरण में करीब 22 किमी का सफर तय करने का रूट तैयार किया गया है। दूसरे चरण में हरिद्वार-ऋषिकेश को भी इस प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा।केन्द्र से मंजूरी मिलते ही प्रदेश में नियो मेट्रो की प्लानिंग पर काम शुरू हो जाएगा।

2017 में सरकार ने देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार को मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र घोषित किया था।देहरादून में सबसे पहले मेट्रो लाइट का प्लान तैयार किया गया, उसके बाद रोपवे प्लान तैयार हुआ। अब तय किया गया है कि देहरादून में मेट्रो नियो चलाई जाएगी जो लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार प्रथम चरण में केंद्र सरकार के साथ पचास प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ देहरादून के दो रूटों पर नियो मेट्रो चलाने का प्रस्ताव भेज चुकी है। दूसरे चरण में हरिद्वार-ऋषिकेश को भी इस प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा।
मेट्रो नियो सिस्टम रेल गाइडेड सिस्टम है, जिसमें रबड़ के टायर वाले इलेक्ट्रिक कोच होते हैं। इसके कोच स्टील या एल्युमिनियम के बने होते हैं। इसमें इतना पावर बैकअप होता है कि बिजली जाने पर भी 20 किलोमीटर तक चल सकती है। सामान्य सड़क के किनारों पर फेंसिंग करके या दीवार बनाकर इसका ट्रैक तैयार किया जा सकेगा। इसमें ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम होगा, जिससे स्पीड लिमिट भी नियंत्रण में रहेगी। इसमें टिकट का सिस्टम क्यूआर कोड या सामान्य मोबिलिटी कार्ड से होगा। इसके ट्रैक की चौड़ाई आठ मीटर होगी। जहां रुकेगी, वहां 1.1 मीटर का साइड प्लेटफॉर्म होगा। आईसलैंड प्लेटफॉर्म चार मीटर चौड़ाई का होगा।

यूकेएमआरसी की ओर से सबसे पहले देहरादून में दो रूटों पर मेट्रो नियो का संचालन किया जाएगा। केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के साढ़े तीन साल बाद देहरादून में मेट्रो नियो दौड़ने लगेगी। उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड ने इसका प्रस्ताव तैयार किया था, जिस पर राज्य सरकार से मुहर लगने के बाद केंद्र को भेज दिया गया है। यह करीब 1600 करोड़ का प्रोजेक्ट है।

यह हैं दो रूट

आईएसबीटी से गांधी पार्क : 8.523 किलोमीटर (10 स्टेशन) आईएसबीटी, सेवला कलां, आईटीआई, लालपुल, चमनपुरी, पथरीबाग, देहरादून रेलवे स्टेशन, देहरादून कचहरी, घंटाघर और गांधी पार्क।

एफआरआई से रायपुर : 13.901 किलोमीटर (15 स्टेशन) एफआरआई, बल्लूपुर चौक, आईएमए ब्लड बैंक, दून स्कूल, मल्होत्रा बाजार, घंटाघर, सीसीएमसी, आराघर चौक, नेहरू कालोनी, विधानसभा, अपर बद्रीश कालोनी, अपर नत्थनपुर, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, हाथीखाना चौक और रायपुर।

यूक्रेन में फंसे 219 भारतीय छात्रों को लेकर रोमानिया से एअर इंडिया का पहला विमान मुंबई के लिए रवाना

यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वतन वापसी शुरू हो गई है। शनिवार को एयर इंडिया का एक विमान रोमानिया के बुखारेस्ट से भारतीय यात्रियों को लेकर मुंबई के लिए रवाना हो गया है। यह विमान शनिवार सुबह ही मुंबई से बुखारेस्ट शहर पहुंचा। यूक्रेन पर रूस के हमले के तीसरे दिन वहां फंसे 219 भारतीय छात्रों को लेकर एअर इंडिया के विमान AI-1943 ने रोमानिया के बुखारेस्ट से मुंबई के लिए उड़ान भर ली है।

विमान में बैठकर छात्र काफी खुश नजर आए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम छात्रों की वापसी की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इधर, यूक्रेन से भारत आने वाले यात्रियों के लिए मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक स्पेशल कॉरिडोर बनाया गया है। यहां से बाहर निकलने के लिए यात्रियों को कोविड-19 टीकाकरण का प्रमाणपत्र या RT-PCR की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा है कि यूक्रेन से निकाले गए 219 भारतीयों के साथ पहली उड़ान रोमानिया से मुंबई के लिए रवाना हुई। हम प्रगति कर रहे हैं। हमारी टीमें 24 घंटे जमीन पर काम कर रही हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहा हूं।

यूक्रेन की इंडियन एम्बेसी ने एडवाइजरी जारी की।

पोलैंड में भारतीय राजदूत नगमा मल्लिक ने कहा कि दूतावास ने तीन टीमों का गठन किया है। ये टीमें भारतीयों को पश्चिमी यूक्रेन से बाहर निकलने में सहायता करेंगी। सभी फंसे हुए भारतीयों को पोलैंड ले जाया जाएगा, वहां से उन्हें भारत भेजने की व्यवस्था की जाएगी। यूक्रेन की इंडियन एम्बेसी ने एडवाइजरी जारी कर वहां फंसे भारतीयों से कहा है- सीमा पर तैनात भारतीय अधिकारियों से समन्वय के बिना सीमा की तरफ न निकलें। पश्चिमी शहरों में खाने पीने की चीजों के साथ जहां हैं वहां बने रहना बेहतर है। बिना कोआर्डिनेशन के बॉर्डर पर पहुंचने से परेशानी उठानी पड़ सकती है। पूर्वी इलाके में अगले निर्देश तक घरों के अंदर या जहां पनाह लिए हैं वहीं रहें।

यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के 188 नागरिक की वापसी के लिए सरकार की पहल, जानें उत्तराखंड का हेल्पलाइन नंबर

रूस व यूक्रेन के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने यूक्रेन में फंसे राज्यवासियों की पहली लिस्ट विदेश मंत्रालय को उपलब्ध करा दी है। आज शनिवार को डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि हमें उत्तराखंड के 188 लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिली है।विदेश मंत्रालय उन्हें बाहर निकालने के लिए जरूरी इंतजाम कर रहे हैं। उत्तराखंड का हेल्पलाइन नंबर 112 है।

सबसे अधिक 39 देहरादून जिले के हैं। इसके अलावा ऊधमसिंह नगर के 20, टिहरी जिले के 10, अल्मोड़ा से एक, चमोली से दो, चंपावत से चार, पिथौरागढ़ से दो उत्तरकाशी से सात, पौड़ी गढ़वाल से 13, हरिद्वार से 26, रुद्रप्रयाग से पांच, नैनीताल से 22 नागरिकों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिली है।

गृह विभाग ने यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के लोगों की जानकारी जुटाने के लिए दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया है। डीआईजी पी रेणुका देवी और एसपी कानून व्यवस्था प्रमोद कुमार को यह जिम्मेदारी दी गई है।

हेल्पलाइन नंबर
पी रेणुका देवी (नोडल अधिकारी) : 7579278144
प्रमोद कुमार (सहायक नोडल अधिकारी): 9837788889
आपातकालीन नंबर: 112 (टोल फ्री)
उत्तराखंड सदन : 011-26875614-15

नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड के मुख्य स्थानिक आयुक्त कार्यालय को विदेश मंत्रालय के सम्पर्क में रहने को कहा गया है। इसके साथ ही सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों से फंसे लोगों का विवरण लेकर शासन तक पहुंचाने को कहा गया है। सरकार हर परिवार की चिंता में शामिल है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री   

 

भाजपा में शामिल हुए उत्तराखंड के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, टिहरी से प्रत्याशी घोषित,हरीश रावत सहित कांग्रेस ने पांच सीटों पर बदले प्रत्याशी

उत्तराखंड के पूर्व कांग्रेस प्रमुख किशोर उपाध्याय को कांग्रेस ने छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।  भाजपा से उनकी नजदीकियों की खबरों के बीच पार्टी ने उन्हे सभी पदों से पिछले दिनों हटा दिया था।

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए हैं।देहरादून में चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की मौजदूगी में किशोर उपाध्याय भाजपा में शामिल हुए। इससे पहले बुधवार को कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

विधानसभा चुनाव-2022 के लिए बीजेपी ने बुधवार देर शाम प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की है।टिहरी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने किशोर उपाध्याय को प्रत्याशी घोषित कर दिया है।

भाजपा के प्रत्याशी:
केदारनाथ- शैलारानी रावत
झबरेड़ा-राजपाल सिंह
पिरान कलियर – मुनीश सैनी
रानीखेत- प्रमोद नैनवाल
जागेश्वर-मोहन सिंह मेहरा
कोटद्वार-ऋतु खंडूडी
लालकुआं- मोहन सिंह बिष्ट
हल्द्वानी- जोगेंद्रपाल सिंह रौतेला
रुद्रपुर- शिव अरोड़ा

कांग्रेस ने पांच सीटों पर बदले गए टिकट

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में जारी बगावत और असंतोष के परिणाम लगता है आने लगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत की सीट बदल गई है।

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत लाल कुआं से, पूर्व विधायक रणजीत रावत सल्ट से, महेश शर्मा कालाढूंगी से और पूर्व सांसद महेंद्र पाल रामनगर से उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे।

कांग्रेस ने पांच सीटों पर टिकट बदल दिए हैं। डोईवाला से मोहित उनियाल का टिकट कटा। गौरव चौधरी को मिला। चौबट्टाखाल से केसर सिंह नेगी। नरेंद्रनगर से ओम गोपाल रावत और ज्वालापुर से बरखारानी का टिकट बदल कर रवि बहादुर को दिया। टिहरी पर अब भी सस्पेंस बना हुआ है।

उत्तराखंड में 73वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने किया ध्वजारोहण

देशभर में आज 73वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। उत्‍तराखंड में भी आज 73वां गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह देहरादून स्थित परेड ग्राउंड में धूमधाम से आयोजित किया जा रहा है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने ध्वजारोहण किया। साथ ही परेड की सलामी ली। इस अवसर पर सेना, आइटीबीपी, पुलिस, पीएसी, होमगार्ड, पीआरडी के जवानों ने मार्च पास्ट किया।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने प्रदेश वासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं भी दी। कार्यक्रम का आयोजन कोविड नियमों के तहत किया गया। सीएम धामी ने खटीमा में पार्टी कार्यालय में तिरंगा फराया।

आज गणतंत्र दिवस पर 175 कैदी रिहा

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर जिन 175 कैदियों को रिहा किया है, उनमें नौ महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें एक कैदी 47 वर्ष से अधिक समय से जेल की सजा काट रहा था। राज्यपाल ने सोमवार को विभिन्न कारागार में सजा काट रहे 175 कैदियों को रिहा करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की थी। राज्य गठन के बाद यह पहला मौका है जब इतनी अधिक संख्या में कैदियों की रिहाई की गई है। इनमें सात कैदी 40 वर्ष से अधिक समय से विभिन्न कारागार में सजा काट रहे थे। 26 कैदी 30 वर्षों से अधिक समय से सजा काट रहे थे। जिन कैदियों को रिहा गया है कि उनमें 27 कैदी संपूर्णानंद शिविर जेल, सितारगंज, केंद्रीय कारागार ऊधमसिंह से 52 कैदी, जिला कारागार हरिद्वार से 63 कैदी, जिला कारागार पौड़ी से एक, जिला कारागार चमोली से एक कैदी शामिल है। इसके अलावा उत्तराखंड के कैदी जो अन्य प्रदेशों में बंद हैं, उनमें जिला कारागार बरेली से दो, जिला कारागार वाराणसी से एक, केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ से एक तथा 23 अन्य कैदियों को समय पूर्व रिहा करने की मंजूरी राज्यपाल ने दी है। इन कैदियों की सूची सचिव गृह की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति के आधार पर राजभवन को भेजी गई थी।

गणतंत्र दिवस 2022: 26 जनवरी को राष्ट्रपति का पुलिस पदक से उत्तराखंड के छह पुलिसकर्मियों होंगे सम्मानित

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति की ओर उत्तराखंड के 6 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया जाएगा।

अभिनव कुमार को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा जाएगा। उन्हें यह सम्मान गणतंत्र दिवस पर प्रदान किया जाएगा। इनके अलावा पांच अधिकारियों और कर्मियों को सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए चुना गया है।

आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अपर प्रमुख सचिव भी हैं। राज्य गठन के बाद पहली बार कोई अपर प्रमुख सचिव पद बनाया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक पद पर आसीन अभिनव कुमार तेज तर्रार अफसर माने जाते हैं। अभिनव कुमार 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह एसएसपी हरिद्वार, एसएसपी देहरादून, आईजी गढ़वाल, आईजी बीएसएफ जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। इसके अलावा वह कई साल तक जम्मू और कश्मीर में डेपुटेशन पर रहे हैं।

गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी को पुलिस उपाधीक्षक चमोली धन सिंह तोमर, पुलिस उपाधीक्षक पुलिस मुख्यालय नंदन सिंह बिष्ट, पुलिस उपाधीक्षक जिला पौड़ी गणेश लाल, निरीक्षक अभिसूचना पुलिस मुख्यालय महेश चंद्र चंदोला, उप निरीक्षक विशेष श्रेणी जिला चंपावत रमेश चंद्र भट्ट को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक दिया जाएगा।

सोबन सिंह जीना मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को मिली मान्यता, एमबीबीएस की 100 सीटें पर इसी सत्र छात्र करेंगे पढ़ाई

 नेशनल मेडिकल काउंसिल ने सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा को मान्यता प्रदान कर दी है। मेडीकल कमीशन अल्मोड़ा मेडिकल कालेज को एमबीबीएस की 100 सीटें दी हैं। पिछले सप्ताह एनएमसी की टीम अल्मोड़ा का दौरा कर वापस लौटी थी। अल्मोड़ा में कालेज करीब आठ साल से निर्माणाधीन है। प्रदेश की लिए यह बड़ी उपलब्धि है।

सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा में पिछले सप्ताह ही नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की टीम ने निरीक्षण किया था। तभी उम्मीद जग गई थी कि इस बार मान्यता मिल जाएगी। प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि अभी पहली काउंसिलंग चल रही है। दूसरी काउंसिलंग में राज्य कोटे की 85 सीटों पर प्रवेश होगा। 15 सीटों पर आल इंडिया कोटे से प्रवेश होंगे।
प्रचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि मेडिकल कालेज को शुरू कराने के लिए लेटर आफ इंटेंट प्राप्त हो गया है। जल्द ही लेटर आफ परमिशन भी मिल जाएगा। इसी सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। यह कुमाऊं ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है।

उत्तराखंड में अभी तक तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इनमें एक देहरादून, दूसरा श्रीनगर और तीसरा हल्द्वानी में है। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निर्माण 2012 से चल रहा था। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को वैसे तो वर्ष 2017 में शुरू करने की योजना थी लेकिन धीरे-धीरे तारीख पीछे खिसकती चली गई। छात्रों का इंतजार भी साल-दर-साल आगे बढ़ता चला गया। पिछले साल भी अनुमति नहीं मिल पाई थी। इस साल स्टूडेंट्स लगातार इस कॉलेज को मान्यता दिलाने की मांग कर रहे थे। देहरादून के मेडिकल एजुकेशन एक्सपर्ट डीके मिश्रा की अगुवाई में ट्विटर व अन्य माध्यमों अभियान चलाया।

सोबन सिंह जीना मेडिकल कॉलेज राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा को एमबीबीएस की मान्यता के लिए वर्ष 2019 से निरीक्षण चल रहा है। पिछले सप्ताह नेशनल मेडिकल कमीशन की टीम अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने आई थी। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया नई दिल्ली की टीम ने निरीक्षण किया, लेकिन फैकल्टी की कमी और संसाधनों के अभाव के चलते मान्यता नहीं मिल सकी।

एचएनबी मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी की ओर से उत्तराखंड एमबीबीएस नीट काउन्सलिंग शुरू होने जा रही है। पहले चरण में इस कॉलेज का विकल्प मिलना मुश्किल है लेकिन दूसरे चरण में छात्रों को इसका विकल्प मिलेगा।