राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आ रहे हैं। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद आज देहरादून पहुंचेंगे। वहीं कल 27 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हरिद्वार धर्मनगरी में दिव्य प्रेम सेवा मिशन की ओर से चंडी पुल के पास आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। राष्ट्रपति के दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। उनकी सुरक्षा मद्देनजर कार्यक्रम स्थल से लेकर हेलीपैड तक स्नाइपर तैनात किए जाएंगे। वहीं सादी वर्दी में भी पुलिसकर्मी हर जगह पर तैनात रहेंगे।राष्ट्रपति की सुरक्षा के मद्देनजर आज कैंट क्षेत्र में कैंटीन और विभिन्न दुकानें बंद रहेंगी।
राष्ट्रपति आज दोपहर वायुसेना के विमान से जौलीग्रांट स्थित एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां से हेलीकाप्टर में कैंट स्थित जीटीसी हेलीपैड पहुंचेंगे और फिर सड़क मार्ग से राजभवन जाएंगे। राजभवन में रात्रि विश्राम करने के बाद रविवार सुबह हरिद्वार के लिए रवाना होंगे।
राष्ट्रपति की ड्यूटी में नियुक्त पुलिस बलों को शुक्रवार को ब्रीफ किया गया। सुरक्षा में लगे सभी पुलिस बल को निर्धारित समय से तीन घंटे पहले ड्यूटी स्थल पहुंचने के साथ ही ड्यूटी में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए एयरपोर्ट और जीटीसी हेलीपैड पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। शुक्रवार को श्वान दल और बम निरोधक दस्ते ने यहां चेकिंग की।प्रभारी अधिकारी जौलीग्रांट को निर्देशित किया गया कि वह एयरपोर्ट और उसके आसपास के क्षेत्रों में संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश हेतु कांबिंग, चेकिंग करा ले तथा आसपास स्थित ऊंचे भवनों आदि की सघन चेकिंग कराने के साथ ही वहा आवश्यक पुलिस बल नियुक्त करना सुनिश्चित करें।
देश के राष्ट्रपति के हरिद्वार दौरे को लेकर ज़िला प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद है। हरिद्वार के डीएम विनय शंकर पांडे ने कहा कि कहा कि राष्ट्रपति की सुरक्षा और कार्यक्रम की व्यवस्था में कोई चूक न हो, इसके लिए अधिकारी लगातार कसरत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोविंद के दौरे के कार्यक्रम स्थल के साथ ही उनके रूट पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है और अधिकारियों व संस्था को अन्य इंतज़ाम करने की हिदायत दी जा चुकी है।
हरिद्वार में नीलधारा के किनारे चंडी घाट पर दिव्य प्रेम सेवा मिशन का मुख्यालय है। संस्था कुष्ठ रोगियों का इलाज और उनके बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय, पर्यावरण संरक्षण जैसे कई क्षेत्रों में 25 सालों से काम कर रही है। कोविंद खुद इस संस्था के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे हैं। साल 2017 में राष्ट्रपति मिशन के एक कार्यक्रम में यहां पहुंचे थे। मिशन के संस्थापक आशीष गौतम ने पुष्टि करते हुए बताया कि अब मिशन के 25 साल पूरे होने पर राष्ट्रपति एक बार फिर 27 मार्च को हरिद्वार पहुंच रहे हैं।
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 से नामांकन के लिए मौजूदा व्यवस्था बदल जाएगी।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्चशिक्षा को बेहतर और आसान बनाने के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के तहत कुल 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय शामिल होंगे। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नामांकन का आधार कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट होगा और प्रवेश परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) करेगी। यह नियम शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ही लागू हो किया है।
UGC ने CUET 2022 परीक्षा के संबंध में कई डिटेल्स जारी की हैं। इसके तहत कोशिश की गई है कि किसी भी छात्र को CUET परीक्षा में शामिल होने में कोई परेशानी न आए। CUET 2022 परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित की जाएगी। CUET 2022 रजिस्ट्रेशन फॉर्म एनटीए की वेबसाइट nta.ac.in से डाउनलोड किए जा सकेंगे।
CUET 2022 रजिस्ट्रेशन फॉर्म nta.ac.in से डाउनलोड किए जा सकेंगे। CUET 2022 रजिस्ट्रेशन फॉर्म फिलहाल यूजी कोर्स के लिए उपलब्ध करवाए जाएंगे। ये फॉर्म अप्रैल 2022 के पहले हफ्ते में जारी कर दिए जाएंगे। वहीं, पीजी कोर्स के लिए होने वाली परीक्षा की जानकारी nta.ac.in पर जल्द ही जारी कर दी जाएगी।
इस प्रवेश परीक्षा के अंतर्गत, छात्रों को 12वीं के बाद देश की सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटीज जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, विश्व भारती विश्वविद्यालय व लगभग 40 अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश मिल सकेगा जहां उन्हें 50 से अधिक ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए वर्ष में महज तीन से चार हज़ार रुपए की फीस भरनी होगी। नए प्रारूप के अनुसार अब यह एग्जाम हिन्दी, अंग्रेजी के अलावा 11 अन्य भाषाओं में भी कराया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत जल्द ही शुरू किए जाने वाले इस एन्ट्रेंस एग्जाम की व्यवस्था में यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई के अलावा बिहार बोर्ड, झारखंड बोर्ड, व पंजाब बोर्ड जैसे अन्य किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से बारहवीं पास कर चुके विद्यार्थी भी प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकेंगे और अपने भविष्य को नई ऊंचाई तक ले जा सकेंगे। इस परीक्षा में 12वीं कक्षा के विषयों से सवाल पूछे जायेंगे।
अक्सर बारहवीं के बाद छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग, मेडिकल और मैनेजमेंट जैसे कई अन्य कोर्सेज में अपना भविष्य बनाने का प्रयास करते हैं। लेकिन, CUET 2022 के जरिए मिलने वाले इस अवसर की मदद से विद्यार्थी इन प्रोफेशनल कोर्सेज के अतिरिक्त भी रिसर्च व एकेडमिक में अपना भविष्य संवार सकते हैं। जिसके बाद अभ्यर्थी एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर जैसे उच्च पदों पर भी अपनी सेवाएं दे सकेंगे।
बच्चों पर एक और कोचिंग करने का बोझ बढ़ेगा। आमतौर पर 10 वीं के बाद से ही बच्चे मेडिकल, इंजीनियरिंग, सीए आदि टेस्ट की प्रिपरेशन में जुट जाते हैं। इनमें से कई बच्चे सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने को भी एक विकल्प के तौर पर रखते हैं। ऐसे में उन्हें अब CUET निकालने के लिए एक और कोचिंग लेनी होगी। कई कोचिंग सेंटर ने तो इसके लिए प्रोग्राम शुरू भी कर दिए हैं।
यह परीक्षा देश की सेंट्रल यूनिवर्सिटीज की लगभग 1,50,000 से अधिक सीटों में दाखिला दिलाने के लिए कराई जानी है। अनुमान है कि इन सीटों पर एडमिशन के लिए करीब छ: से सात लाख उम्मीदवार आवेदन करेंगे। ऐसे में इस एग्जाम के लिए अभ्यर्थियों को अभी से ही अपनी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए, ताकि वो इस परीक्षा में अच्छे अंक से पास होकर जेएनयू, डीयू, बीएचयू जैसे यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले सके।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी समारोह में शामिल होने के लिए लखनऊ रवाना होंगे।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ शुक्रवार की शाम चार बजे अटल बिहारी वाजपेयी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम इकाना में शपथ लेंगे। इसी के साथ योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आगाज हो जाएगा। तो यूपी के 37 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब एक ही पार्टी दोबारा सत्ता में आएगी। शाम 4.00 बजे योगी आदित्यनाथ दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ के साथ वह सूबे के पहले ऐसे सीएम बन जाएंगे जो पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा सत्ता में आया। गुरुवार को ही बीजेपी के विधानमंडल दल ने योगी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुना। इसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के सामने योगी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। सूत्रों के मुताबिक, आज सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ लखनऊ में 47 मंत्री भी शपथ लेंगे। 5 महिलाओं को भी मंत्री बनाया जाएगा।
18वीं विधानसभा के लिए शपथ ग्रहण आज
शुक्रवार को यूपी में 18वीं विधानसभा के लिए शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इंटरनेशनल क्रिकेट मैदान में होगा। यूपी चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज करते हुए पूर्ण बहुमत पाया है।37 वर्षों बाद ऐसा हो रहा है जब कोई नेता लगातार दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेगा।
शाम चार बजे योगी दोबारा सीएम पद की शपथ लेकर देश के सबसे बड़े राज्य के मुखिया बन जाएंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी शामिल हो सकता है। वहीं 12 प्रदेशों के सीएम भी इसमें शामिल होंगे। मुलायम सिंह यादव, मायावती को भी आमंत्रित किया गया है
आदित्यनाथ मूल रूप से उत्तराखंड के हैं। उनका जन्म पांच जून 1972 को पंचूर गांव, पौड़ी गढ़वाल में हुआ। उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी और एमएससी की पढ़ाई की। 1994 में वो संन्यासी बन गए।
1998 में योगी ने गोरखपुर लोकसभा सीट पर पहली बार भाजपा से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 12वीं लोकसभा चुनाव में वो सबसे कम उम्र के सांसद थे, तब उनकी उम्र केवल 26 वर्ष थी। 1998 से लेकर मार्च 2017 तक योगी आदित्यनाथ पांच बार गोरखपुर से सांसद रहे। 2017 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
भारतीय जनता पार्टी देश में समान नागरिक संहिता की जो कवायद लंबे समय से चला रही है, उसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूरा करने चले हैं। हालांकि राह आसान नहीं है क्योंकि गोवा को छोड़कर देश के किसी भी राज्य या केंद्र के स्तर से समान नागरिक संहिता अभी तक लागू नहीं हो पाई है।
वर्ष 1989, 2014, 2019 के आम चुनाव में भाजपा घोषणा पत्र में लाई थी समान नागरिक संहिता। गोवा में पहले से लागू है पुर्तगाल सिविल कोड 1867, अब उत्तराखंड ने मचाई देश में हलचल। कानूनविदों के मुताबिक, आसान नहीं है देश के किसी भी राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करना।
उत्तराखंड विधान सभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद राज्य की भाजपा सरकार ने आज गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है। राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता लागू करने का फैसला लिया है। सीएम धामी ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से समान नागरिक संहिता को मंजूरी दी है। अब जल्द से जल्द समिति गठित की जाएगी और इसे राज्य में लागू किया जाएगा. उत्तराखंड समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा।
सत्ता में आते ही धामी सरकार का बड़ा फैसला
बता दें कि उत्तराखंड में भाजपा की नई सरकार बनने के बाद आज गुरुवार को पहली कैबिनेट बैठक हुई. बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी और उनके मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से यूनिफॉर्म सिविल कोड पर यह फैसला लिया। यूनिफॉर्म सिविल कोड पर लिए गए फैसले के बारे में जानकारी देते हुए सीएम धामी ने कहा कि सरकार गठन के बाद आज मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई।
आज नई सरकार का गठन होने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई। 12 फरवरी 2022 को हमने जनता के समक्ष संकल्प लिया था कि हमारी सरकार का गठन होने पर हम यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर आएंगे। आज हमने तय किया है कि हम इसे जल्द ही लागू करेंगे: मुख्यमंत्री
सीएम धामी ने जनता से किया वादा निभाया
उन्होंने कहा कि 12 फरवरी 2022 को हमने जनता से कहा था कि राज्य में हमारी सरकार के गठन के बाद हम यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर आएंगे। आज हमने तय किया है कि इसे हम जल्द ही लागू करेंगे। इसके लिए हम एक उच्च स्तरीय समिति बनाएंगे। समिति इस कानून के लिए ड्राफ्ट तैयार करेगी और हमारी सरकार उसे लागू करेगी। उन्होंने अन्य राज्यों से भी अपील की है कि वे अपने यहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करें।
सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट भी कर चुके टिप्पणी
समान नागरिक संहिता पर सुप्रीम कोर्ट से लेकर दिल्ली हाईकोर्ट तक सरकार से सवाल कर चुकी है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए कोई कोशिश नहीं की गई। वहीं, पिछले साल जुलाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा था कि समान नागरिक संहिता जरूरी है।
क्या होती है समान नागरिक संहिता?
यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नारिकता संहिता आखिर क्या होती है। समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड सभी धर्मों के लिए एक ही कानून है। अभी तक हर धर्म का अपना अलग कानून है, जिसके हिसाब से व्यक्तिगत मामले जैसे शादी, तलाक आदि पर निर्णय होते हैं। हिंदू धर्म के लिए अलग, मुस्लिमों का अलग और ईसाई समुदाय का अलग कानून है। समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून होगा।
समान नागरिक संहिता का अर्थ है सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून किसी भी मजहब या जाति के लिए कोई अलग कानून नहीं होगा। समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद हर मजहब के लोग एक कानून के दायरे में आ जाएंगे। अभी देश में हर धर्म के लोग शादी, तलाक, जायदाद का बंटवारा और बच्चों को गोद लेने जैसे मामलों का निपटारा अपने पर्सनल लॉ के हिसाब से करते हैं। लेकिन उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू हो जाने के बाद सभी धर्म एक ही कानून का अनुसरण करेंगे। देश में मुस्लिम, ईसाई और पारसी का पर्सनल लॉ है। वहीं, हिंदू सिविल लॉ के तहत हिंदू, सिख, जैन और बौध आते हैं। संविधान में समान नागरिक संहिता को लागू करना अनुच्छेद 44 के तहत राज्य की जिम्मेदारी बताया गया है। ये अभी तक देश में कहीं लागू नहीं हो पाया है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी।
उत्तराखंड में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद पुष्कर धामी की सरकार ने इतिहास रचते हुए सत्ता में दोबारा वापसी कर ली है। बुधवार को शपथ ग्रहण के बाद नई सरकार का कामकाज विधिवत शुरू हो जाएगा। इस नई सरकार में धामी का लगातार दोबारा सीएम बनना ही अकेली बड़ी बात नहीं है बल्कि, एक और ऐतिहासिक उपलब्धि धामी सरकार 2.0 को हासिल होने जा रही है। कोटद्वार से बीजेपी विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण को उत्तराखंड की पहली विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा रहा है।
उत्तराखंड के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि किसी राजनीतिक पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता मिली, तो यह भी पहली बार हो रहा है कि कोई महिला विधानसभा की स्पीकर बनने जा रही है। ऋतु खंडूड़ी भूषण के देवभूमि की पहली विधानसभा अध्यक्ष बनने की खबर आते ही चमोली जनपद के खाल गांव में जश्न का माहौल रहा। हालांकि ऋतु ने पौड़ी ज़िले की कोटद्वार विधानसभा सीट से चुनाव जीता और पहले वह यमकेश्वर से विधायक रह चुकी हैं, लेकिन उनका ताल्लुक चमोली के खाल गांव से गहरा है क्योंकि वह इस गांव की बहू हैं। उनकी इस उपलब्धि पर ग्रामीणों को गर्व तो हुआ ही, उन्होंने खुशियां और उत्साह भी बांटा।
ऋतु खंडूरी उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी हैं। प्रदेश के नैनीताल में 29 जनवरी 1965 को उनका जन्म एक फौजी परिवार में हुआ था। खंडूरी के फौज में होने के कारण उनकी पढ़ाई भी पिता की पोस्टिंग के हिसाब से अलग-अलग जगहों पर हुई। उन्होंने मेरठ के रघुनाथ गर्ल्स कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। इसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। उन्होंने पत्रकारिता में डिप्लोमा भी हासिल किया है। साल 2006 से लेकर 2017 तक उन्होंने नोएडा की ऐमिटी यूनिवर्सिटी में फैकल्टी के रूप में भी काम किया है।
ऋतु खंडूरी के पति राजेश भूषण बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। ऋतु लंबे समय से समाजसेवा में भी ऐक्टिव रही हैं। साल 2017 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर यमकेश्वर सीट से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। साल 2022 के चुनाव में उनकी सीट बदल दी गई थी। उन्हें कोटद्वार से पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह नेगी के खिलाफ उतारा गया था। नेगी ने साल 2012 में तत्कालीन सीएम बीसी खंडूरी को कोटद्वार सीट से ही चुनाव हरा दिया था। ऐसे में ऋतु पर अपने पिता की हार का बदला लेने का भी मौका था।
देहरादून के परेड ग्राउंड में पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली। इसी के साथ ही आठ विधायकों को भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई। उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने सभी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें प्रेमचंद अग्रवाल, सतपाल महाराज, गणेश जोशी, धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, चंदन रामदास, सौरभ बहुगुणा ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। चंदन रामदास की बात करें तो वह कुमांऊ मंडल से आते हैं। चंदन की अल्मोड़ा-बागेश्वर में मजबूत पकड़ बताई जाती है। चंदन बागेश्वर से चार बार विधायक रहे चुके हैं।
उत्तराखंड में सत्ता में वापसी का रेकॉर्ड बनाने के बाद बीजेपी ने पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण में नया रेकॉर्ड बनाया। धामी का शपथ ग्रहण एक तरह से बीजेपी का शक्ति प्रदर्शन भी लग रहा था। बीजेपी के सभी बड़े नेता इस समारोह का हिस्सा थे। पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, राजस्थान की पूर्व मुख्यंत्री वसुंधरा राजे, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी का पूरा हाइकमान देहरादून में मौजूद था।
पीएम मोदी ने कैबिनेट का किया अभिवादन
पीएम मोदी सबसे आखिर में पहाड़ी टोपी पहनकर मंच पर आए। देहरादून के परेड ग्राउंड के समारोह स्थल में उनके आने के साथ ही जोश की लहर तैर गई।शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी कैबिनेट को सामने बुलाकर सबका अभिवादन किया।
उत्तराखंड में लोकप्रिय हैं सीएम योगी
शपथ ग्रहण कार्यक्रम में बार-बार बुलडोजर बाबा के नारे लग रहे थे। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बुधवार को शपथ ग्रहण पुष्कर सिंह धामी का था, लेकिन नारे ‘बुल्डोजर बाबा’ के गूंज रहे थे। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर लोगों में जबर्दस्त जोश दिखाई दिया। योगी जैसे ही मंच पर आए उनके समर्थन में नारे गूंजने लगे। योगी ने भी मुस्कुराते हुए हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया।
लेकिन इन सबके बीच जलवा योगी का ही था। शपथग्रहण में आई भीड़ योगी के समर्थन में नारेबाजी करती रही। मंच पर बैठे हुए योगी भी मुस्कुराते हुए भीड़ के इस प्यार को स्वीकार करते रहे। योगी आदित्यनाथ मूल रूप से उत्तराखंड के ही रहने वाले हैं। पौड़ी जिले के यमकेश्वर में उनका पैत्रिक गांव है। योगी उत्तराखंड में भी काफी लोकप्रिय हैं। इसी को देखते हुए बीजेपी ने उत्तराखंड की चुनावी रैलियों में उनको भी शामिल किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सतपाल महाराज समेत कुल आठ मंत्रियों ने शपथ ली। प्रेम चंद्र अग्रवाल ने अपनी शपथ संस्कृत में ली।
जानिए कौन-कौन बना मंत्री
1- सतपाल महाराज
2- प्रेम चंद्र अग्रवाल
3- गणेश जोशी
4- धन सिंह रावत
5- सुबोध उनियाल
6- रेखा आर्य
7- चंदन राम दास
8- सौरभ बहुगुणा
पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ
पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल लेज रिटा गुरमित सिंह ने उन्हें पद व गोपनियता की शपथ दिलवाई।
सतपाल महाराज ने ली मंत्री पद की शपथ
इसके बाद सतपाल महाराज ने मंत्री पद की शपथ ली। सतपाल महाराज ने चौबट्टाखाल सीट से जीत दर्ज की है। वह 2017 में बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इससे पहले तक वह कांग्रेस में सक्रिय थे। सतपाल महाराज आध्यात्मिक गुरु भी हैं। महाराज केंद्र की देवेगौड़ा और गुजराल सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।
सौरभ बहुगुणा ने मंत्री पद की शपथ ली
सितारंगज विधायक सौरभ बहुगुणा ने मंत्री पद की शपथ ली। सौरभ बहुगुणा पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे हैं। सौरभ पहली बार मंत्री बने हैं। इन्होंने 2017 में भी सितारंगज से चुनाव जीता था।
चंदनराम दास ने मंत्री पद की शपथ ली
बागेश्वर विधायक चंदनराम दास ने मंत्री पद की शपथ ली। वह पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल हो रहे हैं। चंदनराम दास लगातार चार बार विधायक रह चुके हैं। वह अपने सरल स्वभाव के लिए जनता के बीच खासा प्रसिद्ध हैं।
रेखा आर्य ने मंत्री पद की शपथ ली
पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने मंत्री पद की शपथ ली। रेखा आर्य सोमेश्वर से विधायक हैं। रेखा आर्य 2003 में पहली बार जिला पंचायत सदस्य बनीं। 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रेखा आर्या बीजेपी में शामिल हो गईं और बीजेपी के टिकट पर विधानसभा पहुंचीं।
सुबोध उनियाल ने ली मंत्री पद की शपथ
सुबोध उनियाल ने मंत्री पद की शपथ ली। सुबोध उनियाल नरेंद्रनगर से विधायक हैं। इससे पहले वह उत्तराखंड सरकार में कृषि मंत्री रहे हैं। पहले वह कांग्रेस पार्टी में थे। 2017 में इन्होंने भाजपा ज्वाइन की थी।
धनसिंह रावत ने मंत्री पद की शपथ ली
पूर्व उच्चशिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने मंत्री पद की शपथ ली। 2017 में पौड़ी गढ़वाल की श्रीनगर सीट से धनसिंह रावत पहली बार विधायक बने थे। रावत अपने विनम्र स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।
गणेश जोशी ने ली मंत्री पद की शपथ
गणेश जोशी ने मंत्री पद की शपथ ली। गणेश जोशी मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले हैं। इनका जन्म 1958 में मेरठ में हुआ था। मेरठ में उनके पिता स्वर्गीय श्याम दत्त जोशी भारतीय सेना के जवान के रूप में तैनात थे। गणेश जोशी 1976 से 1983 तक एक सैनिक के रूप में भारतीय सेना में रहे। वर्तमान में वे देहरादून में रहते हैं।
प्रेमचंद्र अग्रवाल ने संस्कृत में ली शपथ
प्रेमचंद्र अग्रवाल ने संस्कृत में शपथ ली। भाजपा विधायक प्रेमचंद अग्रवाल राज्य की चौथी विधानसभा के स्पीकर थे। स्पीकर पद के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया में एकमात्र नामांकन उन्होंने ही किया था। तत्कालीन प्रोटेम स्पीकर हरबंस कपूर ने सदन में उनके स्पीकर बनने की घोषणा की थी। पांचवीं विधानसभा के लिए हुए चुनावों में इन्होंने ऋषिकेश सीट से चुनाव लड़ा था।
हरिद्वार में गंगा आरती में शामिल हो सकते हैं धामी
प्रदेश के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज शाम को हरिद्वार में होने वाली गंगा आरती में प्रतिभाग कर सकते हैं। इसके लिए पुलिस अधिकारी ड्यूटी लगाने में जुटे हुए हैं वहीं हर की पैड़ी पर भी तैयारियां की जा रही है।
उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी को दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी है।उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर धामी अपने मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ बुधवार को शपथ लेंगे। राज्यपाल गुरमीत सिंह सीएम और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। देहरादून के परेड ग्राउंड में सीएम के साथ उनके कुछ मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा बीजेपी के कई दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे। योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी धामी के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंच सकते हैं।
भाजपा परेड मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम स्थल पर दोपहर ढाई बजे पहुंचने की संभावना है। इसके साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा शासित राज्यों के कई मंत्री भी कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। प्रधानमंत्री के समारोह में शामिल होने से जिला प्रशासन ने सुरक्षा के अतिरिक्त बंदोबस्त किए हैं।
उत्तराखंड में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में 25000 आगंतुकों के लिए कुर्सियां लगाई गई हैं। शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, गृहमंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्रियों के शामिल होने के चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।
सीएम धामी के साथ उनकी कैबिनेट के कुछ मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। नए मंत्रिमंडल में कुछ पुराने चेहरों की वापसी हो सकती है। माना जा रहा है कि धामी सरकार 2.0 में धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, रेखा आर्य, अरविंद पांडेय, प्रेम चंद्र अग्रवाल, बंसीधर भगत और गणेश जोशी को जगह मिल सकती है। कैबिनेट में शामिल होने वाले लोगों के नाम बुधवार सुबह 11 बजे तक राजभवन से जारी कर दिए जाएंगे।
शपथ ग्रहण से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी देहरादून के टपकेश्वर मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने दर्शन-पूजन और आरती में हिस्सा लिया। दर्शन के बाद उन्होंने कहा कि मैं हमेशा से भगवान टपकेश्वर मंदिर में आता रहा हूं। हमारे पीएम मोदी के काम पर जनता ने मुहर लगाई है। आज से हमारी सरकार का विधिवत काम होगा। मैं कोई भी शुभ काम शुरू करता हूं तो भगवान टपकेश्वर का आशीर्वाद लेता हूं, इसलिए आज यहां आया। मंत्रियों के सवाल को सीएम टाल गए। समान नागरिक संहिता लागू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब भी हमारी पहली कैबिनेट मीटिंग होगी, तब हम अपने संकल्पों पर फैसला लेंगे।
धामी और मंत्रिमंडल के सदस्यों के शपथ ग्रहण से पहले भाजपा के शक्ति केंद्र स्तर तक के कार्यकर्ता स्थानीय मंदिरों में सुबह लोककल्याण के लिए पूजन करेंगे। पार्टी ने सभी जिलाध्यक्षों को यह निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही शपथ ग्रहण में प्रमुख समाज सेवी, साहित्यकार, लेखक, प्रबुद्ध वर्ग, धार्मिक मठ मंदिरों के साधु-संतों को भी बुलाया है।
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आने के मद्देनजर सरकार, शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की अगुवाई में जौलीग्रांट एयरपोर्ट से लेकर देहरादून परेड मैदान तक मॉक ड्रिल की गई इस दौरान प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर तमाम तैयारियों को बारीकी से जांचा परखा गया।
अधिकारियों ने वायुसेना के हेलीकॉप्टर से लिया जायजा
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री के शामिल होने के मद्देनजर जहां सरकार ,शासन और जिला प्रशासन के अधिकारी सक्रिय हैं, वही वायुसेना के अलावा केंद्र सरकार के अधिकारियों की टीम भी पूरी तरह सक्रिय है। प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर वायुसेना के हेलीकॉप्टर के जरिए अधिकारियों ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट से लेकर देहरादून तक हवाई जायजा लिया। हवाई जायजा लेने के बाद अधिकारी तमाम व्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आए।
एक्सपीजी अधिकारियों ने डीएम, एसएसपी के साथ की बैठक
प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर एसपीजी अधिकारियों ने जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार व एसएसपी डॉ जन्मेजय खंडूरी के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। दोनों अधिकारियों ने एसपीजी अधिकारियों को पुलिस प्रशासन की ओर से पीएम की सुरक्षा को लेकर उठाए गए तमाम कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एसपीजी के अधिकारी जिला एवं पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के मद्देनजर उठाए गए सभी पदों को लेकर संतुष्ट नजर आए।
उत्तराखंड के मनोनीत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 23 मार्च को दोपहर 2:30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी। शपथ ग्रहण समारोह देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित होगा।बुधवार को उत्तराखंड की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। इसके लिए मंगलवार को ट्रायल किया गया। जिसके लिए वायुसेना हेलीकॉप्टर परेड ग्राउंड पहुंचा।
भाजपा विधायकों की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया। बैठक में भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी भी मौजूद रहे। वे 23 मार्च को राज्य के सीएम पद की दूसरी बार शपथ लेंगे। देहरादून परेड ग्राउंड में होने वाले शपथ समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।
पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा चुनाव में खटीमा सीट से हार जाने के कारण अन्य नेता भी सीएम पद के लिए दावेदारी करने लगे थे। चुनाव प्रचार के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा था धामी फ्लावर भी हैं और फायर भी। उत्तराखंड में चुनाव हारने के बाद भी किसी व्यक्ति को पहली बार सीएम बनाया गया। दूसरे कार्यकाल में सीएम बनने बनने वाले धामी पहले व्यक्ति हैं।
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय नेता उपस्थित रहेंगे। गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शपथ ग्रहण समारोह में आ सकते हैं। इसके लिए शासन स्तर से तैयारियां तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पहुंच सकते हैं।
पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर संगठन ने पूरी तैयारी कर ली है। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि समारोह में प्रदेश के सभी जिलों से कार्यकर्ता प्रतिभाग करेंगे। इसमें मंडल स्तर से लेकर शक्ति केंद्र के कर्यकर्ताओं को आमंत्रण भेजा गया है।
बुधवार को परेड ग्राउंड में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। मंच को जीरो जोन घोषित करते हुए एसपीजी के हवाले कर दिया गया है। किसी को भी मंच तक पहुंचने की इजाजत नहीं है। परेड ग्राउंड में ही अस्थायी हेलीपैड बनाया जा रहा है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हेलीकॉप्टर उतरेगा।
उत्तराखंड की सत्ता में वापसी कर बीजेपी ने नया इतिहास रचा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट हार गए हैं। इसके बावजूद राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने को लेकर उन्होंने बीजेपी की प्रतिबद्धता दोहराई है। विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी ने सत्ता में लौटने पर इसे लागू करने का वादा किया था।
मुख्यमंत्री आवास के बाहर मीडिया से बातचीत में पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय नेतृत्व, पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह का दोबारा भरोसा जताने पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि मेरे जैसे सामान्य कार्यकर्ता, एक सैनिक के बेटे को मुख्य सेवक के रूप में काम करने का मौका मिला है।
इस दौरान नेता सदन पुष्कर धामी ने मीडिया से खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान जो वादे किए गए थे, वह पूरे किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी घोषणा उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने की हुई थी, जिसकी प्रक्रिया का है जल्द शुरू कर देंगे। समान नागरिक संहिता अभी तक केवल गोवा में लागू है।
नतीजों के बाद देहरादून में धामी ने जनता का आभार जताते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा, “सरकार बनाने के बाद हम एक उच्च स्तरीय समिति बनाएँगे। समिति एक ड्राफ्ट तैयार करेगी और हम इसे उत्तराखंड में लागू करेंगे, जैसा कि हमने राज्य के लोगों से वादा किया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि शपथ ग्रहण के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कमेटी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस कमेटी में न्यायविदों, सेवानिवृत्त लोगों और प्रबुद्धजन को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद किसी भी धर्म व जाति के लोगों के साथ अन्याय नहीं होगा। सभी को समान नागरिकता का अधिकार मिलेगा।
विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन रुद्रपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से इसका वादा किया था। उन्होंने कहा था कि राज्य में भाजपा के दोबारा सत्ता में आने के बाद सबसे पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाएगा। इससे सभी धर्मों के नागरिकों के लिए समान कानून लागू हो जाएगा।
समान नागरिक आचार संहिता यानी Uniform Civil Code के बारे में संविधान के अनुच्छेद-44 के तहत राज्य की जिम्मेदारी है इस कानून को लागू करना पर अभी ये लागू नहीं हो पाया है। इस बारे में संविधान का भी कहना है कि सरकार विचार विमर्श करें। गोवा राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है। देश में कई मामलों के लिए भी यूनिफॉर्म कानून है। लेकिन अगर बात शादी, तालाक जैसे मुद्दों की करें तो अब भी पर्सनल लॉ के अनुसार ही फैसला होता है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सोमवार (21 मार्च, 2022) को घोषणा की कि सभी यूजीसी-वित्त पोषित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित की जाएगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने बताया है कि जुलाई के पहले सप्ताह में सीयूईटी का आयोजन किया जाएगा। कुमार ने कहा, ‘साल 2022-23 शैक्षणिक वर्ष से राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी स्नातक एवं परास्नातक कोर्स के लिए सीयूईटी का आयोजन करेगी। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रमों में दाखिला देने के लिए सीयूईटी में प्राप्त अंकों पर विचार करना होगा।’
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पहली अनिवार्य आम प्रवेश परीक्षा जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित की जाएगी, यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने सोमवार को घोषणा की।उन्होंने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) एक कम्प्यूटरीकृत परीक्षा है और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की जाएगी, जो मंगलवार को परीक्षा पैटर्न की घोषणा करेगी। परीक्षा के लिए आवेदन विंडो अप्रैल के पहले सप्ताह में खुलेगी।
कुमार ने कहा कि इन विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश अब पूरी तरह से CUET स्कोर के आधार पर होगा, और कक्षा 12 बोर्ड के अंकों में कोई वेटेज नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय, परीक्षा के लिए पात्रता मानदंड के रूप में बोर्ड परीक्षा के अंकों का सबसे अच्छा उपयोग कर सकते हैं।45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को यूजीसी से आर्थिक सहायता मिलती है। कुमार ने कहा कि सीयूईटी का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी के 12वीं कक्षा के सिलेबस से मिलता-जुलता ही होगा।
सीयूईटी के लाभों के बारे में बात करते हुए, कुमार ने कहा कि यह सभी बोर्डों के छात्रों को विशेष रूप से पूर्वोत्तर और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को समान अवसर प्रदान करेगा। CUET से माता-पिता और छात्रों पर वित्तीय बोझ कम होने की भी उम्मीद है, क्योंकि उम्मीदवारों को केवल एक परीक्षा लिखनी होगी।
कुमार ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय और डीम्ड विश्वविद्यालय भी स्नातक और स्नातकोत्तर प्रवेश के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग कर सकते हैं।दिल्ली विश्वविद्यालय और कुछ अन्य विश्वविद्यालयों ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे केवल CUET के आधार पर छात्रों को स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश देंगे।
CUET में NCERT की पाठ्यपुस्तकों पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे और गलत उत्तरों के लिए छात्रों को नकारात्मक रूप से चिह्नित किया जाएगा। प्रवेश परीक्षा में तीन खंड होंगे (बॉक्स देखें)। CUET 2022 हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, उर्दू, असमिया, बंगाली, पंजाबी, ओडिया और अंग्रेजी नाम की 13 भाषाओं में पेश किया जाएगा।
परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएगी। पहली पाली में, उम्मीदवार खंड (भाषा), दो चुने हुए डोमेन विषय और सामान्य परीक्षा के लिए उपस्थित होंगे। दूसरी पाली में, वे अन्य चार डोमेन विषयों और एक अतिरिक्त भाषा परीक्षण के लिए उपस्थित होंगे, यदि वे चुने जाते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को CUET से छूट दी गई है; उनके प्रवेश मौजूदा अधिसंख्य आधार पर किए जाएंगे।