सीएम धामी ने किया बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, उत्तराखंड के 22 आईएएस अधिकारियों के तबादले, यहां देखें लिस्ट

उत्तराखंड सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 22 नौकरशाहों के विभाग बदल दिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दोबारा सत्ता संभालने के बाद यह पहला बड़ा प्रशासनिक फेरबदल है। मुख्य सचिव एस एस संधू को मुख्य स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली की भी जिम्मेदारी दी गई है। राधा रतूड़ी से अपर सचिव ऊर्जा उत्तराखंड परिवहन निगम के अध्यक्ष की जिम्मेदारी ली गई और अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री गृह कारागार दिए गए हैं। राधिका झा को नया स्वास्थ्य सचिव बनाया गया है। राधा रतूड़ी को अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री की भी जिम्मेदारी दी गई है तथा मीनाक्षी सुंदरम, सचिव मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे।

मनीषा पंवार से ग्रामविकास व कृषि उत्पादन की जिम्मेदारी वापस ली गई है और अवस्थापना विकास आयुक्त व अध्यक्ष उत्तराखंड परिवहन निगम की जिम्मेदारी दी गई। आनंद वर्धन से अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री वन पर्यावरण संरक्षण जलवायु परिवर्तन की जिम्मेदारी वापस ली गई और अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास राजस्व शहरी विकास आवास मुख्य प्रशासक उत्तराखंड आवास और नगर विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी दी गई। आरके सुधांशु को प्रमुख सचिव वन पर्यावरण व संरक्षण की जिम्मेदारी दी गई और प्रमुख सचिव ग्रह व कारागार हटाया गया। एल फनाई से प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण विभाग वापस लिया गया वापस है और आयुक्त समाज कल्याण दिया गया।

आईपीएस अभिनव कुमार को विशेष प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री सूचना व खेल व युवा कल्याण की जिम्मेदारी दी गई। आर मीनाक्षी सुंदरम को सचिव मुख्यमंत्री ऊर्जा वैकल्पिक ऊर्जा श्रम वित्त तथा अध्यक्ष उत्तराखंड भवन व सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई और पशुपालन मत्स्य सहकारिता कृषि समेत तमाम विभाग हटाए गए।

शैलेश बघौली से शहरी विकास हटाया गया है और सचिव कार्मिक, सतर्कता, कृषि, कृषि कल्याण, उच्च शिक्षा विभाग दिए गए हैं। नितेश कुमार झा से सचिव तकनीकी शिक्षा हटाया गया औरसचिव ग्रामीण निर्माण की जिम्मेदारी दी गई। अरविंद सिंह ह्याकीको सचिव परिवहन बनाया गया। सचिन कुर्वे को सचिव ग्रामीण विकास खाद्य नागरिक आपूर्ति की जिम्मेदारी दी गई।।

सौजन्य को सचिव सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग की जिम्मेदारी दी गई और बीवी आरसी पुरुषोत्तम को सचिव पशुपालन मत्स्य दुग्ध दुग्ध विकास सहकारिता की जिम्मेदारी दी गई है। रविनाथ रमन से आबकारी विभाग हटाया गया और सचिव विद्यालय शिक्षा प्राथमिक व माध्यमिक व तकनीकी शिक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।

Uttarakhand ias officer transfer list

Uttarakhand ias officer transfer list

पंकज कुमार पांडे से सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा व सूचना विभाग हटाया गया है और सचिव औद्योगिक विकास औद्योगिक विकास खनन आयुष आयुष शिक्षा विभाग दिया गया। रंजीत कुमार सिन्हा से सचिव परिवहन की जिम्मेदारी हटाई गई और सचिव आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है। हरी चंद्र सिंह सेमवाल को सचिव आबकारी आयुक्त आबकारी की जिम्मेदारी दी गई। चंद्रेश यादव सह सचिव आयुष श्रम विभाग की जिम्मेदारी ली गई वापस और सचिव पुनर्गठन व संस्कृत शिक्षा की जिम्मेदारी दी गई। विजय कुमार यादव सह सचिव वन व पर्यावरण विभाग लिया गया वापस। दीपेंद्र कुमार चौधरी को सचिव से उच्च शिक्षा व खेल व युवा कल्याण से हटाया गया सैनिक कल्याण की जिम्मेदारी दी गई है। सचिन कुर्वे को सचिव ग्रामीण विकास खाद्य नागरिक आपूर्ति की जिम्मेदारी दी गई।

व्यासी पावर हाउस : व्यासी जल विद्युत परियोजना से आज मंगलवार से उत्तराखंड को मिलेगी बिजली, यूजेवीएनएल के सभी ट्रायल हुए पूरे

व्यासी जल विद्युत परियोजना से मंगलवार से उत्तराखंड को बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। विकासनगर के निकट यमुना नदी पर बनी 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना पूरी हो गई है। इस परियोजना की जद में विकासनगर का लोहारी गांव आया है। पिछले करीब दो सप्ताह से यूजेवीएनएल की टीम यहां बिजली उत्पादन की तैयारी में जुटी थी। अब इसके सभी ट्रायल पूरे हो चुके हैं। ट्रायल के तौर पर रविवार और सोमवार को यूजेवीएनएल ने कुछ बिजली उत्तराखंड को दी भी है।

120 मेगावाट की इस परियोजना से फिलहाल सालाना 353 मिलियन यूनिट बिजली उत्तराखंड को मिलेगी। फिलहाल रोजाना 0.72 मिलियन यूनिट बिजली रुटीन समय में मिलेगी और सुबह और शाम को पीक आवर्स में 60 मेगावाट बिजली मिलेगी। इससे पीक आवर्स में यूपीसीएल को महंगी बिजली खरीदने से निजात मिलेगी।

वर्तमान में यूपीसीएल के पास करीब 31 मिलियन यूनिट बिजली उपलब्ध हो रही है, जबकि डिमांड 44 मिलियन यूनिट तक पहुंच रही है। ऐसे में इस परियोजना से मिलनी वाली बिजली से यूपीसीएल को भी कुछ राहत मिलेगी।

हमने व्यासी जल विद्युत परियोजना के सभी ट्रायल पूरे कर लिए हैं। ट्रायल के तौर पर कुछ बिजली दो दिन से उत्तराखंड प्रदेेश में दी भी गई है। अब मंगलवार से पूरी बिजली प्रदेश को मिलनी शुरू हो जाएगी।

 -संदीप सिंघल, एमडी, यूजेवीएनएल

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज शनिवार को दिल्ली दौरा, प्रदेश भाजपा संगठन में बदलाव की चर्चा, आज प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम का देहरादून दौरा

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। एक ओर जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से इस संबंध में वार्ता की चर्चा है तो दूसरी ओर पार्टी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम भी शनिवार को देहरादून पहुंच रहे हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को दिल्ली दौरे पर रहेंगे और वह यहां अयोध्या पर्व के आयोजन का शुभारंभ करेंगे। इसके साथ ही, दिल्ली में कुछ केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा नेताओं के साथ भी उनकी मुलाकात का कार्यक्रम है। पिछले कुछ दिनों से लगातार उत्तराखंड के विभिन्न ज़िलों के दौरे कर रहे धामी के इस दिल्ली दौरे को लेकर राज्य के सियासी गलियारों में काफी सुगबुगाहट है और इसके पीछे दो चर्चाएं तेज हैं, जो धामी के उपचुनाव और उत्तराखंड संगठन में बदलाव से जुड़ी हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली में संगठन बदलाव को लेकर चर्चा के आसार हैं। कई अहम मुद्दों पर वरिष्ठ नेताओं के बीच मंथन हो सकता है। इस बीच संगठन में अध्यक्ष पद पर बदलाव को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

दिल्‍ली दौरे की सूचना के बाद प्रदेश भाजपा संगठन में बदलाव की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री किस सीट से उप चुनाव लड़ेंगे, इस विषय पर भी केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा हो सकती है।

विधानसभा चुनाव के बाद लगातार भाजपा से जुड़े कई अहम मुद्दों को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं। मुख्यमंत्री को उपचुनाव लड़ना है, संगठन का इस पर भी लगातार मंथन चल रहा है। इस बीच संगठन में अध्यक्ष पद पर बदलाव को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

वहीं, जो 23 सीटें भाजपा ने गंवाई हैं, उनकी समीक्षा रिपोर्ट भी आ चुकी है, जिस पर अब वरिष्ठ नेता मंथन करेंगे। दूसरी ओर, नई सरकार में दायित्व बांटने को लेकर भी इंतजार है। इस दिशा में जल्द ही कुछ अहम फैसले हो सकते हैं। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी कहीं भी पुष्टि नहीं हो पाई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी के मोरी ब्लाक के जखोल गांव में बिस्‍सू मेले में शामिल हुए, विश्व सांस्कृतिक धरोहर रम्माण का आयोजन 27 अप्रैल को

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मोरी ब्लाक के जखोल गांव में बिस्‍सू मेले में शामिल होने के लिए पहुंचे। शुक्रवार को जखोल में मुख्यमंत्री ने सोमेश्वर देवता मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान मोरी ब्लाक के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भव्य स्वागत किया। उन्होंने सोमेश्वर महादेव मंदिर का सौंदर्यीकरण करने, सीएचसी पुरोला का उच्चीकरण कर उप जिला चिकित्सालय बनाने, पीएचसी मोरी को सीएचसी करने, नैटवाड सांकरी जखोल मोटर मार्ग को हाॅट मिक्स प्लान के तहत तैयार करने और नौगांव में महाविद्यालय खोलने की घोषणा की।

रवांई जौनसार क्षेत्र में बिस्‍सू मेले की शुरूआत 13 अप्रैल से हो गई थी। जिसके बाद गांव-गांव में मेले आयोजित होते हैं। जिसमें ग्रामीण मेहमानों का अतिथि सत्कार करते हैं। साथ ही मेले में देवता की पूजा अर्चना और पारंपरिक लोक गीत लोक नृत्य भी प्रस्तुत करते हैं।ये मेले क्षेत्र की सुख समृद्धि के लिए आयोजित होते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ मेले में पुरोला के विधायक दुर्गेश्वर लाल, भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश चौहान, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान शामिल हुए हैं।
शुक्रवार को मोरी ब्लॉक के जखोल गांव में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बिस्सू मेले का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मां गंगा का हमारा यह राज्य एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है। इसलिए यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लाना हमारा उद्देश्य है। हमने नीति और कानून विशेषज्ञों सहित एक समिति बनाने का निर्णय लिया है जो यूसीसी के संबंध में एक मसौदा तैयार करेगी।
इससे पूर्व सीएम धामी ने गुरुवार को खोली ब्लॉक पर्यटक स्थल बधाणीताल में दो दिवसीय बधाणीताल पर्यटन एवं बैसाखी मेले का शुभारंभ किया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बधाणीताल में पर्यटक आवास गृह बनाने, बधाणीताल का सौंदर्यीकरण और बरसिर-बधाणीताल मोटर मार्ग को हॉटमिक्स करने की घोषणा की थी।
पैनखण्डा की पौराणिक और ऐतिहासिक धरोहर रम्माण मेला 2022 का शुभारम्भ बैशाखी के शुभ पर्व से भूमि क्षेत्रपाल देवता मन्दिर परिसर सलूड़-डुंग्रा में हो गया है। परम्परानुसार आशुतोष कुंवर के घर पर वर्ष भर की पूजा पाने के उपरान्त गुरुवार प्रातः सलूड़-डुंग्रा के गाणिया, कैंसा,पश्वा, पुजारियों और समस्त ग्रामवासियों की उपस्थिति में भूमि क्षेत्रपाल देवता की अश्रुपूर्ण विदाई हुई।
सलूड़ डूंग्रा गांव में होने वाला विश्व धरोहर रम्माण मेला इस साल 27 अप्रैल को होगा। गांव के पुरोहितों ने रम्माण मेले की तिथि घोषित की है। इस बार मेले में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पर्यटन मंत्री को भी आमंत्रित किया गया है।

उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला :- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  ने राज्य के आंदोलनकारियों दिया तोहफा, राज्य आंदोलनकारियों को मुफ्त मिलेगा सरकारी इलाज

उत्तराखंड राज्य बनाने के लिए आंदोलन करने वाले आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश के सभी राजकीय अस्पतालों-औषधालयों, इनसे संबद्ध अस्पतालों और सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अब राज्य आंदोलनकारियों का इलाज निशुल्क होगा। शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं।

सचिव चिकित्सा डॉ. पंकज कुमार पांडेय की ओर से जारी ये आदेश सभी संबंधित अधिकारियों और राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों को भेज दिए गए हैं। हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में यह आदेश लागू कर दिया गया है।

चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले मेडिकल कॉलेज से जुड़े हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में निशुल्क इलाज की सुविधा मिलने पर राज्य आंदोलनकारियों ने खुशी जताई है। इलाज के लिए आने वाले राज्य आंदोलनकारियों को सरकार की ओर से जारी पहचान पत्र साथ लाना होगा। उन्हें जांच समेत अस्पताल में मिलने वाली सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि सरकार की ओर से 8 अप्रैल को जारी आदेश एसटीएच में लागू कर दिया गया है।

राज्य आंदोलनकारी राज्य में दो तरह के आंदोलनकारी हैं। राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन जेल गए एवं घायल आंदोलनकारियों की संख्या 344 है। इन्हें सरकार 6 हजार रुपये पेंशन देती है। वहीं ऐसे आंदोलनकारी जो जेल नहीं गए लेकिन, आंदोलन से जुड़े रहे उनकी संख्या करीब 6821 है। इन्हें 4500 रुपये पेंशन मिलती है।

राज्य आंदोलनकारी पूर्व छात्र महासंघ के अध्यक्ष मोहन पाठक ने कहा, ‘राज्य आंदोलनकारियों को राजकीय मेडिकल कॉलेज में निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराने के सरकार के निर्णय का स्वागत करता हूं। सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं और बढ़ाई जानी चाहिए ताकि सभी को बेहतर इलाज मिले।’ राज्य आंदोलनकारी एवं व्यापारी नेता हुकुम सिंह कुंवर ने कहा, ‘राज्य आंदोलनकारियों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना अच्छा कदम है। आंदोलनकारियों को अन्य सुविधाएं भी मिलनी चाहिए साथ ही अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए।’

उत्तराखंड: कांग्रेस विधायक के बयान से कांग्रेस में खलबली, धारचूला विधायक हरीश धामी ने कहा, पुष्कर सिंह धामी के लिए छोड़ सकते हैं सीट

पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से विधायक हरीश धामी ने कहा कि अगर जनता कहेगी, तो वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ सकते हैं। कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए हरीश ने कहा कि पार्टी में उनकी अनदेखी हुई है। नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद कांग्रेस में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में हरीश धामी के इस बयान के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।हरीश धामी ने कांग्रेस हाईकमान पर उपेक्षा का आरोप लगाया। उनका कहना है कि महत्वपूर्ण फैसलों में उनकी राय नहीं ली गई। इस तरह धारचूला विधायक हरीश धामी अब खुलकर फ्रंट फुट पर आ गए हैं और कांग्रेस के खिलाफ अपनी नाराजगी जता रहे हैं।

हरीश धामी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा से ही उन्हें नीचे दिखाने का काम किया है, जबकि वह पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं, इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोडऩे का मन बना लिया है। हरीश ने कहा कि विधानसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस सीट से जीते विधायक को उप नेता प्रतिपक्ष बनाकर उनके सम्मान को चोट पहुंचाई है।

हरीश धामी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के लिए बहुत कुछ किया पर कांग्रेस ने हमेशा उनका अपमान ही किया।। हरीश ने दो टूक कहा कि अगर क्षेत्र की जनता कहेगी, तो वह सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ सकते हैं। हरीश का कहना है कि उनके पास अगल दल बनाकर जनता की सेवा करने का भी विकल्प खुला है।

प्रदेश में नई नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस के भीतर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। नाराज चल रहे करीब 10 विधायकों ने बुधवार को भी गुपचुप तरीके से बैठकों का सिलसिला जारी रखा। नवनियुक्त पदाधिकारियों से इन विधायकों ने दूरी बनाई हुई है। असंतोष प्रबंधन में जुटी पार्टी भी इससे असहज है।

कांग्रेस में नई नियुक्तियों को लेकर बढ़ता असंतोष राष्ट्रीय नेताओं के विरोध का रूप ले रहा है। चुनाव से ठीक पहले प्रदेश में चुनाव प्रबंधन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष रहे हरीश रावत ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोला था।

पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से विधायक हरीश धामी ने बगावती तेवर अपनाते हुए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। प्रदेश में पार्टी की बदहाली के लिए प्रभारी को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि विधायक जल्द ही अलग दल बनाने का निर्णय ले सकते हैं।

चुनाव में हार के कारणों की समीक्षा का परिणाम प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष पदों पर नई नियुक्तियों के रूप में सामने आया है। इसके बाद प्रदेश प्रभारी और हार की समीक्षा करने वाले राष्ट्रीय नेताओं के खिलाफ गुस्सा फूट रहा है।

नीट-UG 2022: 7 मई तक करें नीट परीक्षा के लिए आवेदन,17 जुलाई को होगी नीट परीक्षा, ऐसे करें रजिस्ट्रेशन

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्‍ट (NEET-UG) का आयोजन 17 जुलाई को होगा और इसके लिए ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन की प्रक्र‍िया 2 अप्रैल से प्रक्रिया शुरू हो गई है। यूजी नीट परीक्षा (NEET-UG 2022) एक ही दिन आयोजित होगी और यह पेन-पेपर आधारित होगी। इसे 13 भाषाओं में आयोजित किया जाएगा।

नीट 2022 परीक्षा के लिए nta.nic.in पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस साल स्नातक मेडिकल प्रवेश परीक्षा का आयोजन 17 जुलाई 2022 को किया जाएगा। परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 7 मई, 2022 है।

नीट 2022 महत्वपूर्ण तारीखें

इवेंट

नीट 2022 डेट

नीट आवेदन पत्र 2022 भरने की अंतिम तिथि

6 मई 2022

नीट 2022 आवेदन शुल्क भुगतान की लास्ट डेट

7 मई 2022

एनटीए नीट आवेदन पत्र की सुधार खिड़की

सूचित किया जाएगा

नीट-UG एडमिट कार्ड 2022 जारी किया जाएगा

सूचित किया जाएगा

नीट परीक्षा की तारीख

17 जुलाई 2022 (जारी)

नीट रिजल्ट की घोषणा

सूचित किया जाएगा

नीट यूजी काउंसलिंग की शुरुआत

सूचित किया जाएगा

जनजाति क्षेत्र का लोहारी गांव जलमग्न हो गया है, ग्रामीणों संकट की इस घड़ी में उल्लास का पर्व बिस्सू कैसे मनाएं

अनूठी लोक व पौराणिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर में 14 अप्रैल से 367 राजस्व गांवों व करीब 200 खेड़ों व मजरों में बिस्सू पर्व की धूम शुरू हो जाएगी।जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर में इन दिनों बिस्सू मेले की धूम है। क्षेत्र के गांवों में बिस्सू की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। लोग अपने घरों को सजा रहे हैं। बाजार से खरीदारी में व्यस्त हैं। व्यापारी मेलों की तैयारी में जुटे हुए हैं। विभिन्न गांवों में आयोजित बिस्सू मेले में बड़ी संख्या में लोग मेला देखने पहुंचेंगे।

जनजाति क्षेत्र लोहारी गांव के जलमग्न होने से खत लखवाड़ का एक गांव घट गया है। अभी तक इस खत में कुल नौ गांव थे।पुराने समय के पहाड़ी शैली में निर्मित घर कई 100 वर्षों की गाथा को समेटे हुए थे जो अब डूब गए हैं। मकानों पर उम्दा नक्काशी व चित्रकारी भी लुप्त हो गई है।

जौनसार का प्रमुख पर्व बिस्सू गुरुवार को है। क्षेत्र के गांवों में बिस्सू की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। लोग अपने घरों को सजा रहे हैं। बाजार से खरीदारी में व्यस्त हैं। व्यापारी मेलों की तैयारी में जुटे हुए हैं। लेकिन लोहारी में जिस ‘पांडवों की ठौर’ पर मेला लगना था, जहां, हारुल और तांदी की धूम मचनी थी।

वह स्थान झील में समा गया है। गांव में शरणार्थी जैसा जीवन बिता रहे, ग्रामीणों की समझ में नहीं आ रह है कि, संकट की इस घड़ी में उल्लास का पर्व बिस्सू कैसे मनाएं।  ग्रामीणों ने बताया कि, बांध की झील में समाए पांडवों ठौर में भीम की गदा, अर्जुन का गांडीव, नकुल सहदेव की तलवार, युद्धिष्ठर का भाला, द्रोपदी का कटार रखा जाता था।

साल में यहां दो बार मेला लगता था। जिसमें चौदह अप्रैल को बिस्सू मेला लगना था। लेकिन अब यह सब इतिहास बन गया है। कुलदेवता का मंदिर भी जलमग्न पांडवों की ठौर के पास ही काली का मंदिर और कुल देवता चिनपुणियां का मंदिर था। जहां हमेशा पूजा अर्चना होती थी। वह भी बांध में डूब गया।

लखवाड़-व्यासी जल विद्युत परियोजना : विकास की भेट चढ़ गया उत्तराखंड का एक और गाँव,परियोजना झील में जलस्तर बढ़ने से लोहारी गांव जलमग्न हो गया, संस्कृति और खेत-खलिहान हो गए गुम

उत्तराखंड के देहरादून जिले के कालसी क्षेत्र में सोमवार को 120 मेगावाट वाली लखवाड़-व्यासी जल विद्युत परियोजना की झील का जलस्तर बढ़ने के साथ ही लोहारी गांव जलमग्न हो गया। इस दौरान माहौल भावुक हो गया। अपने पैतृक गांव को डूबता देख गांव वालों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।

उत्तराखंड को रोशन करने के लिए जलमग्न हो गया ‘लोहारी’ गांव, 120 मेगावाट की व्यासी परियोजना से मिलेगी बिजली  व्यासी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक राजीव अग्रवाल ने बताया कि 15 से 16 अप्रैल तक पानी बिजली उत्पादन के स्तर पर पहुंच जाएगा। अप्रैल के अंत तक पावर हाउस से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। परियोजना की झील में जल स्तर बढ़ाए जाने से लोहारी गांव जल्द ही डूब गया

पानी का स्तर बढ़ने के साथ ही डूब क्षेत्र में आए लोहारी गांव में सोमवार को पानी आ गया है। शाम लगभग तीन बजे से गांव में पानी भरना शुरू हो गया था। इसके बाद लगातार बढ़ते जलस्तर ने गांव के मकान, गौशाला, खेत-खलिहानों व पार्क आदि को अपने आगोश में ले लिया। उधर, परियोजना के अधिकारियों का दावा है कि देर रात तक डैम के लिए निर्धारित जलस्तर की मात्रा को सुनिश्चित कर लिया जाएगा।

झील की गहराइयों में बांध प्रभावितों की सुनहरी यादें, संस्कृति और खेत-खलिहान गुम हो गए। ऊंचे स्थानों पर बैठे ग्रामीण दिनभर भीगी आंखों से अपने पैतृक गांव को जल समाधि लेते देखते रहे। ग्रामीणों की मांग थी कि उन्हें आखिरी बिस्सू पर्व पैतृक गांव में ही मनाने को कुछ वक्त दिया जाए, लेकिन सभी को 48 घंटे के नोटिस पर गांव खाली करना पड़ा।

जल विद्युत निगम की ओर से उन्हें सामान व उपज ढोने के लिए वाहन भी मुहैया कराए गए थे। हालांकि, गांव खाली होने के बावजूद सोमवार को विस्थापित आसपास ऊंचे स्थानों पर बैठकर अपनी सुनहरी स्मृतियों को झील में समाते देखते रहे।

विस्थापितों ने बताया कि उन्होंने गेहूं की फसल तो काट ली थी, लेकिन टमाटर, मटर, आलू, प्याज व लहसुन के लहलहाते खेत ऐसे ही छोड़ने पड़े। पैतृक गांव को डूबता देख महिलाओं के आंसू तो थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे। उधर, उपजिलाधिकारी कालसी सौरभ असवाल ने बताया कि प्रशासन की ओर से बांध विस्थापितों के लिए रहने की व्यवस्था की गई है। लेकिन, ग्रामीण वहां जाने को तैयार ही नहीं हैं।

120 मेगावाट की लखवाड़-व्यासी जल विद्युत परियोजना के लिए आवश्यक सभी स्वीकृतियां प्राप्त करने के बाद वर्ष 2014 में परियोजना पर दोबारा कार्य शुरू हुआ। दिसंबर 2021 में परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण कर उसकी कमिशनिंग की जानी थी, लेकिन तमाम जटिलताओं के चलते कमिशनिंग में देरी हुई। 1777.30 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना के डूब क्षेत्र में सिर्फ लोहारी गांव ही आ रहा था।

उत्तराखंड कांग्रेस ने करण मेहरा को बनाया प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष बने यशपाल आर्य

उत्तराखंड चुनाव 2022 में मत खाने के बाद कांग्रेस अब पार्टी में बदलाव कर रही है। इसीलिए कांग्रेस नए चेहरों को मौका दे रही है। 2024 में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं और इसको ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी अभी से जातिगत समीकरण बनाने में जुट गई है।

पांच राज्यों में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में राज्यों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों से आलाकमान ने इस्तीफा मांगा था, जिसके बाद अब लंबी मंत्रणा पर उत्तराखंड कांग्रेस की कमान करन माहरा को सौंपी गई है। वहीं कांग्रेस नेता यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष का दायित्व मिला है। इसके अलावा भुवन कापड़ी को उपनेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है।

यशपाल आर्य का राजनीतिक कद कुमाऊं के साथ ही एक विशेष वर्ग को भी प्रभावित करता है। उत्तराखंड चुनाव से पहले बाप-बेटे कांग्रेस में शामिल हुए थे। चुनाव से पहले यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए थे। यशपाल को जहां कांग्रेस ने बाजपुर से मैदान में उतारा था तो वहीं उनके बेटे संजीव को नैनीताल से चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन किसी तरह यशपाल आर्य ने अपनी सीट तो बचा ली थी, पर उनके बेटे संजीव अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे।

हाईकमान के फैसले से पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समर्थकों को गहरा झटका लगा है। माना जा रहा था कि हाईकमान प्रीतम को ही दोबारा नेता प्रतिपक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपेंगा। हाईकमान स्तर पर अच्छे ताल्लुकात की वजह से प्रीतम को नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा था। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान में चौंकने वाले फैसले के संकेत बाद से प्रीतम खेमा काफी मायूस था।

जनहित और राज्यहित मुद्दों पर सदैव संघर्ष और पार्टी की नीति-रीति को जनजन तक ले जाना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगा। हाईकमान ने मुझे यह जिम्मेदारी दी है, इसके लिए आभार। मैं हाईकमान की अपेक्षाओं पर खरा उतरना का पूरा प्रयास करूंगा।  करन माहरा, नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष-कांग्रेस