सीएम और चीफ जस्टिस सम्मेलन में बोले CJI एनवी रमना- हमें ‘लक्ष्मण रेखा’ का रखना चाहिए ध्यान

विज्ञान भवन में आयोजित मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया। इस मौके पर जस्टिस रमण ने कहा कि अदालतों के फैसलों के बावजूद सरकारों द्वारा जानबूझकर उनका पालन नहीं करना लोकतंत्र की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। सीजेआई ने जनहित याचिकाओं (PIL) के दुरुपयोग पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह अब पब्लिक इंट्रेस्ट पिटीशन की बजाए ‘पर्सनल इंट्रेस्ट लिटिगेशन’ बनकर रह गई हैं। पीआईएल का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया जाने लगा है।

पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, ‘मुझे विश्वास है कि संविधान की इन दो धाराओं का ये संगम, ये संतुलन देश में प्रभावी और समयबद्ध न्याय व्यवस्था का रोडमैप तैयार करेगा। भारत सरकार न्याय व्यवस्था में तकनीकी की संभावनाओं को डिजिटल इंडिया मिशन का एक जरूरी हिस्सा मानती है। उदाहरण के तौर पर, ई-कोर्ट परियोजना को आज मिशन मोड में लागू किया जा रहा है। आज छोटे कस्बों और यहां तक कि गांवों में भी डिजिटल ट्रांसजेक्शन आम बात होने लगी है।

पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का ये संयुक्त सम्मेलन हमारी संवैधानिक खूबसूरती का सजीव चित्रण है। हमारे देश में जहां एक ओर ज्यूडिशरी की भूमिका का संविधान संरक्षक की है वहीं विधान मंडल नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने देश के संविधान में लोकतंत्र के तीनों स्तंभों की शक्तियों के विभाजन का जिक्र करते हुए इनके द्वारा कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान ‘लक्ष्मण रेखा’ का ध्यान रखने पर जोर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अदालती फैसलों के पालन में बेरुखी पर असंतोष भी प्रकट किया।

प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण ने शनिवार को कहा कि संविधान राज्य के तीनों अंगों के बीच शक्तियों के पृथक्करण का प्रावधान करता है और अपने कर्तव्य का पालन करते समय लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखा जाना चाहिये।

प्रधान न्यायाधीश ने मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में कहा न्यायिक निर्देशों के बावजूद सरकारों द्वारा जानबूझकर निष्क्रियता दिखाना लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन किया।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि संविधान तीनों अंगों के बीच शक्तियों के पृथक्करण का प्रावधान करता है तथा इनके बीच सामंजस्य से लोकतंत्र मजबूत होगा। अपने कर्तव्य का निर्वहन करते समय हमें लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखना चाहिए। प्रधान न्यायाधीश ने जनहित याचिकाओं के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अब यह ‘निजी हित याचिका’ बन गई है और निजी मामलों को निपटाने के लिये इसका इस्तेमाल किया जाता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरा, तीन मई को पैतृक गांव पंचूर पहुंचेंगे, गांव में जश्न की तैयारियां

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ तीन मई से तीन दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड जाएंगे। यहां पहुंचने के बाद वो पांच साल बाद अपनी मां से मिलने पांचूर गांव भी जाएंगे। लेकिन उससे पहले यमकेश्वर जाएंगे। जहां उनके आगमन को लेकर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। पौड़ी जिले में मौजूद योगी आदित्यनाथ के पैतृक गांव पंचूर गांव में जश्न की तैयारियां की जा रही हैं, गांव में भजन कीर्तन के साथ ही पूजा पाठ किया जाएगा।

पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर विकासखंड के अंतर्गत महायोगी गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय बिथ्यानी में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का तीन मई को प्रस्तावित कार्यक्रम है।

जिसकी तैयारी के लिए उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत बिथ्यानी पहुंचे। योगी आदित्यनाथ की माता से मुलाकात कर उन्होंने उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने तैयारियों के संबंध में बैठक ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को समुचित व्यवस्था जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए।

कहते हैं मां और बच्चे का प्यार इस दुनिया में सबसे अलग है। भले ही वह बड़ा इंसान, बूढ़ा हो या कोई भी परिस्थिति हो। मां शब्द में प्रेम और ममता है। इसी प्रेम और ममता में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार अपनी मां से मिलने उत्तराखंड जा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ का ये दौरा 3 दिन का होगा। मूल रूप से उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले योगी का गांव पौड़ी जिले की यमकेश्वर तहसील का पंचूर है। इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गांव जाकर मां से मुलाकात करेंगे।

योगी आदित्यनाथ वर्ष 2017 में यूपी के सीएम बनने से पहले एक बार गांव आए थे। इसके बाद वह ऋषिकेश और उत्तराखंड तो कई बार आए, लेकिन गांव नहीं जा पाए थे। 20 अप्रैल, 2010 में उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट का निधन हो गया था, तब कोरोनाकाल की व्यस्तताओं के कारण वह नहीं पहुंच सके थे। दोबारा सीएम बनने के बाद उन्होंने गांव आकर मां से आशीर्वाद लेने की बात कही थी। इसी कार्यक्रम के तहत वह तीन मई को गांव पहुंच रहे हैं। यमकेश्वर के बिथ्याणी स्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय में उनके आगमन को लेकर मंच निर्माण से लेकर अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उपचुनाव सीट पर झोंकी ताकत, बनबसा से टनकपुर तक किया रोड शो, गांधी मैदान में जनसभा को किया संबोधित

देहरादून : मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय उत्तराखंड ने चम्पावत में विधानसभा सीट रिक्त होने की अधिकृत जानकारी भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी है। अब आयोग के स्तर पर ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होनी शेष है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय इसका इंतजार कर रहा है।

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी टनकपुर-बनबसा इलाके के दौरे पर पहुंचे हैं। यहां मुख्यमंत्री ने बनबसा से टनकपुर तक रोड शो किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रातः 10:30 बजे बनबसा स्टेडियम में हेलिकॉप्टर से पहुंचे थे। बनबसा से टनकपुर तक रोड शो के पश्चात अब वह टनकपुर के गांधी मैदान में रैली करेंगे। रोड शो के चलते मुख्यमंत्री के साथ सांसद अजय टम्टा तथा  पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी भी उपस्थित रहे।

वही इससे पहले भी बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी कुमाऊं दौरे पर थे। मुख्यमंत्री को चंपावत सीट से उपचुनाव लड़ना है। ऐसे में अब वह उपचुनाव के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। यहां समारोह के चलते उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू करने के लिए समिति का जल्द गठन किया जाएगा।

वही इस समिति में सम्मिलित न्यायविदों, प्रबुद्धजनों तथा सेवानिवृत्त लोगों की तरफ से तैयार ड्राफ्ट के आधार पर सिविल कोड तैयार किया जाएगा। उन्होंने बिजली संकट को पूरे देश की दिक्कत बताते हुए कहा कि सरकार इससे निपटने के उपाय कर रही है। यह बात उन्होंने बुधवार शाम रुद्रपुर के एक होटल में आयोजित स्वागत समारोह के चलते कही। सीएम ने कहा कि बीजेपी केवल कोरे ऐलान नहीं करती, बल्कि ऐलानों को धरातल पर उतारती भी है। उन्होंने विधानसभा चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन रुद्रपुर में बीजेपी के दोबारा सत्ता में आने पर यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने का ऐलान किया था जो जल्द पूरी की जाएगी। तत्पश्चात, सभी धर्मों के नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू हो जाएगा। इसके साथ ही किच्छा में भी जल्द एम्स के सेटेलाइट सेंटर का निर्माण आरम्भ होने जा रहा है। नजूल की जमीन पर मालिकाना हक देने के लिए भी शीघ्र नजूल एक्ट बनने जा रहा है। राज्य में वर्तमान में चल रहे बिजली संकट की दिक्कत पर धामी ने कहा कि यह केवल उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश की दिक्कत है। इस दिक्कत से निपटने के लिए सरकार उपाय कर रही है।

भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए डायल करें 1064

उन्होंने विधानसभा चुनाव के प्रचार के आखिरी दिन रुद्रपुर में भाजपा के दोबारा सत्ता में आने पर यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की घोषणा की थी जो शीघ्र पूरी की जाएगी। इसके बाद सभी धर्मों के नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू हो जाएगा। इसके साथ ही किच्छा में भी जल्द एम्स के सेटेलाइट सेंटर का निर्माण शुरू होने जा रहा है। नजूल की भूमि पर मालिकाना हक देने के लिए भी शीघ्र नजूल एक्ट बनने जा रहा है।

उत्‍तराखंड : राजधानी में सार्वजनिक स्थानों पर मास्‍क न पहनने पर देना होगा जुर्माना, देहरादून में मास्क है जरूरी

कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। इसे देखते हुए तमाम एहतियात बरती जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना की संभावित चौथी लहर के दृष्टिगत सभी राज्यों के साथ वर्चुअल बैठक की है। अब देहरादून में भी मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इस हेतु जिला प्रशासन की ओर से आदेश भी जारी हो चुके हैं।

उत्‍तराखंड में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। जिसके मद्देनजर अब प्रशासन ने भी सख्‍ती दिखानी शुरू कर दी है। इस क्रम में राजधानी देहरादून में सार्वजनिक स्थानों पर मास्‍क न पहनने वालों को जुर्माना देना होगा।

कोरोना का संक्रमण फिर सिर उठाता दिख रहा है। इस आशंका से घिरा जिला प्रशासन अब सख्ती दिखाने के मूड में है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने मास्क न पहनने वालों से सख्ती से निपटने को कहा है। ऐसे व्यक्तियों से 1000 रुपये तक का जुर्माना वसूल किया जाएगा।

जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार के आदेश के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर मास्क, गमछा, स्कार्फ या दुपट्टे का प्रयोग करना अनिवार्य होगा। ताकि संक्रमण का फैलाव न हो।

जिलाधिकारी ने सख्ती बरतने व जुर्माना लगाने के लिए सभी उपजिलाधिकारियों, सिटी मजिस्ट्रेट, पुलिस क्षेत्राधिकारियों व पुलिस थानाध्यक्ष को अधिकृत किया गया है।

कोरोना की तीसरी लहर थमने के बाद कोविड मानकों में ढील दी गई थी। मास्क लगाने की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई थी। लेकिन अब तमाम राज्यों को लग रहा है कि मास्क फिर से है जरूरी। देहरादून जिला मजिस्ट्रेट की ओर से जारी आदेश के अनुसार कोरोना की रोकथाम के लिए, घर से बाहर निकलने पर, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर भी प्रतिबंध रहेगा। मास्क न लगाने पर 500 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

 

केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन के सभी कोटे खत्म, केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन की गाइडलाइन्स में हुआ बदलाव, यहां देखें नई गाइडलाइन्स

केंद्रीय विद्यालय में सांसदों और जिलाधिकारियों के कोटे से बच्चों के एडमिशन पर रोक लगा दी गई है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब सांसद और जिलाधिकारी अपने कोटे से बच्चों को प्रवेश नहीं दिला सकेंगे। यह नियम अब अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा।

प्रत्येक लोकसभा सांसद पहले अपने निर्वाचन क्षेत्र के किसी भी केंद्रीय विद्यालय में 10 छात्रों के दाखिले के लिए सिफारिश करने का हकदार था। वहीं किसी भी राज्यसभा सदस्यों को उस राज्य में 10 छात्रों की सिफारिश करने की अनुमति थी, जहां से वे चुने गए थे। सरकार ने सांसदों के बच्चों और आश्रित पोते-पोतियों के प्रवेश की अनुमति देने वाले विशेष प्रावधान को भी समाप्त कर दिया है।

केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने कक्षा 1 से 12 तक केवीएस प्रवेश 2022 के लिए संशोधित प्रवेश दिशानिर्देश जारी किए हैं। केवीएस संशोधित प्रवेश दिशानिर्देश केवीएस की आधिकारिक साइट kvsangathan.nic.in पर सभी माता-पिता, छात्रों और अन्य लोगों चेक कर सकते है। है।

केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत कोविड -19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को केंद्रीय विद्यालय की किसी भी कक्षा में उसकी क्षमता से अधिक दाखिला देने के लिए एक नया प्रावधान पेश किया है। इस प्रावधान के तहत बच्चों का दाखिला संबंधित जिले के जिलाधिकारियों की ओर से दी जाने वाली लिस्ट के आधार पर किया जाएगा। इसके अनुसार, हर केंद्रीय विद्यालय में 10 बच्चे और हर कक्षा में अधिकतम दो बच्चों के दाखिले की अनुमति होगी। कक्षा एक से कक्षा 12वीं तक के छात्रों को फीस (ट्यूशन शुल्क, कंप्यूटर फंड और वीवीएन) के भुगतान से छूट दी जाएगी।

फीस में भी दी जाएगी छूट
नई गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को पहली से 12वीं कक्षा तक फीस (ट्यूशन शुल्क, कंप्यूटर फंड और वीवीएन) के भुगतान से छूट दी जाएगी।

  • इन बच्चों को भी मिल सकेगा एडमिशन
  • सशस्त्र बलों के शिक्षा निदेशालय यानी सेना, वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल 10वीं और 12वीं कक्षा को छोड़कर रक्षा क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विद्यालयों में एक शैक्षणिक वर्ष में अपने रक्षा कर्मियों के बच्चों के प्रवेश के लिए अधिकतम 06 नामों की सिफारिश कर सकते हैं।
  • सेवारत KVS कर्मचारियों के बच्चों को वर्ष के किसी भी समय प्रवेश के लिए विचार किया जाएगा। भले ही कक्षा की संख्या/स्थानांतरण/भर्ती का वर्ष कुछ भी हो। हालांकि, कक्षा दसवीं के लिए बच्चे को प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी। सेवानिवृत्त व्यक्तियों के बच्चों को कोई प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
  •  केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चे, जिनकी मौत हो गई है, उन्हें भी केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र, सेना पदक (सेना), नौसेना पदक (नौसेना), वायु सेना पदक (वायु सेना) के प्राप्तकर्ताओं के बच्चों को भी एडमिशन दिया जाएगा। इसके अलावा वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और वीरता के लिए पुलिस पदक प्राप्त करने वालों के बच्चे को भी सेंट्रल स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा।
  •  सरकार द्वारा आयोजित एसजीएफआई, सीबीएसई, राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय खेलों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी खिलाड़ियों को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं दूसरी ओर स्काउट्स एंड गाइड्स में राष्ट्रपति पुरस्कार के प्राप्तकर्ता बच्चों को भी एडमिशन दिया जाएगा।
  • कक्षा I और कक्षा VI के बाद से सिंगल गर्ल चाइल्ड को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें जुड़वां बच्चियां भी शामिल हैं।
  •  ऐसे बच्चे जो, राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार या राष्ट्रीय बाल भवन द्वारा स्थापित बालश्री पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें भी सेंट्रल स्कूल में एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  •  ऐसे बच्चे, जिन्होंने ललित कला में विशेष प्रतिभा दिखाई है और उन्हें राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर पहचान मिली है।
  •  विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को हर साल भारत में कहीं भी स्थित केंद्रीय विद्यालयों में 60 और केंद्रीय विद्यालयों के छात्रावास में 15 प्रवेश दिए जाएंगे।
  •  भारतीय खुफिया एजेंसी (रॉ) के कर्मचारियों के 15 बच्चों को केवीएस मुख्यालय द्वारा जारी आदेश के बाद प्रवेश दिया जाएगा। इनमें से अधिकतम 5 सीटें दिल्ली में और शेष दिल्ली के बाहर दी जाएगी।
  •  गृह मंत्रालय के तहत केंद्रीय पुलिस संगठनों जैसे CRPF, BSF, ITBP, CISF, SSB, NDRF और असम राइफल्स के ग्रुप-बी और सी कर्मचारियों के बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालयों में 50 प्रवेश दिए जाएंगे। इसके अलावा कश्मीरी प्रवासियों के बच्चों को भी एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • विभिन्न स्तरों पर खेल और खेलकूद मीट/ स्काउटिंग गाइडिंग/एनसीसी/एडवेंचर गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों को प्रवेश के लिए भी रियायत दी जाएगी। इस उद्देश्य के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र पिछले किसी भी वर्ष का हो सकता है।

 

देहरादून के स्कूल, कॉलेज में कोरोना की एंट्री, फिर से डराने लगा कोरोना, द दून स्कूल का छात्र और कारमन में शिक्षक संक्रमित

देहरादून के शिक्षण संस्थानों में कोरोना की एंट्री हो चुकी है। दो दिन पहले पहले ब्राइटलैंड स्कूल में छात्रा कोरोना संक्रमित पाई गई।  दून स्कूल में एक छात्र कोरोना संक्रमित मिला है। जिसके बाद स्वास्थ विभाग ने यहां पर सेनेटाइजेशन करा कर दो दिन के लिए आवाजाही पर रोक लगा दी है।

इसके साथ ही संपर्क में आए छात्रों की जांच के निर्देश दिए हैं। सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती ने शहर के नामी द दून स्कूल में एक छात्र में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि विभाग ने स्कूल में सैनिटाइजेशन करने और दो दिन के लिए स्कूल को बाहरी आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।  साथ ही छात्र के संपर्क में आए अन्य छात्रों और कर्मचारियों की भी कोरोना जांच करने की बात कही है।

डालनवाला क्षेत्र स्थित कार्मन स्कूल के एक शिक्षक में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने स्कूल में सेनेटाइजेशन करने और 2 दिन तक आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राजीव दीक्षित ने कहा है कि सभी स्कूलों को विशेष दिशा निर्देश दिए गए हैं। उनसे कहा गया है कि छात्रों को मास्क सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेंस का अनिवार्य तौर पर पालन कराएं। जरा भी लक्षण दिखें तो छात्रों को स्कूल में न आने दें। इसके अलावा संक्रमित पाए जाने पर तत्काल विभाग को सूचना दें।

स्कूलों में लगातार केस बढ़ने से तय है कि कोरोना की चौथी लहर आ सकती है। सरकार को जल्द इसे लेकर निर्देश जारी करने होंगे। बोर्ड पररीक्षाएं भी शुरू हो गई हैं। ऐसे में अहतियात भी बरतने होंगे। साथ ही बाकी कक्षाओं के लिए स्कूल बंद करने पड़ेंगे। मनमोहन जायसवाल, प्रदेश मंत्री, उत्तराखंड अभिभावक संघ 

प्रदेश में सोमवार को कोरोना के 11 नए मामले मिले और पांच मरीज स्वस्थ हुए। किसी मरीज की मौत नहीं हुई। प्रदेश में फिलहाल कोरोना के 73 मामले सक्रिय हैं। छह जिलों अल्मोड़ा, चमोली, पौड़ी, पिथौरागढ़, टिहरी व उत्तरकाशी में कोरोना का कोई सक्रिय मामला नहीं है। देहरादून में सबसे अधिक 40 और हरिद्वार में 24 सक्रिय मामले हैं।

स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा जयंती पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की

आज सोमवार 25 अप्रैल 2022 को महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हिमालय पुत्र हेमवती नन्दन बहुगुणा जी की जयंती है। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने देहरादून में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में हेमवती नंदन बहुगुणा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं हेमवती नंदन बहुगुणा के बेटे विजय बहुगुणा, केबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, सौरभ बहुगुणा, मेयर सुनील उनियाल गामा मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आवास में भी स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनका भावपूर्ण स्मरण किया।

उन्होंने इस दौरान कहा कि,”हेमवती नंदन बहुगुणा हिमालय पुत्र थे और उनके हिमालय जैसे इरादे थे। उनके जयंती पर हम उन्हें आज नमन करते हैं और राजनीतिक क्षेत्र में उन्होंने जिस प्रकार से काम किया वो आज हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है और हम उसी मार्ग पर आगे बढ़ेंगे।”

इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करके मवती नंदन बहुगुणा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “लोकतांत्रिक मूल्यों के धनी, दूरदर्शी राजनेता, महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हिमालय पुत्र हेमवती नन्दन बहुगुणा जी की जयंती पर शत्-शत् नमन।”

आज देश के महान नेता रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री व सत्तर से 80 के दशक के अंत तक विपक्ष की राजनीति के महत्वपूर्ण ध्रुव रहे स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की 103 वीं जयंती के अवसर पर देवभूमि मानव संसाधन विकास ट्रस्ट ने ईसी रोड स्थित ट्रस्ट के कार्यालय में धर्मनिरपेक्षता व एच एन बहुगुणा विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने सबसे साथियों सहित पहले घंटाघर स्थित श्री बहुगुणा की मूर्ति पर मालार्पण कर उनको श्रद्धासुमन अर्पित किए। तत्पश्चात ट्रस्ट कार्यालय ईसी रोड में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए बहुगुणा जी को आज़ाद भारत का नेहरू व इंदिरा के बाद का सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष नेता बताया।

हेमवती नंदन बहुगुणा जी के बारे में बात करेंं, तो उनका जन्म 25 अप्रैल 1919 में उत्तराखंड के बुघाणी गांव में हुआ था, जो की पौड़ी जिले में स्थित है। छात्र जीवन में ही बहुगुणा जी भारत के द्वीतीय प्रधानमंत्री के सम्पर्क में आए और भारतीय राजनीती से प्रेरित हो गये। उस दौरान उन्होंने कई छात्र आन्दोलन में भी हिस्सा लिया और गिरफ्तार भी हुए, लेकिन आगे चल कर वो कांग्रेस पार्टी की तरफ से उत्तरप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री भी बने।

हेमवती नंदन 1936 से 1942 तक छात्र आंदोलनों में शामिल रहे थे। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में हेमवती के काम ने उन्हें लोकप्रियता दिलाई। अंग्रेजों ने हेमवती को जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर 5 हजार का इनाम रखा था। 1 फरवरी 1943 को दिल्ली के जामा मस्जिद के पास हेमवती गिरफ्तार हुए थे। 1945 में छूटते ही फिर वह आंदोलन से जुड़ गए। 17 मार्च 1989 को अमरीका में हार्ट सर्जरी के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी।

छह मई को केदारनाथ आ सकते हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा संचालन की व्यवस्था पर उठाए सवाल

प्रधानमंत्री मोदी इस बार भी छह मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर यहां आ सकते हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री धामी के केदारनाथ के प्रस्तावित दौरे और वहां यात्रा की तैयारियों का जायजा लिए जाने के कार्यक्रम को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। यही नहीं, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर भी सोमवार को केदारनाथ जा सकते हैं।

शासन में उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अभी तक प्रधानमंत्री का कोई आधिकारिक कार्यक्रम नहीं मिला है, लेकिन यदि वह आते हैं तो शासन-प्रशासन की ओर से तैयारियां पूरी हैं।

चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा संचालन की व्यवस्था पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने खुद सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि हेली सेवा से जाने वाले तीर्थ यात्रियों के साथ क्या होता है, सबको पता है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि हेली सेवा में टिकटों की ब्लैक मेलिंग पर निगरानी रखी जाए। साथ ही हेलीपैड पर यात्रियों को किसी तरह की असुविधा या ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं तो इसके लिए शिकायत नंबर जारी किए जाएं।

सचिवालय में चारधाम यात्रियों की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक में पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं और उनके साथ अच्छा व्यवहार का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण(यूकाडा) के अधिकारियों से केदारनाथ हेली सेवा संचालन के बारे में जानकारी ली। 6 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं, लेकिन अभी तक हेली सेवा के पायलटों का वैरिफिकेशन नहीं हुआ है।

इस पर महाराज ने नाराजगी जताई। बैठक में गढ़वाल मंडल विकास निगम की प्रबंध निदेशक स्वाति एस भदौरिया ने अवगत कराया कि 20 मई तक केदारनाथ हेली सेवा की बुकिंग फुल हो चुकी है। इसके बाद 21 मई से पांच जून तक के लिए हेली सेवा की बुकिंग जल्द शुरू की जाएगी।

चारधाम यात्रा के लिए एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने कराया ऑनलाइन पंजीकरण, केदारनाथ धाम के लिए सबसे अधिक पंजीकरण 

उत्तराखण्ड स्थित गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ चारों धामों सहित सिक्खों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नित्य प्रति बढ़ती जा रही है।

प्रदेश में तीन मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण ने रफ्तार पकड़ ली है। अब तक एक लाख से अधिक तीर्थयात्री ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं। इसमें केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए सबसे अधिक यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। इस बार चारधाम यात्रा में भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों के आने की उम्मीद है।

विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर 03 मई को, केदारनाथ धाम के कपाट 06 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 08 मई को खोले जाएंगे। पर्यटन विभाग ने इस बार चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पंजीकरण की व्यवस्था अनिवार्य की दी है।

बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा करने के लिए तीर्थयात्री और श्रद्धालु पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationtouristcare.uk.gov.in पर आनलाइन पंजीकरण कर रहे हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार पंजीकरण के साथ ही यात्रियों को क्यूआर कोड जारी किया जा रहा है। इससे न केवल यह पता लग सकेगा कि पंजीकरण करने वाले यात्री ने दर्शन किए हैं या नहीं। बल्कि तीर्थयात्रियों और उनके वाहनों को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। क्यूआर कोड यात्रियों को दिये जाने वाले रिस्ट बैंड में रहेगा, जिसे प्रत्येक धाम में स्कैन किया जाएगा। इससे पर्यटन विभाग को यह पता रहेगा कि कौन सा यात्री कहां पर है। जब से प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की है तब से तीर्थयात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। हर दिन पंजीकरण करने वालों की संख्या बढ़ रही है।

राज्य के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि 03 मई से 31 मई तक के लिए श्री यमुनोत्री धाम के लिए 15829, श्री गंगोत्री धाम के लिए 16804, श्री केदारनाथ धाम के लिए 41107 और श्री बद्रीनाथ – 29488 समेत 102508 तीर्थयात्री पंजीकरण कर चुके हैं।

उन्होंने बताया कि कोरोना से सामान्य होती स्थिति के बाद इस बार बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है। पहली बार तीर्थयात्रियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से पंजीकरण और सत्यापन की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है।

उन्होंने बताया कि पंजीकरण कराने वाले तीर्थयात्रियों के डेटा को संबंधित जिले के जिलाधिकारी और एसएसपी के साथ साझा किया जा रहा है। इससे स्थानीय प्रशासन को इस बात की जानकारी रहेगी कि किस दिन कितने तीर्थयात्री वहां पहुंच रहे हैं। इससे उन्हें स्थानीय स्तर पर व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी और तीर्थयात्री भी बिना किसी परेशानी के मंदिरों में दर्शन कर सकेंगे।

क्यूआर कोड दिए जाने के फायदे

यात्रियों को क्यूआर कोड जारी होने  से न केवल यह पता लग सकेगा कि पंजीकरण करने वाले यात्री ने दर्शन किए हैं या नहीं, बल्कि तीर्थयात्रियों और उनके वाहनों को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। क्यूआर कोड यात्रियों को दिए जाने वाले रिस्ट बैंड में रहेगा। जिसे प्रत्येक धाम में स्कैन किया जाएगा। इससे पर्यटन विभाग को यह पता रहेगा कि कौन सा यात्री कहां पर है। पर्यटन विभाग के अनुसार चारधाम यात्रा में तीन से 31 मई तक के लिए एक लाख से अधिक यात्रियों ने पंजीकरण किया है।

श्री जावलकर ने बताया कि चारधाम यात्रा से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की ओर से टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार, मध्यप्रदेश समेत सुदूर भारत से तीर्थयात्री टोल फ्री नंबर 1364 अथवा 0135-1364 (अन्य प्रदेशों हेतु), 0135-2559898, 0135-2552627 और 0135-3520100 पर मौजूद कर्मचारी से पंजीकरण, यात्रा मार्गों की स्थिति, मौसम की जानकारी, बुकिंग की स्थिति, आनलाइन बुकिंग और हेलीकाप्टर सेवा आदि तमाम जानकारी ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा को तीर्थयात्रियों में इस बार कितना उत्साह है इसका अंदाजा कंट्रोल रूम में आने वाली फोन कॉल्स की संख्या से लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में रोजाना करीब 450-500 के बीच तीर्थयात्री कंट्रोल रूम में संपर्क कर रहे हैं।

उत्तराखंड पीसीएस-जे प्री का रिजल्ट जारी, ऐसे चेक करें परीक्षा का रिजल्ट

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने सिविल जज भर्ती (जूनियर डिवीजन) प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। आयोग ने अपनी वेबसाइट पर सिविल जज भर्ती परीक्षा के रिजल्ट के साथ आंसर की और कटऑफ मार्क्स भी जारी किया है। उम्मीदवार उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की वेबसाइट https://ukpsc.gov.in/ पर जाकर अपने नतीजे चेक कर सकते हैं।  इसमें कुल 139 कैंडिडेट्स को सफल घोषित किया गया है। यह सफल कैंडिडेट्स अब पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे।

आयोग की ओर से मुख्य परीक्षा की तारीख घोषित की जा चुकी है। कमीशन की ओर से जारी परीक्षा कैलेंडर के अनुसार उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज मुख्य परीक्षा 2021 2 से 6 अगस्त 2022 तक आयोजित की जाएगी।

  • सबसे पहले यूकेपीएससी की वेबसाइट https://ukpsc.gov.in/ पर जाएं
  • अब अब रिक्रूटमेंट सेक्शन में नोटिफिकेशन लिंक ‘उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा सिविल जज (जू0डि0) प्रारम्भिक परीक्षा-2021 के संबंध में विज्ञप्ति/परीक्षा परिणाम’ पर क्लिक करें
  • अब रिजल्ट, कटऑफ मार्क्स और फाइनल आंसर की के नोटिफिकेशन लिंक पर क्लिक करें
  • अब पीडीएफ फाइल ओपन होगी, इसमें अपना रिजल्ट चेक करें

कटऑफ
जनरल- 168.72
जनरल-उत्तराखंड महिला- 157.43
ओबीसी- 160.77
ईडब्ल्यूएस- 141.54

आयोग ने 13 मार्च को प्रदेशभर में उत्तराखंड पीसीएस-जे प्री परीक्षा का आयोजन किया था। परीक्षा के रिजल्ट, कटऑफ के साथ ही संशोधित आंसर की भी जारी की गई है। आयोग ने पांच सवालों को पूरी तरह से मूल्यांकन से हटा दिया है।

पेपर सेट-ए में सवाल नंबर 23, 24, 33, 67 और 77 को हटाया गया। पेपर सेट-बी में 10, 11, 20, 183 और 193 को ड्रॉप किया गया। पेपर सेट- सी में सवाल नंबर 5, 45, 46, 151 और 161 को ड्रॉप किया गया है। पेपर सेट- डी में 32, 33, 42, 118 और 128 को ड्रॉप किया गया है।

इन सभी ड्रॉप सवालों के बाद अब आयोग ने 200 के बजाए 195 सवालों के आधार पर मूल्यांकन किया है। इनमें हर सही सवाल के लिए उम्मीदवारों को 1.0256 अंक दिए गए हैं जबकि हर गलत जवाब पर 0.2564 की नेगेटिव मार्किंग की गई है।