प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी (CIPET) का उद्घाटन किया है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी (CIPET) का उद्घाटन किया है। साथ ही उन्होंने राजस्थान में 4 मेडिकल कॉलेजों की नींव भी रखी। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने कोविड आपदा में आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया है। राजस्थान में 4 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का कार्यक्रम और इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी का उद्घाटन इसी दिशा में एक अहम कदम है। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद थे। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े । इसके साथ ही पीएम मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र-आयुष्मान भारत और वैक्सीनेशन सहित कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।

स्वास्थ्य क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है। देश के साथ प्रदेश में विकास की धारा को नया मोड मिलेगा। इसके तहत दौसा, बांसवाड़ा, सिरोही और हनुमानगढ़ जिले में मेडिकल कालेज बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन चारों जिलों में बनने वाले मेडिकल कालेज का वर्चुअल शिलान्यास किया।

पीएम मोदी ने कहा, ‘’साल 2014 के बाद से राजस्थान में 23 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी थी, इनमें से 7 मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं। आज बांसवाड़ा, सिरोही, हनुमानगढ़ और दौसा में नए मेडिकल कॉलेज के निर्माण की शुरुआत हुई है।’’ उन्होंने कहा, ‘’मुझे उम्मीद है कि इन नए मेडिकल कॉलेज का निर्माण राज्य सरकार के सहयोग से समय पर पूरा होगा. देश के स्वास्थ्य क्षेत्र की जो कमियां मुझे अनुभव होती हैं, बीते 6-7 सालों से उसे दूर करने की निरंतर कोशिश जारी है।’

पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘’6-7 सालों में 170 से अधिक नए मेडिकल कॉलेज तैयार हो गए हैं। 100 से ज़्यादा नए मेडिकल कॉलेज पर काम तेज़ी से चल रहा है। साल 2014 में देश में मेडिकल की अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की कुल सीटें 82 हज़ार के करीब थीं, आज इनकी संख्या बढ़कर 1,40,000 सीट तक पहुंच रही है।’’

पीएम मोदी न कहा कि आज भारत में कोविड वैक्सीन की 88 करोड़ से ज़्यादा डोज़ लग चुकी है. राजस्थान में भी 5 करोड़ से अधिक डोज़ लग चुकी हैं.

 

बंगाल के भवानीपुर विधानसभा के लिए मतदान जारी, सुबह 11 बजे तक 21.73 फीसदी मतदान

पश्चिम बंगाल भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए आज चुनाव हो रहे हैं।पश्चिम बंगाल की भवानीपुर सीट पर मतदान शुरू हो गया है। इस हाई प्रोफाइल सीट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल के बीच कड़ी टक्कर है।  जबकि सीपीआई (एम) की ओर से श्रीजिब विश्वास मैदान में हैं। राज्य सीईओ के मुताबिक, मतदान आज शाम 6.30 बजे खत्म होगा। भवानीपुर समेत मुर्शिदाबाद जिले की जंगीपुर व शमशेरगंज विधानसभा सीटों पर बेहद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को मतदान हो रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भवानीपुर में बूथों के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दी गई है। मतदान के दौरान बूथों के 100 मीटर के दायरे में नेता- मंत्री के सुरक्षाकर्मी को हथियारों के साथ प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। तीन अक्तूबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे।  भवानीपुर के अलावा जांगीपुर, समसेरगंज विधानसभा सीट पर भी मतदान हो रहा है।

बंगाल में हो रहे उप-चुनाव के बीच बारिश भी लोगों के लिए बाधा नहीं बनी है। बारिश के बाद भी लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है। बारिश के बाद भी लोग यहां पर वोट देने पहुंचे हैं।मतदान केंद्र के आसपास धारा 144 लगाई गई है। वहीं मतदान के मद्देनजर 13 QRT टीम, 22 सेक्टर मोबाइल, 9 HRFS, सर्विलांस टीम, फ्लाइंग स्क्वायड समेत अलग-अलग टीमें तैनात की गई हैं।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में PM-पोषण योजना समेत केंद्रीय कैबिनेट ने लिए कई बड़े फैसले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हुई।केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को इन फैसलों की जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि कैबिनेट ने एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (ईसीजीसी) के स्टॉक एक्सचेंज में आईपीओ के जरिए लिस्टिंग करने को भी मंजूरी दी है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई नए फैसलों की घोषणा की गई।

बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मिल योजना के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि देश में लगभग 11.2 लाख से ज्यादा सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर का खाना दिया जाएगा। पांच साल तक चलने वाली इस योजना में 1.31 लाख करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि अभी जो मिड-डे मिल योजना चल रही है, उसे भी पीएम-पोषण योजना में ही शामिल करने का फैसला लिया गया है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस योजना में राज्यों का भी सहयोग होगा लेकिन हिस्सेदारी केंद्र सरकार की ही रहेगी। इस योजना में 54 हजार करोड़ केंद्र और लगभग 32 हजार करोड़ रुपए राज्य सरकारें खर्च करेंगी।

वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि कैबिनेट ने एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के स्टॉक एक्सचेंज में आईपीओ के जरिए लिस्टिंग की जा सकेगी। अगले साल तक इसे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार भी ईसीजीसी में अगले पांच वर्षों तक 4400 करोड़ रुपए तक का निवेश करेगी। इससे देशभर में 2.6 लाख रोजगार समेत 59 लाख नौकरियां पैदा होने की संभावना है। चीन से आने वाले सेब पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाने के सवाल पर पीयूष गोयल ने बताया कि फिलहाल ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है। चीन से आने वाले सेब पर इम्पोर्ट ट्यूटी घटाने वाली बाते निराधार हैं।बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मिल योजना के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि देश में लगभग 11.2 लाख से ज्यादा सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर का खाना दिया जाएगा। पांच साल तक चलने वाली इस योजना में 1.31 लाख करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि अभी जो मिड-डे मिल योजना चल रही है, उसे भी पीएम-पोषण योजना में ही शामिल करने का फैसला लिया गया है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस योजना में राज्यों का भी सहयोग होगा लेकिन हिस्सेदारी केंद्र सरकार की ही रहेगी। इस योजना में 54 हजार करोड़ केंद्र और लगभग 32 हजार करोड़ रुपए राज्य सरकारें खर्च करेंगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को आएंगे उत्तराखंड, सात अक्टूबर पीएम मोदी के लिए ऐतिहासिक हैं, केदारनाथ में तैयारियां तेज

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को उत्तराखंड आएंगे। इस साल का सात अक्टूबर का दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए ऐतिहासिक रहने वाला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को संवैधानिक पद पर रहने के 20 साल पूरे करने जा रहे हैं। सूत्रों के मूताबिक इस दिन पीएम उत्तराखण्ड के दौरे पर रहेंगे और संभावना है कि इस ऐतिहासिक दिन को ही वह केदारधाम जाकर भगवान शिव का आशीर्वाद लेंगे।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बताया कि प्रदेश भाजपा जल्द प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को अंतिम रूप देगी। कौशिक के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी देहरादून के जालीग्रांट एयरपोर्ट के नए टर्मिनल और ऋषिकेश एम्स में आक्सीजन प्लांट का लोकार्पण कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री के दौरे के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि पीएम मोदी के उत्तराखंड के दौरे पर आने की संभावना है। अभी सरकार के पास उनका मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम आना बाकी है।वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को ध्यान में रखते हुए केदारनाथ में तैयारियां तेज कर दी गई हैं।पीएम मोदी उत्तराखंड के दौरे के दौरान केदारनाथ के दर्शन कर राज्य के नेताओं से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी ने इससे पहले 2019 में केदारनाथ मंदिर का दौरा किया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवंबर में 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना का उद्घाटन करने के साथ ही लखवाड़ जल विद्युत परियोजना का शिलान्यास कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक व्यासी परियोजना का कार्य अब अंतिम चरण में है और सरकार प्रधानमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन कराना चाहती है। इसी के दृष्टिगत कसरत की जा रही है। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत ने इन परियोजनाओं की जद में आने वाले ग्रामीणों के पुनर्वास के सिलसिले में मंगलवार को अधिकारियों के साथ मंथन किया।

यमुना नदी पर व्यासी जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य 2009 में शुरू हुआ था, जो अब पूरा होने को है। इसके साथ ही सरकार ने इसकी नजदीकी लखवाड़ जल विद्युत परियोजना का कार्य शुरू कराने की भी कवायद शुरू की है। इस बीच दोनों परियोजनाओं की जद में आ रहे ग्रामीणों के विस्थापन एवं पुनर्वास के मसलों का भी समाधान होना है। सूत्रों के मुताबिक स्थानीय ग्रामीण भूमि के बदले भूमि चाहते हैं, लेकिन ऐसा करना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे में सरकार की मंशा ये है कि प्रभावित होने वाले ग्रामीणों को उचित मुआवजा दिया जाए। सूत्रों ने बताया कि इन परियोजनाओं के पुनर्वास के सिलसिले में अधिकारियों से सभी पहलुओं पर विचार कर ठोस प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं।

सात अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए क्यों है खास
नरेंद्र मोदी ने सात अक्टूबर 2001 को गुजरात में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात अक्टूबर को संवैधानिक पद पर रहने के 20 साल पूरे करने जा रहे हैं।मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री पद तक का सफर कामयाबी के साथ तय करने वाले मोदी अब तक कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके है। वह सबसे ज्यादा दिन प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता हैं। उनसे पहले यह रिकॉर्ड अटल बिहारी वाजपेयी के नाम था। 7 अक्टूबर 2001 को सीएम बनने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह लगातार 4 बार गुजरात के सीएम रहे।मोदी 22 मई 2014 तक लगातार 12 साल 227 दिन राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यरत रहे, जो गुजरात में किसी एक मुख्यमंत्री का सबसे लंबा कार्यकाल है।

गुजरात मे मोदी के कामकाज का नतीजा था कि 2013 से ही बीजेपी और देश मे में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग उठने लगी। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारी मांग को देखते हुए बीजेपी ने उस तत्कालीन सीएम मोदी को पीएम पद का चेहरा बना दिया। मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने चुनाव रिकॉर्ड सीटों के साथ जीता। 26 मई 2014 को मोदी देश के 14वें प्रधानमंत्री बने। केंद्र की सत्ता में आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ लगातार बढ़ता गया। न केवल देश बल्कि विदेशों में भी मोदी की लोकप्रियता बढ़ी। 2019 के लोकसभा में भी बीजेपी मोदी के नेतृत्व में चुनाव में रिकॉर्ड सीटों के साथ फिर जीती।पीएम नरेंद्र मोदी फिर 30 मई 2019 को वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने।

इस्तीफे के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का पहला हर कुर्बानी के लिए तैयार, सच के लिए लड़ता रहूंगा

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने वीडियो जारी कर प्रतक्रिया दी है। सिद्धू ने कहा कि वे हक और सच की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मेरी किसी के साथ कोई व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता नहीं है। मेरा राजनीतिक करियर 17 साल का है, जो बदलाव लाने के लिए था। लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए था। सिद्धू ने कहा ‘लोगों के जीवन में बदलाव लाना, दृढ़ तरीके से अपने फैसले पर खड़ा रहना और लोगों के जीवन को बेहतर बनाना ही मेरा धर्म है। मैं अपनी नैतिकता, नैतिक अधिकार से समझौता नहीं कर सकता।मैं जो देख रहा हूं वह पंजाब में मुद्दों, एजेंडा के साथ समझौता है।सिद्धू ने कहा ‘मैं पंजाब के मुद्दों के लिए देर तक लड़ता रहा दागी नेताओं, अधिकारियों की एक व्यवस्था थी, अब आप उसी प्रणाली को दोबारा नहीं दोहरा सक मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा’।

सिद्धू ने कहा ‘मेरी लड़ाई मुद्दे, मसले की है,मेरी लड़ाई एक एजेंडे की है।मैं हक और सच की लड़ाई लड़ता रहा। मेरे पिता ने मुझे हमेशा सिखाया है कि अगर दो रास्ते हो तो हमेशा सच का साथ दो। अपने ट्विटर अकाउंट पर 4.39 मिनट के एक वीडियो में सिद्धू ने कहा कि मैं न हाईकमान को गुमराह कर सकता, न गुमराह होने दे सकता हूं। इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ने के लिए, पंजाब के लोगों की जिंदगी को बेहतर करने के लिए मैं किसी भी चीज की कुर्बानी दे दूंगा। इसके लिए मुझे कुछ सोचने की जरूरत नहीं है।

सिद्धू ने मंगलवार को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद कुछ अन्य लोगों के इस्तीफे के कारण राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी में एक नया संकट पैदा हो गया है। सिद्धू के इस्तीफे के कुछ ही घंटे बाद चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में 18 सदस्यीय नये मंत्रिमंडल में शामिल रजिया सुल्ताना ने भी पूर्व क्रिकेटर के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अपना इस्तीफा दे दिया।पंजाब की कांग्रेस इकाई के महासचिव योगिन्दर ढिंगरा और कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस राजनीतिक संकट के बीच कई नेता आज सिद्धू के पटियाला स्थिति आवास पर उनसे मिलने भी पहुंचे।

 

 

बीजेपी के खिलाफ आग उगलने वाले सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और मार-जिग्नेश मेवाणी राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए

बीजेपी के खिलाफ आग उगलने वाले सीपीआई नेता कन्हैया कुमार आज कांग्रेस में शामिल होंगे। दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार आज कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लेंगे। कांग्रेस मुख्यालय में कन्हैया को पार्टी की सदस्यता दिलाई जाएगी। गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी कांग्रेस का दामन थाम लेंग। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों के अनुसार, गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल इन दोनों युवा नेताओं और कांग्रेस के नेतृत्व के बीच बातचीत की मध्यस्थता की है।

कई चुनाव हार चुकी कांग्रेस अब खुद को बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी की नजर लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव पर भी है। जीत हासिल करने के लिए पार्टी जातीय समीकरणों के साथ युवाओं पर दांव लगाने जा रही। 2024 के चुनाव में जीत के लिए हिसाब-किताब बैठाए जा रहे हैं। कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल किया जा रहा है। माना जा रहा है कि कन्हैया को बिहार कांग्रेस की अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। कांग्रेस की सदस्यता लेने से पहले कन्हैया कुमार दोपहर 2:30 बजे दिल्ली के ITO स्थित शहीद-ए-आजम भगत सिंह पार्क जाएंगे। यहां वे भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद वे कांग्रेस मुख्यालय पहुंचेंगे। राहुल गांधी युवा नेताओं की नई टीम बना रहे हैं. उनमें कन्हैया की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है।माना जा रहा है कि कांग्रेस कन्हैया कुमार का यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में कई स्तरों पर उपयोग करना चाहती है।

मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे। वह पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े थे, हालांकि वह हार गए थे। दूसरी तरफ, दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जिग्नेश गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे विशेष किस्म वाली 35 फसलें फसलें राष्ट्र को समर्पित, किसानों से भी होगा संवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के किसानों को बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। । पीएम मोदी आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए फसल की 35 विशेष किस्में देश के किसानों को समर्पित करेंगे। फसलों की ये विशेष किस्में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने विकसित की हैं। इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की दोहरी चुनौतियों से निपटना है। इस अखिल भारतीय कार्यक्रम का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के संस्थान, राज्य और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र मिलकर कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष किस्म वाली 35 फसलें राष्ट्र को समर्पित करेंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने विशेष गुणों वालीं फसलों की ये किस्म तैयार की हैं। इसका उद्देश्य किसानों के सामने अधिक कमाई वाली फसलों के विकल्प उपलब्ध करवाने के साथ ही जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए जन जागरूकता पैदा करना भी है।नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस टॉलरेंस रायपुर के नए परिसर का लोकार्पण करेंगे। इस अवसर पर, पीएम मोदी कृषि विश्वविद्यालयों को ग्रीन कैंपस अवार्ड भी वितरित करेंगे। वहीं इस विषय पर पीएमओ ने जानकारी देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की दोहरी चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विशेष लक्षणों वाली फसल की किस्में विकसित की गई हैं।

पीएम इस दौरान ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस टॉलरेंस’रायपुर के नए परिसर का भी लोकार्पण करेंगे। कृषि विश्वविद्यालयों को हरित परिसर पुरस्कार प्रदान करेंगे। पीएम कृषि में नई तकनीक का इस्तेमाल करने वाले किसानों से संवाद भी करेंगे। फसलों में चने की ऐसी एक फसल भी होगी जो आसानी से सूखे की मार झेल सकती है। अरहर की पैदावार बढ़़ाने के लिए रोग प्रतिरोधी फसल को भी शामिल किया गया है। इन फसलों में मुख्य रूप से मुरझाई और बंध्यता मोजेक प्रतिरोधी अरहर, सोयाबीन की जल्दी पकने वाली किस्म, चावल की रोग प्रतिरोधी किस्में, गेहूं की जैव-फोर्टिफाइड किस्में, बाजरा, मक्का और चना, क्विनोआ, पंखों वाला बीन और फैबा शामिल हैं।

 

पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन का किया आगाज, हर नागरिक का होगा आधार जैसा यूनीक हेल्थ कार्ड

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सभी नागरिकों को एक विशिष्ट डिजिटल हेल्थ आइडी मुहैया कराई जाएगी जिसमें उसकी सेहत से जुड़ी सभी सूचनाएं दर्ज होंगी। पीएम ने इस साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में डिजिटल हेल्थ मिशन के पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। फिलहाल, छह केंद्र शासित प्रदेशों में इसका पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है।

आयुष्यमान भारत डिडिटल हेल्थ मिशन के तहत देश के सभी नागरिकों का एक हेल्थ आईडी बनेगा जो उनके हेल्थ खाते के रूप में भी काम करेगी। इससे व्यक्तिगत स्वास्थ रिकार्ड को मोबाइल एप की मदद से जोड़ा और देखा जा सकेगा। इसके तहत, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां , आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों दोनों ही मामलों में सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए एक कलेक्शन के रूप में कार्य करेंगी। यह चिकित्‍सकों, अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए व्यवसाय में भी आसानी को सुनिश्चित करेगा।

यूनिक हेल्थ कार्ड बन जाने के बाद मरीज को डॉक्टर से दिखाने के लिए फाइल ले जाने से छुटकार मिलेगा। डॉक्टर या अस्पताल रोगी का यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसका पूरा डेटा निकालेंगे और सभी बातें जान सकेंगे। उसी आधार पर आगे का इलाज शुरू हो सकेगा। आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री डिजिटल फार्मेट में अपडेट होगी। आप किसी दूसरे शहर, अस्पताल में भी यूनीक आईडी से डॉक्यूमेंट्स देख सकेंगे। इससे डॉक्टर्स को इलाज करने में आसानी होगी। यह कार्ड ये भी बताएगा कि उस व्यक्ति को किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। रोगी को आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधाओं का लाभ मिलता है या नहीं, इस यूनिक कार्ड के जरिये पता चल सकेगा।

कार्ड में मेडिकल रिकार्ड से जुड़ी सभी जानकारियां दर्ज होगी। यहां तक कि पिछली बार किस दवा का आप पर क्या असर हुआ था वह भी पता चल जाएगा। दवा बदली गई तो क्यों? इससे इलाज के दौरान डॉक्टर को केस समझने में मदद मिलेगी। हेल्थ आईडी के लिए सबसे पहले तो जिस व्यक्ति की आईडी बनेगी उससे मोबाइल नंबर और आधार नंबर लिया जाएगा। इन दो रिकॉर्ड की मदद से यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार एक हेल्थ अथॉरिटी बनाएगी जो व्यक्ति का एक-एक डेटा जुटाएगी। जिस व्यक्ति की हेल्थ आईडी बननी है, उसके हेल्थ रिकॉर्ड जुटाने के लिए हेल्थ अथॉरिटी की तरफ से इजाजत दी जाएगी। इसी आधार पर आगे का काम बढ़ाया जाएगा। हेल्थ कार्ड बनवाना अनिवार्य नहीं होगा। यह आपकी इच्छा पर निर्भर करेगा कि आप कार्ड बनवाना चाहते हैं या नहीं।

हेल्थ आईडी पब्लिक हॉस्पिटल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या वैसा हेल्थकेयर प्रोवाइडर जो नेशनल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर रजिस्ट्री से जुड़ा हो, किसी व्यक्ति की हेल्थ आईडी बना सकता है। https://healthid.ndhm.gov.in/register पर खुद के रिकॉर्ड्स रजिस्टर करा कर भी आप अपनी हेल्थ आईडी बना सकते हैं।

नई दिल्ली:- कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का भारत बंद, दिल्ली से सटी सीमाओं पर भारी जाम कई राज्यों में प्रदर्शन किया जा रहा है।

नई दिल्ली:- केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किए गए भारत बंद का असर दिखने लगा है।संयुक्त किसान मोर्चा के आज ‘भारत बंद’ के ऐलान के चलते दिल्ली से सटी सीमाओं, पंजाब, बिहार समेत देश के कई राज्यों में प्रदर्शन किया जा रहा है। भारत बंद को किसानों के अलावा कई राजनीति दलों और सामाजिक संगठनों का समर्थन मिल रहा है। तीनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले 40 से अधिक किसान संगठनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। अनेक सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों ने भारत बंद का समर्थन किया है। इस दौरान दिल्ली से सटी सीमाओं जैसे गाजीपुर और सिंघु बार्डर पर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर रोड जाम किया गया है। इसकी वजह से ट्रैफिक डायवर्ट भी किया गया है।इस बंद को कई राजनीतिक दलों ने भी समर्थन दिया है। किसान संगठनों द्वारा यह बंद सोमवार सुबह 6 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक के लिए किया गया है।

किसान इस दौरान इंमरजेसी सेवा को छोड़कर सभी चीजों को बंद करेंगे। भारत बंद को लेकर ये तय किया गया है कि इस दौरान किसान रास्तों और हाईवे पर धरना देंगे। सरकारी दफ्तरों के सामने प्रदर्शन होगा। किसान दिल्ली के बार्डर का भी घेराव करेंगे। किसानों के इस भारत बंद को विपक्ष का समर्थन मिला है। भारत बंद की वजह से दिल्ली में कई रास्तों का बंद किया गया है तो कई जगह रूट डायवर्ट किया गय़ा है।

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसानों के भारत बंद का असर मेट्रों के संचालन पर भी पड़ा है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने ट्वीट किया है कि पंडित श्री राम शर्मा का प्रवेश/निकास बंद कर दिया गया है।

भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने भारत बंद पर कहा है कि एम्बुलेंस, डाक्टर या आपात स्थिति में जाने वाले लोग जा सकते हैं। हमने कुछ भी सील नहीं किया है हम सिर्फ एक संदेश भेजना चाहते हैं। हम दुकानदारों से अपील करते हैं कि वे अपनी दुकानें अभी बंद रखें और शाम 4 बजे के बाद ही खोलें। उन्होंने कहा कि बाहर से यहां कोई किसान नहीं आ रहा।

उत्तराखंड: कृषि कानून के खिलाफ भारत बंद आज, राज्य में दुकानें बंद, जगह-जगह किसानों का प्रदर्शन, पुलिस ने की सुरक्षा की व्यापक तैयारियां

देहरादून:- कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठनों के आज सोमवार को किसानों का भारत बंद है।। इसके बाद राज्य में पुलिस ने अपनी तैयारियां तेज़ कर दी हैं। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में भारत बंद को व्यापारियों का पूर्ण समर्थन मिला है। उत्तराखंड के रुद्रपुर, नानकमत्त्ता, खटीमा, काशीपुर, रुड़की सहित अन्य शहरों में सभी छोटी-बड़ी दुकानें व्यापारियों ने स्वयं ही बंद रखीं। प्रशासन की ओर से बंद के दौरान किसी भी तरह की अराजकता को बदर्शत नहीं करने की सख्त हिदायत भी दी गई है। कहा कि भारत बंद को सफल बनाने के लिए सभी किसान एकसाथ हैं। काशीपुर में भारत बंद को लेकर जगह-जगह चक्का जाम जारी है।

डीजीपी अशोक कुमार ने सभी जिला प्रभारियों को 27 सितंबर को प्रस्तावित भारत बंद को लेकर विशेष सतर्कता बरतने को कहा है। डीजीपी ने सभी जनपद प्रभारी लोगों से सम्पर्क बंद को शांतिपूर्वक रखने की अपील करें। यदि कोई बंद के दौरान जबरदस्ती करे तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही सभी जिलाधिकारी के साथ मिलकर, सेक्टर मजिस्ट्रिेट भी नियुक्त करवा लें। डीजीपी ने सोशल मीडिया पर अफवाह उठाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 40 किसान संगठनों ने 27 सितंबर को भारत बंद करने की लोगों से अपील की है। भारत बंद का आह्वान सुबह 06 बजे से शाम 04 बजे तक किया गया है। विपक्षी दल भी अब कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की जंग में शामिल होने के संकेत दे रहे हैं। विपक्षी दलों ने किसान संगठनों के 27 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद के समर्थन का ऐलान कर इस मुद्दे पर सरकार की राजनीतिक घेरेबंदी पर फोकस बढ़ाने के इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। अब तक किसान संगठनों को नैतिक समर्थन दे रहे विपक्षी खेमे के कई दलों ने तो इस बंद के समर्थन में सड़क पर उतरने का भी ऐलान कर दिया है।