रक्षा मंत्री ने गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की संगोष्ठी को संबोधित किया,पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ की

रक्षा मंत्री ने गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की संगोष्ठी को संबोधित किया। इस दौरान उन्‍होंने राष्ट्रीय विकास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया। इसमें इंदिरा के अलावा और कई महिलाओं का जिक्र किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सेमिनार को संबोधित किया। संबोधन में रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल कई साल तक देश की कमान संभाली, बल्कि युद्ध के समय भी नेतृत्व किया।

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में रानी लक्ष्मीबाई और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का भी जिक्र किया और कहा कि राष्ट्रीय विकास में महिला शक्ति की भूमिका को लेकर भारत का अनुभव सकारात्मक रहा है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका पर बातचीत करना ठीक है, लेकिन सुरक्षा और राष्ट्र-निर्माण के सभी क्षेत्रों में उनके व्यापक योगदान को पहचाना जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘देश की रक्षा और लोगों के अधिकारों के लिए इतिहास में महिलाओं के हथियार उठाने के अनेक उदाहरण हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने न केवल कई वर्षों तक देश का नेतृत्व किया। उन्होंने युद्ध के समय भी ऐसा किया। हाल ही में प्रतिभा पाटिल भारत की राष्ट्रपति और भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर थीं। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 का युद्ध जीता, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ। सिंह ने कहा कि पालक और रक्षक के तौर पर सदियों से महिलाएं भूमिका निभाती आ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘सरस्वती ज्ञान, बुद्धि और शिक्षा की देवी हैं, तो मां दुर्गा रक्षा, शक्ति, विनाश और युद्ध की देवी हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है जिन्होंने सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी के लिए जल्द पहल की और महिलाओं की भर्ती स्थायी कमीशन के रूप में सेना में होने लगी है। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘महिलाएं 100 साल से अधिक समय से भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवा में गौरव के साथ सेवाएं दे रही हैं। भारतीय सेना में महिला अधिकारियों की भर्ती 1992 में शुरू हुई थी। अब सेना की अधिकतर शाखाओं में महिला अधिकारियों की भर्ती की जाने लगी है।’’ उन्होंने कहा कि अगले साल से महिलाएं राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगी।

चीफ आफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि आज दुनिया के हर देश में महिलाएं आर्म्‍ड फोर्स में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवाएं दे रही हैं। भारतीय सेना में महिला सैनिकों का प्रशिक्षण कठिन है और इससे विभिन्न परिस्थितियों में उन्हें अपने कार्यों को अंजाम देने में मदद मिली है। आज, युद्ध के नजरिए से पुरुषों और महिलाओं की भूमिका के बीच का अंतर धुंधला होता जा रहा है… महिलाओं ने अपनी क्षमताएं साबित की है और वे भविष्य में भी ऐसा ही करती रहेंगी।उन्‍होंने ये बात एससीओ -इंटरनेशनल वेबिनार में सशस्‍त्र सेना में महिलाओं की भूमिका के विषय पर बोलते हुए कही है।

तेलंगाना, केरल और ओडिशा हाई कोर्टो में 14 नए जजों की नियुक्ति हुई,न्याय विभाग ने जारी की नामों की सूची

नई दिल्ली :- देश के तीन अलग-अलग हाई कोर्ट में बुधवार को 14 नए जजों की नियुक्ति की गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश के चीफ जस्टिस (CJI) की सलाह पर इन जजों की नियुक्ति को मंजूरी दी। नव नियुक्त जजों में 12 न्यायिक अधिकारी, एक अधिवक्ता और एक आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के सदस्य हैं। कानून मंत्रालय में न्याय विभाग ने इन नियुक्तियों की सूची जारी की। इनमें सात जजों की नियुक्ति तेलंगाना हाई कोर्ट, चार की केरल हाई कोर्ट और तीन की ओडिशा हाई कोर्ट में की गई है। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण की सदस्य पी. माधवी देवी को तेलंगाना हाई कोर्ट में जज नियुक्त किया गया है। इससे पहले भी न्यायाधिकरणों के सदस्यों को हाई कोर्ट में जज नियुक्त किया जाता रहा है। ये सदस्य अधिवक्ता होते हैं जो क्षेत्र विशेष के विशेषज्ञ होते हैं। इनमें एक वकील और बाकी न्यायिक अधिकारी हैं। इससे पहले मंगलवार को भी तीन हाई कोर्ट में 17 नए जजों की नियुक्ति की गई थी।

बुधवार को हुई नियुक्तियों में, तेलंगाना हाई कोर्ट में पी श्री सुधा, सी सुमालता, जी राधा रानी, एम लक्ष्मण, एन तुकारामजी, ए. वेंकटश्वर रेड्डी, पी माधवी देवी को बतौर जज नियुक्त किया गया है। इसके अलावा उड़ीसा हाई कोर्ट में मृगांका शेखर साहू, राधा कृष्ण पटनायक, शशिकांत मिश्रा जज बनाए गए हैं। केरल हाई कोर्ट में चंद्रशेखरन कार्ता जयचंद्रन, सोफी थॉमस, पीवी गोपाल पिल्लई अजीत कुमार, चंद्रशेखरन सुधा को अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा पिछले महीने सरकार को विभिन्न नामों की अनुशंसा भेजे जाने के बाद चौथी बार हाई कोर्ट में नियुक्तियां हुई हैं। मंगलवार को इलाहाबाद, मद्रास और गुवाहाटी हाई कोर्ट में जिन जजों की नियुक्तियां हुई हैं उनमें 15 वकील हैं और दो न्यायिक अधिकारी हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट में 9, गुवाहाटी हाई कोर्ट में 5 और मद्रास उच्च न्यायालय में चार जजों की नियुक्ति की गई।

सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने 8 अगस्त से 1 सितंबर के बीच विभिन्न हाई कोर्ट की अनुशंसा पर 100 नामों पर विचार किया था और 12 उच्च न्यायालयों में जज के तौर पर नियुक्ति के लिए सरकार के पास 68 नाम भेजे थे। इसके बाद सरकार को कुछ और नाम भेजे गए। 11 अक्टूबर को भी 3 वकीलों और 2 न्यायिक अधिकारियों को राजस्थान हाई कोर्ट में जज के पद पर पदोन्नत किया गया। उसी दिन 7 जजों का विभिन्न उच्च न्यायालयों में तबादला किया गया।

कॉलेजियम की अनुशंसा के आधार पर 9 अक्टूबर को 8 जजों को हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस के पद पर पदोन्नत किया गया था और 5 उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों का तबादला किया गया था। इससे पहले, 5 अक्टूबर को 11 उच्च न्यायालयों के 15 जजों का तबादला हुआ था. इन तबादलों के लिए उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम ने पिछले महीने अनुशंसा की थी।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज रंजन गुप्ता को पटना हाई कोर्ट भेजा गया है। जस्टिस टी. एस. शिवागनानम को मद्रास हाई कोर्ट से कलकत्ता उच्च न्यायालय भेजा गया है। इसी तरह, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट भेजा गया है। कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस पी. बी. बैजन्त्री और राजस्थान उच्च न्यायालय के जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा को पटना हाई कोर्ट भेजा गया है। तेलंगाना हाई कोर्ट के जस्टिस टी. अमरनाथ गौड का त्रिपुरा उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जस्टिस सुभाष चन्द्र का तबादला झारखंड हाई कोर्ट में किया गया है।

कानून मंत्रालय के न्याय विभाग ने नई नियुक्तियों और पदोन्नतियों की अलग-अलग सूचियां जारी की हैं। उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति प्रक्रिया के जानकर लोगों का कहना है कि हाल के दिनों में एक दिन में इतने जजों की नियुक्ति नहीं की गई है।

कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा देश में बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होगी

केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होगी। केंद्रीय मंत्री दो दिनों के लिए कोयला उत्पादक राज्य छत्तीसगढ़ और झारखंड के दौरे पर हैं।बुधवार सुबह वह विशेष विमान से बिलासपुर स्थित विमानतल पहुंचे जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि वह कोयला उत्पादन में तेजी लाने के लिए साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदानों का जायजा लेने गए हैं और वे बाद में अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिजली मंत्रालय ने कोयला मंत्रालय को बिजली उत्पादन के लिए 10.9 लाख टन कोयले की मांग रखी थी जो बाद में 20 तारीख के बाद 20 लाख टन हो गया। उन्होंने कहा कि देश में बिजली उत्पादन के लिए आज की तारीख में 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है। देश में धीरे धीरे कोयले का भंडार भी बढ़ रहा है। जोशी ने कहा कि वह देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि बिजली उत्पादन के लिए कोयले की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होगी। जोशी ने कहा कि वह एसईसीएल की खदानों का जायजा लेने और वहां उत्पादन में तेजी लाने के लिए चर्चा करने जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक आवश्यकता का सवाल है, बिजली मंत्रालय ने 19 लाख टन और 20 अक्टूबर के बाद 20 लाख टन की आपूर्ति की मांग रखी थी। आज ही हमने 20 लाख टन की आपूर्ति की है और बाकी चीजों पर मैं )समीक्षा के बाद चर्चा करूंगा।छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एसईसीएल की खदानों का दौरा करने के बाद वह शाम में रांची के लिए रवाना होंगे।

प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कोयला आपूर्ति और बिजली उत्पादन परिदृश्य की समीक्षा की। सरकार के समक्ष कई राज्यों द्वारा ऊर्जा संकट की परेशानी सामने रखी गई है, जिसपर केंद्र सरकार कई तरीकों पर विचार कर रही है। कोयला मंत्रालय को कोयले की आपूर्ति में तेजी लाने के लिए कहा गया है, जबकि रेलवे को ईंधन को बिजली संयंत्रों तक पहुंचाने के लिए रेक उपलब्ध कराने को कहा गया है। कोयले की कमी – जो भारत में बिजली बनाने के लिए लगभग 70 फीसद तक काम आता है- ने राजस्थान से लेकर केरल तक राज्यों में घूर्णी बिजली कटौती को मजबूर किया है। वहीं, मांग को पूरा करने के लिए राज्यों को एक्सचेंजों से उच्च दरों पर बिजली खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

‘गति शक्ति योजना’ राष्ट्रीय मास्टर प्लान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे शुभारंभ, बढ़ेगी विकास की स्पीड

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज ‘पीएम गति शक्ति’, मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान का शुभारंभ करेंगे। यह प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समग्र योजना को संस्थागत रूप देगा, जो अब तक योजनाबद्ध और साइलो में डिजाइन किया गया है। पीएम मोदी देश के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य के परिवर्तन की दिशा में 100 लाख करोड़ की योजनाओं को हरी झंडी दिखाने के लिए प्रगति मैदान पहुंचे। यह रेल और सड़क सहित 16 मंत्रालयों को जोड़ने वाला डिजिटल प्लेटफार्म है जिसके जरिए लाखों करोड़ों की योजनाओं को पूरी रफ्तार से लागू करने में मदद मिलेगी। इस दौरान पीएम मोदी अपना संबोधन भी दे रहे हैं।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी।केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत में बुनियादी ढांचे का निर्माण कई मुद्दों से जूझ रहा है। इसमें विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी भी शामिल है, सड़क निर्माण की वर्तमान प्रथा का उदाहरण देते हुए, जिसे अक्सर अन्य एजेंसियों द्वारा भूमिगत केबल और गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदा जाता है।

यह डिजिटल मंच बुनियादी ढांचा विकास कार्यों को फुल स्पीड से चलाने में मदद करेगा। इससे उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ाने में मदद होगी, स्थानीय विनिर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा। यह उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा और भविष्य के आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए नई संभावनाओं को विकसित करने में भी मदद करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार 15 अगस्त को 75वें वर्षगांठ पर इस 100 ट्रिलियन रुपये (1.35 ट्रिलियन डॉलर) की योजना की घोषणा की थी।पीएम ने कहा था कि इसके जरिए रोजगार पैदा करने और देश के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्वच्छ ईंधन के उपयोग का विस्तार करने में मदद हासिल होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘गति शक्ति नामक बुनियादी ढांचा कार्यक्रम से उद्योगों की उत्पादकता को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इसके तहत 16 मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को (GIS) मोड में डाल दिया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है।पीएमओ ने कहा कि गतिशक्ति व्यापकता, प्राथमिकता, अनुकूलन, तुल्यकालन और विश्लेषणात्मक और गतिशील होने के छह स्तंभों पर आधारित है। यह बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगा, रसद लागत में कटौती करेगा, आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करेगा और स्थानीय वस्तुओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना देगा।

गतिशक्ति योजना के द्वारा देश में UDAN के तहत रीजनल कनेक्ट‍िविटी में तेजी आएगी. साल 2024-25 तक एयरपोर्ट/हेलीपोर्ट/वाटरएयरोड्रम्स की संख्या बढ़कर 220 हो जाएगी. इसमें 109 नए एयरपोर्ट होंगे. इसके तहत देश में मौजूद 51 एयरस्ट्र‍िप के विकास का काम, 18 नए प्रोजेक्ट, 12 वाटर एयरोड्रम और 28 हेलीपोर्ट का  निर्माण शामिल होगा।
इसी तरह साल 2024-25 तक NHAI के द्वारा संचालित राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार कर 2 लाख किमी लंबाई तक किया जाएगा। साल 2014 में यह सिर्फ 91,000 किमी था और इसी नवंबर यानी 2021 के अंत में यह 1.3 लाख किमी हो जाएगा।
इससे डिफेंस उत्पादन में भी काफी तेजी आएगी. करीब 20,000 करोड़ रुपये के निवेश से उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में 2 डिफेंस कॉरिडोर बनाने की योजना है। इसकी वजह से भारत में करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये के डिफेंस उत्पादों का उत्पादन होगा और इनका करीब 25 फीसदी हिस्सा निर्यात किया जाएगा।
गतिशक्ति योजना से साल 2024-25 तक देश में रेलवे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता को मौजूदा 1200 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1600 MT तक किया जाएगा। इससे दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में भी तेजी आएगी।                                                      इसी तरह सरकार की योजना साल 2024-25 तक देश में गैस पाइपलाइन नेटवर्क को दोगुना कर 34,500 किमी तक करने की है। साल 2027 तक हर राज्य को नेचुरल गैस पाइपलाइनसे जोड़ने की सरकार की योजना में गति शक्ति की अहम भूमिका होगी।
सरकार की योजना गंगा नदी में 29 MMT क्षमता का और अन्य नदियों में 95 MMT क्षमता का कार्गो ढुलाई करने की है। वाराणसी से असम में तिनसुख‍िया जिले के सादिया तक साल भर बड़ी नौकाएं (फेरी) चलने की शुरुआत की जाएगी। इसी तरह समुद्री बंदरगाहों से साल 2024-25 तक 1,759 एमएमटी प्रति साल की ढुलाई का लक्ष्य है।
साल 2024 तक दूरसंचार विभाग द्वारा 35 लाख किमी का ऑप्ट‍िकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का प्लान है। इसी तरह ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा ट्रांसमिशन नेटवर्क बढ़ाकर 4.52 लाख किमी सर्किट तक किया जाएगा।
फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री द्वारा देश में करीब200 मेगा फूड पार्क बनाने, फिश‍िंग क्लस्टर बढ़ाकर 202 तक करने, 15 लाख करोड़ के टर्नओवर वाले 38 इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर बनाने, 90 टेक्सटाइल क्लस्टर बनाने 110 फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस क्लस्टर बनाने का लक्ष्य है।
मास्टर प्लान के तहत 4 इंडस्ट्रि‍यल नॉड बनाने का प्रस्ताव है. ऐसा एक इंडिस्ट्रियल नॉड यूपी के दादरी में, एक कर्नाटक के तुमुकुर में और महाराष्ट्र के शेंद्र बिडकिन में होगा।
नेशनल इंडस्ट्र‍ियल कॉरिडोर  डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत देश भर में 2024-25 तक 11 इंडस्ट्रि‍यल कॉरिडोर बनाने की योजना है।

अमित शाह ने बुलाई बड़ी बैठक कोयले की कमी और बिजली कटौती की चिंताओं को लेकर हो रही बैठक

देश की बिजली कंपनियों के सामने कोयले की किल्लत के बीच राजधानी दिल्ली में आज तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच बैठक हो रही है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले हैं। आरके सिंह और जोशी ने गृह मंत्रालय में पहुंचकर अमित शाह के साथ बैठक की है। बैठक में बिजली और कोयला मंत्रालय और एनटीपीसी के अधिकारी भी मौजूद हैं।

कोयले की अपर्याप्त सप्लाई के कारण देश के कई हिस्सों में बिजली की कमी की चिंताओं के बीच शाह की यह मुलाकात हुई है। कई राज्यों ने ब्लैकआउट की चेतावनी दी है। हालांकि केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि भारत के पास अपने बिजली संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोयला भंडार है।

देश में कई राज्यों ने कोयले की भारी कमी के मद्देनजर बिजली आपूर्ति बाधित होने की चेतावनी दी है। लेकिन, कोयला मंत्रालय का कहना है कि बिजली उत्पादन संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त सूखा ईंधन उपलब्ध है। मंत्रालय ने बिजली आपूर्ति में व्यवधान को लेकरकिसी भी डर को पूरी तरह गलत बताकर खारिज किया है। हालांकि, रविवार को कोयले की कमी से देश के 13 थर्मल पावर प्लांट बंद हो गए थे।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और साफ शब्दों में कहा कि देश में ना बिजली की कमी थी, न है और न होगी। हालांकि, उन्होंने भी यह स्वीकार किया कि पहले बिजली उत्पादन कंपनियों के पास आमतौर पर पहले 17 दिन का कोयला स्टॉक में रहता था, जो फिलहाल 4 दिन के करीब आ गया है। कोयले के स्टॉक में कमी को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि दिल्ली के पास सिर्फ दो-तीन दिनों का ही कोयला बच गया है। महाराष्ट्र में 7 थर्मल पॉवर प्लांट की 13 यूनिट बंद होने की बात कही जा रही है। पंजाब, तमिलनाडु, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों से भी बिजली आपूर्ति बाधित होने की बात कही जा रही है।

 

हैदराबाद की दवा कंपनी पर आयकर विभाग का छापा, 142 करोड़ से ज्यादा नकद राशी,लगभग 550 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता चला है

हैदराबाद में एक दवा कंपनी पर आयकर विभाग ने छापा मारा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में बताया, “छापेमारी के दौरान, कई बैंक लॉकरों का पता चला जिनमें से 16 लॉकर चालू स्थिति में थे। छापेमारी में अब तक 142 करोड़ की बेहिसाबी नकद राशि जब्त की गई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के आधिकारिक प्रवक्ता को सूचित किया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के मुताबिक, हैदराबाद स्थित एक प्रमुख फार्मास्युटिकल समूह पर 6 अक्टूबर को करीब छह राज्यों में लगभग 50 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया था। अबतक लगभग 550 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता चला है।

बोर्ड के प्रवक्ता ने बताया कि यह फार्मास्युटिकल समूह एक्टव फार्मास्युटिकल सामग्री (APIs) और फार्मूलेशन निर्माण के व्यवसाय में लगा हुआ है। कंपनी द्वारा अधिकांश उत्पादों को संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप, दुबई और अन्य अफ्रीकी और यूरोपीय  देशों के रूप में विदेशों में निर्यात किया जाता है।

सीबीडीटी ने कहा, “डिजिटल मीडिया, पेन ड्राइव, दस्तावेजों आदि के रूप में अपराध साबित करने वाले दस्तावेज मिले जिन्हें जब्त कर लिया गया और समूह द्वारा बनाए गए एसएपी और ईआरपी सॉफ्टवेयर से डिजिटल “साक्ष्य” एकत्र किए गए।”

इसने दावा किया, “फर्जी और गैर-मौजूद संस्थाओं से की गई खरीद में विसंगतियों और खर्च के कुछ विषयों की कृत्रिम मुद्रास्फीति से संबंधित मुद्दों का पता चला। इसके अलावा, भूमि की खरीद के लिए पैसे के भुगतान के सबूत भी मिले थे।”इसके अलावा, भूमि की खरीद के लिए भुगतान के साक्ष्य भी पाए गए और कई अन्य कानूनी मुद्दों की भी पहचान की गई जैसे कि कंपनी की किताबों में व्यक्तिगत खर्च और संबंधित सरकारी पंजीकरण मूल्य से नीचे खरीदी गई भूमि। अधिकारी ने बताया कि तलाशी के दौरान कई बैंक लाकर मिले हैं, जिनमें से 16 लाकर संचालित हैं। अघोषित आय का पता लगाने के लिए आगे की जांच की जारी है।

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन ने द्विपक्षीय वार्ता के लिए हैदराबाद हाउस में मुलाकात,फ्रेडरिक्सन नौ से 11 अक्टूबर तक तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंची

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सन की अगवानी की, जहां उनका औपचारिक स्वागत किया गया। अब दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई है। फ्रेडरिक्सन नौ से 11 अक्टूबर तक तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंची हैं। विदेश राज्य मंत्री (MoS) मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली हवाई अड्डे पर फ्रेडरिक्सन का स्वागत किया, जो भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर हैं।पीएम फ्रेडरिकसन अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आई हुई हैं, इस दौरान वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात करेंगी।  कोरोना काल में बीते 20 महीनों के दौरान यह किसी प्रधानमंत्री की पहली भारत यात्रा है। पीएम मोदी के साथ पीएम मेट फ्रेडरिक्सन की इस द्विपक्षीय वार्ता में विदेश मंत्री जयशंकर भी शामिल रहे।

प्रधानमंत्री मोदी के रिसीव करने के बाद राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन का औपचारिक स्वागत किया गया।डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट फ्रेडरिक्सन ने इस दौरान कहा, ‘हम भारत को एक बहुत करीबी पार्टनर मानते हैं। मैं इस यात्रा को डेनमार्क-भारत द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक मील के पत्थर के रूप में देखती हूं।’ उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल मैंने और पीएम मोदी ने हरित रणनीतिक साझेदारी (ग्रीन स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप) पर हस्ताक्षर किए और सहमति व्यक्त की। जब भारत और बाकी दुनिया में हरित संक्रमण की बात आती है तो हम एक महत्वाकांक्षी भारतीय सरकार को बड़ी जिम्मेदारी लेते हुए देखते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसेन के बीच हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो गई है। इस बैठक में ‘हरित सामरिक गठजोड़’ के क्षेत्र में प्रगति की समीक्षा करने के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों पर चर्चा होगी। दोनों देशों के बीच पुरूलिया हथियार कांड के आरोपी किम डेवी के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।

डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन रविवार को ताजमहल और आगरा किला का दीदार करेंगी। उनके दौरे के कारण रविवार सुबह ताजमहल और आगरा किला पर्यटकों के लिए बंद किया जाएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद ने शुक्रवार को ताज और किला बंद करने की सूचना जारी कर दी। इसके मुताबिक रविवार सुबह 8.30 बजे से 10.30 बजे तक ताजमहल पर्यटकों के लिए बंद रहेगा, जबकि आगरा किला को सुबह 9.50 बजे से 11.50 बजे तक बंद रखा जाएगा।

 

आईसीएआई द्वारा दिसंबर 2021 एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन का एक और मौका, 11 अक्टूबर से दो दिनों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को फिर से खोला गया

‘द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) सीए फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल कोर्सेस की दिसंबर 2021 परीक्षाओं के लिए रजिस्ट्रेशन करने से किसी कारणवश वंचित रह गये हैं, तो आपके लिए अब एक और मौका है। दिसंबर परीक्षा 2021 सभी कोर्सेज के लिए आवेदन 11 अक्टूबर से दो दिनों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को फिर से खोला गया है। जो उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन करना चाहते है। चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल कोर्सेस की दिसंबर 2021 परीक्षाओं के लिए रजिस्ट्रेशन करने से किसी कारणवश वंचित रह गये हैं, तो आपके लिए अब एक और मौका है। ‘द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया’ ने विभिन्न कोर्सेस की सीए परीक्षाओं के लिए फॉर्म भरने के लिए अप्लीकेशन विंडो को 11 अक्टूबर 2021 से फिर से ओपेन करनी की घोषणा की है। हालांकि, स्टूडेंट्स को ध्यान देना चाहिए कि आईसीएआई द्वारा दिसंबर 2021 एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो सिर्फ दो दिनों के लिए ओपेन किया जाना है, यानि उम्मीदवार 12 अक्टूबर 2021 की रात 11.59 बजे तक पंजीकरण कर पाएंगे।जो उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे ICAI की आधिकारिक साइट icai.org के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आईसीएआई द्वारा सीए दिसंबर 2021 परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन हेतु अप्लीकेशन विडों फिर से खोले जाने को लेकर 7 अक्टूबर 2021 को जारी नोटिस के अनुसार, यह निर्णय मौजूदा COVID-19 स्थिति को ध्यान में रखते हुए और छात्रों के कल्याण और कल्याण के हित में, उनकी कठिनाई को कम करने के लिए लिया गया है। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की फाइनल, इंटरमीडिएट (आईपीसी), इंटरमीडिएट, फाउंडेशन, पोस्ट क्वालिफिकेशन कोर्सेस के दिसंबर, 2021 एग्जाम के लिए अप्लीकेशन फॉर्म भरने का दो और दिनों का समय दिया जा रहा है। पोस्ट क्वालिफिकेशन कोर्सेस में बीमा और जोखिम प्रबंधन (आईआर) तकनीकी परीक्षा, अंतर्राष्ट्रीय कराधान – मूल्यांकन परीक्षण (आईएनटीटी-एटी) और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून और विश्व व्यापार संगठन (आईटीएल और डब्ल्यूटीओ), भाग 1 शामिल हैं।

चार्टर्ड अकाउंटेंट दिसंबर परीक्षा कार्यक्रम अगस्त में जारी किया गया था। परीक्षा 5 दिसंबर से शुरू होगी और 20 दिसंबर 2021 को समाप्त होगी। प्रवेश पत्र संस्थान द्वारा सही समय पर जारी किया जाएगा।

सर्वोच्च न्यायलय ने गुरुवार को केंद्र सरकार से कहा लड़कियों को भी मिले राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज की प्रवेश परीक्षा देने का मौका

सर्वोच्च न्यायलय ने गुरुवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि दिसंबर में होने वाली राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (RIMC) की प्रवेश परीक्षा में लड़कियों को बैठने की भी अनुमति दी जाए और इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।सर्वोच्च न्यायलय ने गुरुवार को केंद्र सरकार को दिसंबर में होने वाले राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कालेज (RIMC) में प्रवेश के लिए लड़कियों को प्रवेश परीक्षा देने की अनुमति देने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। सर्वोच्च न्यायलय के पहले के निर्देश के बाद, सशस्त्र बलों ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में महिला उम्मीदवारों को अनुमति देने का निर्णय लिया है। केंद्र ने इस बारे में बुधवार को शीर्ष अदालत को सूचित किया। इस बीच, केंद्र ने बुनियादी ढांचे में बदलाव की आवश्यकता का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से इस साल प्रवेश प्रक्रिया में महिलाओं के प्रवेश में छूट देने का अनुरोध किया।

केंद्र ने सर्वोच्च न्यायलय को बताया कि सेना, वायुसेना और नौसेना प्रमुखों ने एनडीए, नौसेना अकादमियों में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हमें यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि एनडीए में लड़कियों को प्रवेश दिया जाएगा। वहीं सर्वोच्च न्यायलय ने कहा कि, ‘हमें उम्मीद है कि रक्षा बल महिलाओं की महत्वूपूर्ण भूमिका को महत्व देंगे। हम चाहते हैं कि वे अदालतों के हस्तक्षेप के बजाय लिंग आधारित भूमिकाओं में सक्रिय रुख अपनाएं।’ इससे पहले शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि नीतिगत निर्णय लैंगिक भेदभाव पर आधारित हैं।

बता दें कि इसको लेकर सर्वोच्च न्यायलय में एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि योग्य महिला उम्मीदवारों को उनके लिंग के आधार पर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल होने के अवसर से वंचित कर दिया गया है, जो बाद में महिला अधिकारियों के लिए कैरियर में उन्नति के अवसरों में बाधा बन जाती है, जिसके बाद सर्वोच्च न्यायलय ने अपने फैसले में कहा कि उम्मीदवारों का चयन आयोग द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा, जिसके बाद लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों का सेवा चयन बोर्ड द्वारा बुद्धि और व्यक्तित्व परीक्षण किया जाएगा। बता दें कि राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कालेज की प्रवेश परीक्षा दो विषयों – गणित और सामान्य योग्यता परीक्षा पर आधारित होगी। दोनों पेपर ढाई घंटे के होंगे। गणित का पेपर 300 अंकों का होगा और सामान्य योग्यता परीक्षा 600 अंकों की होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम्स ऋषिकेश के में आक्सीजन प्लांट का किया उद्घाटन

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश पहुंचे। उन्होंने यहां से पीएम केयर्स फंड से स्थापित किए गए पीएसए आक्सीजन प्लांट का रिमोट दबाकर लोकार्पण किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड से उनका गहरा नाता है। इस देवभूमि ने उनके जीवन की धारा को बदलने का काम किया। इस भूमि से मेरा मर्म, कर्म, सत्व व तत्व का नाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में उत्तराखंड का गठन हुआ था, इसके कुछ माह बाद ही देवभूमि तथा बाबा केदार के आशीर्वाद से उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा का मौका मिला। आज सेवा के इस सफर का 21वें वर्ष में प्रवेश हो गया है। इस मौके पर वह देवभूमि में है इससे बड़ा सौभाग्य कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी से निपटना भारत के लिए एक बड़ी चुनौती थी।

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को बारीकी से देख रही है। कम समय में भारत ने जो सुविधाएं तैयार की हैं, वो हमारे देश के सामर्थ्य को दिखाता है। जनसंख्या के अलावा यहां की भौगोलिक स्थिति चुनौती बनकर खड़ी थी। मगर, सरकार ने दृढ़ संकल्प के साथ काम करते हुए इस चुनौती को पार किया। हमने कोविड-19 पोर्टल के माध्यम से सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाकर पूरी दुनिया को एक राह दिखाई है। अब तक 93 करोड़ रोज लगाई जा चुकी है, जल्द ही हम 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएंगे। उन्होंने कहा कि आक्सीजन आपूर्ति के क्षेत्र में जहां हम सिर्फ 900 मैट्रिक टन मेडिकल आक्सीजन का उत्पादन करते थे, वही हमने इस अकल्पनीय लक्ष्य को 10 गुना बढ़ाकर दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की है।उन्होंने कहा कि भारत में आक्सीजन का सबसे अधिक प्रोडक्शन पूर्वी भारत में होता था। जबकि, इसकी सबसे अधिक जरूरत उत्तर व पश्चिमी भारत में पड़ी। ऐसे में पूरब से उत्तर पश्चिम तक आक्सीजन की आपूर्ति करना एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था। सरकार ने आक्सीजन टैंकर के अलावा स्पेशल ट्रेन तथा वायु सेना की मदद से इस चुनौती का हल किया। डीआरडीओ की मदद से आक्सीजन उत्पादन के लिए नए संयंत्रों का निर्माण किया गया और आज देश का प्रत्येक जिला आक्सीजन उत्पादन के लिए आत्मानिर्भर हो गया है।इस अवसर पर केंद्रीय परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वैश्वक महामारी कोरोना पूरे विश्व के लिए एक चुनौती बनकर आई थी, भारत ने उसका डटकर मुकाबला किया। कोरोना से प्रभावी जंग के लिए जब दुनिया में वैक्सीन बनाने की शुरुआती गई, तब भारत ने अपने वैज्ञानिकों पर भरोसा किया। उन्हें प्रोत्साहित कर देश में ही स्वदेशी वैक्सीन का निर्माण किया गया। यही नहीं भारत में वसुधैव कुटुंबकम की भावना को केंद्र में रखते हुए दुनिया के 120 देशों को वैक्सीन देने का काम किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि हमारे लिए यह सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवभूमि से उत्तराखंड समेत देश के विभिन्न ऑक्सीजन प्लांट्स का शुभारंभ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखंड से विशेष लगाव रहा है, इसी का परिणाम है कि उत्तराखंड को ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, उड़ान योजना से एयर कनेक्टिविटी को मजबूत करने समेत केदारनाथ पुनर्निर्माण की सौग़ात दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जब भी देवभूमि आते हैं तो हम सब को जनसेवा के कार्य करने की नई ऊर्जा मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह दौरा उत्तराखंड के विकास की लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होगा।

कार्यक्रम में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट (सेनि) जनरल गुरमीत सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत मंच पर मौजूद रहे।कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, विजय बहुगुणा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, काबीना मंत्री यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत, बिशन सिंह चुफाल, सुबोध उनियाल, सतपाल महाराज, रेखा आर्य, यतीश्वरानंद, राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, नरेश बंसल, देहरादून महापौर सुनील उनियाल गामा, ऋषिकेश महापौर अनीता ममगाईं, एम्स के निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी, डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।