प्रधानमंत्री मोदी ने हल्द्वानी में फूंका चुनावी बिगुल, प्रधानमंत्री  ने कहा-पहाड़ की टोपी पहनना मेरे लिए गर्व,   यह दशक उत्तराखंड का है

हल्द्वानी में प्रधानमंत्री मोदी ने 17,500 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। पीएम ने वर्चुअली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। मंच पर पहुंचे पीएम मोदी का शाल ओढ़ाकर व उत्तराखंडी टोपी पहनाकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने स्वागत किया।

उत्तराखंड में पहली बार कुमाऊं मंडल का प्रवेश द्वार हल्द्वानी में आयोजित विशाल जनसभा में पहाड़वासियों को नव वर्ष की शूभकामनायें देते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की आजादी में कुमाऊं ने अपना बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि पहाड़ की टोपी पहनना मेरे लिए गर्व की बात है।

पीएम ने कहा कि हल्द्वानी वालों के लिए नए साल की सौगात लेकर आया हूं। कहा हम दो हजार करोड़ रुपए की योजना लेकर आ रहे हैं। अब हल्द्वानी में पानी, सीवरेज, पार्किंग और स्ट्रीट लाइट सभी जगह अभूतपूर्व सुधार होगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि  मैं काम को ठीक कर रहा हूं आप इन कामों को रोकने वालों को ठीक कीजिए। एमबी इंटर कालेज के मैदान में आयोजित जनसभा में उन्होंने अपने सम्बोधन की शुरूआत कुमांऊनी में की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारी भीड़ को सम्बोधित करते हुए  कहा उत्तराखंड ने बहुत अभाव झेला है। उत्तराखंड के जो युवा अपना रोजगार करना चाहते हैं उनके साथ हमारी डबल इंजन की सरकार खड़ी है। बिना गारंटी आसानी से लोन मिल रहा है। विपक्षी सेना और हमारे वीरों का अपमान करने से भी नहीं चुके हैं। कहा कि आपके सपने हमारे संकल्प हैं, आपकी इच्छा हमारी प्रेरणा है और आपकी हर जरूरत का पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जो प्रोजेक्ट शुरू हुए हैं वह उत्तराखंड को सशक्त तो करेंगे ही, यहां के किसानों को सिंचाई में फायदा पहुंचाएंगे। गंगोत्री से गंगासागर तक हम मिशन में जुटे हुए हैं। गंगाजी में गिरने वाले गंदे नालों की संख्या कम हो रही है। नैनीताल झील के संरक्षण के लिए भी अब काम किया जाएगा। इन सब प्रोजेक्ट का लाभ उत्तराखंड के युवाओं को मिलेगा। विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि विपक्ष दिन रात झूठ बोल रहा है।

आज जिन परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। इससे हल्द्वानी और जगजीतपुर के इलाके में पानी की किल्लत दूर होगी। हमारी सरकार हर घर नल योजना से लोगों को लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने लखवाड़ परियोजना का जिक्र किया। कहा कि इस पर 29 साल बाद फिर से काम शुरू हुआ है। यह प्रोजेक्ट चार साल में पूरा होगा।

प्रधान मंत्री ने कहा मेरा सात साल का रिकाॅर्ड देख लीजिए। पुरानी योजनाओं को पूरा करने में मेरा समय निकल रहा है। कहा कि ‘मैं काम को ठीक कर रहा हूं आप इन कामों को रोकने वालों को ठीक कीजिए। जो पहले सरकार में थे उन्होंने उत्तराखंड के बारे में नहीं सोचा। उत्तराखंड की सामथ्र्य का लाभ नहीं उठाया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता का प्यार भाजपा के साथ है। विकास कार्यों पर भाजपा का जोर है। कहा कि कुछ पार्टियों ने अफवाह फैलाने का काम शुरू किया है। उत्तराखंड विरोधी टनकपुर बागेश्वर रेल लाइन को लेकर अफवाह फैला रहे हैं। उत्तराखंड अपनी स्थापना के 20 साल पूरे कर चुका है। इस दौरान आपने ऐसे भी सरकार चलाने वाले लोग देखें हैं। जिन्होंने दोनों हाथों से उत्तराखंड लूटा। जिसे उत्तराखंड के प्यार हो वह ऐसा नहीं सोच सकते।

उत्तराखंड के विकास की भावना से हमारी सरकार काम कर ही है। मैं खुद जी-जान से लगा हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों का सामथ्र्य इस राज्य के आधुनिकता की ओर ले जाएगा। यहां की मिट्ठी की ताकत इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएगी।मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में अब सत्ताभाव नहीं सेवा भाव से चलने वाली सरकार है।नौ हजार करोड़ के प्रोजेक्ट से सड़केें बनाई जा रही हैं। 51 पुलों के निर्माण का काम किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17547 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इससे पूर्व जनसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश अपने खोए वैभव को पाने की ओर अग्रसर है। उनके ही नेतृत्व का कमाल है कि कश्मीर से धार 370 खत्म की गई। आयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण शुरू हो रहा है। काशी में विश्वनाथ मंदिर का स्वरूप भव्य हो गया है। केदारभूमि के पुर्ननिर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।

कोविड आपदा को जिस तरह से पीएम मोदी ने संभाला उसे पूरी दुनिया ने सरहा। न सिर्फ देश के लिए, बल्कि विदेशों को भी भी वैक्सीन उपल्ब्ध कराकर पीएम ने पूरे विश्व को राहत पहुंचाई। धामी ने कहा कि हमारे देश के पीएम महाविभूतियो का अंश दिखाई देता है पीएम मोदी स्वामी विवेकानंद की तरह पूरे विश्व में भारत की विजय पताका को बाबा भीमराव अंबेडकर दीनदयाल उपाध्याय के आदशों को आत्मसात कर रहे है। भरत को वैभवशाली देश बनाने के लिये काम कर रहे है।

भारत में सनातन परम्परा को भारत के प्रतीको को संरक्षित किया जा रहा है। अयोध्या में मर्यादा पुरूपुरूषोतम श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर को भव्य स्वरूप मिल गया है। केदारनाथ का कायाकल्प किया जा रहा है।आने वाले दिनों बद्रनाथ धाम का भी पुनरोद्धार किया जायेगा। उत्तराखंड विकास की राह पर अग्रसर है।

पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड का चहुमुखी विकास हो रहा है। राज्य में डबल इंजन की सरकार निरंतर विकास कर रही है। आज 1750 करोड़ की विकास योजनाओ की शुरूआत हो रही है। लखवाड़ परियोजना से रोजगार का सृजन होगा। उत्तराखंड को बिजली मिलेगी। आज सड़क परियोजनाओं का शुभारंभ किया जा रहा है। जो मील का पत्थर साबित होगी।

पीएम मोदी ने कुमांऊ मंडल में पांच सौ करोड़ की लागत से एम्स का सेटेलाइट सेंटर खुल रहा है। सीएम ने कहा कि देवभूमि के वीर जवानों ने देश की सेवा के लिये अपना बलिदान दिया है। जनरल विपिन रावत की शहादत राज्य के लिये अपूर्णीय क्षति है। उनका योगदान हमारे के लिये प्रेणा का स्रोत है। आज हमे गर्व होता है जब दुश्मन को जवाब देने के लिये हमारे जवानों को शसिक्त किया जा रहा है। उत्तराखंड की सीमाओं तक सड़क मार्ग बनाये जा रहे है।

सीएम ने कहा कि देश में हिंदू और हिंदुत्व मेे भेद बताया जा रहा है। लेकिन हमारी संस्कृति एक है। सीएम धामी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में माफियाराज और भ्रष्टाचार उनकी देन है। देवभूमि उत्तराखंड की जनता कांग्रेस का साथ नहीं देगी।

प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि पीएम मोदी ने देश दुनिया में भारत को एक शक्ति के रूप में विकसित किया।

कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि आज भाजपा अपनी बुलंदियों पर है। कभी देश के प्रधानमंत्री को दुनिया पहचानती नहीं थी, मोदी जी के आने के बाद राजनीति की परिभाषा बदल गई। भगत ने बोस को याद किया। उन्होंने आजाद हिन्दू फौज की स्थापना की। कहा अब मोदी बोस के रूप में लौटकर आए हैं। मोदी ने 370 हटाया। ये कहते थे खून खराबा होगा। 50 वर्षों से जनमानस कह रहा था अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए थे। तुष्टिकरण की राजनीति करते थे। आज हम अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनते देख रहे हैं।

केंद्रीय रक्षा मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि जनता मन बना चुका है कि 2022 में में भाजपा सरकार फिर से आने जा रही है। एक सर्चे मे मोदी जी विश्व में नंबर वन हैं। आज देश सुरक्षित है। सीमाएं सुरक्षित हैं। पहले बंदूक की गोली भी बाहर से खरीदते थे आज हथियार खुद बनाने के अलावा विदेशों को भेज रहे हैं।भट्ट ने कहा कि अन्नदान, कन्यादान, मतदान पात्र को दिए जाते हैं। पार्टी भाजपा, नेता मोदी ही सुपात्र हैं।

इस अवसर पर राज्यपाल गुरमीत सिंह,सांसद श्रीमती माला राज लक्ष्मी, केंद्रीय मंत्री अजय भट, सांसद अजय टम्टा पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक,विजय बहुगुणा, त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत,धनसिंह रावत,सुबोध उनियाल, बंशीधर भगत,पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल,महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्या ,सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी,उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ,प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, सह चुनाव प्रभारी आरपी सिंह व लाकेट चटर्जी, सह प्रभारी रेखा वर्मा, केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्टð, राज्य सभा सदस्य व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी, नरेश बंसल,जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया समेत राज्य मंत्रिमंडल के सभी सदस्य मौजूद रहे।

उत्तराखंड: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हल्द्वानी से फूंकेंगे चुनावी बिगुल, प्रधानमंत्री की रैली को लेकर छावनी में तब्दील हल्द्वानी, प्रधानमंत्री कई परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे

अगले साल फरवरी मार्च में देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें उत्तराखंड भी शामिल है। लिहाजा उत्तराखंड में भी सियासी घमासान जोरों पर है। इसी कड़ी में एकबार फिर प्रधानमंत्री मोदी आज उत्तराखंड के दौरे पर जाने का कार्यक्रम हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को हल्द्वानी में जनसभा कर कुमाऊं में 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार का आगाज करेंगे। वह 17547 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी करेंगे।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा को लेकर प्रदेश का पुलिस अमला हल्द्वानी पहुंच चुका है। बुधवार रात सीएम पुष्कर धामी ने मंत्री व अधिकारियों के साथ सभास्थल का जायजा लिया। वहीं डीजीपी अशोक कुमार ने अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशानिर्देश दिए। बुधवार देर शाम से हल्द्वानी पुलिस छावनी बन गया।

प्रधानमंत्री की जनसभा को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की है। हल्द्वानी शहर और सभास्थल को छावनी में तब्दील किया गया है। नैनीताल रोड पर यातायात के बंद है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री को सुनने के लिए लोगों में खासा उत्साह है।

डीजीपी अशोक कुमार ने नगर निगम सभागार में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आर्मी हेलीपैड से लेकर जनसभास्थल तक एसपीजी समेत कमांडो, इंटेलीजेंस, पीएसी, पुलिस व आइआरबी मुस्तैद रहेगी। हेलीपैड से लेकर जनसभास्थल तक पूरा रास्ता खाली रहेगा। इस रूट पर वाहनों की नो एंट्री रहेगी। प्रधानमंत्री के आते ही लोगों का प्रवेश भी निषेध हो जाएगा। डीजीपी ने बताया कि प्रदेशभर से 2200 पुलिस कर्मी सुरक्षा में तैनात रहेंगे। बैठक से पहले डीजीपी ने पार्किंग स्थल व शहर में बनाए गए रूटों पर जाकर व्यवस्थाएं परखीं। बैठक में एसपीजी के एडीजी आलोक कुमार शर्मा, एडीजी अपराध एवं कानून वी मुरूगेशन, आइजी इंटलीजेंस संजय गुंज्याल, डीआइजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे, एसएसपी पंकज भट्ट आदि रहे।

प्रधानमंत्री दोपहर एक बजे सभास्थल एमबी इंटर कॉलेज पहुंचेंगे। सवा बजे से कुमाऊं की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। 01:27 से दो बजे तक प्रधानमंत्री जनसभा को संबोधित करेंगे। और दो बजे सभास्थल से आर्मी हेलीपैड को रवाना हो जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा को देखते हुए हल्द्वानी, लालकुआं, कालाढूंगी और रामनगर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी स्कूल, कॉलेज बंद हैं। डीएम धीराज गर्ब्याल ने कहा कि यातायात व्यवस्था में किए गए परिवर्तन से स्कूली विद्यार्थियों को परेशानी हो सकती है। बदली यातायात व्यवस्था में स्कूल बसों का संचालन भी बाधित रहेगा। इस कारण स्कूल और कॉलेज बंद करने के आदेश दिए गए हैं।

जनसभा को देखते हुए वन विकास निगम ने गौला खनन पूर्ण रूप से बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। वन विकास निगम के अधिकारियों का कहना है कि कई रूट बंद हैं। इस कारण गौला खनन बंद रखा गया है।

प्रधानमंत्री के मंच को आग से बचाने के लिए छह घंटे पहले विशेष केमिकल का छिड़काव किया गया है। इस केमिकल से आग से बचाव की गुंजाइश रहती है। अग्निशमन अधिकारियों ने बताया कि फायर रिगार्डेंट नामक इस केमिकल का असर छह घंटे तक रहता है। वीवीआईपी सुरक्षा में इस केमिकल का प्रयोग होने लगा है।

उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में बीजेपी की सरकार है। साल 2017 के चुनाव में बीजेपी के खाते में 70 में से 57 सीटें आई थी। जबकि उस वक्त की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस मात्र 11 सीटों पर सिमटकर रह गई थी। अन्य दोलों का खाता तक नहीं खुल पाया था। वहीं दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे थे।

सबसे पहले कांग्रेस के शासन में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1974 में हल्द्वानी आई थीं। उन्होंने हल्द्वानी के नुमाइश खेत (मिनी स्टेडियम) में जनसभा को संबोधित किया था। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर शैक्षणिक संस्थानों को खोले जाने की घोषणा की थी। यह भी कहा था कि पर्वतीय एवं सुदूरवर्ती क्षेत्र में जब तक स्कूलों की स्थापना नहीं की जाएगी, तब तक क्षेत्र में विकास संभव नहीं होगा। इंदिरा गांधी के बाद वर्ष 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी हल्द्वानी पहुंचे। उन्होंने रानीबाग में एचएमटी फैक्ट्री का उद्घाटन किया था। इस फैक्ट्री से हजारों युवाओं को रोजगार का अवसर मिला था। 1994 में तत्कालीन पीएम पीवी नरसिम्हा राव हल्द्वानी पहुंचे थे। उन्होंने हल्द्वानी के आर्मी हेलीपैड के समीप जनसभा को संबोधित करते हुए पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों व स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किए जाने की घोषणा की थी। 28 जुलाई 1996 को तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा हल्द्वानी पहुंचे।

उत्तराखंड : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हल्द्वानी में 17,500 करोड़ रुपये की 23 परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन और शिलान्यास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तराखंड के हल्द्वानी में 17,500 करोड़ रुपये से अधिक की 23 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। 23 परियोजनाओं में से 14,100 करोड़ रुपये से अधिक की 17 परियोजनाएं सिंचाई, सड़क, आवास, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, उद्योग, स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति सहित राज्य भर में कई क्षेत्रों को कवर करती हैं। प्रधानमंत्री छह परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिनमें कई सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं, पिथौरागढ़ में एक जल विद्युत परियोजना और नैनीताल में सीवरेज नेटवर्क में सुधार की परियोजनाएं शामिल हैं।

शिलान्यास/ लोकार्पण
5750 करोड़ रुपये की लखवाड़ बहुउद्देश्यीय परियोजना का शिलान्यास
8,700 करोड़ रुपये की सड़क क्षेत्र की परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास होगा, कैलास मानसरोवर यात्रा भी होगी सरल
यूएसनगर में एम्स ऋषिकेश सेटेलाइट सेंटर और पिथौरागढ़ में जगजीवन राम गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास
काशीपुर में अरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक इंडस्ट्रियल पार्क का शिलान्यास
राज्य की विभिन्न आवासीय, स्वच्छता व पेयजल आपूर्ति से जुड़ी परियोजनाओं का करेंगे शिलान्यास

उद्घाटन की जा रही परियोजनाओं की कुल लागत 3,400 करोड़ रुपये से अधिक है। मोदी करीब 5,750 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली लखवार बहुउद्देशीय परियोजना की आधारशिला रखेंगे। यह परियोजना पहली बार 1976 में कल्पना की गई थी और कई वर्षों से लंबित थी। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि देश के दूर-दराज के इलाकों में कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए करीब 8,700 करोड़ रुपये की कई सड़क क्षेत्र की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पूरे राज्य में कई सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी प्रधानमंत्री द्वारा रखी जाएगी।

परियोजनाओं में 625 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 1,157 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली 133 ग्रामीण सड़कों का निर्माण और लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से 151 पुलों का निर्माण शामिल है। प्रधानमंत्री उधम सिंह नगर जिले में एम्स ऋषिकेश सैटेलाइट सेंटर और पिथौरागढ़ में जगजीवन राम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की आधारशिला भी रखेंगे। इन दोनों अस्पतालों को क्रमश: लगभग 500 करोड़ रुपये और 450 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है।

बेहतर चिकित्सा बुनियादी ढांचे से न केवल कुमाऊं और तराई क्षेत्रों के लोगों को बल्कि उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री काशीपुर में अरोमा पार्क और सितारगंज में प्लास्टिक औद्योगिक पार्क और राज्य भर में आवास, स्वच्छता और पेयजल आपूर्ति में कई अन्य पहलों की आधारशिला भी रखेंगे।

क्लैट ( काॅमन लाॅ एडमिशन टेस्ट) 2022 की परीक्षा के आवेदन एक जनवरी से शुरू

कंसोर्टियम आफ नेशनल ला यूनिवर्सिटीज ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) 2022 के लिए आवेदन की प्रक्रिया नए साल से शुरू हो जाएगी। क्लैट कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार ऑनलाइन आवेदन एक जनवरी से शुरू होगा। विधि क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्र 31 मार्च तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन की प्रक्रिया 31 मार्च तक चलेगी। आवेदन फॉर्म केवल consortiumofnlus. ac. in वेबसाइट से ऑनलाइन जमा करना होगा। हालांकि, परीक्षा ऑफलाइन होगी। क्लैट का आयोजन आठ मई 2022 की दोपहर 3 से शाम पांच बजे तक होगा। एनएलयू के इंटीग्रेटेड एलएलबी एवं एलएलएम जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलेगा। अभ्यर्थी देश के कई सरकारी और निजी लॉ कॉलेज में भी आवेदन कर सकते हैं।

मोबाइल व ई-मेल से करना होगा रजिस्ट्रेशन

क्लैट परीक्षा में शामिल होनेवाले परीक्षार्थियों को मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी का उपयोग कर रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद, सत्यापन के लिये दिये गये मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। मोबाइल नंबर मान्य होने के बाद मोबाइल नंबर और पंजीकरण के समय दिये गये पासवर्ड का उपयोग करके लॉगइन किया जा सकेगा। क्लैट कंसोर्टियम ने सलाह दी है कि अभ्यर्थी अपना नाम और माता-पिता के नाम को सही ढंग से लिखें। बाद में इसमें परिवर्तन उम्मीदवारी को अयोग्य कर सकता है। आवेदन जमा होने और भुगतान करने के बाद अभ्यर्थी प्रोग्राम, श्रेणी और बीपीएल फील्ड नहीं बदल सकते। यदि किसी भी चरण में

क्लैट कि यह परीक्षा देश के 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। यूजी कोर्स में दाखिले के लिए सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग केवह छात्र अर्ह होंगे, जिन्होंने 45 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की है। अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक की बाध्यता है। 12वीं की परीक्षा देने जा रहे छात्र भी आवेदन कर सकते हैं। एलएलएम पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए अभ्यर्थी को 50 प्रतिशत अंकों के साथ एलएलबी की होनी चाहिए। अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों के लिए न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक की बाध्यता है।

आफलाइन होगी परीक्षा

क्लैट का आयोजन इस बार आफलाइन होगा। ला प्रेप दून के निदेशक एसएन उपाध्याय ने बताया कि पूर्व में क्लैट आनलाइन आयोजित किया जाता था, लेकिन तकनीकी खामी को देखते हुए परीक्षा आफलाइन होने लगी। बीच में कोरोना के कारण परीक्षा आनलाइन कराई गई, जबकि इस बार फिर परीक्षा आफलाइन ही होगी।

  • एग्जाम मोड – ऑफलाइन
  • उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए कुल 2 घंटे का समय दिया जाएगा।
  • परीक्षा में सारे प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप आएंगे।
  • लेंग्वेज – इंग्लिश
  • 1 प्रश्न 1 अंक का होगा।
  • परीक्षा में कुल 150 प्रश्न आएंगे।
  • परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होगी। जिसमें 1 प्रश्न गलत होने पर 0.25 अंक काटे जाएंगे।
  • कुल अंक – 150
  • कुल सेक्शन – 5
    • Quantitative Techniques
    • English
    • Current Affairs
    • Deductive Reasoning
    • Logical Reasoning

क्लैट 2022 एंट्रेंस एग्जाम कुल 2 घंटे का आयोजित किया जाता है। यूजी एंट्रेंस एग्जाम में और पीजी एंट्रेंस एग्जाम में 150 MCQ प्रश्न पूछे गए थे परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को रैंक के अनुसार विभिन्न यूनिवर्सिटीज में प्रवेश दिया जायेगा। CLAT 2022 से सम्बंधित महत्वपूर्ण तिथियों की जानकारी के लिए छात्र नीचे दी गयी टेबल देख सकते हैं।

महत्वपूर्ण तारीखें

कार्यक्रम तारीख
आवेदन शुरु होने की तारीख 01 जनवरी 2022
आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022
आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि ३१ मार्च 2022
एडमिट कार्ड जारी होने की तारीख अप्रैल/मई 2022
परीक्षा की तारीख 08 मई 2022

कोरोना का पड़ सकता है असर

कोरोना का असर इस साल भी परीक्षा पर दिख सकता है। गत वर्ष कोरोना संक्रमण व लाकडाउन के कारण परीक्षा की तिथि बदलनी पड़ी थी। इस बार भी परीक्षा कार्यक्रम में आवश्यकतानुसार बदलाव किया जा सकता है।

आवेदन शुल्क

  • जनरल, ओबीसी, पीडीबल्यूडी – 4000/- रु.
  • एससी और एसटी – 3500/- रु.
  • आवेदन शुल्क ऑनलाइन नेटबैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड से जमा करना होगा।

आनलाइन आवेदन में यह जरूरी

सामने से ली गई फोटो, अभ्यर्थी के हस्ताक्षर, एससी, एसटी, ओबीसी का प्रमाण पत्र, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, बीपीएल श्रेणी का प्रमाण पत्र (सभी दस्तावेज पीडीएफ प्रारूप में वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे)

ओमिक्रोन वैरिएंट का असर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्यों के लिए दिशा-निर्देश जारी

देश में ओमिक्रोन के केस बढ़ने के बाद अब केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्यों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कोरोना के इस नए वैरिएंट के मामले भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ) पहले ही इसकी संक्रमण की गति को लेकर चेतावनी दे चुका है। अब तक 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक यह वैरिएंट पहुंच गया है और इसके 210 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर चेताया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की चिट्ठी में वॉर रूम फिर से एक्टिव करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा राज्यों से कहा गया है कि नाइट कर्फ्यू लगाने, बड़ी सभाओं पर पाबंदी, शादियों और अंतिम संस्कार कार्यक्रमों में लोगों की संख्या कम करने जैसे फैसलों को भी लागू करें।

राजेश भूषण ने कहा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट पहले आए डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले तीन गुना ज्यादा संक्रामक है। लिहाजा हमें और मुस्तैद होने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं को सक्रिय किए जाने के साथ ही जिला और स्थानीय स्तर पर सख्त रोकथाम की कार्रवाई की जानी चाहिए। हमें प्राथमिकता के आधार पर कंटेनमेंट जोन और बफ़र ज़ोन बनाए जाने की जरुरत है।

दूसरी तरफ दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को बताया कि लोक नायक अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के ओमिक्रोन स्वरूप से संक्रमित 34 मरीजों में से तीन का कोई यात्रा इतिहास नहीं है। मंत्री के मुताबिक राजधानी में ओमिक्रोन मामलों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अभी देश से डेल्टा वैरिएंट पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में डेल्टा और ओमिक्रोन मिलकर घातक रूप धारण कर सकते हैं। ओमिक्रोन को लेकर कहा जा रहा है कि यह तेजी से फैलता जरूर है, लेकिन कोरोना के अन्य वैरिएंट की तरह घातक नहीं है।

मंत्रालय ने कहा है कि वैज्ञानिक आंकड़ों से पता चलता है कि डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन वैरिएंट तीन गुना अधिक संक्रामक है। इसलिए अत्यधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। कनार्टक ने 30 दिसंबर से दो जनवरी तक पार्टी जैसे आयोजनों पर रोक लगा दी है। कई अन्य राज्यों ने भी इसी तरह के कदम उठाए हैं।

भारत में ओमिक्रोन की ताजा स्थिति यह है कि यह वैरिएंट 14 राज्यों में फैल गया है जहां 220 मरीज हैं। देश में ओमिक्रोन कितनी तेजी से बढ़ रहा है, इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा रहा है कि 17 दिसंबर को 100 केस थे और 21 दिसंबर को यह आंकड़ा 200 पार हो गया। यानी महज चार दिन में केस दोगुना हो गए हैं। अमेरिका और ब्रिटेन में जिस तरह से हाहाकार मचा है, उसे देखते हुए लोगों को सबक सिखना चाहिए। देश में एक बड़ा वर्ग अभी भी मास्क लगाने और शारीरिक दूरी का पालन जैसे नियमों की अनदेखी कर रहा है। यह लापरवाही कभी भी घातक रूप से सकती है।

महाराष्ट्र में फिर बंद हो सकते हैं स्कूल

महाराष्ट्र उन राज्यों में शामिल है जहां ओमिक्रोन के सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। इस बीच, महाराष्ट्र की स्कूल शिक्षा मंत्री प्रो वर्षा एकनाथ गायकवाड़ से एएनआई से कहा है कि यदि ओमिक्रोन के मामलों में वृद्धि जारी रहती है, तो हम स्कूलों को फिर से बंद करने का निर्णय ले सकते हैं। हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।

जम्मू और कश्मीर में परिसीमन फार्मूला का विरोध, कश्मीरी पार्टियों को मंजूर नहीं जम्मू और कश्मीर का परिसीमन फार्मूला

परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 7 सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इनमें 6 जम्मू और 1 कश्मीर में बढ़ाई जाएंगी। इस संशोधन के बाद विधानसभा में सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी। विधानसभा की कुल 90 सीटों में से 43 जम्मू में, जबकि 47 सीटें कश्मीर में होंगी। इस प्रस्ताव का कश्मीर के गैर भाजपाई दलों ने पुरजोर विरोध किया है।

आयोग की सोमवार 20 दिसंबर को दिल्ली में बैठक हुई थी जिसमें बीजेपी के दो सांसद और एनसी के तीन सांसद भी शामिल हुए थे। बैठक में आयोग ने सभी सदस्यों के साथ विधान सभा में सीटों के प्रस्तावित आबंटन को साझा किया और उन्हें 31 दिसंबर तक अपने विचार सामने रखने को कहा। आयोग ने विधान सभा में सात सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, जिनमें से छह जम्मू में होंगी और एक कश्मीर में। इसी के साथ विधान सभा में कुल सीटों की संख्या 90 हो जाएगी।

इनमें से जम्मू की सीटें 37 से बढ़कर 43 हो जाएंगी और कश्मीर की सीटें 46 से बढ़कर 47। जनसंख्या के आधार पर? बीजेपी को छोड़ कर कश्मीर में चुनाव लड़ने वाली सभी पार्टियों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।2011 की जनगणना के मुताबिक, कश्मीर में 68 लाख 88 हजार 475 जनसंख्या है, यह राज्य की करीब 54.93% आबादी है। इसके पास 46 सीटें हैं, जो कि विधानसभा में प्रतिनिधित्व के हिसाब से 52.87% बैठती है। इसी तरह जम्मू में 53 लाख 78 हजार 538 लोग रहते हैं। इसके पास विधानसभा में 37 सीटें और वहां प्रतिनिधित्व 42.52% है।कश्मीरी पार्टियों की मांग है कि सीटों का बंटवारा जनसंख्या के आधार पर होना चाहिए। घाटी की राजनीतिक पार्टियां तर्क देती हैं कि कश्मीर घाटी की आबादी जम्मू के मुकाबले 15 लाख ज्यादा है और ऐसे में इसे विधानसभा में ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।

एनसी के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपना विरोध जताते हुए एक ट्वीट में कहा कि सीटों के इस आबंटन का 2011 की जनगणना के आंकड़े समर्थन नहीं करते। उन्होंने आयोग पर बीजेपी के राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया।

इसके अलावा एनसी सांसद और आयोग के एसोसिएट सदस्य हसनैन मसूदी ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को बताया कि उन्होंने आयोग से कहा कि परिसीमन जिस जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत किया जा रहा है उसके खिलाफ अदालत में मुकदमा चल रहा है और ऐसे में उसके तहत फैसले नहीं लिए जा सकते।

महबूबा मुफ्ती ने कहा- इनकी कोशिश लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की है। जनगणना के आंकड़ों को भी ध्यान में नहीं रखा जा रहा है। एक क्षेत्र को 6 और कश्मीर को बस एक सीट दी जा रही है। यह कमीशन बीजेपी को सियासी फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है। मजहब और क्षेत्रवाद के आधार पर बंटवारा किया जा रहा है। कोशिश यह है कि अगस्त 2019 में जो कदम उठाया गया था, उसके आधार पर सरकार बनाई जाए।

पूर्व मंत्री और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चीफ सज्जाद गनी लोन ने कहा- परिसीमन कमीशन की सिफारिशें हमें कतई मंजूर नहीं हैं। ये उन लोगों के लिए बड़ा झटका है जो लोकतंत्र में यकीन करते हैं। अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी ने भी सिफारिशों को खारिज कर दिया। कहा- आबादी और जिलों को आधार बनाया जाना चाहिए था।

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के चीफ गुलाम अहमद मीर ने कहा- SC और ST के लिए तो सीटें पहले से रिजर्व हैं। जहां तक परिसीमन की बात है तो इसे आबादी के आधार पर होना चाहिए। 2011 की जनगणना के अनुसार जम्मू और कश्मीर की आबादी 1.22 करोड़ है। आबादी के लिहाज से तो परिसीमन नहीं हो रहा।

इसके अलावा लद्दाख की चार सीटें भी थीं। 2019 में राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नाम के दो अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिए गए। लेकिन नए प्रस्ताव के अनुसार आबादी के आंकड़ों में इतना फर्क होने के बावजूद जम्मू में कश्मीर से बस चार ही सीटें कम रह जाएंगी। यानी विधान सभा में जम्मू के प्रतिनिधित्व का अनुपात बढ़ जाएगा।

देश में चुने गए तीन सर्वश्रेष्ठ साइबर कॉप में उत्तराखंड के सीओ अंकुर मिश्रा को मिला जिला सर्वश्रेष्ठ साइबर कॉप अवार्ड, देशभर से तीन पुलिस अफसर चयनित

देशभर से सभी राज्यों द्वारा इसमें करीब 55 साइबर मामलों का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिनमें ज्यूरी द्वारा 55 मामलों में से सर्वश्रेष्ठ तीन मामलों का चयन कर अंतिम सूची जारी की गई।उत्तराखंड के पुलिस अफसर ने देश के सर्वश्रेष्ठ साइबर कॉप में पहला स्थान प्राप्त किया है। उत्तराखंड के लिए यह गर्व का मौका है।साइबर अपराधों के खुलासे और रोकथाम के लिए एसटीएफ के सीओ अंकुर मिश्रा को देश के तीन बेस्ट साइबर कॉप्स में से एक चुना गया है। ये उपलब्धि पाने वाला उत्तराखंड हिमालयी राज्यो व उत्तर भारत मे एक मात्र स्टेट है।

राज्य पुलिस के सीओ साइबर अंकुश मिश्रा को यह अवार्ड मिला है। डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा नई दिल्ली में 16वें डीसीएसआई एक्सीलेंस अवार्ड 2021 आयोजित किया गया।राज्य पुलिस के लिए आज साइबर अपराधों के दौर में एक बड़ी उपलब्धि है। डीजीपी अशोक कुमार ने इसके लिए सीओ अंकुर सहित एसटीएफ व साइबर पुलिस को बधाई दी है। पुलिस मुख्यालय के अनुसार डेटा सेक्युरिटी कॉउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से दिल्ली में आयोजित डीसीएसई एक्सीलेंट अवार्ड्स में उत्तराखंड को ये उपलब्धि मिली है। इस अवार्ड के लिए देशभर से सभी राज्यों के करीब 55 साइबर मामलो का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिनमें जूरी ने सर्वश्रेष्ठ 03 मामलों का चयन किया। जिसमें उत्तराखंड के अलावा आन्ध्रा पुलिस और कर्नाटक को स्थान मिला।

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर व एसटीएफ एसएसपी के पर्यवेक्षण में पुलिस उपाधीक्षक साइबर क्राइम स्पेशल टास्क फोर्स अंकुश मिश्रा को नामित किया गया। देशभर से सभी राज्यों द्वारा करीब 55 साइबर मामलों का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिनमें ज्यूरी द्वारा 55 मामलों में से सर्वश्रेष्ठ तीन मामलों का चयन कर अंतिम सूची जारी की गई। जिसमें क्रमश: स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड, आंध्रा पुलिस और सीआईडी कर्नाटक को स्थान प्राप्त हुआ ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 हजार करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया, पीएम मोदी बोले- डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड में विकास की गंगा बहा रही है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तराखंड में हैं। यहां उन्होंने हजारों करोड़ की कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने हजारों लोगों की मौजूदगी में भाषण भी दिया। मोदी ने कहा, “जो परियोजनाएं भाजपा सरकार में शुरू हुईं, वे यहां तस्वीर बदल रही हैं। ये परियोजनाएं इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में एक अहम भूमिका निभाएंगी। यहां निवेश आ रहा है। और यह केवल उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि पूरा भारत आज आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश के इरादे से आगे बढ़ रहा है।

इससे पहले उन्‍होंने एक ट्वीट कर कहा था कि:- देवभूमि उत्तराखंड की विकास यात्रा में कल एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ेगा। देहरादून में दोपहर 1 बजे मुझे 18 हजार करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास का सौभाग्य प्राप्त होगा। इनमें दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा समेत कई प्रोजेक्ट शामिल हैं।

पीएम मोदी ने उत्‍तराखंड को विकास की नई सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड पर खास फोकस रहा। पिछले तीन माह के भीतर उनका यह उत्तराखंड का तीसरा दौरा होगा। मोदी ने शनिवार 04 दिसंबर को उत्तराखंड को कई सौगात दी। केदारनाथ पुनर्निर्माण और चारधाम को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल हैं। राजनीतिक पारी की शुरूआत से पहले मोदी का देवभूमि को लेकर अटूट रिश्ता रहा है।

उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव-2022 से पहले देहरादून पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में भाजपा के लिए शनिवार को चुनावी रण का शंखनाद कर दिया। उन्होंने दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे जंक्शन से देहरादून तक), चाइल्ड फ्रेंडली सिटी प्रोजेक्ट देहरादून का शिलान्यास किया। दून में अत्याधुनिक इत्र और सुगंध प्रयोगशाला (सुगंधित पौधों के लिए केंद्र) का भी उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने उत्तराखंड को कुल 18,000 हजार करोड़ रुपये की सौगात दी।

विरोधियों पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा, “जो लोग पूछते हैं कि डबल इंजन की सरकार का फायदा क्या है? वे लोग यहां देख सकते हैं कि डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड में कैसे विकास की गंगा बहा रही है।” मोदी ने दिल्ली-देहरादून इकॉनॉमिक कॉरिडोर का शिलान्यास करते हुए कहा कि, आज मुझे बहुत खुशी है कि दिल्ली-देहरादून इकॉनॉमिक कॉरिडोर का शिलान्यास हो चुका है। जब ये बनकर तैयार हो जाएगा तो, दिल्ली से देहरादून आने-जाने में जो समय लगता है, वो करीब-करीब आधा हो जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी बोले, “इस शताब्दी की शुरुआत में, अटल बिहारी वाजपेई जी ने भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने का अभियान शुरू किया था। लेकिन उनके बाद 10 साल तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर घोटाले हुए, घपले हुए। उससे देश का जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई के लिए हमने दोगुनी तेजी से मेहनत की और आज भी कर रहे हैं।

उत्तराखंड में पीएम मोदी,दिल्ली-दून आर्थिक गलियारे काे ग्रीन सिग्नल,जानें इकनोमिक कॉरिडोर की पूरी खासियत

मोदी ने कहा, ‘बीते 5 सालों में हमारी सरकार ने उत्तराखंड के लिए 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा लागत से की परियोजनाएं स्वीकृत कीं। यहां की सरकार इन्हें तेजी से ज़मीन पर उतार रही है। इसी को आगे बढ़ाते हुए आज 18 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 175 किमी होगी। करीब 8600 करोड़ रुपये की लागत से हाईवे बनाया जाएगा। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा एवं निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए हाईवे बनाया जा रहा है। दिल्ली-देहरादून के बीच सड़क से यात्रा का समय आठ घंटे से घटकर करीब ढाई घंटे का सफर हो जाएगा। वन्यजीवों के अवरोध रहि आवागमन के लिए यह एशिया का सबसे बड़ा 12 किमी वन्यजीव एलिवेटेड कॉरिडोर होगा।

500 मीटर के अंतराल पर 750 वे अधिक वर्षा जल संचयन तथा वाटर रिचार्ज प्वाइंट होंगे। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे से हरिद्वार की दूरी महज 51 किमी हो जाएगी, जो करीब 2082 होगी। इस रूट से दिल्ली के लिए हरिद्वार से कनेक्टिविटि आसान हो जाएगी, जिससे सफर का समय घटेगा। इसमें छह इंटरचेंज, चार फ्लाईओवर, छह प्रमुख पुल, 10 माइनर एवं दो आरओरी तथा 10 वीयूपी होंगे।

राज्य के विकास की नींव को और आगे बढ़ाने के लिए कई ऐलान भी किया। इसके साथ ही वे दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा (ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे जंक्शन से देहरादून तक), चाइल्ड फ्रेंडली सिटी प्रोजेक्ट देहरादून का शिलान्यास करेंगे। दून में अत्याधुनिक इत्र और सुगंध प्रयोगशाला (सुगंधित पौधों के लिए केंद्र) का भी उद्घाटन करेंगे।

वन्यजीवों की क्रॉसिंग के लिए अंडर पास बनेंगे: आशारोड़ी से गणेशपुर तक तक वन्य जीव बाहुल क्षेत्र है। डाटकाली से गणेशपुर तक एक्सप्रेस-वे एलिवेटड है, इसलिए जंगली जानवरों को क्रासिंग में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। आशारोड़ी से डाटकाली तक 200 मीटर के दो अंडर पास, 15 से 20 मीटर के छह पुल भी बनेंगी, ताकि जंगली जानवर आसानी से आसानी से आर-पार कर सके।

गणेशपुर (सहारनपुर) से सवा किमी एक्सप्रेस-वे पुराने हाईवे के सामांतर बनेगा। इससे आगे डाटकाली तक 14 किमी का एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे बरसाती नदी के ऊपर बनेगा। डाटकाली में एक और सुरंग बनेगी। छह लेन वाली यह सुरंग 340 मीटर की होगी। यह टनल पहले बनी टनल के सामांतर बनेगी। इस स्थान पर पहले से दो सुरंग बनी हुई है।

देहरादून से दिल्ली जाने में अभी लोगों को 250 किमी लंबे हाईवे का सफर करना पड़ता है। इसमें पांच से छह घंटे लगते हैं। नया एक्सप्रेस-वे बीच के कई शहरों को बाईपास करते हुए बनेगा। जाम की समस्या दूर हो जाएगी। इसकी लंबाई 200 किमी के करीब होगी।

एक्सप्रेस-वे का पहला पार्ट दिल्ली अक्षरधाम से बागपत के पास तक, दूसरा पार्ट बागपत से सहारनपुर बाईपास है। सहारनपुर से गणेशपुर तक पहले ही छह लेन एक्सप्रेस-वे बना है। गणेशपुर से आशारोड़ी तक तीसरा पार्ट है। इसका काम अगले महीने से शुरू हो जाएगा।

मोदी ने कहा कि, हमारी सरकार काम करती है। वन रैंक-वन पेंशन हो, नए-नए अस्त्र-शस्त्र हों या आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना हो… उन लोगों (कांग्रेस सरकार) ने हर स्तर पर सेना को हतोत्साहित करने की जैसे कसम खा रखी थी। आज जो सरकार है वो दुनिया के किसी देश के दबाव में नहीं आ सकती। मोदी बोले, ‘हम राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम के मंत्र पर चलने वाले लोग हैं।

 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) का बड़ा फैसला- UG-PG में दाखिले के लिए CET और पीएचडी(PHD) में एडमिशन के लिए NET है जरूरी

अब देश के सभी केंद्रीय विश्विद्यालयों में दाखिले के लिए एक ही प्रवेश परीक्षा होगी। यूजीसी ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।यूजीसी के मुताबिक, नई शिक्षा नीति के तहत सभी केंद्रीय विश्विद्यालयों में यूजी और पीजी दाखिलों के लिए एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति की रिपोर्ट आने के बाद 22 नवम्बर 2021 को देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वीसी की बैठक बुलाई गई।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देश भर के केंद्रीय सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों में रिसर्च (PHD), अंडर-ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट दाखिले को लेकर बड़े फैसले किये हैं। बैठक में तय किया गया है कि सत्र 2022-2023 से देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कॉमन एग्जाम होगा। इस एग्जाम से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कॉर्सेज में एडमिशन मिलेगा। आयोग ने पीएचडी (PHD) में दाखिले लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यानि, नेट (Net ) परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी कर दिया है, तो वहीं, इन केंद्रीय सहायता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न स्नातक और परास्नातक पाठयक्रमों में दाखिले सामान्य प्रवेश परीक्षा यानि (CET) के माध्यम से लिए जाने के निर्देश जारी कर दिये हैं। यूजीसी द्वारा पीएचडी, पीजी और यूजी दाखिले के लिए जारी किये नये नियम अगले शैक्षणिक सत्र यानि 2022-23 से लागू होंगे।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए केंद्रीय पात्रता परीक्षा या सीईटी राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा कम से कम 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। प्रवेश के लिए सीईटी स्कोर पर विचार करने के लिए निजी और अन्य डीम्ड विश्वविद्यालयों को भी यूजीसी ने सुझाव दिये हैं। बता दें कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए सीईटी इस साल से शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।

यूजीसी ने कहा-कॉमन इंट्रेंस टेस्ट के लिए करें उपाय

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिखे पत्र में लिखा है, ” सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के लिए उचित उपाय करने की सलाह दी जाती है।इसके मुताबिक ये परीक्षाएं कम से कम 13 भाषाओं में आयोजित की जाएंगी। जो एनटीए पहले से ही जेईई और एनईईटी परीक्षा आयोजित कर रहा है। कॉमन एंट्रेंस टेस्ट को इच्छुक राज्य / निजी विश्वविद्यालयों / डीम्ड यूनिवर्सिटीज द्वारा भी अपनाया जा सकता है।” परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षा नीति, एनईपी 2020 के अनुसार प्रस्तावित किए गए हैं।”

एनईपी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए एक केंद्रीय परीक्षा का प्रस्ताव रखा था। जिससे बोर्ड परीक्षाओं पर निर्भरता कम हो गई। सीईटी से सभी छात्रों के लिए एक समान प्लेटफॉर्म प्रदान करने की भी उम्मीद है। वहीं, अब शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से लागू होने की उम्मीद है, जो अगले वर्ष के छात्रों के लिए है।

Cucet 2022

उत्तराखंड में कोरोना के मामले बढ़े, राष्ट्रपति कोविंद की सुरक्षा ड्यूटी पर आए 12 पुलिसवालों समेत 19 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव, मचा हड़कंप

उत्तराखंड में एक बार फिर कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है और राज्य में ढाई महीने बाद कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज सामने आए हैं। रविवार को प्रदेश में एक ही दिन में 36 नए मरीज मिले हैं और इसमें 19 वो कर्मचारी भी शामिल हैं। जो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यक्रम में ड्यूटी के लिए तैनात किए गए थे। जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन को लेकर वीआईपी ड्यूटी पर आए 12 पुलिसवालों समेत 19 कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटव मिलने से हड़कंप मच गया। हालांकि, राष्ट्रपति के आगमन से पहले ही सभी को ड्यूटी से हटा दिया गया।शनिवार को वीआईपी ड्यूटी पर परमार्थ निकेतन पहुंचने पर चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून, टिहरी और पौड़ी के करीब 400 पुलिसकर्मियों और कर्मचारियों की कोरोना जांच कराई गई थी। रविवार सुबह इनमें से बारह पुलिसवालों समेत कुल उन्नीस कर्मचारियों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। हालांकि इनमें से कोई भी पुलिसकर्मी और कर्मचारी रविवार को वीआईपी ड्यूटी में तैनात नहीं रहा।

रविवार सुबह 19 पुलिसवालों में कोविड संक्रमण  की पुष्टि हुई। टेस्ट रिपोर्ट आते ही पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। राहत देने वाली बात यह थी कि पॉजिटिव आया कोई भी पुलिसकर्मी रविवार को वीआईपी ड्यूटी में तैनात नहीं रहा। यमकेश्वर ब्लॉक के कोविड नोडल अधिकारी डा. राजीव कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमितों में चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून और पौड़ी जनपद के 19 पुलिस कर्मी शामिल हैं। विभाग ने संक्रमित जवानों को ड्यूटी से वापस भेज दिया है। सभी जवान अगले 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहेंगे।
वीआईपी ड्यूटी के लिए आए ये पुलिसकर्मी और कर्मचारी अन्य कर्मचारियों, परमार्थ आश्रम के कर्मचारियों और स्वर्गाश्रम बाजार के दुकानदारों समेत अन्य लोगों के संपर्क में आए थे। स्वास्थ्य विभाग इनके संपर्क में आए लोगों की सूची तैयार कर रहा है। इन सभी की कोरोना जांच कराई जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे में निजी और सरकारी लैब से पांच हजार 372 नमूनों की जांच रिपोर्ट आई है और इनमें पांच हजार 336 नमूनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। नए मामलों में सबसे अधिक 19 नए मरीज पौड़ी जिले में मिले हैं।जबकि नैनीताल में सात, देहरादून में पांच, हरिद्वार में दो, अल्मोड़ा में दो और यूएस नगर जिले में एक मरीज में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है।

कोरोना के नए वेरिएंट की दस्तक के बाद उत्तराखंड सरकार एक्टिव हो गई है और राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार पूरी तरह से गंभीर है। सीएम धामी ने कहा कि उन्होंने शनिवार को ही सभी जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की थी और इस संबंध में सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।