मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की प्रधानमंत्री नरेंद मोदी और अमित शाह से संसद भवन नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संसद भवन नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। उत्तराखंड के विकास में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार से मिल रहे सहयोग पर आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य में संचालित विकास कार्यों के बारे में अवगत कराया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों में हिम प्रहरी योजना लागू किये जाने में केंद्र से सहयोग का अनुरोध किया। सीएम ने मुलाकात के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी बयान दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महत्वपूर्ण वित्तीय स्वीकृतियों के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड विकास पथ की ओर अग्रसर है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करना संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने की दिशा में अहम कदम होगा। इस कानून का दायरा सभी नागरिकों के लिए समान रूप से होगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों। यह संविधान की भावना को मूर्त रूप देगा। उन्होंने कहा कि मामले में न्यायविदों, सेवानिवृत्त जज, समाज के प्रबुद्धजनों और अन्य स्टेकहोल्डर की एक कमेटी गठित होगी। कमेटी समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करेगी।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखंड राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए  जीएसटी प्रतिकर अवधि को बढ़ाए जाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने उत्तराखंड में नवीनतम तकनीक व वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा देने के लिये भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) की स्थापना और फार्मास्यूटिकल उद्योग के विकास के लिये नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एण्ड रिसर्च (एनआईपीईआर) की स्थापना का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में बागवानी की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए प्रधानमंत्री से कश्मीर तर्ज पर रूपये 2000 करोड़ का बागवानी पैकेज दिये जाने का अनुरोध किया। टीएचडीसी इण्डिया लिमिटेड की अंशधारिता में उत्तर प्रदेश के अंश का उत्तराखंड को हस्तांतरित करने के लिये माननीय न्यायालय से बाहर सौहार्दपूर्ण समाधान के लिये केंद्र सरकार की विशेष पहल का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने चारधाम की तर्ज पर कुमाऊं के पौराणिक स्थलों व मंदिरों को तीर्थाटन से जोड़ने के लिये ‘मानसखण्ड मंदिर माला मिशन’की स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध किया। सीएम धामी ने पिथौरागढ़ एयरस्ट्रिप से हवाई सेवाओं के संचालन की अनुमति का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों (उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, चम्पावत और ऊधम सिंह नगर के खटीमा) के ग्रामों से हो रहे पलायन को रोकने, दैवीय आपदा में राहत व बचाव कार्यों के लिये पुलिस, आईटीबीपी व एसएसबी के सहयोग से सीमा रक्षक दल/ हिम प्रहरी दलों का गठन किया जाना प्रस्तावित है।

उक्त दल में सम्मिलित व्यक्तियों को प्रोत्साहन भत्ते के रूप में मानदेय प्रस्तावित है। इस पर लगभग 5 करोड़ 45 लाख रुपये का व्यय भार अनुमानित है। इसमें केंद्र का सहयोग निवेदित है। धामी ने राज्य पुलिस को और अधिक प्रभावी व आधुनिक बनाए जाने के लिये राज्य पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना में प्रति वर्ष 20 से 25 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किये जाने का आग्रह किया।

चैत्र नवरात्रि कल से शुरू ,नौ दिन होगी मां दुर्गा की पूजा अर्चना

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. इस साल चैत्र नवरात्रि का त्योहार शनिवार, 2 अप्रैल 2022 से शुरू होगा और सोमवार, 11 अप्रैल 2022 को समाप्त होगा. मां दुर्गा को सुख, समृद्धि और धन की देवी माना जाता है.

हिंदू धर्म में मां दुर्गा के नवरात्रि का विशेष महत्व है। साल में चार बार मनाया जाने वाला ये पर्व माता रानी के भक्त बहुत ही धूम-धाम से मनाते हैं। दो गुप्त नवरात्रि और दो शारदीय और चैत्र के नवरात्रि होते हैं। देशभर में माता रानी के भक्तों का सैलाव मंदिरों में उमड़ आता है। हिंदू धर्म में मां दुर्गा के नवरात्रि का बहुत ही विशेष महत्व है।

इन नौ दिनों में माता रानी के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की उपासना और पूजा पाठ किया जाता है। साथ ही भक्त मां के लिए नौ दिन व्रत और उपवास रखते हैं। विधि विधान से मां की पूजा की जाती है। मां की पूजा के बाद आरती और चालीसा का पाठ किया जाए, तो मां प्रसन्न होकर भक्तों के सभी दुख दूर करती हैं और सकंट हर लेती हैं।

नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करके मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की अलग-अलग पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की विधिवित पूजा करने वाले भक्तों पर माता रानी अपनी कृपा दृष्टि सालभर रखती हैं। कलश स्थापना का शुभ समय 2 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 10 मिनट से 08 बजकर 29 मिनट तक है। कुल अवधि 02 घंटे 18 मिनट की है।

 

‘परीक्षा पर चर्चा’ : 1 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी छात्रों से करेंगे संवाद, उत्तराखंड के 56 हजार बच्चे कार्यक्रम में होंगे शामिल, प्रधानमंत्री देंगे सफलता का मंत्र

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अप्रैल को दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में सुबह 11 बजे परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के पांचवें संस्करण में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के एक हजार छात्र शामिल होंगे। इनमें अधिकतर छात्र दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद जैसे शहरों में सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले होंगे। इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी।

एक अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में उत्तराखंड के 56 हजार से अधिक बच्चे प्रतिभाग करेंगे। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक राज्य से कुल 56067 छात्रों,अध्यापकों एवं अभिभावकों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किए जाने के लिए अपना पंजीकरण कराया है। जबकि रुड़की के विश्वजीत और कालसी देहरादून की संजीति सीधे इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि सचिव स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में निर्देशित किया है कि इस कार्यक्रम में उत्तराखंड से प्रतिभाग किए जाने के लिए विश्वजीत कक्षा 11, आर्मी पब्लिक स्कूल नं. 1, रुड़की जिला हरिद्वार एवं संजीति चौहान, ईएमआरएस कालसी, देहरादून का सीधे प्रतिभाग किए जाने के लिए चयन हुआ है। बैठक में निदेशक आरके कुंवर, निदेशक वंदना गर्ब्याल, डॉ. आरडी शर्मा, डॉ. अशोक कुमार सैनी आदि मौजूद रहे।

कोरोना संकट के चलते पहले इस चर्चा को पिछले साल की तरह वचरुअल ही रखा गया था, लेकिन कोरोना की स्थिति में तेजी से हुए सुधार के बाद शिक्षा मंत्रलय ने इस चर्चा को पहले की तरह आयोजित करने का एलान किया है। शिक्षा मंत्रलय ने गुरुवार को पीएम मोदी की छात्रों के साथ परीक्षा पे चर्चा की तारीख घोषित की। जिसमें छात्र पहले की तरह पीएम के साथ बैठकर परीक्षा और पढ़ाई से जुड़े विषयों पर सीधे सवाल पूछ सकेंगे। पीएम मोदी की छात्रों के साथ परीक्षा पे चर्चा करने की यह शुरुआत 2018 में हुई थी। तब से हर साल इसका आयोजन होता आ रहा है। इस चर्चा के लिए रजिस्ट्रेशन का काम दिसंबर से शुरू हो गया था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आइए परीक्षाओं का त्योहार मनाएं। आइए बात करते हैं तनाव मुक्त परीक्षाओं की। एक अप्रैल को परीक्षा पे चर्चा में मिलते हैं।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ”परीक्षा पे चर्चा हल्का-फुल्का संवाद होता है और यह हम सभी को परीक्षाओं, पढ़ाई, जीवन एवं अन्य विषयों संबंधी विभिन्न पहलुओं पर बात करने का अवसर देता है। ” परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी) कार्यक्रम इस साल एक अप्रैल को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा।

वहीं, पीएम ने एक और ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि आइए तनावमुक्त परीक्षाओं पर एक बार फिर चर्चा करें। मैं छात्रों, उनके अभिभावकों और अध्यापकों को इस साल एक अप्रैल को ‘परीक्षा पे चर्चा’ में शामिल होने का आह्वान करता हूं।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पीएम मोदी से सीधी बात होने से कई बच्चों का मार्गदर्शन होगा। इस चर्चा में 9 वीं और 12 वीं कक्षा तक के एक हजार छात्र शामिल होंगे। छात्रों के अलावा शिक्षकों और अभिभावकों को भी 2022 के लिए नया मार्ग मिलेगा। ये चर्चा करीब डेढ़ घंटे चलेगी । इस दौरान बच्चे पीएम मोड़ो से 20 सवाल पूछेंगे। ये चर्चा अलग अलग विषयों पर फोकस होगी।

इस कार्यक्रम में सभी राज्यों के राज्यपाल अपने अपने प्रदेश के बच्चों के साथ शामिल होंगे। इसके लिए सभी बबच्चों को राज्यपाल भवन में बुलाया जाएगा। इसके अलावा इस कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज, IIT, NIT समेत उच्च शिक्षण संस्थान भी इसमें शामिल होंगे।

परीक्षा पर चर्चा के लिए रजिस्ट्रेशन पहले ही किया जा चुका है। जिन छात्रों ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के लिए रजिस्ट्रेशन किया है, वो पीएम मोदी के कार्यक्रम में शामिल हो सकेंगे। आपको बता दें कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय पिछले चार साल से इसका आयोजन कर रहा है। पीपीसी के पहले तीन संस्करण नई दिल्ली में एक संवादात्मक ‘टाउन-हॉल’ प्रारूप में आयोजित किए गए थे। चौथा संस्करण पिछले साल 7 अप्रैल को कोरोना की दूसरी लहर के चलते ऑनलाइन आयोजित किया गया था।

यूजीसी ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से कहा स्नातक में संयुक्त प्रवेश परीक्षा से मिले दाखिला, सीयूईटी के लिए दो अप्रैल से शुरू होंगे आवेदन,

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कुलपतियों को पत्र लिखकर स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्रों को प्रवेश देने के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के अंकों का उपयोग करने के लिए कहा है। आयोग ने कुलपतियों, निदेशकों और प्राचार्यों को रविवार को पत्र भी लिखे हैं। यूजीसी ने पहले सिर्फ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए सीयूईटी को अनिवार्य किया था, अब उसने सभी विश्वविद्यालयों को इससे जोड़ने की बात कही है।

कुमार ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘आज हमने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कुलपतियों, निदेशकों और प्राचार्यों को अपने स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग करने के संबंध में पत्र लिखा है क्योंकि नयी व्यवस्था में छात्रों को कई प्रवेश परीक्षा देने की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।’’

यूनिवर्सिटी को लिखे पत्र में यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार ने कहा है कि 12वीं के प्राप्तांक नहीं, बल्कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही केंद्रीय विश्वविद्यालय दाखिला देंगे। हालांकि, विश्वविद्यालय न्यूनतम पात्रता मानदंड तय कर सकते हैं। छात्रों को सिंगल विंडो से स्नातक में दाखिले का मौका मिलना चाहिए। कुमार ने कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा सिर्फ केंद्रीय विश्वविद्यालयों तक सीमित नहीं होना चाहिए। छात्र हित के लिए डीम्ड, स्टेट और निजी विश्वविद्यालयों को भी इसमें शामिल होना चाहिए। इसलिए सभी कुलपतियों और निदेशकों को पत्र लिखा गया है।

सीयूईटी के जरिये यदि वे दाखिला देते हैं तो छात्रों को अलग-अलग विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए अलग-अलग आवेदनपत्र और प्रवेश परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी। दूर-दराज के इलाकों के छात्रों को भी बेहतर मौके उपलब्ध होंगे। फिलहाल देशभर में अलग-अलग विश्वविद्यालय 12वीं कक्षा के अंक और अपनी दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर छात्रों को दाखिला करते थेे। सभी विश्वविद्यालय सीयूईटी 2022 में शामिल होते हैं तो छात्र और अभिभावकों के समय और पैसे दोनों बचेंगे।

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने घोषणा की है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए सीयूईटी के लिए आवेदन प्रक्रिया 2 अप्रैल से शुरू होगी। सीयूईटी की आवेदन प्रक्रिया से लेकर परीक्षा के आयोजन और रिजल्ट तैयार करने तक की भूमिका नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को सौंपी गई है। उम्मीदवार सीयूईटी समर्थ की वेबसाइट cuet.samarth.ac.in पर जाकर 30 अप्रैल, 2022 तक आवेदन कर सकते हैं।

एजेंसी ने शनिवार को जारी एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि सीयूईटी देश भर के किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने वाले छात्रों को एकल खिड़की अवसर प्रदान करेगा। उसने कहा कि सीयूईटी (यूजी) -2022 एक कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) प्रारूप में आयोजित किया जाएगा।

उत्तराखंड का दूसरा सैनिक स्कूल देहरादून में बनेगा, भाऊवाला स्थित जीआरडी वर्ल्‍ड स्कूल बनेगा सैनिक स्कूल,रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी

उत्तराखंड के हिस्से भी एक सैनिक स्कूल आया है। देहरादून के भाऊवाला स्थित जीआरडी वर्ल्‍ड स्कूल को इसके लिए चयनित किया गया है।प्रदेश में अभी तक सिर्फ घोड़ाखाल ही एकमात्र सैनिक स्कूल है मगर अब उत्तराखंड के हिस्से दो सैनिक स्कूल आ जाएंगे जिससे उत्तराखंड के युवाओं को न केवल आर्मी में जाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि स्कूल के समय से ही वे आर्मी में जाने की तैयारी कर सकेंगे। दरअसल रक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक सत्र 2022 -23 के लिए देश भर में 21 नए सैनिक स्कूल खोलने को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय संबंधित प्रदेश की सरकार अथवा निजी स्कूल या एनजीओ के साथ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में इन स्कूलों का संचालन करेगा।

देहरादून के भाऊवाला स्थित स्कूल को सैनिक स्कूल में तब्दील किया जाएगा। अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाली परीक्षा में सफल रहने वाले छात्रों को स्कूलों में कक्षा 6 प्रवेश दिया जाएगा। परीक्षा में 40 फीसदी छात्रों का चयन किया जाएगा जबकि 60 फीसदी छात्र संबंधित स्कूल के ही रहेंगे यदि वह सैनिक स्कूल में प्रवेश लेना चाहते हैं।

आने वाली मई में स्कूलों में शैक्षणिक सत्र शुरू हो जाएगा। उत्तराखंड में इससे पहले एकमात्र सैनिक स्कूल घोड़ाखाल था जिसका पूरा संचालन रक्षा मंत्रालय करता है। हालांकि रुद्रप्रयाग जिले में भी सैनिक स्कूल खोलने की कवायद पिछले कई सालों से चल रही थी मगर कुछ ना कुछ अड़चनों के कारण यह मामला अब भी लटका हुआ है। रुद्रप्रयाग में सैनिक स्कूल खोलने की स्वीकृति भी मिल गई थी मगर अब तक वहां पर स्कूल नहीं खुल पाया है।

देहरादून में सैनिक स्कूल का खुलना सेना में जाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। प्रदेश में एक और नया सैनिक स्कूल खुलने से राज्य के प्रतिभावान छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा ही उसके साथ में ही सेना में भविष्य संवारने का शानदार मौका भी उनको मिलेगा। उत्तराखंड में अधिकांश छात्रों का चयन अभी एनडीए के जरिए होता है। उसके बाद वे नौ सेना, थल सेना एवं वायु सेना में भर्ती होते हैं। कई बच्चे एनडीए क्लियर नहीं कर पाते। ऐसे में सैनिक स्कूल में एडमिशन लेने के बाद बच्चे सेना में जाने की तैयारी अच्छे से कर सकते हैं।

प्रवेश के लिए आयु भी निर्धारित है। ऐसे में एक और नया सैनिक स्कूल खुलने से राज्य के प्रतिभावान छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त करने का अवसर तो मिलेगा ही, साथ ही सेना में भविष्य संवारने का शानदार मौका भी।

उत्तराखंड : आज दो दिवसीय दौरे पर देहरादून पहुंचेंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कल जाएंगे धर्मनगरी हरिद्वार, रूट व कार्यक्रम फिक्स, सुरक्षा चौकस

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आ रहे हैं। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद आज देहरादून पहुंचेंगे। वहीं कल 27 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हरिद्वार धर्मनगरी में दिव्य प्रेम सेवा मिशन की ओर से चंडी पुल के पास आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। राष्ट्रपति के दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। उनकी सुरक्षा मद्देनजर कार्यक्रम स्थल से लेकर हेलीपैड तक स्नाइपर तैनात किए जाएंगे। वहीं सादी वर्दी में भी पुलिसकर्मी हर जगह पर तैनात रहेंगे।राष्ट्रपति की सुरक्षा के मद्देनजर आज कैंट क्षेत्र में कैंटीन और विभिन्न दुकानें बंद रहेंगी।

राष्ट्रपति आज दोपहर वायुसेना के विमान से जौलीग्रांट स्थित एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां से हेलीकाप्टर में कैंट स्थित जीटीसी हेलीपैड पहुंचेंगे और फिर सड़क मार्ग से राजभवन जाएंगे। राजभवन में रात्रि विश्राम करने के बाद रविवार सुबह हरिद्वार के लिए रवाना होंगे।

राष्ट्रपति की ड्यूटी में नियुक्त पुलिस बलों को शुक्रवार को ब्रीफ किया गया। सुरक्षा में लगे सभी पुलिस बल को निर्धारित समय से तीन घंटे पहले ड्यूटी स्थल पहुंचने के साथ ही ड्यूटी में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए एयरपोर्ट और जीटीसी हेलीपैड पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। शुक्रवार को श्वान दल और बम निरोधक दस्ते ने यहां चेकिंग की।प्रभारी अधिकारी जौलीग्रांट को निर्देशित किया गया कि वह एयरपोर्ट और उसके आसपास के क्षेत्रों में संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश हेतु कांबिंग, चेकिंग करा ले तथा आसपास स्थित ऊंचे भवनों आदि की सघन चेकिंग कराने के साथ ही वहा आवश्यक पुलिस बल नियुक्त करना सुनिश्चित करें।

देश के राष्ट्रपति के हरिद्वार दौरे को लेकर ज़िला प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद है। हरिद्वार के डीएम विनय शंकर पांडे ने कहा कि कहा कि राष्ट्रपति की सुरक्षा और कार्यक्रम की व्यवस्था में कोई चूक न हो, इसके लिए अधिकारी लगातार कसरत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोविंद के दौरे के कार्यक्रम स्थल के साथ ही उनके रूट पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है और अधिकारियों व संस्था को अन्य इंतज़ाम करने की हिदायत दी जा चुकी है।

हरिद्वार में नीलधारा के किनारे चंडी घाट पर दिव्य प्रेम सेवा मिशन का मुख्यालय है। संस्था कुष्ठ रोगियों का इलाज और उनके बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय, पर्यावरण संरक्षण जैसे कई क्षेत्रों में 25 सालों से काम कर रही है। कोविंद खुद इस संस्था के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे हैं। साल 2017 में राष्ट्रपति मिशन के एक कार्यक्रम में यहां पहुंचे थे। मिशन के संस्थापक आशीष गौतम ने पुष्टि करते हुए बताया कि अब मिशन के 25 साल पूरे होने पर राष्ट्रपति एक बार फिर 27 मार्च को हरिद्वार पहुंच रहे हैं।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नामांकन के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) होगा आधार, अप्रैल से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया होगी शुरू

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 से नामांकन के लिए मौजूदा व्यवस्था बदल जाएगी।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्चशिक्षा को बेहतर और आसान बनाने के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के तहत कुल 45 केंद्रीय विश्वविद्यालय शामिल होंगे। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नामांकन का आधार  कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट होगा और प्रवेश परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) करेगी। यह नियम शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ही लागू हो किया है।

UGC ने CUET 2022 परीक्षा के संबंध में कई डिटेल्स जारी की हैं। इसके तहत कोशिश की गई है कि किसी भी छात्र को CUET परीक्षा  में शामिल होने में कोई परेशानी न आए। CUET 2022 परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी  द्वारा आयोजित की जाएगी। CUET 2022 रजिस्ट्रेशन फॉर्म  एनटीए की वेबसाइट nta.ac.in से डाउनलोड किए जा सकेंगे।

CUET 2022 रजिस्ट्रेशन फॉर्म nta.ac.in से डाउनलोड किए जा सकेंगे। CUET 2022 रजिस्ट्रेशन फॉर्म फिलहाल यूजी कोर्स के लिए उपलब्ध करवाए जाएंगे। ये फॉर्म अप्रैल 2022 के पहले हफ्ते में जारी कर दिए जाएंगे। वहीं, पीजी कोर्स के लिए होने वाली परीक्षा की जानकारी nta.ac.in पर जल्द ही जारी कर दी जाएगी।

इस प्रवेश परीक्षा के अंतर्गत, छात्रों को 12वीं के बाद देश की सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटीज जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, विश्व भारती विश्वविद्यालय व लगभग 40 अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश मिल सकेगा जहां उन्हें 50 से अधिक ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए वर्ष में महज तीन से चार हज़ार रुपए की फीस भरनी होगी। नए प्रारूप के अनुसार अब यह एग्जाम हिन्दी, अंग्रेजी के अलावा 11 अन्य भाषाओं में भी कराया जाएगा।

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत जल्द ही शुरू किए जाने वाले इस एन्ट्रेंस एग्जाम की व्यवस्था में यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई के अलावा बिहार बोर्ड, झारखंड बोर्ड, व पंजाब बोर्ड जैसे अन्य किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से बारहवीं पास कर चुके विद्यार्थी भी प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकेंगे और अपने भविष्य को नई ऊंचाई तक ले जा सकेंगे। इस परीक्षा में 12वीं कक्षा के विषयों से सवाल पूछे जायेंगे।

अक्सर बारहवीं के बाद छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग, मेडिकल और मैनेजमेंट जैसे कई अन्य कोर्सेज में अपना भविष्य बनाने का प्रयास करते हैं। लेकिन, CUET 2022 के जरिए मिलने वाले इस अवसर की मदद से विद्यार्थी इन प्रोफेशनल कोर्सेज के अतिरिक्त भी रिसर्च व एकेडमिक में अपना भविष्य संवार सकते हैं। जिसके बाद अभ्यर्थी एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर जैसे उच्च पदों पर भी अपनी सेवाएं दे सकेंगे।
बच्‍चों पर एक और कोचिंग करने का बोझ बढ़ेगा। आमतौर पर 10 वीं के बाद से ही बच्‍चे मेडिकल, इंजीनियरिंग, सीए आदि टेस्‍ट की प्रिपरेशन में जुट जाते हैं। इनमें से कई बच्‍चे सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने को भी एक विकल्‍प के तौर पर रखते हैं। ऐसे में उन्‍हें अब CUET निकालने के लिए एक और कोचिंग लेनी होगी। कई कोचिंग सेंटर ने तो इसके लिए प्रोग्राम शुरू भी कर दिए हैं।
यह परीक्षा देश की सेंट्रल यूनिवर्सिटीज की लगभग 1,50,000 से अधिक सीटों में दाखिला दिलाने के लिए कराई जानी है। अनुमान है कि इन सीटों पर एडमिशन के लिए करीब छ: से सात लाख उम्मीदवार आवेदन करेंगे। ऐसे में इस एग्जाम के लिए अभ्यर्थियों को अभी से ही अपनी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए, ताकि वो इस परीक्षा में अच्छे अंक से पास होकर जेएनयू, डीयू, बीएचयू जैसे यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले सके।

पुष्कर सिंह धामी ने दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, आठ मंत्रियों ने भी ली मंत्री पद की शपथ

देहरादून के परेड ग्राउंड में पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली।  इसी के साथ ही आठ विधायकों को भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई। उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने सभी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें प्रेमचंद अग्रवाल, सतपाल महाराज, गणेश जोशी, धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, चंदन रामदास, सौरभ बहुगुणा ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। चंदन रामदास की बात करें तो वह कुमांऊ मंडल से आते हैं। चंदन की अल्मोड़ा-बागेश्वर में मजबूत पकड़ बताई जाती है। चंदन बागेश्वर से चार बार विधायक रहे चुके हैं।

उत्तराखंड में सत्ता में वापसी का रेकॉर्ड बनाने के बाद बीजेपी ने पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण में नया रेकॉर्ड बनाया। धामी का शपथ ग्रहण एक तरह से बीजेपी का शक्ति प्रदर्शन भी लग रहा था। बीजेपी के सभी बड़े नेता इस समारोह का हिस्सा थे। पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, राजस्थान की पूर्व मुख्यंत्री वसुंधरा राजे, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी का पूरा हाइकमान देहरादून में मौजूद था।

पीएम मोदी ने कैबिनेट का किया अभिवादन

पीएम मोदी सबसे आखिर में पहाड़ी टोपी पहनकर मंच पर आए। देहरादून के परेड ग्राउंड के समारोह स्थल में उनके आने के साथ ही जोश की लहर तैर गई।शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी कैबिनेट को सामने बुलाकर सबका अभिवादन किया।

उत्तराखंड में लोकप्रिय हैं सीएम योगी

शपथ ग्रहण कार्यक्रम में बार-बार बुलडोजर बाबा के नारे लग रहे थे। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बुधवार को शपथ ग्रहण पुष्कर सिंह धामी का था, लेकिन नारे ‘बुल्डोजर बाबा’ के गूंज रहे थे। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर लोगों में जबर्दस्त जोश दिखाई दिया। योगी जैसे ही मंच पर आए उनके समर्थन में नारे गूंजने लगे। योगी ने भी मुस्कुराते हुए हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया।

लेकिन इन सबके बीच जलवा योगी का ही था। शपथग्रहण में आई भीड़ योगी के समर्थन में नारेबाजी करती रही। मंच पर बैठे हुए योगी भी मुस्कुराते हुए भीड़ के इस प्यार को स्वीकार करते रहे। योगी आदित्यनाथ मूल रूप से उत्तराखंड के ही रहने वाले हैं। पौड़ी जिले के यमकेश्वर में उनका पैत्रिक गांव है। योगी उत्तराखंड में भी काफी लोकप्रिय हैं। इसी को देखते हुए बीजेपी ने उत्तराखंड की चुनावी रैलियों में उनको भी शामिल किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सतपाल महाराज समेत कुल आठ मंत्रियों ने शपथ ली। प्रेम चंद्र अग्रवाल ने अपनी शपथ संस्कृत में ली।
जानिए कौन-कौन बना मंत्री

1- सतपाल महाराज
2- प्रेम चंद्र अग्रवाल
3- गणेश जोशी
4- धन सिंह रावत
5- सुबोध उनियाल
6- रेखा आर्य
7- चंदन राम दास
8- सौरभ बहुगुणा

पुष्‍कर सिंह धामी ने उत्‍तराखंड के 12वें मुख्‍यमंत्री के रूप में ली शपथ

पुष्‍कर सिंह धामी ने उत्‍तराखंड के 12वें मुख्‍यमंत्री के रूप में ली शपथ

 

पुष्‍कर सिंह धामी ने उत्‍तराखंड के 12वें मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्‍यपाल लेज रिटा गुरमित सिंह ने उन्‍हें पद व गोपनियता की शपथ दिलवाई।

सतपाल महाराज ने ली मंत्री पद की शपथ

सतपाल महाराज ने ली मंत्री पद की शपथ

इसके बाद सतपाल महाराज ने मंत्री पद की शपथ ली। सतपाल महाराज ने चौबट्टाखाल सीट से जीत दर्ज की है। वह 2017 में बीजेपी सरकार में कैबि‍नेट मंत्री रह चुके हैं। इससे पहले तक वह कांग्रेस में सक्र‍िय थे। सतपाल महाराज आध्यात्मिक गुरु भी हैं। महाराज केंद्र की देवेगौड़ा और गुजराल सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।

सौरभ बहुगुणा ने मंत्री पद की शपथ ली

सौरभ बहुगुणा ने मंत्री पद की शपथ ली

सितारंगज विधायक सौरभ बहुगुणा ने मंत्री पद की शपथ ली। सौरभ बहुगुणा पूर्व मुख्‍यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे हैं। सौरभ पहली बार मंत्री बने हैं। इन्‍होंने 2017 में भी सितारंगज से चुनाव जीता था।

चंदनराम दास ने मंत्री पद की शपथ ली

चंदनराम दास ने मंत्री पद की शपथ ली

बागेश्‍वर विधायक चंदनराम दास ने मंत्री पद की शपथ ली। वह पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल हो रहे हैं। चंदनराम दास लगातार चार बार विधायक रह चुके हैं। वह अपने सरल स्‍वभाव के लिए जनता के बीच खासा प्रसिद्ध हैं।

रेखा आर्य ने मंत्री पद की शपथ ली

 रेखा आर्य ने मंत्री पद की शपथ ली

पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने मंत्री पद की शपथ ली। रेखा आर्य सोमेश्‍वर से विधायक हैं। रेखा आर्य 2003 में पहली बार जिला पंचायत सदस्य बनीं। 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रेखा आर्या बीजेपी में शामिल हो गईं और बीजेपी के टिकट पर विधानसभा पहुंचीं।

सुबोध उनियाल ने ली मंत्री पद की शपथ

सुबोध उनियाल ने ली मंत्री पद की शपथ
सुबोध उनियाल ने मंत्री पद की शपथ ली। सुबोध उनियाल नरेंद्रनगर से विधायक हैं। इससे पहले वह उत्‍तराखंड सरकार में कृषि मंत्री रहे हैं। पहले वह कांग्रेस पार्टी में थे। 2017 में इन्‍होंने भाजपा ज्‍वाइन की थी।

धनसिंह रावत ने मंत्री पद की शपथ ली

धनसिंह रावत ने मंत्री पद की शपथ ली

पूर्व उच्‍चशिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने मंत्री पद की शपथ ली। 2017 में पौड़ी गढ़वाल की श्रीनगर सीट से धनसिंह रावत पहली बार विधायक बने थे। रावत अपने विनम्र स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।

गणेश जोशी ने ली मंत्री पद की शपथ

गणेश जोशी ने ली मंत्री पद की शपथ

गणेश जोशी ने मंत्री पद की शपथ ली। गणेश जोशी मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले हैं। इनका जन्‍म 1958 में मेरठ में हुआ था। मेरठ में उनके पिता स्वर्गीय श्याम दत्त जोशी भारतीय सेना के जवान के रूप में तैनात थे। गणेश जोशी 1976 से 1983 तक एक सैनिक के रूप में भारतीय सेना में रहे। वर्तमान में वे देहरादून में रहते हैं।

प्रेमचंद्र अग्रवाल ने संस्‍कृत में ली शपथ

प्रेमचंद्र अग्रवाल ने संस्‍कृत में ली शपथ

प्रेमचंद्र अग्रवाल ने संस्‍कृत में शपथ ली। भाजपा विधायक प्रेमचंद अग्रवाल राज्य की चौथी विधानसभा के स्पीकर थे। स्पीकर पद के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया में एकमात्र नामांकन उन्होंने ही किया था। तत्‍कालीन प्रोटेम स्पीकर हरबंस कपूर ने सदन में उनके स्पीकर बनने की घोषणा की थी। पांचवीं विधानसभा के लिए हुए चुनावों में इन्‍होंने ऋषिकेश सीट से चुनाव लड़ा था।

हरिद्वार में गंगा आरती में शामिल हो सकते हैं धामी

प्रदेश के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज शाम को हरिद्वार में होने वाली गंगा आरती में प्रतिभाग कर सकते हैं। इसके लिए पुलिस अधिकारी ड्यूटी लगाने में जुटे हुए हैं वहीं हर की पैड़ी पर भी तैयारियां की जा रही है।

 

उत्तराखंड: पुष्कर सिंह धामी आज दूसरी बार लेंगे सीएम पद की शपथ, मोदी-शाह समेत 25 हजार से ज्यादा लोग शपथ ग्रहण के गवाह बनेंगे 

उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी को दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी है।उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर धामी अपने मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ बुधवार को शपथ लेंगे। राज्यपाल गुरमीत सिंह सीएम और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। देहरादून के परेड ग्राउंड में सीएम के साथ उनके कुछ मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा बीजेपी के कई दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे। योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी धामी के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंच सकते हैं।

भाजपा परेड मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम स्थल पर दोपहर ढाई बजे पहुंचने की संभावना है। इसके साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा शासित राज्यों के कई मंत्री भी कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। प्रधानमंत्री के समारोह में शामिल होने से जिला प्रशासन ने सुरक्षा के अतिरिक्त बंदोबस्त किए हैं।

उत्तराखंड में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में 25000 आगंतुकों के लिए कुर्सियां लगाई गई हैं। शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, गृहमंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्रियों के शामिल होने के चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।

सीएम धामी के साथ उनकी कैबिनेट के कुछ मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। नए मंत्रिमंडल में कुछ पुराने चेहरों की वापसी हो सकती है। माना जा रहा है कि धामी सरकार 2.0 में धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, रेखा आर्य, अरविंद पांडेय, प्रेम चंद्र अग्रवाल, बंसीधर भगत और गणेश जोशी को जगह मिल सकती है। कैबिनेट में शामिल होने वाले लोगों के नाम बुधवार सुबह 11 बजे तक राजभवन से जारी कर दिए जाएंगे।

शपथ ग्रहण से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी देहरादून के टपकेश्वर मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने दर्शन-पूजन और आरती में हिस्सा लिया। दर्शन के बाद उन्होंने कहा कि मैं हमेशा से भगवान टपकेश्वर मंदिर में आता रहा हूं। हमारे पीएम मोदी के काम पर जनता ने मुहर लगाई है। आज से हमारी सरकार का विधिवत काम होगा। मैं कोई भी शुभ काम शुरू करता हूं तो भगवान टपकेश्वर का आशीर्वाद लेता हूं, इसलिए आज यहां आया। मंत्रियों के सवाल को सीएम टाल गए। समान नागरिक संहिता लागू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब भी हमारी पहली कैबिनेट मीटिंग होगी, तब हम अपने संकल्पों पर फैसला लेंगे।

धामी और मंत्रिमंडल के सदस्यों के शपथ ग्रहण से पहले भाजपा के शक्ति केंद्र स्तर तक के कार्यकर्ता स्थानीय मंदिरों में सुबह लोककल्याण के लिए पूजन करेंगे। पार्टी ने सभी जिलाध्यक्षों को यह निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही शपथ ग्रहण में प्रमुख समाज सेवी, साहित्यकार, लेखक, प्रबुद्ध वर्ग, धार्मिक मठ मंदिरों के साधु-संतों को भी बुलाया है।

शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आने के मद्देनजर सरकार, शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की अगुवाई में जौलीग्रांट एयरपोर्ट से लेकर देहरादून परेड मैदान तक मॉक ड्रिल की गई इस दौरान प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर तमाम तैयारियों को बारीकी से जांचा परखा गया।

अधिकारियों ने वायुसेना के हेलीकॉप्टर से लिया जायजा 
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री के शामिल होने के मद्देनजर  जहां सरकार ,शासन और जिला प्रशासन के अधिकारी सक्रिय हैं, वही वायुसेना के अलावा केंद्र सरकार के अधिकारियों की टीम भी पूरी तरह सक्रिय है। प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर वायुसेना के हेलीकॉप्टर के जरिए अधिकारियों ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट से लेकर देहरादून तक हवाई जायजा लिया। हवाई जायजा लेने के बाद अधिकारी तमाम व्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आए।

एक्सपीजी अधिकारियों ने डीएम, एसएसपी के साथ की बैठक
प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर एसपीजी अधिकारियों ने जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार व एसएसपी डॉ जन्मेजय खंडूरी के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। दोनों अधिकारियों ने एसपीजी अधिकारियों को पुलिस प्रशासन की ओर से पीएम की सुरक्षा को लेकर उठाए गए तमाम कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।  एसपीजी के अधिकारी जिला एवं पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के मद्देनजर उठाए गए सभी पदों को लेकर संतुष्ट नजर आए।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए जुलाई में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट(CUET),प्रवेश परीक्षा के मार्क्स पर होगा सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन, कक्षा 12 के अंकों की नहीं होगी गिनती

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सोमवार (21 मार्च, 2022) को घोषणा की कि सभी यूजीसी-वित्त पोषित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित की जाएगी।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने बताया है कि जुलाई के पहले सप्ताह में सीयूईटी का आयोजन किया जाएगा। कुमार ने कहा, ‘साल 2022-23 शैक्षणिक वर्ष से राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी स्नातक एवं परास्नातक कोर्स के लिए सीयूईटी का आयोजन करेगी। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रमों में दाखिला देने के लिए सीयूईटी में प्राप्त अंकों पर विचार करना होगा।’

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पहली अनिवार्य आम प्रवेश परीक्षा जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित की जाएगी, यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने सोमवार को घोषणा की।उन्होंने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) एक कम्प्यूटरीकृत परीक्षा है और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की जाएगी, जो मंगलवार को परीक्षा पैटर्न की घोषणा करेगी। परीक्षा के लिए आवेदन विंडो अप्रैल के पहले सप्ताह में खुलेगी।

कुमार ने कहा कि इन विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश अब पूरी तरह से CUET स्कोर के आधार पर होगा, और कक्षा 12 बोर्ड के अंकों में कोई वेटेज नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय, परीक्षा के लिए पात्रता मानदंड के रूप में बोर्ड परीक्षा के अंकों का सबसे अच्छा उपयोग कर सकते हैं।45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को यूजीसी से आर्थिक सहायता मिलती है। कुमार ने कहा कि सीयूईटी का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी के 12वीं कक्षा के सिलेबस से मिलता-जुलता ही होगा।

सीयूईटी के लाभों के बारे में बात करते हुए, कुमार ने कहा कि यह सभी बोर्डों के छात्रों को विशेष रूप से पूर्वोत्तर और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को समान अवसर प्रदान करेगा। CUET से माता-पिता और छात्रों पर वित्तीय बोझ कम होने की भी उम्मीद है, क्योंकि उम्मीदवारों को केवल एक परीक्षा लिखनी होगी।

कुमार ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय और डीम्ड विश्वविद्यालय भी स्नातक और स्नातकोत्तर प्रवेश के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग कर सकते हैं।दिल्ली विश्वविद्यालय और कुछ अन्य विश्वविद्यालयों ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे केवल CUET के आधार पर छात्रों को स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश देंगे।

CUET में NCERT की पाठ्यपुस्तकों पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे और गलत उत्तरों के लिए छात्रों को नकारात्मक रूप से चिह्नित किया जाएगा। प्रवेश परीक्षा में तीन खंड होंगे (बॉक्स देखें)। CUET 2022 हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, उर्दू, असमिया, बंगाली, पंजाबी, ओडिया और अंग्रेजी नाम की 13 भाषाओं में पेश किया जाएगा।

परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएगी। पहली पाली में, उम्मीदवार खंड (भाषा), दो चुने हुए डोमेन विषय और सामान्य परीक्षा के लिए उपस्थित होंगे। दूसरी पाली में, वे अन्य चार डोमेन विषयों और एक अतिरिक्त भाषा परीक्षण के लिए उपस्थित होंगे, यदि वे चुने जाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को CUET से छूट दी गई है; उनके प्रवेश मौजूदा अधिसंख्य आधार पर किए जाएंगे।