सेना के शीर्ष कमांडरों की आज होगी बैठक, पूर्वी लद्दाख समेत एलएसी पर सुरक्षा हालात का करेंगे आकलन,सम्मेलन के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सैन्य कमांडरों को संबोधित करेंगे

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच सोमवार से सैन्य कमांडरों का चार दिन का वार्षिक सम्मेलन शुरू हो रहा है। एलएसी के अलावा कश्मीर की सुरक्षा चुनौतियों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख इस बैठक में भाग लेंगे।चार दिनों की इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की उम्मीद है। एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ हफ्तों में नागरिकों की हत्या के परिप्रेक्ष्य में सैन्य कमांडर्स की यह बैठक काफी अहम है।

सेना ने एक बयान में कहा, ‘2021 का दूसरा सैन्य कमांडर सम्मेलन 25 से 28 अक्टूबर तक नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। सेना के कमांडरों का सम्मेलन शीर्ष स्तरीय आयोजन है जो साल में दो बार अप्रैल और अक्टूबर में आयोजित किया जाता है। ‘सेना ने कहा, ‘भारतीय सेना का शीर्ष नेतृत्व मौजूदा तथा उभरते सुरक्षा और प्रशासनिक पहलुओं पर मंथन करेगा ताकि सीमा के हालात और कोरोना महामारी की चुनौतियों की पृष्ठभूमि में भारतीय सेना की भविष्य की कार्रवाई तय हो सके।

दिल्ली में होने वाली इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सैन्य कमांडरों को संबोधित करेंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने बताया कि सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और टॉप कमांडर्स पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच गतिरोध में देश की सैन्य तैयारी की समीक्षा करेंगे। दोनों देशों के बीच पिछले 17 महीनों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के कई बिंदुओं पर टकराव जारी है।अधिकारी ने बताया कि सैन्य कमांडर्स अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत और उपमहाद्वीप क्षेत्र में पैदा हुई सुरक्षा स्थिति पर भी चर्चा कर सकते हैं।सेना ने एक बयान में कहा, “सेना कमांडरों के दूसरे सम्मेलन का आयोजन 25-28 अक्टूबर तक नई दिल्ली में किया जाएगा। हर साल अप्रैल और अक्टूबर महीने में आयोजित होने वाला सैन्य कमांडरों का सम्मेलन एक शीर्ष स्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम है।”

सेना ने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस वैचारिक स्तर पर विचार-विमर्श के लिए एक संस्थागत मंच है, जिसके जरिए भारतीय सेना महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों पर विचार-विमर्श करती है। यह कॉन्फ्रेंस सैन्य मामले विभाग और रक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वार्तालाप के लिए भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व का एक औपचारिक मंच भी है।

बयान के मुताबिक, “इस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व द्वारा वर्तमान/उभरती सुरक्षा और प्रशासनिक पहलुओं पर मंथन किया जाएगा, ताकि सीमाओं पर स्थिति और कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हुई चुनौतियों की पृष्ठभूमि में भारतीय सेना के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार की जा सके।”

सम्मेलन के दौरान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सैन्य कमांडरों को संबोधित करेंगे और उनके साथ संवाद करेंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरन बिपिन रावत, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुख भी इस सम्मेलन के दौरान तीनों सेनाओं के बीच तालमेल को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोले, केंद्र सरकार ने 24 घंटे पहले उत्तराखंड में आपदा को लेकर अलर्ट जारी कर दिया था,केंद्र सरकार आपदा की इस घड़ी में पूरी तरह से देवभूमि उत्तराखंड के साथ है

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को उत्तराखंड के बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। अमित शाह ने देवप्रयाग, पौड़ी, रामनगर, रामगढ़, रुद्रपुर और हल्द्वानी का सर्वेक्षण किया। उत्‍तराखंड में भारी बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। गृहमंत्री ने करीब दो घंटे सुबह 9.45 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक आपदा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे किया।उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट स्थित राज्य अतिथि गृह में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।अमित शाह ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में केंद्र सरकार पूरी तरह से देवभूमि उत्तराखंड के साथ है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आपदा राहत को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की जाएगी। राहत और बचाव कार्य को और तेज गति से अंजाम दिया जा रहा है। जल्द ही उत्तराखंड में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी जाएंगी। बैठक के पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने 24 घंटे पहले उत्तराखंड में आपदा को लेकर अलर्ट जारी कर दिया था। अधिकांश मोबाइल यूजर को समय पर मैसेज भी भेजे गए थे। जिसका परिणाम यह रहा कि इस भीषण आपदा में कम से कम जान माल का नुकसान हुआ। सरकार ने 24 घंटे पहले ही चार धाम यात्रा को रोक दिया था। जिसके परिणाम स्वरूप चारधाम यात्रा पर किसी भी तरह की आंच नहीं आई और अब यात्रा को शुरू भी कर दिया गया है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि आपदा के तत्काल बाद केंद्र व राज्य सरकार की सभी एजेंसियां सक्रिय हो गई थी। सेना, एनडीआरएफ, आइटीबीपी, एसडीआरएफ, पुलिस तथा दमकल दस्तों को समय रहते आपदा राहत कार्यों में लगा दिया गया। जिससे सरकार साढ़े तीन हजार नागरिकों को रेस्क्यू करने में सफल रही। इतना ही नहीं 16 हजार से अधिक नागरिकों को सरकार ने सुरक्षित भी किया। उन्होंने कहा कि नैनीताल हल्द्वानी तथा अल्मोड़ा की तीन सड़कों को छोड़कर शेष सभी सड़कों पर आवाजाही शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर सड़कें 25 मीटर से अधिक क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिन्हें तैयार करने में कुछ वक्त लग सकता है। सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पानी बहाल कर दिया गया है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि आपदा के पहले दिन से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष तौर पर उत्तराखंड में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्र व राज्य के अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए थे। अमित शाह ने कहा कि केंद्रीय टीम नुकसान का आकलन करेगी। आपदा प्रबंधन की तरफ से पहले ही 250 करोड़ रुपए दिया गया है। केंद्र सरकार राज्य को पूरी सहायता देगी। राज्य सरकार अपने खजाने से भी आपदा राहत में खर्च कर रही है। इसके अलावा भारत सरकार के संयुक्त सचिव की देख-रेख में उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कराया जा रहा है। यदि आपदा राहत में और धन की जरूरत होगी तो केंद्र सरकार पूरी मदद करेगी।इस दौरान अमित शाह ने सीएम की पीठ भी थपथपाई और कहा कि धामी के नेतृत्व में अच्छा काम हुआ है। एनडीआरएफ, सेना और एसडीआरएफ सभी बारिश आने से पहले ही अलर्ट पर रहे। शाह ने कहा कि आपदा में अब तक 64 की मौत हुई हैं। 11 से अधिक लोग लापता हैं। ट्रेकिंग टीम भी लापता है। आपदा में 3400 लोगों को बचाया गया है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में प्रत्येक वर्ष इस तरह की आपदाओं से सामना करना पड़ता है। इसके लिए सरकार हिमालयी क्षेत्रों में तकनीकी विस्तार तथा आपदा प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठाने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार आपदा की इस घड़ी में पूरी तरह से देवभूमि उत्तराखंड के साथ है।इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त), राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज आदि मौजूद रहे।

 

देश में कोरोना वैक्सीनेशन का आंकड़ा 100 करोड़ के पार, पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा- भारत ने रचा इतिहास

कोरोना वैक्सीनेशन के 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर भारत ने आज इतिहास रच दिया है। इस मौके पर कई जगह जश्न मनाने की तैयारी है।देश में कोरोना रोधी टीकों की अब तक दी गई खुराक की संख्या 100 करोड़ के पार हो गई है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने इतिहास रच दिया, यह भारतीय विज्ञान, उद्यम, भारतीयों की सामूहिक भावना की जीत है। पीएम मोदी टीकाकरण की संख्या 100 करोड़ के पार पहुंचने पर आज राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों संग बातचीत की।  देश में 100 करोड़ खुराक दिए जाने के अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया लाल किले से गायक कैलाश खेर का गीत और आडियो-विजुअल फिल्म जारी करेंगे।

भारत में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 100 करोड़ पार करने पर पीएम मोदी ने भी बधाई दी है।पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत ने इतिहास रच दिया। हम भारतीय विज्ञान, उद्यम और 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक भावना की विजय देख रहे हैं। 100 करोड़ टीकाकरण पार करने पर भारत को बधाई। हमारे डॉक्टरों, नर्सों और इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए काम करने वाले सभी लोगों का आभार।’ बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाने के लिए लगातार स्वास्थ्य कर्मियों की तारीफ करते रहे हैं।पीएम मोदी ने कहा कि आज एक उत्साह है और दायित्व बोध भी है कि हमें मिलकर कोरोना को हराना है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब कोरोना वायरस की हार निश्चित है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘देश में अब तक रिकॉर्ड 100 करोड़ कोविड टीके का सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है। यह आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व, प्रतिबद्ध स्वास्थ्य कर्मियों के परिश्रम एवं अनुशासित नागरिकों की सहभागिता का सुफल है। कोरोना की हार तय है।

भारत में टीकाकरण मुहिम की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी और इसके पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए गए थे। इसके बाद दो फरवरी से अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण आरंभ हुआ था। टीकाकरण मुहिम का अगला चरण एक मार्च से आरंभ हुआ, जिसमें 60 साल से अधिक आयु के सभी लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके लगाने शुरू किए गए। देश में 45 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण एक अप्रैल से आरंभ हुआ था और 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण एक मई से शुरू हुआ।

 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का आज हवाई सर्वेक्षण करेंगे,हवाई सर्वेक्षण के बाद अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे

गृहमंत्री अमित शाह  बुधवार शाम देहरादून पहुंचे।जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय मंत्री  अजय भट्ट, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने केन्द्रीय गृहमंत्री का स्वागत किया। अमित शाह आज उत्तराखण्ड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने निकले हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उनके साथ रहेंगे। तकरीबन पौने दो घंटे तक आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद वे साढ़े ग्यारह बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट के राज्य अतिथि गृह पहुंचेंगे। यहां वह एक घंटे अधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न मसलों पर चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान वह अधिकारियों को आपदा से हुए नुकसान पर चर्चा करने के साथ ही व्यवस्था दुरुस्त करने के संबंध में दिशा-निर्देश देंगे। दोपहर में वह जौलीग्रांट एयरपोर्ट से ही दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।

उत्तराखंड में रविवार से अतिवृष्टि व भूस्खलन के कारण बड़े पैमाने पर जानमाल को नुकसान पहुंचा है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेंगे। इसके बाद वह जौलीग्रांट एयरपोर्ट स्थित राज्य अतिथि गृह में अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसमें मुख्यमंत्री समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद रहेंगे।कुमाऊं में बुधवार को बारिश की रफ्तार थमी। सभी जिलों में धूप खिली लेकिन आपदा के जख्म भी रिसते रहे। मंडल के अलग-अलग हिस्सों में सात और मौतों का पता चला जबकि तीन और लोग लापता हो गए। गढ़वाल में तीन और लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही कुमाऊं में आपदा की भेंट चढे़ लोगों की संख्या अब 52 हो जबकि पूरे प्रदेश में 58 हो गई है।आपदा के बाद से ही केंद्र सरकार राज्य की स्थिति पर निगाह बनाए हुए है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसका लगातार अपडेट ले रहे हैं। साथ ही राज्य को आपदा से निपटने के लिए केंद्र से हर संभव सहायता दी जा रही है।

उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी चिंता में है। इसी के मद्देनजर प्रदेश भाजपा ने बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के सभी कार्यक्रम 24 अक्तूबर तक स्थगित कर दिए हैं। शहीद सम्मान यात्रा भी टाल दी गई है। कैबिनेट मंत्रियों ने भी अपने कार्यक्रम टाल दिए हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दूरभाष पर प्रदेश में बारिश के बाद राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों और संगठन के कार्यकर्ताओं को आपदा प्रभावितों की मदद में जुटने का आह्वान किया।कौशिक ने कहा कि प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी और कुलदीप कुमार को समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी के सभी कॉल सेंटर सक्रिय हैं और बूथ स्तर तक जुड़े हैं। कुमाऊं मंडल में जिलाध्यक्ष व संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों को तत्काल टीमें बनाकर प्रभावित स्थलों पर पहुंचकर लोगों की मदद करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर राशन किट, कपड़े और जरूरी सामान जरूरतमंदों को मुहैया कराया जाएगा।

लखीमपुर खीरी हिंसा मामला: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट देरी से भेजने पर जताई नाराजगी,अब 26 अक्टूबर को होगी सुनवाई

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में अब 26 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। इस महीने की शुरुआत में हुई हिंसक घटना के संबंध में एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘राज्य सरकार द्वारा अंतिम क्षणों में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई।अदालत ने कहा है यूपी सरकार इस केस में अपने पैर पीछे खींच रही है। अदालत ने कहा है कि उन्हें ऐसा लगता है कि राज्य सरकार इस मामले में अपने पैर पीछे खींच रही है। भारत के मुख्य न्यायधीश की अगुवाई वाली बेंच ने कहा है कि हमने कल रात तक इंतजार किया, लेकिन रिपोर्ट दाखिल नहीं हुआ। हालांकि, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अदालत को बताया कि रिपोर्ट दाखिल कर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 26 अक्टूबर को टाल दी और कहा कि एक दिन पहले रिपोर्ट देनी चाहिए। बता दें कि इस घटना में चार किसानों और एक पत्रकार सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। अदालत ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया है और पिछली सुनवाई में जांच में असंतोषजनक एक्शन के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की खिंचाई की थी। एक केंद्रीय मंत्री का बेटा भी इस घटना में मुख्य आरोपियों में शामिल है।

यूपी के लखीमपुर हिंसा मामले में जांच से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट दाखिल होने में हुई देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। इस मामले की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने आज कहा है कि इस मामले की जांच में हुई प्रगति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, ‘हमें लगता है कि आप अपने पैर खींच रहे हैं। यह सुनिश्चित करें कि आप गवाहों की रक्षा करेंगे।’ बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई की अगुवाई वाली सर्वोच्च अदालत की बेंच ने कहा, ‘हमने पिछली रात तक इंतजार किया, लेकिन कुछ भी दाखिल नहीं हुआ।’ हालांकि, वकील हरिश साल्वे ने कोर्ट को सूचना दी कि रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही यूपी सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा, ‘हमने एक स्टेटस रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल किया है। सुनवाई शुक्रवार तक टाली जाए।’ इसपर अदालत ने कहा, ‘हमें यह रिपोर्ट अभी-अभी मिली है। हम कल देर शाम तक इंतजार करते रहे हैं। सुनवाई को टाला नहीं जा सकता।’ हालांकि, बाद में यूपी की ओर से सभी जानकारी न देने के कारण मामला अगले हफ्ते तक के लिए टाल दी गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दी। कोर्ट ने कहा कि आपने कुल 44 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं उसमें से सिर्फ चार के बयान ही मजिस्ट्रेट के समक्ष हुए हैं और के बयान भी 164 में दर्ज होने चाहिए। सरकार ने कोर्ट से इसके लिए समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से गवाहों को समुचित सुरक्षा देने को भी कहा।

भारत के मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस एन वी रमना ने सवाल किया है कि , ‘अगर आप सुनवाई से कुछ मिनट पहले दाखिल करेंगे तो हम रिपोर्ट को कैसे पढ़ सकते हैं? हम उम्मीद करते हैं कि यह सुनवाई से कम से कम एक दिन पहले दाखिल की जाएगी। हमने कभी नहीं कहा कि इसे एक सीलबंद कवर में होना चाहिए। कल हमने 1 बजे तड़के तक इंतजार किया। यह क्या है……’ अब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से अगले हफ्ते तक एक ताजा स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘आप कहते हैं कि आपने 44 गवाहों की जांच की है। 4 गवाहों का बयान 164 के तहत के हुआ है। बाकी ने अपना बयान क्यों नहीं दर्ज करवाया है? ‘ सीजेआई ने यह भी पूछा कि इस मामले में अबतक कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हुई घटना में आरोपी माने जाने के छह दिन बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोप लगाया गया कि आरोपी की राजनीतिक संरक्षण को देखते हुए पुलिस ने कार्रवाई में देरी की।पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने एफआइआर में नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं किए जाने और पूछताछ के लिए नोटिस भेजने पर सवाल उठाते हुए पुलिस की जांच पर असंतुष्टि जताई थी। कोर्ट ने निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के लिए मामला किसी और एजेंसी को देने पर भी प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था। हालांकि, आशीष मिश्र को गिरफ्तार कर लिया गया है।

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को मामले पर सुनवाई की। प्रधान न्यायाधीश को भेजे गए पत्रों में आग्रह किया गया था कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए। इसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआइ से भी समयबद्ध तरीके से जांच कराने की मांग की गई थी।

आज उत्तराखंड आएंगे अमित शाह, बारिश से हुए नुकसान का लेंगे जायजा, गुरुवार को उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का करेंगे हवाई सर्वेक्षण करेंगे

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार की शाम उत्तराखंड पहुंचेंगे। वह यहां आपदा को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे और पूरी स्थिति का जायजा लेंगे। गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।गृहमंत्री अमित शाह बुधवार को राजभवन या बीजापुर गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगे। इसके बाद गुरुवार को वह आपदा ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने शाह के दौरे की पुष्टि की है। राज्य में भारी बारिश के कारण राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करेंगे।गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक वह बुधवार शाम को देहरादून जाएंगे और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ कई बैठकें करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि वह गुरुवार सुबह राज्य के बाढ़ प्रभावित हिस्सों का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे।गृह मंत्री राज्य की राजधानी पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शीर्ष अधिकारियों और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ जारी राहत कार्यो की प्रगति पर चर्चा करेंगे।

उत्तराखंड राज्य रविवार से जारी भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बाढ़ या भूस्खलन के कारण 50 लोगों की मौत हुई है और अभी भी कई लोग लापता हैं। वायुसेना और एनडीआरएफ की टीमें राहत बचाव अभियान में लगीं हुईं हैं।उनमें से कई के मलबे में दबे होने की आशंका है।मकान, पुल और सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। भारतीय सेना के तीन हेलीकॉप्टरों को बचाव कार्यो के लिए तैनात किया गया है, जबकि राज्य और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बलों को राहत और बचाव कार्यो के लिए पहले ही लगाया जा चुका है।

एनडीआरएफ के अधिकारियों के मुताबिक, राज्य में 15 स्व-निहित टीमों को तैनात किया गया है। इनमें से छह टीमें ऊधमसिंह नगर जिले में, दो-दो टीमें उत्तरकाशी और चमोली में और एक-एक टीम देहरादून, पिथौरागढ़ और हरिद्वार में लगाई गई है। इसी तरह नैनीताल में भी एक पूरी टीम और अल्मोड़ा में एक सब टीम तैनात है।

मुख्यमंत्री धामी नुकसान का आकलन करने के लिए अपने अन्य कैबिनेट सहयोगियों के साथ हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं और बचाव और राहत कार्यो के लिए राज्य के अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं।शाह ने सोमवार को धामी से बात की और इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आपदा की वजह से जान गंवाने वालों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा भी की। सीएम ने डीएम को निर्देश दिए कि अतिवृष्टि पीड़ितों के साथ ही उत्तराखंड आए यात्रियों को हर संभव सहयोग और सहायता दी जाए। आपदा की संवेदनशीलता को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, जिला आपदा प्रबंधन, एसडीआरएफ एवं आपदा से सम्बंधित सभी विभागों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए गढ़वाल राइफल्स के सूबेदार अजय सिंह रौतेला को सैन्य सम्मान के साथ सैकड़ों नम आंखों ने ऋषिकेश के चंद्रेश्वर मोक्ष धाम घाट पर अंतिम विदाई दी

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए गढ़वाल राइफल्स और वर्तमान में 48 राष्ट्रीय राइफल के सूबेदार अजय सिंह रौतेला को सैन्य सम्मान के साथ सैकड़ों नम आंखों ने अंतिम विदाई दी ऋषिकेश के चंद्रेश्वर मोक्ष धाम घाट पर वीर सपूत पंचतत्व में विलीन हुआ। उनके बड़े पुत्र अरुण रौतेला ने उन्हें मुखाग्नि दी।

17 गढ़वाल राइफल्स और वर्तमान में राष्ट्रीय राइफल 48 के शहीद सूबेदार अजय सिंह रौतेला का पार्थिव शरीर सोमवार की सुबह उनके पैतृक गांव रामपुर पहुंच गया। इस दौरान उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ पहुंची। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मौके पर जो भी मौजूद रहा, उसकी आंखें ये मंजर देख भर आईं। इससे पहले शहीद का पार्थिव शरीर रविवार दोपहर 2.30 बजे सेना के हवाई जहाज से जौलीग्रांट हवाई अड्डा पहुंचा। हवाई अड्डे पर सीएम पुष्कर सिंह धामी, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी सहित जनप्रतिनिधियों और आला अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए।14 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में टिहरी जिले के दो सैनिक शहीद हुए थे। जिसमे खाड़ी टिहरी गढ़वाल निवासी सूबेदार अजय सिंह रौतेला (46 वर्ष) ने भी मातृभूमि के लिए महान शहादत दी।

रविवार को शहीद अजय सिंह रौतेला का पार्थिव शरीर जौलीग्रांट पहुंच गया था। जहां से सोमवार की सुबह शहीद अजय सिंह रौतेला के पार्थिव शरीर को उनके मूलगांव ले जाया गया। अंतिम दर्शन के पश्चात शहीद की अंतिम यात्रा दोपहर 12 बजे ऋषिकेश के चंद्रेश्वर मुक्तिधाम पहुंची।

मुक्तिधाम में सेना की 306 आर्टलरी फील्ड रेजीमेंट की टुकड़ी ने शहीद अजय सिंह रौतेला को शास्त्र सलामी दी। भारतीय सेना की ओर से आर्टिलरी फील्ड रेजीमेंट के कर्नल अजय कौशिक व राष्ट्रीय रायफल के सूबेदार योगेंद्र नेगी ने उन्हें पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कर्नल अजय कौशिक ने शहीद के पुत्र अरुण रौतेला को राष्ट्रीय ध्वज भेंट किया।

प्रदेश सरकार की ओर से विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने अमर शहीद को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। प्रशासन की ओर से जिलाधिकारी टिहरी ईवा श्रीवास्तव, एडिशनल एसपी राजन कुमार, पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र नगर आरके चमोली पुलिस उपाधीक्षक ऋषिकेश डीसी धौंडियाल, नरेंद्र नगर के पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत, सूबेदार प्रेमाराम, ऋषिकेश नगर निगम महापौर अनीता ममगांई, अजय के चाचा जबर सिंह रौतेला, उप जिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी, ऋषिकेश की उप जिला अधिकारी अपूर्वा, तहसीलदार अमृता शर्मा आदि ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

शहीद अजय सिंह रौतेला के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम मुनिकिरेती के होना तय किया गया था। यहां पर सेना की ओर से तैयारियों की की गई थी। मगर, सुबह से लगातार बारिश के कारण अंत में अंतिम संस्कार के लिए ऋषिकेश मुक्तिधाम को चुना गया।

शहीद अजय सिंह रौतेला का पार्थिव शरीर जब मुक्तिधाम पहुंचा तो यहां पहले से ही उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में नागरिक व जनप्रतिनिधि पहुंचे थे। नागरिकों ने शहीद के सम्मान में जब तक सूरज चांद रहेगा अजय रौतेला नाम रहेगा…, अजय रौतेला तुम्हारा बलिदान नहीं भूलेगा हिंदुस्तान…, अजय रौतेला जिंदाबाद…, भारत माता की जय… और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। गगनभेदी नारों से पूरा माहौल गूंज उठा।

जम्मू कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में 14 अक्तूबर को टिहरी जिले के दो सैनिक शहीद हो गए थे। विमाण गांव के राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी का शनिवार को कोटेश्वर घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। वहीं सूबेदार अजय सिंह रौतेला (46) के शहादत की शनिवार देर शाम सेना और प्रशासन की ओर से पुष्टि की गई।

 

किसानों के रेल रोको आंदोलन से देशभर में 30 जगहों पर असर, हजारों यात्री परेशान

तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले करीब एक साल से विरोध प्रदर्शन जारी है।किसानों ने लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचल कर मारने की घटना और उस मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा मांगते हुए यह रेल रोको आंदोलन करने का ऐलान किया था।  रेल रोको आंदोलन के तहत सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक देश भर में जगह-जगह ट्रेनें रोकने की घोषणा की गई है। हालांकि यूपी, हरियाणा और पंजाब के रेलवे स्टेशनों पर कड़ी सुरक्षा की गई है। लखनऊ पुलिस ने रेलवे परिचालन में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। किसान संगठनों ने बताया कि आंदोलन को सफल बनाने के लिए ड्यूटी निर्धारित कर दी गई हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान संगठनों ने उचाना, बरसोला, जुलाना और नरवाना में ट्रैक जाम कर दिए हैं। सुबह 10 से चार बजे तक आंदोलनकारी किसान रेलवे ट्रैक पर धरना देंगे। सुबह सवा 10 बजे जम्मू तवी एक्सप्रेस दिल्ली की तरफ जाती है। 11 बजे इंटरसिटी एक्सप्रेस पुरानी दिल्ली की तरफ जाती है। दोपहर सवा एक बजे कुरुक्षेत्र से जींद पैसेंजर ट्रेन पहुंचती है। वहीं दिल्ली की तरफ से आने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस दोपहर तीन बजकर 20 मिनट पर जींद जंक्शन पहुंचती है। ट्रैक बाधित होने के कारण ये ट्रेन नहीं आ पाएंगी। किसानों के रेल रोको आंदोलन के चलते प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं। चारों रेलवे स्टेशन पर पुलिस तैनात है। ताकि कोई शरारती तत्व रेलवे की संपत्ति को नुकसान ना पहुंचा सके।

किसानों के रेलवे ट्रैक पर बैठने के कारण 30 जगहों पर प्रभाव पड़ा है। उत्तर रेलवे का कहना है कि 7 ट्रेनों को डेस्टिनेशन के पहले रोकना पड़ा है। जबकि एक ट्रेन को रद्द कर दिया गया है।भारतीय किसान यूनियन ने पश्चिमी यूपी के मोदीनगर और मुजफ्फरनगर में भी ट्रेनों को कुछ वक्त के लिए रोका।

ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर में किसान संगठन के किसानों ने ट्रेन रोककर विरोध प्रदर्शन करने के लिए काशीपुर फ्लाईओवर के नीचे पहुंचे। गरीब रथ ट्रेन के आने का समय देख किसान पटरी पर धरने पर बैठ गए हैं। किसानों ने कहा कि जब तक कृषि कानून हटाए नहीं जाते आंदोलन जारी रहेगा। किसान पीछे हटने वाले नहीं है । इधर किसानों को इकट्ठा होते देख रेलवे पुलिस मौके पर पहुंच गई है। इस मौके पर किसान नेता सलविंदर सिंह कलसी शैतानी मौजूद थे।

दिल्ली और एनसीआर में तेज बारिश के बीच यह किसान आंदोलन हो रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और इस दौरान किसी भी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ न करने की हिदायत पहले ही दे दी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि बंद के दौरान आवश्यक और आपात सेवाओं को किसी तरह बाधित नहीं किया जाएगा।

किसानों ने जब पिछली बार भारत बंद बुलाया था तब पंजाब, हरियाणा, बिहार समेत कई जगहों पर ट्रेनें रोकी गई थीं और हाईवे जाम किए गए थे। हाईवे जाम होने के कारण कई जगहों पर भारी जाम की भी समस्या सामने आई थी। वहीं रेलवे ने एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया था।

किसानों ने लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचल कर मारने की घटना और उस मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा मांगते हुए यह रेल रोको आंदोलन करने का ऐलान किया था। इससे पहले किसान नेताओं ने लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए अंतिम अरदास की थी।इसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांध समेत तमाम विपक्षी नेता शामिल हुए थे। लखीमपुर खीरी कांड में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को आरोपी बनाया गया है और उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि किसान अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं।

 

रक्षा मंत्री ने गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की संगोष्ठी को संबोधित किया,पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ की

रक्षा मंत्री ने गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की संगोष्ठी को संबोधित किया। इस दौरान उन्‍होंने राष्ट्रीय विकास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया। इसमें इंदिरा के अलावा और कई महिलाओं का जिक्र किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सेमिनार को संबोधित किया। संबोधन में रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल कई साल तक देश की कमान संभाली, बल्कि युद्ध के समय भी नेतृत्व किया।

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में रानी लक्ष्मीबाई और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का भी जिक्र किया और कहा कि राष्ट्रीय विकास में महिला शक्ति की भूमिका को लेकर भारत का अनुभव सकारात्मक रहा है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका पर बातचीत करना ठीक है, लेकिन सुरक्षा और राष्ट्र-निर्माण के सभी क्षेत्रों में उनके व्यापक योगदान को पहचाना जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘देश की रक्षा और लोगों के अधिकारों के लिए इतिहास में महिलाओं के हथियार उठाने के अनेक उदाहरण हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने न केवल कई वर्षों तक देश का नेतृत्व किया। उन्होंने युद्ध के समय भी ऐसा किया। हाल ही में प्रतिभा पाटिल भारत की राष्ट्रपति और भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर थीं। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 का युद्ध जीता, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ। सिंह ने कहा कि पालक और रक्षक के तौर पर सदियों से महिलाएं भूमिका निभाती आ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘सरस्वती ज्ञान, बुद्धि और शिक्षा की देवी हैं, तो मां दुर्गा रक्षा, शक्ति, विनाश और युद्ध की देवी हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है जिन्होंने सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी के लिए जल्द पहल की और महिलाओं की भर्ती स्थायी कमीशन के रूप में सेना में होने लगी है। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘महिलाएं 100 साल से अधिक समय से भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवा में गौरव के साथ सेवाएं दे रही हैं। भारतीय सेना में महिला अधिकारियों की भर्ती 1992 में शुरू हुई थी। अब सेना की अधिकतर शाखाओं में महिला अधिकारियों की भर्ती की जाने लगी है।’’ उन्होंने कहा कि अगले साल से महिलाएं राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगी।

चीफ आफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि आज दुनिया के हर देश में महिलाएं आर्म्‍ड फोर्स में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवाएं दे रही हैं। भारतीय सेना में महिला सैनिकों का प्रशिक्षण कठिन है और इससे विभिन्न परिस्थितियों में उन्हें अपने कार्यों को अंजाम देने में मदद मिली है। आज, युद्ध के नजरिए से पुरुषों और महिलाओं की भूमिका के बीच का अंतर धुंधला होता जा रहा है… महिलाओं ने अपनी क्षमताएं साबित की है और वे भविष्य में भी ऐसा ही करती रहेंगी।उन्‍होंने ये बात एससीओ -इंटरनेशनल वेबिनार में सशस्‍त्र सेना में महिलाओं की भूमिका के विषय पर बोलते हुए कही है।

तेलंगाना, केरल और ओडिशा हाई कोर्टो में 14 नए जजों की नियुक्ति हुई,न्याय विभाग ने जारी की नामों की सूची

नई दिल्ली :- देश के तीन अलग-अलग हाई कोर्ट में बुधवार को 14 नए जजों की नियुक्ति की गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश के चीफ जस्टिस (CJI) की सलाह पर इन जजों की नियुक्ति को मंजूरी दी। नव नियुक्त जजों में 12 न्यायिक अधिकारी, एक अधिवक्ता और एक आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के सदस्य हैं। कानून मंत्रालय में न्याय विभाग ने इन नियुक्तियों की सूची जारी की। इनमें सात जजों की नियुक्ति तेलंगाना हाई कोर्ट, चार की केरल हाई कोर्ट और तीन की ओडिशा हाई कोर्ट में की गई है। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण की सदस्य पी. माधवी देवी को तेलंगाना हाई कोर्ट में जज नियुक्त किया गया है। इससे पहले भी न्यायाधिकरणों के सदस्यों को हाई कोर्ट में जज नियुक्त किया जाता रहा है। ये सदस्य अधिवक्ता होते हैं जो क्षेत्र विशेष के विशेषज्ञ होते हैं। इनमें एक वकील और बाकी न्यायिक अधिकारी हैं। इससे पहले मंगलवार को भी तीन हाई कोर्ट में 17 नए जजों की नियुक्ति की गई थी।

बुधवार को हुई नियुक्तियों में, तेलंगाना हाई कोर्ट में पी श्री सुधा, सी सुमालता, जी राधा रानी, एम लक्ष्मण, एन तुकारामजी, ए. वेंकटश्वर रेड्डी, पी माधवी देवी को बतौर जज नियुक्त किया गया है। इसके अलावा उड़ीसा हाई कोर्ट में मृगांका शेखर साहू, राधा कृष्ण पटनायक, शशिकांत मिश्रा जज बनाए गए हैं। केरल हाई कोर्ट में चंद्रशेखरन कार्ता जयचंद्रन, सोफी थॉमस, पीवी गोपाल पिल्लई अजीत कुमार, चंद्रशेखरन सुधा को अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा पिछले महीने सरकार को विभिन्न नामों की अनुशंसा भेजे जाने के बाद चौथी बार हाई कोर्ट में नियुक्तियां हुई हैं। मंगलवार को इलाहाबाद, मद्रास और गुवाहाटी हाई कोर्ट में जिन जजों की नियुक्तियां हुई हैं उनमें 15 वकील हैं और दो न्यायिक अधिकारी हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट में 9, गुवाहाटी हाई कोर्ट में 5 और मद्रास उच्च न्यायालय में चार जजों की नियुक्ति की गई।

सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने 8 अगस्त से 1 सितंबर के बीच विभिन्न हाई कोर्ट की अनुशंसा पर 100 नामों पर विचार किया था और 12 उच्च न्यायालयों में जज के तौर पर नियुक्ति के लिए सरकार के पास 68 नाम भेजे थे। इसके बाद सरकार को कुछ और नाम भेजे गए। 11 अक्टूबर को भी 3 वकीलों और 2 न्यायिक अधिकारियों को राजस्थान हाई कोर्ट में जज के पद पर पदोन्नत किया गया। उसी दिन 7 जजों का विभिन्न उच्च न्यायालयों में तबादला किया गया।

कॉलेजियम की अनुशंसा के आधार पर 9 अक्टूबर को 8 जजों को हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस के पद पर पदोन्नत किया गया था और 5 उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों का तबादला किया गया था। इससे पहले, 5 अक्टूबर को 11 उच्च न्यायालयों के 15 जजों का तबादला हुआ था. इन तबादलों के लिए उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम ने पिछले महीने अनुशंसा की थी।

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज रंजन गुप्ता को पटना हाई कोर्ट भेजा गया है। जस्टिस टी. एस. शिवागनानम को मद्रास हाई कोर्ट से कलकत्ता उच्च न्यायालय भेजा गया है। इसी तरह, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट भेजा गया है। कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस पी. बी. बैजन्त्री और राजस्थान उच्च न्यायालय के जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा को पटना हाई कोर्ट भेजा गया है। तेलंगाना हाई कोर्ट के जस्टिस टी. अमरनाथ गौड का त्रिपुरा उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जस्टिस सुभाष चन्द्र का तबादला झारखंड हाई कोर्ट में किया गया है।

कानून मंत्रालय के न्याय विभाग ने नई नियुक्तियों और पदोन्नतियों की अलग-अलग सूचियां जारी की हैं। उच्च न्यायपालिका में नियुक्ति प्रक्रिया के जानकर लोगों का कहना है कि हाल के दिनों में एक दिन में इतने जजों की नियुक्ति नहीं की गई है।