उत्तराखंड में धामी सरकार के 100 दिन हुए पूरे, 2025 तक उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने का प्रयास

 उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दूसरे कार्यकाल का 100 दिन बृहस्पतिवार को पूरा हो गया    मुख्यमंत्री धामी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं अपने प्रदेश की सवा करोड़ जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हम 2025 तक उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने हेतु प्रतिबद्ध हैं और पूर्ण समर्पण भाव के साथ इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं । हमने 100 दिन में अच्छा कार्य किया है और आगे भी अच्छा कार्य करने के साथ नया कीर्तिमान बनायेंगे। समृद्ध तथा आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण किया जाएगा।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपने हर वादे को पूरा करने में जुटे हैं। जनवरी में हुए विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को लगातार दूसरी बार जीत मिली थी लेकिन धामी खुद अपनी सीट खटीमा से हार गए थे। बाद में चंपावत सीट पर 31 मई को हुए उपचुनाव में उन्होंने 55 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की।

 उन्होंने कहा कि 100 दिन में हमने राज्य के विकास की जो आधारशिला रखी है, वह 2025 में उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में मील का पत्थर साबित होगी। इसके लिए विभागों को अगले पांच वर्षों में पर्यटन, पलायन, स्वरोजगार, अवस्थापना विकास सहित राज्य की तरक्की से जुड़े क्षेत्रों में किए जाने वाले कार्यों की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है। सभी विभागों से विकास का रोडमैप मांग लिया गया है जिस पर सरकार आने वाले सालों में अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अंतोदय परिवारों को साल में तीन सिलिंडर मुफ्त दिए, बुजुर्ग दंपत्तियों, दिव्यांगों, वृद्धों आदि की पेंशन में बढ़ोतरी की।राज्य में समान नागरिक संहिता लागू होगी जिसके लिए हमने समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए एक कमेटी बनाई है। उत्तराखंड भ्रष्टाचार मुक्त होगा तो कार्यसंस्कृति में सुधार आएगा। जिस प्रकार आय से अधिक संपत्ति के मामले में आईएएस अधिकारी डॉ. रामविलास यादव को जेल की हवा खिलाई गई।

विपक्ष : ‘पूरी तरह विफल है सरकार’

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने धामी सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल को पूरी तरह विफल करार दिया और कहा, ”मात्र घोषणाएं करने से उपलब्धियां हासिल नहीं होतीं।” प्रति व्यक्ति कर्ज के मामले में प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। 2017 में उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति कर्ज 35,000 रूपये था जो 2022 तक भाजपा सरकार ने एक लाख चार हजार करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया।’’ उन्होंने कहा, ”धामी सरकार चारधाम यात्रा से लेकर विकास के मुददे तक हर मामले में विफल रही है। सरकार का बजट 2000 करोड रूपये के घाटे में है।”

अग्निपथ योजना के विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत ने वरिष्ठ नागरिकों सहित किया सत्याग्रह, तथा अग्निपथ योजना की खामियों को जनता तक पहुंचाने की बात कही

केन्द्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में उत्तराखंड मे कांग्रेस ने सोमवार को सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में प्रदर्शन धरना व पुतला दहन किया जिसको कांग्रेस ने सत्याग्रह नाम दिया है। जिसका नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने किया। इस दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत सहित पार्टी के सभी सीनियर नेता और पदाधिकारी मौजूद रहे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि ये योजना युवाओं के लिए अग्निपथ नहीं बल्कि बर्बादी का पथ है। अग्निपथ को युवाओं के साथ धोखा बताने के साथ ही उन्होंने इसे देशहित के भी खिलाफ बताया। इससे पहले हरीश रावत ने सोशल मीडिया में अपने कुछ दोस्तों का जिक्र करते हुए साझा किया कि उन्होंने ”अग्निपथ के विरुद्ध वरिष्ठ नागरिक अभियान” प्रारंभ किया है। इसमें वह वरिष्ठ नागरिकों के साथ एक गर्वनर हाउस तक पदयात्रा करेंगे। जिसमें 60 साल के ऊपर के लोग अपना प्रतीकात्मक विरोध दर्ज करेंगे।

हरीश रावत का कहना है वे अभियान के तहत कुछ उप अभियान भी प्रारंभ करेंगे । पहले उप अभियान के माध्यम से प्रधानगणों से अपील की गई है कि प्रधानमंत्री से कहें कि मेरे गांव के नौजवानो का भविष्य बचाएं। दूसरा उप अभियान माताओं और बहनों की ओर से संचालित होगा, जिसमे वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगी ।और तीसरा उप अभियान, पूर्व सैनिकगण जो आग्रह करेंगे कि मोदी जी हमारे प्रदेश की सैन्य परंपरा का सम्मान करिए, उसकी रक्षा करिये। अग्निपथ योजना को वापस लीजिये।

कांग्रेस के इस सत्याग्रह पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि कांग्रेस अग्नीपथ योजना को लेकर युवाओं को गुमराह कर रही है। मंत्री के अनुसार उत्तराखंड के युवा कांग्रेस के बहकावे में नहीं आने वाले हैं।उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जिस तरह पहले कई मुद्दों पर राजनीति करने की कोशिश की लेकिन उन्हें इसका कोई फायदा नहीं मिला। उसी तरह से अग्निपथ मुद्दे पर भी राजनीति कर युवाओं को बहकना चाहती है, लेकिन उत्तराखंड के युवा कांग्रेस के बहकावे में नहीं आने वाले हैं।

 

देहरादून में कई सालों से मेट्रो का इंतज़ार अब ख़त्म, क्या हरिद्वार और ऋषिकेश में भी कोई प्लान है?

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ट्रैफिक के बढ़ते दबाव के कारण 6 साल पहले मेट्रो लॉन्च करने की योजना बनाई गई थी. कई कारणों के चलते यह सिर्फ योजना ही बन कर रह गयी . अब मेट्रो का छोटा रूप मेट्रो नियो  (ट्राम) चलाने की तैयारी हो रही है.  करीब  22 किलोमीटर लंबे रूट प्रोजेक्ट को राज्य सरकार से मंज़ूरी मिलने के बाद इसे केंद्र सरकार के अप्रूवल के लिए भेजा गया है. अब उम्मीद की जा रही है कि अक्टूबर तक इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को केंद्र हरी झंडी दे सकता है.

इस साल अक्टूबर तक देहरादून को एक नए ट्रांसपोर्ट सिस्टम मेट्रो नियो या ट्राम (Tram) की सौगात मिल सकती है. राज्य सरकार से इस प्रोजेक्ट को मंज़ूरी मिलने के बाद इसे केंद्र सरकार के अप्रूवल के लिए भेजा गया है और मेट्रो प्रोजेक्ट के अधिकारी पूरी उम्मीद जताने के साथ ही उत्साह के साथ ये भी बता रहे हैं कि इसके बाद हरिद्वार और ऋषिकेश में किस तरह के प्लान आने वाले हैं.

देहरादून में मेट्रो नियो के दो कॉरीडोर 
पहला कॉरीडोर – ISBT से सहारनपुर रोड, पथरीबाग, गांधी रोड से परेड ग्राउंड तक होगा
दूसरा कॉरीडोर – FRI मेन गेट से घंटाघर, ईसी रोड, रिस्पना ब्रिज, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री और रायपुर सिटी बस अड्डे तक होगा.

हरिद्वार में वैकल्पिक ट्रांसपोर्ट के रूप में पॉड टैक्सी चलाने के प्रोजेक्ट को उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने मंजूरी दे दी है. अब इसे फाइनल सेंक्शन के लिए शासन को भेजा जा रहा है.  पीपीपी मोड पर बनने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए हरिद्वार में करीब 23 किलोमीटर लंबा ट्रेक बनाया जाएगा. इसके अलावा कॉरपोरेशन हरिद्वार में हर की पौड़ी से चंडी देवी तक रोपवे भी लगाने जा रहा है.

 

लाॅ प्रेप टयूटोरियल देहरादून के हर्षित को क्लैट में ऑल इंडिया 4वीं रैंक, हरिद्वार निवासी आयुष को 74वा स्थान

देहरादून : क्लैट के परिणाम में छाए उत्तराखंड के होनहार।दून के हर्षित गुप्ता को मिली ऑल इंडिया 4वीं रैंक और उत्तराखंड टाॅपर। हरिद्वार के आयुष गैरोला को ऑल इंडिया 74 वीं रैंक और हरिद्वार टाॅपर। क्लैट के जरिए 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में मिलता है प्रवेश।कई निजी संस्थान भी क्लैट के रैंक पर देते हैं दाखिला।ऑल इंडिया 4वीं रैंक हासिल करने वाले जाखन निवासी हर्षित गुप्ता ने इसी साल बारहवीं की परीक्षा दी है।वह दून इंटरनेशनल स्कूल के छात्र हैं।जिसका परिणाम अभी नहीं आया है।उनके पिता सतपाल गुप्ता ऑर्डनेंस इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग में फैकल्टी हैं।मां ऋतु गुप्ता गृहिणी हैं।कॉमर्स के छात्र हर्षित बताते हैं कि उन्हें वाद विवाद, समसामयिक विषयों के अध्ययन में रुचि है।वह परंपरागत करियर नहीं चुनना चाहते थे।विधि क्षेत्र में उनकी रुचि 11वीं में हुई।जिसपर उन्होंने क्लैट की तैयारी की।वह पहले ही प्रयास में सफल हुए और रैंक भी अच्छी मिली।इस रैंक में उन्हें शीर्ष के विधि विश्वविद्यालय एनएलएस बेंगलुरु में दाखिला मिल जाएगा।हर्षित की बड़ी बहन ईशा एमबीबीएस कर रही हैं।वह आईजीएमसी (इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल)शिमला में द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं।

वहीं 74वीं रैंक हासिल करने वाले रोशनाबाद हरिद्वार निवासी आयुष गैरोला ने भी इसी साल बारहवीं की परीक्षा दी है।वह डीपीएस रानीपुर में कला वर्ग के छात्र हैं।उनके पिता राकेश चंद्र गैरोला चीफ फार्मासिस्ट हैं और वर्तमान में जिला कारागार हरिद्वार में तैनात हैं।आयुष की मां संगीता गृहणी हैं।आयुष के अनुसार उनका शुरू से ही विधि क्षेत्र में रुझान था।उनके दादा (पिता के चाचा) डीपी गैरोला जिला जज रहे हैं।उनसे काफी प्रेरणा मिली और समय समय पर मार्गदर्शन भी।आयुष का बड़ा भाई प्रत्युष आईआईटी मद्रास से इंजीनियरिंग कर रहा है।बड़े भाई ने भी हमेशा उन्हें प्रेरित किया।हर्षित और आयुष ने क्लैट की तैयारी लॉ प्रेप टयूटोरियल देहरादून से की है।संस्थान के निदेशक एसएन उपाध्याय ने दोनों छात्रों को इस उपलब्धि पर बधाई दी है।

केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ का विरोध इस कदर बढ़ा कि जगह-जगह आगजनी की घटनाएं देखने को मिलीं. विरोध की इस आग में सबसे ज्यादा नुकसान रेलवे को हुआ प्रदर्शनकारियों ने रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और दर्जनों ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया. अग्निपथ के विरोध प्रदर्शन में अब तक रेलवे को एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.

केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ का विरोध इस कदर बढ़ा कि जगह-जगह आगजनी की घटनाएं देखने को मिलीं. विरोध की इस आग में सबसे ज्यादा नुकसान रेलवे को हुआ प्रदर्शनकारियों ने रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और दर्जनों ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया. अग्निपथ के विरोध प्रदर्शन में अब तक रेलवे को एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.

जबकि, एक दशक में सवा चार सौ करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं. इससे पहले इसी साल जनवरी में RRB-NTPC एग्जाम के रिजल्ट को लेकर भी अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था. उस समय भी रेलवे की करोड़ों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था.

इस साल रेलवे की संपत्ति का नुकसान हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा होने का अनुमान है. प्रदर्शनकारियों के ट्रेनों को जलाने और पटरियों को नुकसान पहुंचाने से रेलवे को नुकसान तो हो ही रहा है, टिकट कैंसिल करवाने और रिफंड करने से भी उसे नुकसान उठाना पड़ रहा है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, 60 करोड़ से से ज्यादा यात्री टिकट कैंसिल करवा चुके हैं.

राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में प्रवेश कें लिए क्लैट (clat 2022) परीक्षा आज,देहरादून में एक परीक्षा केंद्र

देश के 22 नैशनल विधि विश्वविद्यालय में 2700 सीटों के लिए आयोजित होने वाली क्लैट (clat 2022) परीक्षा आज रविवार को दोपहर 2 बजें से 4 बजें तक आई.एम.एस. राजपुर रोड, देहरादून में हो रहा हैं।इस बार देहरादून मे केवल एक परीक्षा केंद्र बनाया गया हैं जिसमें लगभग 1300 अभ्यर्थी परीक्षा दे रहें हैं।


कोविड गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य होगा। अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र पर 1:30 बजे तक पहुंचना होगा।केंद्र पर 2:30 के बाद प्रवेश नही मिलेगा।
क्लैट (Clat) विशेषज्ञ लाॅ प्रेप दून के निदेशक एस.एन.उपाध्याय ने बताया कुल 150 मार्क्स के लिए 120 मिनट का समय निर्धारित हैं।इंग्लिश,समान ज्ञान, लाॅजिकल रीजनिग,लीगल रीजनिग और डाटा इटरंपिरटेशन सम्बन्धित प्रश्न होगें।पेपर पूरी तरह कंपिहेंसिव होगा,जबकि कंरट अफेयर और लीगल का हिस्सा 25-25 प्रतिशत होगा।लाॅजिकल रीजनिग और इंग्लिश का 20-20 प्रतिशत और डेटा इंटरप्रिटेशन में 10 प्रतिशत सवाल होगें।गलत उत्तर देनें में 0.25 अंक कटेंगा।

गढ़वाल यूनिवर्सिटी सहित पूर्वोत्तर के विश्वविद्यालय को मिली इस साल CUET से राहत, इस साल पूर्व की व्यवस्था के तहत होंगे एडमिशन

कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) जुलाई के अंतिम सप्ताह में आयोजित होगा। ये पोस्‍ट ग्रेजुएशन प्रवेश के लिए पहली बार आयोजित होने वाली कंप्यूटर आधारित परीक्षा है। यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमारएनटीए इन परीक्षाओं को अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में आयोजित किया जा रहा है। अप्‍लीकेशन जमा करने की आखिरी तारीख 18 जून है।एडमिशन के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन विंडो भी गुरुवार, 19 मई से ही शुरू हो रही है।

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित पूर्वोत्तर के विश्वविद्यालय में इस साल एडमिशन को बड़ी राहत दी है यूजीसी की ओर से जारी एक पत्र के मुताबिक इन विश्वविद्यालय के कॉलेजों में इस साल पूर्व की व्यवस्था के तहत एडमिशन की छूट रहेगी हालांकि यह छूट केवल इस वर्ष के लिए है

यूजीसी के इस पत्र के बाद गढ़वाल विश्वविद्यालय से एफिलिएटिड डीएवी, डीबीएस, एमकेपी, एसजीआरआर पीजी कॉलेज सहित जितने भी प्राइवेट पैरामेडिकल व अन्य कॉलेज हैं, सभी में पूर्व की व्यवस्था के तहत एडमिशन होंगे। इनमें से किसी भी कॉलेज में सीयूईटी एग्जाम की जरूरत नहीं है।

 

Uttarakhand CUET admission

इन यूनिवर्सिटी को मिली इस साल CUET से राहत
HNB Garhwal Central University
Sikkim University
Rajiv Gandhi University,
Manipur University,
Assam University.
Nagaland University,
Tripura University,
Mizoram University,
NEHU

भारत में होने वाली एशियन फिजिक्स ओलंपियाड 2022 के आयोजन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्टीयरिंग कमेटी ने देहरादून के ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी और ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी को संयुक्त रूप सौंपी गयी है, 28 देशों के 220 ओलंपियाड में प्रतिभाग करेंगे

एशियन फिजिक्स ओलंपियाड 2022 के आयोजन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्टीयरिंग कमेटी ने ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी और ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी संयुक्त रूप सौंपी गयी है।

भारत में 23 से 31 मई, 2022 तक देहरादून में होने वाले 22वें एशियाई भौतिकी ओलंपियाड (एपीएचओ – 2022) का मेजबान बनकर सम्मानित महसूस कर रहा है। आयोजन समिति की ओर से, सभी देशों की टीमों को आमंत्रित करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है। APhO-2022 में भाग लेने के लिए एशिया और ओशिनिया क्षेत्रों में। इसका आयोजन इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर्स द्वारा होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन के माध्यम से परमाणु ऊर्जा विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, देहरादून में एक नोडल केंद्र के साथ किया जा रहा है।

पिछले 2 वर्षों में हम सभी COVID-19 महामारी के कठिन समय से गुजरे हैं, और एशियन फिजिक्स ओलंपियाड के आयोजन का एक बड़ा प्रभाव पड़ा है। एशियन फिजिक्स ओलंपियाड 2020 को 2021 में स्थानांतरित कर दिया गया है और इसे ऑनलाइन आयोजित किया गया था। देशों और समय क्षेत्रों में ऑनलाइन प्रतियोगिताओं की मेजबानी करने के लिए कोई आसान चुनौती नहीं है। मैं इस महामारी के दौरान एपीएचओ की मेजबानी करने की भारत की इच्छा के लिए आभारी हूं, मेरा मानना ​​है कि भारत एक महान एपीएचओ की मेजबानी कर सकता है। मुझे आशा है कि आयोजन सुचारू रूप से और सफलतापूर्वक चलेगा।

भारत सरकार की साइंस ओलंपियाड के लिए बनी राष्ट्रीय स्टीयरिंग कमेटी ने ओलंपियाड के सफल आयोजन का दायित्व भारतीय भौतिक शिक्षा परिषद, ग्राफिक एरा हिल और ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी को सौंपा है। ओलंपियाड आयोजन समिति के सचिव, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डॉ रवि एस भट्टाचार्य ने बताया कि इस बार भारत सहित ऑस्ट्रेलिया ब्राजील, हांगकांग, मलेशिया, चीन, रूस आदि 28 देशों के 220 विद्यार्थी और वैज्ञानिक ओलंपियाड में प्रतिभाग करेंगे।

10 साल बाद भारत में यह ओलिंपियाड किया जा रहा है और उसके लिए ग्राफिक एरा को चुनकर दुनिया के शीर्ष भौतिक वैज्ञानिकों के समुदाय ने ग्राफिक एरा की शिक्षा की उच्च स्तरता पर अपनी मुहर लगा दी। यह शिक्षकों और छात्र छात्राओं के लिए कुछ नया सीखने का एक बेहतरीन मौका होगा ।आयोजन की तैयारियां को अंतिम रुप दिया जा रहा है और इस आयोजन को लेकर ग्राफिक एरा बहुत उत्साहित है।

भारत सरकार की साइंस ओलंपियाड के लिए बनी राष्ट्रीय स्टीयरिंग कमेटी ने ओलंपियाड के सफल आयोजन का दायित्व भारतीय भौतिक शिक्षा परिषद, ग्राफिक एरा हिल और ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी को सौंपा है। ओलंपियाड आयोजन समिति के सचिव, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डॉ रवि एस भट्टाचार्य ने बताया कि इस बार भारत सहित ऑस्ट्रेलिया ब्राजील, हांगकांग, मलेशिया, चीन, रूस आदि 28 देशों के 220 विद्यार्थी और वैज्ञानिक ओलंपियाड में प्रतिभाग करेंगे।

हर देश की टीम में वहां के टॉप 8 छात्र-छात्राएं शामिल हैं जो ऑनलाइन माध्यम से ओलंपियाड में शामिल रहेंगे। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ जे कुमार ने कहा कि विश्व स्तरीय फिजिक्स ओलंपियाड के आयोजन की जिम्मेदारी ग्राफिक एरा को मिलना न केवल विश्वविद्यालय बल्कि समूचे उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है।

 राजद्रोह पर रोक, देशद्रोह के मामले में केस दर्ज नहीं करने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला,  क्या उमर खालिद अब छूट जाएगा

बुधवार को देशद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी आज हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पुलिस अधीक्षक (एसपी) (SP) रैंक के अधिकारी को देशद्रोह संबंधी मामले दर्ज करने की जिम्मेदारी ,देशद्रोह के मामले में जमानत याचिकाओं पर सुनवाई तेजी से की जा सकती है

सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने आज सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों को राजद्रोह के नए केस दर्ज नहीं करने को भी कहा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में होगी साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि इस दौरान केंद्र सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिशानिर्देश दे सकती है।

सुप्रीमकोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह के सभी लंबित मामलों पर रोक लगाने का आदेश दिया और पुलिस और प्रशासन को सलाह दी कि जब तक केंद्र अपनी समीक्षा पूरी नहीं कर लेता तब तक कानून के इस सेक्शन का उपयोग न करें।

सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा अगर कोई ताजा मामला दर्ज होता है तो संबंधित पक्ष कोर्ट का रुख कर सकते हैं और कोर्ट ही इस मामले का निपटारा करेगी चीफजस्टिस ने कहा केंद्र सरकार इस कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए राज्य सरकारों को निर्देश देने के लिए स्वतंत्र है।

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा यह सही होगा कि रिव्यू होने तक कानून के इस प्रावधान का इस्तेमाल न करें हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार 124A के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से परहेज  करेंगी या रिव्यू खत्म होने के बाद कार्रवाई शुरू करेंगे।

चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है अटॉर्नी जनरल ने हनुमान चालीसा मामले में दायर देशद्रोह के आरोप का भी जिक्र किया था।

केंद्रसरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सुझाव दिया है कि आईपीसी की धारा 124ए तहत राजद्रोह के आरोप भविष्य में एफआईआर एसपी या उससे ऊपर के रैंक के अफसर की जांच के बाद ही दर्ज की जाए लंबित मामलों पर, अदालतों को जमानत पर जल्द विचार करने का निर्देश दिया जा सकता है। वहीं याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, मौजूदा समय में पूरे भारत में देशद्रोह के 800 से अधिक मामले दर्ज हैं इस मामले में तेरा हजार के करीब लोग जेल में बंद है।

सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही केंद्र और राज्यों को देशद्रोह के नए केस दर्ज नहीं करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में होगी।

सवाल- जिनपर राजद्रोह के केस चल रहे हैं, उनका क्या होगा?
वाब- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिनपर राजद्रोह का केस चल रहा है और जो जेल में हैं वो जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। उनपर कार्रवाई पहले की तरह चलती ही रहेगी। ये कोर्ट पर निर्भर करेगा कि आरोपियों को जमानत दी जाती है या नहीं।

सवाल- अगर फिर भी केस दर्ज हो जाता है तो क्या?
जवाब- हालांकि, शीर्ष अदालत ने नए मामले दर्ज करने पर रोक लगा दी है लेकिन अगर फिर भी कोई केस दर्ज होता है तो उसके लिए भी रास्ता निकाल दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई केस फिर भी दर्ज हो जाता है तो आरोपी शख्स सुप्रीम कोर्ट के आज के ऑर्डर को लेकर निचली अदालत का रुख कर सकता है।

सवाल- राजद्रोह के केस में कितने लोग जेल में है
जवाब- सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान जब जजों ने पूछा कि कितने लोग राजद्रोह के आरोप में जेल में हैं। तब वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि 13 हजार लोग जेल में हैं।

सवाल- सेक्शन 124 (A) पर अब क्या है वास्तविक स्थिति?
जवाब- चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को स्थगित किया है इसलिए इस कानून की लीगल वैलिडिटी खत्म नहीं हुई है। यह कानून पूर्ववत बना हुआ है।


सवाल-
 उमर खालिद का क्या होगा?
जवाब- जेएनयू के छात्र रहे उमर खालिद पर भी विश्विद्यालय परिसर में देशविरोधी नारे के लिए राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था। चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि जिन लोगों पर राजद्रोह का केस चल रहा है और जो जेल में हैं वो निचली अदालतों का रुख जमानत के लिए कर सकते हैं। ऐसे में खालिद भी इस मामले में निचली अदालत जा सकते हैं।

सवाल- राजद्रोह कानून पर पुनर्विचार के लिए केंद्र के पास कितना समय?
जवाब- सुप्रीम कोर्ट राजद्रोह मामले की सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में फिर करेगी। ऐसे में कह सकते हैं कि केंद्र को कम से कम जुलाई के तीसरे हफ्ते तक विचार करने का समय मिल गया है।

सवाल-सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से क्या आग्रह किया?
जवाब- सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए केंद्र और राज्यों से आईपीसी की धारा 124 A के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से परहेज करने का आग्रह किया है।

CUET 2022 के आवेदन के लिए यूजीसी ने अंतिम तिथि बढ़ाई,  कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के लिए इच्छुक उम्मीदवार अब 22 मई तक कर सकते हैं आवेदन 

राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने सीयूईटी 2022 पंजीकरण के लिए आवेदन करने की लास्ट डेट बढ़ा दी है। कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के लिए आवेदन करने के इच्छुक उम्मीदवार अब 22 मई तक अपने फॉर्म जमा कर सकते हैं। CUET 2022 रजिस्ट्रेशन कल यानि 6 मई को बंद होने वाला था। हालांकि अब अभ्यर्थियों को राहत मिली है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने ट्वीट कर कहा- हमने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 22 मई 2022 तक बढ़ा दी है। हमें उम्मीद है कि इससे छात्रों को CUET के लिए आवेदन करने के अतिरिक्त समय मिलेगा। आप सभी को शुभकामनाएं। इससे पहले CUET 2022 के लिए अप्लाई करने की लास्ट डेट 6 मई थी।

12वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों के पास अब पूरे भारत में 73 केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों में यूजी प्रवेश के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के लिए आवेदन करने के लिए अतिरिक्त समय है। उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे आवेदन पत्र में आवश्यक सभी विवरणों को ध्यान से भरें। एनटीए ने छात्रों को 22 मई 2022 से 31 मई 2022 तक अपने सीयूईटी 2022 आवेदन फॉर्म को सही करने और संपादित करने का अवसर भी दिया है।परीक्षा की तारीखों को सूचित किया जाना बाकी है। एजेंसी द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, CUET 2022 एग्जाम जुलाई 2022 के पहले या दूसरे सप्ताह में आयोजित होने की संभावना है।

इस बार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET 2022) का आयोजन किया जा रहा है। एनटीए द्वारा सीयूईटी इंट्रेस एग्जाम का आयोजन जुलाई के पहले और दूसरे सप्ताह में किया जाएगा। अब इस टेस्ट के आधार पर ही यूनिवर्सिवटी में एडमिशन मिलेगा। पहले 12वीं में मिले अंकों के आधार पर एडमिशन मिलता था।

उम्मीदवार स्नातक स्तरीय सामान्य प्रवेश परीक्षा सीयूईटी–2022 में आवेदन करने से पहले आधिकारिक अधिसूचना पढ़ लें। अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट cuet.samarth.ac.in और nta.ac.in पर उपलब्ध कराए गए विस्तृत सूचना बुलेटिन को पढ़ सकते हैं। एनटीए द्वारा सीयूईटी जुलाई 2022 में 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार के बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा का आयोजन कंप्यूटर आधारित टेस्ट यानी सीबीटी (CBT) मोड में आयोजित किया जाएगा।

सीयूईटी 2022 के लिए आवेदन की प्रक्रिया

  1. कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के आवेदन के लिए उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट cuet.samarth.ac.in पर जाएं।
  2. यहां होम पेज पर रजिस्ट्रेशन बटन पर क्लिक करें और अपना आवेदन फॉर्म भरें।
  3. अब भर्ती प्रक्रिया के लिए पंजीयन हेतु संबंधित जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
  4. इसके बाद आवेदन शुल्क का भुगतान करें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।
  5. उम्मीदवार अपना आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें और भविष्य के संदर्भ के लिए प्रिंट आउट कर लें।