चारधाम हाईवे परियोजना : केंद्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा,केंद्र सरकार ने कहा देश की रक्षा के लिए चारधाम राजमार्ग का चौड़ीकरण जरूरी

चारधाम राजमार्ग विस्तार मामले को लेकर आज भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चारधाम हाईवे परियोजना में सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा। चीन सीमा से जुड़े इस राजमार्ग को लेकर दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है, जिस पर विस्तार से बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। इस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता और केंद्र सरकार दोनों के तर्कों को सुना और अहम टिप्पणियां कीं। फिलहाल कोर्ट ने दोनों पक्षों से दो दिनों में लिखित सुझाव मांगा है और उसके बाद कोर्ट तय करेगा कि करीब 900 किलोमीटर लंबे इस ऑल वेदर हाईवे प्रोजेक्ट में सड़कों को और चौड़ाई किया जा सकता है या नहीं।सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि, ‘आज हम उस स्थिति का सामना कर रहे हैं जहां देश की रक्षा करनी पड़ती है। हम एक बहुत ही कमजोर स्थिति में हैं। हमें देश की रक्षा करनी है और यह सुनिश्चित करना है कि हमारी सेना के लिए जो भी सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं उन्हें दी जाएं जैसे हिमालयी क्षेत्रों में सड़कें।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि, हम इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकते कि इतनी ऊंचाई पर देश की सुरक्षा दांव पर है। क्या भारत के उच्चतम न्यायालय जैसा सर्वोच्च संवैधानिक न्यायालय हाल की कुछ घटनाओं को देखते हुए सेना की जरूरतों को दरकिनार कर सकता है? क्या हम कह सकते हैं कि पर्यावरण संरक्षण देश की रक्षा जरूरतों से ऊपर होगा? या हमें यह कहना चाहिए कि रक्षा चिंताओं का ध्यान इस तरह रखा जाना चाहिए ताकि आगे कोई पर्यावरणीय क्षति न हो।

’कोर्ट 8 सितंबर 2020 के उस आदेश में संशोधन के लिए केंद्र की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को महत्वाकांक्षी चारधाम राजमार्ग परियोजना पर 2018 के परिपत्र का पालन करने के लिए का गया है। यह सड़क चीन सीमा तक जाती है। इस रणनीतिक 900 किलोमीटर की परियोजना का मकसद उत्तराखंड के चार पवित्र शहरों-यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को हर मौसम में चालू रहने वाली सड़क सुविधा प्रदान करना है।

इस परियोजना के तहत 900 किलोमीटर लम्बी सड़क परियोजना का निर्माण हो रहा है।अभी तक 400 किमी सड़क का चौड़ीकरण किया जा चुका है।एक अनुमान के मुताबिक, अभी तक 25 हजार पेड़ों की कटाई हो चुकी है, जिससे पर्यावरणविद नाराज हैं।गैर सरकारी संगठन ‘Citizens for Green Doon’ ने एनजीटी के 26 सितंबर 2018 के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।एनजीटी ने व्यापक जनहित को देखते हुए इस परियोजना को मंजूरी दी थी। एनजीओ का दावा था कि इस परियोजना से इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं हो सकेगी।

राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उपराज्यपालों का 51वां सम्मेलन, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में चौथा सम्मेलन

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उप राज्यपालों के 51वें सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति भवन में राज्यपाल और उपराज्यपाल के 51वें सम्मेलन में भाग लिया।

राज्यपाल और उपराज्यपाल का ये सम्मेलन एक परंपरा है, जो 1949 से चली आ रही है। पहला सम्मेलन 1949 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी ने की थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ये चौथा सम्मेलन है।

राज्यपालों और उपराज्यपालों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हम आज 2 साल के लंबे अंतराल के बाद मिल रहे हैं।कोविड-19 महामारी का सामना करने में विश्व का सबसे व्यापक और प्रभावी अभियान भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाया गया एवं हमारे सभी कोरोना योद्धाओं ने त्याग और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य का निर्वाह समर्पित रूप से किया। आज देश में 108 करोड़ से अधिक कोरोना टीकाकरण किये जा चुके है इसके साथ ही देश भर में टीकाकरण अभियान जारी है।

राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद उत्तराखंड की पांच प्रमुख हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से किया जाएगा सम्मानित

भारत रत्न के बाद देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कार आज प्रदान किए जाएंगे। राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हाल में सोमवार को आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले 141 लोगों को वर्ष 2020 के लिए और मंगलवार को 2021 के लिए 119 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करेंगे।वर्ष 2020 और 2021 के लिए पद्म पुरस्कारों में सबसे बड़े पद्म विभूषण से सात-सात लोगों, पद्म भूषण से क्रमश: 16 और 10 लोगों और पद्म श्री से क्रमश: 118 और 102 लोगों को सम्मानित किया जाएगा।2020 में पद्म पुरस्कारों का वितरण कोरोना के कारण नहीं हो सका। इसलिए साल 2021 में ही दोनों साल के पद्म विजेताओं को एक साथ सम्मानित किया जा रहा है।

उत्तराखंड की पांच प्रमुख हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से नवाजा जाएगा। सोमवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैस्को प्रमुख पर्यावरणविद डॉ.अनिल प्रकाश जोशी को पद्मभूषण, जबकि पर्यावरणविद कल्याण सिंह और डॉ.योगी एरन को पद्श्री सम्मान देकर सम्मानित करेंगे। इसके अलावा मंगलवार को चिकित्सा क्षेत्र में डॉ.भूपेंद्र कुमार सिंह और किसान प्रेम चंद शर्मा को पद्श्री सम्मान देकर सम्मानित करेंगे।

हैस्को के संस्थापक पद्मश्री डॉ.अनिल प्रकाश जोशी को पर्यावरण पारिस्थितिकी और ग्राम्य विकास से जुड़े मुद्दों और नदियों को बचाने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया जा रहा है।  डॉ.जोशी ने कहा कि वह इस पुरस्कार को सामाजिक, प्रकृति और पर्यावरण के लिए किए जा रहे सामूहिक प्रयासों को समर्पित करते हैं। वह संदेश देना चाहते हैं कि जो कोई हिमालय को किसी भी रूप में भोग रहा है, बदले में हिमालय को कुछ वापस भी करे। डॉ.जोशी हमेशा जल, जंगल, प्राण वायु आदि के बदले सकल पर्यावरण उत्पाद की वकालत करते रहे हैं। इसके अलावा ग्राम्य विकास को आर्थिकी से जोड़ते हुए कई उदाहरण पेश किए हैं। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 2006 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित कर चुके हैं।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वर्षों से काम कर रहे कल्याण सिंह रावत ने उत्तराखंड में मैती आंदोलन के जरिये पर्यारण संरक्षण की दिशा में एक अनूठी परंपरा को जन्म दिया, जिसकी चर्चा आज विश्वभर में होती है। मैती आंदोलन के तहत गांव में जब किसी लड़की की शादी होती है तो विदाई के समय दूल्हा-दुल्हन को एक फलदार पौधा दिया जाता है। वैदिक मंत्रों के के साथ दूल्हा इस पौधे को रोपित करता है और दुल्हन इसे पानी से सींचती है। पेड़ को लगाने के एवज में दूल्हे की ओर से दुल्हन की सहेलियों को कुछ पैसे दिए जाते हैं। जिसका उपयोग पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में और समाज के निर्धन बच्चों के पठन-पाठन में किया जाता है। दुल्हन की सहेलियों को मैती बहन कहा जाता है। जो भविष्य में उस पेड़ की देखभाल करती हैं। पर्यावरण से जुड़े मैती आंदोलन की शुरुआत कल्याण सिंह रावत ने वर्ष 1994 में चमोली जिले के राइंका ग्वालदम में जीव विज्ञान के प्रवक्ता पद पर रहते हुए की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदरानाथ धाम में आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का किया अनावरण, केदरानाथ पुनर्निमाण कार्यों का लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदरानाथ धाम के दौरे पर थे। पीएम मोदी ने भगवान केदारनाथ की पूजा अर्चना की और शिव का रूद्राभिषेक किया। मंदिर में पूजा के बाद पीएम मोदी ने आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण किया। उन्होंने वहां करोड़ों रुपयों की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में सरस्वती रिटेनिंग वॉल आस्थापथ और घाट, मंदाकिनी रिटेनिंग वॉल आस्थापथ, तीर्थ पुरोहित हाउस और मंदाकिनी नदी पर गरुड़ चट्टी पुल शामिल हैं।

केदारनाथ धाम हिमालय पर्वत की गोद में उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हिन्दुओं का प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ 4 धाम और पंच केदार में से भी एक है। प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मंदिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्‍य ही दर्शन के लिए खुलता है। यह मंदिर पत्‍थरों से कत्यूरी शैली में बना है। इस मंदिर का निर्माण पाण्डव वंश के राजा जनमेजय ने कराया था। यहां स्थित स्वयम्भू शिवलिंग अति प्राचीन है। आदि शंकराचार्य ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।पीएम मोदी पहले भी केदारनाथ धाम का दर्शन करने आते रहे हैं। वे वाराणसी लोकसभा क्षेत्र का संसद में प्रतिनिधित्व करते हैं, जो बाबा विश्वनाथ की नगरी है। वाराणसी के बाबा विश्वनाथ भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ से अपने संबोधन में कहा कि आज सभी मठों, 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्ति धाम,अनेक तीर्थ क्षेत्रों पर देश के गणमान्य महापुरुष, पूज्य शंकराचार्य परंपरा से जुड़े हुए सभी वरिष्ठ ऋषि, मनीषी और अनेक श्रद्धालु भी देश के हर कोने से केदारनाथ की इस पवित्र भूमि के साथ हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। उन्होंने कहा आप सभी आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुनर्स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। ये भारत की आध्यात्मिक समृद्धि और व्यापकता का बहुत अलौकिक दृश्य है। उन्होंने आगे कहा हमारे उपनिषदों में, आदि शंकराचार्य जी की रचनाओं में कई जगह नेति-नेति कहकर एक भाव विश्व का विस्तार दिया गया है। रामचरित मानस को भी हम देखें तो इसमें में अलग तरीके से ये भाव दोहराया गया है।

केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मैंने दिल्ली से केदारनाथ में पुनर्विकास कार्यों की नियमित समीक्षा की है। मैंने ड्रोन फुटेज के माध्यम से यहां किए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इन कार्यों के लिए मार्गदर्शन के लिए मैं यहां सभी ‘रावलों’ को धन्यवाद देना चाहता हूं।रामायण का का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि रामचरित मानस में कहा गया है- ‘अबिगत अकथ अपार, नेति-नेति नित निगम कह’ अर्थात्, कुछ अनुभव इतने अलौकिक, इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता। बाबा केदारनाथ की शरण में आकर मेरी अनुभूति ऐसी ही होती है। पीएम ने कहा बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा?लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा।

उन्होंने कहा कि इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। मैं इन पुनीत प्रयासों के लिए उत्तराखंड सरकार का, मुख्यमंत्री धामी जी का, और इन कामों की ज़िम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद करता हूँ ।एक ही शिला काटकर बनाई गई शंकराचार्य की बारह फुट लंबी प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री ने उसके समक्ष बैठकर उनकी आराधना की। इससे पहले, मोदी ने केदारनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की और उनका रूद्राभिषेक किया। मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंचने पर पुजारियों ने प्रधानमंत्री का माथे पर लेप लगाकर स्वागत किया। मोदी के इस कार्यक्रम का आदि शंकराचार्य द्वारा चारों दिशाओं में स्थापित किए गए चारों धाम बद्रिकाश्रम ज्योतिर्पीठ बदरीनाथ, द्वारिका पीठ, पुरी पीठ और रामेश्वरम और 12 ज्योतिर्लिंगों सहित देशभर के शिवालयों में सीधा प्रसारण किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी शंकराचार्य के समाधि स्थल का लोकार्पण भी किया जो 2013 की प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था। मोदी केदारनाथ में 400 करोड़ रुपये से अधिक के ​पुनर्निमाण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। इससे पहले, भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देहरादून के निकट जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचे मोदी का राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित अन्य लोगों ने स्वागत किया। हवाई अड्डे से वह हेलीकॉप्टर से सीधे केदारनाथ के लिए रवाना हो गए।

NEET Result : मृणाल कुटेरी, तन्मय गुप्ता और कार्तिक जी नायर  बने ऑल इंडिया टॉपर, मेडिकल कॉलेजों की कट-ऑफ पर होंगे एडमिशन

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट यूजी परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। टॉप थ्री टॉपर्स में दो लड़के और एक लड़की शामिल हैं. नीट-2021 में तीनों टॉपर्स ने 720/720 अंक हासिल किए हैं। मृणाल कुटेरी (तेलंगाना), तन्मय गुप्ता (दिल्ली) और कार्तिक जी नायर (महाराष्ट्र) ने नीट यूजी 2021 में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक हासिल की है।

NEET UG Result 2021 में टॉप-5 रैंक में कुल 16 कैंडिडेट्स रहे हैं। पहली रैंक पर तेलंगाना के मृणाल, दिल्ली के तन्मय गुप्ता और महाराष्ट्र से कार्तिक जी नायर रहे हैं। खास बात ये भी है कि 15 कैंडिडेट्स का रिजल्ट नकल करने के मामले में रद्द कर दिया गया है।नीट स्कोर कार्ड आधिकारिक वेबासाइट neet.nta.nic.in पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं. रिजल्ट के बाद अब एमबीबीएस, बीडीएस समेत अन्य मेडिकल यूजी कोर्सेज़ में एडमिशन के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। नीट रिजल्ट के बाद दो तरह की काउंसलिंग का विकल्प रहेगा, पहला 15 फीसदी ऑल इंडिया कोट काउंसलिंग (NEET 15% All India Quota Counselling)। दूसरा विकल्प है स्टेट काउंसलिंग का हैं।  राज्य अपनी अलग काउंसलिंग कराते हैं। स्टेट काउंसलिंग के जरिये स्टूडेंट्स को स्टेट मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का मौका मिलता है।

नीट टॉपर मृणाल बताते हैं कि पढ़ाई के लिए उनका कोई निश्चित टाइम टेबल नहीं था. वह बहुत लंबे सत्रों में भी पढ़ाई नहीं करते थे। कभी 45 मिनट तो कभी एक घंटा पढ़ाई कर तो ब्रेक लेते थे। मृणाल ने नीट एवं अन्य परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को सलाह देते हुए कहा, “परीक्षा में अव्वल आने का कोई खास नुस्खा नहीं है।एक चीज मैंने महसूस की है कि आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कौन सा तरीका आपके मुताबिक काम कर रहा है।”

मृणाल ने आगे कहा, “पढ़ने और सीखने के नए-नए तरीकों को एक्सप्लोर करते रहना चाहिए।” वहीं दिल्ली के तन्मय गुप्ता ने बताया कि दसवीं कक्षा पास करने के बाद बच्चों के मन में यह क्लियर हो जाता है कि उन्हें मेडिकल या नॉन मेडिकल किस प्रकार के कोर्स में दाखिला लेना है। इसी तरह मेरे दिमाग में भी यह बात स्पष्ट थी कि मुझे मेडिकल में जाना है।

मृणाल कहते हैं कि मेरी मां सॉफ्टवेयर इंजीनियर तो पिता एचआर कंस्लटेंट हैं। लेकिन मैंने डॉक्टर बनकर आम लोगों की सेवा करना की सोची, ताकि दूसरों की मदद कर सकूं।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को नीट यूजी रिजल्ट 2021 घोषित करने का रास्ता साफ कर दिया था।  बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनटीए को रिजल्ट घोषित नहीं करने के लिए कहा था, क्योंकि दो उम्मीदवारों ने यह दावा किया था कि 12 सितंबर को आयोजित एनईईटी परीक्षा के दौरान उनकी परीक्षा पुस्तिकाएं और ओएमआर शीट मिक्स हो गई थीं।

 

 

महाराष्ट्र में पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की गिरफ्तारी के बाद आयकर विभाग ने महाराष्ट्र के उपमुख्‍यमंत्री अजीत पवार की 1000 संपत्ति सीज करने का दिया नोटिस

आयकर विभाग ने महाराष्ट्र के उपमुख्‍यमंत्री अजीत पवार की 1000 करोड़ रुपये की संपत्ति सीज की है। महाराष्‍ट्र की राजनीति में इन दिनों जबरदस्‍त हलचल देखने को मिल रही है। यहां राष्‍ट्रीय एजेंसियों द्धारा की जा रही कार्रवाई के बाद आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर जारी है। इस बीच पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के बाद अबमहाराष्ट्र के उपमुख्‍यमंत्री अजित पवार के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है।पिछले महीने आईटी विभाग ने पवार की बहनों के घरों और कंपनियों पर छापेमारी की थी। महाराष्ट्र में पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की गिरफ्तारी के बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आयकर विभाग ने अजित पवार से जुड़ी 5 संपत्तियों को जब्त कर ली है। इस संपत्ति की कीमत 1000 रुपये से ज्यादा से ज्यादा बताई जा रही है।अजीत पवार और उनके परिवार पर पिछले कुछ दिनों से वित्तीय कदाचार का आरोप लगाया जा रहा है। बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने अजित पवार के परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। अजित पवार पर व्यवस्थित रूप से धन इकट्ठा करने का आरोप लगाया गया था।ऐसे में महाराष्‍ट्र की राजधानी में हलचल और बढ़ सकती है।

आयकर विभाग ने महाराष्ट्र के उपमुख्‍यमंत्री अजीत पवार की 1000 करोड़ रुपये की संपत्ति सीज की है। मुंबई के नरीमन प्वाइंट स्थित निर्मल टावर सहित पांच संपत्तियों को आईटी विभाग ने कुर्क किया है। सूत्रों ने बताया कि पिछले महीने आईटी विभाग ने पवार की बहनों के घरों और कंपनियों पर छापेमारी की थी। इसके बाद से ही संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई पर काम किया जा रहा था।

इन संपत्तियों को किया जाएगा जब्त :

1. जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री
मार्केट वैल्यूः करीब 600 करोड़ रुपये।

2. साउथ दिल्ली में स्थित फ्लैट
मार्केट वैल्यूः करीब 20 करोड़ रुपये।

3. पार्थ पवार का निर्मल ऑफिस
मार्केट वैल्यूः करीब 25 करोड़ रुपये।

4. निलय नाम से गोवा में बना रिसॉर्ट
मार्केट वैल्यूः करीब 250 करोड़ रुपये।

5. महाराष्ट्र की 27 अलग-अलग जगहों की जमीन
मार्केट वैल्यूः करीब 500 करोड़ रुपये।

अजित पवार काफी लंबे वक्त से आईटी के निशाने पर हैं। पिछले महीने ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दो रियल एस्टेट ग्रुप और अजित पवार के रिश्तेदारों के ठिकानों पर छापेमारी के बाद 184 करोड़ रुपये की बेहिसाब संपत्ति का पता लगाया था। विभाग ने 7 अक्टूबर को 70 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान आईटी ने अजित पवार के बेटे पार्थ पवार के मालिकाना हक वाली कंपनी अनंत मर्क्स प्राइवेट लिमिटेड पर भी छापा मारा था। इसके अलावा पवार की बहनों के मालिकाना हक वाली कंपनियों पर भी कार्रवाई की गई थी।

सोमवार देर रात प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को गिरफ्तार कर लिया। 100 करोड़ रुपये की वसूली के मामले में उनसे 12 घंटे तक पूछताछ की गई थी।ईडी के मुताबिक, देशमुख से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। देशमुख को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) को नीट 2021(NEET) के परिणाम घोषित करने की दी अनुमति 

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को वर्ष 2021 देशभर में स्नातक स्तरीय चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के परिणाम घोषित करने की बृहस्पतिवार को अनुमति दी।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने एनटीए को नीट के परिणाम घोषित नहीं करने तथा दो अभ्यर्थियों के लिए फिर से परीक्षा कराने के निर्देश देने संबंधी बंबई उच्च न्यायालय के हालिया आदेश पर रोक लगा दी।उच्च न्यायालय ने एनटीए को परिणाम घोषित नहीं करने के लिए कहा था, जब दो पीड़ित उम्मीदवारों ने यह दावा किया था कि 12 सितंबर को आयोजित एनईईटी परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों के प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट महाराष्ट्र के एक परीक्षा केंद्र में आपस में मिल गये थे।

जस्टिस एल नागेश्वर राव, दिनेश माहेश्वरी और बीआर गवई की तीन-न्यायाधीशों की बेंच ने आज आदेश दिया, “हम उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हैं। एनटीए एनईईटी यूजी परिणामों की घोषणा कर सकता है।”

पीठ ने एनटीए की ओर से पक्ष रख रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर संज्ञान लेने के बाद कहा, ”हम उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी परिणाम घोषित कर सकती है।” पीठ ने कहा, ”हम अदालत के पुन: खुलने (दीपावली की छुट्टियों के बाद) पर दोनों विद्यार्थियों के बारे में निर्णय लेंगे। इस बीच हम जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करते हैं।

लेकिन हम 16 लाख छात्रों का परिणाम नहीं रोक सकते।” बंबई उच्च न्यायालय ने 20 अक्टूबर को एक अभूतपूर्व फैसले में एनटीए को आदेश दिया था कि दो अभ्यर्थियों के लिए नये सिरे से परीक्षा आयोजित की जाए और उनके परिणाम 12 सितंबर को हुई परीक्षा के मुख्य परिणामों के साथ घोषित किये जाएं।

उच्च न्यायालय ने इस तथ्य का संज्ञान लिया था कि दो अभ्यर्थियों -वैष्णवी भोपाली और अभिषेक शिवाजी के प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट परीक्षा शुरू होने से पहले परीक्षा केंद्र पर आपस में मिल गए थे। अदालत ने आदेश दिया था कि उन्हें नये सिरे से परीक्षा देने का अवसर मिले।

स्नातक स्तर के मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिहाज से नीट परीक्षा आयोजित करने के लिए 2018 में एनटीए की स्थापना की गयी थी। एनटीए ने याचिका में बताया कि 16,14,777 अभ्यर्थियों के लिए 202 शहरों में 3,682 केंद्रों पर 12 सितंबर को परीक्षा आयोजित की गई।

केदारनाथ में ऐतिहासिक होने वाला है पांच नवंबर का दिन, एक ही समय पर केदारधाम से देश के 11 अन्य ज्योतिर्लिंग को ऑनलाइन कनेक्ट करने की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पांच नवंबर को केदारनाथ धाम में पहुंचेंगे,बाबा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का  केदारनाथ धाम का दौरा अनूठा और यादगार होने जा रहा है।इस दिन जब पीएम बाबा केदार की शरण में होंगे, ठीक उसी समय उत्तराखंड के सभी प्रमुख शिवालयों में भाजपा के वरिष्ठ नेता विशेष पूजा अर्चना करते दिखेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बाबा केदार के प्रति आस्था जग जाहिर है। ऐसे में एक बार फिर दिवाली के समय पीएम मोदी बाबा केदार नाथ के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। दिवाली व कपाट बंद होने से पहले केदारनाथ मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाएगा। इसके लिए प्रशासन व देवस्थानम बोर्ड द्वारा जरूरी तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर करने के साथ ही 10 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया जाएगा। साथ ही मंदिर परिसर व मंदिर के चारों तरफ घी के दीए जलाए जाएंगे। इसके अलावा मंदिर के मध्य में भव्य रंगोली साथ परिसर को रंग-बिरंगे झालर से भी सुशोभित किया जाएगा।

एक ही दिन में एक ही समय पर केदारधाम से देश के 11 अन्य ज्योतिर्लिंग और उत्तराखंड के सभी शिवधामों को ऑनलाइन जोड़ने की योजना है। प्रदेश संगठन इसकी तैयारी में जुट गया है। प्रधानमंत्री केदारनाथ के कपाट बंद होने से ठीक एक दिन पहले पांच नवंबर को उत्तराखंड आएंगे। उनका केदारनाथ का कार्यक्रम तय हो चुका है।

इस दिन जब पीएम बाबा केदार के दर्शन करेंगे में होंगे,उसी दिन में एक ही समय पर केदारधाम से देश के 11 अन्य ज्योतिर्लिंग और उत्तराखंड के सभी शिवधामों को वर्चुअल जोड़ने की योजना है साथ ही ठीक उसी समय उत्तराखंड के सभी प्रमुख शिवालयों में भाजपा के वरिष्ठ नेता विशेष पूजा अर्चना करते दिखेंगे।प्रधानमंत्री का दौरा इस बार विशेष के साथ अनूठा बनाने के लिए भाजपा संगठन जोर की तैयारियों में जुट गया है,अमूमन जब प्रधानमंत्री कहीं जाते हैं तो उस प्रदेश के नेता उनका स्वागत के लिए मौजूद रहते हैं साथ ही प्रधानमंत्री के हर कार्यक्रम में भी मौजूद रहते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा,प्रधानमंत्री जहां बाबा केदार के दर्शन करेंगे तो उसी समय भाजपा के सभी मंत्री और नेता प्रदेश के अलग अलग शिवालयों से पूजा करंगे और वर्चुअल माध्यम से एक दूसरे से जुड़ेंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी के केदारधाम आने पर सरकार के सभी मंत्री, पार्टी विधायक व पदाधिकारी बाबा के धाम नहीं पहुंचना होगा।जब पीएम मोदी केदारनाथ में बाबा के दर्शन कर रहे होंगे, ठीक उसी समय भाजपा के वरिष्ठ नेता अपने आसपास के शिवालयों में पूजा अर्चना करेंगे। केदारनाथ समेत देश की सभी दिशाओं में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों को भी ऑनलाइन कनेक्ट करने की तैयारी है। पीएम के दौरे के माध्यम से एक साथ सभी ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने का प्रयास होगा।

केदारनाथ समेत देश की सभी दिशाओं में स्थापित 12 ज्योतिर्लिंगों को भी वर्चुअल कनेक्ट करने की तैयारी की जा रही है। पीएम के दौरे के माध्यम से एक साथ सभी ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने का प्रयास होगा,जबकि अनेक शिवालयों से ठीक उसी समय भाजपा नेता भी पूजा अर्चना करेंगे।

सरकार के स्तर पर उनके केदारनाथ में स्वागत की तैयारियां तेजी से शुरू हो गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वर्चुअल और दूरभाष के माध्यम से लगातार दिशा-निर्देश दे रहे हैं। पुनर्निर्माण कार्यों से दिव्य और भव्य स्वरूप ले रही केदारनगरी में पीएम आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। करीब 400 करोड़ से तैयार पुनर्निर्माण कार्यों का भी लोकार्पण करेंगे।

प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर भाजपा प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी पांच नवंबर को केदारनाथ आ रहे हैं। इस दिन सभी ज्योतिर्लिंग भी वर्चुअल जुड़ेंगे। पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता राज्य के शिव मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष हरिद्वार, रक्षा राज्य मंत्री जागेश्वर में, पूर्व मुख्यमंत्री भी अलग-अलग स्थानों पर शिवालयों में जाएंगे और वर्चुअल माध्य से जुड़ेंगे। पार्टी ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

भगवान भोलेनाथ के पूरे देश मे 12 ज्योतिर्लिंग हैं

1.केदारनाथ (उत्तराखंड) 2.सोमनाथ (गुजरात),3. मल्लिकार्जुन (आंध्रप्रदेश), 4.महाकालेश्वर (मध्यप्रदेश),5. ऊंकारेश्वर (मध्यप्रदेश), 6. भीम शंकर(महाराष्ट्र), 7. काशी विश्वनाथ (उत्तरप्रदेश) 8. त्रयम्बकेश्वर (महाराष्ट्र) 9. वैद्यनाथ (झारखंड), 10. नागेश्वर (गुजरात), 11. रामेश्वर (तमिलनाडु),12.  घृष्णेश्वर (महाराष्ट्र)।

पीएम नरेन्द्र मोदी ने सिद्धार्थनगर से नौ मेडिकल कालेजों का किया उद्घाटन, वाराणसी में की प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की शुरुआत की

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले पीएम मोदी का यह दौरा काफी अहम है और इसे मिशन यूपी 2022 के रूप में देखा जा रहा है। अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी सिद्धार्थनगर से उत्तर प्रदेश के 9 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री वाराणसी पहुंचे, जहां उन्होंने ‘प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना’ की शुरुआत की। पीएम मोदी 5 हजार 200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की भी शुरुआत करेंगे।

सिद्धार्थनगर आने वाले पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- ‘आज का दिन उत्तर प्रदेश के लिए, विशेषकर पूर्वांचल के लिए आरोग्य की डबल डोज लेकर आया है। यहां सिद्धार्थनगर में प्रदेश के नौ मेडिकल कालेज का उद्घाटन किया। इसके बाद पूर्वांचल से ही पूरे देश के लिए एक बहुत बड़ी योजना शुरू होने जा रही है।केंद्र और प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पूर्वांचल को पहले की सरकारों ने बीमारियों से जूझने के लिए छोड़ दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने वाराणसी में पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन का शुभारंभ किया। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में डबल इंजन की सरकार ने हर गरीब तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए बहुत ईमानदारी से प्रयास किया है। योगी सरकार से पहले जो सरकार थी, उसने अपने कार्यकाल में यूपी में सिर्फ 6 मेडिकल कालेज बनवाए थे। योगी जी के कार्यकाल में 16 मेडिकल शुरू हो चुके हैं और 30 नए मेडिकल कॉलेजों पर तेजी से काम चल रहा है। रायबरेली और गोरखपुर में बन रहे एम्स तो यूपी के लिए एक प्रकार से बोनस हैं।

इन मेडिकल कालेजों का हुआ लोकार्पण                                                                                      सिद्धार्थनगर में माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कालेज, देवरिया में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज, गाजीपुर में महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कालेज, मीरजापुर में विंध्यवासिनी मेडिकल कालेज, प्रतापगढ़ में डाक्टर सोने लाल पटेल मेडिकल कालेज, एटा में वीरांगना अवंती बाई लोधी मेडिकल कालेज, फतेहपुर में महान योद्धा अमर शहीद जोधा सिंह और ठाकुर दरियांव सिंह मेडिकल कालेज, जौनपुर में उमानाथ सिंह मेडिकल कालेज और हरदोई मेडिकल कालेज।

 

ओबीसी – ईडब्ल्यूएस आरक्षण के मामले पर नीट एमडीएस परीक्षा की काउंसलिंग पर SC ने लगाई रोक,जानें क्या है कारण

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एनईईटी-पीजी 2021 के लिए काउंसलिंग पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। काउंसलिंग पर रोक लगाने का अहम कारण ऑल इंडिया कोटा सीट्स, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि नीट एमडीएस परीक्षा की काउंसलिंग को तब तक शुरू नहीं किया जाएगा, जबतक कोर्ट ऑल इंडिया कोटा में ओबीसी – ईडब्ल्यूएस आरक्षण के मामले पर फैसला नहीं कर लेती।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली शीर्ष अदालत की पीठ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के केंद्र और चिकित्सा परामर्श समिति (एमसीसी) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

केंद्र सरकार ने सोमवार को शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया कि नीट पीजी काउंसलिंग 2021 तब तक शुरू नहीं होगी जब तक कि शीर्ष अदालत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच जाती। वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार द्वारा मामले का जिक्र किए जाने के बाद केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने तब एएसजी नटराज को हस्तक्षेप किया और केंद्र से आश्वासन मांगा कि शीर्ष अदालत के अंतिम निर्णय तक पहुंचने तक परामर्श आयोजित नहीं किया जाएगा। नटराज ने जवाब दिया, बिल्कुल आप कर सकते हैं, मेरे भगवान। श्री दातार कोई कठिनाई होने पर सीधे मुझसे संपर्क कर सकते हैं।

केंद्र सरकार द्वारा नीट मेडिकल एडमिशन परीक्षा में ईडब्ल्यूएस और ओबीसी कोटे को शामिल करने का फैसला किया था। इस फैसले के मुताबिक ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत और ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशद सीटों पर आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। छात्रों और याचिकाकर्ता को मेडिकल काउंसलिंग कमेट (एमसीसी) द्वारा बस एक नोटिस जारी कर नए शैक्षणिक सत्र से नए आरक्षण नियम लागू करने को लेकर आपत्ति है। इस बाबत याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से एमसीसी के नोटिस को रद्द करने की मांग की है।