क्लैट ( काॅमन लाॅ एडमिशन टेस्ट) 2022 की परीक्षा के आवेदन एक जनवरी से शुरू

कंसोर्टियम आफ नेशनल ला यूनिवर्सिटीज ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) 2022 के लिए आवेदन की प्रक्रिया नए साल से शुरू हो जाएगी। क्लैट कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार ऑनलाइन आवेदन एक जनवरी से शुरू होगा। विधि क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्र 31 मार्च तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन की प्रक्रिया 31 मार्च तक चलेगी। आवेदन फॉर्म केवल consortiumofnlus. ac. in वेबसाइट से ऑनलाइन जमा करना होगा। हालांकि, परीक्षा ऑफलाइन होगी। क्लैट का आयोजन आठ मई 2022 की दोपहर 3 से शाम पांच बजे तक होगा। एनएलयू के इंटीग्रेटेड एलएलबी एवं एलएलएम जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलेगा। अभ्यर्थी देश के कई सरकारी और निजी लॉ कॉलेज में भी आवेदन कर सकते हैं।

मोबाइल व ई-मेल से करना होगा रजिस्ट्रेशन

क्लैट परीक्षा में शामिल होनेवाले परीक्षार्थियों को मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी का उपयोग कर रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद, सत्यापन के लिये दिये गये मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। मोबाइल नंबर मान्य होने के बाद मोबाइल नंबर और पंजीकरण के समय दिये गये पासवर्ड का उपयोग करके लॉगइन किया जा सकेगा। क्लैट कंसोर्टियम ने सलाह दी है कि अभ्यर्थी अपना नाम और माता-पिता के नाम को सही ढंग से लिखें। बाद में इसमें परिवर्तन उम्मीदवारी को अयोग्य कर सकता है। आवेदन जमा होने और भुगतान करने के बाद अभ्यर्थी प्रोग्राम, श्रेणी और बीपीएल फील्ड नहीं बदल सकते। यदि किसी भी चरण में

क्लैट कि यह परीक्षा देश के 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। यूजी कोर्स में दाखिले के लिए सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग केवह छात्र अर्ह होंगे, जिन्होंने 45 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की है। अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक की बाध्यता है। 12वीं की परीक्षा देने जा रहे छात्र भी आवेदन कर सकते हैं। एलएलएम पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए अभ्यर्थी को 50 प्रतिशत अंकों के साथ एलएलबी की होनी चाहिए। अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों के लिए न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक की बाध्यता है।

आफलाइन होगी परीक्षा

क्लैट का आयोजन इस बार आफलाइन होगा। ला प्रेप दून के निदेशक एसएन उपाध्याय ने बताया कि पूर्व में क्लैट आनलाइन आयोजित किया जाता था, लेकिन तकनीकी खामी को देखते हुए परीक्षा आफलाइन होने लगी। बीच में कोरोना के कारण परीक्षा आनलाइन कराई गई, जबकि इस बार फिर परीक्षा आफलाइन ही होगी।

  • एग्जाम मोड – ऑफलाइन
  • उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए कुल 2 घंटे का समय दिया जाएगा।
  • परीक्षा में सारे प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप आएंगे।
  • लेंग्वेज – इंग्लिश
  • 1 प्रश्न 1 अंक का होगा।
  • परीक्षा में कुल 150 प्रश्न आएंगे।
  • परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होगी। जिसमें 1 प्रश्न गलत होने पर 0.25 अंक काटे जाएंगे।
  • कुल अंक – 150
  • कुल सेक्शन – 5
    • Quantitative Techniques
    • English
    • Current Affairs
    • Deductive Reasoning
    • Logical Reasoning

क्लैट 2022 एंट्रेंस एग्जाम कुल 2 घंटे का आयोजित किया जाता है। यूजी एंट्रेंस एग्जाम में और पीजी एंट्रेंस एग्जाम में 150 MCQ प्रश्न पूछे गए थे परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को रैंक के अनुसार विभिन्न यूनिवर्सिटीज में प्रवेश दिया जायेगा। CLAT 2022 से सम्बंधित महत्वपूर्ण तिथियों की जानकारी के लिए छात्र नीचे दी गयी टेबल देख सकते हैं।

महत्वपूर्ण तारीखें

कार्यक्रम तारीख
आवेदन शुरु होने की तारीख 01 जनवरी 2022
आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022
आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि ३१ मार्च 2022
एडमिट कार्ड जारी होने की तारीख अप्रैल/मई 2022
परीक्षा की तारीख 08 मई 2022

कोरोना का पड़ सकता है असर

कोरोना का असर इस साल भी परीक्षा पर दिख सकता है। गत वर्ष कोरोना संक्रमण व लाकडाउन के कारण परीक्षा की तिथि बदलनी पड़ी थी। इस बार भी परीक्षा कार्यक्रम में आवश्यकतानुसार बदलाव किया जा सकता है।

आवेदन शुल्क

  • जनरल, ओबीसी, पीडीबल्यूडी – 4000/- रु.
  • एससी और एसटी – 3500/- रु.
  • आवेदन शुल्क ऑनलाइन नेटबैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड से जमा करना होगा।

आनलाइन आवेदन में यह जरूरी

सामने से ली गई फोटो, अभ्यर्थी के हस्ताक्षर, एससी, एसटी, ओबीसी का प्रमाण पत्र, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, बीपीएल श्रेणी का प्रमाण पत्र (सभी दस्तावेज पीडीएफ प्रारूप में वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे)

उत्तराखंड में कोरोना को मात देने को अब 15-17 साल के 10 लाख किशोरों को लगेगा अब कोवैक्सीन का टीका

उत्तराखंड में 10 लाख किशोरों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के तीन जनवरी से टीकाकरण के ऐलान के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदेश में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा. कुलदीप मर्तोलिया ने बताया कि प्रदेश में 15 से 17 साल की उम्र के आठ से दस लाख के किशोर हैं।

सभी जिलों को कह दिया गया है कि वह अपने जिलों में तैयारी करें और डाटा तैयार कर भेजें। सभी किशोरों को कोवैक्सीन की डोज दी जाएगी। कोवैक्सीन की दूसरी डोज 28 दिन बाद लगाई जा सकती है। सभी जिलों को इस आयु वर्ग का डाटा मांगा गया है ताकि तय उम्र के किशोरों का टीकाकरण जल्द पूरा किया जा सके।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार देर शाम राष्ट्र को संबोधित करते हुए कोरोना संक्रमण काल में देशवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी और 15 से 18 साल के किशोरों के लिए तीन जनवरी से टीकाकरण की शुरुआत की घोषणा की। साथ ही कहा कि अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गो और स्वास्थ्यकर्मियों तथा फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए टीके की प्रिकाशन (सतर्कता) डोज की शुरुआत 10 जनवरी से की जाएगी। आमतौर पर इसे बूस्टर डोज कहा जाता है, लेकिन पीएम ने इसके लिए प्रिकाशन डोज शब्द का प्रयोग किया। पीएम ने बताया कि देश में जल्द ही नेजल (नाक से दी जाने वाली) और विश्व की पहली डीएनए वैक्सीन भी लगाई जाएगी। उन्होंने हाथ धोने और मास्क लगाने जैसे कोरोना से बचाव के उपाय जारी रखने की अपील भी की।

देहरादून में वैक्सीनेशन की तैयारी शुरू

देहरादून में कोविन पोर्टल के प्रभारी डा. आदित्य सिंह का कहना है कि 15 से 17 साल की उम्र के किशोरों का डाटा कंपाइल करना शुरू कर दिया गया है। एक-दो दिन में इसे फाइनल कर दिया जाएगा। उन्हीं केंद्रों पर किशोरों को डोज दी जा सकेगी। जहां टीकाकरण हो रहा है।

किशोरों को फार्माजेट इंजेक्टर से वैक्सीन !

किशोरों को वैक्सीन फार्माजेट इंजेक्टर से लगाई जा सकती है। हालांकि अभी यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो इसके लिए अलग से ट्रेनिंग वैक्सीनेटरों को देनी होगी। फार्माजेट इंजेक्टर में बिना दर्द का एहसास हुए इंजेक्शन लगाया जाता है। सभी जिलों में स्वास्थ्य अधिकारियों को कह दिया गया है कि वह अपने जिलों में वैक्सीनेशन की तैयारी करें और किशोरों का डाटा तैयार कर भेजें।

ओमिक्रॉन को लेकर उत्तराखंड सरकार ने बचाव के लिए जारी की एसओपी, पड़ोसी राज्यों से आने वालों की उत्तराखंड बॉर्डर पर कोरोना जांच, विदेश से आने वाले क्वारंटाइन

दुनिया के कई देशों में आतंक फैला रहे कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर उत्तराखंड सरकार सतर्क हो गई है। केंद्र के निर्देशों के तहत मंगलवार को ओमिक्रॉन को लेकर एसओपी जारी की गई। सभी स्वास्थ्यकर्मियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स की कोविड जांच की जाएगी। जिसके तहत प्रदेश के  सभी डिग्री कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, एग्रीकल्चर कॉलेज, यूनिवर्सिटीज व अन्य शिक्षण संस्थानों में 18 वर्ष से ऊपर के छात्र-छात्राओं की रैंडम सैंपलिंग सहित कई प्रावधान किए गए हैं।

उत्तराखंड में शासन ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन  से बचाव और संक्रमण पर नियंत्रण के लिए मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी की है। इसमें सभी जिलाधिकारियों से राज्य के एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बार्डर चेक पोस्ट  पर्यटन स्थल और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर रैंडम सैंपलिंग कराने और संक्रमित पाए गए व्यक्तियों को कोरोना प्रोटोकाल के तहत चिकित्सा सुविधा प्रदान करने को कहा गया है। एसओपी में राज्य के सभी महाविद्यालय, मेडिकल व नर्सिंग कालेज, व शैक्षिक संस्थानों में कोविड सैंपलिंग के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही राज्य की सीमा से लगे नेपाल से आवाजाही के समय कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाने का प्रमाणपत्र रखना अनिवार्य किया गया है। कोविड गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य सचिव एसएस संधु द्वारा मंगलवार को जारी एसओपी में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रोन को वायरस आफ कंसर्न घोषित किया है। इसमें संक्रमण तेजी से फैलता है। इसे देखते हुए राज्य में टीकाकरण कार्य में तेजी लाई जाए।

कोविड संक्रमण की निगरानी एवं नियंत्रण व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। सभी सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित शारीरिक दूरी, मास्क पहनना व सैनिटाइजेशन का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना गैरकानूनी होगा। इसका उल्लंघन करते पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा।

सार्वजनिक स्थानों पर पान, गुटखा व तंबाकू का सेवन प्रतिबंधित किया गया है।

एसओपी में कहा गया है कि आमजन को नए वैरिएंट के बारे में जागरूक करने को अभियान चलाया जाए।

राज्य के शिक्षण संस्थानों से लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर का कोविड टेस्ट किया जाए। संक्रमित पाए जाने वाले व्यक्तियों को कोविड प्रोटोकाल के तहत चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाएगी।

अंतर राष्ट्रीय बार्डर चेक पोस्ट पर भी रैंडम टेस्ट किए जाएं। इसके साथ ही शासन ने केंद्र के उस पत्र का भी जिक्र किया है, जिसमें विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि विदेश से आए जो यात्री होम क्वारंटाइन हैं, उनकी सतत निगरानी की जाए। उनमें कोरोना संक्रमण के किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर कोविड प्रोटोकाल के अनुसार इलाज किया जाए।

  • COVID-19 प्रबंधन के लिए सामान्य निर्देश:
    ● राज्य में कोविड-19 प्रबंधन के निम्नलिखित निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया
    ● सार्वजनिक स्थानों, कार्यस्थल एवं सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करने वाले व्यक्तियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
    ● सार्वजनिक स्थानों पर व्यक्तियों को सामाजिक दूरी का पालन करते हुए 6 फिट की दूरी बनाए रखना अनिवार्य होगा।
    ● सार्वजनिक स्थानों पर थूकना गैरकानूनी होगा जिसके लिए निर्धारित जुर्माने के साथ दंड का प्रावधान होगा। सार्वजनिक स्थानों पर पान, गुटखा, तंबाकू आदि का सेवन प्रतिबंधित होगा।

कोरोना का नया वेरिएंट: देशभर में नया वैरिएंट ओमिक्रॉन का खौफ बढ़ा, उत्तराखंड में बाहर से आने वालों की सीमाओं पर होगी कोरोना जांच

उत्तराखंड में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मरीज बढ़ने लगे हैं। एक दिन पहले राष्ट्रपति की सुरभा में तैनात सात पुलिसकर्मी और भारी संख्या में सेना के जवान कोविड संक्रमित पाए गए हैं। इसके बाद राज्य में हड़कंप मच गया है। शासन ने राज्य के लिए फिर से दिशा निर्देश जारी किए हैं। पर्यटकों से लेकर नागरिकों को नियमों का पालन करना जरूरी होगा।

उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ पंकज कुमार पांडेय ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे बाहर से आने वाले लोगों की निगरानी के साथ ही कोविड-19 वैरिएंट ओमाइक्रोन के खिलाफ एहतियात के तौर पर सघन जांच भी करें।

  • उत्तराखंड में बढ़ने लगे कोविड-19 वायरस के मरीज
  • एक साथ सेना के कई जवान और पुलिसकर्मी मिले संक्रमित
  • ओमिक्रॉन वैरिएंट का भी बढ़ने लगा है खौफ, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
  • बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच उत्तराखंड के बॉर्डर पर ही होगी

उत्तराखंड के डीजी स्वास्थ्य डॉ. तृप्ति भगुना ने कहा कि उत्तराखंड सीएमओ को राज्य के बाहर से आने वाले सभी यात्रियों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए राज्य के हर बॉर्डर पर आरटी-पीसीआर कोविड-19 परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।

हांगकांग और दक्षिण अफ्रीका में कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रान मिलने के बाद देशभर में अलर्ट जारी किया गया है। इसके बाद अब उत्तराखंड में भी हर स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने के साथ ही अस्पतालों में भी पूरी तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। डीजी हेल्थ डा. तृप्ति बहुगणा ने सभी जिलों को निर्देश कि अगर राज्य के बाहर से आने वाले सभी यात्रियों की कोविड जांच की जाए। अगर संक्रमण की पुष्टि होती है तो 14 दिनों त क्वारंटाइन रखा जाए। उन्होंने बार्डर पर कोविड जांच के भी निर्देश दिए।

स्वास्थ्य सचिव ने उचित रोकथाम के लिए जिला स्तर पर निगरानी दल गठित करने के भी निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य सचिव के निर्देश के बाद देहरादून के जिला मजिस्ट्रेट आर राजेश कुमार ने अधिकारियों को बाजारों में औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया कि यह देखने के लिए कि क्या कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है या नहीं।

क्या है ओमिक्रॉन वैरिएंट
ओमिक्रॉन संस्करण (बी.1.1.529), कोरोनावायरस का एक नया संस्करण, पहली बार बोत्सवाना में 11 नवंबर, 2021 को रिपोर्ट किया गया था, और 14 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में दिखाई दिया।

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा ने रविवार को निदेशक गढ़वाल और निदेशक कुमाऊं के साथ ही सभी जिलों के मुख्य चिकित्सधिकारियों के साथ वीडियोकांफ्रेंसिंग की। इस दौरान उन्होंने वायरस के नए स्वरूप को फैलने से रोकने के लिए कड़े उपाय करने को कहा है। उन्होंने कहा कि सभी सीएमओ को बाहर से आए लोगों की कांट्रेक्ट ट्रेसिंग करने के साथ ही टेस्टिंग करने को कहा गया है। साथ ही सैंपलिंग बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही महानिदेशक ने सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।

राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक्सपर्ट कमेटी ने टेस्टिंग बढ़ाने, कान्टैक्ट ट्रैसिंग व रोकथाम के अन्य उपायों पर जोर दिया है। इसके अलावा बार्डर, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट आदि पर भी पुन: सैंपलिंग शुरू करने की बात कही है। कहा कि राज्य में बाहर से आ रहे हर व्यक्ति की जांच अनिवार्य की जाए। वहीं, तमाम आयोजनों में भीड़भाड़ से बचा जाए। राज्य में कोरोना की रोकथाम के लिए गठित एक्सपर्ट कमेटी के अध्यक्ष एवं एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डा. हेमचंद्र पांडेय ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन ने चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में कोविड अनुरूप व्यवहार व कुछ प्रतिबंधों को पुन: लागू करना समय की मांग है।

इस समय पूरा ध्यान टेस्टिंग व ट्रैसिंग पर देना होगा। इसके अलावा किसी भी बड़े आयोजन या भीड़भाड़ से बचना चाहिए। आमजन के लिए जरूरी है कि वह मास्क, शारीरिक दूरी, सैनिटाइजेशन आदि का पालन करें। इसके लिए उन्हें खुद जिम्मेदार होना होगा। पुलिस-प्रशासन को भी अब इसे लेकर सख्ती बरतनी होगी। जरा भी लापरवाही कोरोना के फैलाव की आशंका को और बढ़ा सकती है।

कोरोना के लगातार आ रहे नए वेरिएंट को देखते हुए देहरादून में भी शासन-प्रशासन ने जांच की सुविधाओं को बढ़ाना शुरू कर दिया है। दून मेडिकल कॉलेज की लैब में जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच शुरू कर दी गई है। इससे पहले जीनोम सिक्वेंसिंग जांच के लिए सैंपल दिल्ली भेजे जा रहे थे। उत्तराखंड में शनिवार को 14 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। हालांकि, किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या अब 150 हो गई है।

ऋषिकेश के स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनके परिवार की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पहुंचे सात पुलिस कर्मी कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। पुलिस कर्मियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पौड़ी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया।

दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रान को विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने ‘वैरिएंट आफ कंसर्न’ की कैटेगरी में रखा हुआ है। इसके खतरे को देखते हुए हुए कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया। वैरिएंट आफ कसंर्न वह वैरिएंट्स हैं, जो तेजी से फैलते हैं और गंभीर लक्ष्‍ण दिखाते हैं।

उत्तराखंड में कोरोना के मामले बढ़े, राष्ट्रपति कोविंद की सुरक्षा ड्यूटी पर आए 12 पुलिसवालों समेत 19 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव, मचा हड़कंप

उत्तराखंड में एक बार फिर कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है और राज्य में ढाई महीने बाद कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज सामने आए हैं। रविवार को प्रदेश में एक ही दिन में 36 नए मरीज मिले हैं और इसमें 19 वो कर्मचारी भी शामिल हैं। जो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यक्रम में ड्यूटी के लिए तैनात किए गए थे। जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन को लेकर वीआईपी ड्यूटी पर आए 12 पुलिसवालों समेत 19 कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटव मिलने से हड़कंप मच गया। हालांकि, राष्ट्रपति के आगमन से पहले ही सभी को ड्यूटी से हटा दिया गया।शनिवार को वीआईपी ड्यूटी पर परमार्थ निकेतन पहुंचने पर चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून, टिहरी और पौड़ी के करीब 400 पुलिसकर्मियों और कर्मचारियों की कोरोना जांच कराई गई थी। रविवार सुबह इनमें से बारह पुलिसवालों समेत कुल उन्नीस कर्मचारियों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। हालांकि इनमें से कोई भी पुलिसकर्मी और कर्मचारी रविवार को वीआईपी ड्यूटी में तैनात नहीं रहा।

रविवार सुबह 19 पुलिसवालों में कोविड संक्रमण  की पुष्टि हुई। टेस्ट रिपोर्ट आते ही पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। राहत देने वाली बात यह थी कि पॉजिटिव आया कोई भी पुलिसकर्मी रविवार को वीआईपी ड्यूटी में तैनात नहीं रहा। यमकेश्वर ब्लॉक के कोविड नोडल अधिकारी डा. राजीव कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमितों में चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून और पौड़ी जनपद के 19 पुलिस कर्मी शामिल हैं। विभाग ने संक्रमित जवानों को ड्यूटी से वापस भेज दिया है। सभी जवान अगले 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहेंगे।
वीआईपी ड्यूटी के लिए आए ये पुलिसकर्मी और कर्मचारी अन्य कर्मचारियों, परमार्थ आश्रम के कर्मचारियों और स्वर्गाश्रम बाजार के दुकानदारों समेत अन्य लोगों के संपर्क में आए थे। स्वास्थ्य विभाग इनके संपर्क में आए लोगों की सूची तैयार कर रहा है। इन सभी की कोरोना जांच कराई जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे में निजी और सरकारी लैब से पांच हजार 372 नमूनों की जांच रिपोर्ट आई है और इनमें पांच हजार 336 नमूनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। नए मामलों में सबसे अधिक 19 नए मरीज पौड़ी जिले में मिले हैं।जबकि नैनीताल में सात, देहरादून में पांच, हरिद्वार में दो, अल्मोड़ा में दो और यूएस नगर जिले में एक मरीज में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है।

कोरोना के नए वेरिएंट की दस्तक के बाद उत्तराखंड सरकार एक्टिव हो गई है और राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार पूरी तरह से गंभीर है। सीएम धामी ने कहा कि उन्होंने शनिवार को ही सभी जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक की थी और इस संबंध में सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कोरोना-महामारी का प्रकोप फिर बढ़ने लगा है, (एफआरआई और तिब्बती कॉलोनी) दोनों क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन किया घोषित 

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कोरोना-महामारी का प्रकोप फिर बढ़ने लगा है। यहां एफआरआई ओल्ड हॉस्टल में 11 आईएफएस (IFS) अफसर कोरोना संक्रमित मिले। इसके बाद सहस्त्रधारा रोड स्थित तिब्बती कॉलोनी में भी 6 लोगों की जांच रिपोर्ट कोविड ​-19 पॉजिटिव आई। जिसके बाद इन दोनों क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। यह जानकारी  देहरादून के जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने दी।

 

 

उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि, राज्य में कोविड ​​-19 टेस्ट में कोई कमी नहीं होगी और सरकार एक बार फिर पुनर्विचार करेगी कि सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थापित टेस्टिंग बूथों को हटाया जाए या नहीं। उत्तराखंड के मुख्य सचिव द्वारा राज्य की सीमा और रेलवे स्टेशनों पर पर्यटकों के कोविड 19 टेस्ट को बंद करने का आदेश पारित करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री का बयान आया है।

राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उपराज्यपालों का 51वां सम्मेलन, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में चौथा सम्मेलन

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उप राज्यपालों के 51वें सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति भवन में राज्यपाल और उपराज्यपाल के 51वें सम्मेलन में भाग लिया।

राज्यपाल और उपराज्यपाल का ये सम्मेलन एक परंपरा है, जो 1949 से चली आ रही है। पहला सम्मेलन 1949 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी ने की थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ये चौथा सम्मेलन है।

राज्यपालों और उपराज्यपालों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हम आज 2 साल के लंबे अंतराल के बाद मिल रहे हैं।कोविड-19 महामारी का सामना करने में विश्व का सबसे व्यापक और प्रभावी अभियान भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाया गया एवं हमारे सभी कोरोना योद्धाओं ने त्याग और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य का निर्वाह समर्पित रूप से किया। आज देश में 108 करोड़ से अधिक कोरोना टीकाकरण किये जा चुके है इसके साथ ही देश भर में टीकाकरण अभियान जारी है।

उत्तराखंड राज्य सरकार ने कोविड प्रतिबंधों को 20 नवंबर तक हटा दिया है, आज से नई गाइडलाइंस लागू 

उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू में लगी सभी बंदिशें राज्य सरकार ने हटा दी हैं।राज्य सरकार ने दो नवंबर को जारी एसओपी में परिवर्तन करते हुए सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और मनोरंजन से संबंधित क्रियाकलापों में सौ प्रतिशत की छूट प्रदान कर दी है।

उत्तराखंड में कोरोना मरीजों के मामलों में आई कमी और त्योहारों को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने कोविड प्रतिबंधों को हटा दिया है। 20 नवंबर तक के लिए नई एसओपी जारी की गई है।मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने मंगलवार को पूर्व से घोषित एसओपी में संशोधन का आदेश जारी कर दिया है। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि मास्क,सामाजिक दूरी और अन्य नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।

नई एसओपी के अनुसार कोविड संक्रमण की संख्या में आई कमी को देखते हुए विवाह समारोह में 100 प्रतिशत क्षमता के साथ एवं कोविड प्रोटोकॉल के तहत सम्मिलित होने की अनुमति है।

राज्य के समस्त कोचिंग संस्थान जो विद्यार्थियों / अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण एवं कोचिंग प्रदान करते हैं वह कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए सौ प्रतिशत क्षमता  के साथ खुलेंगे । इस व्यवस्था को संबंधित संस्थानों द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा।

मंगलवार को जारी एसओपी के तहत कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए प्रदेश में अब सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठान 100 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे। इनमें जिम, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, सैलून, स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, ऑडिटोरियम, खेल मैदान, खेल संस्थान, स्टेडियम, होटल, रेस्तरां, भोजनालय आदि एसओपी के तहत कोविड प्रोटोकॉल के तहत खोले जाएंगे। एसओपी में खाद्य पदार्थों की होम डिलीवरी को प्रोत्साहित करने को कहा गया है।खेल संस्थान, स्टेडियम एवं खेल के मैदान को खेल विभाग द्वारा जारी मानक प्रचलन विधि एवं कोविड प्रोटोकॉल के तहत खोला जायेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इसलिए लापरवाही की गुंजाइश नहीं है। जब त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है, लोगों को खुद से सावधान रहना होगा। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें और मास्क, सैनिटाइजर इत्यादि का प्रयोग बराबर करते रहें।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा मंगलवार को दिल्ली से अचानक देहरादून पहुंचे,मंत्री हरक सिंह और विधायक काऊ से मुलाकात की

देहरादून :- उत्तराखंड की सियासी हवाओं की अटकलों के बीच उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा दिल्ली से अचानक देहरादून पहुंचे। बहुगुणा ने मंगलवार को देहरादून पहुंचकर मंत्री हरक सिंह और विधायक काऊ के निवास पर जाकर उनसे लंबी मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक बहुगुणा ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि सभी एकजुट रहेंगे तो ठीक रहेगा। साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव के संबंध में चर्चा की।

कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत और रायपुर क्षेत्र से विधायक उमेश शर्मा काऊ को साधने के लिए पार्टी हाईकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को मोर्चे पर लगाया है।सूत्रों के मुताबिक, पार्टी केंद्रीय नेतृत्व ने इन अटकलों पर पूर्ण विराम लगाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा को मैदान में उतारा है। लंबे समय से तकरीबन उपेक्षित रहे बहुगुणा ने अपने साथियों से मुलाकात करने से पहले भाजपा प्रदेश कार्यालय का रुख किया। वहां उन्होंने प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार से मुलाकात की।

विधायक काऊ ने मुलाकात के बारे में पूछने पर बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा उनके गु्रप के नेता है। उन्हीं के नेतृत्व में हम भाजपा में शामिल हुए थे। साढ़े चार साल बाद वह उनके घर आए और कुशलक्षेम पूछी। साथ ही पार्टी संगठन की मजबूती और आगामी विधानसभा चुनाव में जीत के संबंध में चर्चा हुई। मंत्री हरक सिंह रावत से काफी प्रयासों क बाद भी फोन पर संपर्क नहीं हो पाया।

पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा ने कहा कि हमने कांग्रेस से विभाजन सिद्धांतों के आधार पर किया था। आज हम सभी साथ हैं और पूरी तरह से समर्पित हैं। बहुगुणा ने कहा कि हमारा आज भी यह मानना है कि उत्तराखंड का हित और विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सुरक्षित है। पीएम मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है।पूर्व मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि कांग्रेस में विभाजन करने वाले हम नौ विधायक थे, यशपाल आर्य हमारे साथ नहीं थे।बहुगुणा ने कहा कि कुछ गलत भ्रांतियां फैली हैं। न तो कोई नाराज है न ही कोई कहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने को लेकर जो चर्चाएं हो रही हैं, वो बे सिर-पैर की कहानी है। उसमें कोई सच्चाई नहीं है।

वर्ष 2016 के सियासी घटनाक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। तब उनकी अगुआई में जिन नौ कांग्रेसी विधायकों ने भाजपा का दामन थामा था, उनमें हरक सिंह रावत व उमेश शर्मा काऊ भी शामिल थे।सूत्रों के मुताबिक बहुगुणा ने मुलाकात के दौरान यह संदेश देने का प्रयास किया कि सभी एकजुट रहें। ये भी चर्चा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फार्मूला, मनपसंद सीट समेत अन्य विषयों पर भी मंथन हुआ। अब देखने वाली बात होगी कि बहुगुणा की यह मुलाकात क्या असर दिखाती है।

देश में कोरोना वैक्सीनेशन का आंकड़ा 100 करोड़ के पार, पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा- भारत ने रचा इतिहास

कोरोना वैक्सीनेशन के 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर भारत ने आज इतिहास रच दिया है। इस मौके पर कई जगह जश्न मनाने की तैयारी है।देश में कोरोना रोधी टीकों की अब तक दी गई खुराक की संख्या 100 करोड़ के पार हो गई है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने इतिहास रच दिया, यह भारतीय विज्ञान, उद्यम, भारतीयों की सामूहिक भावना की जीत है। पीएम मोदी टीकाकरण की संख्या 100 करोड़ के पार पहुंचने पर आज राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों संग बातचीत की।  देश में 100 करोड़ खुराक दिए जाने के अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया लाल किले से गायक कैलाश खेर का गीत और आडियो-विजुअल फिल्म जारी करेंगे।

भारत में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 100 करोड़ पार करने पर पीएम मोदी ने भी बधाई दी है।पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत ने इतिहास रच दिया। हम भारतीय विज्ञान, उद्यम और 130 करोड़ भारतीयों की सामूहिक भावना की विजय देख रहे हैं। 100 करोड़ टीकाकरण पार करने पर भारत को बधाई। हमारे डॉक्टरों, नर्सों और इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए काम करने वाले सभी लोगों का आभार।’ बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाने के लिए लगातार स्वास्थ्य कर्मियों की तारीफ करते रहे हैं।पीएम मोदी ने कहा कि आज एक उत्साह है और दायित्व बोध भी है कि हमें मिलकर कोरोना को हराना है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब कोरोना वायरस की हार निश्चित है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘देश में अब तक रिकॉर्ड 100 करोड़ कोविड टीके का सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है। यह आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व, प्रतिबद्ध स्वास्थ्य कर्मियों के परिश्रम एवं अनुशासित नागरिकों की सहभागिता का सुफल है। कोरोना की हार तय है।

भारत में टीकाकरण मुहिम की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी और इसके पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगाए गए थे। इसके बाद दो फरवरी से अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण आरंभ हुआ था। टीकाकरण मुहिम का अगला चरण एक मार्च से आरंभ हुआ, जिसमें 60 साल से अधिक आयु के सभी लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके लगाने शुरू किए गए। देश में 45 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण एक अप्रैल से आरंभ हुआ था और 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण एक मई से शुरू हुआ।