Corona In Uttarakhand: प्रदेश में शून्य हुई कोरोना मरीजों की संख्या, एक हफ्ते से नहीं आया एक भी एक्टिव केस

Uttarakhand Corona Update:  प्रदेश में 15 मार्च 2020 को कोरोना का पहला मामला सामने आया था। तब से लेकर अब तक प्रदेश में कुल 4 लाख 49 हजार 472 कोविड पॉजिटिव केस दर्ज किए गए।

उत्तराखंड में पिछले एक सप्ताह से कोविड-19 का एक भी सक्रिय मरीज सामने नहीं आया है। जिसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि भले ही प्रदेश में कोरोना का एक भी सक्रिय केस न हो, लेकिन मौसम को देखते हुए सभी को सर्तक रहने की जरूरत है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क जरूर पहनें। साथ ही जिन लोगों ने टीकाकरण का कोर्स पूरा नहीं किया है, वे समय पर अपना टीकाकरण अवश्य कराएं। 

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर अधिकारियों को विशेष सावधानी और जागरूकता अभियान संचालित करने के निर्देश समय-समय पर दिए गए। जिसका नतीजा है कि प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से एक भी मरीज सामने नहीं आया है। वहीं, अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में कोरोना की जांच लगातार की जा रही है। 

15 मार्च को सामने आया था पहला मरीज

प्रदेश में 15 मार्च 2020 को कोरोना का पहला मामला सामने आया था। तब से लेकर अब तक प्रदेश में कुल 4 लाख 49 हजार 472 कोविड पॉजिटिव केस दर्ज किए गए। इस वर्ष 1 जनवरी 2023 के अब तक राज्य में केवल 78 मामले सामने आए हैं। विभागीय सक्रियता व आम लोगों की जागरूकता व सावधानी के चलते तीन साल बाद अब प्रदेशभर में पिछले एक सप्ताह से कोरोना का एक भी एक्टिव केस नहीं है। ये प्रदेशवासियों के लिये राहत देने वाली बात है। 

राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में प्रवेश कें लिए क्लैट (clat 2022) परीक्षा आज,देहरादून में एक परीक्षा केंद्र

देश के 22 नैशनल विधि विश्वविद्यालय में 2700 सीटों के लिए आयोजित होने वाली क्लैट (clat 2022) परीक्षा आज रविवार को दोपहर 2 बजें से 4 बजें तक आई.एम.एस. राजपुर रोड, देहरादून में हो रहा हैं।इस बार देहरादून मे केवल एक परीक्षा केंद्र बनाया गया हैं जिसमें लगभग 1300 अभ्यर्थी परीक्षा दे रहें हैं।


कोविड गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य होगा। अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र पर 1:30 बजे तक पहुंचना होगा।केंद्र पर 2:30 के बाद प्रवेश नही मिलेगा।
क्लैट (Clat) विशेषज्ञ लाॅ प्रेप दून के निदेशक एस.एन.उपाध्याय ने बताया कुल 150 मार्क्स के लिए 120 मिनट का समय निर्धारित हैं।इंग्लिश,समान ज्ञान, लाॅजिकल रीजनिग,लीगल रीजनिग और डाटा इटरंपिरटेशन सम्बन्धित प्रश्न होगें।पेपर पूरी तरह कंपिहेंसिव होगा,जबकि कंरट अफेयर और लीगल का हिस्सा 25-25 प्रतिशत होगा।लाॅजिकल रीजनिग और इंग्लिश का 20-20 प्रतिशत और डेटा इंटरप्रिटेशन में 10 प्रतिशत सवाल होगें।गलत उत्तर देनें में 0.25 अंक कटेंगा।

उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटी, विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश होगी

उत्तराखंड सरकार ने कोरोनाकाल के बाद विकास से जुड़ी योजनाओं पर तेजी से फोकस किया। कोरोना काल में चौपट हुई उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था अब पटरी पर लौट रही है। राज्य की आर्थिकी की धुरी माने जाने वाले पर्यटन सेक्टर में तेजी से सुधार होता दिखाई दे रहा है। अर्थ एवं संख्या विभाग के आर्थिक विकास दर के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं।

जिला योजना में 40 प्रतिशत धनराशि आजीविका बढ़ाने वाली योजनाओं पर खर्च की गई। अवस्थापना कार्यों और औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन की तेजी, पर्यटन कारोबार और सेवा से जुड़े क्षेत्रों के विस्तार से अर्थव्यवस्था में सुधार दिखाई दे रहा है।

प्रचलित भावों संशोधित आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की विकास दर जो कोरोनकाल में 2020-21 के दौरान शून्य से नीचे -4.42 प्रतिशत तक गिर गई थी। उसके 2021-22 में 6.13 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। यह 2018-19 में राज्य की 6 प्रतिशत विकास दर से भी अधिक है।

राज्य सरकार 14 जून से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश होगी। इस रिपोर्ट में राज्य की वित्तीय स्थिति और अर्थव्यवस्था के बारे में पूरी तस्वीर दिखाई जाएगी। साथ ही रिपोर्ट उन क्षेत्रों की स्थिति से पर्दा उठाएगी, जो राज्य की आर्थिकी के लिए खासे अहम हैं।

अर्थ एवं संख्या विभाग के अपर निदेशक डॉ. मनोज कुमार पंत का कहना है कि कोरोनाकाल के बाद राज्य ने विकास एवं निर्माण से जुड़ी योजनाओं पर तेजी से फोकस किया। जिला योजना में 40 प्रतिशत धनराशि आजीविका बढ़ाने वाली योजनाओं पर खर्च की गई। अवस्थापना कार्यों और औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन की तेजी, पर्यटन कारोबार और सेवा से जुड़े क्षेत्रों के विस्तार से अर्थव्यवस्था में सुधार दिखाई दे रहा है।

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए मौजूद रहेगी डॉक्टरों की टीम, यात्रा मार्ग पर मुफ्त स्वास्थ्य सेवा को मुख्यमंत्री धामी ने दिखाई झंडी

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई है। यात्रा के लिए पहला जत्था सोमवार को रवाना होगा। 3 मई यानी कि अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुल जाएंगे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं के लिए खास स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की है। इसकी जानकारी उन्होंने सोमवार को दी।  कोरोना के कारण दो साल तक चारधाम यात्रा अपनी पूरी क्षमता के साथ नहीं हो पा रही थी। इस दौरान आज उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में चार धाम यात्रा मार्ग पर मुफ्त स्वास्थ्य सेवा को झंडी दिखाकर रवाना किया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा मार्ग पर मुफ्त स्वास्थ्य सेवा को झंडी दिखाएं जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “डॉक्टर की टीम और एंबुलेंस रवाना कर रहे हैं जो पूरी यात्रा के दौरान मौजूद रहेंगी और लोगों को सुविधा प्रदान करेंगी।”

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए बताया कि, ”आज सिक्स सिगमा हेल्थ केयर द्वारा चारधाम यात्रा मार्गों पर उपलब्ध कराई जा रही नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का फ्लैग ऑफ किया। हमारी सरकार चार धाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान कराने हेतु प्रतिबद्ध है।”

सरकार के निर्देश के मुताबिक, केदारनाथ धाम में एक दिन में 12 हजार, बद्रीनाथ में 15 हजार, गंगोत्री में 7 हजार, यमुनोत्री में 4 हजार श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। 31 मई तक चलने वाली इस यात्रा में तकरीबन 2.29 लाख से ज्यादा यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है, हर जगह कोविड रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाणपत्र अनिवार्य किया जाता है, लेकिन इस साल चार धाम यात्रा पर जाने के लिए उत्तराखंड आने वाले तीर्थयात्रियों को कोविड की नेगेटिव जांच रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाणपत्र साथ रखना अनिवार्य नहीं है। तो वहीं, तीर्थ यात्रा पर निकलने से पहले श्रद्धालुओं के लिए पर्यटन विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इसके बाद मां सुरकंडा देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख एवं समृद्धि की कामना की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामीकहा कि टिहरी झील को दुनिया का सबसे बेहतर पर्यटन स्थल बनाने की योजना है। झील क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों के लिए भारत सरकार से पहले 1200 करोड़ की स्वीकृति मिली थी, जिसकी डीपीआर तैयार की जा रही है। 800 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मां सुरकंडा देवी के लिए रोपवे सेवा शुरू होने से श्रद्धालुओं को दर्शन करने में सुगमता होगी। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी। राज्य में धार्मिक पर्यटन के साथ ही साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

उत्‍तराखंड : राजधानी में सार्वजनिक स्थानों पर मास्‍क न पहनने पर देना होगा जुर्माना, देहरादून में मास्क है जरूरी

कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। इसे देखते हुए तमाम एहतियात बरती जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना की संभावित चौथी लहर के दृष्टिगत सभी राज्यों के साथ वर्चुअल बैठक की है। अब देहरादून में भी मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इस हेतु जिला प्रशासन की ओर से आदेश भी जारी हो चुके हैं।

उत्‍तराखंड में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। जिसके मद्देनजर अब प्रशासन ने भी सख्‍ती दिखानी शुरू कर दी है। इस क्रम में राजधानी देहरादून में सार्वजनिक स्थानों पर मास्‍क न पहनने वालों को जुर्माना देना होगा।

कोरोना का संक्रमण फिर सिर उठाता दिख रहा है। इस आशंका से घिरा जिला प्रशासन अब सख्ती दिखाने के मूड में है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने मास्क न पहनने वालों से सख्ती से निपटने को कहा है। ऐसे व्यक्तियों से 1000 रुपये तक का जुर्माना वसूल किया जाएगा।

जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार के आदेश के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर मास्क, गमछा, स्कार्फ या दुपट्टे का प्रयोग करना अनिवार्य होगा। ताकि संक्रमण का फैलाव न हो।

जिलाधिकारी ने सख्ती बरतने व जुर्माना लगाने के लिए सभी उपजिलाधिकारियों, सिटी मजिस्ट्रेट, पुलिस क्षेत्राधिकारियों व पुलिस थानाध्यक्ष को अधिकृत किया गया है।

कोरोना की तीसरी लहर थमने के बाद कोविड मानकों में ढील दी गई थी। मास्क लगाने की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई थी। लेकिन अब तमाम राज्यों को लग रहा है कि मास्क फिर से है जरूरी। देहरादून जिला मजिस्ट्रेट की ओर से जारी आदेश के अनुसार कोरोना की रोकथाम के लिए, घर से बाहर निकलने पर, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर भी प्रतिबंध रहेगा। मास्क न लगाने पर 500 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

 

केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन के सभी कोटे खत्म, केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन की गाइडलाइन्स में हुआ बदलाव, यहां देखें नई गाइडलाइन्स

केंद्रीय विद्यालय में सांसदों और जिलाधिकारियों के कोटे से बच्चों के एडमिशन पर रोक लगा दी गई है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब सांसद और जिलाधिकारी अपने कोटे से बच्चों को प्रवेश नहीं दिला सकेंगे। यह नियम अब अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा।

प्रत्येक लोकसभा सांसद पहले अपने निर्वाचन क्षेत्र के किसी भी केंद्रीय विद्यालय में 10 छात्रों के दाखिले के लिए सिफारिश करने का हकदार था। वहीं किसी भी राज्यसभा सदस्यों को उस राज्य में 10 छात्रों की सिफारिश करने की अनुमति थी, जहां से वे चुने गए थे। सरकार ने सांसदों के बच्चों और आश्रित पोते-पोतियों के प्रवेश की अनुमति देने वाले विशेष प्रावधान को भी समाप्त कर दिया है।

केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने कक्षा 1 से 12 तक केवीएस प्रवेश 2022 के लिए संशोधित प्रवेश दिशानिर्देश जारी किए हैं। केवीएस संशोधित प्रवेश दिशानिर्देश केवीएस की आधिकारिक साइट kvsangathan.nic.in पर सभी माता-पिता, छात्रों और अन्य लोगों चेक कर सकते है। है।

केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत कोविड -19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को केंद्रीय विद्यालय की किसी भी कक्षा में उसकी क्षमता से अधिक दाखिला देने के लिए एक नया प्रावधान पेश किया है। इस प्रावधान के तहत बच्चों का दाखिला संबंधित जिले के जिलाधिकारियों की ओर से दी जाने वाली लिस्ट के आधार पर किया जाएगा। इसके अनुसार, हर केंद्रीय विद्यालय में 10 बच्चे और हर कक्षा में अधिकतम दो बच्चों के दाखिले की अनुमति होगी। कक्षा एक से कक्षा 12वीं तक के छात्रों को फीस (ट्यूशन शुल्क, कंप्यूटर फंड और वीवीएन) के भुगतान से छूट दी जाएगी।

फीस में भी दी जाएगी छूट
नई गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को पहली से 12वीं कक्षा तक फीस (ट्यूशन शुल्क, कंप्यूटर फंड और वीवीएन) के भुगतान से छूट दी जाएगी।

  • इन बच्चों को भी मिल सकेगा एडमिशन
  • सशस्त्र बलों के शिक्षा निदेशालय यानी सेना, वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल 10वीं और 12वीं कक्षा को छोड़कर रक्षा क्षेत्र में स्थित केंद्रीय विद्यालयों में एक शैक्षणिक वर्ष में अपने रक्षा कर्मियों के बच्चों के प्रवेश के लिए अधिकतम 06 नामों की सिफारिश कर सकते हैं।
  • सेवारत KVS कर्मचारियों के बच्चों को वर्ष के किसी भी समय प्रवेश के लिए विचार किया जाएगा। भले ही कक्षा की संख्या/स्थानांतरण/भर्ती का वर्ष कुछ भी हो। हालांकि, कक्षा दसवीं के लिए बच्चे को प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी। सेवानिवृत्त व्यक्तियों के बच्चों को कोई प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
  •  केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चे, जिनकी मौत हो गई है, उन्हें भी केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र, सेना पदक (सेना), नौसेना पदक (नौसेना), वायु सेना पदक (वायु सेना) के प्राप्तकर्ताओं के बच्चों को भी एडमिशन दिया जाएगा। इसके अलावा वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और वीरता के लिए पुलिस पदक प्राप्त करने वालों के बच्चे को भी सेंट्रल स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा।
  •  सरकार द्वारा आयोजित एसजीएफआई, सीबीएसई, राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय खेलों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी खिलाड़ियों को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं दूसरी ओर स्काउट्स एंड गाइड्स में राष्ट्रपति पुरस्कार के प्राप्तकर्ता बच्चों को भी एडमिशन दिया जाएगा।
  • कक्षा I और कक्षा VI के बाद से सिंगल गर्ल चाइल्ड को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें जुड़वां बच्चियां भी शामिल हैं।
  •  ऐसे बच्चे जो, राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार या राष्ट्रीय बाल भवन द्वारा स्थापित बालश्री पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं, उन्हें भी सेंट्रल स्कूल में एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  •  ऐसे बच्चे, जिन्होंने ललित कला में विशेष प्रतिभा दिखाई है और उन्हें राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर पहचान मिली है।
  •  विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को हर साल भारत में कहीं भी स्थित केंद्रीय विद्यालयों में 60 और केंद्रीय विद्यालयों के छात्रावास में 15 प्रवेश दिए जाएंगे।
  •  भारतीय खुफिया एजेंसी (रॉ) के कर्मचारियों के 15 बच्चों को केवीएस मुख्यालय द्वारा जारी आदेश के बाद प्रवेश दिया जाएगा। इनमें से अधिकतम 5 सीटें दिल्ली में और शेष दिल्ली के बाहर दी जाएगी।
  •  गृह मंत्रालय के तहत केंद्रीय पुलिस संगठनों जैसे CRPF, BSF, ITBP, CISF, SSB, NDRF और असम राइफल्स के ग्रुप-बी और सी कर्मचारियों के बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालयों में 50 प्रवेश दिए जाएंगे। इसके अलावा कश्मीरी प्रवासियों के बच्चों को भी एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • विभिन्न स्तरों पर खेल और खेलकूद मीट/ स्काउटिंग गाइडिंग/एनसीसी/एडवेंचर गतिविधियों में भाग लेने वाले छात्रों को प्रवेश के लिए भी रियायत दी जाएगी। इस उद्देश्य के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र पिछले किसी भी वर्ष का हो सकता है।

 

देहरादून के स्कूल, कॉलेज में कोरोना की एंट्री, फिर से डराने लगा कोरोना, द दून स्कूल का छात्र और कारमन में शिक्षक संक्रमित

देहरादून के शिक्षण संस्थानों में कोरोना की एंट्री हो चुकी है। दो दिन पहले पहले ब्राइटलैंड स्कूल में छात्रा कोरोना संक्रमित पाई गई।  दून स्कूल में एक छात्र कोरोना संक्रमित मिला है। जिसके बाद स्वास्थ विभाग ने यहां पर सेनेटाइजेशन करा कर दो दिन के लिए आवाजाही पर रोक लगा दी है।

इसके साथ ही संपर्क में आए छात्रों की जांच के निर्देश दिए हैं। सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती ने शहर के नामी द दून स्कूल में एक छात्र में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि विभाग ने स्कूल में सैनिटाइजेशन करने और दो दिन के लिए स्कूल को बाहरी आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।  साथ ही छात्र के संपर्क में आए अन्य छात्रों और कर्मचारियों की भी कोरोना जांच करने की बात कही है।

डालनवाला क्षेत्र स्थित कार्मन स्कूल के एक शिक्षक में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने स्कूल में सेनेटाइजेशन करने और 2 दिन तक आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राजीव दीक्षित ने कहा है कि सभी स्कूलों को विशेष दिशा निर्देश दिए गए हैं। उनसे कहा गया है कि छात्रों को मास्क सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेंस का अनिवार्य तौर पर पालन कराएं। जरा भी लक्षण दिखें तो छात्रों को स्कूल में न आने दें। इसके अलावा संक्रमित पाए जाने पर तत्काल विभाग को सूचना दें।

स्कूलों में लगातार केस बढ़ने से तय है कि कोरोना की चौथी लहर आ सकती है। सरकार को जल्द इसे लेकर निर्देश जारी करने होंगे। बोर्ड पररीक्षाएं भी शुरू हो गई हैं। ऐसे में अहतियात भी बरतने होंगे। साथ ही बाकी कक्षाओं के लिए स्कूल बंद करने पड़ेंगे। मनमोहन जायसवाल, प्रदेश मंत्री, उत्तराखंड अभिभावक संघ 

प्रदेश में सोमवार को कोरोना के 11 नए मामले मिले और पांच मरीज स्वस्थ हुए। किसी मरीज की मौत नहीं हुई। प्रदेश में फिलहाल कोरोना के 73 मामले सक्रिय हैं। छह जिलों अल्मोड़ा, चमोली, पौड़ी, पिथौरागढ़, टिहरी व उत्तरकाशी में कोरोना का कोई सक्रिय मामला नहीं है। देहरादून में सबसे अधिक 40 और हरिद्वार में 24 सक्रिय मामले हैं।

यूक्रेन में फंसे 219 भारतीय छात्रों को लेकर रोमानिया से एअर इंडिया का पहला विमान मुंबई के लिए रवाना

यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वतन वापसी शुरू हो गई है। शनिवार को एयर इंडिया का एक विमान रोमानिया के बुखारेस्ट से भारतीय यात्रियों को लेकर मुंबई के लिए रवाना हो गया है। यह विमान शनिवार सुबह ही मुंबई से बुखारेस्ट शहर पहुंचा। यूक्रेन पर रूस के हमले के तीसरे दिन वहां फंसे 219 भारतीय छात्रों को लेकर एअर इंडिया के विमान AI-1943 ने रोमानिया के बुखारेस्ट से मुंबई के लिए उड़ान भर ली है।

विमान में बैठकर छात्र काफी खुश नजर आए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम छात्रों की वापसी की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इधर, यूक्रेन से भारत आने वाले यात्रियों के लिए मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक स्पेशल कॉरिडोर बनाया गया है। यहां से बाहर निकलने के लिए यात्रियों को कोविड-19 टीकाकरण का प्रमाणपत्र या RT-PCR की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा है कि यूक्रेन से निकाले गए 219 भारतीयों के साथ पहली उड़ान रोमानिया से मुंबई के लिए रवाना हुई। हम प्रगति कर रहे हैं। हमारी टीमें 24 घंटे जमीन पर काम कर रही हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहा हूं।

यूक्रेन की इंडियन एम्बेसी ने एडवाइजरी जारी की।

पोलैंड में भारतीय राजदूत नगमा मल्लिक ने कहा कि दूतावास ने तीन टीमों का गठन किया है। ये टीमें भारतीयों को पश्चिमी यूक्रेन से बाहर निकलने में सहायता करेंगी। सभी फंसे हुए भारतीयों को पोलैंड ले जाया जाएगा, वहां से उन्हें भारत भेजने की व्यवस्था की जाएगी। यूक्रेन की इंडियन एम्बेसी ने एडवाइजरी जारी कर वहां फंसे भारतीयों से कहा है- सीमा पर तैनात भारतीय अधिकारियों से समन्वय के बिना सीमा की तरफ न निकलें। पश्चिमी शहरों में खाने पीने की चीजों के साथ जहां हैं वहां बने रहना बेहतर है। बिना कोआर्डिनेशन के बॉर्डर पर पहुंचने से परेशानी उठानी पड़ सकती है। पूर्वी इलाके में अगले निर्देश तक घरों के अंदर या जहां पनाह लिए हैं वहीं रहें।

उत्तराखंड में 31 जनवरी तक सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे, रैलियों, रोड शो पर भी रोक

उत्तराखंड में लागू कोविड प्रतिबंध की अवधि शनिवार को खत्म हो गई थी। उच्च स्तरीय बैठक में हुए मंथन के बाद शासन ने प्रतिबंध को 31 जनवरी तक बढ़ाने का निर्णय लिया। नई गाइडलाइन के मुताबिक, प्रदेश में नाइट कर्फ्यू रात 10 से सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा। राज्य में 31 जनवरी तक आंगनबाड़ी से लेकर 12वीं तक के सभी सरकारी, सहायताप्राप्त अशासकीय और निजी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। इनमें आनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। प्रदेश में अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के कोविड वैक्सीनेशन या कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता की भी अब जरूरत नहीं होगी।

चुनाव आयोग की गाइडलाइन को भी कोविड प्रतिबंध में समाहित किया गया है। इसके तहत राजनीतिक दलों को राहत दी गई है। 31 जनवरी को नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद दलों को छोटी सभाओं की अनुमति होगी। मैदान की कुल क्षमता के 50 फीसदी लोग ही शामिल हो सकेंगे। रैली, प्रदर्शन, रोड शो, पदयात्रा, बाइक रैली जैसे आयोजन नहीं होंगे। इसके अलावा घर-घर जनसंपर्क के लिए अब 5 के स्थान पर 10 व्यक्तियों को अनुमति होगी।

कोविड के संक्रमण को देखते हुए स्वीमिंग पूल, वाटर पार्क भी 31 जनवरी तक बंद रहेंगे। इस दौरान मनोरंजन, शैक्षिक व सांस्कृतिक समारोह की भी अनुमति नहीं होगी। जिम, शापिंग माल, सिनेमा हाल, होटल, रेस्तरां, ढाबे, स्पा, सैलून, थिएटर, आडिटोरियम, सभाकक्ष, खेल संस्थान, स्टेडियम व खेल मैदान 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे। शादी समारोह में स्थल के 50 प्रतिशत क्षमता के साथ व्यक्तियों को शामिल होने की अनुमति होगी।

75 साल में पहली बार 30 मिनट देरी से शुरू होगी गणतंत्र दिवस परेड, जानें क्यों देरी से होगी परेड

गणतंत्र दिवस परेड इस बार अपने निर्धारित समय से 30 मिनट की देरी से शुरू होगी। बीते 75 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब गणतंत्र दिवस की परेड 30 मिनट देरी से शुरू होगी। दरअसल कोरोना प्रोटोकॉल और श्रद्धांजलि सभा के चलते परेड का समय थोड़ा आगे बढ़ाया गया है।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी है कि हर साल गणतंत्र दिवस परेड सुबह 10 बजे शुरू होती थी, लेकिन इस साल परेड का समय 10.30 बजे किया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि COVID-19 के प्रोटोकॉल के कारण ऐसा किया गया है। गणतंत्र दिवस पर परेड शुरू होने से पहले जम्मू-कश्मीर में जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘परेड समारोह पिछले साल की तरह 90 मिनट लंबा होगा, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा करेंगे। बाद में, दल मार्च पास्ट करेंगे। झांकीपरेड के दौरान सांस्कृतिक विविधता, सामाजिक और आर्थिक प्रगति का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रदर्शित किया जाएगा।’

स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है। गणतंत्र दिवस परेड समारोह में अब तक का सबसे भव्य फ्लाईपास्ट दिल्ली में राजपथ पर देखा जाएगा। भारतीय वायु सेना स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देते हुए 75 विमानों से राजपथ पर फ्लाईपास्ट करेगी।

दिल्ली पुलिस ने राजपथ इलाके में कई स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है। दिल्ली में 300 से ज्यादा ऐसे CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जो लोगों के चेहरों को पहचानने की क्षमता रखते हैं। डीसीपी दीपक यादव ने कहा कि सुरक्षाबलों के लिए आतंकी खतरे के साथ-साथ कोरोना संक्रमण भी एक बड़ी चुनौती है।