प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना दिवस पर देश के जवानों को दी बधाई, जानिए आज क्यों मनाया जाता है सेना दिवस

भारतीय सेना आज अपना स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के जांबाज वीर सैनिकों को बधाई दी। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी आज राजधानी दिल्ली में कैंट स्थित करियप्पा ग्राउंड में परेड की सलामी लेंगे।

क्यों 15 जनवरी को मनाया जाता है सेना दिवस                                                                                    15 जनवरी को भारत सेना दिवस मना रहा है। हर साल होने वाले इस आयोजन में देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीरों को याद किया जाता है। 15 जनवरी, 1949 को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। फ्रांसिस बुचर भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय आर्मी के पहले कमांडर इन चीफ बने थे। करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में हर साल यह दिन ‘आर्मी डे’ के रूप में मनाया जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘‘भारतीय सेना के जवान दुर्गम इलाकों में सेवाएं देते हैं और राष्ट्रीय आपदा समेत उन्होंने कहा, ‘‘खासकर साहसी जवानों, सम्मानीय सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों और उनके परिवारों को सेना दिवस की शुभकामनाएं। भारतीय सेना को उसकी बहादुरी और पेशेवर रवैये के लिए जाना जाता है। राष्ट्रीय सुरक्षा में उसके अतुलनीय योगदान को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।’’

प्राकृतिक आपदाओं में भी भारतीय जवान नहीं रहते पीछे

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय सेना के जवान प्रतिकूल इलाकों में सेवा करते हैं और प्राकृतिक आपदाओं सहित मानवीय संकट के दौरान साथी नागरिकों की मदद करने में सबसे आगे हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि विदेशों में भी शांति अभियानों में सेना के शानदार योगदान पर भारत को गर्व है।

तीनों सेना प्रमुखों ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की

सेना दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (सेना), एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (वायु सेना) और एडमिरल आर हरि कुमार (नौसेना) ने भी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

अमित शाह ने भी सेना दिवस की दी शुभकामनाएं

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर ट्वीट करते हुए कहा कि ‘भारतीय सेना के बहादुर जवानों, पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों को थल सेना दिवस की शुभकामनाएं। मातृभूमि की रक्षा में सदैव तत्पर वीर सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य व सर्वोच्च बलिदान को नमन करता हूं। देश के प्रति आपकी निःस्वार्थ सेवा,समर्पण व प्रतिबद्धता हर भारतीय हेतु प्रेरणास्रोत है’।

परेड में दिखेगी सेना की नई कॉम्बेट यूनिफार्म

करियप्पा ग्राउंड में होने वाली परेड में पहली बार भारतीय सैनिकों की नई कॉम्बेट यूनिफार्म की झलक देखने को मिलेगी। डिजिटल पैटर्न पर NFIT द्वारा तैयार की गई इस यूनिफार्म को ही सैनिक युद्ध के मैदान और ऑपरेशनल एरिया में पहना करेंगे।

कोरोना के बढ़ते मामले को देख हरिद्वार जिला प्रशासन का बड़ा फैसला, हरिद्वार में मकर संक्रांति स्नान पर पाबंदी, 24 घंटे में उत्तराखंड में 1,292 कोरोना संक्रमित नए मामले

एक तरफ कोरोना के बढ़ते मामले और एक तरफ भारतीय तीज त्योहार। व्यवस्था भी बनाना है और लोगों की भावनाओं को खयाल भी रखना है। कुछ ऐसी ही स्थिति में इस समय उत्तराखंड की सरकार है। हरिद्वार में हर साल संक्रांति पर हर कोई गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाना चाहता है। यही कारण है कि देशभर से लोग संक्राति के मौक पर गंगा स्नना के लिए आते हैं।

हरिद्वार जिले में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। रोजाना बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं। लिहाजा जिला प्रशासन की ओर से पूरी सतर्कता बरती जा रही है। 14 जनवरी मकर संक्राति पर बड़ी संख्या में स्थानीय और दूसरे राज्यों के श्रद्धालु गंगा स्नान को पहुंचते हैं। कोरोना की तीसरी लगहर और संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने सोमवार शाम आदेश जारी कर मकर संक्राति स्नान को प्रतिबंधित कर दिया है।

कोरोना वायरस महामारी देश में अब तेजी से पैर पसार रही हैं, इसी के मद्देनजर एहतियात के तौर पर उत्तराखंड की हरिद्वार जिला प्रशासन ने बड़ी घोषणा की है। हरिद्वार के डीएम विनय शंकर ने मंगलवार को बताया कि हरिद्वार जिला प्रशासन ने 14 जनवरी को ‘मकर संक्रांति’ पर पवित्र स्नान करने वाले भक्तों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।

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हरकी पैड़ी क्षेत्र में श्रद्धालु और स्थानीय नागरिकों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। दूसरे जिले और राज्यों से आने वाले श्रद्धालु को किसी भी स्थिति में अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने बताया कि इसका उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। बताया कि जिले में रात्रि कर्फ्यू रात दस बजे से सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने अधीनस्थों को आदेशों का कड़ाई से पालन कराने को कहा है।

उत्तराखंड में 24 घंटे में कोरोनावायरस के 1,292 नए मामले सामने आए हैं। वहीं इस वायरस की चपेट में आकर 5 लोगों की जान चली गई है, जबकि 294 लोग पूरी तरह से ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं। इस संख्या के बाद उत्तराखंड में कोविड सक्रिय मामलों का नंबर 5009 तक पहुंच गया है। राज्य में कोरोना पॉजिटिविटी दर 7.57 प्रतिशत है।ओमीक्रोन के खतरे के बीच कोरोना के ये आंकड़े काफी चिंताजनक है।

जौनसार बावर के आराध्य देव चालदा महासू महाराज की डोली यात्रा में शामिल हुए पर्यटन मंत्री, 67 वर्षों बाद खत पट्टी समाल्टा में विराजमान होंगे चालदा महासू महाराज

देहरादून जौनसार बावर:- जौनसार बावर के आराध्य देव चालदा महासू देवता का 67 वर्षों बाद खत पट्टी समाल्टा में 23 नवम्बर को नवनिर्मित मन्दिर में विराजमान होंगे।आज समाल्टा खत के सभी ग्रामीण महिला पुरूष ने पारंपरिक वेशभूषा में हारूल नृत्य किया। देवता को लाने के लिए 400 लोगों ने महासू मंदिर के लिए प्रस्थान किया। इस दौरैान सभी ग्रामीण और श्रद्धालुओं ने महासू देवता के जयकारे लगाये।

आज 22 नवंबर को मोहना गांव से महासू देवता समाल्टा के लिए प्रस्थान कर चुके हैं। वह चकराता के पास ठाणा गांव में (बागड़ी) रात्रि प्रवास करेंगे। 23 नवंबर को महासू देवता ठाणा गांव से खत समाल्टा के लिए चलेंगे। जिसके बाद नवनिर्मित मंदिर समाल्टा गांव में चालदा महासू देवता विराजमान होंगे। देव दर्शन को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।

चकराता स्थित जौनसार बावर क्षेत्र के मोहना धाम में सोमवार को श्री चालदा महासू महाराज के दर्शनों और उनकी पावन डोली यात्रा में शामिल होने के लिए भक्तों का जनसमूह दिखाई दिया।प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज सोमवार को जौनसार बावर क्षेत्र स्थित मोहना धाम पहुंच कर चालदा महासू महाराज के दर्शन करने के साथ-साथ डोली यात्रा में भी शामिल हुए।

सतपाल महाराज ने कहा कि महासू देवता जौनसार बाबर जनजाति क्षेत्र ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश तक माने जाने वाले देवों के देव इष्ट देव हैं। उन्होंने बताया कि चार भाई महासू में से चालदा महासू महाराज पवित्र मोहना धाम के भवन में विराजमान थे जो कि अब यहां से समाल्टा के लिए प्रस्थान कर चुके हैं।

प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को जौनसार बावर क्षेत्र स्थित मोहना धाम पहुंच कर चालदा महासू महाराज के दर्शन किए और डोली यात्रा में भी शामिल हुए। चकराता स्थित जौनसार बावर क्षेत्र के मोहना धाम में सोमवार को चालदा महासू महाराज के दर्शन और उनकी पावन डोली यात्रा में शामिल होने के लिए भक्तों का अपार जनसमूह दिखाई दिया। इस अवसर पर सतपाल महाराज ने कहा कि महासू देवता जौनसार बाबर जनजाति क्षेत्र ही नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश तक माने जाने वाले देवों के इष्ट देव हैं।

सतपाल महाराज ने बताया कि चार भाई महासू में से चालदा महासू महाराज पवित्र मोहना धाम के भवन में विराजमान थे जो कि अब यहां से समाल्टा के लिए प्रस्थान कर चुके हैं। चालदा महाराज का आगमन मोहना गांव में 36 साल के बाद 23 नवम्बर 2019 में हुआ था। लगभग 2 वर्ष मोहना में रहने के पश्चात सोमवार को चालदा महासू महाराज की पावन डोली ने समाल्टा के लिए प्रस्थान किया।

उन्होंने कहा कि उनके लिए यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें भी इस धार्मिक अनुष्ठान और चालदा महासू महाराज की पावन डोली यात्रा में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ है। मोहना गांव सात खतों मोहना, द्वार, विशलाड, बोन्दूर, तपलाड, अटगांव और बंणगांव का मुख्य केन्द्र है।

मोहना गांव सात खतों मोहना, द्वार, विशलाड, बोंदूर, तपलाड, अटगांव और बंणगांव का मुख्य केंद्र है। धार्मिक मान्यता है कि हूंणा भाट ब्राह्मण द्वारा खेत में चौथी सींह (हल की रेखा) लगते ही चालदा महाराज स्वयं ही प्रकट हुए थे। चालदा महाराज हमेशा क्षेत्र भ्रमण पर रहते हैं। वह एक स्थान पर अधिक समय तक निवास नहीं रहते, इसलिए उन्हें चालदा महाराज कहा जाता है।

विधायक राजेश शुक्ला ने छठ पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की मांग पर सीएम धामी ने अवकाश घोषित करने का दिया आश्वासन

लोक आस्था के महापर्व छठ पर सार्वजनिक  अवकाश के लिए विधायक राजेश शुक्ला ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून में मुलाकात की। शुक्ला ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देते हुए बताया कि उनके अनुरोध पर वर्ष 2016 से छठ पूजा पर ऐच्छिक अवकाश घोषित किया गया था। पिछले कुछ वर्षों से प्रदेश में कुछ अवकाश समाप्त कर दिए गए हैं। जिनमें छठ पूजा भी शामिल है।प्रदेश में छठ पर्व पर आस्था रखने वालों की बड़ी संख्या है।

राजेश शुक्ला ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि सभी की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष 10 नवंबर को छठ पूजा पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाना चाहिए। विधायक शुक्ला ने बताया कि उनके अनुरोध पर सीएम धामी ने उन्हें छठ पूजा पर अवकाश घोषित करने का आश्वासन दिया है।

 

नरक चतुर्दशी आज, घर में जलाएं दीये, सुख-समृद्धि के लिए करें हनुमान व मां लक्ष्मी की पूजा

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आज नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दीपावली के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा कर घर के कोनों में दीये जलाए जाते हैं। सुख-समृद्धि के लिए हनुमान व मां लक्ष्मी की पूजा करना आज के दिन अधिक फलदायी माना गया है।

आज यानि 3 नवंबर को छोटी दिवाली है और इसका भी दिवाली की तरह ही विशेष महत्व है। इस दिन घर के प्रत्येक कोने में दीपक जलाने की परंपरा है और मान्यता है कि ऐसा करने  से व्यक्ति नरक में जानें से बच जाता है। नरक चतुर्दशी को रूप चौदस भी कहा जाता है।नरक चतुर्दशी के दिन दीपक जलाने की परंपरा है और इस दिन घर में दीपक  जरूर जलाने चाहिए। आज के दिन दीपक जलाने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं

मान्यता है कि इस दिन सुबह शरीर पर तिल का तेल लगाकर स्नान कर नरक से मुक्ति मिलती है। नरक चतुर्दशी के दिन ही हनुमान का जन्म अंजना देवी के उदर से हुआ था। हर तरह के सुख, आनंद और शांति की प्राप्ति के लिए हनुमान जी की उपासना करें। हनुमान की प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाएं। इसके अलावा यम की पूजा कर यमराज के निमित्त एक दीया दक्षिण दिशा की ओर मुख कर जलाएं। इस दिन अकाल मृत्यु न हो इसकी कामना की जाती है।

नरक चतुर्दशी के दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। लेकिन हनुमान जी की जन्मतिथि को लेकर कुछ मतभेद हैं। कुछ लोग हनुमान जयंती यानि कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाते हैं, जबकि कुछ का मानना है कि हनुमान जी का जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हुआ था। ग्रन्थों में इन दोनों का ही उल्लेख मिलता है। लेकिन इन दोनों के कारणों में भिन्नता देखने को मिलती है। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को जन्मदिवस के रूप में, जबकि कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। अहम बात ये है कि इन दोनों ही तिथियों पर हनुमान जी की उपासना का विधान है।

नरक चतुर्दशी के दिन करें ये काम:-

1. शास्त्रों के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन घर की साफ-सफाई करनी चाहिए। मान्यता है कि साफ और पवित्र स्थान पर ही मां लक्ष्मी का वास होता है। घर पर टूटे-फूटे सामान को नरक का प्रतीक माना जाता है। इसलिए घर से बेकार के सामान को बाहर कर देना चाहिए।

2. कहा जाता है कि आज के दिन स्नान करने के बाद माथे पर तिलक लगाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए।

3. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन बजरंग बली की पूजा करने से शुभ फलों के प्राप्त होने की मान्यता है।

4. नरक चतु्र्दशी के दिन मृत्यु के देवता यमराज को प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है। इस दिन एक पात्र में तिल वाला जल भरें और दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके यमराज का तर्पण करें।

5. नरक चतुर्दशी के दिन शाम को 14 दीपक जलाने की परंपरा है। सूर्योदय से पूर्व स्नान करने के बाद घर के बाहर नाली के पास तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। शाम के समय दक्षिण दिशा की ओर मुख करके चौमुखा दीपक जलाना चाहिए।

नरक चतुर्दशी के दिन न करें ये काम:-

1. नरक चतुर्दशी के दिन भूलकर भी किसी जीव को न मारें। इस दिन यमराज की पूजा करने के परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज क्रोधित हो जाते हैं।ट

3. नरक चतुर्दशी के दिन तिल के तेल का दान नहीं करना चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।

4. नरक चतुर्दशी के दिन झाड़ू को भूलकर भी पैर नहीं मारना चाहिए और न ही इसे सीधा खड़ा करना चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से मां लक्ष्मी का घर में वास नहीं होता है।

हरिद्वार में आज श्री निरंजनी अखाड़े में मीटिंग के बाद, बलबीर पुरी को प्रयागराज बाघम्बरी मठ का महंत किया घोषित

श्री निरंजनी अखाड़ा में आज सुबह एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें श्री महंत नरेंद्र गिरि जी के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके स्थान पर नए महंत की ताजपोशी को लेकर चर्चा की गई । बैठक की जानकारी देते हुए श्रीमहंत रविन्द्र पूरी ने बताया कि मीटिंग के बाद बिल्केश्वर मंदिर के संचालक बलबीर पुरी को निरंजनी अखाड़े में प्रयागराज बाघम्बरी मठ का महंत घोषित किया। यह घोषणा निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज में अखाड़े में सचिव रविंद्र पुरी तथा अन्य संतों की उपस्थिति में की गई।

उन्होंने कहा नए महंत की नियुक्ति को लेकर एक बोर्ड बनाया जाएगा जिसमें पंच परमेश्वर और और अखाड़े के संत शामिल होंगे। बोर्ड के नियमानुसार ही नया महंत काम करेगा। बैठक हरिद्वार में श्री निरंजनी अखाड़ा परिसर में हुई। महंत श्री रविन्द्र पूरी ने बताया कि बलबीर की महंत ओर ताजपोशी से पहले उनके चरित्र की पूरी जांच की जाएगी। अगर कोई आपराधिक मामला निकलता है तो तुरन्त एक्शन होगा। नियम सब पर लागू होंगे

गुरुवार को निरंजनी अखाड़े की अहम बैठक सुबह 11:30 बजे अखाड़े में हुई। बैठक में भाग लेने के लिए अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी और बिल्केश्वर मंदिर के संयोजक बलवीर गिरी हरिद्वार पहुंचे। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि पहले से हरिद्वार में मौजूद हैं। अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी ने बताया कि बैठक में बलवीर गिरि को प्रयागराज बाघम्बरी मठ का श्रीमहंत बनाने की घोषणा होगी। अखाड़े से जुड़े कई आश्रमों, मठ मंदिर और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े अखाड़ों के संतों के बैठक में शामिल होगी की संभावना है।

चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू होगी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क‍िया ऐलान

देहरादून :- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चारधाम यात्रा को लेकर बड़ा ऐलान क‍िया। सीएम ने बताया क‍ि चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू होगी। इस दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पालन सख्‍ती से क‍िया जाएगा।

उत्तराखंड में व‍िश्‍व प्रस‍िद्ध चारधाम यात्रा एक बार फ‍िर 18 स‍ितंबर से शुरू होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को यात्रा शुरू करने का ऐलान क‍िया। इससे एक द‍िन पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटा दिया था। गुरुवार को हुई सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 भक्त या यात्रियों, बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों को जाने की अनुमति दी है।

चारधाम यात्रा को शुरू करने को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अनुमति दे दी। कोर्ट ने हर भक्त या यात्री को कोविड निगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीन की दो डोज का सर्टिफिकेट साथ ले जाने के बाद ही वहां एंट्री देने का आदेश द‍िया है। चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान जरूरत के मुताबिक पुलिस फोर्स लगाने को भी कहा गया है। कोरोना को देखते हुए भक्तों को किसी भी कुंड में स्नान करने की इजाजत नहीं होगी।

26 जून को हाईकोर्ट ने लगाई थी चार धाम यात्रा पर रोक
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते 26 जून को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने चार धाम की यात्रा की व्यवस्थाओं पर रिपोर्ट तलब करते हुए चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने तर्क दिया था कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी व्यवस्थाएं मुकम्मल नहीं हैं। हाई कोर्ट ने ऐंटी स्पिटिंग और ऐंटी लिटरिंग ऐंक्ट 2016 के अनुसार सभी धामों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के भी आदेश सरकार को दिए थे।

केदारनाथ के लिए हेलीसेवा शुरू होने में समय लग सकता है। नागरिक उड्डयन विभाग को हेली सेवा संचालन के लिए नए सिरे से डीजीसीए से अनुमति लेनी पड़ेगी। इस बार नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (उकाडा) ने मार्च में ही केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा का टेंडर पूरा करते हुए, मई में टिकट की एडवांस बुकिंग भी शुरू कर दी थी।शुरुआती एक सप्ताह में 11 हजार से अधिक लोगों ने धाम के लिए एडवांस में टिकट ले भी लिए थे। लेकिन कोविड के कारण यात्रा प्रारंभ न होने पर उकाडा को रकम वापस लौटानी पड़ी। अब जब कोर्ट ने यात्रा पर से रोक हटा दी है तो उकाडा फिर से हेली सेवा शुरू करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए उकाडा जल्द ही सभी नौ ऑपरेटर की मीटिंग करने जा रहा है। इसके साथ ही डीजीसीए को भी नए सिरे से हेलीपैड का निरीक्षण करने के लिए बुलाया जाएगा।

इसके बाद ही यात्रा प्रारंभ हो सकेगी। उकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलेश मेहता के मुताबिक सामान्य तौर पर बरसात के दौरान हेली सेवा बंद रहती है, मानसून के बाद अक्तूबर में ही हेली सेवा फिर प्रारंभ होती है। इस बार भी अक्तूबर प्रथम सप्ताह तक हेलीसेवा प्रारंभ हो सकती है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, बोले- भारत में रहने वाले हिंदू-मुस्लिम के पूर्वज एक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ) ने पुणे में ग्लोबल स्ट्रेटेजिक पॉलिसी फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि समझदार मुस्लिम नेताओं को कट्टरपंथियों के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा हो जाना चाहिए.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हिंदू और मुसलमान को लेकर बड़ा दिया है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक ही थे और हर भारतीय नागरिक हिंदू हैं. उन्होंने पुणे में ग्लोबल स्ट्रेटेजिक पॉलिसी फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि समझदार मुस्लिम नेताओं को कट्टरपंथियों के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा हो जाना चाहिए.

हिंदू किसी से दुश्मनी नहीं रखते: भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यक समुदाय को किसी चीज से डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हिंदू किसी से दुश्मनी नहीं रखते हैं. उन्होंने कहा, ‘हिंदू शब्द मातृभूमि, पूर्वज और भारतीय संस्कृति के बराबर है. यह अन्य विचारों का असम्मान नहीं है. हमें मुस्लिम वर्चस्व के बारे में नहीं, बल्कि भारतीय वर्चस्व के बारे में सोचना है. भारत के सर्वांगीण विकास के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए.

‘मुस्लिम नेताओं को करना चाहिए अनावश्यक मुद्दों का विरोध’
मोहन भागवत ने कहा, ‘इस्लाम आक्रांताओं के साथ भारत आया. यह इतिहास है और इसे उसी रूप में बताया जाना चाहिए. समझदार मुस्लिम नेताओं को अनावश्यक मुद्दों का विरोध करना चाहिए और कट्टरपंथियों एवं चरमपंथियों के विरुद्ध दृढ़ता से खड़ा रहना चाहिए. जितनी जल्दी हम यह करेंगे, उससे समाज को उतना ही कम नुकसान होगा.’

हमारे लिए हर भारतीय हिंदू है: मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत बतौर महाशक्ति किसी को डराएगा नहीं. उन्होंने राष्ट्र प्रथम एवं राष्ट्र सर्वोच्च विषयक संगोष्ठी में कहा, ‘हिंदू शब्द हमारी मातृभूमि, पूर्वज और संस्कृति की समृद्ध धरोहर का पर्यायवाची है. इस संदर्भ में हमारे लिए हर भारतीय हिंदू है, चाहे उसका धार्मिक, भाषायी और नस्लीय अभिविन्यास कुछ भी हो.’ उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति विविध विचारों को समायोजित करती है और अन्य धर्मों का सम्मान करती है.

गोकशी के आरोपी की जमानत अर्जी खारिज करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा गाय भारतीय संस्कृति का हिस्सा है; उसे मौलिक अधिकार और राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए: इलाहाबाद उच्च न्यायालय

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को एक जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि गोरक्षा को हिंदुओं का मूल अधिकार बनाया जाना चाहिए। जस्टिस शेखर यादव की बेंच ने ये टिप्पणियां गोकशी के एक आरोपी जावेद की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कीं।

एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने कहा कि गाय को मौलिक अधिकार देने और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए सरकार को संसद में एक विधेयक लाना चाहिए और गाय को नुकसान पहुंचाने की बात करने वालों को दंडित करने के लिए सख्त कानून बनाना चाहिए।

कोर्ट ने कहा, “गोरक्षा का कार्य केवल एक धार्मिक संप्रदाय का नहीं है, बल्कि गाय भारत की संस्कृति है और संस्कृति को बचाने का कार्य देश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक का है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो।”

न्यायाधीश ने कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें और गाय को नुकसान पहुंचाने की बात करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाएं।